Nangi Sex Kahani काला साया - Page 2 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Nangi Sex Kahani काला साया

लड़की:-थॅंक्स आज आपने मुझे उन लड़को से बचाया & ये ही मेरा घर है..!

में तो पहले ही शॉक्ड था,फिर भी हिम्मत करके पूछा,क्या तुम्हारा नाम पायल है और तुम कामया जी की बेटी हो..!

लड़की:-जी हाँ मेरा नाम पायल है & मेरी मोम का कामया पर आप हमें कैसे जानते है..!.

में:-यार में तेरा राज हूँ..!
मासी माँ ने बताया कि तू कॉलेज है,और में बाहर घूम रहा था कि तुझे देखा..!

पायल बिना कुछ बोले मेरे गले लग गयी और फूट-2 कर रोने लगी..!

पायल:-किधर चला गया था तू मिलने क्यो नही आता था मुझसे,जानता है में कितनीी अकेली हो गयी थी,फिर अचानक वो मुझे लिप किस करने लगी..!

में तो फिर शॉक हो गया और तुरंत ही उसे खुद से अलग किया फिर घर के अंदर आ गया और सारी बाते मासी माँ को बताई..!

फिर पायल को उसके रूम में रेस्ट करने के लिए छोड़ दिया क्योंकि वो बात करने की हालत में नही थी..!

फिर मेने भाभी को उसके रूम में भेज दिया,पायल के साथ रहने को..!

फिर में मासी माँ के रूम में आया..!

मेने देखा कि वो भी रो रही थी,फिर जैसे-तैसे उन्हे चुप कराया और उनका मूड ठीक करने के लिए उन्हे अपने साथ ज़बरदस्ती घुमाने ले आया..!

मासी माँ अब घर जाने की ज़िद कर रही थी,लेकिन में कहाँ मानने वाला था..!

फिर हम एक माल में आए..!

में:-चलो आपको ड्रेस दिलाता हूँ..!

मासी माँ:-मुझे नही चाहिए..!

में:-प्ल्ज़ मेरे लिए..!

फिर पता नही मुझे क्या हुआ में उनके लिए कुछ वेस्टर्न ड्रेसस सेलेक्ट किए,जो कुछ ज़्यादा ही बोल्ड थी..!

मासी माँ:-में अब ऐसे ड्रेसस नही पहनती और जब पहनती भी थी तो इतने छोटे-2 ड्रेसस नही पहनती थी..!

फिर भी बहुत रिक्वेस्ट के बाद उन्होने एक ड्रेस लिया और उसके बाद उन्हे एक मूवी भी दिखाई.!

जब वो मुझे नॉर्मल लगी तो हम घर आ गये.!

घर आके सब सो गये,पर मुझे नींद नही आई,रात बहुत हुई जा रही थी धीरे-2 सब कुछ बिल्कुल शांत हो गया था..!

में घर से निकल कर बाहर आया और ऐसे ही अंधेरे में चलने लगा..!

मुझे कुछ-2 चीज़े महसूस हो रही थी,ऐसा लग रहा था कि वो वातावरण मुझसे बहुत कुछ कहना चाह रहा है..!..

चलते-2 में एक जगह रुका,ये एक शमशान भूमि थी..!

पता नही क्यो मेरा दिल कर रहा था अंदर जाने को..!

में धीरे-2 आगे बढ़ते हुए शमशान भूमि की बाउंड्री के पास पहुँचा और उसे कूद कर अंदर आ गया..!

तभी मुझे वहाँ कुछ चमकता हुआ दिखा,शायद किसी की आँखें..!

में जैसे ही वहाँ पहुँचा वो चमकती आँखें पीछे जाने लगी..!.

कुछ देर ऐसे ही चलने के बाद वो रुकी,और अचानक से वो आँखें गायब हो गयी..!

एक बहुत ही तेज सफेद रोशनी आई जिसे देख पाना मेरे लिए मुमकिन नही था..!

और अचानक में बेहोश हो गया..!

पता नही में कितनीी देर सोता रहा पर मुझे ऐसा लगा जैसे कोई चीज़ मेरे चारो और घूम रही है..!

__________

फिर मुझे लगा जैसे कोई मेरे उपर पानी डाल रहा है,और फिर मेरी नींद खुली..!

आदमी:-ओये लड़के जल्दी उठ और भाग यहाँ से,तुझे पता नही यहाँ आना माना है..!

फिर उस आदमी ने मुझे घसीटते हुए वहाँ से बाहर कर दिया,फिर जब मेने नज़र सामने डाली तो में शॉक हो गया क्योंकि वो शमशान भूमि थी..!.

पता नही क्यो मुझे याद नही आ रहा था कि में यहाँ कैसे आया,और फिर यही सोचते-2 घर आया..!..

घर पहुँचा तो सब मुझपे बरस पड़े कि कहाँ गये थे,कब गये थे,क्यो गये थे,क्या काम था & और भी बहुत कुछ..!.

फिर सबको सॉरी बोला और फिर रूम में आके फ्रेश हुआ और शवर लिया..!
 
और फिर ड्रेसअप करके बेड पे लेटा ही था कि मुझे नींद आ गयी और में सो गया...!


मेरी नींद किसी के जगाने से खुली,जब आँख खुली तो देखा वो पायल थी..!

फिर क्या था उसे भी अपने पास खींच लिया और अपने पास ही सुला लिया..!

पायल:-राज उठो प्ल्ज़ और मुझे भी जाने दो बहुत काम करने है मुझे..!..

में:-अच्छा जी मेरे सरीर में काँटे लगे है ना जो तुम मेरे साथ नही सो सकती..!(में अंगड़ाई लेते हुए बोला...!)

और फिर में उसके उपर आ गया और अपने होंठ उसके होंठो के करीब ले जाने लगा..!

वो भी अपने होंठ धीरे-2 आगे बढ़ा रही थी और तभी में उसके फोरहेड पे किस करके भाग गया.! 

पायल:-आहह राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज तू रुक अभी,रुक जा वरना बहुत पिटेगा..!

पर में कहाँ रुकने वाला था फिर हॉल में आया और मासी माँ से लंच सर्व करने को बोला..!

और में भाभी के बगल में बैठ गया तभी पायल भी आई..!

पायल:-राज उठो वहाँ से,वाहा में बैठती हूँ..!

में:-हद है यार,अब मेने लंच करना स्टार्ट कर दिया है,तुम मेरे बगल में बैठ जाओ..!

पायल:-नही उठो पहले..!

में:-तो क्या गोद में बैठाऊ तुम्हे..!

अभी में कुछ और बोलता कि वो सच में आके मेरी गोद में बैठ गयी और लंच करने लगी..!

फिर क्या था कभी वो खुद खाती तो कभी मुझे खिलाती..!

तभी मुझे एक मस्ती सूझी और में अपना हाथ उसकी जाँघ पे रखके सहलाने लगा..!

पायल ने अपने आँखे मुझे दिखाई,पर हम तो पैदाइशी कमीने थे..!

फिर ऐसे ही मेरी शरारते चलती रही और हमने लंच कंप्लीट किया..!

लंच फिनिश करने के बाद में रूम में आया तो मेरे पीछे-2 पायल भी चली आई और रूम में एंटर करते ही गेट लॉक करके मुझ पर झपट पड़ी..!

पायल:-बहुत मस्ती सूझती है ना तुम्हे अब बताती हूँ रूको तुम..!

और इतना बोलकर वो मुझ पे झपट पड़ी,में बेड पे लेटा था और वो मेरे उपर आ गयी..!

हम दोनो एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे और हमें पता भी नही चला कि कब हमारे होंठ एक दूसरे से जुड़ गये..!

अभी हमारा किस स्टार्ट ही हुआ था कि मुझे बाहर शोर होने की आवाज़ आई..!

में तुरंत उठा और रूम अनलॉक करके बाहर आ गया,और मेने देखा कि कुछ गुंडे टाइप आदमी घर में घुस कर बहस कर रहे है..!

और जैसे ही उनमे से एक ने मुझे देखा तो उसने अपनी साथियो को मेरी तरफ देखने का इशारा किया..!

मुझे देखते ही सब मेरी तरफ दौड़े,उनमे से एक काला सांड़ मेरी तरफ बढ़ ही रहा थी कि मेने उसके कानो पे एक थप्पड़ मारा तो वो किसी बॉल की तरह बाउन्स करते हुए दीवार से जा लड़ा..!

तभी दूसरे आदमी ने अपने चाकू से मेरे हाथ पे वार किया जिससे मुझे हल्का सा कट लग गया,पायल की तो चीख निकल गयी ये देख कर,मुझसे रहा नही गया मेने उसे एक जोरदार लात मारी वो सीधा घर के बाहर जा गिरा..!

में आगे बढ़ते हुए घर के बाहर आया तो देखा पूरी सेना आई थी उनके साथ..!

मुझे इतना गुस्सा आ रहा था कि मेरी आँखे नीली हो गयी और मेरी रफ़्तार भी कयि गुना बढ़ गयी उस आंटिडोट के असर से कहीं ज़्यादा ताक़त मेरे अंदर थी पर कैसे ये मुझे भी नही पता..!

मेने गुस्से में एक दहाड़ मारी और बढ़ गया उस मैदान-ए-जंग में..!

फिर में तब ही रुका जब सब मार गये,रोड पे हर तरफ बस कुछ था तो खून,और अचानक बारिश भी आ गयी..!

में:-अगर मुझसे बात करते तो में कुछ नही करता उन्होने इस सब में मेरी फॅमिली को इन्वॉल्व किया..!

फिर जब गुस्सा शांत हुआ तो सब नॉर्मल हो गया,मुझे खुद यकीन नही हो रहा था कि मेने उन्हे मारा है..!
 
फिर कुछ ही देर में पोलीस फोर्स भी आ गयी,अभी वो कुछ बोलते कि मेने ही उनके सीनियर को सारी बाते बताई ,कि उनका पायल को परेशान करना और फिर मेरी फॅमिली को मेंटली टॉर्चर करना..!

और ये सब खुद मेने किया है सेल्फ़ डिफेन्स में और फिर डॅड के बारे में कि में ग्रेट साइंटिस्ट का बेटा हूँ..!

डीजीपी:-आइ'म इंप्रेस्ड कि तुमने रामू के इतने आदमियो को मारा है,वो भी कुछ मिनट में,उन्हे जिन्हे हमारा डिपार्टमेंट छू भी नही पाया..!

यू डॉन'ट वरी तुम इनोसेंट हो तुम जा सकते हो,और एक तरह से तुमने हमारी हेल्प की है..!

फिर वो सारी बॉडीस लेके चले गये और में घर को अनलॉक करके अंदर चला गया जहाँ सब रो रहे थे..!

मेरे घर में एंटर होते ही जय मेरे गले लग गया,उसकी आँखों में भी आँसू थे..!

जय:-साले हीरो बनने का इतना शौक है तो बॉलीवुड जाय्न करले,और ये बता बाहर से डोर क्यो लॉक किया था,तुझे पता भी है हम सब कितना डर गये थे..!

में:-सॉरी भाई बट तू तो मेरी बात समझ..!

फिर में मासी माँ के पास गया उन्होने मुझे गले लगा लिया और फिर कुछ देर बाद वो मुझसे अलग हुई और अपने रूम में चली गयी..!


भाभी:-तू सुधरेगा तो है नही,और में तुझे किसी चीज़ के लिए मना भी नही करती,बस में इतना चाहती हूँ कि तू हर डिसीजन सोच समझ के ले,और मेरे फोरहेड पे किस करके चली गयी..!
जय भी उनके पीछे-2 चल दिया..!

फिर में पायल के पास आया तो उसने मुझे खिच कर एक थप्पड़ जड़ दिया और फिर अपने रूम में जाने लगी..!

लेकिन में दौड़कर उसके पास गया और उसे गोद में उठा कर अपने रूम की तरफ बढ़ गया..!

रूम में आके डोर लॉक किया और उसे बेड पे बैठा के उसके सामने घुटनो पे खड़ा हो गया..!

में:-बेटू प्ल्ज़ बात करो मुझसे,आइ नो आप मुझसे गुस्सा हो बट आइ स्वेर मेरा आपको हर्ट करने का कोई इरादा नही था..!

पायल तो मेरी तरफ देख भी नही रही थी..!

में:-प्ल्ज़ लुक इंटू माइ आइज़..!

जब उसने मेरी बात का रिप्लाइ नही दिया तो मेने अपने लिप्स उसके लिप्स पे रखकर उसे किस करने लगा..!

धीरे-2 मेरा किस करना वाइल्ड होता जा रहा था,पर उसने मेरा साथ नही दिया..!

मुझे अब खुद पे गुस्सा आने लगा,मेने वही टेबल पे रखा चाकू उठा कर अपने हाथ की नस काट ली..!

खून बहुत बह रहा था,पायल की हल्की चीख निकल गयी अभी वो मेरे तरफ दौड़ के आ ही रही थी कि मेरा हाथ बिल्कुल ठीक हो गया..!

में:-देख लिया मुझे कोई फ़र्क़ नही पड़ता इन सब चीज़ो से..!

अभी में कुछ औट बोलता कि उसने मुझे फिर एक थप्पड़ मारा और मुझसे लिपट गयी..!

पायल(रोते हुए):-राज प्ल्ज़ मेरे लिए अपना ध्यान रखा करो,आप मेरे लिए बहुत स्पेशल हो,आपके बिना मर जाउन्गि में..!

फिर मेने उसे शांत कराया लेकिन तब भी वो मेरे गले लगी रही..!

लेकिन तभी डोर पे नॉक हुआ में उससे अलग हुआ तो उसने अपना मुँह रोने जैसा बना लिया,फिर मेने डोर खोला तो सामने मासी माँ खड़ी थी..!

मासी माँ:-राज तुम जल्दी से रेडी होके आओ,हम मेरे फ्रेंड के पास चल रहे हैं शायद वो तुम्हारी हेल्प करे..!

फिर में शवर लेने चला गया..!
 
#ऊटी के उसी जंगल में..!

वो बूढ़ा आदमी अपने आप में बड़बड़ाया,अब ज़्यादा वक़्त नही लगेगा उसे अपनी सच्चाई जानने में..!

आ रहा है वो,अब नये खेल का आरंभ होगा बिल्कुल नये सिरे से..!

और वो बाबा हँसते हुए अपने कुटिया में चला गया..!

वहीं उस जंगल क बीचो-बीच धीरे-2 वो शैतान अपनी ताक़त बढ़ा रहा था,आज फिर उस जंगल में दर्दनाक चीखे गूँजी पर ये तो अब नॉर्मल हो गया था उसके जन्म से..!

उस मिट्टी में दबे हुए ही वो आसमान की तरफ देख रहा था,वो इंतेजार कर रहा था सही समय आने का कि कब वो बाहर आए..!

आज उस जंगल में दोनो खुश थे पर उनकी वजह अलग थी,बाबा को अपनी अलग खुशी थी और उस शैतान के मन में क्या था ये शायद ही कोई जानता हो..!

पर ये सवाल था कि वो आया कहाँ से..!

________________________________

वही कुछ देर बाद में शवर लेके आया और फिर नीचे आके मासी माँ से मिला..!

मासी माँ:-हम सब चल रहे हैं तुम्हारे साथ तुम्हे लेके..!

में:-पर सबकी क्या ज़रूरत है..!

मासी माँ:-कब कहाँ कैसे किसकी ज़रूरत पड़ जाए ये कोई नही जानता..!

फिर हम मासी माँ की कार से चल दिए अपनी मज़िल की ओर..!


मंज़िल दूर थी तो हमने कंटिन्युवस ड्राइव करने की सोची..!.

करीब 5 घंटे लगातार ड्राइव करने के बाद हम एक हाइवे के पास बने ढाबे पर रुके..!

हम अपनी सिटी से बहुत दूर आ गये थे,फिर हम अपनी कार से निकले और बाहर आके एक अंगड़ाई ली..!

ढाबे के बाहर बने हॅंडपंप की ओर हम आ गये..!.

सबने बारी-2 मुँह-हाथ धो कर खुद को तरो-ताज़ा किया..!

फिर लास्ट में मैं हॅंड पंप के पास आया और जैसे ही मैने उसे टच किया मुझे करेंट लगने जैसा महसूस हुआ..!

फिर भी मेने दुबारा ट्राइ किया तो सब नॉर्मल हो गया.!
पर मुझे उसके अंदर से किसीकि रोने की आवाज़ आने लगी.!

फिर भी मेने उसे इग्नोर करते हुए हाथ मुँह धोया और वापस सबके पास आ गया..!

भाभी:-राज यही रुकने का इरादा है क्या,इतना टाइम क्यो लगा दिया..!

में:-सॉरी.!

फिर हम ढाबे के अंदर आए और हमने नॉर्मल खाना ऑर्डर किया..!

कुछ देर में वेटर ने खाना सर्व किया और हम उसका लुफ्त उठाने लगे...!..

अभी हम खाना खा ही रहे थे कि किसीने बार-2 हॉर्न बजा कर मूड खराब कर दिया..!

में ढाबे के बाहर आके देखा तो कुछ बंदे ढाबे के मालिक को मार रहे थे..!

में उसी वक़्त बीच-बचाव के लिए गया..!

में जाके उनके सामने खड़ा हो गया...!

में:-अरे भाई लोग आप सब इन्हे क्यो मार रहे हो..!

आदमी1:-तुझसे मतलब,चल निकल यहाँ से..!

मेने मूड के मालिक हो देखा तो उसने अपना चेहरा ऐसा बनाया कि अगर में उसे नही बचाता तो में खुद चैन से ना रह पाता..!

अभी में कुछ बोलता कि उसे पहले एक आदमी ने उसका हाथ पकड़ के खींचा..!

लेकिन तभी मेने उस आदमी का हाथ पकड़ा और तेज़ी से खींच दिया उसका पूरा हाथ ही उखड गया..!

ये देख सब आदमी डर गये और तुरंत भाग लिए बस बच गया वो एक मात्र आदमी जिसका मेने हाथ उखाड़ा था..!

ज़्यादा खून बह जाने के कारण वो बेहोश हो गया था,मेने देखा वो आदमी अपनी ट्रक से वापस जा रहे थे,तभी मेने उस बेहोश पड़े आदमी को उसी ट्रक में उसके हाथ के साथ फेंक दिया..!

फिर में पलटा उस आदमी की ओर,उसकी आँखों में आँसू थे वो मेरे पैर छूने के लिए झुका तो मेने उसे उठा लिया और अपने गले लगा लिया..!
 
ढाबे का मालिक:-मुझे बचाने के लिए आपका बहुत-2 धन्यवाद,ये लीजिए आज से में अपनी अमानत आपको देता हूँ जो मुझे भी किसी आप जैसे ही प्राणी ने दिया था..!

में:-मेरे जैसे प्राणी से आप क्या कहना चाहते है..!

मालिक:-एक बार आसमान की ओर देखकर बस हँस देता है..!

आपको आपके जवाब आपकी मंज़िल पर मिल जाएँगे और ये लीजिए आज से ये आपकी अमानत है..!

फिर मेने वो वो छोटे कपड़े में बँधी हुई चीज़ को ले लिया,में उस आदमी को मना नही कर पाया..!

फिर मेने देखा कि मेरी फॅमिली पूरे गुस्से से मेरी तरफ बढ़ रही थी..!

लेकिन मेरे पास आने से पहले ही वो दुकान के मालिक की तरफ मूड गये..!

जय:-अजीब आदमी हैं आप अपना ढाबा छोड़ कर आप बाहर खड़े हैं,बताइए कितना बिल हुआ आपका..!

ढाबा.मालिक:-अरे इन्होने पूरे पैसे दे दिए मुझको..!

उसने मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला और जब मेने उसकी ओर देखा तो उसने अपने हाथ जोड़ लिए..!

फिर हम सब कार में आए और मेने जय को ड्राइव करने को बोला और खुद आगे आ गया..!

जय ने कार हाइवे की तरफ दौड़ा ली तभी मेने साइड-व्यू मिरर में देखा एक आदमी को जिसका सर चमक रहा था और मेने अपना सर कार की विंडो निकाल के देखा तो वहाँ कोई नही था..!

फिर में आज की घटनाए सोचते-2 सो गया,लेकिन कुछ ही देर बाद मुझे अहसास हुआ कि कुछ जल रहा है,बहुत ही गरम चीज़ का ऐहसास हो रहा था और उसी वक़्त मेरी नींद भी खुल गयी.!

मेने अपने हाथ में पकड़ी पोटली को देखा तो वो चमक रही थी,मेने जैसे ही उसे खोला उसमे एक पत्थर था जो काफ़ी चमक रहा था..!

मेने जैसे ही अपना हाथ आगे बढ़ा कर उस पत्थर को छुआ मेरा हाथ ही जल गया,वो किसी जलते लावे की तरह गर्म था..!

मेने तुरंत उस पोटली को बाँध के फिर से अपनी जेब में रख लिया..!

फिर अचानक कार रुकी और मेने सामने की ओर ध्यान दिया..!

मासी माँ:-राज हम पहुँच गये,बस अब मेरी फ्रेंड का घर ढूंडना है..!

में:-यार कहाँ इस गाँव में लाके मुझे फसा दिया..!

फिर जय ने एक जगह कार पार्क की और हम उसमे से बाहर निकले..!


बाहर आके मेने ज़ोर से अंगड़ाई ली,क्योंकि बैठे-2 मेरे शरीर में दर्द होने लगा था..!

फिर हम आगे बढ़ने लगे.!
ये एक बहुत ही अजीब गाँव था जहाँ सब हमें बहुत ही अजीब तरीके से घूर रहे थे..!

फिर भी हम उन्हे इग्नोर करते हुए आगे बढ़े..!

तभी मेने देखा कि कुछ लोग जीप से कहीं जा रहे थे पर जैसे ही उन्होने हमें देखा वो रुक गये..!

वो सारे आदमी अपनी जीप से उतर कर हमारे पास आ गये..!

आदमी:-ओये छोरे,के लेने वास्ते आया है तू इधर..!

में कुछ नही बोला बस उन्हे अब्ज़र्व कर रहा था..!.

आदमी2:-मालिक काम-वाम छोड़ो देखो कितनी हसीन माल है इस छोरे के साथ,अगर मिल जाए तो ज़िंदगी बन जाएगी..!

आदमी:-बात तो तू ठीक कहे है..!

सुन ओये छोरे इन लड़कियो नू मेरे हवाले कर्दे हम तुझे छोड़ देंगे..!.

और ये ठाकुर भानु का वादा है जब मेरा और मेरे साथियो का इनसे मन भर जाएगा तो में उन्हे तेरे यहाँ भेज दूँगा..!

और इतना बोलकर वो हँसने लगा,और साथ में उसके साथी भी..!

पर कहते हैं ना अगर कोई कुछ ना बोले तो उसे कमजोर नही समझना चाहिए,साला इन्होने तो हद ही पार कर दी..!

में:-जय तू सबको लेके कार में जा और में इनकी सारी गर्मी निकालता हूँ..!

जय:-राज पर..

में:-जय प्ल्ज़ भाई.,!

उसके जाते ही में उनकी ओर बढ़ा..!

में:-हाँ तो भाई लोग क्या बोल रहे थे तुम सब..!

अभी मेने इतना बोला ही था कि सब हँसने लगे..!

ठाकुर:-क्यों सुनने में परेशान हो क्या..!

में:-अभी पता चल जाएगा..!

और में उस ठाकुर के पास जाके उसके सामने खड़ा होगया और उसकी आँखों में देखते हुए बोला,तेरी माँ तो अब में चोद दूँगा..!

और इतना बोलकर मेने उसे सर से पकड़ा और उसे उठा के उसको ज़ोर से ज़मीन पर पटक दिया,उसने ज़मीन पर गिरते ही दम तोड़ दिया और उसका सर किसी फटे टमाटर की तरह हो गया..!

मेने ये सब इतनी जल्दी किया कि किसी को समझ नही आया और जबतक उन्हे समझ आया तबतक देर हो चुकी थी..!
 
सारे गाँव वाले मुझे ऐसे घूर रहे थे जैसे में कोई अजूबा हूँ..!

तबतक मेरी फॅमिली मेरे पास आ गयी और फिर मासी माँ ने एक आदमी से उनके फ्रेंड के बारे में पूछा..!

बेचारा वो आदमी डरते-2 हमें अड्रेस बता रहा था..!

में:-आप सब हमसे डरो मत..!
हम आपको कोई नुकसान नही पहुँचाएंगे..!

और ये बोलकर में मासी माँ और सब के साथ आगे बढ़ गया..!

कुछ दूर चलने के बाद हम एक घर के सामने रुके जो बिल्कुल जंगल से सॅट के था..!

मासी माँ ने डोर नॉक किया तो एक ब्यूटिफुल औरत ने दरवाजा खोला,और ये ही थी मासी माँ की फ्रेंड..!

दोनो एक दूसरे को देखते ही बहुत जोश से गले मिली..!

मासी माँ ने मुझे बताया था कि वो यहाँ कोई रिसर्च कर रही है पर क्या ये शायद उन्हे भी नही पता..!

फिर मासी माँ ने अपनी फ्रेंड को मेरी तरफ टर्न किया,जिन्हे मेने हेलो बोला फिर हम सब अंदर आ गये..!

ये घर भी बाकी नॉर्मल घरो जैसा था पर इस गाँव का तो सबसे सुंदर घर था ये..!

हम अंदर आके मैं हॉल में सोफे पे बैठ गये..!

फिर मासी माँ और उनकी फ्रेंड बाते करते हुए किचन की ओर बढ़ गयी..!

कुछ देर बाद वो आई तो दोनो के हाथो में ट्रेस थे,जिसे वो टेबल पे रखकर सबको सर्व करने लगी..!

मासी माँ मुझे कॉफी पकड़ाते हुए बोली राज जैसा कि तुम जानते हो ये मेरी फ्रेंड है & हर नेम ईज़ कनक..!

में:-ओके.!

मासी माँ:-राज ये तुमसे अकेले में कुछ बात करना चाहती है,& आइ होप तुम्हे इनकी कंपनी अच्छी लगेगी..!

फिर में उठा और कनक के पीछे-2 चलने लगा और हम टॉप स्टेर्स पे आके रुके..!

में:-क्या में आपको कनक बुला सकता हूँ,मेने बहुत नॉर्मल वाय्स में पूछा..!

कनक:-हाँ श्योर,सो राज आप मुझे अपने बारे में सब कुछ बताओ..!

फिर क्या था मेने बताना शुरू किया अपने ड्रीम्स,फिर उस आंटिडोट और फिर यहाँ आने के सफ़र तक घटी सब घटनाओ के बारे में..!

जिसे सुन कर उनके हाथो से उनका कॉफी कप छूट गया..!

कनक:-व्हाट दा फक.!
इट'स क्वाइट स्ट्रेंज..!

मुझे कल तुम्हारे सारे टेस्ट करने हैं,अभी तुम जाओ और जाके रेस्ट करो तुम काफ़ी थक गये हो..!

पता नही क्यो उनके बोलने के तरीके से ऐसा लगा जैसे वो मेरे बारे में बहुत कुछ जानती हो..!

पर मेने उनसे कुछ नही बोला और चुप-चाप नीचे आ गया..!

मुझे कुछ भी अच्छा नही लग रहा था तो में घर से बाहर निकल कर उसी जगह आ गया जहाँ मेने उन बन्दो को मारा था..!

मेने देखा वहाँ कुछ लोग वहाँ रहने वाले लोगो को मार रहे थे..!

मेरे आते ही वो सब रुक गये तभी उनमे से एक बोला..!

ओये छोरे नया आया है के..!

आदमी2:-ओये ये बता क्या तू जानता है हमारे मालिक को किसने मारा है..!

में:-हँसते हुए बोला,मेने..!

सब एक पल के लिए शॉक हो गये,अच्छा बे खुद को बहुत स्याना समझता है,तुझे पता भी है तूने किससे मारा है,ठाकुर राणा के एकलौते बेटे को..!

उनका आदेश है कि गुनहगार को जल्द-से-जल्द हवेली लाया जाए वरना वो सभी गाँव वालो को मार देंगे..!
उनमे से एक ने बोला..!

में:-बाप का राज है क्या मार दोगे सबको जाके बोल दो अपने ठाकुर से कि में उनका पालतू कुत्ता नही हूँ,उन्हे अगर मुझसे मिलना है तो वो खुद मुझसे आके मिले..!.

वरना माँ चुदाये ठाकुर और माँ चुदाओ तुम उसके पालतू कुत्ते..!

आदमी:-तू रुक जा हम फिर आएँगे,साले तब तेरी हेकड़ी निकालेंगे..!
उसने डरते हुए बोला..!

उसके जाते ही में गाँव वालो को शांत रहने का बोलके घर आ गया..!
 
घर आया तो देखा भाभी जय और पायल बाते कर रहे थे,पर वहाँ मासी माँ और कनक मौजूद नही थे..!

फिर मेरे आते ही जय मेरे पास आया और कान में वो बोला जिसे सुन के में तो पूरा शॉक हो गया..!

जय:-क्या यार तू इतना गिर जाएगा मेने सोचा नही था..!

बाते तो बड़ी-2 करता था कि तुझे लड़कियाँ बस एक रात के लिए चाहिए होती हैं,और डेली नयी लड़की,पर तू तो पायल के पास गिड़गिडाता है..!

साले पायल है लेकिन बहुत अच्छी लड़की,चाय्स अच्छी है तेरे..!

में:-शॉक्ड टोन में बोला,भाई तू कहना क्या चाहता है..!.

जय:-यही कि तू पायल से प्यार करता है,उसके लिए मरता है पर उसे तुझमे कुछ ख़ास इंटेरेस्ट नही है.!

में:-तुझे ये सब किसने बताया..!..

जय:-पायल ने यार.!

में जैसे ही सोफे के पास पहुँचा तो दोनो की नज़र मुझपे गयी..!.

आक्च्युयली उनकी पीठ मेरी तरफ थी और अभी तक उन्होने मुझे नही देखा था..!.

सबसे ख़ास बात ये थी कि पायल की तो बोलती ही बंद हो गयी मुझे देख कर..!

भाभी:-राज आइ'म वेरी हॅपी फॉर यू,आख़िर तुम्हे भी कोई लड़की पसंद आ ही गयी..!

में:-पायल क्या तुम दो मिनट के लिए मेरे साथ आओगी प्ल्ज़..!

पायल:-यार आप यही बोलो में सुन रही हूँ..!

में:-पायल,मेने उसे आँख दिखाते हुए बोला.!

पायल:-चलती हूँ वेट,गुस्सा क्यो हो रहा है..!

फिर हम एक रूम में आए और मेने तुरंत डोर लॉक कर दिया..!

पायल तुरंत जाके बेड पे लेट गयी..!

में:-तुम इतनी उत्तावली हो क्या कि में तुम्हारे साथ कुछ करूँ..!

मेरे इतना बोलते ही वो बेड से उठ कर मेरे पास आई और बोली,ऐसा सोचना भी मत..!

में:-तुमने सबको ये क्यो बोला कि मेरे और तुम्हारे बीच कुछ चल रहा है,और तो और में तुमपे बिल्कुल फिदा हूँ..!

पायल:-वो-2,वो तो मेने थोड़ा इंप्रेशन जमाने को बोला था,वरना तुम जैसे लंगूर से प्यार,ईईईह.!

में:-तेरी तो रुक इधर,में लंगूर हूँ,हाँ बोल-2,और में अचानक उसे लेके बेड पे गिर गया..!

में बिल्कुल उसके उपर था,मेरे और उसके लिप्स बिल्कुल पास में थे,लेकिन तभी में उसके उपर से हॅट गया,एक बार तो उसने मेरा हाथ पकड़ के मुझे रोकना चाहा पर में नही रुका..!

बाहर आया तो देखा डिन्नर रेडी है और सब टीवी देखते हुए,डिन्नर कर रहे थे..!

मेरे आते ही कनक ने मुझे डिन्नर सर्व किया,जिसे मेने बेमन से खाया..!

में:-यार मुझे सोना है,बहुत थक गया हूँ,तो कोई सबसे बेस्ट रूम बताओ..!

कनक:-टॉप फ्लोर पर बस एक ही रूम है,बट वो सबसे शांत रूम है,वहाँ से ये पूरा जंगल दिखता है..!

फिर क्या था जल्दी से डिन्नर किया और अपने बॅग्स लेके उपर आ गया..!

फिर फ्रेश होके शवर लिया और बाल्कनी से ठंडी-2 हवा और उस सुहाने मौसम का मज़ा लेने लगा..!

कुछ देर वहाँ रहने के बाद में रूम में आने के लिए मुड़ा,पर अचानक मेने उस जंगल के आख़िरी छोर पे कुछ चमकती हुई चीज़ को देखा.!

जो मुझे अपनी तरफ बहुत ही ज़्यादा अट्रॅक्ट कर रही थी..!

में इतना खो गया था कि 5 मंज़िल से नीचे कूद गया और सीधा जंगल में आ गया..!

चोट तो बहुत आई पर जल्द ही सारे घाव भर गये,पर मुझे उस चमकती
चीज़ के पास जल्द से जल्द पहुँचना था..!

फिर में बस आगे बढ़ता गया,मुझे खुद नही पता था कि में जा कहा रहा हूँ..!

करीब 20 मिनट लगातार चलने के बाद भी में जंगल के आख़िरी छोर पर नही पहुँचा..!

अब पता नही क्यो मुझे ऐसा लग रहा था कि कुछ बहुत ख़ास मुझसे दूर जा रहा है..!

में लगभग दौड़ते हुए आगे बढ़ रहा था,मुझे पता ही नही चला कि कब में हवा में उड़ने लगा..!

अचानक में रुका और तेज रफ़्तार की वजह से में पेड़ से टकरा गया,वो पेड़ उसी वक़्त ख़तम हो गया..!

तभी मेने वो रोशनःी देखी में जब उसके पास पहुँचा तो वहाँ कोई नही था,वहाँ बस एक नदी थी..!

मेने जैसे ही उसमे झाँका तो देखा कि कुछ था जो मुझे उस नदी की ओर खींच रहा था..!.

में बेखौफ़ उसमे आगे बढ़ता गया बढ़ता गया,कुछ ही देर में नदी के अंदर था,बिल्कुल बीच में..!

तभी मेने एक बहुत ही मीठी आवाज़ सुनी..!
 
तुम यहाँ खुद नही आए,तुम्हारा यहाँ आना लिखा था..!
यही तुम्हारा अतीत भी है और यहीं तुम्हारा आने वाला भविश्य.!
तुम्हे अपने और अपने परिवार के बारे में यही जानने को मिलेगा.!
तुम बस किसी पे भी आँख बंद करके विश्वास नही करना,क्योंकि तुम्हारी सबसे ख़ास ने ही तुम्हारी असलियत तुमसे छुपाई है..!.
और फिर अचानक वो आवाज़ आना बंद हो गयी,और में बेहोश हो गया...!

आँख खुली तो सुबह हो गयी थी,मेने खुद को नदी के किनारे पे पाया..!

में बिना कुछ सोचे समझे घर आ गया क्योंकि मुझे बहुत नींद आ रही थी..!


घर आके सीधा अपने रूम में आया और बेड पे गिरते ही सो गया..!

पता नही क्यो मुझे इतनी नींद आ रही थी,कि में सोने के आगे कुछ और सोच ही नही पा रहा था..!

नींद खुली तो शाम हो गयी थी..!में उठा फ्रेश होके शवर लिया अभी रूम में कपड़े ही पहेन रहा था कि मुझे नीचे बहुत शोर सुनाई दे रहा था.!

में दौड़के नीचे आया तो देखा कोई आदमी घर के बाहर चेयर लगाके बैठा था,और कुछ आदमियो ने पायल को पकड़ रखा था..!

जैसे ही पायल ने मुझे देखा उसने मुझे भागने का इशारा किया पर वो नही जानती थी कि में क्या-2 कर सकता हूँ..!

में बाहर आया और जाके बाहर रखी एक चेयर पे जाके बैठ गया..!

में:-हाँ तो भाई लोग बताइए आपके यहाँ आने का कारण.!

ठाकुर राणा हैं हम,और ये सब-के-सब मेरे आदमी हैं..!

तुझे पता है तूने किसे मारा था..!

में:-अब्बे बहेनके लोडे साला एक ही डाइलॉग सुन-2 के पक गया हूँ में..!

जानता हूँ वो मादरचोद तेरा बेटा था..!

मेने ही मारा उसे बोल क्या उखाड़ लेगा तू मेरा..!

ठाकुर राणा:-अब्बे तुझे मुझसे डर नही लगता है क्या,उसने हँसते हुए मुझसे बोला..!

में:-डर और मुझे,तू भी क्या बात करता है..!

तभी मुझे पायल की चीखने की आवाज़ आई,राणा के कुछ आदमी पायल से ज़बरदस्ती करने की सोच रहे थे..!

राणा:-क्यो बे अब देख में तुझे कैसे डराता हूँ,और उसके कुछ आदमियो ने मुझे पकड़ लिया,और राणा पायल की तरफ बढ़ गया..!

जैसे ही मेने उसे पायल के करीब जाते देखा मेरा गुस्सा बढ़ने लगा और फिर एक ऐसा बवंडर आया मेरे गुस्से से कि उसके सब आदमी टुकड़ो में बँट गये..!

उन्हे पता भी नही चला कि कब में उन्हे मारता गया और आख़िर में मैं राणा के सामने जाके खड़ा हो गया..!

जैसे ही उसने मेरी आँखों में देखा 
उसकी पॅंट गीली हो गयी..!

पर इससे पहले कि वो मुझसे कुछ बोलता
मेने उसके दिल पे जोरदार मुक्का मारा,वो अचानक पत्थर में बदल कर चूर हो गया..!

मुझे खुदको ये नही पता था कि में ये सब कैसे कर लेता था पर फिर भी उसे इग्नोर करते हुए गाँव वालो को ये खूसखबरी दी और उनकी बॉडीस को उनके ही घर पे फिकवा दिया..!

पता नही क्यो मेने देखा पायल मेरे पास नही आ पा रही थी.!

में जैसे ही उसके पास गया वो मुझसे दूर चली गयी..!

पायल:-कौन हो तुम,तुम मेरे राज नही हो सकते..!

अभी कुछ देर पहले तुम बिल्कुल बदल गये थे,तुम्हारी आँखो का कलर बदल रहा था,तुम्हारा शरीर बिल्कुल चमक रहा था,और तो और तुम्हारे दाँत भी बाहर आ गये थे!

में:-यार में तेरा राज हूँ,मुझे खुद नही पता कि मुझे क्या हो गया है..!

में बिल्कुल पागल हो जाउन्गा औऱ तू भी जानती है ना कि हम यहाँ मेरे बारे में जानने के लिए ही तो आए हैं..!

पायल मेरे पास आई और मेरे फोरहेड पे किस करके बोली,क्या यार स्वीटू तू सोच भी कैसे सकता है कि में तुझसे गुस्सा हो जाउन्गि..!
में बस मज़ाक कर रही थी,उसने बोला..!

गाँव में बिकुल फेमस हो गया था,हर जगह बस मेरी ही चर्चा थी,वो मुझे भगवान मानने लगे थे..!

हम फिर घर के अंदर आ गये कुछ देर बाद बाकी सब भी मार्केट से घर आ गये..!

और मासी माँ मुझपे भड़क गयी..!
 
मासी माँ:-सुन ले कान खोलके तू अपनी आदतों से बाज आजा वरना में तेरी मोम को फोन करके बता दूँगी तेरी कर्तुते..!

तू कोई मर्डरर नही है समझा,तू सबको जान से क्यो मार देता है..!

में जानती हूँ तू सब अच्छे के लिए करता है बट प्ल्ज़ थोड़ा अपने गुस्से पे कंट्रोल रखा कर..!

फिर रात में डिन्नर करके में सो गया..!



सुबह मेरी नींद जल्दी खुल गयी,पर पता नही क्यो मेरे सर में तेज दर्द हो रहा था..!

में उठा और जल्दी से फ्रेश होके शवर भी ले लिया,पर दर्द ख़तम नही हो रहा था..!

फिर ड्र्सप करके नीचे आया और में बिना कुछ देखे किचन में एंटर कर गया,जहाँ कनक पहले से मौजूद थी.!

कनक:-कुछ चाहिए तुम्हे..!

में:-ह्म,एक हार्ड कॉफी सर में दर्द है,बट यू डॉन'ट वरी में बना लूँगा..!..

कनक:-वैसे में भी कॉफी अच्छी बना लेती हूँ..!

मेने बस उसकी बात पे बस एक स्माइल पास करदी,और किचन से बाहर आ गया..!.

कुछ देर बाद वो कॉफी लेके आई,जिसकी पहली सीप ने ही मेरा सारा सर दर्द गायब कर दिया..!

में:-तारीफ़ करूँ क्या उसकी,जिसने ये कॉफी बनाई..! 

कनक:-क्या इतनी बेकार बनी है कॉफी..!

में:-यार जिसने भी ये कॉफी बनाई है ना मन करता है उसके हाथ चूम लूँ..!

अभी मेरे इतना बोलते ही,उसने अपना हाथ आगे कर दिया जिसे जैसे ही मेने किस करने को पकड़ा तो वो हाथ छुड़ा के भाग गयी..!


#कनक'स रूम:-

ओह माइ गॉड-2..!
मतलब मेरा शक़ ठीक निकला,राज इंसान नही है,इसके सारे लक्षण बिल्कुल एक "वेमपाइर" की तरह है..!

इतनी गर्मी में भी उसका हाथ इतना ठंडा था कि मुझे लगा कि मेरे अंदर करेंट वेव्स जा रही हो.!

उसकी आँखों का कलर चेंज होना,उसके सामने के दाँत अपने-आप बड़े हो जाना,उसका स्ट्रेंघत उसकी एनर्जी टोटली एक वेमपाइर की लगती है..!

मुझे सबको ये बताना होगा..!

__________________________

में अभी कॉफी ख़तम कर के रूम में जा ही रहा होता हूँ कि सब के सब हॉल में आ जाते हैं..!

फिर भी में रूम में जाके लेट जाता हूँ..!

___________________________

#इन हॉल.!

कनक कुछ सोचते हुए हॉल में आती है जहा सब मौजूद होते है..!

कनक:-सभी लोग प्ल्ज़ मेरी बात ध्यान से सुनो और कोई बीच में नही बोलेगा..!

और फिर वो सारी बात सबको बता देती है,जिसपे पायल बोलती है,कल मेने भी उसके आँखों का कलर चेंज होते देखा..!

जय:-व्हाट रब्बिश..!
राज मेरा बचपन का फ्रेंड है,कोई वेमपाइर नही..!

और वेमपाइर वागरह बस कहानियों में होते है..!

भाभी:-आइ अग्री वित यू..!

कनक:-तो ठीक है,आज में प्रूव भी कर दूँगी,पहले में उसका फुल बॉडी टेस्ट करूँगी और फिर अपने "मॅजिक" से हम उसके बारे में जानने की कोशिश करेंगे..!

बट इसमे मुझे आप सबका साथ चाहिए,जिसपे सबने तुरंत हाँ बोल दिया..!

कनक:-जय तुम इस जंगल के दूसरी तरफ जाओगे वहाँ तुम्हे एक नीली घास मिलेगी तुम्हे बस वो लानी है,इससे हम राज को ज़्यादा देर तक बेहोश कर सकेंगे..!

जय:-ठीक है में जाता हूँ..!

कनक:-पर ध्यान रहे वहाँ बहुत ख़तरा होता है..!.

जय:-डॉन'ट वरी.!

भाभी:-में भी चलूं..!

जय:-नही..!

भाभी:-प्ल्ज़..!.
उन्होने इतने प्यार से कहा कि जय मना नही कर पाया.!

फिर जय और भाभी निकल गये..!

कनक:-अब आप दोनो को में बेसमेंट में ले चलूंगी जहाँ हम मिलकर सॉफ सफाई करेंगे,और यही हम राज के बारे में जानेंगे..!

क्योंकि ये बहुत स्पेशल रूम है,जिसे मेने अपने ख़तरनाक रिसर्चस के लिए बनाया था..!

फिर ये लोग भी अपने काम में बिज़ी हो गये..!..

और में इन सबसे बेख़बर अपने रूम में सो रहा था..!.
 
#इन जंगल..!

जय:-तनु तुम्हे क्या लगता है राज के बारे में..!

भाभी:-पता नही,बट ये कन्फर्म है कि हमारा राज सबसे अलग,इस पूरी दुनिया से अलग..!

जय:-हाँ सही कहा तुमने..!

ऐसे ही बाते करते-2 वो आगे बढ़ रहे थे,कि तभी एक हवा का झोका आया और जय और भाभी अपनी जगह से गायब हो गये..!

जबतक उन्हे कुछ समझ आता वो एक बहुत ही आलीशान घर में थे,जो बिल्कुल शीशे का बना हुआ था..!



जब उन्होने सामने देखा तो वो शॉक हो गये,वहाँ एक पूरी फॅमिली मौजूद थी,भाभी ने पीछे मूड के देखा तो वो लोग उसी जंगल में थे पर कहाँ ये उन्हे भी नही पता था..!

आदमी:-हेलो,में जानता हूँ कि राज आपका फ्रेंड है उन्होने जय से कहा..!

जय:-आप हमें कैसे जानते हैं..!

आदमी:-आप बस इतना जान ले कि राज मेरा "बेटा" है..!

जय:-व्हाट रब्बिश..!
उसके फादर तो डॉक्टर.प्रेम एक साइंटिस्ट हैं..!

आदमी:-मुझे जो बताना था में बता चुका हूँ,ये है राज की फॅमिली,और वो एक वेमपाइर है अंडरस्टॅंड..!

मुझे तुम्हारे और सबके बारे में सब कुछ पता है,और तुम यहाँ वो नीली घास लेने आए हो ना ये लो,उन्होने जय को देते हुए बोला..!

जब उसे सब कुछ याद आजाएगा तो तुम भी उसे कंट्रोल नही कर पाओगे..!

वो एक वेमपाइर है,हमारी फॅमिली में सबके पास अलग-2 पवर्स हैं जैसे कि राज की कज़िन फ्यूचर देख सकती है..!

& और भी बहुत कुछ..!

राज की मोम एक बहुत बड़ी मेजीशियन हैं जो अपने मॅजिक से कुछ भी कर सकती हैं..!

आंड अगर तुम्हे हम पर थोड़ा सा भी विश्वास हो गया हो तो,ये लो हमारी तरफ से एक छोटा सा गिफ्ट..!

जय ने जैसे ही रॅपर खोला उसमे दो स्टोन्स थे,जैसे उस दिन राज के पास थे..!

आदमी:-तुम इसे अपने दिल से लगाओ..!

जय और भाभी ने बिल्कुल वैसे ही किया और अचानक वो स्टोन उन दोनो के अंदर समा गया..!

आदमी:-मेरी तरफ से मेने तुम्हे कुछ पवर्स दिए हैं जिससे तुम सबकी प्रोटेक्षन कर सकोगे..!

अब तुम जो चाहो इन पवर्स से कर सकते हो..!

बाकी तुम्हे हमारे बारे में राज के पास्ट से पता चल जाएगा..!

फिर अचानक जय और भाभी ने कुछ सोचा और उसे सोचते ही वो कनक के घर के सामने थे..!

मतलब उन्होने घर आने के बारे में सोचा था,एक पल के लिए अपने पवर्स देख दोनो खुश हो गये..!

और खुशी-2 घर में एंटर हुए,क्योंकि उन्होने सब कुछ अब भगवान पे छोड़ दिया था..!

क्योंकि अब सबको पता था अब जो होना है वो होकर रहेगा..!
 
Back
Top