hotaks444
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रति- चल बेटे हाथ मूह धो ले मैं तेरे लिए चाइ बना कर लाती हू, कुछ देर बाद मम्मी चाइ बना कर ले आई और
मेरे सामने खड़ी हो गई, मैं रामू के बारे मे सोचता हुआ खोया हुआ था तभी मेरे सामने मासल उठा हुआ
गोरा पेट और खूब गहरी नाभि आ गई तब मुझे ध्यान आया कि सामने मम्मी चाइ लेकर खड़ी है,
मैं एक टक
मम्मी का चिकना उठा हुआ पेट देख रहा था और मुझे ध्यान नही था कि मेरा दूसरा हाथ अपने लंड पर रखा
हुआ था, मैने हड़बड़ा कर चाइ ली और मम्मी को देख कर मुस्कुरा दिया, मम्मी मेरे सामने ही बैठ गई और
मैं ना चाहते हुए भी मम्मी के मस्ताने जिस्म पर एक नज़र मार कर चाइ पीने लगा,
रति यानी मेरी मा 42 की थी लेकिन बहुत
मस्त माल थी मम्मी का पूरा बदन कसा हुआ था और उनका भरा हुआ गोरा बदन मोटी गंद और भारी चूतादो
को देख कर किसी का लंड पहली नज़र मे ही खड़ा हो जाए,
मैने चाइ ख़तम की और फिर छत पर जाकर सिगरेट पीने लगा तभी पिछे से संगीता आ गई, संगीता बहुत
चुलबुली और नटखट थी वह हमेशा शरारत के मूड मे ही रहती थी, मैने जब कश खींच कर धुआ छ्चोड़ा
तो संगीता मेरे मूह के पास आ गई और बोलने लगी,
संगीता- लाओ सांभा एक कश हमे भी पिला दो और मुस्कुराते हुए मेरे चेहरे की ओर देखने लगी, मुझे नही
पता उस समय क्या हुआ मैं बहुत बैचैन था और जब संगीता का खूबसूरत चेहरा एक दम से मेरे सामने आया
तो मैने बिना कुछ सोचे समझे उसका मूह पकड़ कर उसके होंठो को एक दम से चूम लिया,
संगीता शायद मेरी इस हरकत के लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी और वह मेरी इस हरकत से सकते मे आ गई और
मुझे थोड़ा सा धक्का देते हुए वहाँ से भाग कर नीचे चली गई,
मैं थोड़ा डर गया और सोचने लगा कही संगीता मम्मी से कह देगी तो मम्मी पता नही क्या सोचेगी ऑफ हो
मैने यह क्या हरकत कर दी, अब मैं क्या करू, मैं नीचे जाने मे भी घबरा रहा था,
मुझे खड़े-खड़े
काफ़ी देर हो गई लेकिन मैं नीचे जाने की हिम्मत नही जुटा पा रहा था, तभी मेरे कानो मे आवाज़ सुनाई दी
संगीता- भैया चलो खाना खा लो मम्मी बुला रही है इतना कह कर संगीता पलट कर जाने लगी
राज- संगीता सुन तो लेकिन वह नही रुकी और सीधे नीचे चली गई, मैं धीरे से नीचे गया और जैसे ही मैं खाने की
टेबल के पास गया अचानक मम्मी ने कहा
रति- राज यह क्या हरकत है
मम्मी के मूह से इतना सुनना था कि मैं पसीने से भीग गया और जैसे ही मैने मम्मी की ओर देखा
मम्मी ने कहा
राज हम कब से तुम्हारा वेट कर रहे है और तुम हो कि छत पर टाइम पास कर रहे हो,
मम्मी की बात सुन कर मुझे थोड़ी राहत मिली और मैने जब संगीता की ओर देखा तो वह मेरी तरफ गुस्से से देखती हुई खाना खाने लगी, उस समय संगीता बहुत खूबसूरत लग रही थी और मेरा दिल कर रहा था कि उसका मूह पकड़ कर चूम लू, मैं चुपचाप खाना खाने लगा और बीच-बीच मे नज़रे उठा कर संगीता और मम्मी को देख लेता था,
खाना खा कर मैं वापस छत पर जाकर सिगरेट पीने लगा और यह सोच कर और भी खुस हो रहा था कि मैने संगीता के होंठ चूम लिए लेकिन उसने मम्मी से कुच्छ नही कहा, उस रात मैं रात भर अपनी कल्पनाओ मे अपनी बहन की मस्त जवानी से खेलता रहा, और अपनी बहन को पूरी नंगी देखने के लिए मेरा मन तड़पने लगा,
मेरे सामने खड़ी हो गई, मैं रामू के बारे मे सोचता हुआ खोया हुआ था तभी मेरे सामने मासल उठा हुआ
गोरा पेट और खूब गहरी नाभि आ गई तब मुझे ध्यान आया कि सामने मम्मी चाइ लेकर खड़ी है,
मैं एक टक
मम्मी का चिकना उठा हुआ पेट देख रहा था और मुझे ध्यान नही था कि मेरा दूसरा हाथ अपने लंड पर रखा
हुआ था, मैने हड़बड़ा कर चाइ ली और मम्मी को देख कर मुस्कुरा दिया, मम्मी मेरे सामने ही बैठ गई और
मैं ना चाहते हुए भी मम्मी के मस्ताने जिस्म पर एक नज़र मार कर चाइ पीने लगा,
रति यानी मेरी मा 42 की थी लेकिन बहुत
मस्त माल थी मम्मी का पूरा बदन कसा हुआ था और उनका भरा हुआ गोरा बदन मोटी गंद और भारी चूतादो
को देख कर किसी का लंड पहली नज़र मे ही खड़ा हो जाए,
मैने चाइ ख़तम की और फिर छत पर जाकर सिगरेट पीने लगा तभी पिछे से संगीता आ गई, संगीता बहुत
चुलबुली और नटखट थी वह हमेशा शरारत के मूड मे ही रहती थी, मैने जब कश खींच कर धुआ छ्चोड़ा
तो संगीता मेरे मूह के पास आ गई और बोलने लगी,
संगीता- लाओ सांभा एक कश हमे भी पिला दो और मुस्कुराते हुए मेरे चेहरे की ओर देखने लगी, मुझे नही
पता उस समय क्या हुआ मैं बहुत बैचैन था और जब संगीता का खूबसूरत चेहरा एक दम से मेरे सामने आया
तो मैने बिना कुछ सोचे समझे उसका मूह पकड़ कर उसके होंठो को एक दम से चूम लिया,
संगीता शायद मेरी इस हरकत के लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी और वह मेरी इस हरकत से सकते मे आ गई और
मुझे थोड़ा सा धक्का देते हुए वहाँ से भाग कर नीचे चली गई,
मैं थोड़ा डर गया और सोचने लगा कही संगीता मम्मी से कह देगी तो मम्मी पता नही क्या सोचेगी ऑफ हो
मैने यह क्या हरकत कर दी, अब मैं क्या करू, मैं नीचे जाने मे भी घबरा रहा था,
मुझे खड़े-खड़े
काफ़ी देर हो गई लेकिन मैं नीचे जाने की हिम्मत नही जुटा पा रहा था, तभी मेरे कानो मे आवाज़ सुनाई दी
संगीता- भैया चलो खाना खा लो मम्मी बुला रही है इतना कह कर संगीता पलट कर जाने लगी
राज- संगीता सुन तो लेकिन वह नही रुकी और सीधे नीचे चली गई, मैं धीरे से नीचे गया और जैसे ही मैं खाने की
टेबल के पास गया अचानक मम्मी ने कहा
रति- राज यह क्या हरकत है
मम्मी के मूह से इतना सुनना था कि मैं पसीने से भीग गया और जैसे ही मैने मम्मी की ओर देखा
मम्मी ने कहा
राज हम कब से तुम्हारा वेट कर रहे है और तुम हो कि छत पर टाइम पास कर रहे हो,
मम्मी की बात सुन कर मुझे थोड़ी राहत मिली और मैने जब संगीता की ओर देखा तो वह मेरी तरफ गुस्से से देखती हुई खाना खाने लगी, उस समय संगीता बहुत खूबसूरत लग रही थी और मेरा दिल कर रहा था कि उसका मूह पकड़ कर चूम लू, मैं चुपचाप खाना खाने लगा और बीच-बीच मे नज़रे उठा कर संगीता और मम्मी को देख लेता था,
खाना खा कर मैं वापस छत पर जाकर सिगरेट पीने लगा और यह सोच कर और भी खुस हो रहा था कि मैने संगीता के होंठ चूम लिए लेकिन उसने मम्मी से कुच्छ नही कहा, उस रात मैं रात भर अपनी कल्पनाओ मे अपनी बहन की मस्त जवानी से खेलता रहा, और अपनी बहन को पूरी नंगी देखने के लिए मेरा मन तड़पने लगा,