hotaks444
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नौकरी हो तो ऐसी--18
गतान्क से आगे…………………………………….
मैने उसे 15 दिन मे फिरसे पैसे लेने आउन्गा कहते हुए कपड़े पेहेन्के निकल पड़ा…ड्राइवर मेरा इंतेज़ार कर रहा था मैं गाड़ी मे बैठ गया और उसे बोला चलो और हम अगली वसूली करने निकल पड़े….
दिनभर मैं वसूली करते हुए बहुत सारे गाओ मे घूम के आया… सबो का एक ही नारा था कि फसल आनेपे पैसे दे देंगे… मैं 5 बजे तक गोदाम मे पहुच गया.. सेठ जी अभी वही थे.. मैने सब हक़ीकत उन्हे बता दी…. सेठ जी मुस्कुराए और बोले “ठीक है …. कोई बात नही … मैने तो तुम्हे इसलिए भेजा था कि तुम लोगो को जान सको पहचान सको.. क्यू कि अभी इन्ही लोगोसे तुम्हे कारोबार करना है….. ” सेठ जी थोड़ी देर मे हवेली की तरफ निकल गये…
मुझे कुछ हिसाब किताब करने को कह के… 6-6.30 बज चुके थे, दिन लंबा नही था… इसलिए अंधेरा जल्दी हो रहा था.. मैं गोदाम मे अकेला था… मेरा हिसाब किताब लगभग ख़तम होने को था… मैं उपर बैठा था उधर के बल्ब हमेशा ही जलते रहते थे… बाकी गोदाम मे कुछ कुछ कोनो मे बल्ब थे मतलब पूरा गोदाम प्रकाशित नही था….
तभी मुझे गोदाम के पिछले वाले बाजू का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई.. इसका मतलब कोई तो अंदर आ रहा था …कोई भी इरादा हो सकता था ..चोरी या और कोई… जैसे कि सबको पता था 6 बजे के बाद गोदाम मे कोई नही रहता… इस चीज़ का कोई तो शायद फ़ायदा उठा रहा था… ऐसा मुझे लग रहा था …. मुझे दरवाजा बंद होने की आवाज़ सुनाई दी…
मैं चुपकेसे नीचे उतरा… और अनाज से भरी बड़ी बड़ी बोरियोके पीछे से पिछले दरवाजे के पास वाली जगह जा पहुचा.. उधर से मुझे किसी आवाज़ की आहट हुई… मैं आवाज़ के थोड़ा नज़दीक गया… और बोरियो पीछे छिप गया… मैं जहाँ खड़ा था वहाँ अंधेरा था… मैं बोरियो पे चढ़ गया…. 20 से 40 बोरियाँ एक पे एक रखी थी… मैं चुपचाप उपर चढ़ के आवाज़ के नज़दीक पहुचा…. थोड़ा डर भी लग रहा था… समझ नही आ रहा था कि इधर क्या हो रहा है… हाथ मे पसीना आ रहा था… अब मैं जहाँ पहुचा उधर बल्ब लगा था और मैं जहाँ था वही से नीचे से बोरियोके बीच मे से आवाज़ आ रही थी..
मैने थोड़ी हिम्मत करके नीचे देखा… नीचे कोई और नही कल जिसने मेरा लंड मुँह मे लिया था वोही ताइजी का पति था…. गन्दू साला… पर मुझे समझ नही आ रहा था ये इस औरत के साथ जो उलटी खड़ी होने के कारण मैं देख नही पा रहा था… उसके साथ ये यहा क्या कर रहा है…
थोड़ी देर वो बाते करते रहे … मेरी धड़कन अभी शांत हुई आख़िर इस गन्दू से कौन डरनेवाला था… मैं इधर उधर करके देखा मुझे अंदाज़ा आ आ गया ये औरत दूसरी तीसरी कोई नही कॉंट्रॅक्टर बाबू की पत्नी है जिनको सब मैनी(माई) बुलाते है.. जब कल रात को हम खाना खा रहे थे तब ये भी वही थी….
पर ये यहाँ इस गन्दू के साथ क्या कर रही है..यही मुझे समझ नही आ रहा था… तभी वो थोड़ी तेज आवाज़ मे बात करने लगे और मैं सुनने लगा…
मैनी – पर इधर बुलाने की क्या ज़रूरत थी..
ताइजी का पति – ज़रूरत थी…. मेरा ये काम बस तुम कर सकती हो
मैनी – पर कैसा काम
ताइजी का पति – वोही काम
मैनी – वोही काम वोही कौनसा?
ताइजी का पति – जो मैने तुम्हे कुछ दिनो पहले बोला था
मैनी – वो काम मुझसे नही होगा… किसी को खबर लग गयी तो… नही बाबा नही नही…
ताइजी का पति – अरे नही किसी को पता नही लगेगी.. इसलिए तो तुम्हे यहाँ लेके आया हू…
मैनी – नही मैं पकड़ी गयी तो बहुत मुश्किल हो जाएगी
ताइजी का पति – अरे कुछ नही होगा…. अगर तुम मेरी ये बात नही मनोगी तो
मैं सेठ जी को तुम्हारी झोपड़ी वाली बात बता दूँगा
मैनी- अरे नही नही… ऐसा मत करना
ताइजी का पति – ठीक है तो मेरी बात मान जाओ जाना रंडी फिर
मैनी – पर तुम किसी को कुछ बताओगे तो नही ना..
ताइजी का पति – नही मेरी रानी… किसी को नही बताउन्गा…. तुम्हारे इन बिना ब्रा पहने आमो की कसम… जाओ तुम उस बोरी के पीछे खड़ी रहो जब मैं बुलाऊ.. तब आना…ठीक है……
मैं इस द्रुश्य को देख के दंग रह गया… आख़िर क्या चाहता था ताइजी का पति … कॉंट्रॅक्टर बाबू की पत्नी से…
गतान्क से आगे…………………………………….
मैने उसे 15 दिन मे फिरसे पैसे लेने आउन्गा कहते हुए कपड़े पेहेन्के निकल पड़ा…ड्राइवर मेरा इंतेज़ार कर रहा था मैं गाड़ी मे बैठ गया और उसे बोला चलो और हम अगली वसूली करने निकल पड़े….
दिनभर मैं वसूली करते हुए बहुत सारे गाओ मे घूम के आया… सबो का एक ही नारा था कि फसल आनेपे पैसे दे देंगे… मैं 5 बजे तक गोदाम मे पहुच गया.. सेठ जी अभी वही थे.. मैने सब हक़ीकत उन्हे बता दी…. सेठ जी मुस्कुराए और बोले “ठीक है …. कोई बात नही … मैने तो तुम्हे इसलिए भेजा था कि तुम लोगो को जान सको पहचान सको.. क्यू कि अभी इन्ही लोगोसे तुम्हे कारोबार करना है….. ” सेठ जी थोड़ी देर मे हवेली की तरफ निकल गये…
मुझे कुछ हिसाब किताब करने को कह के… 6-6.30 बज चुके थे, दिन लंबा नही था… इसलिए अंधेरा जल्दी हो रहा था.. मैं गोदाम मे अकेला था… मेरा हिसाब किताब लगभग ख़तम होने को था… मैं उपर बैठा था उधर के बल्ब हमेशा ही जलते रहते थे… बाकी गोदाम मे कुछ कुछ कोनो मे बल्ब थे मतलब पूरा गोदाम प्रकाशित नही था….
तभी मुझे गोदाम के पिछले वाले बाजू का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई.. इसका मतलब कोई तो अंदर आ रहा था …कोई भी इरादा हो सकता था ..चोरी या और कोई… जैसे कि सबको पता था 6 बजे के बाद गोदाम मे कोई नही रहता… इस चीज़ का कोई तो शायद फ़ायदा उठा रहा था… ऐसा मुझे लग रहा था …. मुझे दरवाजा बंद होने की आवाज़ सुनाई दी…
मैं चुपकेसे नीचे उतरा… और अनाज से भरी बड़ी बड़ी बोरियोके पीछे से पिछले दरवाजे के पास वाली जगह जा पहुचा.. उधर से मुझे किसी आवाज़ की आहट हुई… मैं आवाज़ के थोड़ा नज़दीक गया… और बोरियो पीछे छिप गया… मैं जहाँ खड़ा था वहाँ अंधेरा था… मैं बोरियो पे चढ़ गया…. 20 से 40 बोरियाँ एक पे एक रखी थी… मैं चुपचाप उपर चढ़ के आवाज़ के नज़दीक पहुचा…. थोड़ा डर भी लग रहा था… समझ नही आ रहा था कि इधर क्या हो रहा है… हाथ मे पसीना आ रहा था… अब मैं जहाँ पहुचा उधर बल्ब लगा था और मैं जहाँ था वही से नीचे से बोरियोके बीच मे से आवाज़ आ रही थी..
मैने थोड़ी हिम्मत करके नीचे देखा… नीचे कोई और नही कल जिसने मेरा लंड मुँह मे लिया था वोही ताइजी का पति था…. गन्दू साला… पर मुझे समझ नही आ रहा था ये इस औरत के साथ जो उलटी खड़ी होने के कारण मैं देख नही पा रहा था… उसके साथ ये यहा क्या कर रहा है…
थोड़ी देर वो बाते करते रहे … मेरी धड़कन अभी शांत हुई आख़िर इस गन्दू से कौन डरनेवाला था… मैं इधर उधर करके देखा मुझे अंदाज़ा आ आ गया ये औरत दूसरी तीसरी कोई नही कॉंट्रॅक्टर बाबू की पत्नी है जिनको सब मैनी(माई) बुलाते है.. जब कल रात को हम खाना खा रहे थे तब ये भी वही थी….
पर ये यहाँ इस गन्दू के साथ क्या कर रही है..यही मुझे समझ नही आ रहा था… तभी वो थोड़ी तेज आवाज़ मे बात करने लगे और मैं सुनने लगा…
मैनी – पर इधर बुलाने की क्या ज़रूरत थी..
ताइजी का पति – ज़रूरत थी…. मेरा ये काम बस तुम कर सकती हो
मैनी – पर कैसा काम
ताइजी का पति – वोही काम
मैनी – वोही काम वोही कौनसा?
ताइजी का पति – जो मैने तुम्हे कुछ दिनो पहले बोला था
मैनी – वो काम मुझसे नही होगा… किसी को खबर लग गयी तो… नही बाबा नही नही…
ताइजी का पति – अरे नही किसी को पता नही लगेगी.. इसलिए तो तुम्हे यहाँ लेके आया हू…
मैनी – नही मैं पकड़ी गयी तो बहुत मुश्किल हो जाएगी
ताइजी का पति – अरे कुछ नही होगा…. अगर तुम मेरी ये बात नही मनोगी तो
मैं सेठ जी को तुम्हारी झोपड़ी वाली बात बता दूँगा
मैनी- अरे नही नही… ऐसा मत करना
ताइजी का पति – ठीक है तो मेरी बात मान जाओ जाना रंडी फिर
मैनी – पर तुम किसी को कुछ बताओगे तो नही ना..
ताइजी का पति – नही मेरी रानी… किसी को नही बताउन्गा…. तुम्हारे इन बिना ब्रा पहने आमो की कसम… जाओ तुम उस बोरी के पीछे खड़ी रहो जब मैं बुलाऊ.. तब आना…ठीक है……
मैं इस द्रुश्य को देख के दंग रह गया… आख़िर क्या चाहता था ताइजी का पति … कॉंट्रॅक्टर बाबू की पत्नी से…