hotaks444
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चिक्कू ही तुम्हारे कप'ड़े उतारे गा और फिर तुम मेरे और चिक्कू के कप'ड़े उतारो गी. चिक्कू यह सुन'ते ही लाल हो गया पर डर'ने की आक्टिंग कर'ते हुवे चारू को देखा तो चारू बोली,
मेरे भाई जान है तो जहाँ है. जो यह कह रहा है वह करो वेर्ना यह तुम को मार देगा. चिक्कू आगे बढ़ा और चारू की पोशाक उतारने लगा. चारू ने एक नाइट सूट पह'ना हुवा था. चिक्कू ने चारू की पोशाक उतारी तो अब साम'ने चारू के गोरे चिट 36 के सुडोल मम्मे ब्रा मे क़ैद से बाहर निकल्ने को बैक़रार लग रहे थे.
अब चिक्कू ने चारू के पाजामे का नाडा खोला तो रेशमी पाजामा कमर से स्लिप हो कर चुत्तऱ से अटकता हुआ पैरों मे आ गया तो चारू ने खुद ही पाँव से पाजामा निकाल दिया. चारू अब ब्लॅक ब्रा और पैंटी मे 36-24-36 के फिगर के साथ साम'ने खड़ी थी. अपनी दीदी का खूबसूरत बदन देख कर चिक्कू का लंड उस की पॅंट मे खड़ा सॉफ नज़र आ रहा था. अब चिक्कू चारू की ब्रा का हुक खोलने के लिए उस के पीछे गया तो हुक खोलते हुवे चिक्कू का लंड चारू की गांद से टकराया तो चारू ने उसे घूर कर देखा तो चिक्कू शर्मिंदा हो गया और थोड़ा पीछे हट कर ब्रा का हुक खोल दिया.
ब्रा का हुक खुलते ही चारू ने ब्रा उतार फैंकी. अब चारू की 36 की चूचियों पर लाइट ब्राउन कलर के छ्होटे से सर्कल पर पिंक कलर के निपल्स नज़र आ रहे थे जो कि शरम की वजह से अकडे हुए थे. चिक्कू ने अब पैंटी उतारनि शुरू की तो चारू ऐक बार फिर बोली.
प्लीज़ चिक्कू को दूसरे रूम मे भेज दो. पंकज कुच्छ कह'ने ही वाला था कि चिक्कू बोल पड़ा.
दीदी मैं तुम को अक़ेला इस आदमी के साथ छोड़ कर कहीं नहीं जाउन्गा, मालूम नहीं यह तुम्हारे साथ क्या करे, मैं तुम्हारी हिफ़ाज़त के लिए इसी रूम मे रहूं गा. मैरी तर'ह आप सब भी समझ गये होंगे कि चिक्कू चारू की हिफ़ाज़त के लिए रुकना चाह'ता था या अप'नी बहन को नंगा देखने के लिए रुकना चाह'ता था. चिक्कू ने अब चारू की पैंटी थोड़ी नीचे की तो वह टाइट होने की वजह से गान्ड पर फँस रही थी. चिक्कू ने अब चारू के साम'ने खड़े होकेर दोनो हाथ साइड्स से पीछे किए और गान्ड को थोड़ा दबाते हुए पैंटी नीचे कर'ने लगा. इस तर'ह खड़े होने से उस की छाती से चारू की चूचियाँ दब रही थी और नीचे से चिक्कू का लंड चारू की चूत से टकरा रहा था.
चारू लगातार चिक्कू को गुस्से मे घूर रही थी लेकिन चिक्कू अब शर्मिन्दा तो था मगेर वह पीछे नहीं हट रहा था. जब पैंटी घुटनों तक उतर गयी तो चारू की तिकोनी उभरी हुई चूत पर काले घूंघ'राले बाल भर'ती थे. चिक्कू अब नीचे बैठ कर चारू की ऐक टाँग उठा कर उस मे से पैंटी निकालने लगा (चिक्कू का चह'रा चारू की चूत के बुलकुल साम'ने था). चारू ने चिक्कू के कंधे का सहारा लेते हुए ऐक टाँग उठाई तो उस की चूत पहली बार साफ नज़र आई. चूत के अंदर के लिप्स हल'का गुलाबी कलर के थे और लिप्स के सेंटर मे ऐक छोटा सा दाना भी नज़र आ रहा था. चिक्कू पैंटी उतार कर साइड पर खड़ा हो गया और अपनी दीदी के खूबसूरत बदन को लालचाई हुई नज़रों से देखने लगा. अब चरुलाता सिर से पाँव तक नंगी खऱी थी.
चारू अब तुम चिक्कू को नंगा करो. पंकज ने हुकम सुनाया. चारू आगे बढ़ी और अपने भाई की बन्यान उतार दी और फिर पैरों के बल बैठ कर चिक्कू की पॅंट की ज़िप खोलने लगी. चारू के बैठ्ने से उस की गान्ड का दरार थोड़ा खुल गया और उस मे से उस की गान्ड का छोटा सा हल'का गुलाबी छेद नज़र आने लगा. यह सब देख कर पंकज का खुद बुरा हाल था. पंकज का लंड पूरी लंबाई से पॅंट मे खड़ा हुआ था. चारू ने चिक्कू की पॅंट और अंडरवेर खोली तो चिक्कू का करीब 6" इंच लंबा-लंड खड़ा हुआ था. चारू की नज़र भाई के खड़े लंड पर पड़ी तो वह शर्मिंदा हो गयी. तभी पंकज ने कहा,
चारू अब तुम मेरे पास आओ और मेरे कप'ड़े उतारो. चारू उस'के पास आई तो पंकज ने उस का हाथ पकड़ कर पॅंट के ऊपर से ही अपना लंड पक'ड़ा दिया. लंड पर हाथ पड़'ते ही चारू के बदन ने ऐक झुरजुरी ली और पॅंट के ऊपर से ही उस'के लंड को मसल्ने लगी. फिर उस'की पॅंट को जल्दी से उतार कर उस'के नंगे लोडे पर हाथ फैरने लगी. पंकज का 8 इंच लंबा-लंड किंग कोब्रा की तर'ह खड़ा हुआ था. चारू की आँखों मे पंकज का लंड देखते और पकड़ते ही लाल डोरे आ गये थे. पंकज समझ गया कि अब चारू के जज़्बात जाग रहे हैं और वह आहिस्ता आहिस्ता गरम हो रही है.
यह देख पंकज ने चारू को उठ कर बेड पर लिटाया और उस की चूचियों को प्यार कर'ने लगा और दबाने लगा, कभी कभी वह निपल्स को दाँतों मे लैकेर मसलता तो उस की सिसकारी निकल जाती. चारू लगातार पंकज के लंड पर ऊपर नीचे हाथ फेर रही थी. कुच्छ देर बाद पंकज और चारू 69 की स्थिति मे आ गये अब चारू के मूँ'ह मे पंकज का 8 इंच का लंड था जो वह मज़े मे चूस रही थी और अपने हाथ से उस'के बॉल्स से खैल रही थी. दूसरी तरफ पंकज अपनी जीभ से चारू की चूत चाट रहा था और कभी कभी ऐक उंगली उस की चूत के छेद मे अंदर कर देता तो वह मज़े मे अहह, ओईए कर'ने लगती. कुच्छ देर बाद पंकज सीधा लेट गया. पंकज का लंड क़ूताब मीनार की तर'ह सीधा खड़ा हुआ था.
चारू तुम मेरे ऊपर आओ. चारू ऐक टाँग इधर ऐक टाँग उधर कर के उस'के ऊपर आई तो उस की चूत लंड के बुलकुल साम'ने आ गयी. चारू ने लंड को अपनी चूत के क़रीब देखा तो डर कर बोली.
पंकज इतना बड़ा लंड मैरी इतनी छ्होटी सी चूत मे कैसे जाए गा यह तो मैरी चूत ही फाड़ देगा. तब पंकज ने रहम दिखाते हुए कहा,
मेरे भाई जान है तो जहाँ है. जो यह कह रहा है वह करो वेर्ना यह तुम को मार देगा. चिक्कू आगे बढ़ा और चारू की पोशाक उतारने लगा. चारू ने एक नाइट सूट पह'ना हुवा था. चिक्कू ने चारू की पोशाक उतारी तो अब साम'ने चारू के गोरे चिट 36 के सुडोल मम्मे ब्रा मे क़ैद से बाहर निकल्ने को बैक़रार लग रहे थे.
अब चिक्कू ने चारू के पाजामे का नाडा खोला तो रेशमी पाजामा कमर से स्लिप हो कर चुत्तऱ से अटकता हुआ पैरों मे आ गया तो चारू ने खुद ही पाँव से पाजामा निकाल दिया. चारू अब ब्लॅक ब्रा और पैंटी मे 36-24-36 के फिगर के साथ साम'ने खड़ी थी. अपनी दीदी का खूबसूरत बदन देख कर चिक्कू का लंड उस की पॅंट मे खड़ा सॉफ नज़र आ रहा था. अब चिक्कू चारू की ब्रा का हुक खोलने के लिए उस के पीछे गया तो हुक खोलते हुवे चिक्कू का लंड चारू की गांद से टकराया तो चारू ने उसे घूर कर देखा तो चिक्कू शर्मिंदा हो गया और थोड़ा पीछे हट कर ब्रा का हुक खोल दिया.
ब्रा का हुक खुलते ही चारू ने ब्रा उतार फैंकी. अब चारू की 36 की चूचियों पर लाइट ब्राउन कलर के छ्होटे से सर्कल पर पिंक कलर के निपल्स नज़र आ रहे थे जो कि शरम की वजह से अकडे हुए थे. चिक्कू ने अब पैंटी उतारनि शुरू की तो चारू ऐक बार फिर बोली.
प्लीज़ चिक्कू को दूसरे रूम मे भेज दो. पंकज कुच्छ कह'ने ही वाला था कि चिक्कू बोल पड़ा.
दीदी मैं तुम को अक़ेला इस आदमी के साथ छोड़ कर कहीं नहीं जाउन्गा, मालूम नहीं यह तुम्हारे साथ क्या करे, मैं तुम्हारी हिफ़ाज़त के लिए इसी रूम मे रहूं गा. मैरी तर'ह आप सब भी समझ गये होंगे कि चिक्कू चारू की हिफ़ाज़त के लिए रुकना चाह'ता था या अप'नी बहन को नंगा देखने के लिए रुकना चाह'ता था. चिक्कू ने अब चारू की पैंटी थोड़ी नीचे की तो वह टाइट होने की वजह से गान्ड पर फँस रही थी. चिक्कू ने अब चारू के साम'ने खड़े होकेर दोनो हाथ साइड्स से पीछे किए और गान्ड को थोड़ा दबाते हुए पैंटी नीचे कर'ने लगा. इस तर'ह खड़े होने से उस की छाती से चारू की चूचियाँ दब रही थी और नीचे से चिक्कू का लंड चारू की चूत से टकरा रहा था.
चारू लगातार चिक्कू को गुस्से मे घूर रही थी लेकिन चिक्कू अब शर्मिन्दा तो था मगेर वह पीछे नहीं हट रहा था. जब पैंटी घुटनों तक उतर गयी तो चारू की तिकोनी उभरी हुई चूत पर काले घूंघ'राले बाल भर'ती थे. चिक्कू अब नीचे बैठ कर चारू की ऐक टाँग उठा कर उस मे से पैंटी निकालने लगा (चिक्कू का चह'रा चारू की चूत के बुलकुल साम'ने था). चारू ने चिक्कू के कंधे का सहारा लेते हुए ऐक टाँग उठाई तो उस की चूत पहली बार साफ नज़र आई. चूत के अंदर के लिप्स हल'का गुलाबी कलर के थे और लिप्स के सेंटर मे ऐक छोटा सा दाना भी नज़र आ रहा था. चिक्कू पैंटी उतार कर साइड पर खड़ा हो गया और अपनी दीदी के खूबसूरत बदन को लालचाई हुई नज़रों से देखने लगा. अब चरुलाता सिर से पाँव तक नंगी खऱी थी.
चारू अब तुम चिक्कू को नंगा करो. पंकज ने हुकम सुनाया. चारू आगे बढ़ी और अपने भाई की बन्यान उतार दी और फिर पैरों के बल बैठ कर चिक्कू की पॅंट की ज़िप खोलने लगी. चारू के बैठ्ने से उस की गान्ड का दरार थोड़ा खुल गया और उस मे से उस की गान्ड का छोटा सा हल'का गुलाबी छेद नज़र आने लगा. यह सब देख कर पंकज का खुद बुरा हाल था. पंकज का लंड पूरी लंबाई से पॅंट मे खड़ा हुआ था. चारू ने चिक्कू की पॅंट और अंडरवेर खोली तो चिक्कू का करीब 6" इंच लंबा-लंड खड़ा हुआ था. चारू की नज़र भाई के खड़े लंड पर पड़ी तो वह शर्मिंदा हो गयी. तभी पंकज ने कहा,
चारू अब तुम मेरे पास आओ और मेरे कप'ड़े उतारो. चारू उस'के पास आई तो पंकज ने उस का हाथ पकड़ कर पॅंट के ऊपर से ही अपना लंड पक'ड़ा दिया. लंड पर हाथ पड़'ते ही चारू के बदन ने ऐक झुरजुरी ली और पॅंट के ऊपर से ही उस'के लंड को मसल्ने लगी. फिर उस'की पॅंट को जल्दी से उतार कर उस'के नंगे लोडे पर हाथ फैरने लगी. पंकज का 8 इंच लंबा-लंड किंग कोब्रा की तर'ह खड़ा हुआ था. चारू की आँखों मे पंकज का लंड देखते और पकड़ते ही लाल डोरे आ गये थे. पंकज समझ गया कि अब चारू के जज़्बात जाग रहे हैं और वह आहिस्ता आहिस्ता गरम हो रही है.
यह देख पंकज ने चारू को उठ कर बेड पर लिटाया और उस की चूचियों को प्यार कर'ने लगा और दबाने लगा, कभी कभी वह निपल्स को दाँतों मे लैकेर मसलता तो उस की सिसकारी निकल जाती. चारू लगातार पंकज के लंड पर ऊपर नीचे हाथ फेर रही थी. कुच्छ देर बाद पंकज और चारू 69 की स्थिति मे आ गये अब चारू के मूँ'ह मे पंकज का 8 इंच का लंड था जो वह मज़े मे चूस रही थी और अपने हाथ से उस'के बॉल्स से खैल रही थी. दूसरी तरफ पंकज अपनी जीभ से चारू की चूत चाट रहा था और कभी कभी ऐक उंगली उस की चूत के छेद मे अंदर कर देता तो वह मज़े मे अहह, ओईए कर'ने लगती. कुच्छ देर बाद पंकज सीधा लेट गया. पंकज का लंड क़ूताब मीनार की तर'ह सीधा खड़ा हुआ था.
चारू तुम मेरे ऊपर आओ. चारू ऐक टाँग इधर ऐक टाँग उधर कर के उस'के ऊपर आई तो उस की चूत लंड के बुलकुल साम'ने आ गयी. चारू ने लंड को अपनी चूत के क़रीब देखा तो डर कर बोली.
पंकज इतना बड़ा लंड मैरी इतनी छ्होटी सी चूत मे कैसे जाए गा यह तो मैरी चूत ही फाड़ देगा. तब पंकज ने रहम दिखाते हुए कहा,