desiaks
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वो वीडियो चैट पर आई.. तब सतीश न्यूड था और वो भी सिर्फ़ तौलिया लपेटी हुई थी. जैसे ही सतीश ने उसको अपना चेहरा दिखाया..
वो चौंकते हुए बोली- “तुम”?
उसने तत्काल चैट ऑफ कर दी.
अब आगे…….
तो सतीश नंगा ही उठा और उसके कमरे में चला गया और लाइट जला दी.
वो बोली- “तुम जाओ यहाँ से.. ये सब ग़लत है..!
सतीश- “दीदी प्लीज़.. सिर्फ आज.. फिर कभी नहीं..!
श्वेता- “पागल हो गया क्या तू.. हट दूर..!
सतीश- “नहीं दीदी..!
श्वेता- “यह ग़लत है.. और मैं तेरी बहन हूँ”
सतीश- “नहीं.. आज हम दोनों भाई-बहन नहीं.. एक लड़का और लड़की हैं और हम दोनों को अभी एक-दूसरे की ज़रूरत है.. हम दोनों ने एक-दूसरे का सब कुछ देख लिया है और अगर मैं तुम्हारा भाई नहीं होता.. तो क्या तुम वो सब नहीं करतीं”?
यह बोल कर सतीश श्वेता को चूमने लग गया, सतीश उसके मम्मों को दबाने लग गया.
अब श्वेता का विरोध कम हो गया.
सतीश ने अपनी एक उंगली उसकी चूत पर लगाई.. श्वेता ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली.
श्वेता- “नहीं.. मुझ को अजीब लग रहा है”
सतीश समझ गया था कि दीदी वर्जिन है और अपनी ही सग़ी बहन की सील तोड़ने में बहोत मज़ा आएगा.
श्वेता अब गरम हो चुकी थी.. सतीश का लंड भी अब चूत को सलाम कर रहा था.. लेकिन फिर श्वेता ने उसे अलग कर दिया.
सतीश ने उसे समझाया और कहा- “प्लीज़ दीदी मान जाओ.. हम दोनों को सेक्स की जरूरत है..!
जब सतीश समझा रहा था.. तो वो उसके लंड को ही देख रही थी और तभी सतीश ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और अपनी तरफ खींचा और उसने गाल पर किस किया.
वो बोली- “यह पाप है.. हम दोनों भाई-बहन हैं और किसी को पता चल गया तो बदनामी हो जाएगी”
सतीश- “किसी को पता नहीं चलेगा.. ये बात हम दोनों के बीच ही रहेगी”.
अब सतीश ने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया, वो छूटने की कोशिश करने लगी, सतीश ने ढील नहीं छोड़ी.. कुछ देर में वो भी गरम होने लगी और उसने छूटने की जद्दोजहद भी खत्म कर दी.
तभी सतीश ने उसके स्तनों पर अपना हाथ रखा और उसे सहलाना चालू कर दिया. करीब 15 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा.. फिर वो भी साथ देने लगी.
अब वो भी मान गई थी और गले लग गई.. तो सतीश उसके सिर पर हाथ फेरने लगा और उसके कंधे पर किस करने लगा.
उसको भी अच्छा लग रहा था.. अब लंड उसकी चूत के पास स्पर्श हो रहा था. ऐसा लग रहा था कि जैसे सतीश का लंड उसके कपड़े को फाड़ कर चूत में चला जाएगा.
फिर सतीश ने हाथ नीचे ले जाकर उसकी गांड़ को दबाने लगा और स्तनों के ऊपर किस करने लगा.
सतीश ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके स्तनों को दबाने लगा.
वो सिसकरियाँ लेने लगी ‘आआअह.. अहहह..’
सतीश ने मौके का फायदा उठाते हुए उसके तौलिया को हटा दिया.. वो अब उसके सामने ब्रा-पैंटी में थी.
“आह.. , क्या माल लग रही थी.. बता नहीं सकता..!
उसके गोरे बदन पर काली ब्रा और पैन्टी.. आह्ह.. पूछो मत कि क्या दिख रही थी. वो जैसे कोई जन्नत की हूर अप्सरा लग रही थी.
फिर सतीश ने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तन दबाने आरम्भ किए.. वो सिसकारियाँ भरने लगी और ‘आआआहह.. आआहह..’ करने लगी.
धीरे-धीरे सतीश ने उसके पेट पर हाथ फिराते हुए उसकी जाँघों पर हाथों को ले गया और सहलाने लगा.
उसने सतीश का हाथ अपनी जाँघों में दबा लिया और अकड़ गई.
अब सतीश अपने हाथ को पीठ पर ले जाकर सहलाने लगा और गर्दन और स्तनों के ऊपरी भाग पर किस कर रहा था. सतीश ने हाथ को पीछे ब्रा के हुक में फंसा दिया और उसको खोल दिया.
अब ब्रा सिर्फ़ उसके स्तनों पर टिकी हुई थी.. तो सतीश ने अपने मुँह से ही ब्रा को हटा दिया.
जैसे ही सतीश ने ब्रा हटाई.. उसकी दोनों स्तन उसके सामने आ गये.. जिसको देख कर उसके मुँह में पानी आने लगा.
अब तक दीदी को कपड़े के अन्दर या नंगा देखा था.. तो बस लैपटॉप पर ही देखा था.. आज वह सच में उसके सामने थीं.. वो भी पूरी नंगी.
सतीश तो कुछ देर देखता ही रह गया.. नज़दीक से तो वह और भी सेक्सी लग रही थी और उसके गुलाबी निप्पल तो और कयामत ढा रहे थे.. जैसे दो मलाई के ढेर हों.. और उनके ऊपर एक-एक छोटी चेरी रखी हुयी हो.
सतीश ने देर ना करते हुए नंगे स्तनों पर झपट्टा मारा और पूरे स्तन को एक बार में ही अपने मुँह में लेना चाहा.
लेकिन उसके स्तन बड़े थे.. सो नहीं जा पाए.. लेकिन जितना भी गए.. उतने को ही पीने लगा और एक हाथ से दूसरे स्तन के निप्पल को दबाने लगा.. वो तड़प उठी और बोली- “भाई रहने दो ना प्लीज़.. अब और नहीं मैं मर जाऊँगी..”