desiaks
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अब्बू से जाकर बाइक ले आया और अम्मी को डाक्टर के पास ले गया। रास्ते में अम्मी मुझसे जकड़कर बैठी थी। उनका गरम जिश्म मुझे अपनी पीठ पे महसूस हो रहा था। अम्मी के नरम मम्मे जब पीठ पे लगे तो लण्ड खड़ा होने लगा। मम्मों का नरम-नरम एहसास मुझे हो रहा था। दिल कर रहा था की अम्मी के मम्मे पकड़कर हाथों से उनकी नर्मी महसूस करूं।
चेक हुआ तो अम्मी को बुखार काफी तेज था। डाक्टर ने पानी की पटियां करने को कहा। जब घर वापस आए तो अम्मी दुबारा लेट गई। मैं पानी और एक कपड़ा ले आया।
अम्मी ने कहा "बेटा तुम रहने दो अपनी खाला को बुला लाओ..."
मजे कहा- "नहीं, आज में ही आपकी खिदमत करूँगा।
अम्मी सीधा लेटी हुई थी चारपाई पे। दुपट्टा उतारा हुवा था और मम्मे आसमान की तरफ बुलंद हुये दिख रहे थे। मैं इस तरह बैठा की मेरे पैर और टांगें अम्मी के पेंट और जांघ की बगल से छू गयें। पानी की पट्टी माथे पर रखते हमें मुझे आगे को झुकना पड़ता था। जिससे अम्मी के मम्मे मुझे और क्लियर नजर आते। अम्मी आँखें बंद किए लेटी हुई थी। इसलिए मैं बेफिकी से उनको देख रहा था।
चेक हुआ तो अम्मी को बुखार काफी तेज था। डाक्टर ने पानी की पटियां करने को कहा। जब घर वापस आए तो अम्मी दुबारा लेट गई। मैं पानी और एक कपड़ा ले आया।
अम्मी ने कहा "बेटा तुम रहने दो अपनी खाला को बुला लाओ..."
मजे कहा- "नहीं, आज में ही आपकी खिदमत करूँगा।
अम्मी सीधा लेटी हुई थी चारपाई पे। दुपट्टा उतारा हुवा था और मम्मे आसमान की तरफ बुलंद हुये दिख रहे थे। मैं इस तरह बैठा की मेरे पैर और टांगें अम्मी के पेंट और जांघ की बगल से छू गयें। पानी की पट्टी माथे पर रखते हमें मुझे आगे को झुकना पड़ता था। जिससे अम्मी के मम्मे मुझे और क्लियर नजर आते। अम्मी आँखें बंद किए लेटी हुई थी। इसलिए मैं बेफिकी से उनको देख रहा था।