hotaks444
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गन्ने की मिठास--28
गतान्क से आगे......................
मम्मी को जब मैने पॅंटी मे देखा तो मैं उसके चूतादो को देख कर मस्त हो गया उसके गोल
मटोल चूतादो मे गजब का माँस भरा हुआ था साली के मस्त चूतादो को दबोचने मे मज़ा आ जाता होगा,
मैने लूँगी पहन ली लेकिन मेरा लंड पूरी लूँगी को उपर तक टाने हुए था, मैं सोफे पर बैठा हुआ था और वहाँ
से तिर्छि नज़र से किचन की ओर देख रहा था जहाँ पर मम्मी खड़ी चाइ बना रही थी,
मैने देखा मम्मी
बीच बीच मे अपनी चूत को साडी के उपर से कभी दबाती और कभी खुजलाने लगती थी, ऐसा एक बार नही कई बार
वह कर रही थी और जब वह अपनी चूत को खुजलाने लगती तब मैं उसके चेहरे के भाव देख कर पागल होने लगता
था,
मम्मी अपनी चूत को खुजलाते हुए ऐसा मस्ती भरा चेहरा बना लेती कि मेरा दिल करता कि अभी जाकर अपनी
मम्मी रति के रसीले होंठो को खूब कस कर चूस लू, तभी मम्मी एक दम से किचन से मेरे पास आई और अपना
मूह थोड़ा खोले हुए कहने लगी राज ज़रा मेरे मूह मे देख मेरी जीभ पर बाल लगा हुआ है क्या और मम्मी
जैसे ही मेरे सामने झुकी उसके मोटे मोटे खूब कसे हुए दूध मेरी आँखो के सामने झूलने लगे,
मैरा लंड
पूरी तरह लूँगी मे तन कर एक बड़ा सा तंबू बनाए हुए था, मम्मी ने अपने खूबसूरत चेहरे को मेरे
सामने झुका कर अपनी जीभ जब बाहर निकाल कर दिखाई तो मैं मस्त हो गया, अपनी मम्मी की रसीली गुलाबी जीभ
देख कर मेरा दिल करने लगा कि अभी उसकी जीभ को अपने मूह मे भर कर चूस लू,
मैने मम्मी के गुलाबी गालो को छु कर उसके होंठो पर उंगलिया फेरते हुए उसकी जीभ मे लगे बाल को धीरे
से पकड़ कर निकाल दिया, बाल निकालने के बाद मम्मी मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए अंदर चली गई जब वह
जाने लगी तो फिर से मेरी नज़र मम्मी की मोटी लचकति गंद पर चली गई और मैं अपने लंड को लूँगी के उपर से
सहलाते हुए मम्मी की उफान लेती जवानी को देख रहा था,
मेरा लंड आज बहुत मस्त खड़ा हुआ था और मैं सोच
रहा था कि मेरी खुद की मम्मी इतनी सेक्सी और मस्तानी है और मेरी नज़र कभी उस पर पड़ी क्यो नही, अब मैं
मम्मी का नंगा पेट जो उसकी साडी से काफ़ी बाहर था और उसकी गुदाज गहरी नाभि साफ नज़र आ रही थी को देख कर
मस्त हो रहा था,
तभी अचानक बाहर का दरवाजा खुला और संगीता अंदर आ गई और मुझे देखते ही दौड़ कर मेरे पास आकर
मेरी जाँघो पर अपने हाथ को रख कर कहने लगी क्या भैया कहाँ गायब हो गये थे,
आपके बिना तो अच्छा ही
नही लग रहा था, मैने संगीता को उपर से नीचे तक देखा तो मेरा लंड और झटके मारने लगा, संगीता ने रेड
कलर की चुस्त टीशर्ट पहनी हुई थी और उसके अंदर ब्रा नही थी उसके मोटे मोटे पके हुए ठोस आम साफ नज़र आ
रहे थे और उन्हे देख कर किसी का भी मन उसके रसीले आमो को खूब दबा दबा कर चूसने का करने लगे,
नीचे संगीता ने एक स्कर्ट जो कि ब्लॅक कलर का था पहन रखा था जो कि उसके घुटनो तक आता था, मैने अपने
हाथ को संगीता की पीठ पर फेरते हुए उसे सहलाते हुए कहा, मेरी गुड़िया रानी को लगता है अपने भैया की
बहुत याद आती है,
तभी मम्मी उधर से आ गई और मम्मी ने जो कहा उसको सुन कर किसी भी भाई का लंड अपनी बहन के लिए खड़ा
हो जाए,
रति- राज क्यो नही याद करेगी संगीता तुझे, आख़िर तेरी एक ही तो बहन है, उसे खूब लड़ प्यार से रखा कर और
उसे खूब प्यार किया कर, मम्मी की बात सुन कर मेरा लंड झटके लेने लगा और मैने संगीता की कमर मे हाथ
डाल कर उसे खींच कर अपनी गोद मे चढ़ा लिया और उसके मोटे मोटे दूध को अपने दोनो हाथो को आगे लेजाकार
अपने हाथो की गिरफ़्त मे लेकर संगीता के गालो को चूमते हुए मम्मी के सामने ही मैं कहने लगा
गतान्क से आगे......................
मम्मी को जब मैने पॅंटी मे देखा तो मैं उसके चूतादो को देख कर मस्त हो गया उसके गोल
मटोल चूतादो मे गजब का माँस भरा हुआ था साली के मस्त चूतादो को दबोचने मे मज़ा आ जाता होगा,
मैने लूँगी पहन ली लेकिन मेरा लंड पूरी लूँगी को उपर तक टाने हुए था, मैं सोफे पर बैठा हुआ था और वहाँ
से तिर्छि नज़र से किचन की ओर देख रहा था जहाँ पर मम्मी खड़ी चाइ बना रही थी,
मैने देखा मम्मी
बीच बीच मे अपनी चूत को साडी के उपर से कभी दबाती और कभी खुजलाने लगती थी, ऐसा एक बार नही कई बार
वह कर रही थी और जब वह अपनी चूत को खुजलाने लगती तब मैं उसके चेहरे के भाव देख कर पागल होने लगता
था,
मम्मी अपनी चूत को खुजलाते हुए ऐसा मस्ती भरा चेहरा बना लेती कि मेरा दिल करता कि अभी जाकर अपनी
मम्मी रति के रसीले होंठो को खूब कस कर चूस लू, तभी मम्मी एक दम से किचन से मेरे पास आई और अपना
मूह थोड़ा खोले हुए कहने लगी राज ज़रा मेरे मूह मे देख मेरी जीभ पर बाल लगा हुआ है क्या और मम्मी
जैसे ही मेरे सामने झुकी उसके मोटे मोटे खूब कसे हुए दूध मेरी आँखो के सामने झूलने लगे,
मैरा लंड
पूरी तरह लूँगी मे तन कर एक बड़ा सा तंबू बनाए हुए था, मम्मी ने अपने खूबसूरत चेहरे को मेरे
सामने झुका कर अपनी जीभ जब बाहर निकाल कर दिखाई तो मैं मस्त हो गया, अपनी मम्मी की रसीली गुलाबी जीभ
देख कर मेरा दिल करने लगा कि अभी उसकी जीभ को अपने मूह मे भर कर चूस लू,
मैने मम्मी के गुलाबी गालो को छु कर उसके होंठो पर उंगलिया फेरते हुए उसकी जीभ मे लगे बाल को धीरे
से पकड़ कर निकाल दिया, बाल निकालने के बाद मम्मी मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए अंदर चली गई जब वह
जाने लगी तो फिर से मेरी नज़र मम्मी की मोटी लचकति गंद पर चली गई और मैं अपने लंड को लूँगी के उपर से
सहलाते हुए मम्मी की उफान लेती जवानी को देख रहा था,
मेरा लंड आज बहुत मस्त खड़ा हुआ था और मैं सोच
रहा था कि मेरी खुद की मम्मी इतनी सेक्सी और मस्तानी है और मेरी नज़र कभी उस पर पड़ी क्यो नही, अब मैं
मम्मी का नंगा पेट जो उसकी साडी से काफ़ी बाहर था और उसकी गुदाज गहरी नाभि साफ नज़र आ रही थी को देख कर
मस्त हो रहा था,
तभी अचानक बाहर का दरवाजा खुला और संगीता अंदर आ गई और मुझे देखते ही दौड़ कर मेरे पास आकर
मेरी जाँघो पर अपने हाथ को रख कर कहने लगी क्या भैया कहाँ गायब हो गये थे,
आपके बिना तो अच्छा ही
नही लग रहा था, मैने संगीता को उपर से नीचे तक देखा तो मेरा लंड और झटके मारने लगा, संगीता ने रेड
कलर की चुस्त टीशर्ट पहनी हुई थी और उसके अंदर ब्रा नही थी उसके मोटे मोटे पके हुए ठोस आम साफ नज़र आ
रहे थे और उन्हे देख कर किसी का भी मन उसके रसीले आमो को खूब दबा दबा कर चूसने का करने लगे,
नीचे संगीता ने एक स्कर्ट जो कि ब्लॅक कलर का था पहन रखा था जो कि उसके घुटनो तक आता था, मैने अपने
हाथ को संगीता की पीठ पर फेरते हुए उसे सहलाते हुए कहा, मेरी गुड़िया रानी को लगता है अपने भैया की
बहुत याद आती है,
तभी मम्मी उधर से आ गई और मम्मी ने जो कहा उसको सुन कर किसी भी भाई का लंड अपनी बहन के लिए खड़ा
हो जाए,
रति- राज क्यो नही याद करेगी संगीता तुझे, आख़िर तेरी एक ही तो बहन है, उसे खूब लड़ प्यार से रखा कर और
उसे खूब प्यार किया कर, मम्मी की बात सुन कर मेरा लंड झटके लेने लगा और मैने संगीता की कमर मे हाथ
डाल कर उसे खींच कर अपनी गोद मे चढ़ा लिया और उसके मोटे मोटे दूध को अपने दोनो हाथो को आगे लेजाकार
अपने हाथो की गिरफ़्त मे लेकर संगीता के गालो को चूमते हुए मम्मी के सामने ही मैं कहने लगा