[size=large][size=large]निदा को अंदाज़ा हो गया था कि उसकी सब दोस्त भी वोही करना चाहती हैं जो उस मूवी में हो रहा था। लेकिन मूवी में तो कुछ और ही चल रहा था, उसमें एक लड़की दूसरी लड़की की गान्ड के छेद में अनल-प्लग घुसाकर उसकी चूत में रब्बर का लंड (डिल्डो) डाल रही थी। निशी की चुचियाँ निदा की चुचियों से ज्यादा बड़ी थीं और बहुत मज़े से हिल रही थीं। जबकि निदा की चुचियों का साइज़ तो नेचुरली अच्छा था लेकिन वो कुछ सख्त थीं। निशी ने निदा से कहा कि वो सोफे पर चले उसके साथ, जहाँ जाते ही निशी ने निदा की चूत पे हाथ रखकर उसकी बेल्ट वाली शलवार का नाड़ा खोलना शुरू कर दिया।
ये सब इतनी तेज़ी से हो रहा था कि निदा समझ ही ना पाई कि उसे किस तरह रेस्पान्स करना है। निदा लेटी रही ये सोच करके कि जो भी हो, कम से कम ये लड़कियाँ उसे चोद तो नहीं सकतीं। निशी ने जैसे ही निदा की शलवार उतारने के बाद उसकी टांगें खोलकर उसकी चूत की तरफ देखा तो उत्तेजना में उसके मुँह से एक चीख सी निकल गई। और उसने फौरन दूसरी दोस्तों की तरफ देखकर कहा-“वावूओ क्या चूत है यार… अरी कमीनी तुमने तो गोरियों को भी मात दे दी, इतनी साफ सूथरी, गोरी चिट्टी और गुलाबी होंठ, चूत के आस-पास और नीचे तो बालों का नाम-ओ-निशान तक नहीं, सिर्फ़ ऊपर के हिस्से में ही बाल हैं, जो इत्तेफाक से निदा ने साफ कर रखे थे, क्योंकी वो सफाई के मामले में कुछ ज्यादा है सेन्स्टिव थी।
निदा की एक फ्रेंड बोली-“निदा की बच्ची, तुम्हें देखने वाला हर लड़का तुम्हें रोज ख्वाब में तो जरूर चोदता होगा, लेकिन कशम खुदा की अगर वो तुम्हें एक मर्तवा नंगी देख ले तो उसकी तो रातों की नींद ही उड़ जाये…”
निदा के लिये ये सब बहुत ज्यादा हैरतअंगेज था कि उसने अपनी जिश्मानी खूबसूरती की इससे ज्यादा तारीफ कभी नहीं सुनी थी। सोबिया ने उसे कई बार नंगा देखा था लेकिन उसकी बहन ने कभी इस तरह तारीफ नहीं की उसकी। निदा के सेक्सुअल जज़्बात उस वक़्त भड़क चुके थे।
निशी ने उसकी चूत के बिल्कुल बीच से जब नीचे से ऊपर की तरफ उंगली फेरी तो उसकी उंगली निदा की चूत के दोनों होंठों को चीरती हुई ऊपर को आकर बाहर निकल गई। निदा की नज़र निशी की उभरी हुई चुचियों की तरफ थी और उसके दिल में ये ख्वाहिश जनम ले रही थी कि काश उसकी चुचियाँ भी इसी तरह बड़ी-बड़ी होतीं जैसी निशी और बाजी की हैं।
निदा की दो दोस्त इस वक़्त उसके साथ चिपकी ही थीं, तीसरी शर्ट उतारकर सोफा पे बैठी मज़े से वाइन की चुस्कियाँ ले रही थी, जबकी चौथी सोफा पर लेटी मूवी देख रही थी। निदा की दोस्त उसके साथ जो भी कर रही थीं, उसके लिये उन्हें निदा से पर्मीशन लेने की ज़रूरत हरगिज़ महसूस नहीं हो रही थी। निशी निदा की टाँगों के बीच बैठी आराम-आराम से उसकी चूत पे उंगलियाँ फेर रही थी, जबकि दूसरी दोस्त होंठों में अपने होंठ दिए शर्ट के अंदर अपना हाथ घुसा चुकी थी।
इतनी क्रुशियल सिचुयेशन में भी निदा को याद था कि उसने ब्रा बहुत साधारण किश्म की और सस्ती वाली पहनी हुई है। निदा को ये लगता था कि कहीं सब दोस्त उसकी ब्रा देखकर मज़ाक ना उड़ायें, इसीलिये वो फौरन उठी और अपना पर्स लेकर टाय्लेट की तरफ चली गई और टाय्लेट में अपनी ब्रा उतारकर पर्स में नीचे की तरफ डाल दी, ताकी किसी को नज़र ना आए। वाशरूम के शीशे में निदा ने जब अपना चेहरा देखा तो उसका रंग रूप ही बिल्कुल बदला हुआ था। वो खुद को बहुत अलग महसूस कर रही थी।[/size][/size]