hotaks444
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"बहुत छुप-छुप कर अपनी मा को चुदते हुए देखने का मन होता है ना दीदी और तेरी चूत भी बहती है. चल आज मैं तेरा लीकेज फुल और; फाइनल ठीक कर देता हूँ" विक्की ने पुरजोर ताक़त से अपना लंड स्नेहा के मूँह में ठेलते हुए कहा और कुछ सेकेंड्स बाद बाहर खीच लिया.
"ओह" स्नेहा जोरो की साँस लेने लगी और विक्की के हाथ की गिरफ़्त ढीली पड़ते ही एक जोरदार मुक्का उसकी पीठ पर जड़ दिया.
"मादरचोद !! जान लेगा क्या मेरी ?" अपनी लार से सना विक्की का लंड हाथ में पकड़ कर स्नेहा उसे इस तरह मरोड़ने लगी जैसे उसे तोड़ ही डालेगी.
"उफफफफ्फ़ दीदी नही" अब तड़पने की बारी विक्की की थी, लेकिन वह ज़्यादा शोर मचाता इससे पहले ही स्नेहा ने अपना चेहरा लंड पर झुकाते हुए वापस उसे चूसना शुरू कर दिया.
"ह्म्म्म !! स्ट्रेंज सा टेस्ट है भाई, मगर मज़ा आ रहा है" स्नेहा ने आँख मारते हुए विक्की से कहा "कमिने !! मैं जान-बूझ कर तुझे उकसा रही थी तो क्या तू मुझे जान से ही मार डालता ?"
विक्की ने देखा दीदी तो लगातार उसका पोपट बनाती जा रही है "तुझे नही दीदी !! तेरी चूत मारूँगा" वह भी खिलखिला कर हँस पड़ा.
विक्की :- "दीदी एक बात पूच्छू ?"
स्नेहा उसका लंड चूसने में मगन थी तो सिर्फ़ अपनी पलकें उठाते हुए, हां में इशारा किया.
"तूने मोम और मुझे चुदाई करते देखा लेकिन नाराज़ नही हुई. क्यों ?" विक्की ने सवाल किया.
"पुचह " स्नेहा ने अपने गुलाबी होंठो की गिरफ़्त टाइट करते हुए लंड मूँह से बाहर खीचा "क्यों कि मैं मोम को शर्मसार होते नही देख पाती"
"मगर दीदी" विक्की कुच्छ कहता इससे पहले ही स्नेहा ने उसे टोक दिया.
"टॉपिक चेंज कर भाई, मुझे तेरे और मोम के बीच होते सेक्स से कोई प्राब्लम नही" वह लंड चूसने में आनंदित थी.
"दीदी मुझे तेरी चूत देखनी है !! अब तो नंगी हो जा" विक्की का कमीना-पन वापस जाग रहा था.
स्नेहा :- "मगर एक शर्त पर"
विक्की :- "क्या ?"
"आज हम सेक्स नही करेंगे" स्नेहा की बात सुन कर विक्की का मूँह लटक गया.
"अरे मेरा छोटा भाई तो उदास हो गया, हम चुदाई ज़रूर करेंगे लेकिन उस दिन, जब मोम खुद तेरा लंड अपने हाथ से मेरी चूत में डालेंगी" विक्की को चौकाते हुए स्नेहा मुस्कुराइ "और वो कैसे होगा, मैने सब प्लान कर लिया है"
"वाउ !! मतलब थ्रीसम दीदी" विक्की की बाछे खिल गयी और उसने स्नेहा के मूँह में ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए.
कुच्छ देर यूँ ही लंड चुसाई का दौर चला, जहाँ स्नेहा ने पहली दफ़ा कोई लंड चूसा था वही विक्की भी फर्स्ट टाइम कोई कुँवारी चूत देखने के सपने संजोए बैठा था.
"दीदी अब ना तडपा !! नंगी हो जा फिर मैं तुझे बताउन्गा, किस तरह हम दोनो एक साथ, एक दूसरे को ओरल सॅटिस्फॅक्षन दे सकते हैं" विक्की से सबर ना होते देख स्नेहा ने उसका लंड अपने मूँह से बाहर निकाला और बेड पर खड़ी होने लगी.
"मुझे मत सिखा चूतिए, 69 पोज़िशन मुझे भी समझ आती है" स्नेहा की इतनी जानकारी को जान विक्की को लगा "कहीं दीदी खेली खिलाई तो नही"
स्नेहा ने खड़े-खड़े अपने दोनो हाथ स्कर्ट के अंदर डाले और पहनी हुई वाइट कॉटन पैंटी झटके से पैरो से बाहर निकाल दी.
"अब ठीक है" वह बड़े कामुक अंदाज़ में बोली मगर अपनी कुँवारी चूत का रत्ती भर दर्शन विक्की को नही होने दिया.
"दीदी तेरी कछि तो पूरी गीली है, वाउ !! क्या खुश्बू है तेरी चूत की" विक्क चील की तरह अपनी बहेन की पैंटी पर झपटा और उसे सूंघते हुए अपना लंड हिलाने लगा.
"मतलब इतने में तेरा काम हो जाएगा" स्नेहा बेड से नीचे उतरने को हुई "तो फिर जल्दी फिनिश कर और फिर हमे मामा के घर भी जाना है" एक और बार उसने विक्की की झन्ड कर दी थी.
"मगर ना तो मैने तेरी चूत देखी ना चूसी, फिर ?" विक्की मायूसी से बोला.
"तो फिर अपना लंड छोड़ और दीदी को पकड़" पकडम-पकड़ाई खेल शुरू हो चुका था.
"ओह" स्नेहा जोरो की साँस लेने लगी और विक्की के हाथ की गिरफ़्त ढीली पड़ते ही एक जोरदार मुक्का उसकी पीठ पर जड़ दिया.
"मादरचोद !! जान लेगा क्या मेरी ?" अपनी लार से सना विक्की का लंड हाथ में पकड़ कर स्नेहा उसे इस तरह मरोड़ने लगी जैसे उसे तोड़ ही डालेगी.
"उफफफफ्फ़ दीदी नही" अब तड़पने की बारी विक्की की थी, लेकिन वह ज़्यादा शोर मचाता इससे पहले ही स्नेहा ने अपना चेहरा लंड पर झुकाते हुए वापस उसे चूसना शुरू कर दिया.
"ह्म्म्म !! स्ट्रेंज सा टेस्ट है भाई, मगर मज़ा आ रहा है" स्नेहा ने आँख मारते हुए विक्की से कहा "कमिने !! मैं जान-बूझ कर तुझे उकसा रही थी तो क्या तू मुझे जान से ही मार डालता ?"
विक्की ने देखा दीदी तो लगातार उसका पोपट बनाती जा रही है "तुझे नही दीदी !! तेरी चूत मारूँगा" वह भी खिलखिला कर हँस पड़ा.
विक्की :- "दीदी एक बात पूच्छू ?"
स्नेहा उसका लंड चूसने में मगन थी तो सिर्फ़ अपनी पलकें उठाते हुए, हां में इशारा किया.
"तूने मोम और मुझे चुदाई करते देखा लेकिन नाराज़ नही हुई. क्यों ?" विक्की ने सवाल किया.
"पुचह " स्नेहा ने अपने गुलाबी होंठो की गिरफ़्त टाइट करते हुए लंड मूँह से बाहर खीचा "क्यों कि मैं मोम को शर्मसार होते नही देख पाती"
"मगर दीदी" विक्की कुच्छ कहता इससे पहले ही स्नेहा ने उसे टोक दिया.
"टॉपिक चेंज कर भाई, मुझे तेरे और मोम के बीच होते सेक्स से कोई प्राब्लम नही" वह लंड चूसने में आनंदित थी.
"दीदी मुझे तेरी चूत देखनी है !! अब तो नंगी हो जा" विक्की का कमीना-पन वापस जाग रहा था.
स्नेहा :- "मगर एक शर्त पर"
विक्की :- "क्या ?"
"आज हम सेक्स नही करेंगे" स्नेहा की बात सुन कर विक्की का मूँह लटक गया.
"अरे मेरा छोटा भाई तो उदास हो गया, हम चुदाई ज़रूर करेंगे लेकिन उस दिन, जब मोम खुद तेरा लंड अपने हाथ से मेरी चूत में डालेंगी" विक्की को चौकाते हुए स्नेहा मुस्कुराइ "और वो कैसे होगा, मैने सब प्लान कर लिया है"
"वाउ !! मतलब थ्रीसम दीदी" विक्की की बाछे खिल गयी और उसने स्नेहा के मूँह में ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए.
कुच्छ देर यूँ ही लंड चुसाई का दौर चला, जहाँ स्नेहा ने पहली दफ़ा कोई लंड चूसा था वही विक्की भी फर्स्ट टाइम कोई कुँवारी चूत देखने के सपने संजोए बैठा था.
"दीदी अब ना तडपा !! नंगी हो जा फिर मैं तुझे बताउन्गा, किस तरह हम दोनो एक साथ, एक दूसरे को ओरल सॅटिस्फॅक्षन दे सकते हैं" विक्की से सबर ना होते देख स्नेहा ने उसका लंड अपने मूँह से बाहर निकाला और बेड पर खड़ी होने लगी.
"मुझे मत सिखा चूतिए, 69 पोज़िशन मुझे भी समझ आती है" स्नेहा की इतनी जानकारी को जान विक्की को लगा "कहीं दीदी खेली खिलाई तो नही"
स्नेहा ने खड़े-खड़े अपने दोनो हाथ स्कर्ट के अंदर डाले और पहनी हुई वाइट कॉटन पैंटी झटके से पैरो से बाहर निकाल दी.
"अब ठीक है" वह बड़े कामुक अंदाज़ में बोली मगर अपनी कुँवारी चूत का रत्ती भर दर्शन विक्की को नही होने दिया.
"दीदी तेरी कछि तो पूरी गीली है, वाउ !! क्या खुश्बू है तेरी चूत की" विक्क चील की तरह अपनी बहेन की पैंटी पर झपटा और उसे सूंघते हुए अपना लंड हिलाने लगा.
"मतलब इतने में तेरा काम हो जाएगा" स्नेहा बेड से नीचे उतरने को हुई "तो फिर जल्दी फिनिश कर और फिर हमे मामा के घर भी जाना है" एक और बार उसने विक्की की झन्ड कर दी थी.
"मगर ना तो मैने तेरी चूत देखी ना चूसी, फिर ?" विक्की मायूसी से बोला.
"तो फिर अपना लंड छोड़ और दीदी को पकड़" पकडम-पकड़ाई खेल शुरू हो चुका था.