hotaks444
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इधर बारिश की बूँदें ..... दोनो प्रेमियों को एक अलग ही महॉल का अहसास करवा रही थी ... और दोनो एक दूसरे मे डूबते हुए ... कस कर एक दूसरे को गले से लगा लिया .... महॉल ... जैसे सुरमई हो चला था .... और बढ़ी धड़कने सिर्फ़ इस पहल का इंतज़ार कर रही थी, कि अब इज़हार-ए मोहब्बत हो जाएगा.....
रीति बड़ी नज़ाकत से.... छोड़ो भी प्लीज़, वासू कहीं से देख रही होगी...
नानउ..... अन्न्ण.णन् हााअ, हम चिपकू आशिक़ हैं मेडम .... ऐसे नही छोड़ते....
रीति को शरारत सूझी, और वो नेनू के कान मे कही, "अर्रे पिछे देखो, वही लोग खड़े हैं जो रेस्टोरेंट मे थे आप के साथ थे"
नेनू झट से रीति को छोड़ता, पिछे देखने लगा... पीछे मूड कर जब देखा तो कोई नही था, और जब आगे मुड़ा तो, रीति दूर खड़ी हंस रही थी.....
नेनू..... "तुम भी नाआआआ" .... और इतना बोल कर दोनो हँसने लगे. हँसते-हँसते दोनो एक दूसरे को देखे, और हँसते हुए ही खामोश हो गये .... खामोशी एक बार फिर दोनो के बीच छाइ रही, पर धडकनो की हलचल सॉफ सुनी जा सकती थी....
नेनू दो उंगलियों के इशारे से रीति की आँख पर दिखाया... और फिर उंगलियों को रास्ते पर दिखाने लगा. रीति अपने ललाट को उपर सरकाती सवालिया नज़रों से पुच्छने लगी, "क्या करने वाले हो"
नेनू, रीति को देखते हुए, अपने बाहें फैलाए सड़क पर निकल गया.... बारिश बहुत तेज हो रही थी, और नैन दोनो बाहें फैलाए, रीति को ही देखते अपने कदम पिछे बढ़ाने लगा... रीति भी मुस्कुराती बस नैन को ही देख रही थी.
नैन ने फिर अपनी उंगलियों का इशारा कर के ... अपनी ओर ध्यान देने के लिए कहा.... रीति मुस्कुराती बस हां मे गर्दन हिलाई. रीति के हां का इशारा होते हे नैन अपने एक पाँव पर पूरा गोल घूम गया, घुटनो पर बैठ कर ... अपने दोनो बाहें फैला ..... ज़ोर से चिल्लाते हुए कहने लगा ....
"रीतीईईईई ..... आइ लव यू कूटी.... क्या तुम मेरी स्युलमेट बनोगी"
रीति, नेनू की बात सुन कर खिल-खिला कर हंस दी, पर वो हाथों से कान पर इशारा कर के बताने लगी, "क्या कहा सुनाई नही दिया"
नेनू मुस्कुराता हुआ फिर से ज़ोर से कहने लगा........ "बेबी आइ लव यू"
रीति इस बार भी ना सुन'ने का इशारा करने लगी. नेनू ज़ोर से मुस्कुराया और अपनी आँखे बंद करता, इस बार जितना ज़ोर लगा सकता था, उतनी ज़ोर से कहने लगा..........
"बेबी ..... आईईईईईईईईईईईईईईई.... लॉवीईईईई..... युवूयूवूऊयूयुयूवयू. और इस बार ना सुनी ना .... तो मैं सोना को जाकर प्रपोज कर दूँगा, वैसे भी वो मरी जा रही है ये सुन'ने के लिए"
नेनू, आँख मूंद कर आइ लव यू तो पूरी ताक़त से बोला, पर आखरी के लाइन थोड़ा धीरे से बोला, ताकि वो सुन ना सके.... पर जब अपना डाइलॉग बोल कर आँखें खोला तो रीति उसके बिल्कुल पास 5 इंच के फ़ासले पर खड़ी थी.....
रीति को देख कर नेनू ने अपना हाथ अपने सिर पर रख कर ..... "ईए, उूओ, बात दरअसल .. ये है कि.. तुम समझ रही हो ना रीति"
रीति घुरती हुई नेनू को देखी .. और "हुहम" करती कहने लगी..... "तो जाओ अपने उस सोना के पास, मुझे क्या करना... मैं भी चली... बयईईई"
नेनू..... आररीईईई, तुम ना सुन'ने का नाटक कर रही थी, तो मैने भी धीरे से वो बात बोल दिया... अब मुझे क्या पता था, तुम यहीं पास खड़ी हो....
रीति.... मतलब मैं जब नही रहूंगी, तो मेरे पिछे कुच्छ भी करोगे कुच्छ भी कहोगे... हुहह..
गुस्से मे आगे मूड गयी रीति, और आगे मूड कर मुस्कुराने लगी ....
"आअन्ह्ह्ह्ह्ह, सच ही कहते हैं लोग, इन लड़कियों मे ना ,अकल नाम की चीज़ हे नही होती. हर बात की तह तक जाना, हर बात का उल्टा ही मतलब निकालना... लो बड़ी मुश्किल से तो अभी मानी थी, अभी फिर नाराज़ हो गयी"..... नेनू अपने मन मे विचारता... अपनी जगह से उठा और .. रीति के पिछे-पिछे चल दिया ......
"ऐसा भी क्या गुस्से मेरे सरताज, ज़रा अपने कदम रोक कर, इस गुलाम की इलतज़ा भी तो सुनती जाइए"
रीति..... आप कौन, क्या मैं आप को जानती हूँ... नही जानती मैं आप को. प्लीज़ मुझे तंग मत कीजिए, मैं बारिश मे भींग गयी हूँ, मुझे हॉस्टिल जल्दी पहुचना है ....
बिना मुड़े, काफ़ी गंभीरता से अपनी बात कह कर, रीति मुस्कुराती हुई आगे चलती रही.... नैन भी सोचने लगा .... "आज मेडम लगता है मनवाने के मूड से है... अच्छा अभी मनाता हूँ"
हमसे रहोगे क्या हमेशा खफा, माफ़ भी करदो जाना
मान तो ली है हमने अपनी खता, माफ़ भी करदो जाना
देखो यह गुस्सा छोड़ो, अब तुम यह किस्सा छोड़ो
हम हैं शर्मिंदा ग़लती होगी ना आइन्दा
रीति मुस्कुराती बिना कोई प्रतिक्रिया दिए चली जा रही थी. नैन दौड़ कर रीति के आगे हुआ.... और उसका हाथ पकड़ कर उसका रास्ता रोक लिया.... दोनो सड़क के बीच खड़े, बारिश की तेज बूँदें दोनो के उपर गिरती हुई, और दोनो एक दूसरे को देख रहे थे....
नैन ने जब रीति का हाथ पकड़ा... तो रीति थोड़ी इतराती हुई कहने लगी...... "आए मिस्टर. मेरा हाथ क्यों पकड़े हुए हो, दम क्या एक रफ़्ता"
नेनू ने एक नज़र रीति को उपर से नीचे तक देखा, उसका हाथ छोड़ते हुए ... कहने लगा .... "आहह, एक दम मक्खन, बिकुल चिकनी और पिघली हुई"
रीति.... व्हाट रब्बिश, ये तुम क्या बकवास कर रहे हो....
नानउ, बिल्कुल टपोरियों की तरह, अपने होँठो पर जीभ फिराते हुए...... "आहह मेरी छम्मक-छल्लो, तेरा गुस्सा तो उफफफफ्फ़ .... उपर की बिजली से भी कड़क और सॉलिड है...
रीति हँसती हुई..... "सुनो ओये... तुम मेरे होने वाले हब्बी को नही जानते, उसका गुस्सा इस से भी ज़्यादा सॉलिड और कड़क है. उसका एक हाथ पड़ा ना.. तो दुनिया से उठ जाओगे".
नेनू..... अर्रे बाप रे, डर से कप-कप्पि आने लगी, क्या तुम्हारा होने वाला हब्बी दा ग्रेट खाली है क्या....
रीति.... खाली.. हुहह .. खाली नही, खलबली ला देते हैं वो. वो इस सहर के एसपी मिस्टर. नैन हैं.
नेनू.... अच्छा, ऐसा क्या..... मुझे लगा कोई भोन्दु है...
रीति.... खबरदार जो एक शब्द भी उनके लिए उल्टा कहा तो, एक दूँगी हां, कहे देती हूँ.
रीति का एक्सप्रेशन देख नेनू ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा, नेनू को हँसता देख, रीति से भी ना रहा गया, वो भी अपनी अंग्री एक्सप्रेशन को भूल कर हँसने लगी. दोनो हँसते हुए एक दूसरे को देख रहे थे. नैन ने अपने दोनो हाथ रीति के कंधे पर डाल कर... उसके आँखों मे झाँकते हुए कहने लगा ....
"बेबी आइ लव यू.... क्या मेरे लिए भी तुम्हारे दिल मे कुच्छ-कुच्छ है"
रीति.... नही जी बिल्कुल नही, मेरे दिल मे आप के लिए कुच्छ-कुच्छ नही बहुत कुच्छ है ...
नैन मुस्कुराता हुआ कहने लगा.... जानती हो जब मैने तुम्हे पहली बार देखा था, तो पता नही क्या हुआ, पर मेरे दिल की धड़कने काफ़ी तेज हो गयी थी. तुम्हे देख कर ये खुद-व-खुद धड़कने लगता है.
रीति.... ह्म्म्म्म ममम
नैन.... तुम बहुत हे प्यारी और मासूम हो रीति, बिल्कुल मेरे खाओं की सहज़ादी जैसी. जानती हो जब तुम गुस्से मे होती हो ना, तो मुझे कुच्छ भी अच्छा नही लगता, हर चीज़ काटने को दौड़ता है.
रीति.... ह्म्म्म्म म
नैन..... मैं ना रोज तुम्हे, अपने घर की बाल्कनी से देखता हूँ. नज़रें बस तुम्हारे कमरे के दरवाजे पर टक-टकी लगाए ही रहती है... कब आएगी, कब आएगी ...... कूटी कब आएगी.
रीति.... सच मे... पर मैने तो आप को कभी नही देखा...
नैन.... साची बेबी, मैं रोज ऐसा ही करता हूँ. तुम मुझे नही देख सकती ना... तुम्हारे हॉस्टिल के ठीक सामने जब तुम नज़र दोगि, तो पार्क के उस पार कयि बिल्डिंग्स है, उसी मे से एक मे मैं रहता हूँ... और तुम्हे रोज दूरबीन से देखते रहता हूँ....
रीति अपनी आँखें बड़ी करती पुच्छने लगी..... "क्या आप मेरी जासूसी करते हो"
नैन.... अर्रे, तुम भी क्या से क्या सोच लेती हो बेबी, मैं तो बस ये कह रहा था, तुम्हे देखे बिना मुझे बिल्कुल भी चैन नही आता.... जब तुम बात नही करती थी तो मैं बिल्कुल बेचैन हो जाता था. आइ आम सॉरी बेबी, मज़ाक मज़ाक मे तुम से बहुत झूठ बोला और तुम्हे काफ़ी रुलाया भी.
रीति.... ह्म्म्मॉ ! कोई बात नही....
नैन.... हे.. सिर्फ़ मैं ही बोले जा रहा हूँ, तुम भी तो कुच्छ बोलो ना रीति...
रीति.... जी मुझे अच्छा लग रहा है आप को सुन'ना... जी करता है बस आप यूँ ही कहते रहें, और मैं सुनती रहूं....
दोनो के चहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान फैल गयी. रीति भी अपनी बाहें, नैन के गले मे डाल उसे देखने लगी. दोनो सड़क के बीच, बाहों मे बाहें डाल बस एक दूसरे को देख रहे थे.
उतने मे एक तेज गाड़ी उनके पास से गुज़री, जिसका पहिया गड्ढे मे पड़ा... और नीचे ज़मीन का गंदा पानी जो गड्ढे मे जमा था, उसके च्चीटे दोनो के पूरे बदन से लेकर चेहरे तक पड़ा...
रीति.... यक्कक क्या था यीई
नैन.... अब उसे जाने दो, इधर भी तो थोड़ा गौर फरमाइए...
दोनो अब बाहों मे बाहें डाल, एक दूसरे की आँखों मे देखते हुए, अपने कदम हल्के-हल्के थिरकते हुए... गोल गोल घूमने लगे.....
रीति..... अच्छा जी... और क्या गौर फरमाने हैं मुझे, मेरे डफर के लिए...
नैन..... रीति... रीति....
रीति.... हान्न्न ... कहो ना....
नैन.... रीति, मैं इंतज़ार कर रहा हूँ बेबी....
रीति..... किस बात का जान, आप इंतज़ार किस चीज़ का कर रहे हो....
नैन..... रीतीईईईई ... अब कह भी दो नाआआ
रीति..... ह्म्म्मई, क्या मुझे कुच्छ कहना था जी....
नैन..... हां बेबी, वेटिंग नाआ... कान तरस गये सुन'ने के लिए... अब कह भी दो..
रीति.... मुझ से बोला नही जाएगा, मेरा दिल धड़क रहा है.....
नैन..... प्लीज़ बेबी... प्लीज़ .. प्लीज़... प्लीज़ .. कह दो नाआ...
रीति.... ह्म्म्मी ! पर आप अपनी आँखे बंद करो ना.... नही तो मैं नही बोल पाउन्गा..
नैन ने अपनी आँखें बड़ी करते .... "ह्म्म्मप अब कह भी दो ना"....
रीति... कहीं, आँखें बंद करो तो और बरी कर लिए, अब प्लीज़ बंद भी करो ना, नही तो मैं नही कह पाउन्गी.
नैन ने अपनी आँखें बंद कर लिया.. और मुस्कान के साथ घूमता रहा. रीति बड़े प्यार से उसके चेहरे को देखती रही. अपना एक हाथ उसके कंधे से हटा कर, नैन के चेहरे पर फिराने लगी, बड़े प्यार से देखती हुई, धीरे से अपने होठ उसके पास ले गयी, और नैन को होंठ को छुति, अपने होठ हटा लिए.
नैन अपनी आँखें मुन्दे ही अपने सिर को घूमाते हुए कहने लगा.... "ऐसे ही तुम क्या रोज मुझे कहने वाली हो... ओूऊऊओ वूऊओ.... उूओ हूऊऊ"
रीति शरमाती बस .... "हॅट्ट" कही ... और दोनो मुकुराते अपने कदम गोल-गोल घूमाते रहे..... "भववववववववव" तेज आवाज़ और दोनो के कंधे पर वासू का हाथ....
रीति तेज-तेज ससों को सामान्य करती हुई.... "वासूउउउ डरा ही दिया आप ने तो"
वासू.... नेनू, रीति ... मैं तुम दोनो के लिए बहुत खुश हूँ ... पर अब जाने का टाइम... टन-ट्रंन्न्
नैन.... वासूउउ, आज भी .... कुच्छ देर तो और साथ रहने दो ना प्लीज़...
रीति.... हां वासूउउ.. प्लीज़....
वासू.... हटो... हटो दोनो .... चलूऊ ... और एसपी साहब, जा कर कुच्छ काम भी कर लीजिए, और हमे अभी हॉस्टिल जाना है...... सूओ हमे भी जाने दीजिए... और दोनो कुच्छ तो समझदारी का सबूत दीजिए..
नैन.... ह्म्म्मू ! ठीक है वासू... चलो तुम दोनो को मैं हॉस्टिल तक छोड़ आता हूँ.
रीति बड़ी नज़ाकत से.... छोड़ो भी प्लीज़, वासू कहीं से देख रही होगी...
नानउ..... अन्न्ण.णन् हााअ, हम चिपकू आशिक़ हैं मेडम .... ऐसे नही छोड़ते....
रीति को शरारत सूझी, और वो नेनू के कान मे कही, "अर्रे पिछे देखो, वही लोग खड़े हैं जो रेस्टोरेंट मे थे आप के साथ थे"
नेनू झट से रीति को छोड़ता, पिछे देखने लगा... पीछे मूड कर जब देखा तो कोई नही था, और जब आगे मुड़ा तो, रीति दूर खड़ी हंस रही थी.....
नेनू..... "तुम भी नाआआआ" .... और इतना बोल कर दोनो हँसने लगे. हँसते-हँसते दोनो एक दूसरे को देखे, और हँसते हुए ही खामोश हो गये .... खामोशी एक बार फिर दोनो के बीच छाइ रही, पर धडकनो की हलचल सॉफ सुनी जा सकती थी....
नेनू दो उंगलियों के इशारे से रीति की आँख पर दिखाया... और फिर उंगलियों को रास्ते पर दिखाने लगा. रीति अपने ललाट को उपर सरकाती सवालिया नज़रों से पुच्छने लगी, "क्या करने वाले हो"
नेनू, रीति को देखते हुए, अपने बाहें फैलाए सड़क पर निकल गया.... बारिश बहुत तेज हो रही थी, और नैन दोनो बाहें फैलाए, रीति को ही देखते अपने कदम पिछे बढ़ाने लगा... रीति भी मुस्कुराती बस नैन को ही देख रही थी.
नैन ने फिर अपनी उंगलियों का इशारा कर के ... अपनी ओर ध्यान देने के लिए कहा.... रीति मुस्कुराती बस हां मे गर्दन हिलाई. रीति के हां का इशारा होते हे नैन अपने एक पाँव पर पूरा गोल घूम गया, घुटनो पर बैठ कर ... अपने दोनो बाहें फैला ..... ज़ोर से चिल्लाते हुए कहने लगा ....
"रीतीईईईई ..... आइ लव यू कूटी.... क्या तुम मेरी स्युलमेट बनोगी"
रीति, नेनू की बात सुन कर खिल-खिला कर हंस दी, पर वो हाथों से कान पर इशारा कर के बताने लगी, "क्या कहा सुनाई नही दिया"
नेनू मुस्कुराता हुआ फिर से ज़ोर से कहने लगा........ "बेबी आइ लव यू"
रीति इस बार भी ना सुन'ने का इशारा करने लगी. नेनू ज़ोर से मुस्कुराया और अपनी आँखे बंद करता, इस बार जितना ज़ोर लगा सकता था, उतनी ज़ोर से कहने लगा..........
"बेबी ..... आईईईईईईईईईईईईईईई.... लॉवीईईईई..... युवूयूवूऊयूयुयूवयू. और इस बार ना सुनी ना .... तो मैं सोना को जाकर प्रपोज कर दूँगा, वैसे भी वो मरी जा रही है ये सुन'ने के लिए"
नेनू, आँख मूंद कर आइ लव यू तो पूरी ताक़त से बोला, पर आखरी के लाइन थोड़ा धीरे से बोला, ताकि वो सुन ना सके.... पर जब अपना डाइलॉग बोल कर आँखें खोला तो रीति उसके बिल्कुल पास 5 इंच के फ़ासले पर खड़ी थी.....
रीति को देख कर नेनू ने अपना हाथ अपने सिर पर रख कर ..... "ईए, उूओ, बात दरअसल .. ये है कि.. तुम समझ रही हो ना रीति"
रीति घुरती हुई नेनू को देखी .. और "हुहम" करती कहने लगी..... "तो जाओ अपने उस सोना के पास, मुझे क्या करना... मैं भी चली... बयईईई"
नेनू..... आररीईईई, तुम ना सुन'ने का नाटक कर रही थी, तो मैने भी धीरे से वो बात बोल दिया... अब मुझे क्या पता था, तुम यहीं पास खड़ी हो....
रीति.... मतलब मैं जब नही रहूंगी, तो मेरे पिछे कुच्छ भी करोगे कुच्छ भी कहोगे... हुहह..
गुस्से मे आगे मूड गयी रीति, और आगे मूड कर मुस्कुराने लगी ....
"आअन्ह्ह्ह्ह्ह, सच ही कहते हैं लोग, इन लड़कियों मे ना ,अकल नाम की चीज़ हे नही होती. हर बात की तह तक जाना, हर बात का उल्टा ही मतलब निकालना... लो बड़ी मुश्किल से तो अभी मानी थी, अभी फिर नाराज़ हो गयी"..... नेनू अपने मन मे विचारता... अपनी जगह से उठा और .. रीति के पिछे-पिछे चल दिया ......
"ऐसा भी क्या गुस्से मेरे सरताज, ज़रा अपने कदम रोक कर, इस गुलाम की इलतज़ा भी तो सुनती जाइए"
रीति..... आप कौन, क्या मैं आप को जानती हूँ... नही जानती मैं आप को. प्लीज़ मुझे तंग मत कीजिए, मैं बारिश मे भींग गयी हूँ, मुझे हॉस्टिल जल्दी पहुचना है ....
बिना मुड़े, काफ़ी गंभीरता से अपनी बात कह कर, रीति मुस्कुराती हुई आगे चलती रही.... नैन भी सोचने लगा .... "आज मेडम लगता है मनवाने के मूड से है... अच्छा अभी मनाता हूँ"
हमसे रहोगे क्या हमेशा खफा, माफ़ भी करदो जाना
मान तो ली है हमने अपनी खता, माफ़ भी करदो जाना
देखो यह गुस्सा छोड़ो, अब तुम यह किस्सा छोड़ो
हम हैं शर्मिंदा ग़लती होगी ना आइन्दा
रीति मुस्कुराती बिना कोई प्रतिक्रिया दिए चली जा रही थी. नैन दौड़ कर रीति के आगे हुआ.... और उसका हाथ पकड़ कर उसका रास्ता रोक लिया.... दोनो सड़क के बीच खड़े, बारिश की तेज बूँदें दोनो के उपर गिरती हुई, और दोनो एक दूसरे को देख रहे थे....
नैन ने जब रीति का हाथ पकड़ा... तो रीति थोड़ी इतराती हुई कहने लगी...... "आए मिस्टर. मेरा हाथ क्यों पकड़े हुए हो, दम क्या एक रफ़्ता"
नेनू ने एक नज़र रीति को उपर से नीचे तक देखा, उसका हाथ छोड़ते हुए ... कहने लगा .... "आहह, एक दम मक्खन, बिकुल चिकनी और पिघली हुई"
रीति.... व्हाट रब्बिश, ये तुम क्या बकवास कर रहे हो....
नानउ, बिल्कुल टपोरियों की तरह, अपने होँठो पर जीभ फिराते हुए...... "आहह मेरी छम्मक-छल्लो, तेरा गुस्सा तो उफफफफ्फ़ .... उपर की बिजली से भी कड़क और सॉलिड है...
रीति हँसती हुई..... "सुनो ओये... तुम मेरे होने वाले हब्बी को नही जानते, उसका गुस्सा इस से भी ज़्यादा सॉलिड और कड़क है. उसका एक हाथ पड़ा ना.. तो दुनिया से उठ जाओगे".
नेनू..... अर्रे बाप रे, डर से कप-कप्पि आने लगी, क्या तुम्हारा होने वाला हब्बी दा ग्रेट खाली है क्या....
रीति.... खाली.. हुहह .. खाली नही, खलबली ला देते हैं वो. वो इस सहर के एसपी मिस्टर. नैन हैं.
नेनू.... अच्छा, ऐसा क्या..... मुझे लगा कोई भोन्दु है...
रीति.... खबरदार जो एक शब्द भी उनके लिए उल्टा कहा तो, एक दूँगी हां, कहे देती हूँ.
रीति का एक्सप्रेशन देख नेनू ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा, नेनू को हँसता देख, रीति से भी ना रहा गया, वो भी अपनी अंग्री एक्सप्रेशन को भूल कर हँसने लगी. दोनो हँसते हुए एक दूसरे को देख रहे थे. नैन ने अपने दोनो हाथ रीति के कंधे पर डाल कर... उसके आँखों मे झाँकते हुए कहने लगा ....
"बेबी आइ लव यू.... क्या मेरे लिए भी तुम्हारे दिल मे कुच्छ-कुच्छ है"
रीति.... नही जी बिल्कुल नही, मेरे दिल मे आप के लिए कुच्छ-कुच्छ नही बहुत कुच्छ है ...
नैन मुस्कुराता हुआ कहने लगा.... जानती हो जब मैने तुम्हे पहली बार देखा था, तो पता नही क्या हुआ, पर मेरे दिल की धड़कने काफ़ी तेज हो गयी थी. तुम्हे देख कर ये खुद-व-खुद धड़कने लगता है.
रीति.... ह्म्म्म्म ममम
नैन.... तुम बहुत हे प्यारी और मासूम हो रीति, बिल्कुल मेरे खाओं की सहज़ादी जैसी. जानती हो जब तुम गुस्से मे होती हो ना, तो मुझे कुच्छ भी अच्छा नही लगता, हर चीज़ काटने को दौड़ता है.
रीति.... ह्म्म्म्म म
नैन..... मैं ना रोज तुम्हे, अपने घर की बाल्कनी से देखता हूँ. नज़रें बस तुम्हारे कमरे के दरवाजे पर टक-टकी लगाए ही रहती है... कब आएगी, कब आएगी ...... कूटी कब आएगी.
रीति.... सच मे... पर मैने तो आप को कभी नही देखा...
नैन.... साची बेबी, मैं रोज ऐसा ही करता हूँ. तुम मुझे नही देख सकती ना... तुम्हारे हॉस्टिल के ठीक सामने जब तुम नज़र दोगि, तो पार्क के उस पार कयि बिल्डिंग्स है, उसी मे से एक मे मैं रहता हूँ... और तुम्हे रोज दूरबीन से देखते रहता हूँ....
रीति अपनी आँखें बड़ी करती पुच्छने लगी..... "क्या आप मेरी जासूसी करते हो"
नैन.... अर्रे, तुम भी क्या से क्या सोच लेती हो बेबी, मैं तो बस ये कह रहा था, तुम्हे देखे बिना मुझे बिल्कुल भी चैन नही आता.... जब तुम बात नही करती थी तो मैं बिल्कुल बेचैन हो जाता था. आइ आम सॉरी बेबी, मज़ाक मज़ाक मे तुम से बहुत झूठ बोला और तुम्हे काफ़ी रुलाया भी.
रीति.... ह्म्म्मॉ ! कोई बात नही....
नैन.... हे.. सिर्फ़ मैं ही बोले जा रहा हूँ, तुम भी तो कुच्छ बोलो ना रीति...
रीति.... जी मुझे अच्छा लग रहा है आप को सुन'ना... जी करता है बस आप यूँ ही कहते रहें, और मैं सुनती रहूं....
दोनो के चहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान फैल गयी. रीति भी अपनी बाहें, नैन के गले मे डाल उसे देखने लगी. दोनो सड़क के बीच, बाहों मे बाहें डाल बस एक दूसरे को देख रहे थे.
उतने मे एक तेज गाड़ी उनके पास से गुज़री, जिसका पहिया गड्ढे मे पड़ा... और नीचे ज़मीन का गंदा पानी जो गड्ढे मे जमा था, उसके च्चीटे दोनो के पूरे बदन से लेकर चेहरे तक पड़ा...
रीति.... यक्कक क्या था यीई
नैन.... अब उसे जाने दो, इधर भी तो थोड़ा गौर फरमाइए...
दोनो अब बाहों मे बाहें डाल, एक दूसरे की आँखों मे देखते हुए, अपने कदम हल्के-हल्के थिरकते हुए... गोल गोल घूमने लगे.....
रीति..... अच्छा जी... और क्या गौर फरमाने हैं मुझे, मेरे डफर के लिए...
नैन..... रीति... रीति....
रीति.... हान्न्न ... कहो ना....
नैन.... रीति, मैं इंतज़ार कर रहा हूँ बेबी....
रीति..... किस बात का जान, आप इंतज़ार किस चीज़ का कर रहे हो....
नैन..... रीतीईईईई ... अब कह भी दो नाआआ
रीति..... ह्म्म्मई, क्या मुझे कुच्छ कहना था जी....
नैन..... हां बेबी, वेटिंग नाआ... कान तरस गये सुन'ने के लिए... अब कह भी दो..
रीति.... मुझ से बोला नही जाएगा, मेरा दिल धड़क रहा है.....
नैन..... प्लीज़ बेबी... प्लीज़ .. प्लीज़... प्लीज़ .. कह दो नाआ...
रीति.... ह्म्म्मी ! पर आप अपनी आँखे बंद करो ना.... नही तो मैं नही बोल पाउन्गा..
नैन ने अपनी आँखें बड़ी करते .... "ह्म्म्मप अब कह भी दो ना"....
रीति... कहीं, आँखें बंद करो तो और बरी कर लिए, अब प्लीज़ बंद भी करो ना, नही तो मैं नही कह पाउन्गी.
नैन ने अपनी आँखें बंद कर लिया.. और मुस्कान के साथ घूमता रहा. रीति बड़े प्यार से उसके चेहरे को देखती रही. अपना एक हाथ उसके कंधे से हटा कर, नैन के चेहरे पर फिराने लगी, बड़े प्यार से देखती हुई, धीरे से अपने होठ उसके पास ले गयी, और नैन को होंठ को छुति, अपने होठ हटा लिए.
नैन अपनी आँखें मुन्दे ही अपने सिर को घूमाते हुए कहने लगा.... "ऐसे ही तुम क्या रोज मुझे कहने वाली हो... ओूऊऊओ वूऊओ.... उूओ हूऊऊ"
रीति शरमाती बस .... "हॅट्ट" कही ... और दोनो मुकुराते अपने कदम गोल-गोल घूमाते रहे..... "भववववववववव" तेज आवाज़ और दोनो के कंधे पर वासू का हाथ....
रीति तेज-तेज ससों को सामान्य करती हुई.... "वासूउउउ डरा ही दिया आप ने तो"
वासू.... नेनू, रीति ... मैं तुम दोनो के लिए बहुत खुश हूँ ... पर अब जाने का टाइम... टन-ट्रंन्न्
नैन.... वासूउउ, आज भी .... कुच्छ देर तो और साथ रहने दो ना प्लीज़...
रीति.... हां वासूउउ.. प्लीज़....
वासू.... हटो... हटो दोनो .... चलूऊ ... और एसपी साहब, जा कर कुच्छ काम भी कर लीजिए, और हमे अभी हॉस्टिल जाना है...... सूओ हमे भी जाने दीजिए... और दोनो कुच्छ तो समझदारी का सबूत दीजिए..
नैन.... ह्म्म्मू ! ठीक है वासू... चलो तुम दोनो को मैं हॉस्टिल तक छोड़ आता हूँ.