XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ - Page 5 - SexBaba
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XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ

दोस्तो, इनको घूमने दो.. चलो वापस आपको रोमा के पास ले चलती हूँ.. वहाँ क्या हो रहा है.. कहीं वहाँ नीरज ने रोमा को चोद तो नहीं दिया ना..
नीरज ने रोमा को अपनी गोद में उठा लिया और बिस्तर पर ले जाकर लेटा दिया। रोमा के दिल की धड़कन बढ़ने लगी थीं, रोमा बस नीरज को देख रही थी और नीरज उसके एकदम करीब आ गया था.. रोमा ने अपनी आँखें बन्द कर ली थीं।
नीरज उसके होंठों को चूसने लगा.. अपने नीचे उसे दबा लिया। अब नीरज का लौड़ा ठीक रोमा की चूत पर सैट हो गया था.. बस कपड़े बीच में आ रहे थे।
रोमा की साँसें तेज होने लगी थीं.. उसका जिस्म जलने लगा था.. मगर वो चुपचाप मज़ा ले रही थी.. अब नीरज के हाथ हरकत करने लगे थे। वो रोमा के अनछुए अमरूदों को सहलाने लगा था.. साथ ही अपने लौड़े को चूत पर रगड़ने लगा था।
करीब 5 मिनट तक ये सब चलता रहा.. रोमा बहुत ज़्यादा उत्तेज़ित हो गई थी.. मगर वो डर भी रही थी। आज से पहले कभी किसी मर्द ने उसके जिस्म को ऐसे टच नहीं किया था और नीरज तो पक्का चोदू था। 
अब उसने अपना हाथ रोमा के टॉप में घुसा दिया और ब्रा के ऊपर से मम्मों को दबाने लगा। दूसरे हाथ को स्कर्ट में डाल कर चूत को मसलने लगा।
रोमा की चूत से पानी रिसने लगा था उसकी पैन्टी पूरी गीली हो गई थी। रोमा को डर था.. कहीं उसके सफ़ेद स्कर्ट पर दाग ना लग जाए..। अब उसकी बर्दाश्त की सीमा पार हो गई थी।
रोमा- आह्ह.. नीरज.. उई सस्स.. प्लीज़ अब बस भी करो.. एयेए.. बहुत देर हो गई आह्ह.. मुझे घर जाना होगा आह्ह..
नीरज- बस थोड़ी देर और मुझे प्यार कर लेने दो.. देखो तुमने वादा किया था.. मना नहीं करोगी.. प्लीज़ बस थोड़ा और मज़ा लेने दो.. तुम्हारे महकते जिस्म ने मुझे मदहोश कर दिया है..
रोमा- आह्ह.. मैं मना नहीं कर रही हूँ कककक.. प्लीज़ आह्ह.. दोबारा आऊँगी आह्ह.. बाकी का तब कर लेना.. आह्ह.. मेरे कपड़े गंदे हो जाएँगे ऐइ…
नीरज समझ गया.. कि रोमा की बातों का क्या मतलब है और उसने ऐसी हरकत कर दी.. जिसका रोमा ने अंदाज़ा भी नहीं लगाया होगा।
नीरज बैठ गया और एक ही झटके में उसने रोमा के स्कर्ट को पकड़ कर खींच दिया। अब रोमा की सफेद पैन्टी में से उसकी गीली चूत साफ नज़र आने लगी.. जिसे देख कर नीरज का दिमाग़ घूम गया।
रोमा- ओह.. माय गॉड.. ये क्या किया आपने.. नहीं ये ग़लत है.. छोड़ो मुझे प्लीज़.. नीरज मुझे शर्म आ रही है।

नीरज- अरे घबराओ मत.. मैं कुछ नहीं करूँगा.. बस प्यार करूँगा.. ये मैंने इसलिए निकाली है.. ताकि खराब ना हो.. प्लीज़ रोमा.. तुम्हें मेरी कसम है बस.. थोड़ी देर मुझे करने दो.. मैं वादा करता हूँ.. बस होंठों से प्यार करूँगा और कुछ नहीं प्लीज़..
 
रोमा बहुत ज़्यादा उत्तेज़ित हो गई थी बस थोड़ी घबरा रही थी। असल में उसको भी ये सब में मज़ा आ रहा था.. मगर वो एक कच्ची कली थी.. उसका डरना भी सही था।
रोमा- आह्ह.. नहीं नीरज.. आज के लिए इतना उई..ई.. काफ़ी है.. आह्ह.. प्लीज़ मुझे घर जाने दो ना।
नीरज- देखो रोमा मुझे ऐसे अधूरा छोड़ कर मत जाओ.. और तुम भी तो प्यार के पहले मिलन का मज़ा लो.. बस 5 मिनट मुझे प्यार करने दो.. उसके बाद चली जाना प्लीज़।
रोमा- आह्ह.. ओके आह्ह.. मगर जल्दी ओफ.. माँ को पता लग गया.. तो मुझे मार देगी वो।
नीरज- मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगा.. जिससे तुमको तकलीफ़ हो.. बस 5 मिनट चुप रहो.. मैं जो करूँ.. करने दो.. देखो कितना मज़ा आता है.. अब बस चुप रहना तुम.. और ये टॉप भी निकाल दो.. मैं तुम्हारे खूबसूरत जिस्म को देखना चाहता हूँ। प्लीज़ ना.. मत कहना.. बस 5 मिनट के लिए अपने आपको मेरे हवाले कर दो।
रोमा समझ गई कि अब मना करने से कोई फायदा भी नहीं.. नीरज मानेगा तो है नहीं.. और उसको भी मज़ा आ रहा था तो उसने चुपचाप ‘हाँ’ में गर्दन हिला दी।
नीरज ने जल्दी से उसका टॉप भी उतार दिया। सफ़ेद ब्रा और पैन्टी में रोमा बला की खूबसूरत लग रही थी। उसका दूधिया बदन और कयामत ढा देने वाला फिगर नीरज को पागल कर रहा था। वो बस बैठहाशा रोमा पर टूट पड़ा। कभी ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को चूसता.. तो कभी उसके पेट को धीरे-धीरे वो रोमा की चूत तक पहुँच गया। पैन्टी के ऊपर से उसने चूत को होंठों में दबा लिया और चूसने लगा।
रोमा- आह्ह.. ऐइ.. नीरज आह्ह.. मुझे कुछ हो रहा है.. ऐइ.. ससस्स.. प्लीज़ अब बस भी करो.. आह्ह.. 5 मिनट हो गए.. ऐइ.. ऐसा मत कररो उई..ई.।
नीरज कुछ ना बोला और बस चूत को चूसता रहा.. रोमा जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी। 
अचानक नीरज ने पैन्टी को एक साइड हटाया और सीधे होंठ चूत पर रख दिए।
रोमा- सस्सस्स आईईइ आह.. नीरज आप्प प्लीज़ आह्ह.. मुझे ज़ोर से आह बाथरूम आ रहा है.. उई..ई.. हटो एयेए।
नीरा ने रोमा की जाँघें पकड़ लीं और ज़ोर-ज़ोर से चूत चाटने लगा। रोमा उत्तेजना के चरम पर थी… किसी भी पल उसकी चूत का जवालामुखी फटने वाला था। वो कमर को हिला-हिला कर मज़ा लेने लगी और आख़िर वो पल आ गया, रोमा की चूत ने अपना पहला कामरस छोड़ना शुरू कर दिया.. जिसे नीरज जीभ से चाटने लगा।
कुछ देर बाद जब रोमा शांत हुई.. उसकी चूत का पूरा रस चाटने के बाद नीरज बैठ गया।
नीरज- आह.. मज़ा आ गया.. रोमा तुम बहुत खूबसूरत हो.. तुम्हारा जिस्म भी महकते गुलाब जैसा है।
रोमा अब ठंडी हो गई थी.. अब उसको अहसास हुआ कि वो सिर्फ़ ब्रा-पैन्टी में नीरज के सामने बैठी है। 
उसने जल्दी से अपने घुटने सिकोड़ लिए और अपने मम्मों और चूत को छुपाने लगी।
नीरज- अरे क्या हुआ रोमा.. तुम्हारे चेहरे पर ये उदासी क्यों.. क्या हुआ.. तुम्हें मज़ा नहीं आया क्या?
रोमा- नहीं नीरज.. अभी जो हुआ अच्छा नहीं हुआ।
नीरज- अरे जान.. ऐसा क्या हो गया.. बस प्यार ही तो किया मैंने.. तुम्हारे सुलगते जिस्म को ठंडा किया मैंने… तुम्हारी जवानी का पहला कामरस निकाला मैंने.. और तुम उदास हो रही हो। अपने दिल पर हाथ रख कर पूछो कि मज़ा आया कि नहीं।
रोमा- सच कहूँ.. ऐसा मज़ा कभी जिंदगी में नहीं आया.. मगर शादी के पहले ये सब करना गलत है ना.. अपनी हवस को पूरा करने के लिए हम समाज के नियम तोड़ रहे हैं।
नीरज- जान कैसी बातें कर रही हो.. प्यार कभी ग़लत नहीं होता.. ना शादी के पहले.. ना शादी के बाद.. हाँ.. अगर प्यार सिर्फ़ हवस के लिए किया जाए.. तो ग़लत है। देखो मैंने अपने कपड़े निकाले क्या.. तुम्हें सेक्स के लिए मजबूर किया क्या..? हाल तो मेरा भी खराब है.. मगर मैं ख़ुदग़र्ज़ नहीं हूँ। अगर तुम खुद चलकर मुझे प्यार दोगी तभी मैं लूँगा.. वरना नहीं.. समझी अब अपने कपड़े पहन लो और जाओ.. मुझे नहीं पता था.. इतना समझाने के बाद भी तुम मेरे प्यार को हवस का नाम दोगी।
रोमा- नहीं नहीं नीरज.. आप मुझे गलत समझ रहे हो.. मेरा ये मतलब नहीं था.. प्लीज़।
बहुत देर तक दोनों में बहस होती रही आख़िरकार रोमा को झुकना पड़ा और नीरज अपने नापाक इरादे में कामयाब हो गया।
रोमा- ओके बाबा मैं कान पकड़ कर सॉरी कहती हूँ.. बस अब आप जो कहोगे.. मैं करूँगी और थैंक्स कि आज आपने मुझे इतना मज़ा दिया।
नीरज- ये हुई ना मोहब्बत वाली बात.. अब देखो मेरी जान.. मैंने तुम्हें इतना मज़ा दिया.. तुमने सारे कपड़े निकाल दिए। मगर ब्रा और पैन्टी नहीं निकाली.. बस एक बार तुम्हारे संगमरमरी जिस्म को बिना कपड़ों के भी दिखा दो न। अपने संतरे जैसे कड़क मम्मों का रस पिला दो.. पैन्टी में छुपी अपनी मादक चूत के दीदार करा दो.. तब मैं समझूँगा कि तुम मुझसे सच्ची मोहब्बत करती हो.. बोलो दिखाओगी ना।
रोमा- छी: छी:.. आप कितने बेशर्म हो.. कैसी बातें करते हो.. मैं नहीं दिखाती.. मुझे शर्म आ रही है।
नीरज- अरे यार.. अब आधी नंगी मेरे सामने खड़ी हो.. पूरी होने में कैसी शर्म और मैं तो तुम्हारा होने वाला पति हूँ.. आज नहीं तो कल.. मेरे सामने नंगी होना ही है.. तो आज क्यों नहीं।
रोमा- ओके ओके.. चलो अपनी आँखें बन्द करो.. मुझे ऐसे शर्म आ रही है और मैं कहूँ.. तब आँखें खोलना।
नीरज ने अपनी आँखें बन्द कर लीं.. तब रोमा ने अपनी ब्रा-पैन्टी भी निकाल दी।
 
दोस्तो, अभी तक मैंने आपको रोमा का फिगर नहीं बताया है.. अब ये पूरी नंगी हो गई है.. तो आप भी गौर से देख लो..
रोमा के मम्मे एकदम गोल सेब की तरह कड़क थे.. उनका साइज़ करीब 30″ का होगा और उसकी कमर एकदम पतली हिरनी की तरह थी.. गाण्ड भी ज़्यादा बड़ी नहीं थी.. मगर थी बड़ी मस्त.. एकदम मुलायम और लचीली.. करीब 32″ की रही होगी। उसकी फूली हुई गुलाबी चूत जिसके आस-पास हल्के रोंए से थे.. बहुत सेक्सी लग रही थी।
रोमा ने धीरे से कहा- लो अब देख लो..
नीरज ने जब आँखें खोलीं.. तो बस देखता ही रह गया.. उसका लौड़ा तो पहले से ही उफान पर था.. अब तो वो पैन्ट फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो गया था।
नीरज- वाउ कुदरत ने बड़ी फ़ुर्सत से तुम्हें बनाया है रोमा.. तुम किसी अप्सरा से काम नहीं दिख रही हो.. अरे अरे.. ऐसे हुस्न को छुपाओ मत.. प्लीज़ देखने दो मुझे.. जी भर कर देख लेने दो न.. प्लीज़ प्लीज़..
रोमा- बस बहुत देख लिया.. आज ही सब कुछ देख लोगे क्या.. अब मुझे देर हो रही है।
नीरज- अरे एक बार मुझे तुम्हारे मम्मों को छूने तो दो..
रोमा- प्लीज़ आज नहीं.. दोबारा आऊँगी.. तब जी भर कर छू लेना.. अभी मुझे जाना होगा।
नीरज- तुम तो बड़ी मतलबी निकलीं यार.. मैंने तुम्हें कितना मज़ा दिया.. तुम्हारी चूत को सुकून दिया और तुम मुझे ऐसे ही अधूरा छोड़ कर जा रही हो.. यह कहा का इंसाफ़ हुआ..?
रोमा- क्क्क..क्या मैं कुछ समझी नहीं.. आप अब मुझसे क्या चाहते हो.. मैंने सब कुछ तो दिखा दिया आपको..
नीरज- तुमने तो दिखा दिया.. मेरा कहाँ कुछ देखा है.. तुम्हारी चूत की आग तो मिट गई.. मेरे लौड़े का भी कुछ सोचो न..
रोमा- छी: छी: .. आप कितने गंदे हो.. कैसी बातें कर रहे हो.. मुझे नहीं देखना.. अब मैं जा रही हूँ और प्लीज़ अब कोई इमोशनल ड्रामा मत करना..
नीरज- हाँ हाँ जाओ.. तुम्हें तो मेरी मोहब्बत ड्रामा लगती है ना.. जाओ.. मगर जाने से पहले बस एक बार अपने मन से सोचो.. मैं तुम्हें सेक्स करने को नहीं बोल रहा.. बस अपना लौड़ा देखने को बोल रहा हूँ.. मैं जानता हूँ सेक्स करना ठीक नहीं होगा। यह प्यार का अपमान होगा.. मगर तुम मेरे ज़ज्बात को नहीं समझोगी.. जाओ तुम..
रोमा- ओके ओके.. बाबा.. अब नाराज़ मत हो.. दिखा दो.. मगर प्लीज़ सेक्स नहीं करना.. तुम्हें मेरी कसम है..
नीरज- ठीक है जान.. नहीं करूँगा.. बस आओ तुम खुद अपने हाथों से इसे आज़ाद करो।
रोमा डरते हुए नीरज के पास आई उसकी पैन्ट खोली.. अब चड्डी में से लौड़ा उसको दिखने लगा। उसने डरते हुए चड्डी नीचे की.. तो नीरज का 7″ का लौड़ा उसको सलामी देने लगा।
रोमा- ओह्ह.. माँ.. ये इतना बड़ा होता है.. मैंने तो कभी सोचा नहीं था..
नीरज- कैसी बात करती हो.. आज नेट के युग में.. तुमने कभी लौड़ा नहीं देखा.. इतनी सीधी भी मत बनो..
रोमा- आपकी कसम.. मैंने कभी नहीं देखा.. बस सुना था कि यह ऐसा होता है।
नीरज- इसका नाम लो जान.. लौड़ा कहो.. लंड कहो.. इसे छू कर देखो.. अच्छा लगेगा..
रोमा का मन भी उसे छूने को बेताब था.. बस नीरज के कहते ही वो लौड़े को सहलाने लगी।
नीरज- आह्ह.. ऐसे मुलायम हाथ.. आज पहली बार लौड़े को छुए हैं.. मज़ा आ गया.. आह्ह.. बस थोड़ी देर ऐसे ही सहलाओ जान.. मेरा पानी निकाल दो.. ताकि मैं भी ठंडा हो जाऊँ.. उसके बाद कोई ड्रामा नहीं.. सीधे घर जाएँगे..
रोमा कुछ नहीं बोली और लौड़े को बड़े प्यार से सहलाती रही।
नीरज उसको समझाता रहा.. ऐसे आगे-पीछे करो.. फिर उसको चूसने को कहा तो रोमा नहीं मानी। उसने साफ-साफ मना कर दिया। नीरज ने भी ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया.. वो जानता था.. कि आज नहीं तो कल.. इसको लौड़ा चुसवा ही देगा!
दस मिनट की कड़ी मेहनत के बाद नीरज के लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया.. जो रोमा के हाथों पर जा लगा.. जिससे उसको बड़ी घिन आई। वो भाग कर बाथरूम में गई.. सब साफ किया।
रोमा- छी:छी: कितने गंदे हो आप.. मेरे हाथ पर ही पानी निकाल दिया।
नीरज- मेरी जान मैंने तो तुम्हारी चूत का पानी पिया है.. तुम हाथ की बात कर रही हो.. कुछ दिनों बाद देखना.. तुम खुद इसे चूस-चूस कर इसका पानी पिओगी।
रोमा- छी:छी:.. कभी नहीं.. मैं ऐसा कभी नहीं करूँगी.. अब प्लीज़ बातें बन्द करो.. चलो.. नहीं तो आज की ये मुलाकात आखिरी मुलाकात बन जाएगी। आप मेरी मॉम का गुस्सा नहीं जानते हो..
नीरज ने आगे कुछ नहीं कहा, दोनों ने कपड़े पहने और नीचे आ गए।
नीरज- रोमा बुरा मत मानना.. तुम बार-बार अपनी मॉम का जिक्र करती हो.. कभी पापा नहीं कहती.. ऐसा क्यों?
रोमा- जब मैं 8 साल की थी.. मेरे पापा एक एक्सीडेंट में चल बसे.. मॉम ने दूसरी शादी नहीं की.. पापा हमारे लिए इतना कर गए थे कि कोई कमी ना रहे.. उनके जाने के बाद मॉम चिड़चिड़ी हो गईं.. बस उनका गुस्सा दिन पर दिन बढ़ता गया.. अब तो मुझे उनसे डर लगने लगा है।
नीरज- ओह्ह.. आई एम सॉरी.. मुझे पता नहीं था..
दोनों बस यूं ही बातें करते रहे.. गाड़ी रोमा के घर से थोड़ी दूर रोक कर नीरज ने रोमा को हल्का सा किस किया और रोमा चली गई।
 
उधर राधे और मीरा मूवी देख कर एक रेस्तरां में गए.. वहाँ से खाना पार्सल करवा कर वापस घर आ गए।
मीरा ने बहुत कहा कि यहीं खाएँगे.. मगर राधे ने उससे कहा.. कुछ खास है घर जाकर बताऊँगा.. तुम खाना ले लो.. मैं अभी आता हूँ।
मीरा- जानू तुमने तो कहा था.. आज ड्रिंक करोगे.. मगर चुपचाप घर आ गए.. ड्रिंक तो की नहीं लगता है.. भूल गए तुम..
राधे- नहीं मेरी जान.. याद है.. खाना लेने के समय में दस मिनट के लिए तुमसे दूर हुआ था.. तब मैंने बियर की बोतल ले ली थीं।
मीरा- झूठ.. तुम्हारे हाथ में कुछ नहीं था.. कहाँ है बताओ?
राधे ने अपनी सलवार के अन्दर से दो बोतलें निकाल कर दिखाईं.. तो मीरा बस देखती रह गई..
मीरा- वाह.. क्या बात है.. मेरे आशिक.. तुम तो बहुत तेज़ निकले.. चलो चेंज कर लो.. पहले पेट भर कर खाना खाएँगे उसके बाद जाम कर पीयेंगे।
राधे- अरे नहीं पगली.. बियर खाने के बाद नहीं.. पहले पीते हैं.. उसके बाद खाना खाते हैं।
मीरा- ओह्ह.. ये बात है.. अच्छा मैं गिलास लेकर आती हूँ.. बाद में मज़े से पीयेंगे.. तुम जल्दी से लड़की से लड़का बन जाओ।
मीरा गिलास लेने गई.. तब तक राधे ने अंडरवियर के अलावा सब कुछ निकाल दिया और बिस्तर पर बैठ गया।
मीरा- ये लो जी.. आप तो बड़े बेशर्म हो.. चेंज करने को कहा था.. तुम तो नंगे ही हो गए।
राधे- मेरी जान पीने का मज़ा दुगुना करना है.. तो तुम भी कपड़े निकाल दो.. आज तुम्हें नये तरीके से पिलाऊँगा।
मीरा- अच्छा ये बात है.. तो लो अभी निकाल देती हूँ.. तुम भी ये अंडरवियर निकाल दो.. जब नंगा होना ही है.. तो पूरी तरह हो जाओ ना..
राधे ने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया.. इधर मीरा भी एकदम नंगी हो गई। उसका दूध सा सफ़ेद जिस्म किसी को भी पागल बना दे.. रात को उसकी चुदाई के बाद भी राधे बस उसको ऐसे देखने लगा.. जैसे पहली बार नंगा देखा हो.. उसका लौड़ा अपने आप खड़ा होने लगा।
मीरा- ऐसे क्या देख रहे हो जानू?
राधे- जान तुम हो ही ऐसी कि बस बार-बार देखने को दिल करता है.. आओ मेरे पास आकर बैठ जाओ.. अपने हाथों से मुझे पिलाओ..
मीरा ने दो गिलास में बियर डाली.. अपने हाथ से राधे को पिलाने लगी और राधे उसके मम्मों को सहलाने लगा।
मीरा- जानू इसमें कितनी बदबू आ रही है ना.. मुझसे तो नहीं पी जाएगी..
राधे- मेरी जान शुरू में अजीब लगेगी.. बाद में मज़ा आएगा.. लो मैं पिलाता हूँ तुम्हें..
मीरा ने एक घूँट लिया.. उसको कड़वी लगी.. उसने मुँह हटा लिया।
राधे- अरे क्या हुआ.. थोड़ी तो पियो..
मीरा- नहीं राधे.. प्लीज़ तुम पी लो.. मुझे कल स्कूल जाना जरूरी है.. अगर मैं पीकर लमलेट हो गई.. तो कल उठना मुश्किल हो जाएगा।
राधे- अच्छा ठीक है.. मेरी मीरा यह गिलास तो पीना ही पड़ेगा और मैं ऐसे पिलाऊँगा कि तुम्हें कड़वी भी नहीं लगेगी।
मीरा- अच्छा.. वो कैसे.. जरा बताओ तो..?
राधे- पहले मेरे लौड़े को चूसो.. ताकि तेरे मुँह की कड़वाहट कम हो जाए.. उसके बाद पिलाऊँगा..
मीरा घुटनों पर बैठ गई और राधे का लौड़ा चूसने लगी.. राधे खड़ा हुआ और लौड़े को चुसवाते हुए बियर पीने लगा।
 
मीरा मस्ती से पूरे लौड़े को चूस रही थी। राधे ने अपना गिलास ख़त्म करके मीरा वाला गिलास उठाया और थोड़ी सी बियर लौड़े पर डाली।
राधे- ना ना रुक मत मेरी जान.. अब मेरे लौड़े की बियर चाट कर साफ कर.. इस तरह बियर भी पी लोगी और मेरे लौड़े को भी मज़ा दे दोगी..
इस तरह धीरे-धीरे करके राधे ने पूरा गिलास मीरा को चटवा दिया.. अब उसका लौड़ा भी चूत में जाने के लिए एकदम तैयार था।
राधे- बस कर मेरी जान.. अब सीधी लेट जा.. आज तेरे यौवन के साथ मिक्स करके बियर पीऊंगा.. आज मैं अपनी तमन्ना पूरी करूँगा।
मीरा समझ गई थी कि राधे क्या चाहता है.. वो सीधी लेट गई।
राधे ने उसके जिस्म पर बियर डाल दी और खुद उसको जीभ से चाटने लगा।
मीरा- आह्ह.. मज़ा आ गया.. तुम्हारी जीभ मेरे जिस्म पर बड़ा मज़ा दे रही है..
राधे अब धीरे-धीरे बियर मीरा के मम्मों पर डालता रहा और उसको चूसता रहा.. मीरा बहुत गर्म हो गई थी.. उसकी चूत गीली हो गई थी।
मीरा- आह्ह.. सस्स राधे आह्ह.. अब बस करो आह्ह.. मेरी चूत आह..
राधे ने बोतल की तरफ देखा.. अभी भी उसमें थोड़ी बियर बाकी थी। वो उठा और मीरा के पैरों को अपने कन्धों पर रखा। अब वो बियर चूत पर डाल कर चाटने लगा।
मीरा- आह्ह.. आह ससस्स चाटो.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है आह्ह..
राधे ने 5 मिनट तक चूत को बड़े प्यार से चाटा.. अब उसका लौड़ा भी बेकाबू हो गया था।
मीरा- आह्ह.. आह्ह.. राधे.. अब बस.. आह्ह.. डाल दो अपना लौड़ा.. मेरी चूत में.. ऐइ अब बर्दाश्त नहीं हो रहा..
राधे ने पैर कंधे पर ही रखे.. सुपाड़े को चूत पर टिकाया और ‘फुच्च’ की आवाज़ के साथ चूत में घुसा दिया।
मीरा- आह्ह.. मर गई रे.. आह्ह.. तुम्हारा लौड़ा है या कोई बम्बू.. आह्ह.. अन्दर जाते ही.. बड़ा दर्द होता है.
राधे- मेरी जान.. एक महीने तक रोज चुदवा लेगी.. तब दर्द क्या सब कुछ भूल जाएगी.. बाद में तुझे ये लौड़ा भी काम लगेगा।
मीरा- आह्ह.. चोदो आह्ह…. ज़ोर से घुसाओ आह्ह.. मज़ा आ रहा है..।
राधे स्पीड से लौड़े को अन्दर-बाहर करने लगा, मीरा की चूत में लौड़ा जड़ तक ठोकर मार रहा था।
मीरा तो आसमानों की सैर कर रही थी।
मीरा- आह्ह.. फक मी आह्ह.. फक मी हार्ड.. ऊई.. फास्ट.. राधे आह्ह.. पूरा घुसा दो.. आह्ह.. फाड़ दो मेरी चूत को.. आह्ह.. मज़ा आ गया आह्ह.. मैं गई.. ऊई.. मेरी चूत फट रही है..
राधे- उहह उहह.. रुक मेरी जान.. आह्ह.. मेरा लौड़ा भी तेरी चूत के पानी में अपना पानी मिलाने के लिए तैयार है बस.. आह्ह.. थोड़ी देर आह्ह.. आह्ह…
मीरा की चूत ने पानी छोड़ दिया और उसके अहसास से ही राधे का लौड़ा भी झड़ने लगा। दोनों के पानी का मिलन हो गया। मीरा और राधे लंबी साँसें लेने लगे।

थोड़ी देर बाद राधे एक तरफ़ लेट गया आज की चुदाई में मीरा को बहुत मज़ा आया।
मीरा- ओह्ह.. मेरे राधे.. सच्ची तुम बहुत अच्छे हो.. कितना मज़ा दिया मुझे.. तुम एक सच्चे मर्द हो.. मेरी जिंदगी में आकर तुमने खुशियाँ बिखेर दीं।
राधे- अभी कहाँ मेरी जान.. बहुत भूख लगी है.. पहले खाना खा लेते हैं उसके बाद बाकी की ख़ुशी दूँगा.. चलो खाना लगाओ।
मीरा- हाँ जानू.. भूख तो मुझे भी बहुत लग रही है। पहले बाथरूम जाकर आती हूँ.. उसके बाद खाना।
राधे- चलो मैं भी साथ चलता हूँ.. दोनों साथ में हल्के होंगे।
मीरा मुस्कुराने लगी और राधे के साथ बाथरूम चली गई।
मीरा- कमोड तो एक ही है.. हम दो हैं.. अब बताओ कैसे पेशाब करेंगे।

राधे- मेरी जान आज मूतने का एक नया तरीका ईजाद करेंगे.. तुम ये बताओ पेशाब ज़ोर से आ रही है क्या?
मीरा- हाँ.. बहुत ज़ोर से आ रही है.. बस रोक कर रखे हूँ।
राधे- मेरा भी वही हाल है.. अब सुनो कमोड को जाने दो.. दीवार के साथ हाथ लगा कर घोड़ी बन जाओ और मैं रेडी कहूँ.. तब मूतना।
मीरा- आख़िर तुम करना क्या चाहते हो?
राधे- तुम बस देखती जाओ.. जैसा मैं कहता हूँ.. तुम वैसा करो।
राधे का लौड़ा बेजान था.. मीरा घोड़ी बन गई थी और राधे अपने लौड़े को उसकी चूत पर बस घुमा रहा था।
मीरा- राधे क्या कर रहे हो.. मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा।
 
राधे का लौड़ा धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था.. अब उसका भी कंट्रोल आउट हो गया था।
राधे ने ज़ोर से ‘रेडी’ कहा.. मीरा की फुद्दी से पेशाब शुरू हुआ.. इधर राधे ने लौड़ा चूत में घुसा दिया और मूतने लगा।
राधे की गर्म पेशाब का अहसास चूत में मीरा को बड़ा मज़ा दे रहा था।
वैसे तो चूत में लौड़ा हो तो पेशाब आना मुश्किल है.. मगर जब लौड़े की नोक पर पेशाब हो.. तब ऐसा हो सकता है। 
राधे भी मज़े से मूतने लगा।
जब दोनों शांत हुए.. तो खिलखिलाकर हँसने लगे। राधे ने शावर चालू कर दिया और दोनों मज़े से नहाने लगे।
पंद्रह मिनट बाद दोनों बाहर आए.. उनकी भूख अब ज़्यादा बढ़ गई थी। अपने बदन को साफ करके दोनों नंगे ही खाना लेकर बैठ गए।
राधे- ले खा मेरी जान.. पेट भर कर खा।
मीरा- उहह.. बस भी करो.. कितना खिलाओगे.. मेरा पेट भर गया।
राधे- अरे खा.. मेरी जान.. जितना खिलाऊँगा.. वो सारा निकाल दूँगा.. ऐसी चुदाई करूँगा कि दोबारा खाना माँगेगी.. हा हा हा हा !
मीरा- अच्छा ये बात है.. मैं भी देखूँगी.. इस बात पर थोड़ा और खाऊँगी मैं।
राधे- खा मेरी जान खा.. आज तुझे ऐसे अपने लौड़े पर कुदवाऊँगा कि सारा खाना हजम हो जाएगा।
दोस्तो, जब तक ये खाना खाते हैं.. हम रोमा का हाल देख आते हैं। उसने अपनी लाइफ में पहली बार लंड को हाथ से ठंडा किया है। अब घर जाकर कुछ तो करेगी.. वो तो चलो रोमा के घर चलते हैं।
रोमा अपने कमरे में लेटी हुई आज के उन सेक्सी पलों को याद कर रही थी, उसका चेहरा साफ बता रहा था कि वो बेहद खुश है.. यानि नीरज की हरकतें उसको अच्छी लगीं।रोमा ने नाईटी पहनी हुई थी और बस नीरज के बारे में सोच रही थी.. तभी उसके फ़ोन पर रिंग हुई।
रोमा- हैलो कौन..?
नीरज- अच्छा जी.. हमारी आवाज़ भी नहीं पहचान रही हो.. मैं नीरज बोल रहा हूँ मेरी जान।
रोमा मस्ती के मूड में थी.. तो उसने कह दिया- कौन नीरज?
नीरज- अच्छा कौन नीरज.. मेरे सामने होती.. तो अभी बता देता कौन नीरज।
रोमा- हा हा हा हा अच्छा क्या करते.. अगर मैं सामने होती तो?
नीरज- बताऊँ.. सुन पाओगी तुम.. इतनी हिम्मत है तुम्हारे अन्दर?
रोमा- मुझमें तो बहुत हिम्मत है.. चाहो तो मेरे ब्वॉय-फ्रेण्ड से पूछ लो.. आज उसके साथ बड़ा हिम्मत का काम किया है मैंने.. आप बताओ आप कितने बड़े हिम्मत वाले हो.. आप क्या करते अगर अभी मैं सामने होती तो?
नीरज- अच्छा जी.. मेरी हिम्मत देखना चाहती हो.. तुम्हारे ब्वॉय-फ्रेण्ड से ज़्यादा पावर है मेरे में.. उसने तो तुम्हें सिर्फ टच करके ठंडा किया होगा.. मैं फ़ोन पर बात करके ही कर सकता हूँ.. समझी!
रोमा बड़े सेक्सी मूड में थी- अच्छा जी.. इतना ही पावर है तो बताओ.. अभी यहाँ होते तो क्या करते?
नीरज- बताता हूँ.. पहले तुम ये बताओ इस वक़्त तुम कहाँ हो.. और तुमने क्या पहना हुआ है।
रोमा- मैं अपने कमरे में हूँ.. दरवाजा लॉक है और मैंने एक शॉर्ट नाईटी पहनी है।
नीरज- अच्छा मेरी जान.. अन्दर क्या पहना है.. वो तो बताओ।
रोमा- अन्दर तो ब्रा और पैन्टी है.. क्यों ये सब आप क्यों पूछ रहे हो?
नीरज- इसलिए पूछ रहा हूँ जान.. ताकि जब मैं बताना शुरू करू कि मैं वहाँ होता तो क्या करता.. मुझे सब पता होना चाहिए ना।
रोमा- अब तो मैंने सब बता दिया ना.. अब आप बताओ क्या करते?
नीरज- चुपके से आता और तुम्हारे मखमली होंठों को चुम्बन करता.. एक हाथ से तुम्हारे सन्तरे सहलाता।
रोमा- अच्छा आगे बोलो..
नीरज- नहीं.. तुम महसूस करो.. जो मैं कहता हूँ.. तब ही मज़ा आएगा।
रोमा- ओके.. अब करूँगी।
नीरज- मैं तुम्हारे मम्मों को धीरे-धीरे दबाता हूँ एक हाथ से.. तुम्हारी नाईटी को ऊपर करता हूँ।
रोमा- आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. करते रहो आह्ह.. आराम से दबाओ ना।
नीरज- अब तुम्हारी नाईटी निकाल दी मैंने.. तुम सिर्फ़ ब्रा-पैन्टी में हो। अब मैं तुम्हारे जिस्म को बेतहाशा चूम रहा हूँ।
रोमा- आह्ह.. आह्ह.. नहीं उफ़फ्फ़.. आईईइ.. नहीं।
नीरज- अब मैंने तुम्हारी ब्रा भी निकाल दी.. तुम्हारे मस्त मम्मों को दबा रहा हूँ।
रोमा सच में गर्म हो गई थी.. उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी थी। वो अपने मम्मे खुद दबाने लगी थी।
नीरज- अब मैंने तुम्हारी पैन्टी भी निकाल दी.. तुम्हारी गुलाबी चूत अब आज़ाद हो गई। अब मैं कभी तुम्हारे मम्मों को चूस रहा हूँ.. चूत को चाट रहा हूँ.. तुम पागल हो रही हो।
रोमा- आह्ह.. ऐइ.. मज़ा आ रहा है.. करते रहो आह्ह।
नीरज- अब मैंने अपने कपड़े निकाल दिए.. मेरे लौड़े को तुम्हारी चूत पर रगड़ रहा हूँ।
रोमा- आह्ह.. ऐइ.. नहीं ऐसा मत करो.. आह्ह.. तुम्हारा बहुत बड़ा है आह्ह।
नीरज- नहीं मेरी जान.. घबराओ मत.. मैं बड़े आराम से तुम्हारी चूत को चोदूँगा.. बस तुम मज़ा लो। अब मैं धीरे-धीरे लौड़े को चूत में घुसा रहा हूँ।
 
रोमा ने नाईटी में हाथ डाल दिया और चूत को रगड़ने लगी।
नीरज- अब मैं लंड को चूत में घुसा रहा हूँ.. महसूस करो तुम.. आह्ह.. तुम्हारी चूत बहुत टाइट है.. आह्ह.. जा नहीं रहा आह्ह…
रोमा इतनी उत्तेजित हो गई थी कि चूत को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगी। उसका फुव्वारा निकल गया- आह्ह.. आईईइ उईईइ.. बस करो.. आह्ह.. मेरा पानी निकल गया.. अब घुसाने की जरूरत नहीं..
नीरज- धत तेरी की.. लौड़ा अन्दर गया नहीं कि तुम झड़ गईं..
रोमा- आप बहुत बदमाश हो.. मुझे नहीं घुसवाना आपका.. ऐसे ही मुझे मज़ा आ गया.. समझे अब सो जाओ.. रात बहुत हो गई है.. सुबह मुझे स्कूल भी जाना है। 
नीरज- रोमा.. मैं तुम्हें बहुत चाहता हूँ कल मिल सकती हो क्या?
रोमा- ना बाबा.. आज ही आपने मेरी हालत खराब कर दी.. अब दोबारा मिलूंगी तो पता नहीं क्या करोगे।
नीरज- अपने दिल पर हाथ रख कर कहो.. मैंने कुछ भी तुम्हारी मर्ज़ी के खिलाफ किया क्या..? या कुछ ऐसा किया जो गलत हो? बताओ रोमा क्या तुम्हें मेरा प्यार करना अच्छा नहीं लगा?
रोमा- नहीं नहीं नीरज.. ऐसी बात नहीं है.. यहाँ तक तो ठीक है.. मगर सेक्स करना ठीक नहीं होगा.. किसी को पता लग गया तो?
नीरज- मैं कब कह रहा हूँ सेक्स के लिए.. तुम कहोगी तो ही करूँगा.. वरना नहीं करूँगा.. बस तुम्हारी मस्त चूत को चूस कर तुम्हें मज़ा दूँगा.. हाँ हो सके तो अपनी चूत के बाल साफ कर लेना.. चिकनी चूत चूसने में ज़्यादा मज़ा आता है.. प्लीज़ कल किसी भी तरह आ जाओ ना.. प्लीज़ तुम्हें मेरी कसम है।
रोमा- अच्छा बाबा.. मैं कोशिश करूँगी अब सो जाओ.. बाय लव यू मेरे जानू..
नीरज ने भी रोमा को ‘लव यू’ कहा और फ़ोन काट दिया।
लो दोस्तो, फ़ोन सेक्स तो हो गया.. अब अपने हीरो के पास भी देख लेते हैं, अब तक तो उनका खाना ख़त्म हो गया होगा।
मीरा- आह.. बहुत खा लिया मैंने.. अब तो हिला भी नहीं जा रहा।
राधे- बिस्तर पर चल मेरी जान.. अभी खाना हजम कर देता हूँ।
मीरा- हाँ चलो.. मैं डरती हूँ क्या.. देखती हूँ कितना दम है तुम्हारे अन्दर.. आ जाओ..
दोनों बिस्तर पर लेट गए। राधे तो बीयर की धुन में मस्त था। हाँ मीरा ने एक गिलास ही लिया था.. जिसका उस पर इतना असर नहीं हुआ।
राधे मीरा के मम्मों को सहलाने लगता है..
मीरा- जानू मेरी चूत को चाटो ना.. मन कर रहा है..
राधे- मन तो मेरा भी लौड़ा चुसवाने का हो रहा है.. चल ऐसा कर 69 के पोज़ में हो जाते हैं.. दोनों का मन रह जाएगा..
दोनों 69 के पोज़ में हो गए.. राधे मज़े से चूत को चाट रहा था.. वहीं मीरा भी पीछे नहीं थी.. पूरा लौड़ा जड़ तक चूस रही थी।
कुछ देर बाद राधे सीधा लेट गया और मीरा को कहा- अब तुम धीरे से लौड़े पर बैठ जाओ..
मीरा लौड़े पर बैठ गई.. सर्रर.. से लौड़ा चूत में घुस गया..
मीरा- आह्ह.. मज़ा आ गया.. अब चोदो..

राधे- मैं नहीं.. मेरी जान तुम चोदोगी.. खुद चलो अपने जिस्म का पूरा भार पैरों पर ले लो और गाण्ड को ऊपर-नीचे करो.. मज़ा आएगा..
मीरा समझ गई कि उसको क्या करना है। अब वो लौड़े पर कूदने लगी और मस्ती में अजीब सी आवाजें निकालने लगी।
मीरा- आह्ह.. आह.. आईईइ फक मी… आह्ह.. फक मी.. माय टार्जन.. आह्ह.. तुम्हारा लौड़ा किसी जंगली जैसा है.. आह्ह.. बहुत बड़ा है आह्ह.. आह्ह..
उसकी बातों से राधे भी उत्तेजित हो गया और नीचे से धक्के मारने लगा।
दस मिनट तक मीरा वैसे ही उछलती रही.. उसको मज़ा तो बहुत आ रहा था.. मगर पैर दुखने लगे थे।
मीरा- आह्ह.. आह.. मेरे प्यारे राधे आह्ह.. प्लीज़.. अब मैं नीचे आई.. आह्ह.. आह्ह.. आ जाऊँ.. पैर दुखने लगे हैं आह्ह.. खाना भी हजम हो गया.. ऐइ चूत में मीठा सा दर्द भी हो रहा है आह्ह..
राधे कुछ बोला नहीं.. बस मुस्कुराता रहा। अचानक उसने मीरा को ऊपर से हटा दिया। अभी वो संभल पाती कि उसके पहले उसके सर को पकड़ कर तकिये पर लगा दिया और उसकी पीठ पकड़ कर उसको घोड़ी बना दिया और एक ही झटके में पूरा लौड़ा चूत में घुसा दिया।
मीरा- आह्ह.. आईईइ.. ये क्या है.. आह्ह.. जो भी है.. आह्ह.. अच्छा है.. चोदो आह्ह.. फास्ट मज़ा आ रहा है.. आह्ह…
राधे- मेरी जान तुम्हें घोड़ी बनाकर चोदने में ज़्यादा मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. अब मेरा पानी निकलने वाला है.. आह्ह.. उहह उहह.. आह्ह.. उहह..
मीरा- आह्ह.. आह्ह.. मेरी चूत भी आह्ह.. ठंडी होने वाली है आह्ह.. आह्ह.. फास्ट..
राधे स्पीड से घपाघप लौड़ा पेलने लगा। कुछ ही देर में दोनों शांत हो गए।
मीरा- ओह्ह.. राधे.. तुम कितना मज़ा देते हो.. मेरी चूत तो मस्त हो गई.. तुम्हारे लौड़े से..
राधे- मेरी जान ये तो शुरूआत है.. आगे और मज़ा आएगा.. बस तेरी ये मुलायम गाण्ड भी मरवाले.. तब मज़ा दुगुना हो जाएगा!
मीरा- मरवा लूँगी मेरे राजा.. सब्र करो और हाँ ये पानी जो चूत में भर कर आए हो.. कहीं मुझे बच्चा ना हो जाए।
राधे- अरे गोली ले रही हो ना.. कुछ नहीं होगा बच्चा तो ममता को देना है।
मीरा- अरे हाँ.. अच्छा याद दिलाया.. कल सुबह ही शुरू हो जाना.. बेचारी बहुत परेशान है। अब मुझे सोने दो.. वरना कल लौड़े में ताक़त नहीं रहेगी..
राधे- मेरी जान अभी कहाँ सोने दूँ.. आज पूरी रात चोदूँगा तुझे और कल का तू टेंशन मत ले.. मेरा लौड़ा बहुत पावर वाला है.. कल भी ममता को बराबर चोदेगा..
मीरा- नहीं नहीं.. अब सो जाओ.. कल मुझे स्कूल भी जाना है प्लीज़.. समझो बात को.. सोने दो…
राधे- अच्छा ठीक है मेरी जान.. चल आजा चिपक कर सोते हैं.. मज़ा आएगा..
दोनों एक-दूसरे को बाँहों में लेकर नंगे ही सो गए.. कब उनको नींद ने अपने आगोश में ले लिया.. पता भी नहीं चला।
 
आज का दिन अलग ही मोड़ लेकर आएगा। आज सुबह के 7 बजे ममता काम पर आ गई। आज उसको देख कर कोई नहीं कह सकता था कि ये वही ममता है। आज तो वो किसी गुलाब की तरह खिली हुई लग रही थी।
उसने गुलाबी साड़ी पहनी हुई थी.. बाल भी सलीके से बँधे हुए थे.. उसकी मटकती गाण्ड आज अलग ही समा बाँध रही थी।
ममता अन्दर आई और सबसे पहले मीरा के कमरे को देखा.. वो खुला है या बन्द है।
ममता बुदबुदाई- ये देखो 7 बज गए.. बीबी जी अभी तक सोई है।
ममता ने दरवाजा को ज़ोर से पीटा और आवाज़ लगाई.. तब कहीं मीरा की आँख खुली.. वो हड़बड़ा कर उठी।
मीरा- उठ गई ममता.. तुम जल्दी से नास्ता बनाओ.. मैं अभी रेडी होती हूँ।
ममता कुछ ना बोली और रसोई में नाश्ता बनाने चली गई।
मीरा जल्दी से नहाकर बाहर आई.. राधे अभी भी नंगा सोया हुआ था।
मीरा- राधे उठो.. देखो ममता आ गई है.. चलो फ्रेश हो जाओ.. मैं बाहर जा रही हूँ.. जल्दी करो।
राधे- अरे सोने दो ना.. ममता को यहीं भेज दो.. अब क्या फ्रेश होना.. उसकी चुदाई तो करनी है न.. जाओ।
मीरा- तुम तो बड़े बेशर्म हो.. उठो नहीं तो मार खाओगे।
मीरा ने मस्ती करके राधे को उठा दिया। वो बाथरूम चला गया और मीरा बाहर आ गई।
ममता- क्या बात है बीबी जी.. आजकल बहुत देर तक सोती रहती हो।
मीरा- अरे क्या बताऊँ ममता.. रात देर से सोई.. तो आँख नहीं खुली।
ममता- ओयएए होये.. बीबी जी.. क्या बात है.. लगता है साहब जी बहुत परेशान करते हैं आपको.. वैसे उनका भी कोई कसूर नहीं.. आप है ही इतनी अच्छी कि कोई भी आपको सोने ना दे।
मीरा- चल हट बदमाश.. तू अपने आप को देख.. कैसे तैयार होकर आई है.. आज तो राधे तुझे कच्ची खा जाएगा।
ममता शर्मा जाती है.. वो कुछ बोलना शुरू करती.. इसके पहले मीरा बोल पड़ी- बस अब बातें बन्द कर नाश्ता करवा.. मुझे स्कूल जाने में देर हो रही है। उसके बाद तू अपने साहब के मज़े लेना.. ठीक है।
मीरा की बात सुनकर ममता को कल का सीन याद आ गया.. उसके जिस्म में राधे के लौड़े को याद करके करंट सा दौड़ गया।
ममता ने मीरा को नाश्ता कराया.. तब तक राधे भी फ्रेश हो कर बाहर आ गया। उसकी नज़र ममता पर गई तो वो बस उसको देखता रह गया।
मीरा- ऐसे क्या देख रहे हो.. आज तुम्हारे लिए तैयार होकर आई है हा हा हा हा।
सभी हँसने लगे.. उसके बाद बस ऐसे ही एक-दूसरे को छेड़ते हुए नाश्ता करने लगे।
उधर रोमा बाथरूम में थी और ना जाने क्या सोच कर वो मुस्कुरा रही थी।
रोमा एकदम नंगी बैठी हुई थी और अपने हाथ-पाँव और चूत के बाल साफ कर रही थी.. शायद नीरज की बात उसको याद थी.. या आज उसका इरादा कुछ और ही था। चलो जो भी हो.. इसको चुदना तो पड़ेगा ही।
रोमा ने अच्छे से सारे बाल साफ किए और नास्ता करके स्कूल चली गई।
स्कूल के मेन गेट पर उसको टीना मिली।
टीना- हाय रोमा.. क्या हुआ.. कहाँ खोई हुई हो तुम?
रोमा- कहीं नहीं यार.. तुम सुनाओ क्या चल रहा है.. परसों स्कूल क्यों नहीं आई तुम?
टीना- अरे क्या बताऊँ.. पीरियड्स प्राब्लम.. दो दिन से.. आज आई हूँ.. क्लास में क्या चल रहा है?
रोमा- कुछ खास नहीं यार.. अच्छा हुआ तू आज आ गई.. मेरा एक काम करेगी?
टीना- हाँ बोल.. क्या काम है?
रोमा- यार मेरी छुट्टी की एप्लीकेशन दे देना.. आज मैं घर वापस जा रही हूँ.. कुछ काम है।
टीना- अरे काम था तो आई ही क्यों.. घर से फ़ोन कर देती यार।
रोमा- तब सोचा नहीं था यार.. और घर पर नहीं पता था.. तू ऐसा करना.. छुट्टी के बाद मैं तेरे घर आ रही हूँ.. आकर सब बताऊँगी।
टीना- अरे आख़िर बात क्या है.. कुछ तो बता.. ऐसे कहाँ जा रही है यार?
रोमा- आकर सब बताती हूँ ना.. प्लीज़ प्लीज़.. मेरी बेस्ट फ्रेण्ड है ना.. अब मैं जाती हूँ.. बाय।
रोमा वहाँ से चली गई और टीना बस उसको देखती रही कि आख़िर बात क्या है.. कहाँ गई है ये?
दोस्तों टीना याद है ना आपको.. या भूल गए.. इसका भी कहानी में एक अहम किरदार है.. मगर अभी नहीं.. वक़्त आने पर इसके बारे में भी बताऊँगी। अभी तो मीरा और रोमा पर ही ध्यान दो कि इनकी किश्ती किनारे लगती है या डूब जाती है।
रोमा चलती जा रही थी और उसने नीरज को फ़ोन किया कि वो स्कूल के पास उसको लेने आ जाए।
जब तक नीरज आता है.. हम वापस राधे के पास चलते हैं।
मीरा के स्कूल जाने के बाद ममता जल्दी से रसोई का काम कर रही थी।
राधे- ममता क्या कर रही हो?
ममता- साहब जी.. बस साफ-सफ़ाई करनी थी.. हो गई.. अब तो आपके हुकुम का इंतजार है।
राधे- कैसे हुकुम का.. मैं कुछ समझा नहीं?
ममता- साहब जी.. अब आप ऐसे शरमाओगे तो हो गया बच्चा।
राधे- ओह्ह.. अच्छा.. मैं कहाँ शर्मा रहा हूँ.. आ जाओ कमरे में.. आज तक तो सुहागरात मनाती थी.. आज हम सुहागदिन मना लेते हैं।
ममता का चेहरा शर्म से लाल हो गया था.. वो भाग कर राधे के सीने से चिपक गई।
दोस्तो, राधे ने बस शॉर्ट्स पहना था टी-शर्ट नहीं.. जब ममता उसके सीने से चिपकी.. तो राधे का नंगा सीना उसको बहुत अच्छा लगा।
अब वो राधे की पीठ पर हाथ घुमाने लगी।
 
राधे ने ममता को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा..
ममता- आह्ह.. यहीं सब करोगे क्या.. साहेब जी.. अन्दर चलो ना..
राधे ने ममता को छोड़ दिया और उसे बाँहों में उठा लिया- मेरी ममता रानी.. आज तो तू बड़ी सेक्सी लग रही है.. मैं तुझे तो आराम से बिस्तर पर लिटा कर चोदूँगा..
ममता- आह्ह.. साहेब जी.. आज मैं भी आपको ऐसा सुख दूँगी कि आप मुझे याद रखोगे।
राधे कमरे में ले जाकर ममता को बिस्तर पर लिटा देता है और उसके होंठों को चूसने लगता है।
ममता- साहेब जी दो मिनट रुक जाओ.. ये साड़ी खराब हो जाएगी.. मैं घर कैसे जाऊँगी.. पहले कपड़े निकाल दूँ.. बाद में जो चाहे कर लेना..
राधे- ठीक है मेरी रानी.. निकाल दे साड़ी और दिखा मुझे अपना सेक्सी जिस्म.. मैं भी देखूँ इस साड़ी में कितना खजाना भरा हुआ है..
ममता खड़ी हो गई और बड़ी ही सेक्सी अदाओं के साथ नंगी होने लगी।
ममता का जिस्म धीरे-धीरे बेपरदा हो रहा था.. इधर राधे का लौड़ा उसकी बहकती जवानी को देख कर खड़ा हो गया था।
दोस्तो, मैंने आपको शुरू में बताया था ना.. ममता के मादक फिगर के बारे में.. आज आप भी उसको बिना कपड़ों के देख लो..
ममता के चूचे 34″ के गोल-गोल कसे हुए थे.. सरजू ने शायद इनका रस बराबर नहीं पिया था.. तभी उसके मम्मे इतने टाइट हैं और ममता की कमर भी किसी हिरनी के जैसी बलखाती हुई थी। उसके लंबे बाल कमर को टच हो रहे थे।
जब राधे की नज़र ममता की चूत पर गई तो वो देखता ही रह गया.. एकदम चिकनी.. पतली सी.. किसी नाव के आकार की चूत.. और सबसे बड़ी बात तो ये कि उसकी इस मस्त चूत को देख कर कोई नहीं कह सकता कि इसमें कभी लौड़ा गया भी होगा..
राधे शॉर्ट्स के ऊपर से लौड़े को सहलाने लगा.. जिसे देख कर ममता मुस्कुरा दी और अपनी पीठ राधे की ओर करके अपनी गाण्ड को हिलाने लगी।
ममता की गाण्ड भी 34″ की थी.. उसकी भारी गाण्ड को देख कर राधे का सब्र जाता रहा.. उसने जल्दी से शॉर्ट्स निकाल दिया। अब उसका बेकाबू लौड़ा आज़ाद हो गया था.. जिसे राधे हाथ से सहला रहा था।
ममता वापस सीधी हो गई और राधे के करीब आकर उसके हाथ को लौड़े से हटा दिया- साहब जी.. मेरे होते हुए आप क्यों तकलीफ़ कर रहे हो.. ऐसे तगड़े लंड को हाथ से नहीं.. होंठों से सहलाया जाता है..
राधे- ममता.. मुझे साहेब मत कहो.. राजा कहो.. ज़्यादा अच्छा लगेगा.. और हाँ.. तुम्हें देख कर लगता ही नहीं कि तुम शादी-शुदा औरत हो.. किसी कमसिन कली के जैसी लगती हो।
ममता- बड़ी मेहरबानी साहेब जी.. जो आपने इस गरीब को इस लायक समझा.. अब मैं आपको राजा ही कहूँगी और हाँ मेरे राजा जी.. मैं बस नाम की शादीशुदा हूँ.. उस हरामी से कहाँ मेरी जवानी का मज़ा लिया गया है.. आप आज खुद देख लेना.. मैं कुँवारी लड़की से कम नहीं हूँ.. मेरा जिस्म वैसा का वैसा है।
इतना बोलकर ममता राधे के लौड़े को चाटने लगी। उसके सुपाड़े को चूसने लगी।
राधे- आह्ह.. ममता रानी.. तेरे होंठों का कमाल तो मैंने कल ही देख लिया था.. आज अपनी चमकती चूत का जलवा दिखाओ..
ममता पूरे लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी.. राधे की आँखें बन्द थीं।
थोड़ी देर में लौड़े को चूस कर ममता अलग हो गई- लो मेरे राजा जी.. ले लो मज़ा मेरी प्यासी जवानी का.. बना लो मुझे अपनी रानी.. आ जाओ मेरे राजा.. मेरी चूत कब से प्यासी है।
ममता सीधी बिस्तर पर लेट गई और मुँह से ‘आहह.. आ जाओ..’ ऐसी सेक्सी आवाजें निकालने लगी।
राधे तो बेकाबू हो गया.. वो ममता पर टूट पड़ा..
अब राधे ममता के ऊपर पड़ा उसके जिस्म को कुचल रहा था.. उसके होंठों का रस पी रहा था। ममता बहुत ज़्यादा प्यासी थी.. शायद किसी मर्द ने ऐसे उसको कभी नहीं मसला था। वो राधे का बराबर साथ दे रही थी। अपनी जीभ राधे के मुँह में देकर चुसवा रही थी.. साथ ही राधे का लौड़ा उसकी चूत से सटा हुआ था और चूत की पुत्तियों से रगड़ मार रहा था.. जिससे उसकी वासना और बढ़ने लगी थी।
राधे अब ममता के कड़क चूचों को दबा रहा था.. उन्हें जोर से मसल रहा था.. चूस रहा था..
ममता- आह्ह.. आह्ह.. उई मेरे राजा.. आह्ह.. मेरे पूरे जिस्म में आग लग रही है.. आह्ह.. मसल दो मुझे आह्ह..
राधे अब धीरे-धीरे ममता के पेट को चूमता हुआ.. उसकी सफाचट चूत पर आ गया..। अब वो उसकी जाँघों को चूसने लगा.. चूत को जीभ से चाटने लगा।
ममता- आह्ह.. उफ़फ्फ़ मेरे राजा.. आज तक मेरी चूत को ऐसे किसी ने नहीं चूसा.. आह्ह.. तुम सच्चे मर्द हो.. आह्ह.. इसस्स.. मेरी चूत में आग लग रही है आह्ह….
राधे- हाँ मेरी रानी.. तेरी चूत बहुत मस्त है.. क्या महकता रस टपक रहा है.. तेरी चूत से.. मज़ा आ गया आज तो.. तेरी चूत को नींबू की तरह निचोड़ कर रस पी जाऊँगा..
ममता- आह्ह.. चूसो.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. उफ़फ्फ़.. मेरा पानी निकलने वाला है.. उई आह्ह.. ज़ोर से चाटो आह्ह..।
राधे एक उंगली से फाँक को सहलाता रहा और चूत को चूसता रहा.. जल्दी ही ममता का बदन अकड़ गया और उसकी चूत से काम रस बहने लगा.. जिसे राधे मज़े लेकर चाटने लगा।
कुछ देर में ममता का जिस्म ठंडा पड़ गया.. तब राधे उसकी चूत से अलग हुआ।
 
ममता लंबी साँसें ले रही थी और राधे उसके ऊपर-नीचे होते चूचों को देख रहा था।
ममता- आह.. क्या देख रहे हो राजा.. अब किस बात का इंतज़ार है.. घुसा दो अपना मोटा डंडा.. मेरी चूत में.. कर दो मेरी चूत को बेहाल..
राधे- नहीं ममता रानी.. इतनी जल्दी नहीं.. पहले तेरे इन लुभावने चूचों को चोदूँगा.. तेरे नर्म होंठों से लौड़े को गीला करूँगा.. उसके बाद तेरी चूत को हरा-भरा करूँगा…
ममता ने अपने दोनों मम्मों को आपस में मिला लिया और राधे से कहा- आ जाओ.. चोद लो.. कर लो अपना अरमान पूरा..
राधे ममता के पेट के दोनों तरफ पैर डाल कर घुटनों के बल बैठ गया और लौड़े को चूचों के बीच घुसा कर चोदने लगा। 
अब सीन ये था कि राधे जब आगे झटका मारता तो लौड़े का सुपाड़ा ममता के मुँह में जाता.. जिसे वो बड़े प्यार से चूसती.. फिर पीछे लेता.. ऐसे ही 5 मिनट तक राधे मज़े से चूचे चोदता रहा और ममता की उत्तेजना बढ़ती रही। उसकी चूत दोबारा से पानी छोड़ने के लिए ‘फड़फड़’ करने लगी थी।
ममता- आह.. मेरे राजा.. बस भी करो.. क्या चूचे चोद कर ही पानी निकालोगे.. आह.. अब मेरी चूत बेकाबू हो गई है और तुम्हारा लौड़ा भी बहुत गर्म हो गया है.. आह.. कहीं ऐसा ना हो.. कि चूत में जाते ही ठंडा हो जाए.. आह..
राधे- नहीं मेरी ममता.. रात भर तेरी बीबी जी की चूत की ठुकाई करता रहा हूँ.. इतनी जल्दी लौड़ा पानी नहीं छोड़ने वाला.. मैं तेरी चूत का कचूमर बना कर ही पानी निकालूँगा.. तूने मेरे लौड़े का कमाल देखा कहाँ है अभी..
ममता- आह सस्सस्स.. तो दिखा दो ना.. मेरे राजा अपने लौड़े का कमाल.. आह.. मेरी चूत की आग मिटा दो ना.. अहहहह..
राधे- ऐसी बात है.. तो चल आज तुझे बता ही देता हूँ मेरे लौड़े में कितनी जान है..
राधे ने ममता के पैरों को मोड़ दिया और एक तकिया उसकी कमर के नीचे लगा दिया.. जिससे उसकी चूत ऊपर को हो गई..
उसके बाद राधे ने लौड़े पर अच्छे से थूक लगाया.. थोड़ा थूक ममता की चूत पर भी लगाया और सुपाड़े को चूत पर सैट करके धीरे से धक्का मारा..
ममता- आह मर गई रे.. मेरे राजा.. लौड़ा तो बहुत मोटा है आह..
राधे- अभी कहाँ मरी मेरी रानी.. बस सुपाड़ा घुसा है.. इतना तो तेरे पति ने छेद खोल ही दिया था ना..
ममता- आह.. छेद तो खोला था.. मगर उसका इतना मोटा नहीं था.. आह.. अब मत तड़पाओ आह.. घुसा दो.. फाड़ दो मेरी चूत को.. कब से तड़फ रही हूँ.. चुदने के लिए आह..
राधे ने कमर को हल्का सा पीछे किया और ज़ोर से झटका मारा.. आधा लंड चूत में घुसता चला गया।
ममता की तो चीख निकल गई, उसे लगा जैसे आज दोबारा उसकी सील टूट गई हो, उसकी आँखों में आँसू आ गए। यही हाल राधे का भी था.. ममता की इतनी टाइट चूत थी कि उसको ज़रा भी नहीं लगा कि यह चुदी हुई है.. एकदम कच्ची कली जैसी चूत थी।
ममता- आह.. आह आईईइ.. धीरे राजा.. उई त..तुम्हारा लंड ह..ह..है.. या बम्बू.. आह.. जान निकाल दी उई..
राधे- अभी कहाँ ममता रानी.. अभी तो आधा गया है.. तेरी चूत तो बहुत टाइट है.. साला तेरा पति नामर्द ही होगा.. तू सही कहती है..
ममता- आहह आधा गया है.. तो ये हाल है.. आह.. पूरा जाएगा तो मेरी चूत फट ही जाएगी.. आह.. घुसा दो.. आज तो आह.. फाड़ दो.. मगर आज पूरा घुसा दो.. मुझे असली चुदाई का मज़ा दो.. आज तक उस नामर्द से अधूरी चुदी हूँ.. आह.. आज चोद दो.. आह.. आईईइ..
राधे आधे लौड़े को आगे-पीछे करने लगा। अब ममता को दर्द के साथ मज़ा आने लगा था। वो गाण्ड हिलाकर चुद रही थी राधे ने मौका देख कर पूरा लौड़ा बाहर निकाला और एक साथ पूरा लौड़ा चूत की गहराई में घुसा दिया।
ये झटका इतना तगड़ा था कि राधे के लौड़े की चोट ममता ने बच्चेदानी पर महसूस की।
ममता- आह उह.. रूको आह.. मर गई मैं आआ आआह..
जब बहुत तेज दर्द के मारे ममता चिल्लाने लगी.. तो राधे ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और घपाघप चोदने लगा।
ममता की आँखें आँसुओं से भर गई थी.. मगर अब दर्द कम हो गया था। लौड़े ने चूत में जगह बना ली थी.. अब वो भी राधे के होंठों को चूसने लगी थी। ममता अपनी गाण्ड को हिला-हिला कर चुदने लगी थी।
 
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