non veg story नाना ने बनाया दिवाना - Page 9 - SexBaba
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non veg story नाना ने बनाया दिवाना

हम लोग ऊपर आ गए। ऐसेही इधर उधर की बाते करते हुए सोने लगे। मैं उठी पानी पिने के लिए लेकिन पानी नहीं था सो निचे जाने लगी...मैं किचन में पहोची और पानी लेने लगी। तभी किचन का लाइट बंद हो गया...मुझे लगा लाइट चली गयी...मैं थोडा घबरा गयी...लेकिन पलट के जब देखा तो बाकि घर की लाइट जल रही थी...तभी सामने से कोई आता दिखा...मैंने गोर से देखा वो मामा थे। मेरा दिल जोर से धक् किया।

मैं:- क..को...कोन है?

मामा:- मैं हु माधवी...

मैं:- ओह्ह्ह आप हो...लाइट क्यू चली गयी यहाँ की?

मामा मेरी तरफ बढ़ रहे थे...मेरे एकदम करीब आ गए...वो मैंने बंद कर दी...

मैं समझ गयी की मामा का इरादा क्या है...

मैं:- क्यू??

मामा:- क्या क्यू?? वो मेरे पास आके मुझे कमर से पकड़ के अपनी और खीचा ....माधवी जब से उस दिन तुम्हारे साथ वो सब किया है उस दिन से बस तुम्हारे बारे में सोच रहा हु...स्स्स्स इन चुचियो को दबाया है इस चूत का रस पिया है और....

मामा कुछ बोल पाते उसके आगे मैं बोल पड़ी ....

मैं:- जब से मैंने आपका लंड चूसा है स्स्स्स्स् यही ना....

मामा:- हा माधवी उफ्फ्फ्फ़ आज एक बार फिर मेरा लंड इन प्यारे होटो से चूस लो.... और मुझे तुम्हारी गुलाबी चूत का रस पिला दो स्सस्सस्स

मैं:-अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स मामा उम्म्म लेकिन आप उसके बाद चोदने की जिद्द करने लगते हो....मैं जान बुज के उनको उकसा रही थी लंड चुदाई जैसे वर्ड इस्तमाल करके...मैं तो चाहती ही थी की आज मामा मेरी चुदाई कर दे और मुझे किसी बात का डर भी नहीं था क्यू की अगर कोई देख भी लेता तो क्या करता....सब एक ही डाल के पंछी थे।

मामा:-स्स्स्स नही करूँगा माधवी ...मामा मेरी चूत पे अपना लंड रगड़ रहे थे ।

मैं:- स्स्स्स अह्ह्ह्ह झूठ ...देखो अभी कैसे मेरी चूत पे लंड रगड़ रहे हो उम्म्म्म्म

मामा:- स्स्स्स तुम भी तो मजे से टांगे फैला के खड़ी हो ताकि मेरे लंड का मजा ले सको स्स्स्स।

मैं:- स्सस्सस्स मैं तो बस ऐसेही खड़ी हु....मैं अपने होठ उनके ओठो के पास ले जाके धीरे से एकदम सेक्सी अंदाज से बोली....आप ही तो निशाना लगा के मेरी चूत पे लंड घिस रहे हो स्सस्सस्स कपडे है वरना स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह्ह अब तक तो आप मुझे चोद चुके होते....

मामा:- स्स्सस्सस्सह्ह्ह्ह् उम्म्म अगर चोदना ही होता तो कब का चोद देता...लेकिन जबरदस्ती में मजा नहीं...मामा मेरे और नजदीक अपने ओठ लेके आते हुए कहा।

मैं:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स तो फिर कैसे आता है मजा ??

मैं मामा के सर में बालो में हाथ घूमते हुए उनकी आँखों में देखते हुए कहा..
 
मामा:-उम्म्म्म मजा तो तब आता है जब तुम अपनी मर्जी से मेरा लंड पकड़ के चूत पे रखो और कहो.....

मामा जी मेरे ओठो को किस करना चाहा लेकिन मैंने गर्दन घुमा ली और वो मेरे गर्दन को किस करने लगे...

मैं:- स्स्स्स अह्ह्ह्ह क्या मामा उफ्फ्फ्फ़ क्या कहु मैं स्स्स्स बोलो ना आआआआआऊऊऊ

मामा:- यही की स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह की.....

मैं:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् यही की....अह्ह्ह्ह मामाजी अह्ह्ह चोद दो मुझे स्सस्सस्स मैं उनका लंड पकड़ के अपनी चूत पे रख के कहा।

मामा:- स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह हा माधवी यही उफ्फ्फ्फ्फ़

मैं:-स्सस्सस्सस्सस्सस्स अह्ह्ह्ह्ह्ह कह तो दिया मामाजी स्सस्सस्सस्सस्सस्स

मामा:- स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म लगता है आज बहोत आग लगी पड़ी है तुम्हारी चूत में....

मैं:- अह्ह्ह्ह्ह हा मामाजी स्सस्सस्स उस दिन जो आग लगायी है आपने स्स्स्स्स् अभी तक जल रही है स्स्स्स्स्

मुझे सच में कुछ समझ नहीं आ रहा था....बस मुझे अपनी चूत में लंड चाहिए था...और मामाजी भी सही मौके पे आये थे....

मामा:- स्सस्सस्स तो आज बुझा देता हु मेरी भांजी की चूत की आग।

मैं:- अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स हा मामाजी स्स्स्स्स्।

मामाजी ने मेरी चूत को नाईट पजामे के ऊपर से ही सहलाया और किस करने लगे....मैं भी उनका साथ दे रही थी। फिर मामाजी ने मुझे टर्न किया और मेरी गांड के ऊपर अपना लंड रगड़ना सुरु किया और मेरी चुचिया दोनों हाथो से दबाने लगे....

मामाजी:- स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह माधवी कितनी मस्त बड़ी बड़ी चुचिया है तुम्हारी स्स्स्स्स् बहोत मजा आता है दबाने में उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़।

मैं:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् धीरे मामाजी स्स्स्स्स् दर्द होता है आःह्ह्ह

मामाजी:- स्सस्सस्स उम्म्म्म अह्ह्ह्ह

मामाजी मुझे गर्दन पे चूम रहे थे...एक हाथ से चुचिया दबा रहे थे एक हाथ से चूत को सहला रहे थे और गांड में लंड रगड़ रहे थे। मैं आँखे बंद करके आअह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स करते हुए बिन पानी के मछली जैसे तड़प रही थी।

मैं:- अह्ह्ह्ह मामाजी उफ्फ्फ्फ्फ़ बहोत मजा आ रहा है स्स्स्स्स्स्स्स लेकिन यहाँ किसीने देख लिया तो स्स्स्स्स्

मामाजी:- स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह ठीक है चल उधर भैस के तबेले में चलते है...
 
मैं:- अह्ह्ह ठीक है....हम लोग वह से निकल के पीछे तबेले में आ गए. वहा घास पे मामाजी ने एक चादर बिछा दी। वह एक कम पॉवर वाला एक पिला बल्ब जल रहा था। मामा और मैं एक दूसरे को देख रहे थे...मैं शर्मा के मंद मंद मुस्कुरा रही थी। मामा मुझे वासना भरी निगाहो से ऊपर से निचे तक देखे जा रहे थे।

मैं:- ऐसे क्या देख रहे हो मामाजी....

मामा:- माधवी मैंने कभी नहीं सोचा था की तुम मुझसे चुदने के लिए मान जाओगी....जिस दिन से तुम आयी हो तब से तुम्हारी जवानी ने दीवाना बना दिया है मुझे...आज तो खूब चुदाई करूँगा तुम्हारी ....सिर्फ आज ही नहीं अब से रोज....वो मेरे पास आये और मुझे किस करने लगे.... मैं भी उनसे लिपट गयी और साथ देने लगी....बोलो ना माधवी चोदने दोगी ना रोज अपने मामा को....तेरी प्यारी गुलाबी चूत में लंड लोगी ना मामा का स्स्स्स्स्स्स्स।

मैं:-हा मामाजी स्स्स्स्स्स्स्स 4 5 दिन हु यहाँ पे अह्ह्ह्ह्ह्ह अब से मेरी चूत आपकी है उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ खूब। चोदिये अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह

इतना सुनते ही मामा जोश में आगये और मुझे किस करने लगे....मेरे पुरे बदन पे हाथ घुमाते हुए मेरे मुह में अपनी जुबान घुसा दी मैं उसे चूसने लगी हम दोनों भी बहोत गरम हो चुके थे। मामाजी ने मुझे घास पे राखी चादर पे लिटाया और मेरे सरे कपडे निकाल के मुझे नंगा कर दिया और खुद के भी सारे कपडे निकाल दिए। हमारे नंगे बदन एक दूसरे से लिपट गए। हम एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे कभी वो मेरे ऊपर तो कभी मैं उनके ऊपर।

मामा:- अह्ह्ह्ह माधवी क्या सेक्सी जिस्म है तुम्हारा उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ आज तो मजा आ जायेगा अह्ह्ह्ह।

मैं:-अह्ह्ह्ह्ह्ह मामाजी स्सस्सस्स अब तारीफ ही करोगे क्या स्सस्सस्सस डाल दो ना लंड मेरी चूत में स्सस्सस्सस्सस्स कबसे तड़प रही है स्स्स्स्स।

मामाजी:- अह्ह्ह्ह हा मेरी रानी स्सस्सस्स

मामाजी ने लेटे लेटे ही अपना लंड मेरी चूत पे रखा और अंदर धकेलने लगे....नानाजी के मोटे लंड से चुद चुकी थी मैं....मेरी चूत खुल गयी थी ....मामाजी का लंड उनके मुकाबले थोडा छोटा था...वो आसानी से अंदर चला गया।

मैं:-स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह्ह मामाजी उफ्फ्फ्फ्फ़ धीरे ना स्स्स्स्स् आह्ह्ह्ह।

मामा:- अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स माधवी कितनी टाइट है तेरी चूत उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ स्स्सस्सस्सव् पर चुदी हुई है स्सस्सस्सस।

मैं:- अह्ह्ह्ह्ह नहीं मामाजी स्स्स्स वो तो चूत में ऊँगली करने से ऐसी हो गयी है उफ्फ्फ्फ़ आपका लंड तो पहला लंड है मेरी चूत में जाने वाला अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स ऊँगली से कितना भी करलो उम्म्म्म्म पर लण्ड का अपना ही मजा होता है स्स्स्स्स्स्स्स उफ्फ्फ्फ्फ्फ बहोत मजा आ रहा है उईईईईई माआआआ धीरे चोदो मामाजी स्सस्सस्सस

मामाजी मेरे ऊपर लेटे हुए थे और मैं अपने पैरो को फैला के निचे। मामाजी मेरे चुचियो को चूसते हुए दबाते हुए अपना लंड मेरी चूत में पेल रहे थे....उनका गरम कड़क लंड मेरी गीली चूत में सट सट अंदर बाहर हो रहा था। मैं एक बार झड़ चुकी थी। लेकिन पता नही क्यू आज मेरा मन चुदाई के लिए इतना बेकरार था की मैं बस लंड अपनी चूत में लेके चुदते रहना चाहती थी।

मामा:- अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स माधवी कुछ भी हो पर तुम्हे चोदने बहोत मजा आ रहा है स्सस्सस्सस

मैं:- अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स चोदो मामाजी स्सस्सस्स उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ तेज और तेज अह्ह्ह्ह्ह उईईईईई माआआआआअ मर गयी उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह स्स्स्स उम्म्म्म्म्म।

मामा:- अह्ह्ह्ह माधवी उफ्फ्फ्फ़ स्स्स्स्स् मेरा होने वाला है स्स्स्स्स्स्स्स उफ्फ्फ्फ्फ़।
 
मैं:-अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मामाजी स्सस्सस्सस सह्ह्ह्ह् हा डाल दो अपना लंड का पानी मेरी चूत। के अंदर स्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्स उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ड़फ

मामाजी मुझे बहोत फ़ास्ट चोद रहे थे। और ऐसेही चोदते हुए अपना सारा पानी मेरी चूत में डाल दिया। उनका लंड मेरी चूत में उचक उचक के अपना पानी छोड़ रहा था। उसके गरम गरम वीर्य के स्पर्श से मैं एक बार फिर मैं झड़ चुकी थी।

मैं :-अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स मामाजी उफ्फ्फ्फ़ बहोत मजा आ रहा है स्स्स्स्स्स्स्स उम्मस्मस्मस्मम मुझे आपका लंड चाटना है स्सस्सस्स।

मामाजी उठ के खड़े हो गए। मैंने झट से उनका वीर्य से सना हुआ लंड चाटने लगी। उनका लंड अभी भी टाइट था। और मेरे चूसने चाटने से फिर से और टाइट हो रहा था।

मामा:- अह्ह्ह्ह माधवी उम्म्म्म्म्म चूसो और चूसो फिर से चुदाई करनी है उम्म्म्म्म्म।

मैं:- अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स हा मामाजी उफ्फ्फ्फ्फ़ कितना टेस्टी है अह्ह्ह्ह्ह्ह*

मामा:- उम्म्म्म्म्म्म्म मुझे भी टेस्ट कराव अपनी चूत स्सस्सस्स।

मामाजी और मैं निचे लेट के एकदूसरे का रस चाट रहे थे। हम फिर से चुदाई के लिए रेडी हो गए।

मामाजी फिर से पोजीशन में आये और मेरी चूत में लंड डाल दिया।

ऐसेही अलग पोजीशन में वो मुझे चोदते रहे। करीब लरीब 30 40 मिनट तक वो मेरी चूत मारते रहे।

और आखिर में जब मुझसे सहा नहीं गया तो मैंने उनको रोक दिया।

और फिर लंड को चूस के उनका पानी गिरा दिया।

मामाजी:- माधवी उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ आज जैसा चुदाई का मजा कभी नही आया स्स्स्स्स्स्स्स उफ्फ्फ्फ्फ्फ

मैं:- अह्ह्ह्ह्ह मामाजी मुझे भी।

हमने कपडे पहने और चुपके से घर में आ गए। मैं अपनी रूम में और अपने रूम चले गए।

मैंने देखा नेहा सो रही थी। मैं भी चुपके से जाके सो गयी।

अब मुझे बहोत अछि नींद आने वाली थी क्यू की मेरी चूत की आग ठंडी हो चुकी थी।
 
अगले दिन सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा नेहा निचे जा चुकी थी। मैं फ्रेश हो के निचे गयी। वहा सिर्फ नीरज हॉल में बैठा टीवी देख रहा था। मामी और नेहा किचन में काम कर रही थी। मैं किचन में गयी तो मुझे देखबके नेहा मुस्कुरा रही थी। मेरे मन में आया कही इसने मुझे कल देख तो नहीं लिया मामा के साथ??

मैं:- क्या हुआ क्यू हंस रही है??

नेहा:- कुछ भी तो नहीं...और तू ऐसे क्यू चिल्ला रही है??

मैं:- कहा चिल्ला रही हु?? बस पूछ रही हु...

मामी:- अरे क्यू झगड़ा कर रहे हो?? मामी ने मुझे चाय देते हुए कहा।

मैं:- झगड़ा नहीं कर रही हु...

नेहा:- अरे माँ ये न पागल हो गयी है....

मैं:- हा और तू तो बड़ी सयानी है ना...

नेहा:- हा वो तो मैं हु...

मैं:- रहने दे ...पता है...

मामी:- चुप रहो तुम दोनों...नेहा ये ले चाय नाश्ता तेरे पापा को दे आ...

नेहा:- अरे माँ मेरे हाथ गंदे है...माधवी से कहो....

मैंने देखा वो बर्तन साफ़ कर रही थी।

मैं:- मामाजी खेत में नहीं गए आज??

मामी:- हा उनकी तबियत थोड़ी ख़राब है आज...

मैं:- (मन में) ओह्ह्ह होगी ही कल रात को जोश जोश में कितना कूद कूद के चोद रहे थे मुझे...

मामी:- क्या सोच रही हो...ये लो जाओ...


मैं ट्रे लेके उनके कमरे में गयी....वो बस बाथरूम से नहा के निकल रहे थे...

मुझे देख के स्माइल करने लगे वो सिर्फ टॉवल में थे। मैं भी उनको स्माइल दिया।

मैं:- क्या हुआ आपको?

मामा:- कुछ भी तो नहीं....कल रात को देर से सोया तो आँख नहीं खुली...

तब तक वो मेरे पास आ चुके थे। मुझे कमर से पकड़ के अपनी बहो में ले लिया।

मैं:- क्या कर रहे हो आप?? प्लीज़ छोड़ दो...कोई आ जायेगा...

मामा:- कोई नहीं आएगा....माधवी स्स्स ...और वो मुझे किस करने लगे।

मैं उनसे छुटाने की कोशिस करने लगी।

मैं:- उम्ममाह्ह्म्म्म मामाजी क्या कर रहे हो...छोडो ना...

मामा ने मुझे छोड़ दिया लेकिन मेरा एक हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया ....
 
मामा:-देख तुझे देखते ही कैसे खड़ा हो गया है....

मैं:- उनका लंड पकड़ते हुए...इसे कहो रात का इंतजार करे....अभी कुछ नही हो सकता....

मामा:- अरे तू बस हाथ लगा दे ऐसे ही शांत कर दे.....

मामाने अपना टॉवल साइड किया और मेरा हाथ पकड़ के नंगे लंड पे रख दिया और मेरे हाथ से मुठ मारने लगे.....

मैं:-स्स्स्स्स् मामाजी क्या कर रहे हो....ऐसे से तो मेरा भी मन चुदने को करने लगेगा....मैं उनका लंड जोर जोर से हिलाने लगी....

मामा:-स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह माधवी उफ्फ्फ्फ्फ़ और जोर से स्सस्सस्स बहोत मजा आ रहा है.....

मैं:-उम्म्म्म्म्म स्सस्सस्सस देखो मेरी चूत भी अब पानी चोदने लगी है....

मैंने अपनी चूत को सहलाते हुए कहा...

मामा:- दिखा तो जरा...

मामने मेरा पजामा खीचा और अंदर झांकने लगे....और अपना लंड मेरी चूत के पास लेके आ गए....मैं उनका लंड पकड़ के अपनी चूत पे रगड़ने लगी..... और जोर जोर से हिलाने लगी...बस एक मिनट में ही फच फ़च्छ करके मामाजी ने सारा वीर्य मेरी चूत पे गिरा दिया.....तभी मामी ने आवाज लगाई....

मैंने वैसेही प्यजमा ऊपर किया और वहा भागते हुए किचन में आ गयी.....लेकिन मामा के गरम गरम वीर्य का अहसास मुझे अब भी अपनी चूत पे हो रहा था....मैं कुछ भी कर रही थी तो उसके गिलापन मेरी चूत को बेचैन कर रहा था....मेरी हालात ख़राब होने लगी थी.....नेहा बार बार मेरी तरफ देख रही थी। जब मामी किचन से कुछ देर के लिए बाहर गयी...

नेहा:- क्या हुआ?? किस ख़याल में खोयी हुई है...

मैं:-अरे कुछ नही....

नेहा:- सच बता...

मैंने देखा मामी नहीं आने वाली तो...मैने नेहा को अपना पेजमा खीच के दिखाया...

मैं:- ये देख...

नेहा ने देखा ...वो एकदम शॉक हो गयी...

नेहा:- ये..ये..क्या है...पापा???

मैं:-आँख मरते हुए ....हा...

नेहा:-ओह्ह्ह हो......अभी 5 मिनट में चुद भी गयी क्या??

मैं:- अरे नही रे...चुदाई तो कल रात को ही करवा ली....अभी तेरे पापा का मुड़ था..तो मुठ मार दी...

नेहा:- साली तू तो एकदम एक्सपर्ट हो गयी है...चल बता रात को क्या हुआ???


मैंने उसे रात की बात सब डिटेल में बता दी।
 
मैं:-सच कहती हु यार...बहोत मस्त चुदाई करते है मामाजी भी...

नेहा:- उम्म्म्म स्स्स्स चुदाई तो तेरे पापा भी मस्त करते है ...

मैं:-ह्म्म्म्म तेरे तो मजे है यार...यहाँ तू नानाजी से मस्त चुदवाती रहेगी....मैं तो तड़पती रहूंगी।

नेहा:- कोई bf पकड़ लेना...

मैं:- हा यार वाही करना पड़ेगा...लेकिन नानाजी जैसा लंड मिलना मुश्किल है यार...

नेहा:- वैसे तेरे पापा का लंड भी अच्छा है...बिलकुल दादाजी के टक्कर का...

मैं:- चुप कर...कुछ भी...

हम आगे कुछ बोल पाते ...मामी आते देख हम दूसरी बाते करने लगे।


हम सब ऐसेही इधर उधर की बाते करने लगे। खाना खाने के बाद थोड़ी देर टीवी देखा और फिर सो गए।

शाम को उठ के खेतो में चले गए...नीरज भी साथ में था। नेहा को बहूत ग़ुस्सा आ रहा था क्यू की उसकी वजह से खेतो में नानाजी के साथ मस्ती करने का उसका प्लान कामयाब नहीं हो सकता था। थोडा घुमे फिरे और घर लौट आये।


हम अपनी रूम में आ गए थे।


नेहा:- यार कब रात होगी??

मैं:- हा ना...पता नहीं मामी ने क्या प्लान बनाया है?? उधर मामा भी प्लान बनाके बैठे होंगे....

नेहा:- हा ना...अपनी प्यारी भांजी की चूत जो मारनी है....

मैं:-स्स्स हा ना यार...आज तो गांड भी मरवा लुंगी उम्म्म

नेहा:-ह्म्म्म्म कल क्यू नहीं मरवाई??

मैं:- अरे यार चूत की आग इतनी थी की गांड का नहीं सोचा...

नेहा:- ओह्ह्ह लेकिन आज पता नहीं क्यू ऐसा लग रहा है की सब गड़बड़ होने वाला है...

मैं:- मतलब की सब ने कोई न कोई प्लान बनाया होगा...देख मामी ने मामा को नींद की गोली दी और मामा ने मामी को...वो तो दोनों सो जायेंगे...

नेहा:- अरे हा ...फिर तो हमारी मौज है...दादाजी के साथ सिर्फ हम दोनों ही रहेंगे...

मैं:- हा...और वैसे भी मामी तो नानाजी के लंड के उतावली सी है...अच्छा ही रहेगा की वो ना आये आज...

नेहा:- हा यार और वैसे भी मैं न खुल के मजा नहीं ले पति उनके सामने...

मैं:- हा यार...मैं भी...

नेहा:- देखते है क्या होता है...चल अभी तो फ्रेश हो जाते है और निचे चलते है ...माँ की हेल्प करनी है खाना बनाने में।
 
हम दोनों फ्रेश हुए और निचे गए...हम दोनों मामी की हेल्प करने लगे किचन। तभी पता नहीं कहा से नानाजी एक दोस्त उनकी बीवी और बहु के साथ आ गए। ये देख के मेरा और नेहा का मुड़ एकदम खराब हो गया। मामी को देखा तो वो भी मुह के मुह में गालिया दे रही थी।

नेहा:- यार ये दादाजी के दोस्त भी न हमेशा गलत टाइम पे टपकते है...

मैं:- हा यार...

नेहा:- तेरा क्या है यार...तू तो चली जायेगी तबेले में...मेरा क्या होगा??

मैं:- नहीं यार...आज नहीं ...मुझे भी नानाजी के साथ ही करना था।

नेहा:-देखते है...


नानाजी उनके दोस्त के साथ बाते कर रहे थे। लेकिन हमारी उदासी उनसे छुप नहीं पायी थी। सब ने मिलके खाना खाया। जब नेहा अकेली थी तो वो नानाजी से बात कर रही थी। बाद में मैंने उससे पूछा तो वो कहने लगी की नानाजी उसको समझ रहे थे की सिर्फ आज की बात है। उनके दोस्त यहाँ एक शादी में जाने वाले है और रस्ते में उनसे मिलने के लिए रुक गए।

मैं:- ह्म्म्म चलो आज का दिन भी गया...

नेहा:- तू तो बात ही मत कर...रात को जायेगी तबेले में...

मैं:- कहा यार...आज मामी मामा को नही छोड़ने वाली....तभी बोल रही थी...की आज के दिन तेरे मामा का ही ले लुंगी...सुबह से चूत फड़फड़ा रही है...

नेहा:-ओह्ह्ह्ह मतलब की आज तू और मैं दोनों ही ...

मैं:-हा....जरा देख तो कुछ किचन में गाजर मूली होगी तो...

नेहा:-चुप कर ....

ऐसा बोल के हैम दोनों हंस पड़े और कम करने लगे।


रात को टीवी देख रहे थे। सब जा चुके थे। मैं और नेहा ही थे हॉल में।

मैं:- चल यार सोते है....बहोत बोर रहा है...

नेहा:- हा चल...

मैं:- अरे वो रितेश का फ़ोन नहीं आता तुझे आजकल??

नेहा:- मैंने उसे बताया की फ़ोन न करे...माँ को शायद मुझपे शक होने लगा है...

मैं:- अरे बेचारा...तेरी याद में मुठ मार मार के पागल हो गया होगा...

नेहा:-होने दे....मुझे क्या...

मैं:- ह्म्म्म्म पता नहीं नानाजी क्या कर रहे होंगे?

नेहा:-उनका तो।पता नहीं पर...इधर माँ पापा का बढ़िया गेम चल रहा होगा...

मैं:- हा...नहीं तो अब तक मामाजी एक बार तो बाहर आके देखते...

नेहा:- हा उनकी जानेमन क्या कर रही है....

मैं:- चुप कर...कुछ भी बोलती है...

नेहा:-कुछ भी क्या...सच ही बोल रही हु....

तभी मैंने देखा की नानाजी रूम से बाहर आ रहे थे। हमारे पास आके बोले...

नानाजी:- क्या कर रहे हो अब तक 11.30 बज गए जाओ सो जाओ...
 
नेहा:- हा बस जा ही रहे है....आप को तो जैसे कुछ पता ही नहीं है हमे नींद क्यू नही आ रही।

मैं:- हा और ऊपर से पूछ भी रहे हो क्या कर रही हो...मैंने और नेहा ने थोडा गुस्से से कहा...

नानाजी:- अरे गुस्सा क्यू करती हो.... अब थोड़ी परिस्थितिया ही ऐसी है तो....ऊपर से ये मेरा दोस्त... बहोत बातूनी है...अब तक बाते ही कर रहा है....और पता नहीं कब तक बात करता रहेगा...और उसेके रहते कुछ करना थोडा रिस्की भी है...

नेहा:- ह्म्म्म ठीक है...क्या कर सकते है....आज भी प्यासा ही रहना पड़ेगा...

नानाजी:- ह्म्म्म लगता है बहोत आग लगी पड़ी है....

नेहा:- नहीं तो क्या....आप को तो कुछ फरक पड़ता नहीं है...

नानाजी:- ऐसा नहीं है मैं भी तो कल वो जड़ी ब्यूटी वाली दवाई खायी थी....मेरा तो मन बहोत कर रहा है आज....

मैं:-ह्म्म्म तो फिर उनके सोने के बाद आ जाइए...

नानाजी:- मुश्किल है....क्यू की ये जल्दी सोता नहीं है और नींद का बहोत कच्ची है अगर बिच में नींद खुल गयी और देखा की मैं नहीं हु तो गड़बड़ हो सकती है

नानाजी थोडा सोचने लगे...एक काम हो सकता है अगर तुम राजी हो तो....

नेहा एकदम उछाल पड़ी...

नेहा:- क्या बोलिये....

नानाजी हमें कुछ समझाने लगे....

नानाजी:- देखो ये मेरा दोस्त है ना...ये भी बहोत बड़ा ठरकी है....अगर तुम दोनों राजी हो तो उसे भी हम साथ मिला लेते है...

मैंने और नेहा ने एकदूसरे के और देखा...

नानाजी:- देखो जब से वो आया है...तबसे देख रहा हु तुम दोनों को देख देख के लंड मसल रहा है....तुम्हारी चुचियो और गांड को देख रहा है जैसे खा ही जाएगा...

नेहा:- हा देखा मैंने....एक दो बार तो उसने मुझे छुआ भी....

मैं:- लेकिन उसके साथ...मुझे अजीब लग रहा है...

नेहा:- हा थोडा अजीब तो मुझे भी लग रहा है...

नानाजी:- अरे देखो जैसा मैं वैसा वो....और आज रात की ही तो बात। है...और वैसे भी बेचारे को भी ऐसी हसीं जवानी कहा मिलेगी...दुवाए देगा तुम लोगो को....

नेहा और मैं एकदूसरे की और देख रहे थे।

नेहा:- माधवी क्या बोलती है....चखा देते उसे भी अपनी जवानी...वो भी क्या याद रखेगा...

मैं:- लेकिन कैसे होगा...??? आप सीधा जाके बोलोगे क्या उनको???

नानाजी:-नहीं....वो खुद आएगा ...देखो तुम लोग ऊपर जा के सो जाओ....मैं उसे अंदर जाके कुछ बोलूंगा...इसको उक्साउंगा...फिर देखते है क्या होता है...

मैं:- लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं लग्न चाहिए की हैम पहले से ही मिले हुए है...

नेहा:- हा ऐसा लगना चाहिए की सब पहली बार और अचानक हो रहा है...

नानाजी:- ठीक है....अगर वो हमारे झांसे में आ गया तो हमारा काम बन जाएगा....

मैं:- ठीक है...

नानाजी:- तुम ऊपर जाके सो जाओ...अगर प्लान के मुताबिक़ रहा तो मैं उसे ऊपर ले आऊंगा

मैं:- आप अपना फ़ोन सुरु रखो...हमें सुनना है आप क्या बात करोगे...

नानाजी:- ठीक है...और मैं फ़ोन पे उससे क्या बोलता हु उस हिशाब से तुम तैयार रहना और दरवाजा खुला ही रखना...अंदर से बंद मत करना

नेहा:- हा ठीक है।
 
नानाजी चले गए ...और अगले ही पल उनका फ़ोन आ गया...हमने हेड फ़ोन लगा के सुनने लगे।

हम लोग ऊपर आ गए थे। हम बेड पे लेट के उनकी बाते सुन रहे थे।

नेहा:-उम्म्म पता नहीं यार क्या होने वाला है....पर मुझे बहोत एक्ससिटमेंट हो रही है...पहली बार कोई बाहर का आदमी स्सस्सस्स

मैं:-उम्म्म्म हा यार स्स्स्स्स् उससे अच्छा ये की आज अपनी चुदाई दो लंड से एक साथ होगी

नेहा:-स्सस्सस्स मेरी चूत तो अभी से सट सट कर रही है....

मैं:- उफ्फ्फ्फ़ मेरी भी उम्म्म्म्म

हम दोनों हँसने लगी....

नेहा:- चुप चुप...उनकी बाते शूरु हो गयी है......


हम दोनों अपना दिल थाम के उनकी बाते सुनाने लगे....
 
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