hotaks444
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निशा ने हँस कर चूत से अपना चेहरा हटाते हुए कहा ..जब स्त्री चर्म - सीमा पर हो और किसी तरह से उसका फॉल रुकवा दिया जाए तो वो रहम की भीख माँगने पर उतारू हो जाती है ..यही हाल तनवी का हुआ ..अपने आप ही उसके हाथ निशा के सर को वापस अपनी चूत पर दबाने लगे
" दीदी प्लीज़ रूको नही "
तनवी ने तड़प्ते हुए चिल्लाया
" मेरी गुड़िया रानी ..सबर कर सबर "
निशा ने उसकी तड़प को नज़र अंदाज़ करते हुए अपनी गरम साँसें गांद के मुलायम छेद पर छोड़ दी
" दीदी यहाँ नही ..डर्टी है "
तनवी ने अपना आस - होल सिकोडते हुए कहा
" कुछ डर्टी नही मेरी जान ..चल ढीला छोड़ खुद को "
निशा ने करवट ली तनवी के चूतडो की दरार को खोला और अगले ही पल उसकी जीब की थिकरण गांद के मुलायन छेद पर अपना कहर बरपा रही थी
" आईईईईईई मम्मी "
तनवी ने टेबल पर उठ कर बैठना चाहा लेकिन जया ने उसे हिलने तक का मौका नही दिया
" फॅक्त....... "
निशा की उंगली ने वर्जिन चूत मे प्रवेश कर लिया और साथ ही गान्ड के छेद से वो तनवी की जान को अपने अंदर क़ैद कर रही थी ..चूत का मूँह सिर्फ़ इतना खुला कि जिसमे उंगली घुमा कर निशा उसके कुंवारे पर्दे की छेद - छेड़ सके
" हमम्म्ममम......... "
उंगली के अंदर बाहर होने से तनवी अपना सार पागलो की तरह टेबल पर पटक देती और गांद हवा मे लहराते हुए काँप जाती ..निशा ने जया को इशारे से उसे छोड़ने को कहा और अगले पल जया टेबल से नीचे उतर गयी
" स्वीटी अब लास्ट राउंड है ..तू टेन्षन ना ले ..सब चंगा होगा "
निशा ने टेबल पर चढ़ते हुए तनवी के घुटने मोड़ दिए जिससे उसका निचला यौवन खुल कर बाहर आ गया ..एक नज़र जया के चेहरे को देखा जो नीचे बैठ कर चूत पर अपनी लार गिराए जा रही थी ..दोनो मुस्कुराइ और फाइनल राउंड स्टार्ट कर दिया
चूत और आस - होल पर एक साथ झपट्टा मार दोनो लड़कियों ने तनवी को रुला दिया ..जहाँ निशा टेबल पर बैठी उसके आस - होल को बेरहमी से चाट रही थी वहीं नीचे बैठी जया चूत चाट ते हुए अपनी एक उंगली तेज़ी से अंदर बाहर करने मे लगी थी
तनवी इस दोहरे मज़े से अपने बाल नोचते हुए आँसू बहाने लगी ..उसके चेहरे पर खून का उबाल था और चीखों मे इतनी ताक़त की अगर कमरे के बाहर से कोई भी गुज़रता तो रेप होना समझ कर सिहर जाता ..तनवी ने 2 - 4 मुक्के टेबल पर जड़ते हुए आह ली ..टाइम था उसकी लाइफ के पहले ऑर्गॅज़म का ..शरीर की ऐंठन उसके बस से बाहर हो गयी
" दिदीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ......सूसू........ "
तनवी ने इस बार प्रेयर की कोई रुकावट बीच मे ना आए और अपना कंट्रोल पूरी तरह से खोते हुए झड़ने लगी ..जया किसी बिल्ली की तरह चूत से चिपकी थी ..फव्वारे पर फवारे छूटे ..उसने अपने होंठो को खोलते हुए 3" की पूरी चूत अपने मूँह मे समा लिया ..निशा ने गांद के छेद को तुरंत ही छोड़ा और जया के पास फ्लोर पर बैठ गयी
" कमीनी रस को अकेले मत पी जाना ..मैं भी हूँ "
निशा ने हँसते हुए जया का सर चूत पर दबाते हुए कहा
सब कुछ भूल कर तनवी ने आनंद के सागर मे गोते लगाते हुए चूत रस की आख़िरी बूँद को भी जया मे मूँह मे छोड़ दिया
जब तनवी की साँसे थोड़ी नॉर्मल हुई तो उसने अपनी आँखें खोल कर चूत पर हाथ फेरा ..पूरी चूत रस से सराबोर थी ..एक सुखद एहसास पाने से उसका रोम - रोम पुलकित था ..उसे होश आया कि उसके साथ निशा और जया भी क्लास मे हैं तो वो उठ कर टेबल पर बैठ गयी ..नज़र फ्लोर पर बैठी उन दोनो छिनालो पर डाली जो उसकी जवानी का पहला पानी एक दूसरे को चूमने के ज़रिए गले से नीचे उतार रही थी
" छ्ह्हीईईइ दीदी मेरा सूसू पी लिया "
तनवी की आवाज़ से दोनो की किस टूट गयी ..निशा ने हाथ के इशारे से तनवी को अपने पास बुलाया
" ये ले तू भी चख ले तेरी जवानी ..मेरी जान यही तो सेक्स है "
तनवी के लाख मना करने पर भी निशा ने उसे नही छोड़ा और 10 - 15 सेक तक अपनी जीभ से उसके पूरे मूँह का टेस्ट बदल दिया
" अब जल्दी करो हम काफ़ी लेट हो गये हैं और तनवी अगर तुझे सेक्स के बारे मे ज़्यादा जान ना है तो ये ले डीवीडी ..रात मे जब घर के सारे मेंबर सो जाएँ तब देखना "
जया ने सारे कपड़ो को इकट्ठा कर कहा और तीनो निशा की कार से अपने - अपने घर की तरफ चल दी
-------------------------
" टॅंग - टॅंग - टन्ग - टॅंग "
बाहर हॉल मे लगी घड़ी ने 8 बजे का साउंड दिया और तनवी अपने ख़यालो की दुनिया से बाहर आ गयी ..इतना गरम और हॉट सीन जिसके जहेन मे आया हो उसका सिड्यूस होना लाज़मी है लेकिन यहाँ तो तनवी की आँखों मे आँसुओ के सिवा कुछ नही था ..वो खुद को रस्मी का कातिल मान कर ज़ोरो से रोने लगी ..उसकी इतनी छोटी ग़लती के लिए मा ने अपनी जान दे दी
" मैं अब इस घर मे नही रहूंगी ..वरना मैं डॅड को भी दुखी करूँगी ..चाहे मरु या जियु पर आज मेरा आख़िरी दिन है इस घर मे "
तनवी की ग्रॅजुयेशन का लास्ट एअर चल रहा था और इसके बाद उसे एमबीए करना था ..यही सोचते हुए उसके कदम बाथरूम की तरफ़ बढ़ गये ..चलते हुए जाने कैसे उसने अपने दर्द को संभाला होगा ......
क्रमशः///////////////////////////
" दीदी प्लीज़ रूको नही "
तनवी ने तड़प्ते हुए चिल्लाया
" मेरी गुड़िया रानी ..सबर कर सबर "
निशा ने उसकी तड़प को नज़र अंदाज़ करते हुए अपनी गरम साँसें गांद के मुलायम छेद पर छोड़ दी
" दीदी यहाँ नही ..डर्टी है "
तनवी ने अपना आस - होल सिकोडते हुए कहा
" कुछ डर्टी नही मेरी जान ..चल ढीला छोड़ खुद को "
निशा ने करवट ली तनवी के चूतडो की दरार को खोला और अगले ही पल उसकी जीब की थिकरण गांद के मुलायन छेद पर अपना कहर बरपा रही थी
" आईईईईईई मम्मी "
तनवी ने टेबल पर उठ कर बैठना चाहा लेकिन जया ने उसे हिलने तक का मौका नही दिया
" फॅक्त....... "
निशा की उंगली ने वर्जिन चूत मे प्रवेश कर लिया और साथ ही गान्ड के छेद से वो तनवी की जान को अपने अंदर क़ैद कर रही थी ..चूत का मूँह सिर्फ़ इतना खुला कि जिसमे उंगली घुमा कर निशा उसके कुंवारे पर्दे की छेद - छेड़ सके
" हमम्म्ममम......... "
उंगली के अंदर बाहर होने से तनवी अपना सार पागलो की तरह टेबल पर पटक देती और गांद हवा मे लहराते हुए काँप जाती ..निशा ने जया को इशारे से उसे छोड़ने को कहा और अगले पल जया टेबल से नीचे उतर गयी
" स्वीटी अब लास्ट राउंड है ..तू टेन्षन ना ले ..सब चंगा होगा "
निशा ने टेबल पर चढ़ते हुए तनवी के घुटने मोड़ दिए जिससे उसका निचला यौवन खुल कर बाहर आ गया ..एक नज़र जया के चेहरे को देखा जो नीचे बैठ कर चूत पर अपनी लार गिराए जा रही थी ..दोनो मुस्कुराइ और फाइनल राउंड स्टार्ट कर दिया
चूत और आस - होल पर एक साथ झपट्टा मार दोनो लड़कियों ने तनवी को रुला दिया ..जहाँ निशा टेबल पर बैठी उसके आस - होल को बेरहमी से चाट रही थी वहीं नीचे बैठी जया चूत चाट ते हुए अपनी एक उंगली तेज़ी से अंदर बाहर करने मे लगी थी
तनवी इस दोहरे मज़े से अपने बाल नोचते हुए आँसू बहाने लगी ..उसके चेहरे पर खून का उबाल था और चीखों मे इतनी ताक़त की अगर कमरे के बाहर से कोई भी गुज़रता तो रेप होना समझ कर सिहर जाता ..तनवी ने 2 - 4 मुक्के टेबल पर जड़ते हुए आह ली ..टाइम था उसकी लाइफ के पहले ऑर्गॅज़म का ..शरीर की ऐंठन उसके बस से बाहर हो गयी
" दिदीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ......सूसू........ "
तनवी ने इस बार प्रेयर की कोई रुकावट बीच मे ना आए और अपना कंट्रोल पूरी तरह से खोते हुए झड़ने लगी ..जया किसी बिल्ली की तरह चूत से चिपकी थी ..फव्वारे पर फवारे छूटे ..उसने अपने होंठो को खोलते हुए 3" की पूरी चूत अपने मूँह मे समा लिया ..निशा ने गांद के छेद को तुरंत ही छोड़ा और जया के पास फ्लोर पर बैठ गयी
" कमीनी रस को अकेले मत पी जाना ..मैं भी हूँ "
निशा ने हँसते हुए जया का सर चूत पर दबाते हुए कहा
सब कुछ भूल कर तनवी ने आनंद के सागर मे गोते लगाते हुए चूत रस की आख़िरी बूँद को भी जया मे मूँह मे छोड़ दिया
जब तनवी की साँसे थोड़ी नॉर्मल हुई तो उसने अपनी आँखें खोल कर चूत पर हाथ फेरा ..पूरी चूत रस से सराबोर थी ..एक सुखद एहसास पाने से उसका रोम - रोम पुलकित था ..उसे होश आया कि उसके साथ निशा और जया भी क्लास मे हैं तो वो उठ कर टेबल पर बैठ गयी ..नज़र फ्लोर पर बैठी उन दोनो छिनालो पर डाली जो उसकी जवानी का पहला पानी एक दूसरे को चूमने के ज़रिए गले से नीचे उतार रही थी
" छ्ह्हीईईइ दीदी मेरा सूसू पी लिया "
तनवी की आवाज़ से दोनो की किस टूट गयी ..निशा ने हाथ के इशारे से तनवी को अपने पास बुलाया
" ये ले तू भी चख ले तेरी जवानी ..मेरी जान यही तो सेक्स है "
तनवी के लाख मना करने पर भी निशा ने उसे नही छोड़ा और 10 - 15 सेक तक अपनी जीभ से उसके पूरे मूँह का टेस्ट बदल दिया
" अब जल्दी करो हम काफ़ी लेट हो गये हैं और तनवी अगर तुझे सेक्स के बारे मे ज़्यादा जान ना है तो ये ले डीवीडी ..रात मे जब घर के सारे मेंबर सो जाएँ तब देखना "
जया ने सारे कपड़ो को इकट्ठा कर कहा और तीनो निशा की कार से अपने - अपने घर की तरफ चल दी
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" टॅंग - टॅंग - टन्ग - टॅंग "
बाहर हॉल मे लगी घड़ी ने 8 बजे का साउंड दिया और तनवी अपने ख़यालो की दुनिया से बाहर आ गयी ..इतना गरम और हॉट सीन जिसके जहेन मे आया हो उसका सिड्यूस होना लाज़मी है लेकिन यहाँ तो तनवी की आँखों मे आँसुओ के सिवा कुछ नही था ..वो खुद को रस्मी का कातिल मान कर ज़ोरो से रोने लगी ..उसकी इतनी छोटी ग़लती के लिए मा ने अपनी जान दे दी
" मैं अब इस घर मे नही रहूंगी ..वरना मैं डॅड को भी दुखी करूँगी ..चाहे मरु या जियु पर आज मेरा आख़िरी दिन है इस घर मे "
तनवी की ग्रॅजुयेशन का लास्ट एअर चल रहा था और इसके बाद उसे एमबीए करना था ..यही सोचते हुए उसके कदम बाथरूम की तरफ़ बढ़ गये ..चलते हुए जाने कैसे उसने अपने दर्द को संभाला होगा ......
क्रमशः///////////////////////////