hotaks444
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रूम बुक करने के बाद ख़ान ने रिसेप्शन से चाबी ली और वो तीनो लिफ्ट में आ गये. लिफ्ट में उस समय उन तीनो के अलावा और कोई नही था. बंसल ने लिफ्ट में आँचल के ब्लाउज के बाहर से ही उसके बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
“उफ़फ्फ़…उम्म्म…मिस्टर बंसल…” आँचल सिसकी.
“बंसल ज़रा ठहर जाओ. क्या जल्दी है ? कोई देख लेगा.” ख़ान ने बंसल के उतावलेपन को देखते हुए थोड़ा नाराज़गी से कहा.
रूम मे अंदर जाने के बाद दोनो ने मादक आँचल के कपड़े उतारने में ज़रा भी देर नही की और जल्दी ही वो दोनो भी अपने कपड़े उतारकर नंगे हो गये.
ख़ान ने आँचल की चूत में हाथ लगाया, चूत को बहुत गीली देखकर उसे आश्चर्य हुआ. आँचल की चूत उभरी हुई थी और उसकी चूत के होंठ फूले और खुले हुए थे. ख़ान ने उसके तने हुए क्लिट को अपनी उंगलियों से छुआ.
“ओह्ह ….प्लीज़ चोदो ….चोदो मुझे…” आँचल ज़ोर से सिसकी.
आँचल को गीली और चुदाई के लिए तैयार देखकर ख़ान ने फोरप्ले में टाइम वेस्ट नही किया. वो सोफे में बैठ गया और आँचल को अपनी गोद में मुँह आगे को करके बिता दिया. आँचल की पीठ उसकी छाती की तरफ थी. फिर उसने आँचल की दोनो टाँगे आपस में मिलाकर ऊपर को उठा दी. और अपने खड़े लंड को आँचल की तड़पती चूत में डाल दिया. आँचल को घुटनो से पकड़कर उसने थोड़ा ऊपर को उठाया और अपना लंड चूत के अंदर घुसाया.
“आहह…उहह……” आँचल चिल्लाई , ख़ान के मोटे लंड ने उसकी टाइट चूत की दीवारों को पूरा स्ट्रेच कर दिया.
“उफफफ्फ़…..चोदो ज़ोर से चोदो …मिस्टर ख़ान……” आँचल सिसकी. ड्रिंक के असर से अब उसकी शरम हया बिल्कुल खत्म हो चुकी थी.
फिर उसने आँख खोली तो देखा बंसल उसे चुदते देखकर लार टपका रहा है और अपने लंड में मूठ मार रहा है.
बंसल को अपनी चुदाई देखकर , मूठ मारते देख आँचल बहुत ही उत्तेजित हो गयी और उसे एक के बाद एक जबरदस्त ओर्गास्म आ गये. और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए कई बार झड़ गयी.
“आहह……ओह्ह …..ऊऊहह….उूउउन्न्नगगगगगग…..ऊऊहह………..”
आँचल को ओर्गास्म के आनंद में डूबकर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान थोड़ी देर रुक गया. जब उसका ओर्गास्म खत्म हो गया तो फिर ख़ान ने तेज तेज स्ट्रोक लगाने चालू किए. चूत में पड़ते तेज धक्कों से आँचल के बड़े बूब्स ऊपर नीचे हिलने लगे. आँचल फिर से सिसकारियाँ लेने लगी. आँचल की जबरदस्त चुदाई देखकर और उसकी सिसकारियों को सुनकर बंसल उत्तेजना से भर उठा और मूठ मारते हुए उसने अपना सारा वीर्य आँचल के बूब्स में गिरा दिया.
तभी आँचल को दूसरी बार ओर्गास्म आ गया और सिसकारियाँ लेते हुए वो एक बार और झड़ गयी.
“आहह…..आअहह….ऊओह…………आअहह…”
आँचल की सिसकारियों से ख़ान ने उत्तेजित होकर उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया. और झड़ने के बाद ख़ान ने आँचल की टाँगों को नीचे उतार दिया.
फिर ख़ान ने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल की चूत से बाहर निकाल लिया और गाड़ा वीर्य आँचल की चूत से निकलकर उसकी जांघों में बहने लगा.
ख़ान ने आँचल को गोद में उठाया और बेड में लिटा दिया,” साली की चूत बहुत टाइट और मस्त है.”
“साजिद भाई , जब आप इसे चोद रहे थे , तो ये मुझे किसी हीरोइन से कम नही लग रही थी. इसके साथ तो आपको कोई पॉर्न मूवी बनानी चाहिए.” बंसल ने कहा.
फिर आँचल की जांघों और चूत से वीर्य को उसके बूब्स और चेहरे में मलते हुए बोला,”देखो साली क्या मादक चीज़ लगती है, इसके अंग अंग से मादकता छलकती है. अगर अभी कैमरा होता तो ज़रूर इसका फोटो लेता.”
[उन दिनों कैमरा वाले मोबाइल फोन नही थे.]
“हाँ बंसल , इसे तो ज़रूर पॉर्न मूवी में लेना चाहिए , पर फिर कभी. अभी तो इसकी चूत का सारा रस निकालना है.” ख़ान बोला.
फिर उसने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल के मुँह में लगाया और बोला, “ चूस इसे.”
आँचल ने तुरंत अपना मुँह खोलकर उस मुरझाए हुए लंड को अंदर ले लिया. लंड चूसने में वो अब माहिर हो चुकी थी. कुछ ही देर में चूस चूसकर उसने ख़ान का लंड फिर से खड़ा कर दिया. और लंड चूसते हुए वो ख़ान की गोलियों को हाथ से सहलाने लगी.
“आहह…ओह्ह ….साली क्या चूसती है…आअहह…” मज़े लेते हुए ख़ान सिसका.
ख़ान को मज़े से सिसकारियाँ लेते हुए देखकर आँचल रोमांचित हुई और फिर वो उसको गोलियों को चूसने लगी.
“क्या तेरे पति ने तुझे ऐसा मस्त चूसना सिखाया है ?” ख़ान ने पूछा.
आँचल ने फिर से ख़ान के लंड को मुँह में लेते हुए धीरे से कुछ अस्पष्ट सा जवाब दिया जिसे कोई सुन नही पाया. उसे लंड चूसना और बड़े लंड से चुदवाना अच्छा लगता था. और वो मज़े से ख़ान का लंड चूसते रही.
आँचल को मज़े से ख़ान का लंड चूसते देखकर बंसल का झड़ा हुआ लंड भी तनने लगा. वो आँचल की चुदाई करने को मरा जा रहा था पर ख़ान के सामने उसकी कोई औकात नही थी.
ख़ान भी दोबारा झड़ने के करीब था. उसने आँचल के मुँहसे अपना लंड हटा लिया और आँचल की गांड के नीचे एक तकिया रख दिया. फिर उसकी टाँगें उठाकर अपने कंधों पर रख ली.
और एक हाथ से लंड पकड़कर आँचल की चूत के होठों पर रगड़ते हुए बोला,” चोदूँ तुझे ?”
आँचल चूत से रस बहाते हुए बोली,” हाँ साजिद , ज़ोर से चोदना, बहुत मज़ा आएगा.”
उसकी बात सुनकर ख़ान ज़ोर से हंसा और अपने लंड से चूत के होठों पर थप्पड़ मारने लगा.
और उसे तड़पाने लगा. आँचल ने लंड अंदर लेने के लिए अपनी गांड ऊपर को उठाई. ख़ान उसे तड़पाते रहा.
“साजिद…उन्हउन्ह …..तड़पाओ नही प्लीज़…….चोदो ना मुझे…..ज़ोर से चोदो …प्लीज़ साजिद…” आँचल फ्रस्ट्रेशन से चिल्लाई. ख़ान अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रगड़ता रहा पर अंदर नही डाला.
“देख बंसल , कैसे लंड अंदर लेने को गांड उठा रही है .” ख़ान उसे तड़पाते हुए बोला.
बंसल भी अपना खड़ा लंड हाथ में पकड़कर आँचल के मुँह के पास आ गया. आँचल ने देखा बंसल अपना छोटा लेकिन मोटा लंड उसके मुँह के पास ले आया है. वो उत्तेजना से तड़प रही थी उसने अपना मुँह खोल दिया. और छप छप करके मोटे बंसल का लंड चूसने लगी. और ख़ान का लंड लेने को अपनी गांड भी ऊपर को उछालती रही.
बंसल अब आँचल को अपना लंड चूसते देख बहुत खुश था. साली को पटाते पटाते आफ़त आ गयी. थप्पड़ भी खाना पड़ा. लेकिन आख़िर में जीत तो मेरी हुई. आख़िर जाल में तो फँस ही गयी ये साली. ये सब सोचते हुए वो आँचल के खूबसूरत चेहरे और बालों पर हाथ फिराने लगा.
बंसल को मज़े लेते देख ख़ान ने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड आँचल की चूत में घुसा दिया.
“आहह…..उम्म्म…ओइईईई…माआअ…” आँचल का पूरा बदन झटके से हिल गया और बंसल का छोटा लंड उसके मुँह से फिसल कर बाहर आ गया.
फिर ख़ान उसे जोरदार धक्कों से चोदने लगा.
“हाँ साजिद … ओह्ह माआ…..चोदो मुझे…ऐसे ही ज़ोर से चोदो….” जोरदार चुदाई से खुश होकर आँचल सिसकारियाँ लेने लगी.
बंसल का सब मज़ा खराब हो गया. उसने फिर से आँचल के मुँह में अपना लंड डालने की कोशिश की लेकिन ख़ान आँचल को इतनी ज़ोर से चोद रहा था की उसका पूरा बदन ऊपर नीचे हिल जा रहा था. इससे बंसल का लंड आँचल के मुँह में जा ही नही पा रहा था. बंसल ने मन मसोस कर सोचा थोड़ा इंतज़ार और सही , कभी ना कभी तो मेरी बारी भी आएगी.
“ये ले साली , ये ले और ले.” ख़ान ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाता रहा और आँचल का पूरा बदन हिलते हुए उसके बड़े बूब्स भी उसकी छाती में हर धक्के के साथ आगे पीछे को हिलने लगे.
“उहह…माआ…बहुत मज़ा आ रहा है…..चोदो और ज़ोर से …उईईई…माआ…” जबरदस्त चुदाई के मज़े लेती हुई आँचल झड़ने लगी.
बंसल अपने लंड में मूठ मारते हुए आँचल की जबरदस्त चुदाई देख रहा था. उसके लिए ये सब सपने जैसा था की कैसे उसकी बॉस इतना मज़े से चुदवा रही है , वो पूरी तरह से कामोन्माद में डूबी हुई थी और मज़े ले रही थी. अपनी बॉस को इतने मज़े में चुदवाते देखकर कुछ देर के लिए वो मंत्रमुग्ध सा हो गया. फिर उसने मूठ मारना बंद कर दिया , एक बार और झड़ गया तो फिर चुदाई के मज़े नही ले पाऊँगा.
अब ख़ान आँचल को हवा में उठा कर चोदने लगा. सिर्फ़ आँचल का सर और थोड़ी सी पीठ का हिस्सा बेड को छू रहे थे. ख़ान तेज़ी से धक्के लगाने लगा.
“आहह…ओह्ह …उईईईईईईईईई…” आँचल चूत पर पड़ते धक्कों की मार से सिसकी.
ख़ान पसीने से लथपथ हो चुका था, मांसल गदरायी हुई आँचल को उठाकर चोदने से उसकी बहुत ताक़त लग रही थी. उसने आँचल की टाँगे छोड़ दी और उसे बेड पर गिरा दिया. ख़ान का खड़ा लंड आँचल की चूत से बाहर निकल आया. थकान से चूर होकर ख़ान आँचल के बगल में गहरी साँसे लेते हुए गिर पड़ा.
“उफ़फ्फ़…उम्म्म…मिस्टर बंसल…” आँचल सिसकी.
“बंसल ज़रा ठहर जाओ. क्या जल्दी है ? कोई देख लेगा.” ख़ान ने बंसल के उतावलेपन को देखते हुए थोड़ा नाराज़गी से कहा.
रूम मे अंदर जाने के बाद दोनो ने मादक आँचल के कपड़े उतारने में ज़रा भी देर नही की और जल्दी ही वो दोनो भी अपने कपड़े उतारकर नंगे हो गये.
ख़ान ने आँचल की चूत में हाथ लगाया, चूत को बहुत गीली देखकर उसे आश्चर्य हुआ. आँचल की चूत उभरी हुई थी और उसकी चूत के होंठ फूले और खुले हुए थे. ख़ान ने उसके तने हुए क्लिट को अपनी उंगलियों से छुआ.
“ओह्ह ….प्लीज़ चोदो ….चोदो मुझे…” आँचल ज़ोर से सिसकी.
आँचल को गीली और चुदाई के लिए तैयार देखकर ख़ान ने फोरप्ले में टाइम वेस्ट नही किया. वो सोफे में बैठ गया और आँचल को अपनी गोद में मुँह आगे को करके बिता दिया. आँचल की पीठ उसकी छाती की तरफ थी. फिर उसने आँचल की दोनो टाँगे आपस में मिलाकर ऊपर को उठा दी. और अपने खड़े लंड को आँचल की तड़पती चूत में डाल दिया. आँचल को घुटनो से पकड़कर उसने थोड़ा ऊपर को उठाया और अपना लंड चूत के अंदर घुसाया.
“आहह…उहह……” आँचल चिल्लाई , ख़ान के मोटे लंड ने उसकी टाइट चूत की दीवारों को पूरा स्ट्रेच कर दिया.
“उफफफ्फ़…..चोदो ज़ोर से चोदो …मिस्टर ख़ान……” आँचल सिसकी. ड्रिंक के असर से अब उसकी शरम हया बिल्कुल खत्म हो चुकी थी.
फिर उसने आँख खोली तो देखा बंसल उसे चुदते देखकर लार टपका रहा है और अपने लंड में मूठ मार रहा है.
बंसल को अपनी चुदाई देखकर , मूठ मारते देख आँचल बहुत ही उत्तेजित हो गयी और उसे एक के बाद एक जबरदस्त ओर्गास्म आ गये. और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए कई बार झड़ गयी.
“आहह……ओह्ह …..ऊऊहह….उूउउन्न्नगगगगगग…..ऊऊहह………..”
आँचल को ओर्गास्म के आनंद में डूबकर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान थोड़ी देर रुक गया. जब उसका ओर्गास्म खत्म हो गया तो फिर ख़ान ने तेज तेज स्ट्रोक लगाने चालू किए. चूत में पड़ते तेज धक्कों से आँचल के बड़े बूब्स ऊपर नीचे हिलने लगे. आँचल फिर से सिसकारियाँ लेने लगी. आँचल की जबरदस्त चुदाई देखकर और उसकी सिसकारियों को सुनकर बंसल उत्तेजना से भर उठा और मूठ मारते हुए उसने अपना सारा वीर्य आँचल के बूब्स में गिरा दिया.
तभी आँचल को दूसरी बार ओर्गास्म आ गया और सिसकारियाँ लेते हुए वो एक बार और झड़ गयी.
“आहह…..आअहह….ऊओह…………आअहह…”
आँचल की सिसकारियों से ख़ान ने उत्तेजित होकर उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया. और झड़ने के बाद ख़ान ने आँचल की टाँगों को नीचे उतार दिया.
फिर ख़ान ने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल की चूत से बाहर निकाल लिया और गाड़ा वीर्य आँचल की चूत से निकलकर उसकी जांघों में बहने लगा.
ख़ान ने आँचल को गोद में उठाया और बेड में लिटा दिया,” साली की चूत बहुत टाइट और मस्त है.”
“साजिद भाई , जब आप इसे चोद रहे थे , तो ये मुझे किसी हीरोइन से कम नही लग रही थी. इसके साथ तो आपको कोई पॉर्न मूवी बनानी चाहिए.” बंसल ने कहा.
फिर आँचल की जांघों और चूत से वीर्य को उसके बूब्स और चेहरे में मलते हुए बोला,”देखो साली क्या मादक चीज़ लगती है, इसके अंग अंग से मादकता छलकती है. अगर अभी कैमरा होता तो ज़रूर इसका फोटो लेता.”
[उन दिनों कैमरा वाले मोबाइल फोन नही थे.]
“हाँ बंसल , इसे तो ज़रूर पॉर्न मूवी में लेना चाहिए , पर फिर कभी. अभी तो इसकी चूत का सारा रस निकालना है.” ख़ान बोला.
फिर उसने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल के मुँह में लगाया और बोला, “ चूस इसे.”
आँचल ने तुरंत अपना मुँह खोलकर उस मुरझाए हुए लंड को अंदर ले लिया. लंड चूसने में वो अब माहिर हो चुकी थी. कुछ ही देर में चूस चूसकर उसने ख़ान का लंड फिर से खड़ा कर दिया. और लंड चूसते हुए वो ख़ान की गोलियों को हाथ से सहलाने लगी.
“आहह…ओह्ह ….साली क्या चूसती है…आअहह…” मज़े लेते हुए ख़ान सिसका.
ख़ान को मज़े से सिसकारियाँ लेते हुए देखकर आँचल रोमांचित हुई और फिर वो उसको गोलियों को चूसने लगी.
“क्या तेरे पति ने तुझे ऐसा मस्त चूसना सिखाया है ?” ख़ान ने पूछा.
आँचल ने फिर से ख़ान के लंड को मुँह में लेते हुए धीरे से कुछ अस्पष्ट सा जवाब दिया जिसे कोई सुन नही पाया. उसे लंड चूसना और बड़े लंड से चुदवाना अच्छा लगता था. और वो मज़े से ख़ान का लंड चूसते रही.
आँचल को मज़े से ख़ान का लंड चूसते देखकर बंसल का झड़ा हुआ लंड भी तनने लगा. वो आँचल की चुदाई करने को मरा जा रहा था पर ख़ान के सामने उसकी कोई औकात नही थी.
ख़ान भी दोबारा झड़ने के करीब था. उसने आँचल के मुँहसे अपना लंड हटा लिया और आँचल की गांड के नीचे एक तकिया रख दिया. फिर उसकी टाँगें उठाकर अपने कंधों पर रख ली.
और एक हाथ से लंड पकड़कर आँचल की चूत के होठों पर रगड़ते हुए बोला,” चोदूँ तुझे ?”
आँचल चूत से रस बहाते हुए बोली,” हाँ साजिद , ज़ोर से चोदना, बहुत मज़ा आएगा.”
उसकी बात सुनकर ख़ान ज़ोर से हंसा और अपने लंड से चूत के होठों पर थप्पड़ मारने लगा.
और उसे तड़पाने लगा. आँचल ने लंड अंदर लेने के लिए अपनी गांड ऊपर को उठाई. ख़ान उसे तड़पाते रहा.
“साजिद…उन्हउन्ह …..तड़पाओ नही प्लीज़…….चोदो ना मुझे…..ज़ोर से चोदो …प्लीज़ साजिद…” आँचल फ्रस्ट्रेशन से चिल्लाई. ख़ान अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रगड़ता रहा पर अंदर नही डाला.
“देख बंसल , कैसे लंड अंदर लेने को गांड उठा रही है .” ख़ान उसे तड़पाते हुए बोला.
बंसल भी अपना खड़ा लंड हाथ में पकड़कर आँचल के मुँह के पास आ गया. आँचल ने देखा बंसल अपना छोटा लेकिन मोटा लंड उसके मुँह के पास ले आया है. वो उत्तेजना से तड़प रही थी उसने अपना मुँह खोल दिया. और छप छप करके मोटे बंसल का लंड चूसने लगी. और ख़ान का लंड लेने को अपनी गांड भी ऊपर को उछालती रही.
बंसल अब आँचल को अपना लंड चूसते देख बहुत खुश था. साली को पटाते पटाते आफ़त आ गयी. थप्पड़ भी खाना पड़ा. लेकिन आख़िर में जीत तो मेरी हुई. आख़िर जाल में तो फँस ही गयी ये साली. ये सब सोचते हुए वो आँचल के खूबसूरत चेहरे और बालों पर हाथ फिराने लगा.
बंसल को मज़े लेते देख ख़ान ने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड आँचल की चूत में घुसा दिया.
“आहह…..उम्म्म…ओइईईई…माआअ…” आँचल का पूरा बदन झटके से हिल गया और बंसल का छोटा लंड उसके मुँह से फिसल कर बाहर आ गया.
फिर ख़ान उसे जोरदार धक्कों से चोदने लगा.
“हाँ साजिद … ओह्ह माआ…..चोदो मुझे…ऐसे ही ज़ोर से चोदो….” जोरदार चुदाई से खुश होकर आँचल सिसकारियाँ लेने लगी.
बंसल का सब मज़ा खराब हो गया. उसने फिर से आँचल के मुँह में अपना लंड डालने की कोशिश की लेकिन ख़ान आँचल को इतनी ज़ोर से चोद रहा था की उसका पूरा बदन ऊपर नीचे हिल जा रहा था. इससे बंसल का लंड आँचल के मुँह में जा ही नही पा रहा था. बंसल ने मन मसोस कर सोचा थोड़ा इंतज़ार और सही , कभी ना कभी तो मेरी बारी भी आएगी.
“ये ले साली , ये ले और ले.” ख़ान ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाता रहा और आँचल का पूरा बदन हिलते हुए उसके बड़े बूब्स भी उसकी छाती में हर धक्के के साथ आगे पीछे को हिलने लगे.
“उहह…माआ…बहुत मज़ा आ रहा है…..चोदो और ज़ोर से …उईईई…माआ…” जबरदस्त चुदाई के मज़े लेती हुई आँचल झड़ने लगी.
बंसल अपने लंड में मूठ मारते हुए आँचल की जबरदस्त चुदाई देख रहा था. उसके लिए ये सब सपने जैसा था की कैसे उसकी बॉस इतना मज़े से चुदवा रही है , वो पूरी तरह से कामोन्माद में डूबी हुई थी और मज़े ले रही थी. अपनी बॉस को इतने मज़े में चुदवाते देखकर कुछ देर के लिए वो मंत्रमुग्ध सा हो गया. फिर उसने मूठ मारना बंद कर दिया , एक बार और झड़ गया तो फिर चुदाई के मज़े नही ले पाऊँगा.
अब ख़ान आँचल को हवा में उठा कर चोदने लगा. सिर्फ़ आँचल का सर और थोड़ी सी पीठ का हिस्सा बेड को छू रहे थे. ख़ान तेज़ी से धक्के लगाने लगा.
“आहह…ओह्ह …उईईईईईईईईई…” आँचल चूत पर पड़ते धक्कों की मार से सिसकी.
ख़ान पसीने से लथपथ हो चुका था, मांसल गदरायी हुई आँचल को उठाकर चोदने से उसकी बहुत ताक़त लग रही थी. उसने आँचल की टाँगे छोड़ दी और उसे बेड पर गिरा दिया. ख़ान का खड़ा लंड आँचल की चूत से बाहर निकल आया. थकान से चूर होकर ख़ान आँचल के बगल में गहरी साँसे लेते हुए गिर पड़ा.