desiaks
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- Aug 28, 2015
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बसन्ती काफी गरम हो गई थी वो अपने हाथो से मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुह को अपने चुत पर रगड़ने लगती है.....
ओर निचे बसंती के लंड को छोड़ते ही सोनाली सतीश के दोनों और पेर करके अपने हाथ से उसके लंड को अपनी चुत के छेद पर सेट करती है और धीरे धीरे लंड पर बैठने लगती है थोड़ी देर.मे ही सतीश का पूरा लंड सोनाली की.चुत मे था, अब सोनाली उसके लंड को अपनी चुत मे लेकर अपनी गांड गोल गोल घुमाने लगती है.... सतीश तो एक अलग ही दुनिया मे था ऐसा मजा उसे ज़िन्दगी मे पहली बार आ रहा था...
अब सोनाली अपनी गांड तेजी से सतीश के लंड पर ऊपर निचे करने लगी थि, उसके चूतडो का सतीश की जाँघों से टकराने से थप थप की आवाज हो रही थी.... सतीश भी अब अपनी कमर को ऊपर निचे करके अपनी मोम.की हेल्प करने लगता है.....
सोनाली अब जोश मे आकर उसके लंड के ऊपर अब तेजी से ऊपर निचे कुदने लगी थि, जिससे बीच बीच मे सतीश का लंड उसकी चुत से बाहर आ जाता पर वो तुरंत उसे अपनी चुत पर सेट करके उसे अंदर लेकर उसपर कुदने लगती... और और साथ ही साथ उसके मुह से सिसकारी भी निकल रही थी...
सोनाली- आआआह्ह्ह्हह्ह्..... क्या मस्त लंड है..... एकदम कसा हुआ अंदर जा रहा है... स्स्स्सह्ह्हह्ह कितना चुड़क्कड़ बेटा पैदा किया है मैंने जो आज मेरी ही चुत मार रहा है...
अब बसंती मेरे ऊपर से हट जाती है शायद अब उसे भी अपनी चुत की कुटाई करवानी थी..... में उसके हटते ही माँ को अपनी बाजुओं से पकड़ कर निचे लीटा लेता हूँ और खुद उनके ऊपर आकर ताबाड तोड़ धक्के लगाने लगता हु.... में बसंती को मम्मी के ऊपर आने का इशारा करता हु, बसंती मम्मी के ऊपर अपने दोनों पेर उनकी कमर के दोनों और करके उनके ऊपर झुक जाती है और उनके होंठो को चुसते हुये उनके मम्मो को मसलने लगती है... में उसकी कमर को पकड़ कर थोड़ा पीछे की और खींचता हु जिससे उसक चुत माँ की चुत के थोड़ा ऊपर उभार कर बाहर की तरफ आ जाती है....
अब पोजीशन ये थी की में माँ के पैरों को फैला कर उनके पैरों के बीच उनकी चुत मे अपना लंड डाले बैठा था और बसंती माँ के ऊपर अपने दोनों पेर साइड मे करे हुए लाइटी हुई थी और उसकी चुत माँ की चुत के ऊपर थी...
मैने माँ की चुत से लंड निकल कर बसंती की चुत मे दाल दिया और धक्के लगाने लगा, में उसकी मोटी गांड को मसलते हुए अब अपना लंड उसकी चुत मे अंदर बाहर कर रहा था....
थोड़ि देर तक उसकी चुत चोदने के बाद में अपना लंड उसमे से निकाल कर माँ की चुत मे दाल कर धक्के लगने लगता हु....
ऐसे ही में उन दोनों को १० मिनट तक चोदता हु, कभी माँ की चुत मे लंड दाल कर और कभी बसंती की चुत मे लंड दाल कर.... और ऊपर वो दोनों एक दूसरे को किस करते हुए अपनी छातियाँ एक दूसरे से रगड रही थी....
अब में माँ की चुत मे लंड दाल चोद रहा होता हु की माँ का बाँध टूट जाता है और उनकी चुत अपना रस बहा देती है, माँ झड चुकी थी इस्लिये में अपना लंड बसंती की चुत मे दाल कर उसे पेलने लगता हूँ और ५ मिनट की चुदाई के बाद उसकी चुत भी पानी छोड़ देती है और उसके पानी को अपने लंड पर महसूश करके मेरा लंड भी पानी उगलने को होता है में तुरंत उसकी चुत से अपना लंड निकाल लेता हूँ और उन दोनों के मुह के पास ले जाता हूँ वो दोनों भी तुरंत उठ कर बैठ जाती है में अपने लंड को हिलाते हुए अपन सारा पानी उन दोनों के चेहरे पर दाल देता हु... उनदोनो का चेहरा मेरे सफ़ेद पानी से भिग जाता है और मेरा कुछ पानी उनकी चूचि और पेट् पर भी गिर जाता है....
ओर में वहि बैठ कर अपनी साँसे दुरस्त करने लगता हु, आज की चुदाई से शरीर मे काफी वीकनेस फिल हो रही थी....
मों बसंती का चेहरा पकड़ कर अपनी जीभ निकल कर उसके चेहरे से मेरा सारा पानी चाट लेती है और फिर बसंती भी माँ के चेहरे से सारा पानी चाट कर उसे साफ़ कर देती है.... में तो बस हैरत भरी नजऱों से उन्हें देखता रह जाता हूँ की कैसे वो मेरे पानी को एक दूसरे के चेहरे से साफ़ कर रही है...
उन दोनों के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे, वो दोनों ही काफी खुश नजर आ रही थी.... वो दोनों अपनी चूचि पर पड़े मेरे पानी को अपने हाथो से अपनी चूचियों पर मल लेती है.... और पेट् पर गिरे पानी को अपनी ऊँगली से लेकर, ऊँगली को लेकर अपने मुह मे दाल कर चुस लेती है.... कसम से दोनों पक्की रंडी लग रही थी उस वक़्त.. फिर वो दोनों उठ कर वाशरूम जाकर अपने आप को साफ़ करके बाहर आती है....
दोनो कपडे पहनती है, कपडे पहनने के बाद बसंती किचन मे चलि जाती है और माँ मेरे पास आकर मेरे होंठो पर किस करते हुये....
सोनाली : कपडे पहन लो शिप्रा के आने का टाइम हो रहा है....
मैन-ह्म्मम्... पहनता हु...
ओर निचे बसंती के लंड को छोड़ते ही सोनाली सतीश के दोनों और पेर करके अपने हाथ से उसके लंड को अपनी चुत के छेद पर सेट करती है और धीरे धीरे लंड पर बैठने लगती है थोड़ी देर.मे ही सतीश का पूरा लंड सोनाली की.चुत मे था, अब सोनाली उसके लंड को अपनी चुत मे लेकर अपनी गांड गोल गोल घुमाने लगती है.... सतीश तो एक अलग ही दुनिया मे था ऐसा मजा उसे ज़िन्दगी मे पहली बार आ रहा था...
अब सोनाली अपनी गांड तेजी से सतीश के लंड पर ऊपर निचे करने लगी थि, उसके चूतडो का सतीश की जाँघों से टकराने से थप थप की आवाज हो रही थी.... सतीश भी अब अपनी कमर को ऊपर निचे करके अपनी मोम.की हेल्प करने लगता है.....
सोनाली अब जोश मे आकर उसके लंड के ऊपर अब तेजी से ऊपर निचे कुदने लगी थि, जिससे बीच बीच मे सतीश का लंड उसकी चुत से बाहर आ जाता पर वो तुरंत उसे अपनी चुत पर सेट करके उसे अंदर लेकर उसपर कुदने लगती... और और साथ ही साथ उसके मुह से सिसकारी भी निकल रही थी...
सोनाली- आआआह्ह्ह्हह्ह्..... क्या मस्त लंड है..... एकदम कसा हुआ अंदर जा रहा है... स्स्स्सह्ह्हह्ह कितना चुड़क्कड़ बेटा पैदा किया है मैंने जो आज मेरी ही चुत मार रहा है...
अब बसंती मेरे ऊपर से हट जाती है शायद अब उसे भी अपनी चुत की कुटाई करवानी थी..... में उसके हटते ही माँ को अपनी बाजुओं से पकड़ कर निचे लीटा लेता हूँ और खुद उनके ऊपर आकर ताबाड तोड़ धक्के लगाने लगता हु.... में बसंती को मम्मी के ऊपर आने का इशारा करता हु, बसंती मम्मी के ऊपर अपने दोनों पेर उनकी कमर के दोनों और करके उनके ऊपर झुक जाती है और उनके होंठो को चुसते हुये उनके मम्मो को मसलने लगती है... में उसकी कमर को पकड़ कर थोड़ा पीछे की और खींचता हु जिससे उसक चुत माँ की चुत के थोड़ा ऊपर उभार कर बाहर की तरफ आ जाती है....
अब पोजीशन ये थी की में माँ के पैरों को फैला कर उनके पैरों के बीच उनकी चुत मे अपना लंड डाले बैठा था और बसंती माँ के ऊपर अपने दोनों पेर साइड मे करे हुए लाइटी हुई थी और उसकी चुत माँ की चुत के ऊपर थी...
मैने माँ की चुत से लंड निकल कर बसंती की चुत मे दाल दिया और धक्के लगाने लगा, में उसकी मोटी गांड को मसलते हुए अब अपना लंड उसकी चुत मे अंदर बाहर कर रहा था....
थोड़ि देर तक उसकी चुत चोदने के बाद में अपना लंड उसमे से निकाल कर माँ की चुत मे दाल कर धक्के लगने लगता हु....
ऐसे ही में उन दोनों को १० मिनट तक चोदता हु, कभी माँ की चुत मे लंड दाल कर और कभी बसंती की चुत मे लंड दाल कर.... और ऊपर वो दोनों एक दूसरे को किस करते हुए अपनी छातियाँ एक दूसरे से रगड रही थी....
अब में माँ की चुत मे लंड दाल चोद रहा होता हु की माँ का बाँध टूट जाता है और उनकी चुत अपना रस बहा देती है, माँ झड चुकी थी इस्लिये में अपना लंड बसंती की चुत मे दाल कर उसे पेलने लगता हूँ और ५ मिनट की चुदाई के बाद उसकी चुत भी पानी छोड़ देती है और उसके पानी को अपने लंड पर महसूश करके मेरा लंड भी पानी उगलने को होता है में तुरंत उसकी चुत से अपना लंड निकाल लेता हूँ और उन दोनों के मुह के पास ले जाता हूँ वो दोनों भी तुरंत उठ कर बैठ जाती है में अपने लंड को हिलाते हुए अपन सारा पानी उन दोनों के चेहरे पर दाल देता हु... उनदोनो का चेहरा मेरे सफ़ेद पानी से भिग जाता है और मेरा कुछ पानी उनकी चूचि और पेट् पर भी गिर जाता है....
ओर में वहि बैठ कर अपनी साँसे दुरस्त करने लगता हु, आज की चुदाई से शरीर मे काफी वीकनेस फिल हो रही थी....
मों बसंती का चेहरा पकड़ कर अपनी जीभ निकल कर उसके चेहरे से मेरा सारा पानी चाट लेती है और फिर बसंती भी माँ के चेहरे से सारा पानी चाट कर उसे साफ़ कर देती है.... में तो बस हैरत भरी नजऱों से उन्हें देखता रह जाता हूँ की कैसे वो मेरे पानी को एक दूसरे के चेहरे से साफ़ कर रही है...
उन दोनों के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे, वो दोनों ही काफी खुश नजर आ रही थी.... वो दोनों अपनी चूचि पर पड़े मेरे पानी को अपने हाथो से अपनी चूचियों पर मल लेती है.... और पेट् पर गिरे पानी को अपनी ऊँगली से लेकर, ऊँगली को लेकर अपने मुह मे दाल कर चुस लेती है.... कसम से दोनों पक्की रंडी लग रही थी उस वक़्त.. फिर वो दोनों उठ कर वाशरूम जाकर अपने आप को साफ़ करके बाहर आती है....
दोनो कपडे पहनती है, कपडे पहनने के बाद बसंती किचन मे चलि जाती है और माँ मेरे पास आकर मेरे होंठो पर किस करते हुये....
सोनाली : कपडे पहन लो शिप्रा के आने का टाइम हो रहा है....
मैन-ह्म्मम्... पहनता हु...