desiaks
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सतीश एक सुकून की सांस लेता है क्युकी शिप्रा उससे गुस्सा होकर नहीं गई थी....
सतीश अपने खड़े लंड को मसलने लगता है,
सतीश- “चिड़िया ने दाना चुग लिया है, बेटा बस थोड़ा नखरा कर रही है, पर अब जल्द ही तू उसकी चुत की सैर करेगा...
जबकि दूसरी तरफ शिप्रा अपने रूम मे आकर गेट लॉक करके एक एक करके अपने सारे कपडे अपने शरीर से अलग करके नंगी हो जाती है....
उसका संगेमरमर सा बदन अब रोशनी मे चमकने लगा था, उसका खूबसूरत चेहरा उसके निचे सुराहि दार गर्दन और उसकी सुडौल चूचियां जिन पर पिंक निप्पल्स थे जोकि पुरे तने हुये थे और निचे चिकना सपाट पेट, गहरी नाभि, पतली सी कमर और फिर निचे उसका मेन पार्ट यानी की उसकी चुत एकदम क्लीन और चिकनी उसकी गुलाबी चुत की फांके आपस मे चिपटी हुई थी जोकि चीख चीख कर इस बात का क़बूल कर रही थी की वो अभी तक अनचुदी है....
ओर निचे उसकी चिकनी मांसल जाँघे और उसकी भारी मख़मली चिकनी गांड... कुल मिला कर वो एकदम पटाखा थी.... एक सेक्सी माल जिसे पाने का सपना हर जवान लड़का और हर उम्र का आदमी देखता है....
अब शिप्रा नंगी होकर बेड पर लेट जाती है, वो अपने ख्यालो मे सतीश और उसकी हरक़तों के बारे मे ही सोच रही थी....
शिप्रा अपने एक हाथ से अपना दूध पकड़ लेती है और दूसरा हाथ निचे अपनी चुत पर ले जाकर उसे मसलने लगती है.....
“आह, भाईया कितने अच्छे हो तुम्.... आअह्ह्ह्ह और जोर से मसलो भेया..... आआअह्ह्ह्हह……
अब शिप्रा अपनी एक ऊँगली चुत मे करके उसे अंदर बाहर करने लगती है.... शिप्रा ऊँगली की जगह सतीश के लंड को इमेजिन कर रही थी....
“आह.... भाईया ये कैसी आग लगा दी है, तुमणे, आअह्ह्ह्ह मेरा तो पुर शरीर जल रहा है.... हा दाल दो अपना और बुजा दो मेरी आगग्ग्ग्ग.... आआअह्ह्ह्ह मे गयी....
ओर इसी के साथ शिप्रा की चुत अपना सारा रस बहा देती है.....
ओर उसके चेहरे पर सैटिस्फैक्शन के भाव नजर आ रहे थे.....
शिप्रा अपनी चुत से रस निकाल कर काफी हल्का फील कर रही थि, और आज उसकी ख़ुशी डबल थी क्युकी आज उसके भाई ने उसके साथ वो सब किया जो वो न जाने कब से उसके साथ करना चाहती थि, शिप्रा मन ही मन सतीश को बहोत चाहती थी और चाहे भी क्यों न वो था ही इतना केयरिंग एंड फन लविंग पर्सन की कोई भी जवान लड़की उसे अपना दिल देदे. और शिप्रा की बहोत सी फ्रेंड तो सतीश पर जान छिडकती थी. और शिप्रा से भी काफी कहती थी की वो अपने भाई से उनकी सेटिंग करा दे.... और फिर शिप्रा तो उसके साथ ही रहती थी हर समय, दोनों मे जितना लड़ाई झगड़ा होता था, उतने ही दोनों एक दूसरे को चाहते भी थे. पर कब शिप्रा की चाहत मोहब्बत मे बदल गई ये उसे भी पता न चला....
ओर ये सब हुआ तब से जब से उसे अपनी सहेलियों से राज शर्मा सेक्स स्टोरीज का पता चला, फिर वो अक्सर अपने कंप्यूटर पर राज शर्मा सेक्स स्टोरीज पड़ने लगी और अपनी चुत को ठण्डा करने लगी और फिर एक दिन उसे भाई बहन के ऊपर सेक्स स्टोरी मिलि, उसे बहोत अजीब लगा की लोग ऐसी स्टोरीज भी लिखते है, भला ये भी कही पॉसिबल हो सकता है...
ओर अगले दिन ही उसने अपनी सहेलियों से ये डिस्कस किया और जो उसे पता चला उसे सुन कर तो वो शॉकड ही रह गयी....
उसकी सहेलियों ने उसे बताया की आज कल ये सब होता है और नेट पर बहोत सी कहानी तो सच्ची भी होती है...
आज कल बहोत से लोग बाहर मुह मारने से अच्छा अपने घर और रिलेशनशिप मे ही सेक्स कर लेते है... आज कल भाई- बहन, माँ- बेटा और बाप-बेटी आपस मे ही सेक्स कर लेते है....
ओर इससे लड़कियों को ही फायदा होता है क्युकी अगर वो किसी गैर मर्द के साथ सेक्स करती है, तो वो उसे ब्लैकमेल भी कर सकता है, और आज कल तो ज्यदातर बॉय फ्रेंड अपनी गर्ल फ्रेंड की सेक्स करते टाइम की वीडियो बना लेते हैं, और फिर उन्हें ब्लैकमेल करते है.... तो इससे अच्छा है की घर मे ही सेक्स कर लिया जाये जिससे घर की इज्जत घर मे ही रह जायेगी..
उस दिन शिप्रा को बहोत अजीब लगा ये जानकार की भला कैसे कोई भाई अपनी ही बहन के साथ कोई बेटा अपनी माँ के साथ और कोई बाप अपनी ही बेटी के साथ ये सब कर सकता है...?
पर तुरंत ही उसका दूसरा दिमाग उसका विरोध करता है, की कही बाहर जाकर घर की इज्जत उछालने से अच्छा है की घर मे ही अपनी आग बुजाने का इन्तजाम करलो, जिससे घर की इज्जत घर मे ही रह जायेगी...
ओर फिर उस दिन से शिप्रा ने भाई बहन की सेक्स स्टोरीज पढना सुरु कर दीया, और अब वो सतीश को भाई की तरह नहीं बल्कि एक मर्द की तरह देखने लगी थि, अब जब उसकी फ्रेंड्स उसके भाई के बारे मे नॉटी टॉक करती तो उसे बहोत गुस्सा आता, अब उसने अपना ड्रेसिंग स्टाइल भी चेंज कर दिया था और अब वो सतीश के सामने ज्यादा खुले और ज्यादा टाइट कपड़ो मे आती और अपने जिस्म की नुमाईश करती पर कभी भी सतीश ने उस पर ध्यान ही नहीं दिया...
ओर धीरे धीरे शिप्रा के मन मे सतीश के लिए लगाव और भी बढ़ गया और अब वो केवल सेक्स के लिए उसका लगाव नहीं था, बल्कि अब वो मन ही मन उसे चाहने भी लगी थी.. पर उसकी कभी हिम्मत नहीं हुई की वो उसके सामने कभी अपने जज्बात भी बयां कर सके...
पर आज तो जैसे उसे उसकी मन मांगी मुराद उसे मिल गई थी... आज उसके भाई ने उसको अपनी बाँहों मे लेकर उसके चूतडो को सहलाया और उसे किस भी किया, आज वो बहोत खुश थी और अपने आने वाले दिनों के बारे मे सोच कर वो गहरी नींद के आग़ोश मे चलि जाती है...
जबकि सतीश शिप्रा के जाते ही अपना खड़ा लंड लिये अपनी माँ के पास चल देता है....
सतीश अपने खड़े लंड को मसलने लगता है,
सतीश- “चिड़िया ने दाना चुग लिया है, बेटा बस थोड़ा नखरा कर रही है, पर अब जल्द ही तू उसकी चुत की सैर करेगा...
जबकि दूसरी तरफ शिप्रा अपने रूम मे आकर गेट लॉक करके एक एक करके अपने सारे कपडे अपने शरीर से अलग करके नंगी हो जाती है....
उसका संगेमरमर सा बदन अब रोशनी मे चमकने लगा था, उसका खूबसूरत चेहरा उसके निचे सुराहि दार गर्दन और उसकी सुडौल चूचियां जिन पर पिंक निप्पल्स थे जोकि पुरे तने हुये थे और निचे चिकना सपाट पेट, गहरी नाभि, पतली सी कमर और फिर निचे उसका मेन पार्ट यानी की उसकी चुत एकदम क्लीन और चिकनी उसकी गुलाबी चुत की फांके आपस मे चिपटी हुई थी जोकि चीख चीख कर इस बात का क़बूल कर रही थी की वो अभी तक अनचुदी है....
ओर निचे उसकी चिकनी मांसल जाँघे और उसकी भारी मख़मली चिकनी गांड... कुल मिला कर वो एकदम पटाखा थी.... एक सेक्सी माल जिसे पाने का सपना हर जवान लड़का और हर उम्र का आदमी देखता है....
अब शिप्रा नंगी होकर बेड पर लेट जाती है, वो अपने ख्यालो मे सतीश और उसकी हरक़तों के बारे मे ही सोच रही थी....
शिप्रा अपने एक हाथ से अपना दूध पकड़ लेती है और दूसरा हाथ निचे अपनी चुत पर ले जाकर उसे मसलने लगती है.....
“आह, भाईया कितने अच्छे हो तुम्.... आअह्ह्ह्ह और जोर से मसलो भेया..... आआअह्ह्ह्हह……
अब शिप्रा अपनी एक ऊँगली चुत मे करके उसे अंदर बाहर करने लगती है.... शिप्रा ऊँगली की जगह सतीश के लंड को इमेजिन कर रही थी....
“आह.... भाईया ये कैसी आग लगा दी है, तुमणे, आअह्ह्ह्ह मेरा तो पुर शरीर जल रहा है.... हा दाल दो अपना और बुजा दो मेरी आगग्ग्ग्ग.... आआअह्ह्ह्ह मे गयी....
ओर इसी के साथ शिप्रा की चुत अपना सारा रस बहा देती है.....
ओर उसके चेहरे पर सैटिस्फैक्शन के भाव नजर आ रहे थे.....
शिप्रा अपनी चुत से रस निकाल कर काफी हल्का फील कर रही थि, और आज उसकी ख़ुशी डबल थी क्युकी आज उसके भाई ने उसके साथ वो सब किया जो वो न जाने कब से उसके साथ करना चाहती थि, शिप्रा मन ही मन सतीश को बहोत चाहती थी और चाहे भी क्यों न वो था ही इतना केयरिंग एंड फन लविंग पर्सन की कोई भी जवान लड़की उसे अपना दिल देदे. और शिप्रा की बहोत सी फ्रेंड तो सतीश पर जान छिडकती थी. और शिप्रा से भी काफी कहती थी की वो अपने भाई से उनकी सेटिंग करा दे.... और फिर शिप्रा तो उसके साथ ही रहती थी हर समय, दोनों मे जितना लड़ाई झगड़ा होता था, उतने ही दोनों एक दूसरे को चाहते भी थे. पर कब शिप्रा की चाहत मोहब्बत मे बदल गई ये उसे भी पता न चला....
ओर ये सब हुआ तब से जब से उसे अपनी सहेलियों से राज शर्मा सेक्स स्टोरीज का पता चला, फिर वो अक्सर अपने कंप्यूटर पर राज शर्मा सेक्स स्टोरीज पड़ने लगी और अपनी चुत को ठण्डा करने लगी और फिर एक दिन उसे भाई बहन के ऊपर सेक्स स्टोरी मिलि, उसे बहोत अजीब लगा की लोग ऐसी स्टोरीज भी लिखते है, भला ये भी कही पॉसिबल हो सकता है...
ओर अगले दिन ही उसने अपनी सहेलियों से ये डिस्कस किया और जो उसे पता चला उसे सुन कर तो वो शॉकड ही रह गयी....
उसकी सहेलियों ने उसे बताया की आज कल ये सब होता है और नेट पर बहोत सी कहानी तो सच्ची भी होती है...
आज कल बहोत से लोग बाहर मुह मारने से अच्छा अपने घर और रिलेशनशिप मे ही सेक्स कर लेते है... आज कल भाई- बहन, माँ- बेटा और बाप-बेटी आपस मे ही सेक्स कर लेते है....
ओर इससे लड़कियों को ही फायदा होता है क्युकी अगर वो किसी गैर मर्द के साथ सेक्स करती है, तो वो उसे ब्लैकमेल भी कर सकता है, और आज कल तो ज्यदातर बॉय फ्रेंड अपनी गर्ल फ्रेंड की सेक्स करते टाइम की वीडियो बना लेते हैं, और फिर उन्हें ब्लैकमेल करते है.... तो इससे अच्छा है की घर मे ही सेक्स कर लिया जाये जिससे घर की इज्जत घर मे ही रह जायेगी..
उस दिन शिप्रा को बहोत अजीब लगा ये जानकार की भला कैसे कोई भाई अपनी ही बहन के साथ कोई बेटा अपनी माँ के साथ और कोई बाप अपनी ही बेटी के साथ ये सब कर सकता है...?
पर तुरंत ही उसका दूसरा दिमाग उसका विरोध करता है, की कही बाहर जाकर घर की इज्जत उछालने से अच्छा है की घर मे ही अपनी आग बुजाने का इन्तजाम करलो, जिससे घर की इज्जत घर मे ही रह जायेगी...
ओर फिर उस दिन से शिप्रा ने भाई बहन की सेक्स स्टोरीज पढना सुरु कर दीया, और अब वो सतीश को भाई की तरह नहीं बल्कि एक मर्द की तरह देखने लगी थि, अब जब उसकी फ्रेंड्स उसके भाई के बारे मे नॉटी टॉक करती तो उसे बहोत गुस्सा आता, अब उसने अपना ड्रेसिंग स्टाइल भी चेंज कर दिया था और अब वो सतीश के सामने ज्यादा खुले और ज्यादा टाइट कपड़ो मे आती और अपने जिस्म की नुमाईश करती पर कभी भी सतीश ने उस पर ध्यान ही नहीं दिया...
ओर धीरे धीरे शिप्रा के मन मे सतीश के लिए लगाव और भी बढ़ गया और अब वो केवल सेक्स के लिए उसका लगाव नहीं था, बल्कि अब वो मन ही मन उसे चाहने भी लगी थी.. पर उसकी कभी हिम्मत नहीं हुई की वो उसके सामने कभी अपने जज्बात भी बयां कर सके...
पर आज तो जैसे उसे उसकी मन मांगी मुराद उसे मिल गई थी... आज उसके भाई ने उसको अपनी बाँहों मे लेकर उसके चूतडो को सहलाया और उसे किस भी किया, आज वो बहोत खुश थी और अपने आने वाले दिनों के बारे मे सोच कर वो गहरी नींद के आग़ोश मे चलि जाती है...
जबकि सतीश शिप्रा के जाते ही अपना खड़ा लंड लिये अपनी माँ के पास चल देता है....