Nangi Sex Kahani अमेरिका रिटर्न बंदा - Page 2 - SexBaba
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Nangi Sex Kahani अमेरिका रिटर्न बंदा

चिक्कू ही तुम्हारे कप'ड़े उतारे गा और फिर तुम मेरे और चिक्कू के कप'ड़े उतारो गी. चिक्कू यह सुन'ते ही लाल हो गया पर डर'ने की आक्टिंग कर'ते हुवे चारू को देखा तो चारू बोली,

मेरे भाई जान है तो जहाँ है. जो यह कह रहा है वह करो वेर्ना यह तुम को मार देगा. चिक्कू आगे बढ़ा और चारू की पोशाक उतारने लगा. चारू ने एक नाइट सूट पह'ना हुवा था. चिक्कू ने चारू की पोशाक उतारी तो अब साम'ने चारू के गोरे चिट 36 के सुडोल मम्मे ब्रा मे क़ैद से बाहर निकल्ने को बैक़रार लग रहे थे.

अब चिक्कू ने चारू के पाजामे का नाडा खोला तो रेशमी पाजामा कमर से स्लिप हो कर चुत्तऱ से अटकता हुआ पैरों मे आ गया तो चारू ने खुद ही पाँव से पाजामा निकाल दिया. चारू अब ब्लॅक ब्रा और पैंटी मे 36-24-36 के फिगर के साथ साम'ने खड़ी थी. अपनी दीदी का खूबसूरत बदन देख कर चिक्कू का लंड उस की पॅंट मे खड़ा सॉफ नज़र आ रहा था. अब चिक्कू चारू की ब्रा का हुक खोलने के लिए उस के पीछे गया तो हुक खोलते हुवे चिक्कू का लंड चारू की गांद से टकराया तो चारू ने उसे घूर कर देखा तो चिक्कू शर्मिंदा हो गया और थोड़ा पीछे हट कर ब्रा का हुक खोल दिया.

ब्रा का हुक खुलते ही चारू ने ब्रा उतार फैंकी. अब चारू की 36 की चूचियों पर लाइट ब्राउन कलर के छ्होटे से सर्कल पर पिंक कलर के निपल्स नज़र आ रहे थे जो कि शरम की वजह से अकडे हुए थे. चिक्कू ने अब पैंटी उतारनि शुरू की तो चारू ऐक बार फिर बोली.

प्लीज़ चिक्कू को दूसरे रूम मे भेज दो. पंकज कुच्छ कह'ने ही वाला था कि चिक्कू बोल पड़ा.

दीदी मैं तुम को अक़ेला इस आदमी के साथ छोड़ कर कहीं नहीं जाउन्गा, मालूम नहीं यह तुम्हारे साथ क्या करे, मैं तुम्हारी हिफ़ाज़त के लिए इसी रूम मे रहूं गा. मैरी तर'ह आप सब भी समझ गये होंगे कि चिक्कू चारू की हिफ़ाज़त के लिए रुकना चाह'ता था या अप'नी बहन को नंगा देखने के लिए रुकना चाह'ता था. चिक्कू ने अब चारू की पैंटी थोड़ी नीचे की तो वह टाइट होने की वजह से गान्ड पर फँस रही थी. चिक्कू ने अब चारू के साम'ने खड़े होकेर दोनो हाथ साइड्स से पीछे किए और गान्ड को थोड़ा दबाते हुए पैंटी नीचे कर'ने लगा. इस तर'ह खड़े होने से उस की छाती से चारू की चूचियाँ दब रही थी और नीचे से चिक्कू का लंड चारू की चूत से टकरा रहा था.

चारू लगातार चिक्कू को गुस्से मे घूर रही थी लेकिन चिक्कू अब शर्मिन्दा तो था मगेर वह पीछे नहीं हट रहा था. जब पैंटी घुटनों तक उतर गयी तो चारू की तिकोनी उभरी हुई चूत पर काले घूंघ'राले बाल भर'ती थे. चिक्कू अब नीचे बैठ कर चारू की ऐक टाँग उठा कर उस मे से पैंटी निकालने लगा (चिक्कू का चह'रा चारू की चूत के बुलकुल साम'ने था). चारू ने चिक्कू के कंधे का सहारा लेते हुए ऐक टाँग उठाई तो उस की चूत पहली बार साफ नज़र आई. चूत के अंदर के लिप्स हल'का गुलाबी कलर के थे और लिप्स के सेंटर मे ऐक छोटा सा दाना भी नज़र आ रहा था. चिक्कू पैंटी उतार कर साइड पर खड़ा हो गया और अपनी दीदी के खूबसूरत बदन को लालचाई हुई नज़रों से देखने लगा. अब चरुलाता सिर से पाँव तक नंगी खऱी थी.

चारू अब तुम चिक्कू को नंगा करो. पंकज ने हुकम सुनाया. चारू आगे बढ़ी और अपने भाई की बन्यान उतार दी और फिर पैरों के बल बैठ कर चिक्कू की पॅंट की ज़िप खोलने लगी. चारू के बैठ्ने से उस की गान्ड का दरार थोड़ा खुल गया और उस मे से उस की गान्ड का छोटा सा हल'का गुलाबी छेद नज़र आने लगा. यह सब देख कर पंकज का खुद बुरा हाल था. पंकज का लंड पूरी लंबाई से पॅंट मे खड़ा हुआ था. चारू ने चिक्कू की पॅंट और अंडरवेर खोली तो चिक्कू का करीब 6" इंच लंबा-लंड खड़ा हुआ था. चारू की नज़र भाई के खड़े लंड पर पड़ी तो वह शर्मिंदा हो गयी. तभी पंकज ने कहा,

चारू अब तुम मेरे पास आओ और मेरे कप'ड़े उतारो. चारू उस'के पास आई तो पंकज ने उस का हाथ पकड़ कर पॅंट के ऊपर से ही अपना लंड पक'ड़ा दिया. लंड पर हाथ पड़'ते ही चारू के बदन ने ऐक झुरजुरी ली और पॅंट के ऊपर से ही उस'के लंड को मसल्ने लगी. फिर उस'की पॅंट को जल्दी से उतार कर उस'के नंगे लोडे पर हाथ फैरने लगी. पंकज का 8 इंच लंबा-लंड किंग कोब्रा की तर'ह खड़ा हुआ था. चारू की आँखों मे पंकज का लंड देखते और पकड़ते ही लाल डोरे आ गये थे. पंकज समझ गया कि अब चारू के जज़्बात जाग रहे हैं और वह आहिस्ता आहिस्ता गरम हो रही है.

यह देख पंकज ने चारू को उठ कर बेड पर लिटाया और उस की चूचियों को प्यार कर'ने लगा और दबाने लगा, कभी कभी वह निपल्स को दाँतों मे लैकेर मसलता तो उस की सिसकारी निकल जाती. चारू लगातार पंकज के लंड पर ऊपर नीचे हाथ फेर रही थी. कुच्छ देर बाद पंकज और चारू 69 की स्थिति मे आ गये अब चारू के मूँ'ह मे पंकज का 8 इंच का लंड था जो वह मज़े मे चूस रही थी और अपने हाथ से उस'के बॉल्स से खैल रही थी. दूसरी तरफ पंकज अपनी जीभ से चारू की चूत चाट रहा था और कभी कभी ऐक उंगली उस की चूत के छेद मे अंदर कर देता तो वह मज़े मे अहह, ओईए कर'ने लगती. कुच्छ देर बाद पंकज सीधा लेट गया. पंकज का लंड क़ूताब मीनार की तर'ह सीधा खड़ा हुआ था.

चारू तुम मेरे ऊपर आओ. चारू ऐक टाँग इधर ऐक टाँग उधर कर के उस'के ऊपर आई तो उस की चूत लंड के बुलकुल साम'ने आ गयी. चारू ने लंड को अपनी चूत के क़रीब देखा तो डर कर बोली.

पंकज इतना बड़ा लंड मैरी इतनी छ्होटी सी चूत मे कैसे जाए गा यह तो मैरी चूत ही फाड़ देगा. तब पंकज ने रहम दिखाते हुए कहा,
 
चिक्कू वेसिलिन लाओ और अपनी बहन की चूत पर और मेरे लंड पर अच्छी तर'ह वेसिलिन लगाओ. चिक्कू जो इतनी देर से बेड के पास खड़ा अप'नी बहन और होने वाले जीजा दोनो को देख देख कर अप'नी नज़रों को ठन्डक पहूंचा रहा था, हुकुम मिलते ही वेसिलिन ले आया और उंगलिओ से वेसिलिन लैकेर चूत के लबों को चीर कर अंदर लगाने लगा. चिक्कू बहुत ही कोमल हाथों से बहन की चूत पर वासेलीन मल'ने लगा. चारू सिसकारियाँ लैने लगी.

भाई वेसिलिन ज़्यादा अंदर तक लगाना वेर्ना यह लंबा-लंड मैरी चूत का सत्यानास कर देगा. यह सुनते ही चिक्कू ने वेसिलिन बीच की अंगुल मैं लैकेर अंदर तक घुस्सा दी. अंगुल अंदर जाते ही चारू की सिस'कारियाँ और तेज हो गयीं. फिर लंड पर वेसिलिन लगा कर चिक्कू हट गया.

तब पंकज लंड को चारू की चूत के दाने पर मलने लगा और ऊपर नीचे रगड़ना शुरू किया तो चारू बिल्कुल ही मस्त हो गयी.

पंकज अब जल्दी से अंदर डाल दो अपने डंडे को मैरी चूत मे. आग लगी हुई हे. पंकज ने लोहा गरम देखते ही लंड की टोपी चूत के छेद पर रख कर आहिस्ता से धक्का दिया तो टोपी अंदर चली गयी. चारू के मूँ'ह से अजीब सी आवाज़े निकलने लगी.

म्‍मन्‍ंननणणन् आहह ओह पंकज ने अब की दफ़ा नीचे से ज़रा ज़ोर से झटका मारा तो ..............................

क्रमशः…………………………….
 
अमेरिका रिटर्न बंदा--4

गतान्क से आगे…………………………..

आधा लंड चूत को चीर'ता हुआ अंदर घुस गया. चारू ने ऐक चीख मारी. पंकज ने चीख सुनी अनसुनी केरते हुवे दोनों हाथों से उस की चूचियाँ पकड़ कर ऐक और धक्का मारा तो लंड पूरा का पूरा जड़ तक चूत मे घुस गया. चारू की ऐक और चीख निकली जो पहले से भी ज़्यादा ज़ोरदार थी. चारू का तकलीफ़ से बुरा हाल था और उस की आँखों मे आँसू भी आ गये थे.

पंकज अपना लंड मैरी चूत से बाहर निकालो. मेरी चूत फॅट जाए गी. मैं मर जाउन्गि . प्लीज़ बाहर निकालो. मैरी चूत मैं जलन हो रही है. तुम ने मैरी चूत फाड़ दी जिस को देखने के लिए करोड़ो लोग तरसते हैं. आज तुम ने उस चूत मे अपना लंबा-लंड पूरा घुसा दिया है. ज़ालिम छोड़ दो मुझे.

पंकज थोड़ी देर रुका फिर आहिस्ता आहिस्ता नीचे से धक्के लगाने लगा. लंड थोड़ा बाहर निकालता फिर अंदर डालता और उस की चूचियों को ज़ोर ज़ोर से दबाने और गान्ड पर हाथ फैरने लग'ता. कुच्छ देर बाद चारू फिर मस्ती मे आने लगी और खुद भी ऊपर नीचे अपने चुत्तऱ हिलाने लगी. चिक्कू पास खड़ा अपनी दीदी को पंकज के लंड पर उठ्ते बैठ्ते देख रहा था. उस को चारू के उभरे हुवे चुत्तऱ बहुत अच्छे लग रहे थे. अब चिक्कू से और सबर नहीं हो रहा था तो वह भी बेड पर आ गया और अप'नी आदर्निय दीदी को पंकज की छाती की तरफ झुका दिया. चारू मज़े मे पंकज की छाती से अपनी चूचियाँ मसल्ते हुवे चुत्तऱ हिला हिला कर लंड अंदर बाहर कर रही थी.

अब चिक्कू ने चारू के और ज़्यादा उभर आए गांद के छेद पर और अपने लंड पर खूब सारी वेसिलिन लगाई. चारू पंकज से चुदाने मे इतनी मस्त थी कि उस को खबर ही नहीं थी कि चिक्कू अब क्या कर'ने वाला हे. चिक्कू ने अपने 6 इंच के लंड को बहन की गान्ड के सुराख पर रखा और दबाव डाला तो वेसिलिन की चिकनाहट से लंड की टोपी गांद मे घुस गयी. गांद मे लंड घुस्सते ही चारू को होश आया. पंकज ने चारू का मूँ'ह अप'ने मूँ'ह में ले लिया और नीचे से झटके मारना रोक दिया. मगेर चिक्कू नेऐक ज़ोरदार झटका मारा और 6 इंच का लंड पूरा गान्ड मे एक ही बार में घुसा दिया. तभी चारू पंकज से अप'ना मूँ'ह छुड़ा बिफर पड़ी,

कुत्ते, हरामी तू अपनी दीदी की गान्ड मार रहा है. जा पहले अपनी बड़ी दीदी को चोद, निकाल अपना लंड, मैरी गान्ड से बहन चोद. चारू दर्द से चीखे जा रही थी मगेर आहिस्ता आहिस्ता उस की चीखै हल्की होती जा रही थी. पंकज ने देखा चिक्कू लगातार लंड गान्ड के अंदर बाहर कर रहा है तो उस ने भी नीचे से चूत मारनी शुरू कर दी. चारू को भी कुच्छ देर तो दर्द रहा फिर दोनो तरफ यानी चूत और गान्ड मे लंड अंदर बाहर होने से मज़ा आने लगा और वह खुद भी आगे पीछे हो हो कर चूत और गान्ड मरवाने लगी. चारू मज़े मे खुद अपनी चूचियाँ दबाने लगी और सिस'कारियाँ लैने लगी.

तुम दोनो अपना लंड और अंदर करो और ज़ोर ज़ोर से झटके मारो मैं हवाओं मे उड़ रही हूँ. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. ज़िंदगी मे पहली बार दो लंड एक साथ लिया है. ऐक भाई का और ऐक दीवाने का. कुच्छ देर तो चारू दोनो तरफ से चुद्ती रही फिर पंकज ने चारू को बेड पर सीधा लिटाया और अपना लंड उस की चूत पर रखा और चूत के लिप्स पर ऊपर नीचे रगड़ने लगा. कभी टोपी चूत के अंदर डाल देता, कभी फिर बाहर निकाल कर रगड़ने लगता. इस से चारू बहुत तडप रही थी और आख़िर बोल ही पड़ी.

पंकज प्लीज़ अपना लंड मैरी चूत मे पूरा डाल दो. मुझे और मत तडपाओ ज़ालिम. मुझे चोदो. मैं भी तुम्हारे लंड की दीवानी बन गयी हूँ. अपने लंड से मैरी चूत की प्यास भुजाओ. पंकज ने उस को और तडपाना मुनासिब नहीं समझा और ऐक ही झटके से पूरा लंड चूत मे घुसा दिया और उस की चूचियाँ पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से झटके मार'ने लगा. दूसरी तरफ चिक्कू ने अपना लंड बहन के मूँ'ह मे डाल दिया जिसे चारू मज़े से कुलफी की तर'हा चूसने लगी और उस के टटटे सहलाने लगी. चारू मस्ती मे अजीब अजीब सी आवाज़े निकालने लगी,

आह बहुत मज़ा आ रहा है. अरे चिक्कू तेरा लंड तो रसगुल्ला है. मुझे पह'ले पता नहीं था साले नहीं तो रोज तुझे साथ लेके सोती. चारू क़रीब पड़ी हुई वेसिलिन हाथ मैं लायकेर पंकज की गान्ड पर मलने लगी. फिर अपनी इंडेक्स अंगुल पंकज की गान्ड मैं डाल डी और अंदर बाहर कर'ने लगी. पंकज को उस की टाइट चूत मे फँस फँस कर जाता हुवा लंड बरा मज़ा दाई रहा था. अचानक चिक्कू बोला.

दीदी लंड छोड़ो मेरा कुच्छ निकल्ने वाला है तुम्हारे मुँह मे निकल जाए गा.

जो भी निकल रहा है मुँह मे ही निकाल दे चिक'ने, चाहे तेरा पेशाब ही क्यों ना हो. मैं पी जाऊं गी. चिक्कू ने चारू के मुँह मे वीर्य की पिचकारी मार दी. चारू का मुँह वीर्य से भर गया और वह मज़े से सारा वीर्य पी गयी. पंकज ने अपने धक्के और तेज कर दिए. चारू का जिस्म अकड़ने लगा और उस ने दोनो टाँगों से पंकज की कमर को पकड़ लिया और बोली.

ओह मैरी चूत के रसिए मेरी चूत मे ज़लज़ला आ रहा है. यह क्या चीज़ निकल रही है मैरी चूत से. ओह ओह इतना मज़ा आहह आहह मुझे बहुत मज़ा आ रहा हे. चारू की चूत ने भी रज छोड़ दी. पंकज के झटकों और धक्कों मे खूब तैज़ी आ गयी और उस'के लंड ने भी चारू की पूरी चूत वीर्य से भर दी.

आह आह यह गरम गरम क्या चीज़ मैरी चूत मे भर दी है. मैं फिर छुट रही हूँ. आह पंकज फिर धक्के लगाओ. पंकज ने फिर धक्के लगाए तो फिर चारू ने उस'की केमर अपनी टाँगों से पकड़ ली. उस की चूत से दूसरी दफ़ा भी राज निकल गयी. फिर पंकज चारू के ऊपर से हट कर उस के साथ ही बेड पर लेट गया और चिक्कू उन दोनो के पैरों की तरफ लेट गया. मालूम नहीं कब वे सब सो गये.

फिर सब से पहले पंकज की आँख खुली तो वह दोनो बहन भाई बेख़बर सो रहे थे.

चारू, चारू उठो. तो वह जाग गयी जब उस ने पंकज को और चिक्कू को और अपने आप को नंगा देखा तो रात की तमाम बाते किसी फिल्म की तर'ह उस की नज़रों मे घूम गयी. चारू अब शरम से नजरे झुका कर बैठी थी. उस की यह अदा पंकज को इतनी अच्छी लगी कि उस'ने आगे बढ़ कर उस के माथे पर चूम लिया.

तुम्हारे इसी शर्मीले पन ने ही तो मुझे तुम्हारा दीवाना बनाया था.

पंकज मैरी ज़िंदगी के तुम पहले मर्द हो जिस'से मुझे प्यार हो गया है. मैं तुम को कभी नहीं भूलूंगी.

चारू मैं वही पंकज हूँ जिस'के बारे में शायद तुम्हारी बड़ी दीदी ने तुम्हें बताया होगा. यह सुन'ते ही चरुलाता का मुख खुला का खुला ही रह गया.

पंकज तुम बहुत ज़ालिम हो. पर तुम्हारे इस व्यव'हार से मैं तुम्हारी दीवानी हो गई हूँ. पर एक बात तो बताओ कि वह गन लेकर यहाँ क्यों आए जब'कि तुम्हारे पास तो ऐसी गन है जिस'से कोई भी लड़'की सदा के लिए मर जाय.

अरे वह तो तेरे इस छोटे भैया ने मुझे दी थी. चारू ने चिक्कू को खा जाने वाली नज़र से देखा तो चिक्कू बोला.

यह सब जीजू का प्लान था. चारू बिफर के बोली,

कौन जीजू किसका जीजू. तभी पंकज ने उसे बाँहों में ले लिया और उस'के दहक'ते लबों को अपने होंठों में समेट लिया. पंकज बोला,

भाई यह अमेरिका रिटर्न बंदे की सोच थी. मैं तो तेरे इस मस्त भाई को पहली नज़र में देख'ते ही इस'का यार बन गया और यारों से कुच्छ भी छुपाना मैने सीखा नहीं. चारू मैं तुम्हारी पिच्छ'ली जिंद'गी के बारे में ना तो कुच्छ जान'ना चाह'ता हूँ और ना कभी पुछून्गा. चारू ने पंकज को कस के भींच लिया और दोनों एक लंबे अंत'हीन चुंबन में लीन हो गये.

दो महीनों में ही पंकज और चरुलाता की धूम'धाम से शादी हो गयी. चिक्कू अब भी दोनों के सारे रति क्रम का राज'दार बना रहा. चरुलाता जैसी सेक्स सिंबल आक्ट्रेस भी दो दो लंड पा कर निहाल थी. बड़ा लंड यानी अप'ने सैंया का चूत में पिल'वाती तो छोटा लंड यानी अप'ने भाई का अप'नी गान्ड में. पंकज बहुत खुश था. उसका यह सर्प्राइज़ आगे चल कर बहुत काम आया. अब वह अपनी मस्त बीवी को जम के चोद्ता तो साथ ही मस्त साले की जम के गान्ड भी मार'ता.

===*** समाप्त***=== 
 
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