hotaks444
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मैं रूम से निकल के नेहा के पास गयी। वो बेसुध लेटी हुई थी जैसे शराब के नशे में हो। उसकी आखे बंद थी। उसका बदन नानाजी के वीर्य से लथपथ था। चाँद की रोशनी में चमक रहा था। मैंने उसे आवाज दी। उसने आखे खोली और मेरी तरफ देख के मुस्कुराने लगी।
मैं:~ नेहा क्या बात है मेरी जान आज तो मुझे लगा की नानाजी चोद ही देंगे तुझे।
नेहा:= तू सब देख रही थी? नेहा ने उठते हुए रजाई से अपने आप को ढकते हुए पूछा।
मैं:= वो सब छोड़ चल अंदर साफ़ कर खुद को बाकी बाते बाद मे करते है।
हम लोग रूम में आये नेहा ने खुद को साफ़ किया और आके बेड पे लेट गयी।
मैं:=नेहा की बच्ची बड़े मजे किये तूने आज। मेरा मन भी कर रहा था यार की मैं भी आ जाऊ पर वो नानाजी का लंड देखके हिम्मत ही नहीं हुई।
नेहा:= अरे पागल कुछ नहीं होता लंड जितना बड़ा उतना ही मजा आता है।
मैं:= बात तो ऐसे कर रही है जैसे बहोत लंड लिए बैठी है।
नेहा:= लंड नहीं लिया तो क्या हुआ पर पता तो है ना। और रुक थोड़ी देर दादाजी को आने दे अभी तो सबसे पहले लंड ही डालने को बोलती हूँ चूत में।
मैं:= तू कर इंतजार अपने यार का मैं तो सो रही हूँ... बहौत नींद आ रही है। पर मुझे उठा देना।
सुबह जब मेरी आँख खुली तो देखा 8 बज चुके थे। नेहा मेरे पास नहीं थी। मैं नीचे गयी तो वो किचन में थी। मैंने उसके पास जा के पूछा तो उसने बताया की नानाजी अब तक नहीं लौटे है। मैंने नास्ता किया और नहाके वापस आयीं तो देखा की नानाजी अब तक नहीं लौटे थे। उनका फ़ोन भी नहीं लग रहा था।
मामाजी उनको देखने के लिए खेतो में गए हुए थे। थोड़ी देर बाद हमने देखा की केशव चाचा नानाजी को सहारा देते हुए ला रहे थे। उनके कमर पर पट्टा लगा हुआ था। नानाजी को हमने सहारा देते हुए उनके कमरे में ले जाके सुला दिया। केशव चाचा ने बताया की नानाजी का पैर गड्ढे में जाने की वजह से उनकी कमर में मौच आ गयी है डॉक्टर ने कहा है की आराम करने से दो दिन में ठीक हो जायेंगे।
मैं:~ नेहा क्या बात है मेरी जान आज तो मुझे लगा की नानाजी चोद ही देंगे तुझे।
नेहा:= तू सब देख रही थी? नेहा ने उठते हुए रजाई से अपने आप को ढकते हुए पूछा।
मैं:= वो सब छोड़ चल अंदर साफ़ कर खुद को बाकी बाते बाद मे करते है।
हम लोग रूम में आये नेहा ने खुद को साफ़ किया और आके बेड पे लेट गयी।
मैं:=नेहा की बच्ची बड़े मजे किये तूने आज। मेरा मन भी कर रहा था यार की मैं भी आ जाऊ पर वो नानाजी का लंड देखके हिम्मत ही नहीं हुई।
नेहा:= अरे पागल कुछ नहीं होता लंड जितना बड़ा उतना ही मजा आता है।
मैं:= बात तो ऐसे कर रही है जैसे बहोत लंड लिए बैठी है।
नेहा:= लंड नहीं लिया तो क्या हुआ पर पता तो है ना। और रुक थोड़ी देर दादाजी को आने दे अभी तो सबसे पहले लंड ही डालने को बोलती हूँ चूत में।
मैं:= तू कर इंतजार अपने यार का मैं तो सो रही हूँ... बहौत नींद आ रही है। पर मुझे उठा देना।
सुबह जब मेरी आँख खुली तो देखा 8 बज चुके थे। नेहा मेरे पास नहीं थी। मैं नीचे गयी तो वो किचन में थी। मैंने उसके पास जा के पूछा तो उसने बताया की नानाजी अब तक नहीं लौटे है। मैंने नास्ता किया और नहाके वापस आयीं तो देखा की नानाजी अब तक नहीं लौटे थे। उनका फ़ोन भी नहीं लग रहा था।
मामाजी उनको देखने के लिए खेतो में गए हुए थे। थोड़ी देर बाद हमने देखा की केशव चाचा नानाजी को सहारा देते हुए ला रहे थे। उनके कमर पर पट्टा लगा हुआ था। नानाजी को हमने सहारा देते हुए उनके कमरे में ले जाके सुला दिया। केशव चाचा ने बताया की नानाजी का पैर गड्ढे में जाने की वजह से उनकी कमर में मौच आ गयी है डॉक्टर ने कहा है की आराम करने से दो दिन में ठीक हो जायेंगे।