vasna kahani आँचल की अय्याशियां - Page 5 - SexBaba
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vasna kahani आँचल की अय्याशियां

आँचल ने सुनील को ऐसे मस्ती करते हुए कभी नही देखा था सिवाय जब वो हनीमून के लिए शिमला गये थे. सुनील में तो अच्छा बदलाव आ गया है , आँचल सोचने लगी. वो चाहती थी की कैसे भी सुनील के साथ उसकी सेक्स-लाइफ इम्प्रूव हो जाए. सुनील आज उसे बहुत चुदाई के मूड में लग रहा था. लेकिन रिया भी तो मेरे साथ होगी घर पे. आज रात रिया को कहाँ रखूँ ? रिया के मम्मी पापा चंडीगढ़ वापस जा चुके थे. आँचल के मम्मी पापा एक शादी के रिसेप्शन में गये थे और उनको घर लौटने में देर रात हो जाने वाली थी. रिया को अकेले वहाँ मायके में रखना ठीक नही था. क्यूंकी मायके में ठरकी नौकर रामू था. आँचल सोचने लगी रिया को अकेले पाकर तो वो इसे चोद ही देगा. वैसे भी रिया अपने मंगेतर रवि के साथ चुदाई का मज़ा ले चुकी थी तो रामू को वो रोक नही पाती.

आँचल यही सब सोच रही थी और कोई रास्ता उसे नही सूझ रहा था. तभी सुनील तीनो के लिए पॉपकॉर्न के पैकेट्स और पेप्सी की बॉटल्स लेकर आ गया. इतना सब वो अपने हाथों में संभाल नही पाया और रिया को पेप्सी देते समय उसकी टीशर्ट में थोड़ी पेप्सी गिर गयी. हड़बड़ाकर सुनील रुमाल से रिया की चूचियों के ऊपर टीशर्ट पर गिरी पेप्सी को पोछने लगा. आँचल उसको मना कर पाती तब तक उसने एक दो बार रिया की चूचियों के ऊपर रुमाल से पोछ दिया. फिर वो अपनी सीट पर बैठ गया. आँचल ने रुमाल लेकर रिया की टीशर्ट से अच्छी तरह से पेप्सी पोछ दी.

रिया सोचने लगी जीजाजी जानबूझकर उसकी चूचियों को रुमाल से दबा रहे थे, लेकिन वो हॉर्नी फील कर रही थी , तो उसने जीजाजी को रोका नही बल्कि उसे अच्छा जो लग रहा था. वो तो आँचल ने सुनील को हटा दिया तब. फिर जब आँचल उसकी चूचियों के ऊपर से पेप्सी पोछ रही थी तो चूचियां दबने से रिया को मज़ा आ रहा था , उसने मुस्कुराते हुए आँचल को आँख मार दी.

कुछ देर बाद इंटरवल खत्म हो गया और मूवी शुरू हो गयी. पॉपकॉर्न खत्म करके सुनील फिर से आँचल के साथ मस्ती में लग गया. जल्दी ही वो दोनो मूवी देखना छोड़कर अपनी चुम्मा चाटी में लग गये. रिया को उन दोनो के गहरी साँसे लेने की आवाज़ सुनाई देने लगी. रिया भी मूवी देखते हुए बीच बीच में उनको देखने लगी. उसकी खुद की साँसे भी भारी होने लगी.

आँचल के होठों को चूसते हुए सुनील ने देखा रिया उन दोनो को ही देख रही है. उसने देखा रिया उत्तेजित सी लग रही है और उसके होंठ खुले हुए हैं. रिया ने जब देखा जीजाजी भी उसको देख रहे हैं तो शरमाकर वो सामने मूवी देखने लगी.

रिया को देखते पाकर सुनील और ज़्यादा उत्तेजित हो गया , उसने आँचल की चूचियों को ज़ोर ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया. आँचल हल्की हल्की सिसकारियाँ लेने लगी. फिर सुनील ने आँचल की ब्रा ऊपर करके एक चूची बाहर निकाल दी .

रिया ये सब देख रही थी. उसने देखा आँचल की बाहर निकली हुई चूची के निपल तने हुए हैं. सुनील निपल को उंगली से दबाके घुमाने लगा. अब वो सीधा रिया की आँखो में देख रहा था. रिया अब नज़रें झुका नही रही थी बल्कि सीधा जीजाजी की आँखो में कामुक नज़रों से देख रही थी. दोनो लड़कियों को उत्तेजित देखकर सुनील को बहुत मज़ा आ रहा था. आँचल के साथ मस्ती करने से रिया पर पड़ते प्रभाव को देखकर सुनील ज़्यादा एक्साइटेड फील कर रहा था.

जब मूवी खत्म हुई तो रिया ने आँचल को कन्धा पकड़कर हिलाया. आँचल ने देखा फिल्म खत्म हो चुकी है और हॉल की लाइट्स ऑन हो गयी हैं. वो हड़बड़ाकर सुनील से अलग हुई. और जल्दी से अपनी ब्रा और ब्लाउज ठीक किया. हॉल से बाहर आते समय सुनील आँचल और रिया के पीछे चल रहा था. भीड़भाड़ में आँचल आगे निकल गयी , रिया और सुनील पीछे रह गये. रिया के ठीक पीछे चलते हुए सुनील उसके नितंबों में अपना लंड रगड़ने लगा. रिया समझ गयी जीजाजी उसकी गांड में पीछे से लंड चुभा रहे हैं , लेकिन वो कुछ नही बोली मज़े लेती रही. अब सुनील की हिम्मत बढ़ गयी. उसने देखा आँचल काफ़ी आगे निकल गयी है . थोड़ी देर तक रिया के नितंबों में लंड रगड़ने के बाद भीड़ से बचाने के बहाने से सुनील ने रिया की काँखों के नीचे हाथ डालकर उसे अपने से चिपका लिया और उंगलियों से उसकी चूची दबाने लगा. वो दोनो जानबूझकर धीरे धीरे चलने लगे.

हाल से बाहर आते ही सुनील को आँचल दिख गयी उसने जल्दी से रिया को छोड़ दिया. आँचल उनको ही ढूँढ रही थी पर अभी उसकी नज़र उनपर नही पड़ी थी. जब सुनील आँचल के पास पहुँचा तो आँचल थोड़ी उखड़ी हुई दिख रही थी.

सुनील ने पूछा , क्या हुआ तो आँचल ने कुछ जवाब नही दिया और बोली, चलो अब जल्दी, बाहर आने में इतनी देर लगा दी. जब वो तीनो पार्किंग में कार में बैठ गये तो आँचल ने बताया की हॉल से बाहर आते समय दो लड़के उसके पीछे थे और उन्होने भीड़भाड़ में उसके बदन और नितंबों पर खूब हाथ फिराया और नितंबों को मसल दिया.

सुनील को बीवी की बात पर गुस्सा आ गया , वो बोला,” वहीं पर क्यूँ नहीं बताया ? तुमने मुझे उन लड़को को दिखाना चाहिए था.”

आँचल बोली,” वहाँ पर सबके सामने ड्रामा करके क्या फायदा. इसलिए मैंने तुमसे कहा जल्दी चलो यहाँ से.”

देर शाम घर पहुँचकर नहाने के बाद फ्रेश होकर वो डिनर टेबल पर आ गये. आँचल के सास ससुर के साथ डिनर करते समय ज़्यादा बातें नही हुई.

डिनर के बाद रिया ने देखा की आँचल ने उसके लिए अपने रूम में एक एक्सट्रा बेड लगा रखी है.
रिया बोली,” आँचल, मैं तुम्हारी प्राइवेसी को डिस्टर्ब नही करना चाहती हूँ. मेरे लिए लिविंग रूम मे बेड लगा दो.”

आँचल बोली,” लिविंग रूम में क्यूँ सोएगी , मेरे साथ सोएगी.”

ससुर ने सुझाव दिया,” रिया मेरे बेडरूम में सास के साथ सो जाएगी और मैं लिविंग रूम में सो जाऊंगा.”
ससुर की बात कोई टाल नही सकता था , इसलिए ऐसा ही डिसाइड हो गया.

डिनर के बाद आँचल ने रिया को अपने बेडरूम में ताश खेलने बुलाया , वो दोनो सुनील के साथ ताश खेलने लगी. खेलते हुए तीनो हँसी मज़ाक कर रहे थे.

कुछ समय बाद रिया को आभास हो गया की आँचल और जीजाजी अब सेक्स करने के मूड में है. रिया नींद का बहाना करके उनके बेडरूम से बाहर आ गयी. रूम से बाहर आकर रिया ने देखा की ससुरजी लिविंग रूम में टीवी देख रहे हैं. रिया ने उनको गुडनाइट बोला और सास के बेडरूम में सोने चली गयी.

रूम मे आकर रिया ने छोटी सी नाइटी पहन ली. तभी ससुर कमरे में आ गया और सास को नींद को गोली देने लगा. सास को रोज़ रात को नींद की गोली देनी पड़ती थी तब जाके वो सोती थी. सास को गोली खिलाते हुए ससुर रिया को देख रहा था. रिया ने छोटी सी नाइटी पहनी हुई थी जो उसकी आधी जांघों तक पहुँच रही थी. रिया की चूचियों, उसकी खुली टाँगों और जांघों को ससुर ने ललचाई नज़रों से देखा.

फिर रिया से कहने लगा,” मैंने नींद की गोली दे दी है, अब ये सुबह तक आराम से सोएगी और तुम्हे यहाँ सोने में कोई परेशानी नही होगी.”

रिया ससुर की ललचाई नज़रों को महसूस कर रही थी. ससुर से उसे डर भी लगता था और एक्साइट्मेंट भी फील होती थी. सुनीता की जबरदस्त चुदाई करते हुए ससुर का बड़ा लंड रिया ने देखा था. वो याद आते ही रिया की नज़र ससुर के पैजामे पर पड़ी.

ससुर ने तुरंत भाँप लिया की रिया की नज़र उसके पैजामे पर पड़ी थी. ससुर इस जवान लड़की को चोदने को तड़प रहा था पर पहल करने में हिचक रहा था. फिर रिया की खुली जांघों को घूरते हुए वो रूम से बाहर चला गया.

तभी सुनीता भी रूम में आ गयी वो सास के बेड के पास फर्श पर गद्दा बिछाकर सोती थी. लाइट ऑफ करके रिया बेड में लेट गयी पर उसको नींद नही आ रही थी. वो दिन भर मे हुई घटनाओ के बारे में सोचने लगी . अभी आँचल और जीजाजी अपने बेडरूम में नंगे होकर चुदाई कर रहे होंगे , इस ख़याल से उसको मस्ती आने लगी.

उधर आँचल के बेडरूम में सुनील ने आँचल को नंगा कर दिया और अपने कपड़े उतारकर उसके ऊपर चढ़ गया. आँचल बड़ी खुश थी की आज सुनील उसकी अच्छी चुदाई करेगा. लेकिन उसकी खुशी थोड़ी ही देर में खत्म हो गयी . आँचल की चूत में लंड घुसाकर चुदाई करने के कुछ ही देर में सुनील झड़ गया. आँचल को फिर से वही फ्रस्ट्रेशन हो गया. लेकिन और दिनों की तरह इस बार झड़ने के बाद सुनील करवट लेकर सो नही गया बल्कि आँचल से रिया के बारे में तरह तरह के सवाल पूछने लगा.

उसने पूछा,” रिया कुँवारी है या चुदाई के मज़े ले चुकी है ?”

आँचल सुनील को रिया की चुदाई की बातें बताने लगी की कैसे उसके मंगेतर रवि ने सगाई के दूसरे दिन ही उसकी सील तोड़ दी थी.

ये लो चमत्कार हो गया , रिया की चुदाई के किस्से सुनकर सुनील का फिर से लंड खड़ा हो गया और वो आँचल की चूत में लंड घुसाकर फिर से उसे चोदने लगा. आँचल आश्चर्य से खुश होते हुए चुदवाने लगी और अपना किस्सा सुनाना जारी रखा.

“रिया बता रही थी की सगाई के दूसरे ही दिन रवि ने उसे अपने दोस्त के घर बुलाया और उस दोस्त के बेडरूम में ही उसकी चुदाई कर दी. “

सुनील रिया की चुदाई का किस्सा सुनते हुए जोश में आँचल को चोदने लगा.
आँचल सिसकारियाँ लेते हुए किस्सा सुनाती रही.
“रिया कह रही थी की वो तो शरम से पानी पानी हो गयी क्यूंकी दोस्त के बेड की चादर में उसकी चूत की सील टूटने से खून लग गया था.”

किस्सा सुनाते हुए आँचल मज़े से सिसकते हुए चिल्लाई, “ओह……..सुनील……. चोदो…...उननग्ग्घह…….ज़ोर से चोदो …..ओइईईईईईईई माँ …..”

आँचल को महसूस हुआ की चुदाई की बातों से सुनील को नया जोश चढ़ रहा है और वो अच्छे से उसकी चुदाई कर रहा है. तभी आँचल को ओर्गास्म आ गया.
“ऊऊओह……..आआहह…..ओइईईईईईईईईईईईईईईईई…..”

सुनील ने भी दूसरी बार आँचल की चूत में पानी छोड़ दिया.

आँचल को याद नही था की सुनील के साथ चुदाई में पिछली बार कब उसे ओर्गास्म आया था. बहुत लंबे समय बाद सुनील के साथ उसे ओर्गास्म आया था , इस चमत्कार से वो बहुत खुश हुई और उसने सुनील से बातें करना जारी रखा.

फिर वो सुनील को बताने लगी की सिनेमा हॉल से बाहर आते समय उन दो लड़को ने कैसे उसके नितंबों को मसला था और चिकोटी काटी थी. उसकी कामुक बातों से सुनील का लंड फिर से खड़ा होने लगा. लेकिन उन लड़को के बारे में बताने के लिए आँचल के पास इतना ही था. तो उसने सुनील की उत्तेजना बढ़ाने के लिए मनगणंत किस्सा सुनाना शुरू किया की कैसे उन दोनो लड़को ने उसके आगे पीछे खड़े होकर उसको बीच में सैंडविच बना दिया. एक उसकी चूचियों को दबा रहा था और दूसरा उसके नितंबों को मसल रहा था.

उत्तेजित होकर सुनील तीसरी बार आँचल के ऊपर चढ़ गया और उसकी चूत में लंड घुसाकर आँचल को चोदने लगा.

आँचल खुश होकर चुदवाते हुए सुनील को झूठ मूठ में बताने लगी की उन दोनो लड़को के बीच में फंसकर उसने अपने को कितना असहाय महसूस किया लेकिन उनके बदन को मसलने से उसे उत्तेजना भी महसूस हो रही थी. और लोगो के सामने उसका बदन उन लड़को ने मसल दिया जिससे उसकी चूत से रस बहने लगा था.

“उनन्नज्ग्घ……...सुनील …….वो दोनो लड़के बोल रहे थे की मेरे मुममे बहुत मस्त हैं…..आअहह…” आँचल उत्तेजना से अपना सर झटकते हुए बोली. उसको आज दूसरी बार ओर्गास्म आ गया था.

सुनील भी तीसरी बार झड़ गया. ज़ोर से सिसकारियाँ लेती आँचल ने सुनील को अपने ऊपर जकड़ रखा था. सुनील की पीठ पर उसने उत्तेजना से नाख़ून गड़ा दिए.

तीन बार की चुदाई से थककर सुनील और आँचल एक दूसरे की बाँहो में संतुस्ट होकर नंगे सो गये.

उधर रिया को नींद नही आ रही थी , बेड पर लेटे हुए वो उत्तेजित महसूस कर रही थी. तभी उसने कुछ आहट सुनी.
 
उधर रिया को नींद नही आ रही थी , बेड पर लेटे हुए वो उत्तेजित महसूस कर रही थी. तभी उसने कुछ आहट सुनी. रिया ने देखा सुनीता फर्श में बिछे अपने बिस्तर से उठी और चुपचाप कमरे से बाहर चली गयी. रिया समझ गयी की सुनीता ससुरजी के पास लिविंग रूम में जा रही है. रिया को उत्सुकता हुई और 5 मिनिट इंतज़ार करके वो भी चुपचाप कमरे से बाहर आ गयी और लिविंग रूम के दरवाजे से अंदर झाँकने लगी.

रिया ने देखा सुनीता और ससुरजी दोनो नंगे हैं. सुनीता झुककर ससुरजी का लंड चूस रही थी और वो उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को मसल रहा था. ससुर का लंड सुनीता के मुँह में अंदर बाहर जाते देखकर रिया को बड़ी एक्साइट्मेंट हुई. ससुर का लंड बड़ा और मोटा था और सुनीता उसको ज़्यादा से ज़्यादा अपने मुँह के अंदर लेने की कोशिश कर रही थी. रिया से रुका नही गया, उसने अपनी पैंटी नीचे खिसका दी और टाँगे फैला के तेज़ी से अपनी क्लिट को मसलने लगी. 

रिया जबसे आँचल के घर आई थी तबसे दो बार वो ससुरजी और सुनीता की चुदाई देख चुकी थी. सिनेमा हॉल में सुनील और आँचल की मस्ती और उसके बाद हॉल से बाहर आते समय सुनील ने उसके साथ मज़ा लिया था. इन सबसे रिया बहुत गरम हो चुकी थी और अब उसकी चूत को लंड की सख़्त ज़रूरत महसूस हो रही थी. लिविंग रूम के दरवाज़े पर खड़े होकर रिया तेज़ी से अपनी चूत में उंगली करने लगी . उसको ओर्गास्म आने ही वाला था . उसकी आँखे नशीली हो गयी और वो मुँह से सिसकारियाँ निकालने लगी. 

ससुर ने रिया की सिसकारियाँ सुन ली. आज वैसे भी वो सावधान था, उसे यक़ीन था की रिया सुनीता की चुदाई देखने आएगी. उसने सुनीता के मुँह से लंड निकाल लिया और तेज़ी से पलटकर रिया के पास आ खड़ा हुआ. रिया आँखे बंद करके सिसकारी लेते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी तभी किसी ने उसके मुँह पर हाथ रख दिया.

ससुर ने एक हाथ रिया की जाँघो के नीचे डाला और दूसरा हाथ उसके मुँह से हटाकर उसकी कांख के नीचे डाला और गोदी में उठाकर रिया को लिविंग रूम में ले आया. ये सब इतनी जल्दी हुआ की रिया को समझ ही नही आया की क्या हो रहा है. फिर सोफे में बैठकर ससुर ने रिया को अपनी गोद में बिठा लिया. रिया के नंगे नितंबों पर ससुर का खड़ा लंड चुभने लगा. तब जाकर रिया को होश आया की वो ससुर की गोद में बैठी है. उसके मुँह से ज़ोर से ……ऊऊओह….निकल गया. ससुर ने झट से उसके मुँह पर हाथ रखकर उसकी आवाज़ बंद कर दी.

“चिल्लाओ नही रिया बेटी. मैं तुम्हें कुछ नही करूँगा.” ससुर घबराई हुई रिया को शांत करने का प्रयास करने लगा. रिया ने ससुर के फनफनाते लंड की चुभन नीचे से अपने नितंबों पर महसूस की. उसने मुड़कर देखा, नंगी सुनीता उसे देखकर मुस्कुरा रही थी.

“मैं अभी अपना हाथ तुम्हारे मुँह से हटा रहा हूँ , चिल्लाना मत.” रिया के मुँह से हाथ हटाते हुए ससुर बोला.

“कल रात भी तुमने मुझे सुनीता को चोदते हुए देखा है. है ना ?”

रिया को ससुर से डर भी लग रहा था पर उसके बदन में सनसनी भी हो रही थी. घबराहट से उसकी आवाज़ ही नही निकली तो उसने सर हिलाकर ‘ना’ में जवाब दिया.

“अरे रिया बेटी, झूठ क्यूँ बोलती है ? मेरे पास तेरी पैंटी है. जो तू कल रात दरवाज़े के पास छोड़ गयी थी.” ससुर ने रिया की पोल खोल दी.

फिर रिया की टांगों में फँसी पैंटी को उतारकर ससुर उसके मुलायम नितंबों को सहलाने लगा. उसका लंड रिया की जाँघो के अंदरूनी भाग में चूत के पास रगड़ खा रहा था. 

रिया को कोई जवाब ना देते देखकर ससुर ने उसके नितंब पर एक चपत लगाई और कहने लगा,”बोलो बेटी , सच सच बताओ. देखा था ना ?”

“हाँ मेरे से ग़लती हो गयी……..जी , आँचल दीदी ने भी मुझपर गुस्सा किया था. प्लीज़ अब मुझे जाने दो.” धीमे स्वर में रिया बोली.

लेकिन अंजाने में उसने आँचल का भी नाम ले लिया था. अब ससुर का दिमाग़ घूमा. अच्छा तो ये बात है, बहू ने भी चुदाई देखी थी. आँचल भी वहाँ आई थी जानकर ससुर को बड़ी उत्तेजना आई.

“जाने दूँगा बेटी, पहले ये बताओ की तुम दोनो दरवाज़े से देखकर क्या कर रही थी ?” ससुर रिया की क्लिट को अपने अंगूठे से मसलते हुए बोला.

“उन्न्ञन्घह……आअहह……..ऊऊहह….” रिया सिसकने लगी.

ससुर ने रिया की गीली चूत में उंगली डाल दी और अंगूठे से क्लिट को मसलते रहा.

“ऊऊहह…..” रिया उत्तेजना से सिसकने लगी.

“तुम दोनो ने क्या देखा ?” रिया की चूत में उंगली करते हुए ससुर बोला.

“ऊऊओह………..आआहआआअ” रिया उत्तेजना से अपने नितंबों को ऊपर उठाते हुए सिसकी.

“बोलो बोलो रिया बेटी, तुम दोनो ने क्या देखा ?” रिया को तड़पाने के लिए धीरे से उसकी क्लिट मसलते हुए ससुर बोला.

रिया उत्तेजना से काँपने लगी, उसकी चूत से रस बहने लगा .

“हम दोनो ने आपको नौकरानी को चोदते देखा……...आाआईयईईई……”

“क्या तुम दोनो अपनी चूत मसलने लगी थी ?” चूत में धीरे धीरे उंगली करते हुए ससुर बोला. वो रिया को इतनी जल्दी झड़ने नही देना चाह रहा था.

“आऐईयईई……….. हाँ………….ओह..” सिसकारियाँ लेते हुए रिया ने जवाब दिया. उसको ओर्गास्म आने ही वाला था. वो अपने नितंबों को ऊपर उछालकर ससुर की उंगलियों को अपनी चूत के अंदर गहराई तक लेने की कोशिश करने लगी. किसी भी तरह जल्दी से वो ओर्गास्म का आनंद लेना चाह रही थी पर ससुर उसको तडपा रहा था.

ससुर समझ गया अब रिया झड़ने वाली है तो उसने अपनी उंगलियाँ चूत से बाहर निकाल ली. फिर रिया की दोनो टाँगों को अपने दोनो तरफ रखकर उसने रिया का मुँह अपनी तरफ करके गोद में सीधा बिठा लिया.

फिर ससुर ने रिया के गाल पर हल्के से थप्पड़ मारा और मेरी तरफ देखो कहा. रिया ने मदहोशी से ससुर को देखा, उसके होंठ खुले हुए थे, उत्तेजना से वो कांप रही थी.

“हाँ, चोदो मुझे……..प्लीज़ चोदो…..” अपना ओर्गास्म रुक जाने से वो तड़पने लगी.

“तुम्हारी तो अभी शादी भी नही हुई है. क्या ये ठीक होगा ? “ रिया को तड़पाने में ससुर को मज़ा आ रहा था.

“ओह्ह……..मुझे अपना लंड दो…….” झुँझलाकर रिया ने ससुर के कंधे पकड़ लिए और अपने नितंबों को ऊपर उठाकर , हाथ से ससुर का लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया. फिर लंड पर नीचे को बैठ गयी. 

लंड अभी थोड़ा ही अंदर गया था की रिया को रुका हुआ ओर्गास्म आ गया. 

“ऊऊहह…………..ओइईईईईईईईईईईईईई…………………आआहह………” सिसकते हुए रिया ससुर की छाती में लुढ़क गयी और उसकी चूत से फिसलकर लंड बाहर आ गया. 

ससुर ने थोड़ी देर तक रिया के शांत होने का इंतज़ार किया . जब उसकी साँसे लौट आई तो ससुर बोला,” ऐसे नही बेटी. देख अब मैं तुझे चोदना सिखाता हूँ.”

फिर ससुर ने रिया को सोफे पर लिटा दिया और उसकी टाँगे फैला दी. रिया की चूत के फूले हुए होठों के बीच लंड का सुपाड़ा घुसाकर उसने एक धक्का दिया और सुपाड़ा चूत के अंदर घुस गया.

“ओइईईई………….उनन्नगज्गघह………..आआहह…….” रिया सिसकने लगी. मोटे सुपाड़े ने उसकी टाइट चूत की दीवारों को फैला दिया था. 

ससुर ने रिया की टाइट चूत को महसूस किया. वो समझ गया रिया अभी ज़्यादा नही चुदी है. आह ……..आज कितने लंबे अरसे के बाद इतनी टाइट चूत चोदने को मिली है. कॉल गर्ल्स और नौकरानियों की चूत तो पहले से ही बहुत चुदी हुई होती हैं. लेकिन आज तो ये नयी नयी कली मिली है जो चुदने को तड़प रही है. 

धीरे धीरे ससुर अपने बड़े लंड को रिया की चूत में घुसाने लगा. रिया अपना सर दोनो तरफ पटकने लगी. 
उसको महसूस हो गया ससुरजी का बड़ा लंड उसकी टाइट चूत के लिए बहुत बड़ा है. रिया के माथे पर पसीना छलक आया. रिया को सर पटकते देखकर ससुर ने लंड चूत के बाहर निकाल लिया. फिर कुछ पल रुककर फिर से अंदर डाल दिया पर इस बार कुछ और ज़्यादा गहराई तक घुसा दिया. 

सुनीता ने रिया के माथे का पसीना पोछा और बोली,” डरो मत मेमसाब. बस थोड़ा दर्द होयेगा और उसके बाद मज़ा ही मज़ा…….”

रिया ने सिसकारियाँ लेते हुए सुनीता को देखा, सुनीता उसका माथा सहलाती रही.

“साब थोड़ा धीरे से घुसाओ. लगता है की मेमसाब को इतना बड़ा लंड लेने में बहुत तकलीफ़ हो रही है.” सुनीता ने ससुर से कहा.

ससुर रिया की चूत से लंड पूरा बाहर निकालकर थोड़ा थोड़ा अंदर डालने लगा जिससे चूत को बड़े लंड की आदत हो जाए. ऐसा करते करते आख़िरकार उसने जड़ तक लंड रिया की चूत में घुसा दिया. रिया को ऐसा लगा जैसे उसकी चूत की दीवारें पूरी फैल गयी हैं.

अब ससुर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. रिया सिसकारियाँ लेने लगी और ससुर की पीठ को उसने अपनी बाँहो में भर लिया. 

ये देखकर सुनीता बोली,” देखो मेमसाब, अब मज़ा आ रहा है ना ?”

“उनन्नघ……….उहह……… हाँ मज़ा आ रहा है……….और ज़ोर से करो………...बहुत मज़ा आ रहा है…...ओह….”

ससुर खुश हो गया की रिया को अब मज़ा आ रहा है और वो उससे और ज़ोर से धक्के लगाने को कह रही है.
ससुर ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज तेज धक्के लगाकर रिया की चूत की ठुकाई करने लगा………...फॅट फॅट फॅट …….

उसके धक्कों से रिया का पूरा बदन और सोफा भी हिलने लगा. ससुर की गोलियाँ रिया के ऊपर उठे हुए नितंबों पर टकराने लगी. रिया की चूचियों को मुँह में भरकर वो चूसने लगा और तेज तेज स्ट्रोक लगाने लगा.

अपनी चूत पर पड़ते तेज धक्कों से रिया को दूसरी बार ओर्गास्म आ गया ….आआहह……..ऊओिईईई………ओह…..
रिया इतनी उत्तेजित हो गयी की उसने अपने पास बैठी सुनीता की बड़ी चूची को पकड़ा और उस पर अपने दाँत गड़ा दिए. 

नंगी रिया को ओर्गास्म की उत्तेजना से चिल्लाते देखकर ससुर ने जल्दी से उसका मुँह बंद कर दिया. और वो खुद को भी नही रोक पाया. जवान कली की चूत को उसने अपने गरम वीर्य से भर दिया. फिर उसने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया. रिया की चूत से बाहर निकलते वीर्य को देखकर ससुर को ध्यान आया की उसे कंडोम यूज़ करना चाहिए था क्यूंकी अभी रिया की शादी नही हुई थी.

तभी उसने देखा सुनीता रिया के चेहरे को चूमने लगी है. चूम चूमकर उसने रिया का मुँह गीला कर दिया और फिर अपनी बड़ी चूची रिया के मुँह में डाल दी. रिया सुनीता की बड़ी चूचियों को चूसने लगी. सुनीता ने रिया का हाथ पकड़कर उसकी उंगली अपनी चूत में डाल दी. एक एक करके रिया ने सुनीता की गीली चूत में तीन उंगलियाँ डाल दी. अब रिया सुनीता की चूचियों को काटने लगी और उसकी चूत में तीन उंगलियाँ तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी.

उन दोनो की काम लीला देखकर ससुर का लंड फिर से खड़ा होने लगा. बहुत लंबे समय से ससुर को इतनी उत्तेजना और इतना मज़ा नही मिला था. 

अब वो फिर से रिया की टाइट चूत को चोदना चाह रहा था. उसने सुनीता को एक तरफ हटा दिया और रिया को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर वो रिया के क्यूट चेहरे को चाटने लगा. रिया के पतले कंधों , उसकी गर्दन को चाटने के बाद वो रिया की चूचियों को चूसने लगा. रिया जैसी कच्ची कली को पाकर ससुर उत्तेजना से पागल हो गया था. वो रिया के बदन को हर जगह चूमने और चाटने लगा. 

“ कितना मीठा स्वाद है इस लड़की का…”चाट चाटकर उसने रिया को पूरा गीला कर दिया. 

ससुर को ऐसा करते देख रिया को हैरानी हुई लेकिन बदन चाटने से उसे बहुत सनसनी हो रही थी. 

“ओह……..हाँ……….ओह…….उहह..” वो सिसकने लगी.

गोद में बिठाकर ससुर उसे चाटने में पड़ा था और उसका फनफनाता लंड रिया को अपनी नितंबों के नीचे महसूस हो रहा था. फिर अपने लंड को नीचे से निकालकर ससुर ने रिया के पेट पर लगा दिया और रिया के रसीले पतले होठों को मुँह में भरकर बेतहाशा चूमने लगा. आज तक किसी भी आदमी ने उसे ऐसे नही चूसा था जैसे ससुर ने , रिया को लगा जैसे ससुर उसका पूरा बदन ही चाट चाटकर खा जाएगा. आनंद से वो सिसकती रही.

फिर रिया को थोड़ा ऊपर उठाकर ससुर ने रिया की चूत में लंड घुसा दिया. 

“उंगग्घह……....ओह..” फिर से अपनी टाइट चूत में मोटा लंड घुसने से रिया सिसकी.

रिया को मस्ती से अपनी गोद में झूमते देखकर ससुर बहुत उत्तेजित हो गया. उसने पूरा लंड रिया की चूत में घुसा दिया.

“ओह्ह ………ज़ोर से चोदो ………...” रिया मदहोशी में बोली.

अब रिया के दोनो नितंबों को अपने हाथों में पकड़कर ससुर रिया को अपने लंड पर उछालने लगा. रिया मज़े से चुदवाते हुए सिसकारियाँ लेने लगी. 

ससुर की गोद में लंड पर उछलते हुए रिया को तीसरी बार ओर्गास्म आ गया. ससुर ने भी रिया की चूत को फिर से वीर्य से भर दिया और उत्तेजना में उसके कंधे को दांतो से काट लिया.

“ऊीईईई……………...आऐईयईईई…….” अपने पतले कंधे पर ससुर के दाँत गड़ने से रिया चिल्लाई और झड़ने के बाद दोनो सोफे पर लुढ़क गये. 

सोफे पर रिया के बदन के ऊपर ससुर कुछ देर तक पड़ा रहा. फिर जब उसे रिया के हल्के हल्के सुबकने की आवाज़ आई तो वो रिया के ऊपर से उठ गया. उसने सुबकती हुई रिया के गालों को प्यार से सहलाया और उसे सोफे से उठाने लगा.

रिया सोफे से उठी लेकिन उसकी टाँगे काँपने लगी और वो सहारे के लिए ससुर के बदन को पकड़कर झूल गयी. ससुर ने उसके गालों को सहलाया और ‘बेटी बेटी’ कहकर पुचकारते हुए रिया को सहारा देते हुए उसके कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा दिया. फिर उसके माथे का चुंबन लेकर उसको चादर ओड़ा दी और कमरे से बाहर आ गया. लिविंग रूम में आकर उसने सुनीता को 200 रूपये दिए और उससे अपने कमरे में जाकर सो जाने को कहा. दो बार रिया को चोदने से वो संतुष्ट हो गया था, अब आज सुनीता को चोदने की उसकी इच्छा नही थी.
 
अगली सुबह आँचल और रिया जब उठीं तो दोनो खुश दिखाई दे रही थी. रात में दोनो ने अच्छी चुदाई का मज़ा लिया था , इसलिए दोनो के चेहरे खिले हुए थे. आँचल की शादी को अब एक साल पूरा होने को था और हनीमून के बाद पहली बार सुनील ने एक रात में उसे तीन बार चोदा था. आँचल सोचने लगी , रिया के आने के बाद से सुनील की सेक्स करने की इच्छा बढ़ गयी है और आँचल ने जो अपने साथ छेड़छाड़ का किस्सा बढ़ा चढ़ा कर सुनाया था उससे भी सुनील उत्तेजित हुआ था. सुनील का लंड बड़ा नही था लेकिन दो बार आँचल झड़ी तो थी चुदाई से, वो संतुष्ट थी और ये उसके खिले हुए चेहरे से साफ दिख भी रहा था.

दूसरी तरफ रिया की ससुर ने जमकर चुदाई की थी. वैसे रिया कुँवारी नही थी क्यूंकी अपने मंगेतर रवि के साथ 6-7 बार वो चुदाई का मज़ा ले चुकी थी, लेकिन जो मज़ा उसे अनुभवी ससुर ने दिया था वो उसे रवि के साथ नही आया था. सुबह नींद खुलने पर रिया रात को हुई चुदाई के बारे में सोचने लगी. ससुरजी 55-56 के तो होंगे ही , लेकिन असली मर्द हैं. कैसे उन्होने मुझे गोद में बिठा के चोदा, बड़ा लंड होने के बावजूद बिना ज़्यादा दर्द कराए हुए ही आराम से मेरी चुदाई कर दी. वास्तव में ससुरजी अनुभवी चोदू हैं. लड़कियों को पटाकर कैसे मज़ा देना है , इस सब में ससुरजी को बहुत अनुभव है. ससुरजी के बारे में सोचकर रिया को फिर से उत्तेजना आने लगी. 

चादर के अंदर हाथ डालकर रिया अपनी क्लिट को मसलने लगी. चुदाई के मामले में ससुरजी के सामने तो रवि बिल्कुल अनाड़ी है. रिया सोचने लगी , अभी तक की रवि के साथ उसकी चुदाई दो जवान लेकिन अनाड़ी जोड़े की चुदाई की तरह थी. ना उसे अनुभव था, ना रवि को. लेकिन एक ही रात में ससुर ने रिया को दिखला दिया था की चुदाई के मज़े कैसे लेते हैं. इन सब ख़यालो में डूबी हुई रिया तेज़ी से अपनी क्लिट को रगड़ने लगी. उसको जल्दी ही ओर्गास्म आ गया.

“आअहह…………..ऊऊओह………..” रिया सिसकारी लेते हुए झड़ने लगी.

तभी बेडरूम का दरवाज़ा खुला और ससुर अंदर आ गया. हड़बड़ाकर रिया ने चादर के अंदर से अपना हाथ बाहर निकाला और ससुरजी से ‘गुड मॉर्निंग’ कहा.

ससुर ने देखा रिया की आँखे नशीली हुई पड़ी हैं और चेहरा लाल हो रखा है. चादर के अंदर से झट से हाथ बाहर निकालते देखकर ससुर समझ गया , की रिया ज़रूर मूठ मार रही होगी. कल रात मेरे साथ चुदाई में इसको मज़ा आया लगता है.

ससुर रिया के बेड के पास आया और उसका माथा और चेहरा सहलाते हुए पूछने लगा की वो अब कैसा फील कर रही है ?

रिया ओर्गास्म की मदहोशी में थी, उसने धीमी आवाज़ में जवाब दिया, मैं ठीक हूँ.

रिया को बेडरूम में अकेली देखकर, सास के बारे में पूछने पर रिया ने बताया की अभी सास को बाथरूम में सुनीता नहला रही है.

ये सुनकर ससुर रिया के बेड में बैठ गया और फिर अपना हाथ उसने चादर के अंदर डालकर नंगी रिया की चूत पर रख दिया. अपनी रस टपकाती चूत पर ससुर का हाथ पड़ते ही रिया की साँसे अटक गयी.

हाथ में गीलापन महसूस करके ससुर बोला,” रिया बेटी, लगता है तुम कल रात की चुदाई को याद कर रही हो.”

“ऊऊओह…………...” अपनी गीली चूत के अंदर ससुर की अंगुली के जाने से रिया सिसकी.

रिया की गीली चूत में दो अंगुलियां डालकर ससुर अंदर बाहर करने लगा और अपने अंगूठे से उसकी क्लिट को रगड़ने लगा. 

“रिया , तेरी चूत कितनी प्यासी है, कितना पानी छोड़ रही है. दिल करता है की अपने लंड को तेरी चूत में पूरा दिन घुसा के रखूं.” जवान लड़की की चूत में अंगुलियां चलाते हुए ससुर बोला.

“उनन्नग्घह…………. ओह्ह………हाँ………हाँ…….” ससुर को मदहोशी से देखते हुए रिया सिसकी. और उसने अपना हाथ ससुर के पैजामे में लंड के ऊपर रख दिया और उसे सहलाने लगी.

रिया के सहलाने से ससुर का लंड पैजामे के अंदर झटके मारने लगा. ससुर खुश हो गया की रिया तो खुद ही अपना हाथ उसके लंड पर लगा रही है और चुदाई के लिए बेकरार हो रही है. अपनी आधी से भी कम उमर की जवान सेक्सी लड़की के साथ ससुर खुद को भी युवा महसूस करने लगा. आह……….ये तो अभी यहीं पर चुदने को तैयार है. काश अभी हम इस घर में अकेले होते तो मैं इस कच्ची कली को दिन भर प्यार करता, इतना चुदाई करता की रिया कामतृप्त हो जाती. लेकिन इतने लोगो के बीच तो सिर्फ़ रात में ही उसको चुदाई का मौका मिल सकता है.

ससुर ने ठंडी आह भरते हुए रिया की चूत से अंगुलियां निकाल ली और रिया के खुले हुए मुँह में डालकर उसे अपना ही चूतरस चटवा दिया. 

तभी बाथरूम का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई. अपने लंड से रिया का हाथ बड़ी मुश्किल से छुड़ाकर ससुर बेड से उठ खड़ा हुआ. अपनी बीवी को बाथरूम से बाहर आते देखकर ससुर ने हाथों से खड़े लंड को छुपाया , जो पैजामे में तंबू बना रहा था, और झट से बाथरूम में घुस गया.

रिया ने नाइटी पहन ली थी ,तभी बेडरूम में आँचल भी आ गयी और ‘गुड मॉर्निंग रिया’ बोली.रिया आँचल के साथ चली गयी और बाथरूम से आकर लिविंग रूम में दीदी जीजा के साथ सुबह की चाय पीने आ गयी.

रिया को देखते ही सुनील ‘गुड मॉर्निंग रिया’ बोला और हल्के से उसका आलिंगन कर लिया. आँचल ने देखा सुनील नाइटी पहनी हुई रिया से आलिंगन करते हुए गुड मॉर्निंग कह रहा है. उसे थोड़ा अजीब लगा और थोड़ी जलन सी हुई. आलिंगन करके विश क्या करनी थी वैसे भी तो कह सकता था, हुह.

रिया को भी लगा की जीजाजी उससे मज़े ले रहे हैं , लेकिन उसे कोई ज़्यादा फरक नही पड़ता था. 

तभी आँचल के सास ससुर भी वहाँ आ गये और चाय पीने लगे. ससुर से नज़रें मिलते ही रिया शरमा गयी. 

ससुरजी ने पहले रिया को देखा , फिर उसकी नज़र बहू आँचल पर पड़ी. रिया को शरमाकर नज़रें फेरते देख ससुर मन ही मन मुस्कुराया. रिया जैसी जवान लड़की को चोदकर वो काफ़ी खुश था. लेकिन मादक आँचल पर नज़र पड़ते ही उसके घाव हरे हो गये. आँचल खूब खुश दिखाई दे रही थी और सबसे हंस हंस कर बातें कर रही थी. आह ….बहू कितनी खिली खिली दिख रही है. ना जाने कब मेरी इच्छा पूरी होगी आँचल को चोदने की. काश मैं आँचल को सिखा पाता की चुदाई का मज़ा कैसे लिया जाता है, असली मर्द से चुदाई का मज़ा कैसे मिलता है. साल भर होने को आया लेकिन मेरी इच्छा अभी तक पूरी नही हुई.

बातों बातों में आँचल ने रिया से कुछ और दिन देल्ही में रुकने को कहा. उसकी बात अभी पूरी भी नही हुई थी की जल्दी से ससुर और सुनील दोनो एक साथ बोल पड़े , हाँ रिया थोड़े दिन और रुक जाओ.

आँचल हैरानी से सुनील और ससुर का मुँह देखने लगी, इन दोनो को बड़ी जल्दी पड़ी है .

रिया को तो मौका मिल गया, ससुर के साथ चुदाई का मज़ा कुछ और रातों को मिलेगा. लेकिन सावधानी बरतते हुए अपनी इच्छा को छुपाकर वो ना नुकुर करने लगी. फिर सबके मनाने और ज़ोर देने पर वो दो दिन और रुकने को राज़ी हो गयी. रिया ने चंडीगढ़ फोन करके मम्मी को बता दिया की वो दो दिन और आँचल के घर रहेगी.

सुनील और ससुर रिया के रुकने से मन ही मन बहुत खुश हो गये. सुनील खुशी छुपा नही पाया और बोला की मैं फैक्ट्री से जल्दी आ जाऊंगा ताकि तुम लोगों के साथ टाइम बिता सकूँ.

ससुर ख़यालों में डूब गया की आने वाली दो रातें रिया की जवान बाहों में रंगीन होंगी.

आँचल भी खुश थी, रिया के यहाँ रुकने से सुनील को जोश चढ़ा रहेगा और सुनील के साथ आँचल की भी रातें रंगीन रहेंगी.

चारों के मन में अपनी अपनी खुशी थी. फिर सभी लोग अपने अपने काम के लिए लिविंग रूम से चले गये.

शॉपिंग के लिए आँचल और रिया तैयार होकर जाने लगी तभी रिया का फोन आ गया. मंगेतर रवि का फोन था. जब रिया ने बताया की वो और दो दिन देल्ही रुकेगी तो रवि बोला , यार मैं इतने दिन से तुम्हे मिस कर रहा हूँ और तुम दो दिन और लेट कर रही हो. मैं कार ड्राइव करके देल्ही आ रहा हूँ और हम साथ ही चंडीगढ़ वापस जाएँगे.

रवि के आने की खबर से रिया खुश तो हुई लेकिन जैसा रवि ने सोचा था की वो खुशी से उछल पड़ेगी , वैसा एक्साइट्मेंट रिया की बात में उसे नज़र नही आया. क्यूंकी रिया तो रुकी ही ससुर से चुदाई के लिए थी. ऐसे में रवि का होना तो बाधा ही पैदा करता. लेकिन रवि देल्ही में अपने रिश्तेदारों के यहाँ रुकने वाला था तो ससुर के साथ रात में रिया मज़ा ले सकती थी.

शॉपिंग के बाद जब लंच टाइम में आँचल और रिया घर वापस आई तो रवि को इंतज़ार करते पाकर हैरान हो गयी, अरे तुम इतनी जल्दी कार ड्राइव करके पहुँच भी गये.

रिया को देखते ही रवि सोफे से उठा और उसका आलिंगन कर लिया. आँचल के सामने ही उसने रिया को कसके पकड़कर उसके गालों और होठों का चुंबन ले लिया. रिया ने अपने को आलिंगन से छुड़ाया और आँचल का रवि से परिचय कराया.

आँचल ने गौर किया, जैसा रिया कह रही थी, वैसा ही लंबा चौड़ा , हैंडसम है रवि और शक़ल सूरत भी अच्छी है. रवि ने भी आँचल की मादकता को महसूस किया. 

फिर वो सभी लंच टेबल पर आ गये. रवि रिया से बातों में मशगूल था, कभी कभार आँचल पर भी नज़र डाल लेता था.

आँचल को थोड़ी ईर्ष्या हुई , रवि तो ऐसे खुलेआम रिया से प्यार जता रहा है जैसे यहाँ पर और कोई है ही नही. आँचल सोचने लगी सुनील तो सबके सामने ऐसे उससे प्यार नही जताता.
 
लंच के बाद सभी लोग लिविंग रूम मे बैठे थे. रिया ने आँचल से कहा एक मिनिट बाहर आओ.

आँचल लिविंग रूम से बाहर आई तो रिया एक्साइटेड होकर बोली,”क्या हम एक घंटे के लिए तुम्हारा बेडरूम यूज़ कर लें ? थोड़ी प्राइवेसी चाहिए इसलिए.”

रिया की बोल्ड डिमांड से आँचल हैरान हुई लेकिन उसने हाँ कह दिया. वैसे भी मना कैसे करती.
रिया और रवि आँचल के बेडरूम मे चले गये और अंदर से लॉक कर दिया. आँचल लिविंग रूम मे बैठी हुई सोचने लगी ये दोनो मेरे बेडरूम में क्या कर रहे होंगे ?

अभी दोपहर के 3 बज रहे थे और सास अपने कमरे में सोने चली गयी थी. सुनीता भी उसके साथ ही चली गयी. आधे घंटे तक लिविंग रूम मे अकेली बैठने के बाद आँचल से रहा नही गया और वो चुपचाप अपने बेडरूम के पास आकर दरवाज़े पर कान लगाकर सुनने लगी. बेडरूम के अंदर से धीमी आवाज़ें आ रही थी. वो दोनो क्या बात कर रहे हैं ये तो आँचल को ठीक से सुनाई नही दिया लेकिन बीच बीच में रिया की सिसकारियाँ सुनाई दे रही थी. आँचल की एक्साइट्मेंट बढ़ने लगी. रिया के सिसकने से आँचल की चूत भी गीली हो गयी. 

तभी सुनील का फोन आ गया की पापा और मैं शाम को देर से घर आएँगे क्यूंकी फैक्ट्री में कुछ काम करना है.
आँचल घर मे अकेली बोर हो रही थी और अब तो सुनील और ससुरजी भी देर से आने वाले थे. आँचल के दिमाग़ में उत्सुकता और उत्तेजना से खुराफात सूझी. वो लिविंग रूम से एक छोटा टेबल उठा लाई और बेडरूम के दरवाज़े के पास रखकर उस के ऊपर चढ़ गयी. टेबल के ऊपर चढ़कर दरवाज़े के ऊपर वेंटिलेशन के लिए बनी खिड़की से अंदर झाँकने लगी. 

आँचल ने देखा अंदर रिया और रवि दोनो नंगे हैं. रिया नंगी होकर दीवार से पीठ लगाकर खड़ी है. उसकी एक टाँग रवि ने ऊपर उठाकर पकड़ी हुई है . रवि रिया की चूत में लंड घुसाकर चुदाई कर रहा था. खड़े खड़े ही वो रिया की चूत में तेज तेज धक्के लगा रहा था.

ये सीन देखकर आँचल बहुत उत्तेजित हो गयी और अपनी पैंट के बाहर से ही चूत पर हाथ फिराने लगी. उसने देखा रवि लंबा चौड़ा , काफ़ी तगड़ा है. रवि की छाती में और पैरों में काफ़ी बाल थे. रिया की टाँग को आराम से उठाकर वो मज़े से उसकी चुदाई कर रहा था. अब आँचल से रहा नही गया, पैंट के बाहर से चूत रगड़ने में मज़ा नही आ रहा था उसने पैंट खोलकर नीचे कर दी और अपनी पैंटी में हाथ डालकर गीली चूत को मसलने लगी. अंदर का सीन देखते हुए चूत मसलने से वो धीमी आवाज़ में सिसकारी लेने लगी. आँचल मदहोश होने लगी और उसे ये भी पता नही चला की कोई वहाँ आ गया है.

किचन में रामलाल(कुक) ने कुछ हल्की सिसकने की आवाज़ें सुनी. वो किचन के पीछे बने सर्वेंट क्वॉर्टर से अभी किचन में आया था. रामलाल चेक करने के लिए वहाँ आया की ये आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं . 

जो उसने देखा उससे वो हैरान रह गया. आँचल मेमसाब एक छोटे टेबल पर चढ़ी हुई है. उसकी पैंट और पैंटी घुटनो से नीचे है. और वो सिसकारी लेते हुए चूत में उंगली कर रही है. मादक आँचल की नंगी बड़ी गांड देखकर रामलाल के मुँह में पानी आ गया. रामलाल 50 बरस का था लेकिन जबसे इस घर में आया था बहूरानी आँचल की मादकता को देखकर लार टपकाता था. जवान नौकरानी सुनीता को भी उसने एक दो बार दबोचने की कोशिश की थी लेकिन सुनीता ससुर से फँसी थी तो उसने रामलाल को मुँह नही लगाया. लेकिन आज तो जैसे रामलाल की लॉटरी लग गयी . आँचल मेमसाब को ऐसे नंगे देख पाने की तो उसने सपने मे भी नही सोची थी. वो दबे पाँव आँचल की तरफ बढ़ने लगा.

आँचल को ओर्गास्म आने वाला था, वो आँखे बंद करके सिसकारी लेते हुए चूत में उंगली कर रही थी……….उउउन्न्नह…….ऊओ…….उूउउ……….ऊऊहह……..”

तभी किसी ने उसका मुँह बंद कर दिया और उसको पीछे से पकड़कर खींचकर टेबल से उतार दिया. आँचल कुछ समझ पाती की ये क्या हुआ. तब तक रामलाल उसका मुँह बंद करके उसको किचन में ले गया. आँचल ने अपने को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन रामलाल ने उसको कसके पकड़ रखा था. उसकी पैंटी और पैंट नीचे टाँगों में फँसे हुए थे इसलिए उसका बैलेंस भी नही बन पा रहा था. 

किचन के दरवाज़े से रामलाल आँचल को घसीटकर पीछे बने अपने सर्वेंट क्वॉर्टर में ले गया और अपनी चारपाई पर आँचल को गिरा दिया. फिर जल्दी से अपनी पैंट खोलकर फनफनाते लंड को बाहर निकाल लिया. आँचल ने देखा ये तो उनका कुक रामलाल है. अपने मुँह से हाथ हटा लिए जाने के बाद अब वो साँसों को संयत करने की कोशिश कर रही थी. आँचल ने देखा रामलाल का फनफनाता लंड बड़ा और काला है. लंड के टोपे से प्री-कम भी निकल रहा था. बड़े लंड को देखकर आँचल के होंठ सूखने लगे, वो अभी भी मदहोशी में थी.

तभी रामलाल ने उसकी टाँगों में फँसी पैंट को उतार दिया और गीली पैंटी को फाड़ दिया. फिर आँचल की गीली चूत में अपने लंड का सुपाड़ा लगाया.

“नही नही , ये मत करो . नहीईईईई………….... ओह्ह …..” आँचल इतना ही कह पाई थी की रामलाल ने लंड उसकी चूत में घुसा दिया.

आँचल की चूत रस से पूरी गीली हो रखी थी तो रामलाल का लंड अंदर घुसने में आसानी हुई. रामलाल ने अपने और आँचल के बाकी कपड़े उतारने की जहमत नही उठाई और फटाफट आँचल की चूत में लंड पेलने लगा. 

“ओह्ह……….आअहह……….ओह्ह ……….” आँचल को अपनी चूत रामलाल के बड़े लंड से स्ट्रेच होती हुई महसूस हुई. 

रामलाल की पुरानी चारपाई की रस्सियां आँचल की मुलायम गांड में नीचे से चुभने लगी. रामलाल के हर धक्के से वो पुरानी चारपाई हिलने लगी और चूँ….. चूँ…… चूँ की आवाज़ करने लगी. 

आँचल का रुका हुआ ओर्गास्म फिर से बनने लगा. जल्दी ही आँचल भी अपनी गांड ऊपर को उछालकर रामलाल के धक्कों का जवाब देने लगी. रामलाल तेज़ी से लंड चूत में अंदर बाहर करते रहा.

“ऊओिईई………..ऊऊओ………….आआहह……....ऊऊहह…….ओइईईईईईई….” आँचल को जोरदार ओर्गास्म आ गया.

आँचल को ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेकर झड़ते देखकर रामलाल का भी पानी निकल गया और उसने आँचल की चूत वीर्य से भर दी. रामलाल झड़ने के बाद आँचल के ऊपर लेट गया और उसके खूबसूरत गालों को काटने लगा. उसका लंड अभी भी आँचल की चूत में था. जबरदस्त ओर्गास्म के आने से आँचल निढाल हो गयी थी , रामलाल को धक्का देकर उठाने की ताक़त उसमे नही बची थी. रामलाल आँचल के चेहरे को चूमने और चाटने लगा. आँचल के गालों और होठों को चूस चूसकर उसने गीला कर दिया. 

फिर रामलाल उठा और अपनी पैंट पहन ली. आँचल से एक शब्द भी बोले बिना ही वो अपने कमरे से बाहर चला गया.

आँचल चारपाई पर पड़ी हुई अपनी सांसो को काबू करने की कोशिश कर रही थी. रामलाल की लार से उसका पूरा चेहरा गीला हो गया था . आँचल ने अपनी टीशर्ट के कोने से अपना चेहरा पोंछ लिया. फिर फर्श पर पड़ी हुई पैंट पहन ली. आँचल ने अपनी फटी हुई पैंटी उठाई और किचन के रास्ते घर में आ गयी. 

रामलाल किचन में ही था.

“चाय बनाऊँ आपके लिए मेमसाब ?” आँचल को देखकर शांत स्वर में रामलाल बोला , जैसे कुछ हुआ ही ना हो.

जो कुछ हुआ उससे आँचल स्तब्ध अवस्था में थी , ज़्यादा सोचने समझने की हालत में वो नही थी. रामलाल की बात पर उसने सर हिलाकर हाँ कह दिया और अपनी सास के बेडरूम में बने बाथरूम मे चली गयी क्यूंकी उसका अपना बेडरूम बंद था. 

सास गहरी नींद में सोई थी इसलिए उसने आँचल की हालत नही देखी. लेकिन फर्श पर अपने बिस्तर मे लेटी हुई सुनीता ने आँचल को देख लिया . वो समझ गयी मेमसाब अभी अभी चुदी है. आँचल के बाथरूम का दरवाज़ा बंद होने के बाद सुनीता उठी और बेडरूम से बाहर ये पता करने आई की कौन है जिसने मेमसाब को चोदा ?

लिविंग रूम में उसे कोई नही दिखा और आँचल का बेडरूम अंदर से बंद था. लेकिन दरवाज़े के बाहर टेबल रखी हुई थी. सुनीता की कुछ समझ नही आया की ये लिविंग रूम की टेबल यहाँ कैसे पहुँची ?

सुनीता ने टेबल उठायी तभी रिया ने बेडरूम का दरवाज़ा खोल दिया. सुनीता को टेबल उठाये देखकर रिया ने प्रश्नवाचक नज़रों से सुनीता को देखा की यहाँ क्या कर रही है ?

रिया के पीछे रवि भी बेडरूम से बाहर आ गया. रवि को देखकर सुनीता रिया की तरफ देखकर शरारत से मुस्कुरायी. सुनीता को मुस्कुराते देखकर रिया को रात में ससुर और सुनीता के साथ अपनी चुदाई याद आ गयी और वो शरमा गयी.रिया सोचने लगी , सुनीता सोच रही होगी रात में ससुर से चुदाया , अभी रवि से चुदा रही है.

रिया ने सकुचाते हुए सुनीता से पूछा,” आँचल कहाँ है ?”

सुनीता ने बताया वो बाथरूम में है.

बाथरूम में मिरर के सामने आँचल घबराहट और उत्तेजना से कांप रही थी. उसकी टाँगे कांप रही थी और सपोर्ट के लिए उसने वॉश बेसिन को पकड़ रखा था. ठंडे पानी से कई बार मुँह धोकर उसे थोड़ा होश आया. फिर उसने अपनी पैंट उतारी और पीछे को मुड़कर अपने गोरे नितंबों में पड़े हुए लाल निशानो को देखने की कोशिश करने लगी.

रामलाल ने उसकी तगड़ी चुदाई की थी और जूट की रस्सियों से बनी उस चारपाई में रगड़ने से उसके मुलायम नितंबों पर निशान पड़ गये थे. आँचल ने अपने नितंबों को हाथ से छुआ तो उसे दर्द हुआ. कितनी जल्दी मे हो गया ये सब , आँचल सोचने लगी. बुड्ढे रामलाल का ढीढपन तो देखो, पहले मदहोशी मे मेरा फायदा उठा लिया और अपने क्वॉर्टर में ले जाकर मुझे जमकर चोद डाला , फिर बड़े शांत स्वर में बोलता है , मेमसाब चाय पियोगी? जैसे कुछ हुआ ही ना हो. ढीढ कहीं का.

यही सब सोचते हुए आँचल ने बाथरूम मे बने कैबिनेट को खोलकर दवाई निकाली और अपने दुखते नितंबों पर टेरामायसीन लगाई. उसके चेहरे और गर्दन पर भी काटकर रामलाल ने निशान बना दिए थे. आँचल ने मिरर में देखकर उन जगहों पर क्रीम लगा ली. फिर मिरर में देखकर आँचल ने अपने को ठीक ठाक किया और पैंट पहनकर बाथरूम से बाहर आ गयी. लिविंग रूम मे आँचल को रिया और रवि अपना इंतज़ार करते मिले.

आँचल सोफे में रिया के बगल में बैठ गयी. रिया ने बेशर्मी से आँचल को आँख मारी. और आँखो ही आँखो में बता दिया की हमने तुम्हारे बेडरूम में चुदाई के मज़े लिए. तभी बुड्ढा रामलाल चाय की ट्रे लेकर वहाँ आ गया. आँचल ने सकुचाते हुए उसकी तरफ देखा. रामलाल उसी को देख रहा था और मुस्कुरा रहा था. आँचल ने झेंप कर जल्दी से अपनी नज़रें नीची कर ली.

“कमीना , कुतिया का बच्चा, हरामखोर ….” एंबॅरसमेंट से अपने निचले होंठ को काटती हुई आँचल रामलाल को मन ही मन कोसने लगी.

चाय पीने के बाद रवि उठा और बोला, एक दोस्त के घर जाना है. रात 8 बजे तक लौटूँगा.

आँचल ने देखा रिया की चुदाई करके रवि के चेहरे पर संतुष्टि के भाव हैं. 
जाने से पहले रवि आँचल से बोला, की मैं आप लोगो को डिनर पर ले जाऊंगा . इसलिए सुनील और आप तैयार रहना.
 
रवि के जाने के बाद आँचल और रिया , आँचल के बेडरूम में चली गयीं. वहाँ आँचल और सुनील की बेड में बेड कवर और चादर सब अस्त व्यस्त हालत में थे. रिया शरमा गयी और जल्दी से बेड के ऊपर चादर को ठीक से बिछाने लगी. आँचल भी उसकी मदद करने लगी.

“ह्म्म्म्मम…………. खूब मज़े किए तूने हाँ “, आँचल हंसते हुए बोली.

“ना तो , हम तो सिर्फ़ बातें कर रहे थे.” रिया धीरे से बोली.

“सिर्फ़ बातें ? ये मेरी बेड की हालत देखो. चादर पे उसके वीर्य और तुम्हारी चूत से बहते रस के दाग धब्बे लगे हैं. बातें करने से लगे हैं ये ?” आँचल धब्बों की तरफ इशारा करती हुई ज़ोर से बोली.

रिया का मुँह शरम से लाल हो गया.

“आँचल , क्यूँ मुझे चिढ़ा रही हो. तुम तो शादीशुदा हो , खुशकिस्मत हो रोज़ चुदाई के मज़े लेती हो. मेरी ऐसी किस्मत कहाँ.”

आँचल झूठा गुस्सा दिखाती हुई रिया की तरफ बढ़ी और उसके बदन में गुदगुदी लगाती हुई बोली,” अभी तेरी शादी भी नही हुई है और अभी से तू चुदाई के लिए इतनी बेकरार है. ठरकी बिच…...”

आँचल के गुदगुदाने से रिया हंसते हंसते लोटपोट हो गयी. फिर उसने भी आँचल को गुदगुदाना शुरू किया. एक दूसरे को गुदगुदाते हुए दोनो बेड में गिर पड़ीं . रिया आँचल को नीचे दबाते हुए उसके ऊपर आने की कोशिश करने लगी. उनकी बाँहे और बदन एक दूसरे में गुत्थम गुत्था हो रहे थे और बेड में लेटे लेटे ही उनकी कुश्ती चल रही थी. कुछ देर बाद रिया अपने प्रयास में सफल हो गयी. अब आँचल नीचे लेटी थी और रिया ने ऊपर से उसको दबा रखा था. कुश्ती से दोनो की ही गहरी साँसे चल रही थी.

तभी आँचल के ऊपर बैठी हुई रिया को आँचल की पैंट की पॉकेट में थोड़ा बाहर निकला हुआ कुछ कपड़ा दिखा. उत्सुकता से रिया ने उस कपड़े को खींचकर पॉकेट से निकाल दिया. वो तो आँचल की फटी हुई पैंटी थी जो उसने सर्वेंट क्वॉर्टर से आते वक़्त अपनी पॉकेट में डाल ली थी. फिर रिया ने आँचल की पैंट की ज़िप खोली तो उसे पता चल गया की आँचल ने पैंटी नही पहनी है.

“अहा, तुम्हारी गीली पैंटी किसने फाड़ी ? आँचल ये चक्कर क्या है ? सच सच बताओ , तुम क्या कर रही थी ?”

आँचल ने अपनी फटी हुई पैंटी रिया के हाथ में देखी, शरम से उसका मुँह लाल हो गया. 

“बताओ आँचल, यहाँ हो क्या रहा है ? तुम्हारी पैंटी तुम्हारी पॉकेट में क्यूँ है ?”

आँचल कामुक ज़रूर थी पर चालू नही थी. उसकी कुछ समझ ही नही आया की रिया को क्या सफाई दे. 
रिया अपने सवाल का जवाब मांगती रही. आँचल कोई जवाब देने की बजाय रिया को अपने ऊपर से उठाने के लिए धक्का देने लगी.

रिया ने आँचल का पैंट थोड़ा नीचे को खींचा और उसकी चूत में ज़ोर से दो उंगलियाँ घुसा दी.

“ऊऊहह………..क्या कर रही हो रिया. मुझे दर्द हो रही है. प्लीज़ स्टॉप.” आँचल दर्द से चीखी.

“ तुमने मुझे ठरकी बिच बोला था ना. अब देखो ठरकी बिच कौन है. बताओ मुझे , तुम्हारी पैंटी गीली कैसे हुई , किसने फाड़ी और तुम्हारी पॉकेट में कैसे आई ?” ऐसा कहते हुए रिया ने एक और उंगली आँचल की चूत में घुसा दी.

“ओह्ह ………प्लीज़ नूऊऊऊ………...मुझे दर्द क्यूँ करा रही हो. प्लीज़ स्टॉप. मैं बताती हूँ……..” आँचल ने हार मान ली.

आँचल को अपने काबू में आते देख रिया को बड़ा मज़ा आया. उसने आँचल की चूत से उंगलियाँ निकाल ली और पीछे को जाकर एक झटके में उसकी पैंट नीचे को खींच ली. आँचल ने अपने दोनो हाथों से चूत को ढक लिया ताकि रिया उंगली ना डाल पाए. लेकिन रिया के दिमाग़ में कुछ और ख़याल था. उसने आँचल के दोनो घुटनो को पकड़ा और आँचल को उल्टा घुमा दिया. अब आँचल की बड़ी गांड रिया की तरफ ऊपर को थी. रिया अब आँचल के नंगे नितंबों पर थप्पड़ मारने लगी. एक थप्पड़ बाएं नितंब पर फिर दूसरा थप्पड़ दाएं नितंब पर. रिया के थप्पड़ से आँचल के बड़े नितंब हिलने लगे. 

“ओह………...आआहह……..स्टॉप यू बिच.” आँचल दर्द से चिल्लाने लगी. आँचल के नितंबों में जूट की रस्सी की चारपाई की रगड़ से पहले से ही दर्द हो रखा था. अब रिया भी मार रही थी. 

लेकिन रिया को बड़ा मज़ा आ रहा था. वो आँचल के नितंबों पर बारी बारी से थप्पड़ मारती रही और उन्हे हिलते हुए देखकर मज़े लेती रही.

“ सच सच बताओ, नही तो मैं तुम्हारी पिटाई करते रहूंगी.”

“ऊऊऊुउउ……..रिया प्लीज़……. आऊच..………....बताती हूँ. मैं तुम्हारी रवि के साथ चुदाई देख रही थी. स्टॉप प्लीज़…..”, आँचल दर्द से चिल्लाई और थोड़ा सच बता दिया. 

आँचल की बात से रिया एक पल को सन्न रह गयी. आँचल मेरी चुदाई देख रही थी ?

आँचल को मौका मिल गया , वो झट से सीधी हो गयी और रिया को दबोच लिया. फिर उसने रिया की पैंट और पैंटी उतार दी. रिया ने अपने से भारी आँचल को धक्का देकर हटाने की कोशिश की पर हटा नही पाई. फिर बदला लेने के लिए आँचल ने भी रिया की टाइट चूत में दो उंगलियाँ डाल दी. आँचल ने देखा रिया की चूत तो पूरी गीली हो रखी है. आँचल के बड़े नितंबों पर थप्पड़ मारने से रिया उत्तेजित हो गयी थी. आँचल भी उत्तेजित होने लगी , उसने रिया की गीली चूत पर अपना मुंह लगा दिया और उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ने लगी. साथ ही दो उँगलियों से रिया की चूत चोदने लगी.

“ऊऊहह……………...आँचल………....मज़ा आ रहा है……..” आनंद से सिसकते हुए रिया बोली. अब आँचल को धक्का देने की बजाय वो आँचल का सर अपनी चूत में दबाने लगी.

आँचल रिया को मज़े देती रही और रिया सिसकारियाँ लेती रही. फिर रिया जब ओर्गास्म के नज़दीक़ पहुँची तो अपने नितंब ऊपर को उछालने लगी. ये देखकर आँचल ने अपना मुँह रिया की चूत से हटा लिया. 

“ओह्ह ………..रुक क्यूँ गयी, मैं आने वाली हूँ………..जल्दी करो ना………...”, रिया तड़पते हुए बोली.

लेकिन अब आँचल रिया को तड़पाने के मूड में थी. अभी मज़ा चखाती हूँ बच्चू.

सिसकती हुई रिया को आँचल ने पलट दिया और उसके नितंबों पर थप्पड़ मारने लगी. और एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी क्लिट को भी मसलते रही. 

“ओह्ह ………..आआअहह……… आऊच ………..रिया सिसकते रही. थप्पड़ की मार भी पड़ रही थी पर क्लिट को मसलने से मज़ा भी आ रहा था. रिया के मुलायम नितंब जल्दी ही थप्पड़ों की मार से लाल हो गये. उसकी चूत से रस बहने लगा.

आँचल रिया के ओर्गास्म को लंबा खींच दे रही थी. 

कुछ देर बाद रिया को ओर्गास्म आ ही गया………..ऊओह……….आआहह……….आँचल ……आअहह……...
ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए रिया का बदन काँपने लगा. और उसको एक के बाद एक ओर्गास्म आते रहे. झड़ते हुए रिया अपने नितंब और जांघें हिलाने लगी . रिया को मस्ती में डूबा देखकर आँचल भी उत्तेजित हो गयी अब उसको भी ओर्गास्म की ज़रूरत थी. उसने रिया को सीधा कर दिया और उसकी एक टाँग उठाकर अपनी चूत रिया की चूत से रगड़ने लगी. 

थप्पड़ मारने से रिया की आँखो में आँसू आ गये थे. उसके आँसू देखकर आँचल रिया के चेहरे को बेतहाशा चूमने लगी. अब रिया आँचल की चूत में उंगली करने लगी. दोनो एक दूसरे के होठों का चुंबन लेने लगीं.

“ मेरी और रवि की चुदाई देखकर मज़ा आया तुम्हें “ , चुंबन लेते हुए रिया ने कहा.

“हाँ मज़ा आया. रवि के बदन में कितने बाल हैं.” आँचल सिसकते हुए बोली. अब उसका भी ओर्गास्म नज़दीक़ था.

रिया अब आँचल की चूत में तीन उंगलियाँ डालकर तेज तेज चुदाई करने लगी.

“आँचल, तुम चाहती हो की रवि तुम्हें भी चोदे ? उसके बदन के बाल पसंद आए क्या ?”

“ओह…...हाँ…………आअहह…………..” रिया को जैसे खड़े खड़े रवि ने चोदा था, वैसे ही खड़े खड़े वो आँचल को भी चोद रहा है , इस ख़याल से आँचल को भी ओर्गास्म आ गया.

झड़ते हुए आँचल ने रिया को कसके पकड़ लिया. आँचल का बदन ओर्गास्म से काँपने लगा. जब आँचल शांत हुई तो रिया के बगल में लेट गयी. कामतृप्त होकर दोनो एक दूसरे को देखकर मुस्करायीं. 

लेकिन कोई उन्हे देख रहा था.

जवान नौकरानी सुनीता ने आँचल के बेडरूम से सिसकारियाँ लेने की आवाज़ सुनी तो वो लिविंग रूम से स्टूल उठा लाई और उसके ऊपर चढ़कर वेंटिलेशन के लिए बनी खिड़की से अंदर झाँकने लगी. उसने देखा बेड पर आँचल और रिया मेमसाब दोनो कमर से नीचे नंगी हैं और सिसकारियाँ ले रही हैं. अंदर का नज़ारा देखकर सुनीता भी उत्तेजित हो गयी . लेकिन उसकी प्यास रात में ससुरजी ही बुझा सकते थे.

कुछ देर बाद आँचल और रिया बेड से उठी और डिनर पर रवि और सुनील के साथ बाहर जाने के लिए तैयार होने लगी.
 
उस दिन शाम को सुनील और उसके पापा दोनो ही जल्दी घर वापस आने को आतुर थे लेकिन फैक्ट्री में किसी काम में उलझे रह गये. देर शाम को कार से घर लौटते समय दोनो चुपचाप थे लेकिन दोनो ही रिया के बारे में सोच रहे थे. जब से वो देल्ही आई थी सुनील बहुत खुश था. रिया दुबली पतली थी और सुनील को अच्छी लगी थी. सुनील सोचने लगा, रिया कितनी सुंदर है , बिल्कुल करिश्मा कपूर जैसी लगती है. बहुत चुलबुली लड़की है. हर समय खिलखिलाती रहती है , एकदम मस्त रहती है. 

फिर सुनील अपने मन में वो सीन याद करने लगा जब बाथरूम में गिरी हुई नंगी रिया को उसने उठाया था. रिया की चूचियाँ छोटी छोटी लेकिन एकदम टाइट थीं , उस दिन मेरा कितना मन हुआ था की मैं उनको छू लूँ लेकिन हिम्मत नही हुई. रिया के गोरे बदन पर चूत के काले बाल कितने अच्छे लग रहे थे. सिनेमा हॉल से बाहर आते हुए उस दिन मैंने रिया से थोड़े मज़े लिए थे , लेकिन मुझे थोड़ा और बोल्ड होने की ज़रूरत है. रिया के बारे में सोचते हुए सुनील का लंड खड़ा होने लगा. रिया को चोदने का सुनील का बहुत मन हो रहा था .

आँचल का ससुर भी रिया के ही ख़यालो में खोया हुआ था. अहा कल की रात तो ऐसी थी जैसे जन्नत के मज़े ले रहा हूँ. जवान रिया का साथ पाकर तो जैसे मैं भी जवान हो गया हूँ. कितनी टाइट चूत थी रिया की , कुँवारी तो नही थी लेकिन कुछ ही बार चुदी है. उसकी जवानी गरम लावे की तरह है , कितनी मस्ती से चुदी थी वो मुझसे. और आज सुबह भी चुदने तो तैयार थी लेकिन घर में सभी लोग थे. कोई बात नही, आज रात फिर से जमकर चुदाई करूँगा उस कच्ची कली की. रिया के बारे में सोचते हुए ससुर का भी लंड खड़ा हो गया. दोनो बाप बेटे अपने पैंट में खड़े लंड को अड्जस्ट करने लगे.

उधर घर में आँचल और रिया डिनर पर जाने के लिए तैयार हो रही थीं. आँचल ने काले रंग की टाइट ड्रेस पहनी थी जो उसके घुटनों से भी ऊपर तक थी. उसने जानबूझकर ब्रा नही पहनी थी , जिससे उसके निपल की शेप ड्रेस में दिख रही थी. हाई हील की सैंडल में जब वो चल रही थी तो उसकी बड़ी चूचियाँ ब्रा ना होने से खूब हिल रही थीं.

रिया ने उस ब्लैक ड्रेस में गोरी आँचल की हिलती हुई बड़ी चूचियों को देखा. आँचल बहुत मादक लग रही थी. रिया को बहुत जलन हुई.

“ये ड्रेस संभाल नही पा रही है तुम्हारी चूचियों को. मुझे लगता है कहीं बाहर ना गिर जाएँ.”

रिया की जलन देखकर आँचल मुस्कुरायी और मन ही मन खुश हुई.
“अरे रिया डार्लिंग तुम क्यूँ चिंता करती हो. सुनील और रवि तो साथ में हैं ना, अगर ऐसी नौबत आई तो दोनो एक एक पकड़ लेंगे और नीचे नही गिरने देंगे.” अपनी चूचियों पर हाथ रखके आँचल ज़ोर से खिलखिला पड़ी.

“अच्छा ऐसा क्या ? मुझे तो लगता है रवि और सुनील दोनो ही मुझ पर लटटू हैं. वो तो तुम्हारी तरफ देखेंगे भी नही , मेरी प्यारी बड़ी और बूढ़ी दीदी.” जलन से रिया ने अपना बिचपना दिखाना शुरू कर दिया.
फिर रिया बोली,” आँचल डियर , मैं तुम्हें बताना भूल गयी, उस दिन सिनेमा हॉल से बाहर आते समय तुम्हारे पतिदेव मुझसे बहुत लिपट चिपट रहे थे. मुझे देखके तो उसके मुँह से लार टपकती है.”

रिया की बात सुनकर आँचल का चेहरा लटक गया. उसने सोचा , रिया सच ही तो कह रही है. जब से रिया इस घर में आई है, तबसे सुनील कुछ बदला बदला सा है. मुझे सुनील पर नज़र रखनी पड़ेगी.

आँचल का उतरा चेहरा देखकर रिया मन ही मन खुश हुई , बड़ी इठला रही थी अब देखो मुँह लटक गया है.

तभी रवि अपने दोस्त के घर से वापस आ गया. बेडरूम में घुसते ही उसकी नज़र आँचल पर पड़ी. आँचल को देखते ही उसके मुँह से निकला,”वाऊ …..” और उसने मुँह से सीटी बजा दी.

रवि को सीटी बजाते देखकर आँचल शरमा गयी. रवि उसको ऊपर से नीचे तक रिया के सामने ही घूर रहा था. क्या गदराया हुआ बदन है साली का………

ये देखकर रिया को गुस्सा आ गया की रवि आँचल को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया है.

“बिहेव योरसेल्फ रवि….” नाराज़गी से तेज आवाज़ में रिया बोली.

रिया के डांटने से रवि थोड़ा सकपकाया , फिर हल्के हल्के मुस्कुराने लगा.

आँचल ने रिया की तरफ देखा और बोली,” रिया डियर , तुम कुछ कह रही थी , अभी थोड़ी देर पहले. क्या कहा था तुमने ? मुझे याद नही आ रहा …..” . ऐसा कहते हुए गर्व से विजयी मुस्कान बिखेरते हुए आँचल ने रिया को ताना मारा और बेडरूम से बाहर निकल गयी.

उसके पीछे पीछे रवि और रिया भी लिविंग रूम में आ गये. 

तभी सुनील और ससुर जी भी लिविंग रूम में आ गये. आँचल को देखते ही ससुर पलक झपकाना भूल गया. कितनी सेक्सी लग रही है बहू इस ब्लैक ड्रेस में.

तीनो आदमियों को , आँचल को देखकर लार टपकाते देख ,रिया को बड़ी निराशा हुई. काश मेरी भी इतनी बड़ी बड़ी चूचियाँ होती ……

आँचल को बड़ा मज़ा आ रहा था. सब मुझे ही देख रहे हैं.

आँचल सुनील के पास आई और उसकी बाँह पकड़कर इठलाते हुए बोली,” डार्लिंग, तुम ठीक टाइम पर आ गये. रवि हमको डिस्को और फिर डिनर के लिए ले जा रहा है. जल्दी तैयार हो जाओ.”

सुनील बेडरूम में तैयार होने चला गया.

लिविंग रूम में बैठे हुए रवि और ससुर आँचल को देखते रहे. दोनो को आँचल के तने हुए निपल साफ दिखाई दे रहे थे. ब्रा नही पहनी है इसने आज. पता नही पैंटी भी पहनी है की नही.

आँचल सभी मदों के घूरने से एक्साइटेड फील कर रही थी. बीच बीच में वो अपने बाल ठीक करने के बहाने से अपनी बाँह उठा रही थी , जिससे उसकी चूचियाँ आगे को तन जा रही थी और उसकी शेव की हुई गोरी कांख भी उनको दिख जा रही थी.

रिया ये सब देखकर जलन महसूस कर रही थी , लेकिन उसको भी लग रहा था , आँचल का जिस्म मादक तो है ही .

ससुर ने देखा , बहू मुस्कुरा रही है. मैं इसको खुलेआम घूर रहा हूँ और ये स्माइल दे रही है. लगता है आख़िरकार भगवान ने मेरी सुन ली . शायद जल्दी ही इस चिकनी को चोद पाने की मेरी इच्छा पूरी होगी.

रवि जो अभी तक सिर्फ़ रिया को चाहता था, वो अब आँचल के रूप के जादू में पूरा डूब गया था. ये सेक्सी औरत को मैं चोद पाऊँगा क्या . काश मिल जाए चोदने को. रिया तो मेरी है , अब साथ में उसकी सेक्सी कज़िन भी चोदने को मिल जाय तो मज़ा आ जाए. पैंट में रवि का भी लंड खड़ा होने लगा. 

कितनो के लंड खड़े करवाएगी ये चिकनी आज ? साली मादक आँचल………...

सभी अपने अपने ख़यालो में डूबे हुए थे तभी सुनील लिविंग रूम में आ गया. उसको देखकर सभी उठ खड़े हुए. और फिर वो चारों लोग घर से निकल पड़े.

आँचल पहले कभी डिस्को नही गयी थी. सुनील का इन सबमे कोई इंटरेस्ट नही था. एक दो बार आँचल ने उससे कहा था की डिस्को चलते हैं , डांस करेंगे , तो उसने मना कर दिया था , ये नाच गाना मुझे पसंद नही.

रवि उन सबको एक 5 स्टार होटेल के डिस्को में ले गया. आज फ्राइडे नाइट होने की वजह से डिस्को फुल था. आँचल ने देखा जवान लड़के लड़कियों की भीड़ है , डांसिंग , ड्रिंकिंग सब चल रहा है.

बिना किसी से पूछे रवि ने सबके लिए बियर ऑर्डर कर दी . सभी लोग बियर पीने लगे. म्यूज़िक बहुत ज़ोर से बज रहा था तो बात नही कर पा रहे थे. बहुत शोरगुल हो रहा था. आँचल ने देखा बियर पीते हुए रवि रिया के बदन में हाथ फिरा रहा है. फिर रवि ने रिया के कान में कुछ कहा और वो दोनो डांस फ्लोर में चले गये. 

भीड़भाड़ से भरे डांस फ्लोर में रवि और रिया मस्ती में डांस करने लगे. आँचल को ईर्ष्या हुई . उसने सुनील की तरफ देखा. सुनील भी उन्ही को डांस करते हुए देख रहा था.

आँचल ने कहा,”चलो ना, हम भी डांस करते हैं.”

सुनील बोला, “मुझे नही अच्छा लगता यार , ये डांस वांस.”

तभी उनके पास लगी एक टेबल खाली हो गयी. सुनील झट से बैठ गया और आँचल से भी बैठने को कहा. और बैठ के आराम से बियर पीते हुए रवि और रिया को देखने लगा. आँचल का डांस करने का बड़ा मन था पर क्या करती. चुपचाप सुनील के साथ बैठ गयी. फिर रवि और रिया भी उनकी टेबल पर आ गये. रवि फिर से सबके लिए बियर ले आया.

रिया आँचल की तरफ झुकते हुए बोली,” तुम दोनो डांस करने क्यूँ नही आए ?”

“सुनील को डांस पसंद नही है.” आँचल ने बुझे मन से जवाब दिया.

रिया शरारत से मुस्कुरायी और बोली,” देख मेरा कमाल”.

रिया उठी और सुनील की बाँह खींचकर उसे डांस फ्लोर ले गयी. आँचल हैरान रह गयी , ये सुनील तो उसके पीछे ऐसे खींचे चले जा रहा है , जैसे उसका पालतू कुत्ता हो.

आँचल बहुत अपसेट हो गयी. लेकिन उसने अपने ऊपर काबू रखा और बियर पीते हुए रिया और सुनील को डांस करते देखने लगी. आँचल ने देखा रिया सुनील की बाँहों में है और बदन चिपटाये हुए वो दोनो डांस कर रहे हैं.

रवि अब आँचल के बगल में बैठ गया. क्यूंकी सामने बैठकर शोरगुल की वजह से बात नही कर पा रहा था. रवि सोच रहा था आँचल को कैसे पटाऊँ , लेकिन कोई तरीका नही सूझ रहा था इसलिए वो बस आँखो से ही उसकी खूबसूरती का रस पीते रहा. 

आँचल ने रवि की तरफ कोई ध्यान नही दिया. रिया और सुनील को देखकर उसे गुस्सा चढ़ा हुआ था,” इस कुतिया की इतनी हिम्मत की मुझे नीचा दिखा दिया. मुझे जलाने के लिए मेरे पति के साथ मेरे सामने डांस के बहाने चिपट रही है. और सुनील मुझसे कह रहा था, मुझे डांस पसंद नही. तो अब क्या हुआ , अब कैसे पसंद आ गया उसको डांस.”

आँचल अपने ख़यालो में खोई हुई गुस्से से बियर पीती रही तभी उसे अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस हुआ. आँचल ने मुँह मोड़ के देखा तो रवि उसके बिल्कुल नज़दीक़ बैठा था. रवि ने आँचल से डांस के लिए कहा. रिया से बदला लेने के लिए आँचल झट से तैयार हो गयी.

जैसी ही आँचल डांस के लिए उठी तो उसका सर घूमने लगा, गुस्से में उसने काफ़ी बियर पी ली थी. आँचल को ठीक से बैलेंस ना बना पाते देखकर रवि को बहाना मिल गया. उसने आँचल की कमर में हाथ डालकर उसको अपने से चिपटा लिया और डांस फ्लोर में ले गया. डांस फ्लोर में रवि ने आँचल को अपने से चिपकाकर डांस करना शुरू कर दिया. आँचल ने रवि की इस हरकत का कोई विरोध नही किया. इससे रवि की हिम्मत बढ़ गयी. अब डांस करते हुए रवि आँचल की पीठ पर हाथ फिराने लगा. फिर धीरे धीरे उसके हाथ आँचल के बड़े नितंबों पर घूमने लगे. आँचल की बड़ी चूचियाँ रवि की छाती में दबी हुई थी. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर रवि हाथों से उसके नितंबों को दबाने लगा. 

आँचल रवि के हाथों को अपने नितंबों पर घूमते और दबाते हुए महसूस कर रही थी , लेकिन उसने रवि को रोका नही. उसने अपना सर रवि के कंधे पर रखा हुआ था और रवि को मज़े लेने दिए. आँचल के बालों से आती खुशबू को सूंघते हुए रवि उसके नितंबों पर जी भरके हाथ फेरता रहा. उसका लंड खड़ा होकर आँचल के पेट पर चुभने लगा. इससे आँचल भी उत्तेजित होने लगी. अब रवि ने दोनो हाथ आँचल के दोनो नितंबों पर रख दिए और डांस करते हुए अपना लंड आँचल के पेट में दबाने लगा. रवि की हिम्मत बढ़ते गयी. वो आँचल के कान और गर्दन को चूमने लगा. आनंद से आँचल हल्के से सिसकी. ये देखकर रवि ने आँचल की ड्रेस में नीचे से हाथ घुसा दिए और उसके नितंबों को दबाने लगा. 

“उन्न्ह………ओह….” आँचल सिसकने लगी.

आँचल की चूत से रस बहने लगा. वो अपने पेट पर रगड़ खाते रवि के लंड के बारे में सोचने लगी. कैसा होगा इसका लंड ?

आँचल की पैंटी के बाहर से उसके नितंबों को मसलते हुए रवि उसकी गर्दन को भी चूम रहा था. आँचल सिसकारियाँ लेते हुए अपने बदन को रवि के लंड पर दबा रही थी.

रवि को अपनी किस्मत पर विश्वास ही नही हो रहा था. थोड़ी देर पहले मैं लिविंग रूम में बैठे हुए सोच रहा था , ये मादक लड़की कैसे चोद पाऊँगा और अब ये मेरे पूरे कंट्रोल में है. लेकिन इसको चोदूँ कैसे, यहाँ पर तो इससे ज़्यादा मैं कुछ कर नही सकता.

रवि सोचने लगा होटेल से बाहर पार्किंग में खड़ी कार में ले जाता हूँ , वहीं चोद दूँगा आँचल को.
आँचल की बाँहों के नीचे हाथ डालकर रवि उसे डांस फ्लोर से ले जाने लगा. आँचल की चूची रवि के हाथ से दबी हुई थी. 

तभी रवि की नज़र सुनील और रिया पर पड़ गयी. उसने झट से आँचल की चूची से हाथ हटा लिया और सिर्फ़ उसका हाथ पकड़कर चलने लगा.

सुनील और रिया उनके पास आ गये. रवि ने बिल पेमेंट किया और वो चारों डिस्को से बाहर आकर डिनर के लिए रेस्टोरेंट चले गये.

आँचल को अब सुनील ने सहारा दे रखा था क्यूंकी वो खुद चल पाने की हालत में नही थी. 
 
रेस्टोरेंट के बाथरूम से बाहर आकर आँचल अब बेहतर महसूस कर रही थी. वो डिनर टेबल पर सुनील के साथ बैठ गयी. आँचल के सामने टेबल के दूसरी तरफ रवि बैठा था. आँचल ने देखा रवि उसको बार बार घूर रहा है. रिया का मंगेतर मेरे ऊपर लटटू हो गया है , ये देखकर आँचल को बड़ी खुशी हुई. वो डिनर करते समय रवि को टीज़ करने लगी. जब उसकी नज़र रवि से मिलती तो वो अपने होठों पर जीभ फिरा देती. अपने बाल ठीक करने के बहाने बाँहे उठाकर अपनी चूचियों को आगे की ओर तान देती , जिससे उसके तने हुए नुकीले निपल रवि का निशाना लगाते. 

सामने बैठा रवि आँचल की सब हरकतें देख रहा था. जब डांस फ्लोर में आँचल नशे में थी तो रवि उसको चोदने के लिए कार पार्किंग में ले जा रहा था लेकिन सुनील और रिया सामने आ गये तो रवि के हाथ से वो मौका निकल गया. अब आँचल को अपने होठों पर जीभ फिराते देख सोचने लगा , इन रसीले होठों के बीच मेरा लंड घुसेगा तो कितना मज़ा आएगा. ये होंठ मेरा लंड चूसते हुए कितने अच्छे लगेंगे. उन होठों का मुलायम स्पर्श पाने के लिए रवि का लंड मचलने लगा. आँचल की गोरी बाँहे और शेव की हुई कांख को देखकर रवि सोचने लगा, इस चिकनी कांख और बाँहों को चूमने और चाटने का मौका कब मिलेगा. आँचल की ब्लैक ड्रेस में बिना ब्रा के साफ दिखते तने हुए निप्पलों को देखकर रवि इमेजिन करने लगा की वो आँचल के निप्पलों को अपने मुँह में भरकर चूस रहा है. 

डिनर करते समय उनकी ज़्यादा बातें नही हुई. रवि आँचल के ख़यालो में डूबा हुआ था तो दूसरी तरफ सुनील और रिया भी एक दूसरे में डूबे हुए थे. सुनील ने पहले कभी डांस नही किया था लेकिन रिया के लिए उसने वो भी कर दिया. डिनर करते हुए वो सामने बैठी रिया को घूरते रहा. पता नही क्यूँ पर सुनील को चुलबुली रिया का साथ बहुत अच्छा लगता था. इससे पहले आँचल के अलावा कभी किसी लड़की से उसे लगाव महसूस नही हुआ था. 

ऐसे ही बिना ज़्यादा बोले डिनर खत्म हो गया. रवि ने उन तीनो को कार से सुनील के घर छोड़ दिया. रवि बहुत उत्तेजना महसूस कर रहा था. आँचल ने उसे बहुत गरम कर दिया था. पर उसे अपने कज़िन के यहाँ रहना था. उन तीनो को ‘बाय’ बोलके वो बुझे मन से कज़िन के घर चला गया. 

लेकिन अकेला रवि ही गरम नही था. वो तीनो भी बहुत उत्तेजना महसूस कर रहे थे.

जैसे ही सुनील अपने बेडरूम में पहुँचा वो आँचल से लिपट गया. आँचल को अपनी बाँहों में भरके बेतहाशा चूमने लगा. फिर जल्दबाज़ी में आँचल के कपड़े उतारने लगा.

आँचल भी सुनील को इतना उत्तेजित देखकर हैरान रह गयी. 

“अरे , मेरी ड्रेस फाड़ ही डालोगे क्या ? रूको , मैं खुद उतारती हूँ.”

सुनील को दूर हटाकर आँचल अपनी ड्रेस उतारने लगी. 

आँचल को कपड़े उतारने के बाद नंगी देखकर सुनील उस पर टूट पड़ा और आँचल की बड़ी गोरी चूचियों को मसलने और चूसने लगा. आँचल को भी मस्ती चढ़ी हुई थी उसने सुनील का पैंट उतारकर लंड हाथ में पकड़ लिया. फिर नीचे बैठकर सुनील के लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगी. आँचल की गरम साँसे लंड पर महसूस होते ही सुनील सिसकारियाँ लेने लगा. 

“ओह्ह आँचल ……..आआहह……….बहुत मज़ा आ रहा है…….”

आँचल रवि के लंड को सोचते हुए मज़े से सुनील का लंड चूसने लगी. सुनील आनंद के सागर में गोते लगाने लगा.

थोड़ी देर में ही सुनील आँचल के मुँह में झड़ गया. आँचल उसका लंड चूसते रही और सारा वीर्य गटक गयी. आँचल ने महसूस किया और आदमियों के मुक़ाबले सुनील ने ज़्यादा वीर्य उसके मुँह में नही छोड़ा , सारा वीर्य गटकने में उसे कोई परेशानी नही हुई. लंड चूसना आँचल को बहुत अच्छा लगता था और अब तो वो लंड चूसकर मर्दों को मज़ा देने में माहिर हो चुकी थी. 

झड़ने के बाद सुनील मस्त होकर बेड पर लेट गया. आँचल को बहुत मस्ती चढ़ी थी, वो भी सुनील के पीछे पीछे बेड में आ गयी. आँचल चाह रही थी सुनील उसके बदन को चूमे , चाटे , उसकी चुदाई करे. लेकिन झड़ने के बाद सुनील शांत पड़ गया. और चुदास से तड़पती आँचल की ओर उसने कोई ध्यान नही दिया.

आँचल ने देखा ये तो कुछ कर ही नही रहा. आँख बंद करके लेट गया है. अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा. 

आँचल सुनील के मुरझाए हुए लंड को फिर से खड़ा करने की कोशिश करने लगी, उसे सहलाने लगी. फिर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी और गोलियों को सहलाने लगी. 10-15 मिनिट तक वो ऐसे ही करते रही लेकिन सुनील का पतला लंड एक बार झड़ने के बाद खड़ा ही नही हुआ. आँचल हताश हो गयी और सुनील के बगल में लेट गयी.

फिर उसे कुछ याद आया की पहले दिन सुनील को उसने कैसे उत्तेजित किया था. आँचल सुनील की तरफ करवट लेके उसे रवि का किस्सा सुनाने लगी. 

“सुनील, डांस फ्लोर में डांस करते समय रवि ने मुझे अपने से चिपटाया हुआ था . उसका खड़ा लंड मुझे अपने पेट में चुभ रहा था.”

आँचल की बात सुनकर सुनील ने आँखें खोल दी.

“अच्छा ! , और क्या क्या किया रवि ने तुम्हारे साथ ? ”

सुनील को उत्तेजित होते हुए देखकर आँचल बढ़ा चढ़ाकर बताने लगी.

“जानते हो सुनील, उस हरामी रवि ने डांस करते हुए पीछे से मेरी ड्रेस में हाथ डाल दिए और मेरे नितंबों को मसलने लगा.”

आँचल कामुक बातें करते हुए सुनील के लंड को सहलाने लगी. 

“रवि ने मुझे इतना कसके पकड़ा हुआ था की मैं हिल भी नही पा रही थी और वो मेरे बदन पर हाथ फिरा रहा था. मेरे नितंबों को तो उसने जी भरके दबाया और निचोड़ दिया.”

आँचल के गोरे गोरे बड़े नितंबों को रवि ने मसल दिया , इस सीन को इमेजिन करके सुनील का लंड फनफनाने लगा. ये देखकर आँचल खुश हो गयी.

“जानते हो सुनील. वो रवि इतना कमीना है, अगर तुम वहाँ नही होते तो वो मुझे पक्का चोद ही देता.”

अब सुनील से और नही सुना गया. उत्तेजना से भरकर वो उठ गया और आँचल की टाँगों को फैलाकर उसकी रस टपकाती गीली चूत में लंड घुसाकर चोदने लगा. आँचल की चूत में सुनील के तेज तेज धक्के पड़ने लगे.

“आअहह………….... यस यस …….सुनील……..रवि मुझे ऐसे ही चोद देता ……” कामोन्माद से आँचल सिसकने लगी.

फिर अपने नितंबों को ऊपर उछालकर सुनील के धक्कों का जवाब देने लगी.

“यस यस ………..बिल्कुल ऐसे ही ……वो रवि …….उन्न्नह………आआहह……….” आँचल चुदते हुए मजे लेने लगी और रवि का नाम लेकर सुनील की उत्तेजना भड़काती रही.

सुनील ने आँचल को इतनी ज़ोर से चोदा की थोड़ी देर में ही आँचल को ओर्गास्म आ गया.

“उन्न्ह…………..ओह……………..आअहह…………..ओइईईईईईईईईई…………” करती हुई आँचल ने अपनी कमर उठा कर टेढ़ी कर दी और वो झड़ने लगी. उसकी चूत ने रस बहाते हुए सुनील के लंड को डुबो दिया.

लेकिन सुनील जोरदार धक्के मारते रहा. आँचल को भी हैरानी हुई. आज जनाब को क्या हो गया है ? ये तो चार धक्के मारकर पानी छोड़ देते थे. आज तो जनाब रुकने का नाम ही नही ले रहे. 

आँचल को लग रहा था की ये सुनील नही कोई और ही आदमी है. वो आँचल की चूत में गहराई तक जोरदार स्ट्रोक लगा रहा था. 

“ तुम चाहती हो की रवि तुम्हें चोदे ?” आँचल की चूत पर जोरदार धक्का मारते हुए सुनील बोला.

“ओह……..उन्न्नह………….सुनील……….आअहह……..” अब आँचल के लिए सुनील के धक्कों का साथ देना मुश्किल हो रहा था. सुनील का ये रूप उसने पहले कभी नही देखा था. सुनील बेरहमी से आँचल की चूत चोद रहा था.

“सुनील , थोड़ा आराम से करो प्लीज़. तुम मुझे दर्द करा दे रहे हो……..प्लीज़ थोड़ा धीरे धीरे करो ना.” आँचल सुनील से धीरे करने को कहने लगी.

आँचल की बात सुनकर सुनील ने धक्के लगाना बंद कर दिया. उसका लंड अभी भी आँचल की चूत के अंदर था. कुछ देर बाद उसने फिर से आँचल की चुदाई शुरू कर दी पर इस बार वो आराम से हल्के हल्के शॉट लगा रहा था. अपना मुँह नीचे लाकर वो आँचल की मीठी मीठी चूचियों को चूसने लगा. आँचल के तने हुए निपल को मुँह में भरकर चूसने लगा , जैसे उनसे दूध पी रहा हो. आँचल के निपल के चारो ओर हल्के भूरे रंग के ऐरोला पर जीभ फिराकर चाटने लगा.

“आअहह……………..ऊहह……….. यस यस ….सुनील ऐसी ही चोदो ……..” ऐरोला पर सुनील के चाटने से आँचल सिसकने लगी.

अब सुनील उसे आराम आराम से चोद रहा था. 

“मैंने पूछा की तुम चाहती हो की रवि तुम्हें चोदे ? तुमने जवाब नही दिया……..” 

सुनील को इस बात से एक्साइट्मेंट हो रही थी की उसकी प्यारी बीवी मादक आँचल किसी और आदमी से चुद रही है.

“उन्न्नह………...ऊऊऊओह…………………..वो मुझे इतना कसके दबा रहा था ना………………..ओह….” आँचल सुनील की उत्तेजना बढ़ाती रही.

आँचल को दूसरा ओर्गास्म आ गया.

“आआईयईईईईए…………….ऊओह यस सुनील………………...ओइईईईईईईईईईईईईई…..” आँचल झड़ने लगी.

आँचल को ओर्गास्म की मस्ती में डूबे देखकर सुनील ने भी आँचल की चूत में वीर्य छोड़ दिया और आँचल के ऊपर ही लेट गया.

जबरदस्त चुदाई से दोनो ही कामतृप्त हो गये और गहरी साँसे लेने लगे. 

सुनील के जिस्म से दबी हुई आँचल आज बहुत खुश थी. अपने पति सुनील पर उसे बहुत प्यार आ रहा था. वो सुनील की नंगी पीठ पर हाथ फिराने लगी. आज सुनील ने उसे जी भरके प्यार दिया था. सुनील के सर के बालों से लेकर उसके नितंबों तक पूरी पीठ को आँचल सहलाती रही. सुनील में इतना परिवर्तन कैसे आ गया है ? दूसरे मर्दों के आँचल के मादक बदन से छेड़खानी के किस्से सुनकर सुनील को इतना जोश, इतनी उत्तेजना क्यूँ आ जाती है, आँचल सोचने लगी.

आँचल के मन में हमेशा ही अपराधबोध रहता था की वो दूसरे मर्दों से कामसुख लेती है. क्यूंकी उसका अपना पति उसे कामसुख नही दे पाता था. लेकिन पिछले दो दिन से सब कुछ बदल सा गया था. सुनील बेड में सांड़ की तरह उसे रौंद दे रहा था.

आँचल सोचने लगी , अब मैं दूसरे मर्दों से संबंध नही रखूँगी और सुनील से बेवफ़ाई नही करूँगी. अब मैं पिल लेना भी बंद कर दूँगी और सुनील के साथ बच्चा पैदा करके अपने परिवार को आगे बढ़ाऊँगी.

ऐसा सोचते सोचते आँचल अपने पति सुनील की बाँहों में संतुष्ट होकर नंगी ही सो गयी.
 
उस रात डिनर से आने के बाद आँचल और सुनील तो अपने बेडरूम में चले गये और जमकर चुदाई का मज़ा लिया. रिया और रवि को भी चुदाई का बहुत मन हो रहा था लेकिन रवि के ठहरने का इंतज़ाम उसके कज़िन के घर पे था इसलिए वो वहाँ चला गया. रिया के सोने की व्यवस्था आँचल की सास के बेडरूम में थी. जब रिया बेडरूम में गयी तो वहाँ आँचल की सास और नौकरानी सुनीता गहरी नींद में सोए हुए थे. रिया दबे पाँव बेडरूम से बाहर आकर ससुरजी के पास लिविंग रूम में गयी तो उसने देखा , ससुरजी गहरी नींद में खर्राटे ले रहे हैं.

रिया को बहुत फ्रस्ट्रेशन हुई , लेकिन कुछ कर नही सकती थी. इसलिए अपने बेडरूम में वापस आ गयी और कपड़े बदलकर बेड में लेट गयी. पर उसे नींद नही आ रही थी. चुदाई के लिए वो तड़प रही थी . तड़प को शांत करने के लिए रिया चूत में उंगली डालके मूठ मारने लगी.

हुआ ये था की ससुर ने उनके डिनर से लौटने का बहुत देर तक इंतज़ार किया , पर उन तीनो को डिस्को और डिनर करके लौटने में बहुत देर हो गयी , और इंतज़ार करते करते ससुर सो गया था. आज रात भी रिया के साथ चुदाई के मज़े लूँगा सोचकर ससुर ने परफ्यूम डालकर नहाया था. सुनीता आई थी ससुर के पास चुदाई के लिए लेकिन ससुर को रिया की टाइट चूत चोदने का मन था इसलिए उसने सुनीता को वापस लौटा दिया. तो सुनीता भी चुपचाप सास के साथ सो गयी थी.

रात में करीब 2 बजे ससुर की नींद खुली. उसे पेशाब लगी थी. वो अपने बेडरूम में बने बाथरूम में गया. उसने देखा रिया गहरी नींद में सोई है. उसकी छोटी नाइटी जो सिर्फ़ घुटनों तक थी , अभी ऊपर खिसकी हुई है. रिया की गोरी जांघें और चूत के ऊपर के घने काले बाल दिख रहे थे. इस दृश्य को याद करके बाथरूम में पेशाब करते समय ससुर का लंड खड़ा हो गया.

बाथरूम से लौटते समय ससुर अपने ऊपर काबू नही रख पाया. वो धीरे से रिया के बेड में बैठ गया और रिया की चूत के बालों में उंगलियाँ फिराने लगा. उसने रिया की चूत में एक उंगली डाली और अंगूठे से उसकी क्लिट को धीरे से रगड़ने लगा. सोई हुई रिया के मुँह से हल्की सी सिसकारी निकली. ससुर ने रिया को देखा. रिया का मासूम चेहरा देखकर उसको रिया को चूमने की तीव्र इच्छा हुई. रिया के खुले होठों के बीच अपना फनफनाता लंड घुसाने का उसका मन हुआ.

बाकी बची हुई रात में ससुर रिया के साथ चुदाई करना चाहता था. अब वो रिया की चूत में तेज तेज उंगली करने लगा. रिया की नींद खुल गयी उसने देखा ससुरजी उसके बेड में बैठे हैं. ससुर उसको देखकर मुस्कुरा दिया और चूत में उंगली करना बंद कर दिया. ससुर ने बाँहें पकड़कर रिया को बेड से उठाया और लिविंग रूम में ले गया. वहाँ ससुर सोफे में बैठ गया और रिया को अपने पास बैठा लिया.

फिर रिया का हाथ पकड़कर अपने पैजामे के बाहर से लंड के ऊपर रख दिया.

“देखो रिया बेटी, मेरा लंड तुम्हें चोदने को कितना तड़प रहा है.” कहते हुए ससुर ने अपना पैजामा थोड़ा खोल दिया और लंड बाहर निकाल लिया. 

“उहह……...” खुली हवा में फनफनाते ससुर के बड़े लंड को देखकर रिया के होंठ सूख गये. लंड को हाथ से पकड़कर रिया ने उसके कड़ेपन का एहसास किया. रिया की चूत गीली हो गयी.

अपने बड़े लंड पर रिया को मंत्रमुग्ध हुए देखकर ससुर खुश हो गया. अब सुबह होने में जितना भी टाइम बचा है , उसमे रिया की ऐसी चुदाई करूँगा की जिंदगी भर मुझे याद रखेगी.

ससुर ने रिया की छोटी नाइटी को ऊपर उठाया और उसकी गीली चूत सहलाने लगा. रिया सिसकने लगी.

“देखो रिया, तुम्हारी चूत भी उतनी ही तड़प रही है, पानी पानी हो रही है , मेरे लंड के लिए.”

ससुर के मुँह से लंड चूत की कामुक बातें सुनकर रिया शरमा गयी और ससुर का लंड हाथ में पकड़े हुए ही उसने अपना मुँह ससुर की छाती में छुपा लिया.

रिया की मजबूत पकड़ से ससुर ने अपने लंड को छुड़ाया और रिया की नाइटी उतारकर उसको नंगी कर दिया. फिर अपने कपड़े उतारकर वो भी नंगा हो गया. रिया सोफे में नंगी बैठी थी और अपने हाथ से उसने अपनी चूचियाँ ढकी हुई थीं. ससुर भी उसके बगल में बैठ गया.

“रिया बेटी शरमाओ नही. अभी तो बहुत मज़ा मिलेगा तुम्हें. आओ मेरे पास.” कहते हुए उसने रिया की बाँहें पकड़ी और उसे अपनी गोद में बिठा लिया. 

रिया का मुँह ससुर की तरफ था और ससुर का तना हुआ लंड उसके पेट में रगड़ खा रहा था. रिया की दोनो टाँगें ससुर के दोनो तरफ थी. और उसकी चूत ससुर की गोलियों से चिपकी हुई थी. गोद में बिठाने के बाद ससुर रिया के खूबसूरत और मासूम चेहरे को चूमने लगा. और उसके बाद रिया के रसीले होठों को चूसकर उसकी जवानी का रस पीने लगा. उत्तेजना में तड़पते हुए रिया भी चुंबन में साथ देने लगी.

फिर ससुर रिया की मुलायम चूचियों को दबाने और चूसने लगा. रिया के तने हुए निपल को उसने मुँह में भर लिया.

“ओह……..” अपनी मुलायम चूचियों को चूसे जाने से रिया सिसकने लगी.

ससुर बारी बारी से दोनो निप्पलों को चूसने लगा और हल्के से चूचियों पर जगह जगह दाँत भी गड़ा दे रहा था.

आनंद से रिया सिसकारियाँ लेने लगी और उसकी चूत से रस निकलकर ससुर की गोलियों में बहने लगा. ससुर का लंड चूत में लेने को रिया तड़पने लगी. वो लंड को पकड़कर ऊपर नीचे मूठ मारने लगी.

ससुर ने रिया के सुंदर चेहरे को देखा जो उत्तेजना से लाल हो गया था. वो रिया के मीठे गालों और होठों को चूमने लगा.

“रिया बेटी, मज़ा आ रहा है ना ?”

“उन्न्नह…” रिया ने सिसकी से जवाब दिया.

फिर ससुर ने रिया को गोद से उतार दिया और सोफे पर बिठा दिया. रिया की दोनो टाँगों को फैला के वो बीच में आ गया और अपने लंड से रिया की चूत की दरार को कुरेदने लगा.

“आअहह……... हाँ …. हाँ …...” रिया तड़पने लगी.

रिया की चूत के होंठ उत्तेजना से फूल गये थे. अपनी गीली चूत में लंड के घुसने का इंतज़ार उससे बर्दाश्त नही हो रहा था. उसकी आँखें मदहोशी से नशीली हो रखी थी.

तभी ससुर ने रिया की चूत के छेद पर लंड का सुपाड़ा लगाया और एक धक्के में सुपाड़ा अंदर घुस गया.

“आअहह………....ऊऊओह……………...ओइईईईईईईईईई………...” टाइट चूत में मोटा सुपाड़ा घुसते ही रिया ज़ोर से सिसकी. वो इतनी गरम हो चुकी थी की सुपाड़ा चूत में घुसते ही उसको ओर्गास्म आ गया. झड़ते हुए रिया ने अपने नितंबों को ऊपर उछाला , जिससे पूरा लंड जड़ तक उसकी गीली चूत में घुस गया. 

रिया को ऐसा लगा जैसे उसकी चूत की दीवारें पूरी स्ट्रेच हो गयी हैं. उसकी टाँगें काँपने लगी.

ससुर उसकी टाँगों को पकड़कर लंड को चूत में अंदर बाहर करने लगा. उसकी गोलियाँ रिया के उठे हुए नितंबों से टकराने लगी. ससुर धीरे धीरे अपने धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगा. रिया कामोन्माद में सिसकारियाँ लेने लगी.

“आआहह………....ऊऊओह……………”

फिर ससुर ने रिया की टाँगों को छोड़ दिया और उसकी कमर पकड़कर तेज़ी से चोदने लगा. रिया ने अपनी टाँगे ससुर की कमर में लपेट ली. अपनी चूत पर पड़ते तेज धक्कों से रिया ज़ोर से सिसकने लगी. मोटे लंड से उसकी टाइट चूत की जबरदस्त रगड़ाई होने लगी. दर्द और आनंद से रिया ने ससुर की नंगी पीठ पर नाख़ून गड़ा दिए. और फिर उसको दूसरी बार ओर्गास्म आ गया.

“आअहह……………..उूउउफफफफफफ्फ़………..ओइईईईई…..”

झड़ने के बाद रिया का बदन ढीला पड़ गया. जवान रिया को दूसरी बार झड़ते हुए देखकर ससुर भी रुक नही पाया और उसने रिया की चूत में वीर्य की धार छोड़ दी.

रिया ने अपनी चूत में ससुर के वीर्य को महसूस किया. फिर ससुर ने रिया की चूत से लंड बाहर निकाल लिया. प्वाच...... की आवाज़ के साथ लंड बाहर निकल आया और चूत से वीर्य निकलकर सोफे में गिरने लगा.

“रिया बेटी तेरी चूत तो बहुत टाइट है. तेरे रवि ने तुझे अच्छे से नही चोदा क्या ?” रिया के चेहरे को सहलाते हुए ससुर ने पूछा.

“उईईइ माँ …….उसने मुझे ऐसे तो नही चोदा. आपका लंड तो बहुत मोटा और बड़ा है. मुझे आपका लंड बहुत मज़ा दे रहा है.” मदहोशी से ससुर को देखते हुए रिया ने मुस्कुराकर जवाब दिया.

रिया की बात सुनकर ससुर खुश हो गया. 

“रिया बेटी , अब ज़रा देखो तो………...ज़रा हाथ में लो और देखो मेरा लंड कितना छोटा हो गया है.” अपने मुरझाए हुए लंड को ससुर रिया से हाथ में पकड़ने को कहने लगा.

रिया ने ससुर के छोटे हो चुके लंड को देखा और उसे हाथ में पकड़कर सहलाने लगी. रिया सोचने लगी, मुरझाने के बाद भी ये रवि के लंड से बड़ा और मोटा है. रिया के नरम हाथों के स्पर्श से ससुर का लंड फिर से बड़ा होने लगा.
 
“रिया बेटी , अब ज़रा देखो तो………...ज़रा हाथ में लो और देखो मेरा लंड कितना छोटा हो गया है.” अपने मुरझाए हुए लंड को ससुर रिया से हाथ में पकड़ने को कहने लगा.

रिया ने ससुर के छोटे हो चुके लंड को देखा और उसे हाथ में पकड़कर सहलाने लगी. रिया सोचने लगी, मुरझाने के बाद भी ये रवि के लंड से बड़ा और मोटा है. रिया के नरम हाथों के स्पर्श से ससुर का लंड फिर से बड़ा होने लगा.

“अब मेरे लंड को चूसो रिया बेटी……..” 

लेकिन रिया ने मुँह नही खोला.

रिया को झिझकते देखकर ससुर ने फिर कहा,” झिझक क्यूँ रही हो. क्या कभी लंड नही चूसा ?”

रिया ने सर हिलाकर “ ना “ में जवाब दिया.

ससुर ने रिया की गर्दन पीछे से पकड़ी और नीचे को झुकाते हुए अपने लंड पर उसका मुँह लगा दिया.

“डरो मत रिया बेटी, ये तुम्हें काटेगा नही. चूसो इसे, बहुत मज़ा आएगा मुझे और बाद में तुम रवि को भी ऐसे ही मज़ा दे सकोगी…..”

रिया ने थोड़ा सा मुँह खोला और जीभ बाहर निकालकर थोड़ा झिझकते हुए लंड के सुपाड़े को चाटा. सुपाड़े पर प्री-कम की कुछ बूंदे लगी हुई थी जिसका स्वाद रिया ने चखा. तीन चार बार ऐसे जीभ लगाने के बाद रिया ने सुपाड़े को मुँह में भर लिया और चूसने लगी. रिया के रसीले होठों के अंदर बाहर जाते हुए लंड को देखकर ससुर आनंद से सिसकने लगा.

“ओह्ह …... हाँ हाँ ……ऐसे ही चूसो रिया बेटी……....बहुत मज़ा आ रहा है……..बिल्कुल लॉलीपॉप के जैसे चूसो.”

फिर ससुर उसे लंड चूसाई का तरीका बताने लगा की कैसे लड़कियाँ मर्दों को मज़ा देती हैं.

“ये जो लंड की जड़ है ना, यहाँ पर भी चाटो ……...हाँ ऐसे ही………..गोलियों को भी चाटो, बहुत मज़ा आता है……”

रिया ने अच्छे स्टूडेंट की तरह ससुर की बातों को सुना और जैसे जैसे उसने बताया वैसे ही वो करती रही. 

फिर ससुर ने रिया के गले तक लंड घुसा दिया और जब उसका दम घुटने लगा तो लंड बाहर निकाल लिया. और कुछ पल बाद फिर से मुँह के अंदर लंड घुसाते रहा और निकालते रहा. रिया को ससुर सिखाते रहा कैसे कैसे चूसना है.

“रिया बेटी , लंड चूसते हुए अपनी उंगलियों से गोलियों को सहलाओ, इससे मज़ा बढ़ जाता है.”

रिया ने वैसा ही किया. ससुर का लंड चूसते हुए रिया उसकी गोलियाँ सहलाने लगी. जल्दी ही रिया को अपने मुँह और होठों के जादू का पता चल गया की कैसे लंड चूसकर मर्द को मज़ा दिया जाता है. उसके लंड चूसने से ससुर झड़ने के करीब पहुँच गया.

कुछ ही देर में ससुर ने रिया के मुँह को वीर्य से भर दिया. रिया ने वीर्य को निगलने की कोशिश की पर उसका दम घुटने लगा. उसने लंड को मुँह से निकाल लिया. लंड से निकलती वीर्य की धार उसके चेहरे , बालों और गर्दन में गिर गयी.

झड़ने के बाद ससुर बोला,” अभी मैं तेरी चूत चूसूँगा.”

फिर ससुर रिया की टाँगों के बीच आ गया. दोनो हाथों में उसने रिया के मुलायम नितंबों को पकड़ लिया और रिया की क्लिट पर जीभ लगाकर गोल गोल घुमाने लगा. क्लिट को छेड़ने से रिया मज़े में सिसकने लगी.
उसके बाद ससुर ने जीभ को रिया की चूत में घुसा दिया और चूत के अंदर चाटने लगा. 

“उुउऊहह……...ओह गॉड …………..उफफफफफफ्फ़………....आआअहह…….” रिया को इतना मज़ा मिला की वो अपने नितंबों को ससुर के मुँह में उछालने लगी. 

फिर ससुर ने चूत से जीभ बाहर निकाल ली और रिया की क्लिट को होठों के बीच दबा लिया और उसे चूसने लगा. रिया से बर्दाश्त नही हुआ , वो फड़फड़ाने लगी.

“उउन्न्नगज्गग………ओह…………….ओइईईईई………...” अपने नितंबों को उपर उछालते हुए रिया झड़ने लगी.

रिया की जांघें काँपने लगी. ससुर ने रिया की गांड के छेद में उंगली घुसा दी. 

“आआईयईईईईईई…………...उफफफफ्फ़……..” रिया चिल्लाई , गांड में उंगली घुसने से उसका मज़ा दुगना हो गया.

सेक्सी रिया को सिसकारियाँ लेते हुए झड़ते देखकर ससुर का लंड फिर से फनफनाने लगा. उसने रिया को सोफे पर पेट के बल झुका दिया और गांड ऊपर को उठा दी. सोफे की पीछे साइड को रिया ने अपने हाथों से पकड़ा हुआ था. रिया की गांड पर हल्के से दो तीन चपत लगाने के बाद ससुर ने रिया की कमर को पकड़कर पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया. 

“ओह्ह ……...उूउउ…..” ससुर के बड़े और मोटे लंड के अपनी टाइट चूत में घुसते ही रिया चिल्लाई. उसे लगा ससुर ने एक झटके में पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया है. मेरी चूत ने ससुर के बड़े लंड को पूरा निगल लिया है सोचकर रिया रोमांचित हो उठी.

ससुर के धक्कों से उसका पूरा बदन हिलने लगा. नीचे को लटकती उसकी चूचियाँ भी आगे पीछे को हिलने लगी. 

ससुर रिया की कमर पकड़कर उसे चोदते रहा. रिया के लिए सोफे को पकड़े रखना मुश्किल हो गया. 

ससुर भी अब थक गया था. लेकिन इस उमर में जवान छोकरी की चूत के लालच से वो रिया की चुदाई करते रहा. रिया की इतनी जबरदस्त चुदाई पहले कभी नही हुई थी. उसको ओर्गास्म पर ओर्गास्म आ रहे थे. 

“आआहह………...ओइईईईईईईईईईईईईईई…...” करते हुए रिया चूत से रस बहाते हुए फिर से झड़ गयी.

रिया के साथ ही ससुर भी झड़ गया और उसने फिर से रिया की चूत अपने वीर्य से भर दी. दोनो इतना थक चुके थे की सोफे पर ही गिर पड़े. वीर्य , चूतरस और पसीने से लथपथ उनके बदन आपस में चिपक गये. गहरी साँसे लेते हुए वो दोनो कुछ देर तक वैसे ही सोफे पर पड़े रहे.

चुदाई के आनंद में वो दोनो इस कदर डूबे हुए थे की उन्हें एहसास ही नही हुआ की कोई उन्हें देख रहा है. कौन ?


...

कोई लिविंग रूम के दरवाज़े के पीछे से उनकी ये काम लीला देख रहा था. रिया की चूत के अंदर बाहर जाते ससुर के मोटे लंड को देखकर वो मंत्रमुग्ध हो गया था. उसने कभी ऐसी जबरदस्त चुदाई नही देखी थी. रिया की नाज़ुक चूत की उस मोटे लंड से बेरहमी से होती ठुकाई को वो चुपचाप देख रहा था. कामोन्माद से सिसकती रिया की सिसकारियों को वो सुन रहा था. ससुर के स्टैमिना को देखकर वो आश्चर्यचकित था.

रात में सुनील की नींद खुली और वो बाथरूम गया. बाथरूम से आते हुए हुए उसे सिसकारियों की आवाज़ आई. आवाज़ को सुनते हुए वो लिविंग रूम के दरवाज़े पर आया तो उसे रिया और अपने पापा की काम लीला दिखाई दी. दरवाज़े के पीछे से उसने अपने पापा को बेरहमी से रिया को चोदते हुए देखा. अपने पापा के बड़े लंड और उनके स्टैमिना को देखकर वो हैरान रह गया. ओह माय गॉड ! पापा का लंड कितना बड़ा और मोटा है. रिया की चूत को तो ये पूरा फैला दे रहा है.

उनकी चुदाई देखकर वो वहीं पर मूठ मारते हुए झड़ गया. फिर सोचने लगा अगर पापा इतने बड़े लंड से मेरी बीवी आँचल को चोदते तो वो कैसे चुदवाती और चुदवाते हुए कैसी लगती. इस ख़याल से उसे इतनी उत्तेजना आई की उसका मुरझाया हुआ लंड फिर से खड़ा हो गया और वो दुबारा मूठ मारने लगा. रिया को अपने पापा से चुदते हुए देखकर वो कल्पना करने लगा की पापा अपने मोटे लंड से रिया को नही बल्कि आँचल को चोद रहे हैं. और आँचल ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए चीख रही है , चिल्ला रही है. इस कल्पना से जल्दी ही सुनील का पानी निकल गया. 

कुछ देर बाद ससुर सोफे से उठा और कुर्ता पैजामा पहनकर रिया को भी नाइटी पहनने के लिए कहने लगा. उन्हें उठते देकर सुनील चुपचाप अपने बेडरूम में चला गया. लेकिन उसके दिल की धड़कने बढ़ी हुई थी . जो उसने आज अपने घर में देखा उससे सुनील के दिमाग़ में उथल पुथल मची हुई थी.

कामतृप्त होकर रिया भी अपने बेडरूम में चली गयी . अभी सुबह होने में वक़्त था.
 
अगली सुबह सुनील उठा तो उसका लंड पूरा तना हुआ था. रात में अपने पापा को रिया को चोदते हुए उसने देखा था. उसने अपने पापा का जितना बड़ा और मोटा लंड पहले कभी नही देखा था. उस मोटे लंड से रिया की जवान चूत की बेरहमी से हुई ठुकाई देखकर सुनील मंत्रमुग्ध हो गया था. ये होती है असली चुदाई. 

अब उसकी नींद खुल चुकी थी , बेड पर लेटे हुए अपने खड़े लंड पर हाथ फिराते हुए सुनील के दिमाग़ में रिया की चूत को फैलाते हुए अंदर बाहर जाते उस मोटे लंड से चुदाई का सीन घूमने लगा.

सुनील की उत्तेजना बढ़ने लगी. उसने बगल में लेटी हुई आँचल को उठाने की कोशिश की. लेकिन रात में सुनील के साथ भरपूर चुदाई से संतुष्ट होकर आँचल बेसुध होकर सो रही थी.

सुनील ने देखा की आँचल तो उठ नही रही है, पर सुनील का लंड खड़ा हो रखा था , उसे मस्ती चढ़ी थी. वो नंगी सोई हुई आँचल की टांगों के बीच आ गया और आँचल की चूत के फूले हुए होठों पर मुँह लगाकर उन्हें चूसने लगा. अपनी जीभ से उसने चूत के होठों को चाटा और क्लिट को जीभ से छेड़ने लगा. छेड़ने से क्लिट में कसाव आने लगा और वो तनने लगी. सोई हुई आँचल के मुँह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गयी.

अब सुनील और ज़ोर से क्लिट पर जीभ रगड़ने लगा और आँचल की चूत के मोटे होठों को अलग करके उनके बीच उंगली घुसा दी. 

चूत में सुनील की उंगली अंदर बाहर होने से आँचल ने सिसकारी ली,” ऊओह……...आअहह…...”

सुनील ने आँचल के भरे हुए सुडौल नितंबों को दोनों हाथों से दबाया और उन्हें मसलने लगा. आँचल की चूत में उसने अपनी जीभ घुसा दी और चूत की नरम लिसलिसी दीवारों पर अपनी खुरदूरी जीभ रगड़ने लगा. बीच बीच में चूत से जीभ बाहर निकालकर क्लिट को भी जीभ से छेड़ दे रहा था. 

“उउउन्न्नज्ज्ग…...ऊऊहह……आआअहह….” आँचल ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी.

आँचल अब जाग रही थी और सुनील से अपनी चूत चुसाई के पूरे मज़े ले रही थी. सुनील के हाथ उसके नितंबों को मसल रहे थे और उसकी जीभ चूत में घुसी हुई थी.

सुनील की हरकत से वो हैरान तो थी की पतिदेव पहले तो कभी इतने एक्साइटेड नही होते थे, आज तो सुबह सवेरे ही शुरू हो गये हैं. लेकिन ज़्यादा ना सोचते हुए वो अपनी चूत चुसाई का आनंद लेने लगी. 

“ओह्ह ………..हाँ सुनील हाँ………………..ऐसे ही करते रहो……...बहुत मज़ा आ रहा है…..”, उत्तेजना में छटपटाकर आँचल अपने नितंबों को सुनील के मुँह पर उछालने लगी. 

सुनील समझ गया की आँचल अब झड़ने वाली है. आँचल के ओर्गास्म को थोड़ी देर और रोकने के लिए उसने आँचल के नितंबों पर अपनी पकड़ और मज़बूत कर दी जिससे आँचल उन्हें ज़्यादा हिला डुला नही पाए. और अपनी जीभ चूत से बाहर निकाल ली.

आँचल को मज़ा मिलना बंद हो गया.

“आअहह………...सुनील ….रुक क्यूँ गये…….प्लीज़ मुझे झड़ने दो …..ओह……...” आँचल मदहोशी में गिड़गिडाई.

आँचल की बात सुनकर सुनील ने उसके नितंबों पर पकड़ ढीली कर दी और फिर से चूत में जीभ अंदर बाहर करने लगा. बीच बीच में आँचल की क्लिट को होठों के बीच दबाकर चूसने लगा.

सुनील की हरकतों से आँचल की उत्तेजना चरम पर पहुँच गयी. उसकी जांघें और नितंब फड़फड़ाने लगे.

“आऐईयईईई………....ऊऊहह……...सुनील………….उूउउफफफ्फ़…………...आआआहह……...”
आँचल ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए झड़ने लगी . उसको एक के बाद एक ओर्गास्म आने लगे.

तभी बेडरूम के दरवाजे को किसी ने खटखटाया. सुनील ने सुन लिया लेकिन आँचल आँखे बंद किए सिसकारियाँ लेती रही. जब उसकी सिसकारियाँ थोड़ी कम हुई तो सुनील ने फिर से खटखटाने की आवाज़ सुनी. 

सुनील ने अपने पापा को अपना नाम लेते हुए सुना. दरवाज़े के बाहर से उसके पापा ने ‘सुनील …..सुनील’ कहा.

सुनील सोचने लगा , उसके पापा दरवाज़े पर क्यूँ हैं ? कहीं उन्होने आँचल की सिसकारियाँ तो नही सुन ली ? 

आँचल सिसकारियाँ भी तो इतनी ज़ोर ज़ोर से लेती है. मदहोशी में आँचल को कुछ होश ही नही रहता है की घर पे और लोग भी हैं. 

मुझे तो लगता है ज़रूर आँचल की सिसकारियाँ सुनकर ही पापा दरवाज़े को नॉक कर रहे हैं.
इस ख़याल से सुनील को बड़ी एक्साइट्मेंट हुई. उसके दिमाग़ में शरारत सूझी.

ओर्गास्म की मदहोशी में अपनी सांसो पर काबू करने का प्रयास करती आँचल से सुनील धीरे से बोला,” आँचल कोई दरवाज़ा खटखटा रहा है. शायद पापा हैं. जाकर देखो तो , क्या कह रहे हैं ?”

ऐसा बोलकर खुद बेडरूम में बने बाथरूम में चला गया.

आँचल अभी भी मदहोशी में थी. सुनील के बाथरूम जाने के बाद वो धीरे से बेड से उठी. बेड के पास पड़ी हुई एक पतली सी नाइटी उसने अपने नंगे बदन पर डाल ली. और बेडरूम का दरवाज़ा खोल दिया. बाहर उसका ससुर खड़ा था.

हुआ ये था की ओर्गास्म की मस्ती में आँचल ज़ोर से चिल्लाई थी. ससुर उनके बेडरूम के आगे से जा रहा था तो सिसकारियाँ सुनकर रुक गया. दरवाज़े पर खड़े रहकर उसने कुछ पलों तक आँचल की सिसकारियाँ सुनी. उन कामुक सिसकारियों को सुनकर ससुर का लंड पैजामे में तंबू बनाकर खड़ा हो गया. जानबूझकर उसने दरवाजा खटखटा दिया.

ससुर ने देखा आँचल की आँखे नशीली हो रखी हैं. उसकी बड़ी चूचियाँ गहरी साँसे लेने से ऊपर नीचे हिल रही हैं. एक पतली सी नाइटी पहन रखी है. शायद ये अंदर कुछ भी नही पहनी है. अभी भी मदहोशी में लग रही है. मादक आँचल का वो कामुक रूप देखकर ससुर सम्मोहित सा हो गया. अहा…... बहू कितनी कामुक लग रही है. अंग अंग से रस टपक रहा है.

आँचल का चेहरा सुर्ख लाल हो रखा था. उसके बदन से उठती मादक गंध और चूतरस की खुशबू ससुर ने अपने नथुनों में महसूस की. 

आँचल ने देखा ससुर उसके बदन को ऊपर से नीचे तक घूर रहा है. उस पतली नाइटी में ससुर के घूरने से उसे लगा जैसे वो नंगी ही हो. कहीं ससुरजी ने मेरी सिसकारियाँ तो नही सुन ली ? जाने कब से खड़े थे बेडरूम के दरवाज़े पर. ये ऐसे क्यूँ मुझे घूर रहे हैं ? शायद इनको पता चल गया है की अंदर हम क्या कर रहे थे.

शरम से आँचल ने अपना चेहरा झुका लिया. आँखें नीचे होते ही उसकी नज़र ससुर के पैजामे में बने तंबू पर पड़ी. उईईइ माँ…....ससुरजी का लंड तो पैजामा फाड़ने को उतारू है. अब तो मुझे पक्का यकीन हो गया है की ये ठरकी बुड्ढा ज़रूर दरवाज़े पे खड़ा होके मेरी काम लीला की सिसकारियाँ सुन रहा होगा. तभी इसका लंड दरवाज़े को धक्का दे रहा है.

ससुर ने दरवाजा खटखटाया किससे था ? हाथ से या खंभे जैसे लौड़े से ?

दरवाज़े पर खड़े ससुर और आँचल में से किसी ने भी अभी तक एक शब्द नही बोला था. 

ससुर आँचल को देख के सम्मोहित हो गया था. और अब आँचल भी नज़रें नीचे किए हुए ससुर के तंबू को देख रही थी.

सुनील बाथरूम के दरवाज़े से ये सब देख रहा था. जानबूझकर उसने नंगी और मदहोश आँचल को दरवाज़ा खोलने भेज दिया था.

”पापा के सामने पतली नाइटी में आँचल नंगी ही लग रही है. पीछे से तो इसके नितंबों का शेप साफ दिख रहा है. आगे से पापा को इसकी बड़ी बड़ी चूचियों और निपल का शेप साफ दिख रहा होगा. पापा कैसे घूर रहे हैं आँचल को . जैसे कोई भेड़िया किसी मेमने को घूरता है. दोनों कुछ नही बोल रहे हैं. “

ससुर और बहू के बीच सेक्सुअल टेंशन को सुनील भी महसूस कर रहा था. उसका लंड भी पैजामे में तन गया और सुपाड़े से प्री-कम निकलने लगा. अब क्या करते हैं पापा आँचल के साथ, देखता हूँ.

तभी ससुर ने आँचल का हाथ पकड़ लिया और अपने पैजामे के बाहर से लंड पर रख दिया. फनफनाने लंड पर हाथ रखते ही जैसे आँचल को बिजली का झटका लगा , उसने तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लिया. वो कुछ नही बोली लेकिन उसकी नज़रें तने हुए लंड पर ही थीं. ससुर ने फिर से आँचल का हाथ पकड़कर लंड पर रख दिया , आँचल ने दुबारा तुरंत हाथ हटा लिया.

ससुर सोचने लगा, देख मेरे लंड को ही रही है, लेकिन पकड़ नही रही.

अबकी बार ससुर ने आँचल का हाथ पकड़कर अपने लंड पर दबाया लेकिन टाइट पकड़े रखा ताकि आँचल हाथ हटा ना पाए. आँचल ने हाथ छुड़ाना चाहा ,पर ससुर ने कस के पकड़े रखा और आँचल के हाथ से अपने लंड को सहलाया. और फिर दूसरे हाथ से ज़ोर लगाकर आँचल की उँगलियों को अपने लंड पर लपेट दिया. 

अब आँचल ने अपने दाएं हाथ से ससुर के फनफनाने लंड को पकड़ा हुआ था और आँचल के उस हाथ को ससुर ने अपने हाथों से कसके दबा रखा था. फनफनाने लंड के कड़ेपन का एहसास आँचल की उंगलियों को हुआ. आँचल के मुँह से सिसकारी निकल गयी. बाप रे……….. ससुर का खंभा तो लोहे जैसा सख़्त हो रखा है. आँचल की चूत से रस बहने लगा. उसके माथे पर पसीना आ गया. उसके होंठ सूख गये.

अपने सूखे होठों को जीभ फिराकर गीला करते हुए आँचल ने लंड से निकलती गर्मी को महसूस किया. अपने आप ही उसकी पकड़ लंड पर मजबूत हो गयी. खुद उसके अपने बदन में गर्मी बढ़ने लगी.

ससुर ने आँचल का हाथ छोड़ दिया था . उसे ये देखकर खुशी हुई की आँचल ने उसका लंड मजबूती से पकड़ रखा है. शायद आँचल को इस बात की होश ही नही थी की उसके हाथों के ऊपर से ससुर का हाथ हट चुका है. 

बाथरूम के दरवाज़े से झाँककर सुनील ये सब देख रहा था. पापा के मोटे लंड को आँचल ने पैजामे के बाहर से पकड़ रखा है और अब हाथ छुड़ा भी नही रही है. अब इससे ज़्यादा सुनील से नही देखा गया. इस सीन को देखकर उसे इतनी एक्साइट्मेंट हुई की उसका पानी पैजामे में ही निकल गया.

“ओह्ह …….. शिट …..” अपने ओर्गास्म से सुनील खुद ही हैरान हुआ. और अपने पैजामे में निकले हुए वीर्य को देखने लगा. बिना लंड पर हाथ लगाए हुए ही वो झड़ गया था. 

बाथरूम के दरवाज़े पर हुई खटपट से आँचल और ससुर दोनों चौंके. 

आँचल ने एक झटके से अपना हाथ लंड से हटा लिया और साइड में मुड़कर देखा. बाथरूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था.

ससुर तुरंत बेडरूम के दरवाज़े से भाग लिया और जाते जाते ज़ोर से कह गया,” सुनील , नाश्ता तैयार है. मैं तो तुम दोनों को बुलाने आया था….”

सुनील को बाथरूम से बेडरूम में आते देखकर आँचल का चेहरा घबराहट और रोमांच से लाल हो गया. सुनील बाथरूम में है और ससुरजी मुझे अपना लंड पकड़ा रहे थे. अगर सुनील देख लेता तो ?

लेकिन आँचल को ये मालूम नही था की सुनील ने सब देख लिया है और ये सब उसका ही किया धरा है. पापाजी आँचल के साथ क्या करेंगे , देखता हूँ. इस प्लान से ही सुनील ने नंगी और मदहोशी में डूबी आँचल को दरवाज़ा खोलने भेज दिया था. 

बाथरूम से बाहर आकर सुनील ने ऐसा दिखाया जैसे उसे कुछ पता ही नही. फिर आँचल बाथरूम चली गयी. 

कुछ देर बाद दोनों नाश्ता करने डाइनिंग रूम में आ गये.
 
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