non veg story नाना ने बनाया दिवाना - Page 11 - SexBaba
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non veg story नाना ने बनाया दिवाना

नानाजी:- स्स्स्स्स् उम्मीद नहीं थी की ये दोनों इतनी चुद्दकड़ होंगी स्सस्सस्स।

नानाजी ने मुझे बाहो में लेके मेरी चुचिया दबाते हुए कहा।


मैं:-स्स्स्स्स् नानाजी अभी आपने देखा ही क्या है....

नानाजी:-तो दिखाओ ना......स्स्स्स्स्

नेहा:-देख लीजिये...लेकिन कही हार्ट अटैक ना आ जाय...इस बुढ़ापे में।

नानाजी:- उम्म्म बुढ़ापे में मत जाओ...लंड देखो ...कही चूत और गांड न फट जाय....


मैं:- स्स्स्स्स् हमें तो ऐसे ही तगड़े लंड पसंद है।


नाना2:- काफी चुदी हुई लगती हो....कितनो का ले लिया है अब तक??


नेहा:- नानाजी की और देखते हुए...लिया तो एक का ही है स्सस्सस्स लेकिन 10 के बराबर का है उम्म्म्म्म।


मैं:- हा स्सस्सस्स उसके लंड ने ही तो चुदाई का चश्का लगा दिया है हमारी चूत को उम्म्म्म्म।


नाना2:- हमारे भी ले के देखो...उसको भूल जाओगी स्स्स्स।

नेहा:-स्सस्सस्स तो दो न उम्म्म्म्म्म तुम तो चूत गीली करके भाग रहे थे।


नाना2:- उम्म्म्म बड़ी उतावली हो रही हो जानेमन।


नेहा:- स्स्स्स उम्म्म्म हा अब बाते नही काम सुरु करो उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़।


नानाजी ने मुझे गले पे किस करने के बहाने से मेरी कान में कहा...


नानाजी:- स्स्स्स क्या हो गया है तुम दोनों को?? किसी चुद्दकड़ रांड जैसी बाते करने लगी हो उम्म्म।

मैं:-अह्ह्ह्ह स्स्स्स अब तो ऐसेही बाते करेंगे उम्म्म्म्म क्यू मजा नही आ रहा क्या आपको???

नानाजी:-स्स्स्स बहोत मजा आ रहा है स्स्स्स ऐसेही खुल के मस्त रंडियो जैसी बाते करते रहो उफ्फ्फ्फ्फ़ आज तुम दोनों को चोदने में और भी मजा आ रहा है स्स्स्स्स्।

मैं:-उम्म्म्म्म स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह्ह।
 
उधर नेहा और नाना2 एक दूसरे को किस करने लगे थे। नाना2 तो किसी भूखे भेड़िये जैसे नेहा के बदन पे टूट पड़े थे। उनकी पसंदीदा नेहा की गांड को भींच भींच के अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ते हुए उसके ओठों को चूस रहे थे। नेहा भी कम नही थी वो अपनी एक टांग उठाके फैला के लंड से रगड़ रही थी और नाना2 के ओठों को चूस रही थी।


इधर नानाजी भी मुझे किस कर रहे थे। मेरी चुचिया मसल रहे थे। मेरे पुरे बदन पे हाथ घुमा रहे थे। मैं भि उनके लंड को पकड़ के अपनी चूत पे रगड़ रही थी।


नानाजी:- ओह्ह्ह माधवी क्या मस्त चुचिया है तुम्हारी स्सस्सस्स कितना भी दबाऊ मन ही नहीं भरता अह्ह्ह्ह्ह।


मैं:-उम्म्म्म अह्ह्ह्ह स्स्स्स धीरे धीरे दबाईये उम्म्म्म्म स्सस्सस्सस आआआआआआ।


नाना2:- स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ़ ऐसे मजा नहीं आएगा मेरे दोस्त....जरा इन दोनों को नंगी तो करो...


नेहा:- स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह्ह हा ऐसे मजा नहीं आएगा उफ्फ्फ्फ़।


मैं:- तो रोक किसने है....उतार दीजिये हमारे और अपने कपड़े उम्म्म्म्म।


जैसे मैंने कहा...नानाजी ने मेरा टॉप निकाल फेका...और मेरा पजामा भी...मैं पूरी नंगी हो चुकी थी। नानाजी ने भी अपने सारे कपडे उतार फेके थे। उधर नेहा और नाना2 भी नंगे हो चुके थे।


मैं:-उम्म्म्म्म स्स्स्स्स् नानाजी तभी ठीक से मेरी चूत का स्वाद नहीं चखा ना आपने स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह आ जाइए अभी चख लिजिए....मैं बेड पे लेट के अपनी टाँगे खोल के नानाजी को न्यौता दे रही थी।

नाना2 ने मुझे ऐसा करते देखा तो वो पागल से हो गए।

नाना2:- स्स्स्स अह्ह्ह्ह आज तक ऐसा किसी लड़की को अपनी चूत चटवाते नही देखा स्स्स्स्स् उफ्फ्फ्फ्फ्फ माधवी कमाल की सेक्सी हो तुम।


नेहा:- तो अभी देख लीजिये एक नही दो को देख लो स्सस्सस्स।

नेहा भी मेरे बगल में चूत खोल के लेट गयी।

वो दोनों हमे अपनी आँखे फाड़ फाड़ के देखते रहे।

मैं:- अब ऐसेही देखते रहेंगे या कुछ करेंगे भी।

नेहा:- ह्म्म्म गाला सुख गया होगा इनका...

मैं:- तो इन्हें कहो की बहोत रस है हमारी चूत में आ के पि ले...

नानाजी:- स्स्स्स्स् आज तो सारा रस निचोड़ के पिएंगे उफ्फ्फ्फ्फ्फ

नाना2:- एक एक बून्द चाट लेंगे स्सस्सस्स।
 
वो दोनों निचे बैठे और हमारी जांघे पकड़ के अपना मुह सीधा हमारी चूत में घुसा दिया।

उफ्फ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह करते हुए नेहा और मैं एक दूसरे को देखने लगे।

हमने उन दोनों का सर पकड़ के चूत पे और दबाने लगे।

वो दोनों भी हमारी चूत को जोर जोर से चाटने लगे। नानाजी मेरी चूत को अपने जुबान से निचे से लेके ऊपर तक चाट रहे थे। और बिच बिच में में मेरा क्लिट को होठो में पकड़ के चूस रहे थे। चूत के अंदर जुबान डालके मेरी चूत को चोद रहे थे।

मैं:-अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ नानाजी बहोत मजा आ रहा है उम्म्म्म्म्म और...स्स्स्स्स्...आआअ....और उम्म्म्म्म्म्म्म।


उधर नाना2 नेहा की चूत को पूरा मुह में भर लिया था और आम को जैसे चूसते है वैसेही नेहा की चूत को चूस रहे थे। नेहा बहोत जादा मस्ती में आ गयी थी।

नेहा:- अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उम्म्म्म्म एस्स्सस्सस्सस्स ऐसेही चाटो उफ्फ्फ्फ्फ़ और...और....चूस लो मेरा सारा रस उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़।

नाना2:-अह्ह्ह्ह मेरी जान क्या स्वाद है स्सस्सस्स बहोत दिनों बाद जवान चूत मिली है चाटने अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और वो भी रस से लबालब भरी हुई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

नेहा:- उम्मम्मम्मम्मजित्ना चूसोगे रस बढ़ता ही जायेगावह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् उम्म्म्म्म्म।

हम दोनों बहोत उत्तेजित हो चुकी थी। दोनों का सर चूत पे दबा रही थी और अपनी गांड उठा उठा के उन्हें चूत चटवा रही थी।


मैं और नेहा:- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उफ्फ्फ्फ्फ़ और अह्ह्ह्ह मजा आ गया आज तो उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़।

नाना2:- यार स्सस्सस्सस अब जरा उस चूत का भी रस चख लू जरा उम्म्म्म्म।

नानाजी:- आ जा ...मुझे भी देखने दे नेहा की चूत का स्वाद कैसा है।


दोनों ने अपनी पोजीशन बदल ली। नाना2 मेरी चूत चाटने लगे।उनकी जुबान थोड़ी खुरदरी थी।

मैं:-अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् कैसा लगा मेरी चूत का रस?

नाना2:-स्सस्सस्सस लाजवाब है मेरी जान स्स्स्स्स्

नेहा:-अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उफ्फ्फ्फ्फ़


दोनों अब हमारी चूत में ऊँगली डाल के हमारी चूत चोदने लगे। और क्लिट को चूसने लगे।
 
मैं:- अह्ह्ह्ह उईईईईई माँ मर गयी स्सस्सस्सस और तेज अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स मैं झड़ने वाली हु उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़

नाना2:-अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स हा छोड़ दे सारा पानी मेरे मुह में स्सस्सस्सस आज तो चूत का ही पानी पीना है सिर्फ अह्ह्ह्ह्ह्ह।

नेहा:-अह्ह्ह दादाजी उफ्फ्फ्फ्फ्फ क्या चूसते हो एस्प स्सस्सस्स उफ्फ्फ्फ्फ़ मेरा भी पानी छुटने वाला है। स्स्स्स्स्स्स्स

नानाजी:- अह्ह्ह्ह्ह्ह्मे मेरी पोती इतनी चुद्दकड़ है पता नही था स्स्स्स्स्।

नाना2:- अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स तेरी तो ऐश है स्सस्सस्स

नानाजी:- तेरी भी तो पोती है ....वो भी जवान है स्स्स्स्स्

नाना2:-स्सस्सस्स हा यार...अब तो उसे पटाना ही पड़ेगा उम्म्म्म्म्म

नानाजी:-स्स्स्स्स् हा पटा ले....और मुझे बताना स्सस्सस्सस मुझे भी चखाना उस्की चूत का रस स्स्स्स्स्

हम दोनों झड़ चुकी थी। हमारी चूत का रस वो दोनों एक एक बून्द चट कर गए।
 
मैं:-अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स ऐसी चूत चटाई कभी नही हुई मेरी स्सस्सस्स।

नेहा:-हा यार स्स्स्स्स् जुबान से ही झाड़ दिया उफ्फ्फ्फ्फ़ पता नही लंड से कितनी बार निकालेंगे स्सस्सस्स।


मैं:- स्स्स्स्स् हा यार उम्म्म्म्म लेकिन पहले इनके लंड का स्वाद तो चख लेते है स्स्स्स्स्स्स्स।

नाना2:- उम्म्म्म हा मेरी जान मेरा लंड भी कबसे इतंजार कर रहा है स्सस्सस।

मैं उठी और नाना2 का लंड पकड़ा और उसकी स्किन पीछे की। नाना2 का लंड प्रीकम से बहोत ज्यादा गिला हो रहा था।

मैं:- स्सस्सस्स नेहा यहाँ तो देख कितना प्रीकम टपक रहा है इस लंड से अह्ह्ह्ह्ह्ह।

और मैंने उसे एक दो बार आगे पीछे किया तो वो और भी ज्यादा प्रीकम छोड़ने लगा। वो निचे टपकने ही वाला था की मैंने उसे जुबान से चाट लिया।

मैं:-अह्ह्ह्ह स्स्स्स बहोत टेस्टी है उम्म्म्म्म।

नाना2:-अह्ह्ह्ह्ह तो और चाटो उफ्फ्फ्फ्फ्फ।

मैं नाना2 के लंड के सुपाड़े पे लगा सारा प्रीकम चाटने लगी। लेकिन जितना चाट रही थी उतना वो और ज्यादा आ रहा था। मैंने उनका पूरा लंड मुह में भर लिया और चूसने लगी।

नाना2:-अह्ह्ह्ह्ह्ह माधवी मेरी जान ....मेरी रानी ....उफ्फ्फ्फ्फ़ चूसो और स्स्स्स्स्स्स्स।

उधर नेहा भी नानाजी का लंड चूसने लगी थी। उसे पता था नानाजी का लंड को जितना चूसो उतना वो टाइट होता जाता है।

नाना2:-माधवी इफ़्फ़्फ़्फ़्फ़् बस करो नही तो मुह में ही छूट जाएगा।

मैं:-तो छोड़ दीजिये न अह्ह्ह्ह्ह।

नाना2:-स्स्स्स्स् नही चूत में डालने दो स्स्स्स्स्स्स्स।

मैं:- अह्ह्ह्ह्ह ठीक है...

नाना2 ने मुझे लिटाया और मेरी टांगो को फैलाके मेरी चूत के पास अपना लंड लेके आ गए। और लंड का सुपाड़ा मेरी चूत पे रगड़ने लगे। उनका और मेरा प्रीकम मिक्स करने लगे।

मैं:-स्स्स्स्स् उफ्फ्फ क्यू तड़पा रहे हो ...अब पेल भी दो अंदर उम्म्म्म।
 
नाना2:-स्सस्सस्स इस गुलाबी चूत को थोडा जी भर देख तो लू स्स्स्स्स्।

फिर नाना2 ने धीरे से अपना लंड अंदर घुसा दिया। चूत बहोत गीली थी। उनका लंड आराम से धीरे धीरे अंदर फिसल रहा था। मैं आँखे बंद करके मजा ले रही थी।

नाना2:- उफ्फ्फ्फ्फ़ क्या टाइट चूत है स्स्स्स्स्स्स्स।

मैं:- स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह्ह आपका लंड भी तो कितना मोटा है उफ्फ्फ्फ्फ्फ।

नाना2 का पूरा लंड मेरी चूत में था। वो मेरे ऊपर आये और मुझे किस करने लगे। धीरे धीरे अपनी कमर उठा के अपना लंड मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगे। साथ में मैं भी अपनी गांड उठा के उनका लंड मेरी चूत में लेने लगी। वो मेरी चुचियो को मुह में भरके चूसने लगे...मेरे निप्प्ल्स को काटने लगे।

मेरी चूत में उनका लंड एकदम फिट बैठ गया था। मेरी चूत का कोना कोना उनके लंड से रगड़ खा रहा था।


उधर नानाजी ने नेहा को खड़ा कर के बेड के सहारे झुका दिया था और पिछेसे अपना लंड उसकी चूत में पेल रहे थे। नानाजी उसकी कमर कों पकड़ के खच खच अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर कर रहे थे।

नेहा के चेहरे के हाव भाव से लग रहा था जैसे वो किसी और ही दुनिया में है। लगातार झटके खा के उसकी आँखे आधी बंद हो रही थी।

नेहा:- उईई माँ उफ्फ्फ्फ्फ्फ क्या लंड है दादाजी आपका उफ्फ्फ्फ्फ्फ और चोदो और...और आअह्हह्हह्हह आआआआ फाड़ दो चूत को स्सस्सस्सस्सस्सस्स अह्ह्ह्ह्ह्ह।

नानाजी:- अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स नेहा उम्म्म्म्म्म ऐसी कसी हई चूत चोदने का मजा ही अलग होता है। उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ और ऐसी घुमावदार गांड को दबाते हुए चोदने को मिल जाय तो अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्स्स्स।

नानाजी के लगातार झटको से नेहा बेहाल हो चुकी थी। शायद वो एक बार झड़ चुकी थी।


इधर नाना2 ने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी थी।अब वो भी मेरी चूत को कस कस के चोद रहे थे।

मैं:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स उफ्फ्फ्फ्फ्फ क्या कहते जैसा मोटा लण्ड है अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म चोदो अह्ह्ह और जोर से उफ्फ्फ्फ्फ्फ।

नाना2:-स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्ह्ह मेरा होने वाला है स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह।

मैं:-अह्ह्ह्ह्ह मेरा भी स्सस्सस्सस ऐसेही चोदते रहो स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म।
 
नाना2:- अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उफ्फ्फ्फ़ हा ..अह्ह्ह्ह.....हा उम्म्म्म उफ्फ्फ्फ्फ़ आआआआआआआ।

नाना2 ने आखरी झटका मारा मेरी चूत के अंदर और अपना गरम गाढ़ा वीर्य मेरी चूत में छोड़ने लगे। मैंने भी अपनी गांड को ऊपर उठा के उनके लंड पे चिपका दिया।

उनका लंड धक धक करके मेरी चूत में अपना वीर्य छोड़ रहा था। लगभग 1 मिनट तक उनका लंड उचकता रहा।

मैं:-स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म कितने दिनों का जमा करके रखा था स्स्स्स्स्स्स्स उफ्फ्फ्फ्फ़ मेरी चूत तो लबालब भर गयी है स्सस्सस्सस।

नाना2:-अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स बहोत दिनों का है उम्म्म्म्म्म

हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे।

इधर नानाजी भी मंजिल के करीब थे।

नेहा:-अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् उफ्फ्फ्फ्फ़ आप भी भरदो मेरी चूत उम्म्म्म्म स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्ह्ह।

नानाजी:-उम्म्म्म्म स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह हा मेरी रंडी उम्म्म्म स्सस्सस्स ले अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्ह

नानाजी भी अपना लंड नेहा की चूत में दबा के अपना पानी छिड़ने लगे।


नानाजी ने जब अपना लंड बाहर निकाला तो वो पूरा नेहा और उनके वीर्य से सना हुआ था। मैं उठी और उनका लंड चाटने लगी इधर नेहा भी नाना2 का लण्ड चाटने लग। उसने देखा की मेरी चूत से उनका रस टपक रहा हैं तो वो मेरी चूत को चाटने लगी। मैं भी उसकी चूत में लगा नानाजी का वीर्य चाटने लगी।


हम दोनों भी अब पक्की चुद्दकड़ और वीर्य की भूखी बन चुकी थी।


दोनों हमे ऐसा करते देख हैरान थे।


पता नही हमारी ये भूख हमसे आगे क्या क्या करवाने वाली थी।

  

हम चारो निढाल हो के बेड पे पड़े हुए थे।

नेहा और मैं एक दूसरे की और देख के मुस्कुरा रहे थे। और वो दोनों भी बहोत खुश थे।

नाना2:- आह्हआ यार तेरी ये नाती और पोती तो बहोत कमाल की है।

नानाजी:- हा यार..मुझे पता होता ये ऐसी चुद्दकड़ है तो कब का चोद चूका होता।
 
नेहा:- अब तो पता चल गया ना....अब रोज चोदना।

नानाजी:- हा स्स्स्स्स् अब तो रोज ही चुदाई होगी।

नाना2:- ह्म्म्म्म तेरी तो ऐश है अब...पर मेरा क्या होगा??

नेहा:- आप भी रुक जाइए कुछ दिन...

नाना2:- ह्म्म्म्म मन तो बहोत है पर मुश्किल है...

नेहा:- ह्म्म्म्म कोई बात नही...अपना इंतजाम घर पे ही कर लीजिये फिर...अपनी पोती के साथ।

नाना2:- हा वो तो जरूर ट्राय करूँगा।


मैं:- ह्म्म्म्म सच में नेहा की तो बहोत ऐश है। मुझे भी अब 2 दिन बाद जाना है।


नानाजी:- कोई बात नहीं 2 दिन बहोत ऐश करवा दूंगा तुम्हारी।


ऐसा बोल के नानाजी मेरा पास आये और मुझे किस करने लगे।


फिर से एक बार सब वासना मय हो गए।


फिर से चुदाई का खेल सुरु हो गया।


उस रात दोनों ने हमारी खूब चुदाई की।


नाना2 ने नेहा की गांड में लंड डाल के उसे बहोत चोदा।


मैं भी मस्त हो के कभी नानाजी से तो कभी नाना2 से चुदवाती रही।

उनके वीर्य के फवारे को अपने मुह में लिया।


वो रात सचमुच में बहोत यादगार रही।


दूसरे दिन नाना2 चले गए। हम इतनी चुद चुकी थी की हमसे खड़ा भी नही हुवा जा रहा था।


फिर अगले दो दिन मैं और नेहा ने मिलके मजे किये नानाजी के साथ।


नानाजी सच में हम दोनों को अपने लंड का दीवाना बना दिया था।


आखिर वो दिन आ गया जब मुझे वापस जाना था।


पापा और मम्मी मुझे लेने के लिए आये थे।


उस रात कुछ भी नहीं हुआ।


दूसरे दिन सुबह ही हम सब गाडी में बैठ के मुम्बई के लिए निकल गए।


मैं दुखी मन से वहा से निकल गयी........ मन में ढेर सारी यादें और फिर दुबारा वापस आने की आस में .........


THE END
 
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नेहा:- अब तो पता चल गया ना....अब रोज चोदना।

नानाजी:- हा स्स्स्स्स् अब तो रोज ही चुदाई होगी।

नाना2:- ह्म्म्म्म तेरी तो ऐश है अब...पर मेरा क्या होगा??

नेहा:- आप भी रुक जाइए कुछ दिन...

नाना2:- ह्म्म्म्म मन तो बहोत है पर मुश्किल है...

नेहा:- ह्म्म्म्म कोई बात नही...अपना इंतजाम घर पे ही कर लीजिये फिर...अपनी पोती के साथ।

नाना2:- हा वो तो जरूर ट्राय करूँगा।


मैं:- ह्म्म्म्म सच में नेहा की तो बहोत ऐश है। मुझे भी अब 2 दिन बाद जाना है।


नानाजी:- कोई बात नहीं 2 दिन बहोत ऐश करवा दूंगा तुम्हारी।


ऐसा बोल के नानाजी मेरा पास आये और मुझे किस करने लगे।


फिर से एक बार सब वासना मय हो गए।


फिर से चुदाई का खेल सुरु हो गया।


उस रात दोनों ने हमारी खूब चुदाई की।


नाना2 ने नेहा की गांड में लंड डाल के उसे बहोत चोदा।


मैं भी मस्त हो के कभी नानाजी से तो कभी नाना2 से चुदवाती रही।

उनके वीर्य के फवारे को अपने मुह में लिया।


वो रात सचमुच में बहोत यादगार रही।


दूसरे दिन नाना2 चले गए। हम इतनी चुद चुकी थी की हमसे खड़ा भी नही हुवा जा रहा था।


फिर अगले दो दिन मैं और नेहा ने मिलके मजे किये नानाजी के साथ।


नानाजी सच में हम दोनों को अपने लंड का दीवाना बना दिया था।


आखिर वो दिन आ गया जब मुझे वापस जाना था।


पापा और मम्मी मुझे लेने के लिए आये थे।


उस रात कुछ भी नहीं हुआ।


दूसरे दिन सुबह ही हम सब गाडी में बैठ के मुम्बई के लिए निकल गए।


मैं दुखी मन से वहा से निकल गयी........ मन में ढेर सारी यादें और फिर दुबारा वापस आने की आस में .........


THE END

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