hotaks444
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बहनों के साथ मचे हंगामे के बाद मेरी आंखे कब लगी मुझे पता ही नही चला…
जब आंखे खुली तो कमरे में कुछ हलचल हो रही थी सामने देखा तो काजल थी ,
हमारी आंखे मिली उसने मुझे थोड़े गुस्से में देखा लेकिन वो गुस्सा नकली था,,,
असल में उसके होठो में एक मुस्कान थी ,
जो मुझसे छिप नही सकी,
“तो तुमने पूर्वी को भी बिगड़ ही दिया “उसने शरारती मुसकान से कहा,वो मेरे पास ही खड़ी थी और अभी अपनी नाइटी पहनने वाली थी ,मैंने उसके हाथ को पकड़ उसे बिस्तर में गिरा दिया और उसके ऊपर आ गया…
“सब तुम्हारे कारण हुआ है “
मैं सच में थोड़ा गंभीर था,
“मुझे माफ कर दो देव मैं नही जानती थी की ऐसा कुछ हो जाएगा ,लेकिन फिर भी मुझे पूर्वी के लिए खुसी भी है और दुख भी …….”
काजल भी थोड़ी गंभीर हो गई थी
मैंने प्रश्नवाचक निगाहों से उसे देखा…
“खुसी इसलिए की अब उसकी उम्र हो गई है और तुमने उसे बहकने से तो बचा लिया ,जैसा हमारे घर का माहौल था पता नही वो खुद को कितने दिनों तक सम्हाल पाती,मुझे पता लगा की उसके क्लास की ही लडकिया तुम्हारे होटल में उस धंधे में घुस गई है ….”
मुझे उस दिन की याद आयी जब मैंने अपने ही होटल में पूर्वी के क्लास की लड़की को देखा था..
“लेकिन दुख इसलिए भी है की तुमने जो आग उसे लगा दी ,जैसे शेर को खून का स्वाद दिला दिया है ,मैं नही चाहूंगी की पूर्वी अब ऐसा कुछ कर बैठे की ….तुम्हे अब उसका सहारा बनना होगा ,तुम्हारा ध्यान अगर उससे हटा तो समझो वो बाहर ट्राय करना शुरू कर देगी और दुनिया में उस जैसी खूबसूरत कम उम्र की लड़कियों के कद्रदान बहुत है…”
काजल की बात मुझे समझ में आ रही थी,मैं भी पूर्वी की हालत काजल और निशा की तरह होते नही देखना चाहता था…
हम दोनो ही थोड़ी देर तक चुप रहे ..
“लेकिन एक बात मुझे साफ बताओ की ठाकुर के साथ मुझे देखकर तुमने मजा आया की नही “
उसके होठो में एक कमीनी सी मुस्कान फैल रही थी ,
मैंने उसे जोरो से अपनी बांहो में भर लिया और जोरो से दबाया ..
“तू साली बहुत ही कमीनी है “
“तुमसे ज्यादा नही ,वो तो गैर मर्द था लेकिन तुम तो अपनी ही बहनों के साथ शुरू हो गए हो ,मेरी ही दोस्त के साथ भी सोते हो,साले रिस्तो को तो तुमने खत्म ही कर दिया है ,और तुम्हे नही पता क्या की मुझे भी जलन होती है ,और तुमसे ज्यादा जलन होती है ,तुम किसी और लड़की के साथ रिलेशन में रहते तो शायद मैं ठीक भी रहती लेकिन मेरी ही सहेली ,और अपनी ही बहनों के साथ “
वो मुझे घूर रही थी
“मैं तो सीधा साधा सा इंसान था तेरे ही कारण मैं ऐसा हो गया हु “
हम दोनो ही मुस्कुरा उठे…
“चलो हमारे बीच कम से कम अब इस बात की ग्लानि नही होगी की हम में से एक ही बेवफा है ,असल में तो हम दोनो ही बेवफा हो चुके है “
काजल खिलखिलाई और उसके सफेट मोती से दांत मेरे सामने आ गए ..
“सच कहु काजल ठाकुर के साथ तुम्हे देखकर मुझे लगा जैसे मैं उसे मार ही डालू….”
मेरा शरीर उस दृश्य को यादकर गर्म हो गया था
“फिक्र मत करो ये मौका भी मैं तुम्हे दूंगी,चाहे हो ठाकुर हो या खान …”
काजल किसी ख्वाब में खो रही थी और उसकी आंखों से एक आंसू निकल गए शायद पुराना दर्द था जो बह रहा था..
“लेकिन तुझे भी उसके साथ बहुत मजा आया क्यो??और तुझे वो गिफ्ट भी तो मिल गया “
मैंने बात को बदल दिया ,वो मुस्कुराई लेकिन इस बार उसकी मुस्कुराहट में वो ख़िलापन नही था ,कुछ ठंडा था..
“ह्म्म्म गिफ्ट तो मिल गया है ...और मजा भी आया ,लेकिन ठाकुर के कारण नही बल्कि तुम्हारे कारण “
वो मेरे आंखों में घूर रही थी
“तुम देख रहे हो ये ही सोचकर मैं एक बार झड़ गई थी “
“कमीनी कही की “
उसकी बातो को सुनकर मेरा लिंग ही खड़ा हो गया था और मैंने देर नही करते हुए उसे काजल की योनि में डाल दिया,मैं नंगा ही था और काजल भी सिर्फ नाइटी में थी जो की पूरी तरह से पहनी नही गई थी,
उसकी योनि पहले से ही पनियाई हुई थी और मेरे लिंग को आराम से वो अपने अंदर कर गई…
ऐसे तो ये अहसास बहुत ही सुहाना था लेकिन फिर भी आज मैं कुछ सोच में गहराई से डूबा हुआ विचार कर रहा था…
सबसे बड़ा सवाल तो ये था की क्या सच में काजल चाहती है की मैं उसे उस हाल में देखु,या वो बस वक्त की मजबूरी है???
और एक सवाल मेरे मन को खाये जा रहा था ,क्या काजल मुझसे प्यार करती है ,या वो बस ये रिश्ता निभाये जा रही है???
सवाल तो कई थे और जवाब कोई भी नही था,बस कुछ धारणाएं थी,बस कुछ पुरानी याद और बात जिसके सहारे में कुछ समझ या सोच सकू…………….
सेक्स तो खत्म हो गया और हम दोनो ही एक दूसरे की तरफ पीठ करके सोए थे,लेकिन मेरी और काजल की दोनो की ही आंखे खुली हुई थी,दोनो ही कई सवलो से घिरे हुए थे….
जब आंखे खुली तो कमरे में कुछ हलचल हो रही थी सामने देखा तो काजल थी ,
हमारी आंखे मिली उसने मुझे थोड़े गुस्से में देखा लेकिन वो गुस्सा नकली था,,,
असल में उसके होठो में एक मुस्कान थी ,
जो मुझसे छिप नही सकी,
“तो तुमने पूर्वी को भी बिगड़ ही दिया “उसने शरारती मुसकान से कहा,वो मेरे पास ही खड़ी थी और अभी अपनी नाइटी पहनने वाली थी ,मैंने उसके हाथ को पकड़ उसे बिस्तर में गिरा दिया और उसके ऊपर आ गया…
“सब तुम्हारे कारण हुआ है “
मैं सच में थोड़ा गंभीर था,
“मुझे माफ कर दो देव मैं नही जानती थी की ऐसा कुछ हो जाएगा ,लेकिन फिर भी मुझे पूर्वी के लिए खुसी भी है और दुख भी …….”
काजल भी थोड़ी गंभीर हो गई थी
मैंने प्रश्नवाचक निगाहों से उसे देखा…
“खुसी इसलिए की अब उसकी उम्र हो गई है और तुमने उसे बहकने से तो बचा लिया ,जैसा हमारे घर का माहौल था पता नही वो खुद को कितने दिनों तक सम्हाल पाती,मुझे पता लगा की उसके क्लास की ही लडकिया तुम्हारे होटल में उस धंधे में घुस गई है ….”
मुझे उस दिन की याद आयी जब मैंने अपने ही होटल में पूर्वी के क्लास की लड़की को देखा था..
“लेकिन दुख इसलिए भी है की तुमने जो आग उसे लगा दी ,जैसे शेर को खून का स्वाद दिला दिया है ,मैं नही चाहूंगी की पूर्वी अब ऐसा कुछ कर बैठे की ….तुम्हे अब उसका सहारा बनना होगा ,तुम्हारा ध्यान अगर उससे हटा तो समझो वो बाहर ट्राय करना शुरू कर देगी और दुनिया में उस जैसी खूबसूरत कम उम्र की लड़कियों के कद्रदान बहुत है…”
काजल की बात मुझे समझ में आ रही थी,मैं भी पूर्वी की हालत काजल और निशा की तरह होते नही देखना चाहता था…
हम दोनो ही थोड़ी देर तक चुप रहे ..
“लेकिन एक बात मुझे साफ बताओ की ठाकुर के साथ मुझे देखकर तुमने मजा आया की नही “
उसके होठो में एक कमीनी सी मुस्कान फैल रही थी ,
मैंने उसे जोरो से अपनी बांहो में भर लिया और जोरो से दबाया ..
“तू साली बहुत ही कमीनी है “
“तुमसे ज्यादा नही ,वो तो गैर मर्द था लेकिन तुम तो अपनी ही बहनों के साथ शुरू हो गए हो ,मेरी ही दोस्त के साथ भी सोते हो,साले रिस्तो को तो तुमने खत्म ही कर दिया है ,और तुम्हे नही पता क्या की मुझे भी जलन होती है ,और तुमसे ज्यादा जलन होती है ,तुम किसी और लड़की के साथ रिलेशन में रहते तो शायद मैं ठीक भी रहती लेकिन मेरी ही सहेली ,और अपनी ही बहनों के साथ “
वो मुझे घूर रही थी
“मैं तो सीधा साधा सा इंसान था तेरे ही कारण मैं ऐसा हो गया हु “
हम दोनो ही मुस्कुरा उठे…
“चलो हमारे बीच कम से कम अब इस बात की ग्लानि नही होगी की हम में से एक ही बेवफा है ,असल में तो हम दोनो ही बेवफा हो चुके है “
काजल खिलखिलाई और उसके सफेट मोती से दांत मेरे सामने आ गए ..
“सच कहु काजल ठाकुर के साथ तुम्हे देखकर मुझे लगा जैसे मैं उसे मार ही डालू….”
मेरा शरीर उस दृश्य को यादकर गर्म हो गया था
“फिक्र मत करो ये मौका भी मैं तुम्हे दूंगी,चाहे हो ठाकुर हो या खान …”
काजल किसी ख्वाब में खो रही थी और उसकी आंखों से एक आंसू निकल गए शायद पुराना दर्द था जो बह रहा था..
“लेकिन तुझे भी उसके साथ बहुत मजा आया क्यो??और तुझे वो गिफ्ट भी तो मिल गया “
मैंने बात को बदल दिया ,वो मुस्कुराई लेकिन इस बार उसकी मुस्कुराहट में वो ख़िलापन नही था ,कुछ ठंडा था..
“ह्म्म्म गिफ्ट तो मिल गया है ...और मजा भी आया ,लेकिन ठाकुर के कारण नही बल्कि तुम्हारे कारण “
वो मेरे आंखों में घूर रही थी
“तुम देख रहे हो ये ही सोचकर मैं एक बार झड़ गई थी “
“कमीनी कही की “
उसकी बातो को सुनकर मेरा लिंग ही खड़ा हो गया था और मैंने देर नही करते हुए उसे काजल की योनि में डाल दिया,मैं नंगा ही था और काजल भी सिर्फ नाइटी में थी जो की पूरी तरह से पहनी नही गई थी,
उसकी योनि पहले से ही पनियाई हुई थी और मेरे लिंग को आराम से वो अपने अंदर कर गई…
ऐसे तो ये अहसास बहुत ही सुहाना था लेकिन फिर भी आज मैं कुछ सोच में गहराई से डूबा हुआ विचार कर रहा था…
सबसे बड़ा सवाल तो ये था की क्या सच में काजल चाहती है की मैं उसे उस हाल में देखु,या वो बस वक्त की मजबूरी है???
और एक सवाल मेरे मन को खाये जा रहा था ,क्या काजल मुझसे प्यार करती है ,या वो बस ये रिश्ता निभाये जा रही है???
सवाल तो कई थे और जवाब कोई भी नही था,बस कुछ धारणाएं थी,बस कुछ पुरानी याद और बात जिसके सहारे में कुछ समझ या सोच सकू…………….
सेक्स तो खत्म हो गया और हम दोनो ही एक दूसरे की तरफ पीठ करके सोए थे,लेकिन मेरी और काजल की दोनो की ही आंखे खुली हुई थी,दोनो ही कई सवलो से घिरे हुए थे….