hotaks444
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गुड़िया अपने भैया के मोटे लंड से अपनी चूत को बार-बार आगे पीछे करके रगड़ने
लगती है,
विजय- बोल मेरी बहाना आज कहाँ तुझे दर्द हो रहा है, गुड़िया अपने भाई के मोटे लंड को पकड़ कर कहती है जहाँ आपका
यह मोटा डंडा मुझे चुभ रहा है, गुड़िया की बात सुन कर विजय उसे बेड पर लेटा देता है और गुड़िया अपनी दोनो टाँगे
फैला कर उसे अपनी गुलाबी कसी हुई चूत दिखा कर कहती है भैया देखो ने यहा आज बहुत दर्द हो रहा है देखो कैसी
लाल हो गई है, विजय अपनी बहन की गुलाबी रस से भरी चूत देख कर उसकी दोनो फांको को खूब कस कर फैला देता है और फिर अपनी जीभ अपनी बहन की रसीली चूत की फांको के बीच बहते गुलाबी छेद मैं डाल कर पागलो की तरह अपनी जवान बहन की चूत का रस पीने लग जाता है,
गुड़िया- ओह भैया आह आह हॅ भीया यही दर्द है बहुत दर्द है और ज़ोर से चतो भैया आह आह, विजय पागलो की तरह
गुड़िया की चूत की फूली हुई फांको को फैला कर उसकी गुलाबी चूत चाटने लगता है, गुड़िया खूब सिसकिया लेती हुई अपनी मोटी गंद उठा-उठा कर अपने भैया के मूह मे मारने लग जाती है, कुछ देर तक विजय अपनी बहन की चूत चाट-चाट कर पूरी लाल कर देता है, उसके बाद गुड़िया अपने भैया से पूरी चिपक जाती है,
विजय- उसका घाघरा और चोली उतार कर पूरी नंगी करके उसकी चूत को अपने हाथो से सहलाता रहता है
गुड़िया- भैया तुम मम्मी को भी ऐसे ही नंगी करके प्यार करना चाहते हो ना
विजय- गुड़िया के मोटे-मोटे दूध को दबाता हुआ हा मेरी बहना मैं मम्मी को बहुत प्यार करता हू और इसी तरह
मम्मी को पूरी नंगी करके उनकी मालिश करना चाहता हू,
गुड़िया- भैया आपका ये तो बहुत मोटा है
विजय- तू इसे चतेगी तो तुझे बहुत अच्छा लगेगा,
गुड़िया- भैया आप भी मेरी चॅटो ना मैं आपका ये मोटा डंडा चुस्ती हू और फिर दोनो भाई बहन एक दूसरे के लंड और
चूत को पागलो की तरह तब तक चूस्ते है जब तक कि एक दूसरे का सारा रस चूस-चूस कर पी नही जाते,
गुड़िया- हान्फ्ते हुए, अपने भैया से बुरी तरह से लिपट जाती है और ओह भैया कितना मज़ा आता है, आपका डंडा चूसने मे
तो बहुत मज़ा आता है भैया मुझे और चूसना है भैया,
विजय- हा मेरी बहना तेरा जितना मन करे चूस लेना पर पहले एक बार तू इस डंडे के उपर अच्छे से बैठ जा मैं तुझे और
भी मज़ा देना चाहता हू,
गुड़िया- ओह भैया मुझे ऐसे नही तुम खड़े होकर फिर मुझे अपने डंडे पर चढ़ा लो,
विजय- गुड़िया की बात सुन कर उसकी दोनो जाँघो से उसे दबोच कर उसकी दोनो जाँघो को अपनी कमर के इर्द गिर्द लपेट कर उसकी कसी चूत को अपने लंड से भिड़ा कर जब पीछे से उसकी गंद को दबोच कर एक तगड़ा झटका मारता है और उसका मोटा लंड गुड़िया की चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर तक फँस जाता है और गुड़िया एक ज़ोर की चीख के साथ अपने भैया के मोटे लंड मे अपनी चूत फसाए उससे बुरी तरह चिपक जाती है,
गुड़िया- ओह भैया मर गई भैया ये क्या कर रहे हो भैया,
विजय- अपने लंड के तगड़े झटके अपनी बहन की चूत मे मारता हुआ, मेरी रानी मैं अपनी बहन को चोद रहा हू और फिर
विजय गुड़िया को बेड पर लिटा कर उसकी चूत मे अपने मोटे लंड के खूब तगड़े धक्के मारने लगता है, लगभग 10 मिनिट
तक जब विजय अपनी बहन की टाइट चूत मे अपना लंड खूब पेल -पेल कर चोदता है तब कही जाकर गुड़िया भी अपनी मोटी गंद अपने भैया के लंड पर मारने लगती है, ओह भैया फाड़ दो और छोड़ो अपनी बहन को आह आह भैया कितना मज़ा आता है चोदने मे खूब चोदो भैया,
विजय की रफ़्तार पूरी तरह तेज हो जाती है और फिर वह कुछ जोरदार धक्के मार कर अपनी
बहन की चूत मे अपना पानी गिरा देता है, दोनो भाई बहन अपने चूत और लंड को खूब एकदुसरे मे कसे हुए पड़े
रहते है,
कुछ देर बाद विजय गुड़िया को उठा कर अपने उपर लिटा लेता है और उसे चूमते हुए उसकी गदराई गंद को सहलाने लगता है
कहो गुड़िया तुम्हे मज़ा आया कि नही
गुड़िया- ओह भैया आज तो आप ने वो मज़ा दिया है जो कभी नही भूलेगा, मुझे क्या पता था भैया इसको चोदना कहते
है नही तो मैं कब की आप से अपनी चूत मरवा चुकी होती,
विजय- मेरी रानी मैं तो तुझे ना जाने कब से चोदना चाहता था,
गुड़िया- अपने भैया का मोटा लंड सहलाती हुई, भैया तो क्या तुम मम्मी को भी इसी तरह चोदना चाहते हो
अपनी मम्मी का नाम सुनते ही विजय का लंड फिर से झटके मारने लगता है,
विजय- हाँ गुड़िया मुझे मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने का बड़ा मन करता है
गुड़िया- तो चोद दो ना भैया, तुम इतना अच्छा चोद्ते हो देखना मम्मी कभी मना नही करेगी
विजय- पर गुड़िया मैं यह भी तो नही जानता कि मम्मी मुझसे अपनी चूत मरवाना चाहती है या नही
गुड़िया- तुम्हारा मन क्या मम्मी की चूत देखने का करता है
विजय- नही गुड़िया मेरा मन मम्मी की चूत चाटने और उसे नंगी करके चोदने का करता है
गुड़िया- क्या तुमने मम्मी की चूत देखी है
विजय- नही रे अभी तक नही
गुड़िया- भैया मम्मी की चूत तो बहुत फूली हुई और बड़ी है बिल्कुल तुम्हारे मोटे लंड से चुदने के लायक है,
विजय- गुड़िया की चूत को सहलाता हुआ, गुड़िया क्या मम्मी भी ऐसा सोचती होगी कि वह मुझे अपनी चूत पर चढ़ा कर अपने बेटे का मोटा लंड अपनी चूत मे लेती होगी,
गुड़िया- एक आइडिया है भैया, अगर मम्मी तुम्हारे लंड से चुदवाने के लिए तड़प रही होगी तो वह यह बात जमुना काकी से
ज़रूर करेगी बस हमे उनकी बाते सुननी होगी, तभी पता चल पाएगा,
विजय- अच्छा गुड़िया ज़रा घोड़ी की तरह झुक कर मुझे अपनी मोटी गंद तो दिखा, गुड़िया जल्दी से अपनी गंद अपने भैया के मूह की ओर करके झुक जाती है और विजय अपने हाथो से गुड़िया की गंद का छेद सहलाते हुए
विजय- गुड़िया तूने मम्मी का यह गंद वाला छेद देखा है
गुड़िया- आह भैया मैंने तो नही देखा लेकिन जमुना काकी ने ज़रूर देखा होगा वह तो रोज ही मम्मी की चूत और गंद
अपने होंठो से खूब चुस्ती और चाटती है,
विजय- गुड़िया मुझे मम्मी का ये वाला छेद खूब कस कर चाटने और सूंघने का मन होता है
गुड़िया- भैया तुम मम्मी की मोटी गंद को नंगी देख लोगे तो उसकी गंद चाते बिना वैसे भी नही रह पाओगे
विजय गुड़िया की मोटी गंद से अपना मूह लगा कर उसे बड़े प्यार से चूत से लेकर गंद तक चाटना शुरू कर देता है और
फिर धीरे से वह अपना मोटा लंड गुड़िया की चूत मे पीछे से पेलना शुरू कर देता है, कुछ देर ऐसे ही चोद्ते हुए विजय
गुड़िया को एक साइड मे सुला कर पीछे से उसकी चूत मे लंड फसा कर आराम से चिपक कर धीरे-धीरे गुड़िया को चोद्ते
हुए उससे बाते करने लगता है, गुड़िया धीरे-धीरे अपनी चूत मे घुसते अपने भैया के मोटे लंड से आसमान मे उड़ने
लगती है,
गुड़िया- मैं कैसा चोदता हू
गुड़िया- ओह भैया आप बहुत अच्छा चोद्ते हो
विजय-गुड़िया एक बात कहु, कभी-कभी मेरा दिल करता है कि मैं तुझे और मम्मी को दोनो को पूरी नंगी करके एक साथ
पूरी रात चोदु,
गुड़िया- ओह भैया क्या ऐसा हो सकता है क्या मम्मी आपसे अपनी चूत मरवाने को राज़ी हो जाएगी
विजय- हाँ गुड़िया मैं कैसे भी करके मम्मी को इस बार ज़रूर चोदुन्गा
उस रात विजय सारी रात अपनी बहन को तबीयत से ठोकता रहा और फिर गुड़िया जितने दिन उसके पास रही वह दिन रात उसे जी भर कर चोदता था,
क्रमशः...............
लगती है,
विजय- बोल मेरी बहाना आज कहाँ तुझे दर्द हो रहा है, गुड़िया अपने भाई के मोटे लंड को पकड़ कर कहती है जहाँ आपका
यह मोटा डंडा मुझे चुभ रहा है, गुड़िया की बात सुन कर विजय उसे बेड पर लेटा देता है और गुड़िया अपनी दोनो टाँगे
फैला कर उसे अपनी गुलाबी कसी हुई चूत दिखा कर कहती है भैया देखो ने यहा आज बहुत दर्द हो रहा है देखो कैसी
लाल हो गई है, विजय अपनी बहन की गुलाबी रस से भरी चूत देख कर उसकी दोनो फांको को खूब कस कर फैला देता है और फिर अपनी जीभ अपनी बहन की रसीली चूत की फांको के बीच बहते गुलाबी छेद मैं डाल कर पागलो की तरह अपनी जवान बहन की चूत का रस पीने लग जाता है,
गुड़िया- ओह भैया आह आह हॅ भीया यही दर्द है बहुत दर्द है और ज़ोर से चतो भैया आह आह, विजय पागलो की तरह
गुड़िया की चूत की फूली हुई फांको को फैला कर उसकी गुलाबी चूत चाटने लगता है, गुड़िया खूब सिसकिया लेती हुई अपनी मोटी गंद उठा-उठा कर अपने भैया के मूह मे मारने लग जाती है, कुछ देर तक विजय अपनी बहन की चूत चाट-चाट कर पूरी लाल कर देता है, उसके बाद गुड़िया अपने भैया से पूरी चिपक जाती है,
विजय- उसका घाघरा और चोली उतार कर पूरी नंगी करके उसकी चूत को अपने हाथो से सहलाता रहता है
गुड़िया- भैया तुम मम्मी को भी ऐसे ही नंगी करके प्यार करना चाहते हो ना
विजय- गुड़िया के मोटे-मोटे दूध को दबाता हुआ हा मेरी बहना मैं मम्मी को बहुत प्यार करता हू और इसी तरह
मम्मी को पूरी नंगी करके उनकी मालिश करना चाहता हू,
गुड़िया- भैया आपका ये तो बहुत मोटा है
विजय- तू इसे चतेगी तो तुझे बहुत अच्छा लगेगा,
गुड़िया- भैया आप भी मेरी चॅटो ना मैं आपका ये मोटा डंडा चुस्ती हू और फिर दोनो भाई बहन एक दूसरे के लंड और
चूत को पागलो की तरह तब तक चूस्ते है जब तक कि एक दूसरे का सारा रस चूस-चूस कर पी नही जाते,
गुड़िया- हान्फ्ते हुए, अपने भैया से बुरी तरह से लिपट जाती है और ओह भैया कितना मज़ा आता है, आपका डंडा चूसने मे
तो बहुत मज़ा आता है भैया मुझे और चूसना है भैया,
विजय- हा मेरी बहना तेरा जितना मन करे चूस लेना पर पहले एक बार तू इस डंडे के उपर अच्छे से बैठ जा मैं तुझे और
भी मज़ा देना चाहता हू,
गुड़िया- ओह भैया मुझे ऐसे नही तुम खड़े होकर फिर मुझे अपने डंडे पर चढ़ा लो,
विजय- गुड़िया की बात सुन कर उसकी दोनो जाँघो से उसे दबोच कर उसकी दोनो जाँघो को अपनी कमर के इर्द गिर्द लपेट कर उसकी कसी चूत को अपने लंड से भिड़ा कर जब पीछे से उसकी गंद को दबोच कर एक तगड़ा झटका मारता है और उसका मोटा लंड गुड़िया की चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर तक फँस जाता है और गुड़िया एक ज़ोर की चीख के साथ अपने भैया के मोटे लंड मे अपनी चूत फसाए उससे बुरी तरह चिपक जाती है,
गुड़िया- ओह भैया मर गई भैया ये क्या कर रहे हो भैया,
विजय- अपने लंड के तगड़े झटके अपनी बहन की चूत मे मारता हुआ, मेरी रानी मैं अपनी बहन को चोद रहा हू और फिर
विजय गुड़िया को बेड पर लिटा कर उसकी चूत मे अपने मोटे लंड के खूब तगड़े धक्के मारने लगता है, लगभग 10 मिनिट
तक जब विजय अपनी बहन की टाइट चूत मे अपना लंड खूब पेल -पेल कर चोदता है तब कही जाकर गुड़िया भी अपनी मोटी गंद अपने भैया के लंड पर मारने लगती है, ओह भैया फाड़ दो और छोड़ो अपनी बहन को आह आह भैया कितना मज़ा आता है चोदने मे खूब चोदो भैया,
विजय की रफ़्तार पूरी तरह तेज हो जाती है और फिर वह कुछ जोरदार धक्के मार कर अपनी
बहन की चूत मे अपना पानी गिरा देता है, दोनो भाई बहन अपने चूत और लंड को खूब एकदुसरे मे कसे हुए पड़े
रहते है,
कुछ देर बाद विजय गुड़िया को उठा कर अपने उपर लिटा लेता है और उसे चूमते हुए उसकी गदराई गंद को सहलाने लगता है
कहो गुड़िया तुम्हे मज़ा आया कि नही
गुड़िया- ओह भैया आज तो आप ने वो मज़ा दिया है जो कभी नही भूलेगा, मुझे क्या पता था भैया इसको चोदना कहते
है नही तो मैं कब की आप से अपनी चूत मरवा चुकी होती,
विजय- मेरी रानी मैं तो तुझे ना जाने कब से चोदना चाहता था,
गुड़िया- अपने भैया का मोटा लंड सहलाती हुई, भैया तो क्या तुम मम्मी को भी इसी तरह चोदना चाहते हो
अपनी मम्मी का नाम सुनते ही विजय का लंड फिर से झटके मारने लगता है,
विजय- हाँ गुड़िया मुझे मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने का बड़ा मन करता है
गुड़िया- तो चोद दो ना भैया, तुम इतना अच्छा चोद्ते हो देखना मम्मी कभी मना नही करेगी
विजय- पर गुड़िया मैं यह भी तो नही जानता कि मम्मी मुझसे अपनी चूत मरवाना चाहती है या नही
गुड़िया- तुम्हारा मन क्या मम्मी की चूत देखने का करता है
विजय- नही गुड़िया मेरा मन मम्मी की चूत चाटने और उसे नंगी करके चोदने का करता है
गुड़िया- क्या तुमने मम्मी की चूत देखी है
विजय- नही रे अभी तक नही
गुड़िया- भैया मम्मी की चूत तो बहुत फूली हुई और बड़ी है बिल्कुल तुम्हारे मोटे लंड से चुदने के लायक है,
विजय- गुड़िया की चूत को सहलाता हुआ, गुड़िया क्या मम्मी भी ऐसा सोचती होगी कि वह मुझे अपनी चूत पर चढ़ा कर अपने बेटे का मोटा लंड अपनी चूत मे लेती होगी,
गुड़िया- एक आइडिया है भैया, अगर मम्मी तुम्हारे लंड से चुदवाने के लिए तड़प रही होगी तो वह यह बात जमुना काकी से
ज़रूर करेगी बस हमे उनकी बाते सुननी होगी, तभी पता चल पाएगा,
विजय- अच्छा गुड़िया ज़रा घोड़ी की तरह झुक कर मुझे अपनी मोटी गंद तो दिखा, गुड़िया जल्दी से अपनी गंद अपने भैया के मूह की ओर करके झुक जाती है और विजय अपने हाथो से गुड़िया की गंद का छेद सहलाते हुए
विजय- गुड़िया तूने मम्मी का यह गंद वाला छेद देखा है
गुड़िया- आह भैया मैंने तो नही देखा लेकिन जमुना काकी ने ज़रूर देखा होगा वह तो रोज ही मम्मी की चूत और गंद
अपने होंठो से खूब चुस्ती और चाटती है,
विजय- गुड़िया मुझे मम्मी का ये वाला छेद खूब कस कर चाटने और सूंघने का मन होता है
गुड़िया- भैया तुम मम्मी की मोटी गंद को नंगी देख लोगे तो उसकी गंद चाते बिना वैसे भी नही रह पाओगे
विजय गुड़िया की मोटी गंद से अपना मूह लगा कर उसे बड़े प्यार से चूत से लेकर गंद तक चाटना शुरू कर देता है और
फिर धीरे से वह अपना मोटा लंड गुड़िया की चूत मे पीछे से पेलना शुरू कर देता है, कुछ देर ऐसे ही चोद्ते हुए विजय
गुड़िया को एक साइड मे सुला कर पीछे से उसकी चूत मे लंड फसा कर आराम से चिपक कर धीरे-धीरे गुड़िया को चोद्ते
हुए उससे बाते करने लगता है, गुड़िया धीरे-धीरे अपनी चूत मे घुसते अपने भैया के मोटे लंड से आसमान मे उड़ने
लगती है,
गुड़िया- मैं कैसा चोदता हू
गुड़िया- ओह भैया आप बहुत अच्छा चोद्ते हो
विजय-गुड़िया एक बात कहु, कभी-कभी मेरा दिल करता है कि मैं तुझे और मम्मी को दोनो को पूरी नंगी करके एक साथ
पूरी रात चोदु,
गुड़िया- ओह भैया क्या ऐसा हो सकता है क्या मम्मी आपसे अपनी चूत मरवाने को राज़ी हो जाएगी
विजय- हाँ गुड़िया मैं कैसे भी करके मम्मी को इस बार ज़रूर चोदुन्गा
उस रात विजय सारी रात अपनी बहन को तबीयत से ठोकता रहा और फिर गुड़िया जितने दिन उसके पास रही वह दिन रात उसे जी भर कर चोदता था,
क्रमशः...............