hotaks444
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किरण इस बात से अंज़ान थी कि, विनय ने आज के लिए क्या प्लान कर रखा है….इधर विनय के लंड पर वियाग्रा का असर अब उफ्फान पर था…उसका लंड शॉर्ट्स को फाड़ कर बाहर आने के लिए मचल रहा था….पर अभी भी उसकी हिम्मत नही हो रही थी कि, वो कुछ कर सके….वो करवट के बल लेटा हुआ मामी की पीठ को देख रहा था…मामी की साड़ी और पेटिकोट मे उभरी हुई गान्ड को देख कर उसका लंड झटके पे झटके खा रहा था… करीब 20 मिनट तक वो ऐसे ही लेटा रहा….किरण को अब नींद आनी शुरू हो गई थी….उसकी आँखे नींद के कारण भारी होने लगी थी…. किरण भी सपनो की वादियों मे पहुँच चुकी थी…विनय की भी अब बर्दास्त से बाहर हो चुका था. रात के करीब 12 बाज चुके थे….किरण को अपने चुतड़ों की दरार मे कुछ गरम और सख़्त से चीज़ चुभती हुई महसूस हुई,
जो उसकी गान्ड के छेद पर रगड़ खा रही थी….किरण अपनी गान्ड के छेद पर हो रही सरसराहट के कारण उठ गई थी…जब उसे अहसास हुआ कि, कोई मोटी और सख़्त चीज़ उसके चुतड़ों की दरार मे आगे पीछे हो रही है, तो उसने अपनी आँखे खोली तो उसका कलेजा मुँह को आ गया….उसकी साड़ी उसके चुतड़ों तक ऊपेर उठी हुई थी….उसकी पैंटी उसकी जाँघो तक नीचे उतरी हुई थी….और विनय का हाथ उसकी नाभि के पास था…विनय उससे बिकुल चिपका हुआ था…
उसका लंड किरण अपनी गान्ड के छेद पर रगड़ ख़ाता हुआ सॉफ महसूस कर पा रही थी…जब विनय के लंड का गरम सुपाडा उसकी गान्ड के छेद पर रगड़ ख़ाता तो, किरण के रोम-2 मे मस्ती की लहर दौड़ जाती… और उसके चूतड़ आपस मे भिन्चने लगते….
किरण बहुत ज़्यादा घबरा गई थी….दूसरी तरफ वशाली पीठ के बल लेटी सो रही थे… उसके दिल मे इस बात का खोफ़ बैठा हुआ था कि, कही वशाली ने उठ कर उसे और विनय को इस हालत मे देख लिया तो, बहुत बड़ी गड़बड़ जो जाएगी….और ना ही वो विनय को माना कर सकती थी….क्योंकि अगर वो विनय को रोकती, तो विनय को पता चल जाता कि वो सो नही रही थी…इससे पहले कि किरण कुछ सोच पाती…विनय ने अपना हाथ उसके पेट से उठा कर उसकी दोनो जाँघो के बीच मे रखते हुए, उसकी ऊपेर वाली टाँग को हल्का सा उठा कर आगे की तरफ सरका दिया…जैसे ही किरण की ऊपेर वाली टाँग नीचे वाली टाँग से उतरी, तो विनय का लंड उसकी गान्ड के छेद पर रगड़ ख़ाता हुआ लंड का सुपाडा किरण की चूत की फांको के बीचो-बीच आ लगा…
अपने भानजे के लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही, उसकी चूत पिघल उठी….विनय को अपने लंड के सुपाडे पर मामी की चूत से रिस्ता हुआ गरम पानी सॉफ महसूस हो रहा था…जिसे महसूस करके विनय एक दम मदहोश हो गया था…उसने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मामी की चूत के छेद पर सेट करते हुए आगे की तरफ पुश किया तो, लंड का सुपाडा मामी की पानी से लबलबा रही चूत के छेद को फेलाता हुआ अंदर जा घुसा…”सीईईईईईईईईईईईईईईईईईई” किरण ने सिसकते हुए बेड शीट को अपनी मुट्ठी मे दबोच लिया….अपने भान्जे के लंड के गरम सुपाडे को अपनी चूत के छेद मे दहकता हुआ महसूस करते ही, किरण की आँखे मस्ती मे बंद होती चली गई….उसकी चूत के छेद ने विनय के लंड के सुपाडे को ऐसे दबाना शुरू कर दिया… जैसे उसकी चूत विनय के लंड को दबा कर अंदर की ओर ले लेना चाहती हो…
किरण जिस हालत मे थी….उसे डर था कि, कही वशाली ना उठ जाए…फिर किरण ने सोचा कि शायद विनय उस दिन की तरह थोड़ी देर अंदर रुकने के बाद ढीला पड़ जाएगा..और वो खुद ही सो जाएगा….तभी उसे अपनी चूत की दीवारो पर विनय के लंड के सुपाडे की रगड़ महसूस हुई….उसे अपनी चूत की दीवारें बुरी तरह खुलती हुई महसूस हो रही थी….विनय का लंड धीरे-2 मामी की चूत के छेद को फेलाता हुआ अंदर घुसता जा रहा था….किरण को अपनी चूत पूरी तरह से भरती हुई महसूस हो रही थी…किरण अपनी मस्ती से भरी अध खुली आँखो से वशाली की तरफ देख रही थी. धीरे-2 विनय का पूरा लंड किरण की चूत की गहराइयों मे समा गया…”हाइई इस कंज़र का इतना बड़ा है…..मेरी पूरी फुद्दि भर दी…काश आज वशाली यहाँ ना होती. तो उछल -2 कर तेरे लंड को अपनी चूत मे लेती….” किरण ने मन ही मन सोचा…
विनय के लंड का सुपाडा किरण की चूत की गहराइयों मे कोहराम मचा रहा था… जिसे किरण अपनी बच्चेदानी को चूमता हुआ महसूस कर रही थी…किरण के रोंगटे रोमांच के मारे खड़े हो चुके थे….विनय कुछ देर ऐसे ही रुका रहा…फिर उसने धीरे-2 अपने लंड को बाहर निकालना शुरू किया….तो किरण को फिर से मस्त कर देने वाली रगड़ अपनी चूत की दीवारो पर महसूस हुई, तो उसने अपने दाँतों मे तकिये को दबा कर अपने आप को सिसकने से रोका….और फिर जैसे ही विनय का लंड आधे से ज़यादा बाहर आया तो, विनय ने फिर से अपने लंड को अंदर करना शुरू कर दिया….किरण अपनी चूत की दीवारो को रगड़ते हुए विनय के लंड को महसूस करते हुए मदहोश होती जा रही थी…1 घस्सा….अहह दूसरा आहह उंह सीईईईईईई ओह्ह्ह्ह तीसरा.. रुक जा विनय उंह
किरण मस्ती के सागर मे गोते खाते हुए, विनय के धक्कों को गिन रही थी….ये सोच कर कि विनय अब झड जाएगा….पर किरण क्या जाने उसके लाड़ले ने आज उसकी क्या हालत करनी है…चार ओह हाइईए आज खैर नही किरण….उंह सीईईईईईई….” इधर विनय अब धीरे-2 अपनी रफ़्तार को बढ़ाने लगा था….मामी ने किसी बच्चे को जनम नही दिया था…इसलिए उसकी चूत ममता जितनी ही टाइट थी…विनय भी आज मामी के स्वर्ग के द्वार पर पहुँच कर मदहोश हुआ जा रहा था…मामी की चूत भी अपने भानजे के लंड पर अपने कामरस का लेप लगा कर उसे चिकना बना रही थी. जिससे विनय का लंड मामी की गरम चूत मे फिसलता हुआ अंदर बाहर हो रहा था.
जब विनय का पूरा लंड किरण की चूत मे घुसता तो, विनय की जांघे मामी के चुतड़ों पर चिपक जाती….अपने चुतड़ों को विनय की जाँघो के नीचे दबते हुए महसूस करके, किरण के बदन मे कपकपि सी दौड़ जाती…किरण अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी…तभी किरण की दूसरी तरफ लेटी वशाली नींद मे हिली तो, किरण एक दम से घबरा गई….और बिना पलके झपकाए वशाली की तरफ देखती रही…पर विनय तो जैसे अपने ही धुन मे मगन था….अब वो अपने लंड को सुपाडे तक मामी की चूत से बाहर निकाल-2 कर पेल रहा था…वशाली के हिलने से खोफ़ज़ादा किरण धीरे-2 उल्टी होने लगी…ये सोच कर कि, विनय का लंड उसकी चूत से बाहर आ जाएगा….पर जैसे -2 वो पेट के बल उल्टी होती गई…वैसे-2 विनय उसके ऊपेर आता गया…
और फिर एक पल ऐसा आया कि, जब विनय अपनी मामी के ऊपेर लेटा हुआ अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था….उसने मामी की चूत मे धक्के मारते हुए किरण की कमर को दोनो तरफ से पकड़ा और उसको ऊपेर उठाने लगा….किरण को भी मजबूरी मे अपनी गान्ड को उठाते हुए घुटनो के बल होना पड़ा….जैसे ही किरण घुटनो के बल होकर डॉगी स्टाइल मे आई…विनय एक दम से जोश मे भर उठा….
जो उसकी गान्ड के छेद पर रगड़ खा रही थी….किरण अपनी गान्ड के छेद पर हो रही सरसराहट के कारण उठ गई थी…जब उसे अहसास हुआ कि, कोई मोटी और सख़्त चीज़ उसके चुतड़ों की दरार मे आगे पीछे हो रही है, तो उसने अपनी आँखे खोली तो उसका कलेजा मुँह को आ गया….उसकी साड़ी उसके चुतड़ों तक ऊपेर उठी हुई थी….उसकी पैंटी उसकी जाँघो तक नीचे उतरी हुई थी….और विनय का हाथ उसकी नाभि के पास था…विनय उससे बिकुल चिपका हुआ था…
उसका लंड किरण अपनी गान्ड के छेद पर रगड़ ख़ाता हुआ सॉफ महसूस कर पा रही थी…जब विनय के लंड का गरम सुपाडा उसकी गान्ड के छेद पर रगड़ ख़ाता तो, किरण के रोम-2 मे मस्ती की लहर दौड़ जाती… और उसके चूतड़ आपस मे भिन्चने लगते….
किरण बहुत ज़्यादा घबरा गई थी….दूसरी तरफ वशाली पीठ के बल लेटी सो रही थे… उसके दिल मे इस बात का खोफ़ बैठा हुआ था कि, कही वशाली ने उठ कर उसे और विनय को इस हालत मे देख लिया तो, बहुत बड़ी गड़बड़ जो जाएगी….और ना ही वो विनय को माना कर सकती थी….क्योंकि अगर वो विनय को रोकती, तो विनय को पता चल जाता कि वो सो नही रही थी…इससे पहले कि किरण कुछ सोच पाती…विनय ने अपना हाथ उसके पेट से उठा कर उसकी दोनो जाँघो के बीच मे रखते हुए, उसकी ऊपेर वाली टाँग को हल्का सा उठा कर आगे की तरफ सरका दिया…जैसे ही किरण की ऊपेर वाली टाँग नीचे वाली टाँग से उतरी, तो विनय का लंड उसकी गान्ड के छेद पर रगड़ ख़ाता हुआ लंड का सुपाडा किरण की चूत की फांको के बीचो-बीच आ लगा…
अपने भानजे के लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही, उसकी चूत पिघल उठी….विनय को अपने लंड के सुपाडे पर मामी की चूत से रिस्ता हुआ गरम पानी सॉफ महसूस हो रहा था…जिसे महसूस करके विनय एक दम मदहोश हो गया था…उसने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मामी की चूत के छेद पर सेट करते हुए आगे की तरफ पुश किया तो, लंड का सुपाडा मामी की पानी से लबलबा रही चूत के छेद को फेलाता हुआ अंदर जा घुसा…”सीईईईईईईईईईईईईईईईईईई” किरण ने सिसकते हुए बेड शीट को अपनी मुट्ठी मे दबोच लिया….अपने भान्जे के लंड के गरम सुपाडे को अपनी चूत के छेद मे दहकता हुआ महसूस करते ही, किरण की आँखे मस्ती मे बंद होती चली गई….उसकी चूत के छेद ने विनय के लंड के सुपाडे को ऐसे दबाना शुरू कर दिया… जैसे उसकी चूत विनय के लंड को दबा कर अंदर की ओर ले लेना चाहती हो…
किरण जिस हालत मे थी….उसे डर था कि, कही वशाली ना उठ जाए…फिर किरण ने सोचा कि शायद विनय उस दिन की तरह थोड़ी देर अंदर रुकने के बाद ढीला पड़ जाएगा..और वो खुद ही सो जाएगा….तभी उसे अपनी चूत की दीवारो पर विनय के लंड के सुपाडे की रगड़ महसूस हुई….उसे अपनी चूत की दीवारें बुरी तरह खुलती हुई महसूस हो रही थी….विनय का लंड धीरे-2 मामी की चूत के छेद को फेलाता हुआ अंदर घुसता जा रहा था….किरण को अपनी चूत पूरी तरह से भरती हुई महसूस हो रही थी…किरण अपनी मस्ती से भरी अध खुली आँखो से वशाली की तरफ देख रही थी. धीरे-2 विनय का पूरा लंड किरण की चूत की गहराइयों मे समा गया…”हाइई इस कंज़र का इतना बड़ा है…..मेरी पूरी फुद्दि भर दी…काश आज वशाली यहाँ ना होती. तो उछल -2 कर तेरे लंड को अपनी चूत मे लेती….” किरण ने मन ही मन सोचा…
विनय के लंड का सुपाडा किरण की चूत की गहराइयों मे कोहराम मचा रहा था… जिसे किरण अपनी बच्चेदानी को चूमता हुआ महसूस कर रही थी…किरण के रोंगटे रोमांच के मारे खड़े हो चुके थे….विनय कुछ देर ऐसे ही रुका रहा…फिर उसने धीरे-2 अपने लंड को बाहर निकालना शुरू किया….तो किरण को फिर से मस्त कर देने वाली रगड़ अपनी चूत की दीवारो पर महसूस हुई, तो उसने अपने दाँतों मे तकिये को दबा कर अपने आप को सिसकने से रोका….और फिर जैसे ही विनय का लंड आधे से ज़यादा बाहर आया तो, विनय ने फिर से अपने लंड को अंदर करना शुरू कर दिया….किरण अपनी चूत की दीवारो को रगड़ते हुए विनय के लंड को महसूस करते हुए मदहोश होती जा रही थी…1 घस्सा….अहह दूसरा आहह उंह सीईईईईईई ओह्ह्ह्ह तीसरा.. रुक जा विनय उंह
किरण मस्ती के सागर मे गोते खाते हुए, विनय के धक्कों को गिन रही थी….ये सोच कर कि विनय अब झड जाएगा….पर किरण क्या जाने उसके लाड़ले ने आज उसकी क्या हालत करनी है…चार ओह हाइईए आज खैर नही किरण….उंह सीईईईईईई….” इधर विनय अब धीरे-2 अपनी रफ़्तार को बढ़ाने लगा था….मामी ने किसी बच्चे को जनम नही दिया था…इसलिए उसकी चूत ममता जितनी ही टाइट थी…विनय भी आज मामी के स्वर्ग के द्वार पर पहुँच कर मदहोश हुआ जा रहा था…मामी की चूत भी अपने भानजे के लंड पर अपने कामरस का लेप लगा कर उसे चिकना बना रही थी. जिससे विनय का लंड मामी की गरम चूत मे फिसलता हुआ अंदर बाहर हो रहा था.
जब विनय का पूरा लंड किरण की चूत मे घुसता तो, विनय की जांघे मामी के चुतड़ों पर चिपक जाती….अपने चुतड़ों को विनय की जाँघो के नीचे दबते हुए महसूस करके, किरण के बदन मे कपकपि सी दौड़ जाती…किरण अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी…तभी किरण की दूसरी तरफ लेटी वशाली नींद मे हिली तो, किरण एक दम से घबरा गई….और बिना पलके झपकाए वशाली की तरफ देखती रही…पर विनय तो जैसे अपने ही धुन मे मगन था….अब वो अपने लंड को सुपाडे तक मामी की चूत से बाहर निकाल-2 कर पेल रहा था…वशाली के हिलने से खोफ़ज़ादा किरण धीरे-2 उल्टी होने लगी…ये सोच कर कि, विनय का लंड उसकी चूत से बाहर आ जाएगा….पर जैसे -2 वो पेट के बल उल्टी होती गई…वैसे-2 विनय उसके ऊपेर आता गया…
और फिर एक पल ऐसा आया कि, जब विनय अपनी मामी के ऊपेर लेटा हुआ अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था….उसने मामी की चूत मे धक्के मारते हुए किरण की कमर को दोनो तरफ से पकड़ा और उसको ऊपेर उठाने लगा….किरण को भी मजबूरी मे अपनी गान्ड को उठाते हुए घुटनो के बल होना पड़ा….जैसे ही किरण घुटनो के बल होकर डॉगी स्टाइल मे आई…विनय एक दम से जोश मे भर उठा….