Sex Stories hindi मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन - Page 3 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Sex Stories hindi मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन

फिर मौसी ने उसका हाथ पकड़ कहा, “आओ बेटी मैं तुमको प्यार करवा दूं भाई से.” 
सिमरन घबराती और शरमाती सी बोली, “ज्ज्ज.. म्म्मामी आप जाइए मे….मे..” 
“क्या मैं मे कर रही है?” 
“जी मैं करवा लूँगी.” 
“क्या करवा लेगी, बोल अपने भाई को अपना माल दिखाई?” 
“ज्जजई…” 
“और उसे प्यार भी करने देना.” 
“ज्ज्ज..” 
“ठीक है मैं जा रही हूँ.” 
फिर मौसी जैसे ही बाहर गयी मैंने उसे पकड़ लिया और उसके होंठो को चूमते कहा, “दिखाओ अपना माल.” 
“भैया दरवाज़ा तो बंद कर लो.” 
“पगली दरवाज़ा क्या बंद करना मौसी तो खुद ही कह गयी हैं.” 
तब उसने मुस्कराते हुए अपने कपड़ो को अलग किया और फिर नंगी हो अपने मम्मों को पकड़ बोली, “लो भैया देखो अपनी बहन का माल.” 
मे उसके मम्मों को पकड़ दबा दबा चूसने लगा. वह मुस्करती हुई मुझे देखने लगी. कुछ देर बाद वह मेरे बालों मे हाथ फेरते बोली, “भैया पहले मेरी चाट कर झड़वा दो फिर चूसना.” 
तब मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत के पास जा चूत को देखते कहा, “हाये कितनी प्यारी चूत है, मज़ा आ जाएगा इसको चाट कर.” 
“तू चाटो ना इसे भाई आपकी ही है.” 
फिर मैंने ज़ुबान निकाल उसकी चूत को 8-10 चाटा फिर अंदर तक जीभ पेल चाटने लगा 50-55 बार चाटा तब उसकी चूत ने फुच से पानी फेंका. नमकीन पानी निकलते ही मैं अलग हुआ तो वह हाये हाये करती बोली, “मज़ा आ गया भैया.”
फिर मैंने कुछ देर उसके मम्मों को मुँह मे लेकर चूसा और फिर जब वह एकदम मस्त हो गयी तो अपनी पॅंट खोल लंड को निकाल उसे दिया. उसने मेरे लंड को पकड़ा और फ़ौरन मुँह मे ले लिया. वह मेरे लंड को होंठो से दबा दबा कसकर चूस रही थी. 30-35 बार चूसा था कि मैंने लंड बाहर निकाल लिया. 
“क्या हुआ भैया?” 
“अब चुद्वाओ अपनी.” 
“नही नही भैया प्लीज़..” 
“अरे यार डरती क्यों है.” 
“नही नही मुझे नही चुद्वाना. चुस्वाकर झडवालूँगी पर चुद्वाउंगी नही.” 
“तब मैंने उसके मुँह को ही चोद्कर अपना झाड़ा.” 
फिर मैं गुस्सा दिखाते अपने रूम मे चला गया. 
अगले दिन सुबह नाश्ते पर मौसी ने पूछा, “बेटी रात मे भाई ने तुमको प्यार किया था?” 
वह शरमाई तो मौसी ने मुझसे कहा, “क्यों बेटा रात मे अपनी बहन को प्यार किया था?” 
“हां मौसी थोड़ा सा किया था.” 
“थोड़ा सा क्या मतलब?” 
“यह कुछ करने ही नही देती.” 
“क्यों बेटी अरे मैंने कहा था जो भाई करे करने देना, चलो कोई बात नही नाश्ता हो गया चलो अब मेरे रूम मे दोनो लोग देखते हैं तुम लोग क्या करते हो.” 
फिर मौसी हम दोनो को अपने रूम मे ला खुद बेड पर बैठी और मुझे एक ओर बिठा सिमरन का हाथ पकड़ उसे अपने पास बिठा उसके गालो को सहलाती प्यार से बोली, “बेटी क्या हुआ बोलो भाई तुमको परेशान करता है क्या?” 
 
वह चुप रही तो मौसी ने फिर कहा, “बेटी कल रात मैंने देखा था कि तुम अपने भाई की गोद मे बैठी हो.” 
“ज्ज्ज्जई…” 
“हां हां बोलो, तुम अपने भाई की गोद मे बैठती हो कि नही?” 
वह शरमाई तो मौसी ने कहा, “अरे बेटी शरमाओ नही अपने भाई की ही गोद मे बैठी थी ना कोई बाहर वाले की गोद मे तो नही, कोई बात नही तुम लोग जो मन करे किया करो.” 
फिर मौसी मुझसे बोली, “क्यों बेटा तुम अपनी बहन को अपनी गोद मे बिठाते हो.” 
“जी मौसी मुझे बहुत अच्छा लगता है जब यह मेरी गोद मे बैठती है. और…” 
“और क्या बेटा?” 
“और मैं इसे अपनी गोद मे बिठाकर इसके दोनो पकड़कर…” 
“क्या तुम तो ना शरमाओ अपनी बहन की तरह.” 
“और मे इसके दोनो मम्मों को पकड़ कर दबा दबा इसको चूमता हूँ.” 
सिमरन तो मेरी बात सुन शरमा कर घबराने सी लगी पर मौसी ने कहा, “और क्या क्या किया है तुमने मेरी बेटी के साथ?” 
“मौसी मैंने अपनी प्यारी बहन को अपना लंड पिलाया है और इसकी मम्मों का रस पिया है और इसकी चूत को खूब चाटा है.” 
“अरे तुम दोनो इतना सब कर चुके हो. क्यों बेटी तुमने अपने भाई का लंड मुँह से चूसा है और अपनी मम्मे चुसवाये हैं?” 
“ज्जज्ज…” सिमरन हिचकिचाई. 
“हाँ मौसी तेरी यह बेटी लंड को खूब कसकर चूसती है और सारा पानी मुँह मे ही लेती है और मौसी अपने मम्मों को खूब दबा दबाकर पिलाती है सारा रस मेरे मुँह मे निचोड़ देती है.” 
मौसी सिमरन के चेहरे को पकड़ बोली, “मे तो कह रही थी कि थोड़ा बहुत भाई को दिखा दिया करो पर तुमने तो खूब मज़े लिए अपने भैया से, चलो कोई बात नही बेटी आज तुम लोग और मज़ा लो.” 
“मौसी प्लीज़ आज मैं इसको चोदूँगा.” 
“अरे तो चोदो ना कोई मना करता है क्या? बेटी अपने भाई का लंड चूत मे लो बहुत मज़ा आएगा.” 
यह बात सुन सिमरन खुल कर बोली, “मम्मी मैं भैया का लंड मुँह मे तो रोज़ ही लेती हूँ पर चूत मे आज पहली बार लूँगी इसलिए प्लीज़ आप भी साथ रहिएगा.” 
“ठीक है बेटी राज बेटा चलो आज पहले मुझे चोद्कर अपनी बहन को दिखाओ फिर इसको चोद्ना.” 
“अब उपर आओ ना बेड पर यूँही खड़े रहो गे क्या? यहाँ आओ बेटा.” मौसी ने मेरा हाथ पकड़ मुझे बिठा लिया. 
“यहाँ नही हमारे दरमियाँ आओ, आज यहाँ ही केरते हैं जो केरना है. सिमरन वैसे भी घबरा रही है, मुझे ही कुछ करना पड़ेगा.” मौसी ने नकली गुस्सा देखते हुए मुस्कुरा कर कहा और मुझे अपने और सिमरन के बीच बिठा लिया. 
“अच्छा अब जो कहती जाऊं वैसे केरते जाओ तुम दोनो! ओके!” 
हम दोनो ने खामोशी से सिर हिला दिया. 
“पहले तो तुम दोनो रिलैक्स हो जाओ कुछ नही हो गा किसी को ओके! और ये तो उतारो.” मौसी मेरी शर्ट उतारने लगी उस ने बाज़ू उपर करके शर्ट उतरवा ली, फिर मौसी ने मेरी चेस्ट पे हाथ फेरा. 
“देखो सिमरन तेरे भाई के जिस्म पे कैसे प्यारे कट्स हैं.” मौसी ने सिमरन का हाथ पकड़ के मेरे चेस्ट पे रख दिया. सिमरन का दिल एक बार ज़ोर से धड़का लेकिन उस ने हिम्मत नही छोड़ी और हल्के हल्के अपना गर्म गर्म हाथ मेरे चेस्ट पे फैरने लगी. मैं अब रिलैक्स था मेरा लंड आहिस्ता आहिस्ता फूलने लगा था. तभी मौसी ने मेरे पैट पे हाथ फेरते हुए मेरे सेमी एरेक्टेड कॉक को ट्राउज़र के उपर से ही पकड़ लिया और बोली, “अररे क्या केरते हो!! जवान बनो, चलो ये भी उतारो.” 
और मौसी ने मेरा ट्राउज़र भी उतार दिया. मैंने हल्का सा खुद को उठा कर ट्राउज़र उतारने मे मौसी की मदद की. अब मैं दोनो के दरमियाँ बिल्कुल नंगा बैठा था. सिमरन की नज़ारे मेरे सेमी एरेक्टेड लंड पर थीं जो कि मौसी के हाथ मे था. उस का दिल अब और भी ज़ोर से धरकने लगा था. 
“राज बेटा इस को बड़ा करो.” मौसी ने कहा. 
“मौसी आप खुद ही कर लो ना, आप को तो आता है ना.” मैंने मौसी की तरफ देखते हुए जवाब दिया. 
 
“बड़ा होशयार हो गया है मेरा बेटा. चल तू लेट जा हम खुद ही कर लेते हैं इस को बड़ा.” मौसी ने मुझे कंधे से पकड़ कर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगो की तरफ आ गई और सिमरन का हाथ जो अभी तक मेरे सीने पे था पकड़ कर मेरे लंड पे रख दिया. 
“पकड़ो इसे!!! आज से ये तुम्हारा है.” 
और सिमरन ने मेरा लंड हाथ मे ले कर मुट्ठी बंद कर ली. उसे लगा के जैसे उस ने कोई गर्म गर्म रोड पकड़ लिया है वो काफ़ी सख़्त हो रहा था और झटके ले रहा था. मैं सिमरन के हाथ की नर्मी और गर्मी अपने रोड पे महसूस कर के और भी हार्ड होने लगा. 
“ऐसे करो जान.” मौसी ने सिमरन का हाथ पकड़ के मेरे लंड पे ऊपर नीचे किया और सिमरन अपने हाथ को हल्के हल्के अप्पर नीचे केरने लगी और मेरे लंड की रगो को अपने हथेली मे महसूस केरने लगी. 
“मम्मी ये तो बहुत बड़ा है.” सिमरन ने आहिस्ता से सरगोशी की. 
“हां, और मज़े का भी.” मौसी ने सिमरन की आँखो मे देखा और थोड़ा सा झुक कर मेरे हार्ड राक लंड के हेड पे किस की और मेरे पूरे बदन मे करेंट सा दौड़ गया. 
“चलो बेटी अब तुम्हारी बारी.” मौसी ने सिमरन को कहा और सिमरन ने एक नज़र मेरी तरफ देखा. मैं सिर उठा कर उस की तरफ ही देख रहा था. 
सिमरन बहुत अच्छी एक्टिंग कर रही थी शरमाने की. साली कई दिन से मेरा लंड चूस रही थी पर आज मौसी के सामने बेचारी शरमा भी रही थी इसलिए लग रहा था जैसे सबकुछ आज पहली बार हो रहा है. सिमरन ने शरमाते हुए जल्दी से मेरे तने हुए लंड के सिर पे किस कर दी. 
“शाबाश.” मौसी ने कहा. “अब तो तुम दोनो की शरम उतर गई ना.” 
“मौसी मैं अकेला ही नंगा रहूंगा क्या?” मैंने मौसी से पूछा. 
“नही हम भी उतारने लगे हैं कपड़े तुम परेशान क्यों होते हो, ये लो बाबा.” और मौसी ने अपनी कमीज़ एक झटके से उतार दी और उनकी बड़े बड़े मम्मे उछल कर बाहर आ गए. 
“चलो बेटी उतारो इसे.” मौसी ने सिमरन की कमीज़ पकड़ कर कहा. 
“मुझे शर्म आती है आप ही उतारो.” सिमरन ने नज़रे झुकाते हुए कहा. 
“ओह! हो अभी भी शर्म, लाओ इधर आओ ज़रा.” और मौसी ने सिमरन की कमीज़ भी उतार दी. सिमरन ने बाज़ू उपर कर के मौसी की हेल्प की. 
“गुड!” मौसी ने कहा और उस की कमर पे हाथ लेजा कर उस की ब्रा भी खोल दी. 
अब सिमरन की गोल गोल पर्फेक्ट ताने हुए 32 साइज़ के मम्मे बाहर आ गए. मौसी ने दोनो पे हाथ फेरा और कहा, “लो ज़रा मेरी ब्रा तो खोलना.” मौसी ने अपनी कमर सिमरन की तरफ की. 
और उस ने मौसी की ब्रा खोल दी. अब दोनो के जिस्मो पे सिर्फ़ शलवार थीं. मैं कमरे की ब्लू रोशनी मे दोनो के चमकते हुए मम्मे देख रहा था. 
“लो मेरे राजा तुम इन से खेलो हम इस से खैलते हैं.” मौसी ने सिमरन की एक चूची को पकड़ कर मेरे सामने कर दिया और मैंने हाथ बढ़ा कर सिमरन की चूची को पकड़ लिया और दबाने लगा. सिमरन को मैं आज मौसी के सामने छू रहा था. उसे बेहद मज़ा आने लगा और मौसी ने मेरे हार्ड लंड को अपने हाथो मे ले लिया और फिर थोड़ा सा झुक कर लंड पे किस्सिंग करनी शुरू कर दी. मुझे मौसी की गर्म गर्म साँसे पागल कर रही थीं और मेरी आँखे बंद हो गईं. उधर सिमरन मेरे और नज़दीक हो कर मेरे दोनो हाथो से अपने मम्मों को मसलवा रही थी और आँखे बंद कर के लंबी लंबी साँसे ले रही थी. उस का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था. तभी मौसी ने मुँह खोल कर मेरा आधे से ज़्यादा लंड अपने अंदर ले लिया और चूसने लगी. मेरा बदन अकड़ने लगा. मौसी ने दो तीन बार ही चूसा कि फॉरन ही मेरा फोव्वारा मौसी के मुँह मे ही छूट गया. मौसी को मेरा नमकीन पानी अपने मुँह मे आते महसूस हुआ लेकिन मौसी ने मेरा लंड बाहर नही निकाला. वो वैसे ही उसे चूसती रही, अंदर बाहर करती रही और मेरे कम का फुल लोड मौसी मुँह मे भर गया. 
 
“आह्ह्ह्ह! गंदे! इतनी जल्दी.” मौसी ने अपने दुपट्टे से अपना मुँह साफ करते हुए कहा तो सिमरन ने भी आँखे खोल कर मौसी की तरफ देखा. उसे नही पता चल सका कि ये क्या हुआ है. 
“मौसी आज पता नही क्या हुआ.” मैने धीरे से कहा. 
“हां मुझे पता है. आज तेरे हाथों मे बहन के मम्मे जो हैं. कैसा लगा?” मौसी ने कहा. 
“बहुत ही अच्छा मौसी बड़ा मज़ा आया.” मैंने मस्ती से भरी आवाज़ मे कहा और ज़ोर सिमरन के मम्मे को दबा दिया. 
सिमरन ने बड़ी मुश्किल से अपनी चीख रोकी और बोली, “क्या केरते हो भैया दर्द होता है यहाँ, आहिस्ता पकडो ना.” सिमरन ने मेरे चेहरे पे हाथ फेरते हुए कहा. 
“ओह! सॉरी सिमरन मैं दरअसल झड़ गया था ना पता ही नही चला.” 
“चलो अब तुम ज़रा सिमरन को भी वो मज़ा दो मैं तुम्हे दोबारा हार्ड केरती हूँ.” मौसी ने कहा तो मैंने सिमरन को बेड पे सीधा लिटा दिया और उस की टाँगे ज़रा सी खोल कर करवट के बल उस के ऊपर आ गया और सिमरन के होंठो पे किस्सिंग केरने लगा तो मौसी मेरे सेमी एरेक्टेड लंड के पास लेट गई और मेरे लंड पे ज़ुबान फेरने लगी जिस से लंड फिर से हार्ड होने लगा. 
सिमरन ने पहले तो अपने होंठ कस के बंद किए हुए थे लेकिन उसे जब मज़ा आने लगा मेरे चूमने का तो वो भी रेस्पॉन्स देने लगी उस ने अपने होंठ खोल दिए. अब मेरे और सिमरन की ज़ुबाने एक दूसरे से खेलने लगीं. ऐसी किस्सिंग का सिमरन को बहुत मज़ा आता था. मौसी ने चूम के चाट के चूस के मेरा लंड फिर से हार्ड कर दिया था और वो मुसलसल मेरा लंड उपर से नीचे तक चाट रही थी और फिर वो मेरे लंड के नीचे थैली मे बंद बॉल्स को ज़ुबान से चाटने लगी. मेरे साथ ये पहली बार हो रहा था. मेरे बदन मे लहरे सी उठने लगीं और एक नया सा सरूर आने लगा और मेरी किस्सिंग मे जोश सा आ गया और मैंने सिमरन के पूरे चहरे को चूमना शुरू कर दिया. फिर उस के कानो पे आया और गर्दन पे और फिर दोनो हाथ मे सिमरन के मम्मे पकड़ लीं और उस के लेफ्ट निपल को मुँह मे ले कर चूसने लगा और ज़ुबान उस पे फैरने लगा. सिमरन के दोनो निपल्स हार्ड हो कर खड़े हो गये थे. मेरी ज़ुबान उस के निपल के गिर्द गोल गोल घूम रही थी और वो मज़े की दुनियाँ मे आँखे बंद किए उड़ रही थी. मैं दीवानो की तरह अब उस की मम्मों को चूस रहा था, काट रहा था और दोनो हाथो से ज़ोर ज़ोर से सहला भी रहा था. 
तभी सिमरन को महसूस हुआ कि उस की टाँगो के दरमियाँ फँसी हुई छोटी सी चूत से पानी का सैलाब आ गया है. और वो झडने लगी. उस ने अपनी टाँगे और भी फैला लीं और अपने कुल्हो को ज़रा सा उठा कर अपनी चूत को अपने अप्पर लेते हुए अपने भाई की पसलियो से लगाया और अच्छी तरह ज़ोर से रगड़ा. मैंने ये हरकत महसूस की और सिमरन की मम्मों से हाथ हटाया और उस की शलवार उतारने लगा. सिमरन ने गाँड को उठा कर मुझे अपनी शलवार उतरने दी. इस हरकत से मेरा लंड मौसी क मुँह से निकल गया और वो उठ कर बैठ गई और देखने लगी क़ि मैं सिमरन की शलवार उतार रहा हूँ. 
“गुड! अब आए हो ना दोनो तुम पूरे मज़े मे! शाबाश बेटा आज इस को वो मज़ा देना कि सारी ज़िंदगी याद रखे.” मौसी ने जोश से भरी आवाज़ मे कहा और मुझे भी जोश आ गया और मैंने सिमरन की शलवार उतार कर उस की टांगे ज़रा सी और फैला दीं और झुक गया सिमरन की छोटी सी चूत पर मुँह रखा. 
मैंने जैसे ही सिमरन की चूत को चूमा सिमरन की तो जैसे जान ही निकल गई उस ने गाँड उठा कर अपनी चूत को मेरे मुँह पे और दबा दिया. मौसी इतने मे सिमरन के पहलू मे आ गई और सिमरन के मम्मे चूसने लगी. मैंने ज़ुबान निकाल कर सिमरन की चूत के लबो पर फैरनी शुरू कर दी सिमरन की चूत का ज़ायक़ा मेरी ज़ुबान पे आने लगा और मैं भी दीवाना हो गया. आज तो बहुत मज़ा आ रहा था. अकेले मे तो खूब चाटा था पर आज मौसी के सामने ही मज़ा ज़्यादा आ रहा था. मौसी उसके मम्मों को चूस रही थी. सिमरन तड़प रही थी मस्ती से. मैं और ज़ोर से सिमरन की चूत चाटने लगा. सिमरन भी अपनी गाँड उठा उठा कर मेरी ज़ुबान को अपनी चूत के और अंदर लेने की कोशिश कर रही थी. उस के मुँह से हल्की हल्की आवाज़ मे तेज़ तेज़ सिसकियाँ निकालने लगीं. 
मौसी ने सिमरन को बुरी तरह कसमसाते हुए महसूस कर के कहा, “राज बेटा बस करो तेरी बहन मज़े से मर जाएगी. उठो अब मैं बताती हूँ क्या करना है.” मौसी ने मेरे सिर मे हाथ फेरते हुए मुझे सिमरन की चूत से उठाया. 
मे मौसी की तरफ देखने लगा. मेरे गालो पे सिमरन की चूत का सारा पानी लगा हुआ था. मैंने उसकी चूत से मुँह हटाया तो सिमरन ने कसमसाना बंद कर दिया लेकिन उस की आँखूं मे से आँसू निकलने लगे थे. 
“ऊपर आओ, इस की टाँगो के दरमियाँ और सिमरन की चूत पे अपना लंड रखो.” मौसी के मुँह से ये सुन कर एक बार तो मुझे यकीन नही हुआ कि आज दिल की मुराद पूरी होगी. मैं बहुत खुश था कि आज बहन को चोद्ने का मौका मौसी दे रही हैं. फिर मैं अपने घुटनो के बल उपर आ गया. अब मेरा लंड सिमरन की चूत के बिल्कुल सामने था. मौसी ने हाथ बढ़ा के मेरा लंड पकड़ा और सिमरन की चूत के लबो पे फैरने लगी. सिमरन की चूत पे मेरा गरम गरम लंड जैसे ही लगा उस ने एक झरजरी सी ली. मुझे भी इस मे बहुत मज़ा आ रहा था. मौसी को तो कई बार चोदा था पर सिमरन की कुँवारी चूत चोद्ने का पहला मौका था. मैं थोड़ा और झुक गया अब मौसी मेरा लंड सिमरन की चूत की फांको के बीच ऊपर से नीचे फेरने लगी. सिमरन की गीली गीली चूत मे गुदगुदी करने लगी. 
 
“अया ह आअहह आ ह्म्म्म्म म.” सिमरन के मुँह से बाक़ायदा सिसकियाँ निकलने लगी. 
“अरे बेटी मज़ा आने पर ऐसे ही होता है. अभी तू आहिस्ता आहिस्ता सिसक रही है जब भाई का लंड अंदर जाकर तुझे चोदेगा तो मज़े से चिल्लाने लगेगी तू. मज़ा आ रहा है ना तुम दोनो को?” मौसी ने सिमरन की तरफ मुँह कर के कहा. 
मैंने हां किया और सिमरन ने भी सर हिला दिया. 
मे और सिमरन दोनो ही सरूर की दुनियाँ मे डूब चुके थे. मैं ज़रा सा अनबॅलेन्स हुआ और मेरा हार्ड लंड सिमरन की चूत के छेद मे घुस गया. सिमरन ने बड़ी ही मुश्किल से अपनी चीख अपने होंठो मे दबाई लेकिन फिर भी ज़रा सी निकल ही गई. मौसी का हाथ भी मेरे लंड के साथ सिमरन की चूत को जा लगा था. 
“बस इतनी सी बात थी बेटी. राज आहिस्ता आहिस्ता अब और नीचे जाओ, और अंदर करो अपना लंड अपनी बहन की चूत मे. लेकिन देखो आहिस्ता करना पहली बार है. क्यों बेटी आज पहली बार चुद्वा रही हो ना?” मौसी ने हाथ दोनो के बीच से हटा कर मेरे सिर पे फेरते हुए कहा. 
“जी मम्मी आज पहली बार भैया का अंदर जा रहा है.” सिमरन ने अब खुलकर बिना शरम के कहा. 
अब मैं आहिस्ता आहिस्ता अपने मोटे लंबे लंड को सिमरन की चूत मे अंदर केरने लगा. सिमरन अपना सिर इधेर उधेर मारने लगी. उस ने आँखे ज़ोर से बंद कर लीं थीं और टाँगो को बंद केरने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी टाँगों के बीच मे था. 
“बाअस्स्स!!! अया आह अह्ह्ह्ह!!!” सिमरन के मुँह से निकला वो दर्द से मरी जा रही थी. 
“रूको.” मौसी ने मुझ से कहा. 
मे मौसी की बात सुन वहीं रुक गया. सिमरन तेज़ तेज़ साँसे ले रही थीं. उस के मम्मे उस के सीने पे पूरी तरहा फूल और पिचक रहे थे. मौसी उस के सिर मे हाथ फेरने लगी. 
“मम्मी भैया से कहो अपना लंड मेरी चूत से निकाले नही तो मैं मर जाऊं गी. आ आ.” सिमरन ने मौसी की तरफ देखते हुए कहा. 
“बेटी यही दर्द तो लड़कियों को वह मज़ा देता है जिसके लिए लड़कियाँ कुछ भी कर सकती हैं. तुम बहुत खुशनसीब हो जो तुमको तुम्हारा भाई ही तुम्हे यह पहला दर्द दे रहा है. अभी मज़ा आएगा. अब कुछ नही होगा. पहली बार होता है मुझे भी हुआ था. ये बर्दाश्त कर लो तो समझो बहुत मज़ा आए गा, ज़रा सी देर और.” मौसी ने सिमरन के बालो मे हाथ फेरते हुए उस समझाइया. 
“नही, नही!!! बाकी फिर कभी इसे कहो निकाल ले,आह आह आहह!!” सिमरन ने सिर हिलाते हुए कहा. 
“अरे बेटी क्या कर रही है. अभी जब मज़ा आएगा तब देखना.” मौसी ने उसके मम्मों को सहलाते कहा. 
“नही मम्मी आपने कहा था कि आप भैया से चुदवाकर मुझे दिखाइंगी. अब आप ही चुद्वाइये भैया से, मुझे छोड़ो.” सिमरन तड़पते हुए बोली. 
“अच्छा मैं कुछ केरती हूँ!” ये कहती हुई मौसी मेरे पास आई. मैं आधा लंड सिमरन की टाइट चूत मे फँसाए हुए वहीं झुका हुया था. मेरा अपना वज़न मेरे हाथो पर था जो सिमरन की साइड मे बेड पे रखे थे. 
“बेटा जब मैं इस की किस्सिंग करने लगूँ तो तुम एक ही झटके से पूरा अंदर कर देना और वहीं रुके रहना समझे.” मौसी ने मेरे कान मे सरगोशी की और खुद जा कर सिमरन के होंठो को चूमने लगी. 
इतने मे सिमरन का दर्द कुछ कम हो गया. उसे मम्मी की किस्सिंग का मज़ा आने लगा और अपनी चूत मे फँसे हुए मेरे लंड का भी मज़ा लेते उसने ज़रा सा अपनी गाँड को उठाया. मैं समझ गया कि यही टाइम है और मैंने ज़ोर का झटका दिया कि मेरा पूरा लंड सिमरन की चूत मे घुस गया और मेरी हल्की हल्की झांटें सिमरन के साफ सुथरे प्यूबिक एरिया से जा लगीं और मैं वहीं रुक गया. मुझे महसूस हो रहा था कि मेरा लंड किसी टाइट से शिकंजे मे फँस गया है. सिमरन के मुँह से निकली हुई चीख मौसी के मुँह मे ही रह गई. वह अपना सर ज़ोर से दाई बाईं करने लगी. उस की आँखों से आँसू निकलने लगे. उसे महसूस हो रहा था कि जैसे उस की चूत मे आग लग गई हो कोई दहकता हुआ लोहे का रोड उसकी चूत के अंदर घुसा दिया गया हो. मौसी उस को चूमे जा रही थी और हाथो से सिमरन के मम्मों को दबा भी रही थी 
 
कुछ देर मे सिमरन का दर्द कम हुआ और वह कुछ संभल गई. उस ने एक ज़ोर की साँस ली और बोली, “आअहह मम्मी मुझे तो भैया ने मार ही डाला था.” 
“बेटी अब दर्द कम हुआ ना?” 
“हां अब ठीक है.” सिमरन अब खुश थी. “बेटा अब तुम अपना लंड हल्के हल्के अपनी बहन की चूत मे अंदर बाहर करो.” मौसी ने मुझसे कहा और मैं अपने लंड को सिमरन की चूत मे आहिस्ता आहिस्ता अंदर बाहर केरने लगा. 
इससे मुझे और सिमरन को मज़ा आने लगा. सिमरन की सिसकियाँ फिर से गूंजने लगी. उस ने आँखे बंद कर लीं. मैंने भी आँखे बंद कर लीं. मैं आज बहुत मस्त था. मौसी की चूत चुदी और फैली थी पर सिमरन की तो कुँवारी थी और बहुत ही कसी और गरम थी. मेरे लंड से मेरी बहन की चूत मे मेरी ज़ुबान और उंगली ही गयी थी. जाने कब मेरे धक्को मे तेज़ी आ गई. हम दोनो को ही पता ना चला लेकिन अब दर्द नही केवल मज़ा और सरूर था. 
“हां हां हाआअँ और तेज़ तेज़ हा हा हा आ आ, हहाायी ऊओ आह भैया हहान और तेज़.” हर झटके के साथ 
सिमरन के मुँह से एक लफ्ज़ निकल रहा था. 
मौसी सिमरन के पास से हट गई और साथ लेट कर दोनो की चुदाई देखने लगी. मौसी के होंठो पे मुस्कान थी. मैंने हाथ बेड से हटा लिए और मैं सिमरन पे गिर गया और उसके होंठ चूसने लगा. अब धक्कों मे काफ़ी तेज़ी आ गयी थी. मेरा लंड सिमरन की गीली चूत मे आराम से आ जा रहा था. मेरे हर झटके मे मेरे बाल सिमरन की चूत को छू जाते थे. मेरे टेस्टिकल्स सिमरन के कूल्हों को छू जाते. दोनो पसीने मे नहा गये थे जिस से कमरे मे फूच फूच की आवाज़े आ रही थीं. दोनो मस्ती मे चूर एक दूसरे को खूब जोश से चोद रहे थे और मौसी हमारे पास लेटी हमारी चुदाई देख खुश हो रही थी. वह आज बहुत खुश थी बेटी को भांजे से चुदवाकर. मैं भी अपनी बहन को चोद बहुत मस्त था. 
“राज बेटा अंदर ही मत झड़ जाना. झड़ने से पहले अपना लंड बाहर निकाल लेना.” मौसी ने मुझे देखते हुए कहा. 
“ओके!” मैंने ने तेज़ी से झटके लगाते हुए कहा और फिर कुछ देर बाद मैंने अपने लंड सिमरन की चूत से निकाल लिया और साथ मे सिमरन की चूत पर झड़ने लगा. 
“आआआअ!!!!!!!!!!!!!” मेरे मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली और मेरा गर्म गर्म पानी सिमरन की चूत पे और फव्वारे की तरह उसके पेट और मम्मों पे भी गिरा. मैं तो झड़ा ही साथ ही सिमरन की चूत ने भी मेरा लंड बाहर आते ही बहुत सा पानी छोड़ दिया. वह भी एक बार फिर झड़ने लगी और उस ने अपनी टांगे जो काफ़ी देर से हवा मे थीं बेड पे रख लीं और मैं झड़ने के बाद उसके उपर ही लेट गया. सिमरन मेरे होंठो को चूमने लगी. 
“आअहह भैया बहुत शुक्रिया.” वह मुझसे बोली. 
“सिमरन तुम्हारा भी शुक्रिया.” मैंने आँखे बंद केरते हुए कहा और दोनो अपनी साँसे हल्की करने लगे. 
काफ़ी देर यूँ ही लेटे रहने के बाद मैंने करवट ली और फिर दोनो के दरमियाँ लेट गया तो मौसी ने मेरा चेहरा अपनी ओर करते कहा “अब खुश है मेरा राजा बेटा?” 
मैंने मौसी के होंठो को जोश से चूम लिया तो मौसी मुझसे बोली, “ये था तुम्हारे इतने दिनो का इनाम. अपनी मौसी की चुदी पुरानी चूत और गाँड मारने के बदले तुमको अपनी बहन की ताज़ी कसी अनचुदी चूत मिली है.” फिर हाथ बढ़ा सिमरन की एक चूची को पकड़ हल्के से सहलाते कहा, “हाये सिमरन तुम ठीक तो हो ना?” 
“हां! मम्मी भैया ने तो मेरी फाड़ ही डाली.” सिमरन ने हस्ते हुए कहा तो हम तीनो हसने लगे. 
“लेकिन मम्मी मज़ा बहुत आया.” सिमरन ने छत की तरफ देखते हुए कहा और उस ने हाथ बढ़ा कर मेरा लंड पकड़ लिया. 
मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था. लंड पकड़ते ही उसके मुँह से निकला, “हाये माँ! ये तो फिर से खड़ा हो रहा है.” और फिर तीनो की हँसी निकल गई. 
“बेटी इसीलिए तो कह रही थी कि बाहर के लड़के से ख़तरा तो रहता ही है मज़ा भी पूरा नही आता. घर पर जब तक चाहो चुदवाती रहो. बाहर वक़्त नही मिलता और घर पर भाई के साथ ही रात भर लेटो. अब ये तुम्हारा है अब इस से खूब मज़े करो क्यों बेटा?” मौसी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा. 
“हां मौसी अब यह जब चाहे मेरा लंड अपनी चूत मे ले सकती है.” कहते हुए करवट ले कर मौसी की मम्मों को चूमा और दोनो मम्मों को दोनो हाथो मे पकड़ लिया. 
“मौसी अब आप को चोदूँगा.” मैंने मौसी की तरफ देखते हुए कहा. 
“हां बाबा करेंगे लेकिन अभी मेरे यहाँ का दरवाज़ा बंद है.” मौसी ने शलवार के ऊपर से अपनी चूत पे हाथ लगाते हुए कहा. 
“क्या मतलब? मैं समझा नही यहाँ दरवाज़ा भी होता है क्या?” मैंने हैरान होते हुए पूछा और दोनो लोग हसणे लगीं. 
“अररे बुद्धू! लड़कियो को हर महीने मे यहाँ से ब्लड आता है जोकि गंदा होता है और इस दौरान चुदाई नही केरते ये और 6/7 दिन आता रहता है. समझे!” मौसी ने उसे समझाइया. 
“क्या ब्लड! लेकिन इस से कुछ होता नही क्या हर लड़की को आता है?” मैंने परेशान होते हुए पूछा. 
“हां हर लड़की को आता है, थोड़ा दर्द होता है कमर मे लेकिन और कुछ नही होता ये कुदरत का नियम है. आजकल मेरे आ रहा है. जब तक मेरे आए तू अपनी बहन को चोद कुछ दिनो के बाद तेरी बहन को आएगा तब तू मेरी चोद्ना.” मौसी ने जवाब दिया. 
 
“सब लड़कियो को एक साथ नही आता है ये! सब के अपने हिसाब से दिन होते हैं.” मौसी ने मेरे गाल पे हल्की सी चपत लगाते हुए कहा. 
“तुम्हारे कब आएगा सिमरन?” मैंने कुछ सोचते हुए सिमरन से पूछा. 
“आएगा तो बता दूँगी! बेशरम कहीं के.” सिमरन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया और करवट ले कर मुँह हम दोनो की तरफ कर लिया. 
“अच्छा चलो अब जाओ अपने अपने कमरे मे और मुझे सोने दो.” मौसी ने मुझसे कहा. “हां अब तो तुम दोनो को चुदाई का पहला मज़ा मिल गया ना अब तो सिमरन नही शरमाएगी तू अपने भाई का लंड लेने मे.” मौसी ने पूछा. 
“मज़ा! मम्मी भैया ने तो मेरी फाड़ दी है.” सिमरन ने मुस्कुराते हुए कहा. 
“हे सिमरन क्या फाड़ दी है?” मैंने सिमरन की तरफ झुकते हुए पूछा. 
“वोही मेरी शरम और क्या बेशरम कहीं के” सिमरन ने प्यार से कहा. 
“क्या कहते हैं इस को बताओ ना सिमरन?” मैंने फिर कहा. 
“चलो भैया तुम तो पक्के बेशरम हो गये हो.” सिमरन ने कहा. 
“अच्छा अभी तो खूब बोल रही थी जब चुद रही थी. अब शरमा रही है. प्लीज़ एक बार.” 
“चल अब जाता है अपने कमरे मे या नही?” मौसी ने नकली गुस्सा दिखाया. 
“मौसी आप जाओ ना अपने कमरे मे मैं सिमरन के साथ ही सोउँगा.” मैंने सिमरन की मम्मों को पकड़ते कहा. 
“हां मम्मी अब मैं रोज़ रात को भैया के साथ ही सोया करूँगी. भैया अब आप रोज़ाना मेरे रूम मे ही सोया करिएगा.” 
“नही मैं तुम्हारे रूम मे नही बल्कि तुम मेरे रूम मे सोओगी.” 
“क्यों भैया.” सिमरन ने अपने मम्मों को देखते कहा. 
“क्योंकि जैसे शादी के बाद लड़की अपने पति के घर जाती है वैसे ही तू अब मेरे कमरे मे आया करेगी. 
"ठीक है बेटा तुम लोग जैसे चाहे रहो पर मुझे ना भूल जाना.” मौसी ने कहा. 
“ओह्ह नही मम्मी भैया पहले आपको चोदेंगे फिर मेरी लेंगे. और जब चाहे आप हमलोगो के साथ रात भर मज़ा लीजिएगा.” सिमरन ने खुश होते कहा. 
“ठीक है बेटा अब मैं जा रही हूँ और तुम दोनो भी जल्दी सोना, एक दिन मे ही सारा मज़ा ना ले लेना.” 
“ओह्ह मम्मी बस एक बार और चुदवाऊंगी भैया से.” 
“ठीक है बेटी.” और मौसी चली गयी. 
मौसी के जाते ही सिमरन मेरे ऊपर गिरती बोली, “भैया हाय आज तो आपने बहुत मज़ा दिया. सच चुदवाने का मज़ा सबसे ज़्यादा हसीन है. भैया अब पहले मेरी चूत को चाटो और अपना मस्त लंड भी पिलाओ और फिर खूब कसकर चोदो. हाये आज रात भर मज़ा लूँगी भैया.” 
“हां यार मैं भी तेरी चाटना चाहता था. सच तेरी चूत का टेस्ट बहुत जायकेदार है. चल आ बैठ मेरे मुँह पर.” 
फिर वह मेरे ऊपर अपनी चूत रख बैठ गयी.

दोस्तो ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना

समाप्त
 
Back
Top