XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ - Page 9 - SexBaba
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XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ

राधे और मीरा कमरे में बैठे बातें कर रहे थे।
मीरा- मेरे प्यारे पतिदेव.. क्या हुआ.. जब से बाहर से आए हो.. मुँह लटका हुआ है.. कुछ बात है तो बता दो.. मैं तुम्हारी पत्नी हूँ.. कोई और नहीं हूँ.. समझे..
राधे- अरे अब क्या बताऊँ मैं.. तुम सुनोगी तो तुम्हें भी टेंशन होगा..
मीरा- अरे बताओ ना प्लीज़.. क्या हुआ?
राधे- नीरज का फ़ोन आया था.. बोल रहा था कि कल कोई जरूरी बात करने यहाँ आ रहा है..
मीरा- अरे तो इसमें टेंशन वाली क्या बात है.. वो तुम्हारा दोस्त है.. आने दो मिल लेना उससे..
राधे- नहीं मीरा.. तुम नहीं जानती लालच ऐसी बीमारी है.. जो इंसान को सब रिश्तों से दूर कर देती है.. लालची आदमी कभी किसी का दोस्त या रिश्तेदार नहीं होता.. नीरज को पैसों की लत लग गई है और ये बात मैं जानता हूँ.. वो उन पैसों से ऐय्याशी कर रहा होगा और कल भी वो और पैसे माँगने आ रहा है।
मीरा- क्या बात कर रहे हो.. कल ही तो 5 लाख दिए.. एक ही दिन में थोड़ी वो पैसे माँगने आएगा.. कोई और बात होगी शायद।
राधे- मीरा तुम अभी इतनी बड़ी भी नहीं हुई कि ये सब समझ सको.. जरूर नीरज कोई बड़ा गेम खेल रहा है और इसी लिए उसको वो 5 भी कम पड़ रहे है। देख लेना वो कल पैसे ही माँगेगा..
मीरा- अरे ऐसे-कैसे माँगेगा.. कोई ज़बरदस्ती है क्या.. ऐसा करो कल मैं भी साथ चलूंगी और मेरे सामने उससे बात करना..
राधे- हाँ ये ठीक रहेगा.. तुम साथ रहोगी तो उसको कुछ शर्म भी महसूस होगी और शायद वो पैसे ना माँग पाए.. मगर वो कितना भी कहे मुझे अकेले में ले जाकर बात करने को.. तुम मानना मत ओके..
मीरा- ओके मेरे आशिक जी.. ओके.. अब तो मूड ठीक करो अपना..
राधे- अब मूड कैसे ठीक होगा.. ये कोई मेरे बस का नहीं.. बस अब तो कल उससे मिलने के बाद ही ठीक होगा।
मीरा- मैं जानती हूँ.. आपका मूड कैसे ठीक करना है.. बस 2 मिनट रूको मैं अभी आई..
मीरा उठी और अलमारी के पास जाकर राधे को आँख बन्द करने को कहा।
राधे- अरे यार क्या है.. अब बोल भी दो ना..
मीरा- प्लीज़ मेरे लिए आँख बन्द करो ना.. मेरे प्यारे आशिक हो ना..
राधे ने दूसरी तरफ़ मुँह कर लिया।
मीरा ने जल्दी से अपने कपड़े निकाले और काली पट्टी लेकर राधे के पीछे जा खड़ी हुई और जल्दी से उसकी आँख पर बाँध दी।
राधे- अरे क्या है मीरा.. मैं कोई जानवर थोड़े हूँ.. जो इतनी ज़ोर से तुमने मेरे सर को पकड़ लिया है..
मीरा- जानवर हो नहीं.. बना दूँगी.. बस 5 मिनट रुक जाओ मेरे राधे जी.. उसके बाद सब मूड ठीक हो जाएगा..
राधे समझ गया कि अब चुदाई के अलावा ये क्या करेगी.. तो वो कुछ नहीं बोला.. वैसे उसका मूड बिल्कुल भी नहीं था.. मगर मीरा की ईमानदार कोशिश ने राधे को चुप रहने पर मजबूर कर दिया।
अब राधे बैठा हुआ था और मीरा उसके कपड़े निकालने लगी.. जिसमें राधे ने भी उसका साथ दिया और राधे को ये भी अहसास हो गया था कि मीरा भी एकदम नंगी है।
जब मीरा ने राधे के पूरे कपड़े निकाल दिए.. उसके बाद वो ज़मीन पर घुटनों के बल चलने लगी और ‘मे मे.. मे.. मे.. करने लगी..
राधे की समझ में कुछ नहीं आया कि अचानक ये क्या हो गया।
राधे- अरे क्या हुआ.. ये कैसी आवाज़ निकाल रही हो?
मीरा- आँख खोल कर देख लो..
जब राधे ने आँख खोली तो मीरा कमरे में बकरी की तरह चल रही थी और ‘मे मे.. मे मे..’ की आवाज़ निकाल रही थी.. जिसे देख कर राधे की हँसी निकल गई- हा हा हा.. ये क्या है मीरा.. तुम बकरी की तरह क्यों मिमिया रही हो।
मीरा- अब बकरी के सामने इतना प्यारा बकरा बैठा हो.. तो वो उसको ‘मे मे..’ करके ही बुलाएगी ना..
राधे- ओह्ह.. तो तुम आज बकरी बनकर चुदना चाहती हो.. मगर मेरी जान मेरे लौड़े को तो देखो.. ये किसी बकरे का नहीं.. घोड़े का लौड़ा लगता है..
मीरा- अच्छा ये बात है.. तो लो मैं घोड़ी बन जाती हूँ.. ‘हिन्न्न हिंन्णणन्..’ अब तो आ जाओ मेरे घोड़े..
राधे भी अब मूड में आ गया था.. वो भी घोड़े की तरह मीरा के पीछे चलने लगा।
मीरा आगे-आगे चल रही थी और राधे ठीक उसके पीछे चल रहा था.. नाक से उसकी चूत की खुश्बू सूंघ रहा था.. जैसे सच में कोई घोड़ा अपनी घोड़ी के साथ मिलन के वक्त करता है।
मीरा कोने में जाकर रुक गई.. तो राधे वैसे ही घोड़ा बना हुआ उसकी चूत चाटने लगा।
थोड़ी देर तो मीरा चूत चटवाती रही.. मगर बाद में वो मुड़ी और राधे के नीचे लेट कर उसके लौड़े को चूसने लगी.. जो अभी तक पूरा खड़ा हो चुका था।
राधे- अरे ये क्या कर रही हो.. दुनिया में कभी घोड़ी भी भला घोड़े का लंड ऐसे चूसती है क्या..?
मीरा- नहीं चूसती होगी.. मगर ये घोड़ी तो चूसेगी हा हा हा हा..
राधे- हा हा हा तुम भी कमाल करती हो यार.. अभी ऐसा लग रहा है जैसे मैं सच का घोड़ा हूँ और तुम कोई सेक्स की प्यासी लड़की हो.. जो चुदवाने को इतनी बेताब हो गई कि घोड़े का लौड़ा भी चूसने लगी।
मीरा- हाँ ये सही कहा आपने.. मैं प्यासी लड़की और तुम एक जंगली घोड़े.. बोलो क़ुबूल है ना..
राधे- हाँ मेरी जान क़ुबूल है.. मगर जंगली घोड़ा क्यों?
मीरा- शहरी घोड़ा तो गाड़ी को खींच कर थक जाता है.. वो कहाँ लड़की को चोदेगा.. तुम जंगली घोड़े ही हो… जिसमें बहुत पावर होता है.. बेलगाम घोड़ा.. हा हा हा हा..
राधे- ओह.. ये बात है.. बेलगाम घोड़ा.. वाह अब इस जंगली घोड़े की चुदाई भी जंगली ही होगी.. तब ना कहना कि बस करो.. मैं मर जाऊँगी..।
मीरा- क्या कहा था तुमने.. मैं कोई जानवर थोड़े ही हूँ.. अब देखो तुम खुद अपने आप को जानवर बोल रहे हो और मैं तो पहले दिन ही तुम्हारे लौड़े पर मर गई थी। अब ये मेरा क्या बिगाड़ लेगा जंगली घोड़े कहीं के.. हा हा हा हा..
इतना बोलकर मीरा खड़ी हुई और भाग कर बिस्तर पर बैठ गई।
 
राधे को पूरी बात समझ में आ गई कि मीरा उसका मूड ठीक करना चाहती थी इसी लिए उसने सब किया। वो भी तेज़ी से उठा और बिस्तर पर जाकर उसने मीरा के बाल पकड़ लिए।
राधे- अबे रुक मीरा की बच्ची.. मेरे को जंगली घोड़ा बोलती है.. अभी तेरी चूत को फाड़ता हूँ।
मीरा- आह्ह.. छोड़ो.. जंगली कहीं के.. मैं नहीं चुदवाती किसी घोड़े से.. जाओ कोई घोड़ी ढूंड लो.. हा हा हा..
राधे- ऐसे-कैसे नहीं चुदवाओगी.. आज एक घोड़ा एक लड़की के साथ ज़बरदस्ती चुदाई करेगा.. कल की खबर होगी कि जंगली घोड़े ने एक लड़की का बलात्कार किया.. हा हा हा हा हा..
इतना बोलकर राधे ने मीरा के होंठों पर अपने होंठ रख दिए.. अब दोनों प्यार के दरिया में डूब गए।
कुछ देर तक किस चलता रहा.. उसके बाद राधे ने मीरा के पैर अपने कंधे पर रख लिए और लौड़े को चूत पर रख कर रगड़ने लगा..
मीरा- आह्ह.. उफ़.. क्या करते हो.. आह्ह.. घुसा दो ना.. आह्ह.. मेरे घोड़े.. उफ.. मत तड़पाओ ना.. मेरे आशिक..
राधे- पहले बोल.. घोड़ा बन कर चोदूँ.. या तेरा आशिक बनकर?
मीरा- आह्ह.. मेरे आशिक बनोगे.. तो आराम से चोदोगे.. ईसस्स्स.. क्योंकि मुझे तकलीफ़ देकर मेरा राधे कभी खुश नहीं रह सकता.. आह ह.. आज तो जंगली घोड़ा बन जाओ.. ममता की हालत मैंने देखी है.. आह.. आईईइ.. आज मेरी भी हालत बिगाड़ दो.. आह्ह.. फाड़ दो मेरी चूत को उह.. आह..
राधे ने एक ही झटके में पूरा लौड़ा चूत में घुसा दिया और स्पीड से झटके मारने लगा।
मीरा- आह आईईईई.. उफफफ्फ़.. मज़ा आ गया.. आह.. क्या बात है आह्ह.. सस्स..
राधे में ना जाने कहाँ से इतनी ताक़त आ गई थी.. वो लगातार झटके मारे जा रहा था.. मीरा का पूरा जिस्म ऐसे हिल रहा था.. जैसे कोई ज़ोर का भूकम्प आ रहा हो।
चूत की ठुकाई करते-करते अचानक राधे ने मीरा के पैर नीचे किए.. उसको उल्टा किया और लौड़ा ‘फ़च्छ’ की आवाज़ के साथ गाण्ड में घुसा दिया..
 
मीरा- उई.. मर गई रे… आह्ह.. उफ़.. ये क्या किया.. आह्ह.. चूत में करंट पैदा होते ही.. आह्ह.. लौड़ा निकाल लिया.. आह्ह.. मुझे झड़ने तो.. आह्ह.. दिया होता..
राधे- उहह उहह.. मुझे पता था कि तेरी चूत ठंडी होने वाली है.. उहह आह.. उहह.. इसी लिए तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसाया.. आह्ह.. उहह.. अब तू मेरा पावर देख.. आह्ह.. और आज तेरा वक्त भी.. आह्ह.. बढ़ा देता हूँ.. आह्ह.. जब तेरी चूत का करंट बन्द होगा.. आह्ह.. वापस लौड़ा चूत में घुसा दूँगा..
राधे ने जो कहा.. वो किया.. पांच मिनट तक गाण्ड मारने के बाद वापस लौड़ा चूत में घुसा दिया। अबकी बार उसने मीरा की कमर पकड़ कर उसको घोड़ी बना दिया और चोदने लगा।
मीरा- आह उफ़.. प्लीज़ आह.. अब मत निकालना.. आह.. मैं गई आह्ह.. उईईइ.. स्पीड बढ़ाओ.. आह.. ज़ोर से आह्ह.. और तेज आह्ह.. आईईईई उई.. उईईईई..
मीरा की चूत ने कामरस छोड़ दिया.. इधर राधे का लौड़ा भी मीरा के रस के साथ अपना रस मिलन कराना चाहता था.. तो वो भी झड़ गया.. जंगली चुदाई अपने अंजाम तक पहुँच गई।
मीरा- आह्ह.. उह.. बस मेरे घोड़े.. अब तो अपना लौड़ा चूत से निकाल लो.. मैं थक गई हूँ.. आह्ह..
राधे ने लौड़ा चूत से निकाला और मीरा के मुँह के आगे कर दिया- ले मेरी जान.. चाट लौड़े को.. देख दोनों के रस का मिला-जुला स्वाद कैसा लगता है..
मीरा ने जीभ से लौड़े को चाट कर एकदम साफ कर दिया। अब दोनों बिस्तर पर सीधे लेटे हुए लंबी साँसें लेने लगे.. जैसे कोई रेस जीत कर आए हों।
क्यों दोस्तो.. मज़ा आया ना यहाँ.. लेकिन वहाँ नीरज सो रहा है या उसके दिमाग़ में कोई शैतानी कीड़ा नाच रहा है.. ये तो वहाँ जाकर ही पता लगेगा।
तो चलो.. वहाँ का नजारा खुद देख लो..
रोमा के जाने के 5 मिनट बाद ही नीरज नंगा ही टीना के कमरे की तरफ़ चला गया और उसके बिस्तर के पास जाकर बैठ गया और टीना को निहारने लगा।
नीरज की आँखों में वासना साफ दिख रही थी।
नीरज- वाह मेरी जान.. ऐसे गहरी नींद में सो रही हो.. यहाँ मेरा लौड़ा तेरी चूत को चोदने को बेताब हो रहा है उफ़.. तेरे ये कड़क चूचे..
नीरज अब टीना के मम्मों को सहलाते हुए उसकी नाईटी के बटन खोलने लगा था।
धीरे-धीरे नीरज ने पूरे बटन खोल दिए.. अब टीना सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में एकदम सीधी सोई हुई थी। उसके 30″ के मम्मे पिंक ब्रा में से नीरज को आवाज़ दे रहे थे.. कि आओ चूस लो हमें.. और जब नीरज की नज़र पिंक पैन्टी में कैद टीना की चूत पर गई.. तो वो मदहोश ही हो गया।
पैन्टी में से टीना की फूली हुई चूत का उभार उसको पागल बना रहा था.. उसके लौड़े में तनाव बढ़ने लगा था।
नीरज- उफ़.. साली कुँवारी चूत की खुश्बू ही अलग होती है.. आज तो जी भर के तेरी चूत को चाटूँगा.. तेरा कुँवारा रस पीऊँगा.. आह्ह.. मज़ा आ जाएगा आज तो..
नीरज अब टीना के होंठ पर किस करने लगा था और एक हाथ से लौड़े को सहला रहा था। कुछ देर बाद नीरज ने अपना लौड़ा टीना के होंठ पर रख दिया और रगड़ने लगा।
नीरज- उफ़फ्फ़ क्या गर्मी है तेरे होंठों में.. साली होंठ ऐसे गर्म हैं तो चूत कितनी गर्म होगी.. उफ़.. अब तो तेरी चूत देखनी ही होगी..
नीरज अब टीना के पैरों के पास आ गया और उसकी पैन्टी नीचे करने लगा।
बस यही वो पल था कि रोमा बाथरूम से जब बाहर आई.. उसको नीरज नहीं दिखा और वो सीधे इस कमरे में आ गई।
जब रोमा ने नीरज की इस गंदी हरकत को देखा.. तो उसका खून खौल गया.. वो गुस्से में लाल हो गई- नीरज, क्या कर रहे हो?
रोमा की आवाज़ सुनते ही नीरज थोड़ा घबरा गया और जल्दी से उसने टीना की पैन्टी छोड़ दी।
नीरज- कुछ नहीं जान.. मैं तो बस ऐसे ही देख रहा था.. टीना उठ तो नहीं गई है ना..
 
रोमा गुस्से में नीरज के करीब आई उसका हाथ पकड़ा और खींचती हुई दूसरे कमरे में ले गई।
नीरज बस कठपुतली की तरह उसके साथ चला गया।
कमरे में जाकर रोमा ने नीरज को ज़ोर से धक्का मारा और बिस्तर पर बैठा दिया।
नीरज- ये क्या है रोमा.. तुम ऐसे क्यों कर रही हो?
रोमा- आपको ज़रा भी शर्म नहीं आई.. टीना के साथ ये करते हुए?
नीरज- अरे ऐसा क्या कर दिया मैंने.. तुम आई नहीं.. तो उसको देखने गया था बस..
रोमा- झूठ मत बोलो.. उसकी नाईटी अपने आप खुल गई क्या.. और आप उसकी पैन्टी क्यों उतार रहे थे.. हाँ बोलो?
नीरज- देख रोमा.. तेरा बहुत हो गया.. हाँ तू ऐसे चिल्ला कर बात मत कर.. हाँ मैंने खोली उसकी नाईटी.. अब रोज-रोज एक ही टेस्ट से बोर हो गया हूँ मैं.. टीना की चूत भी तो आख़िर मुझे ही मारनी है.. तो बस देख रहा था.. कैसी है उसकी चूत?
इतना सुनते ही रोमा को और गुस्सा आ गया और उसने नीरज को थप्पड़ मार दिया।
रोमा- चुप रहो.. मैं तुम्हें दिल से अपना मानती हूँ.. और तुम मेरी सहेली के बारे में ऐसा बोल रहे हो.. कहाँ गई वो प्यार की बातें.. कहाँ गए वो वादे.. हाँ?
नीरज- तेरी इतनी हिम्मत.. साली तूने मुझे मारा.. अरे तेरी जैसी दस को ये नीरज अपने लौड़े पर रखता है.. मैंने तेरे से कोई प्यार नहीं किया.. बस तेरी जवानी का मज़ा लेने के लिए नाटक किया था.. अब साली तेरी चूत में मज़ा नहीं रहा.. अब तो टीना की टाइट चूत को मारूँगा..
रोमा- बंद करो अपनी बकवास.. निकल जाओ यहाँ से.. ऐसा कभी नहीं होगा.. मैं तुम्हें जान से मार दूँगी।
नीरज- अबे हट साली.. तेरी औकात कहाँ है कि तू मुझे मारे.. अब देख.. मेरी एक बात सुन ले.. अगर तू ख़ुशी-ख़ुशी टीना को मेरे हवाले कर देगी.. तो तुझे भी चुदाई का मज़ा देता रहूँगा.. तुम दोनों को एक साथ चोदूँगा.. नहीं तो साली तुझे ऐसी रंडी बना दूँगा कि तू कहीं की नहीं रहेगी.. याद है ना तेरा वीडियो बनाया था मैंने.. साली मैं तुझको बदनाम कर दूँगा..
नीरज की बात सुनते ही रोमा के पैरों के नीचे से ज़मीन निकल खिसक गई.. उसको यकीन नहीं हुआ कि नीरज उसके साथ ऐसा भी कर सकता है।
 
रोमा की आँखों में आँसू आ गए.. वो नीरज के पैरों में गिर गई।
रोमा- नहीं नहीं.. नीरज प्लीज़.. ऐसा कभी मत करना.. मैं मर जाऊँगी.. प्लीज़ तुम्हें हमारे प्यार का वास्ता..
नीरज- अब आई ना साली लाइन पर.. अब सुन.. मैंने कभी तुझसे प्यार नहीं किया.. मुझे बस कच्ची कुँवारी चूत चाहिए थी.. जो मैंने स्कूल के बाहर किया वो सब नाटक था ताकि कोई चिड़िया मेरे जाल में फँस जाए.. तेरी किस्मत अच्छी थी कि तू फँस गई और तुझे लौड़े का सुख मिल गया। अब देख चुपचाप टीना को मेरे हवाले कर दे.. मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगा..
रोमा- नहीं नहीं.. नीरज तुम मेरे साथ जो चाहे कर लो.. टीना को मत बर्बाद करो प्लीज़..
नीरज- अरे बर्बाद कहाँ जान.. मैं तो उसको आबाद कर रहा हूँ.. देखो तुम्हें कैसे मेरे लौड़े की लत लग गई है.. कितना मज़ा आता है चुदाई में.. उसको भी मज़ा आएगा.. दोनों साथ मिलकर चुदना.. बहुत मज़ा आएगा..
रोमा- नहीं नीरज.. ये पाप मुझसे मत करवाओ.. वो मेरी बेस्ट फ्रेण्ड है.. उसको खराब मत करो प्लीज़.. मैं उसको मुँह नहीं दिखा पाऊँगी।
नीरज- चल ठीक है.. अभी मैं उसको नहीं चोदूँगा.. मगर वो खुद मेरे पास चुदवाने आएगी.. तो तू बीच में टांग मत अड़ाना।
रोमा- नहीं ऐसा कैसे हो सकता है.. टीना क्यों ऐसा करेगी?
नीरज- करेगी मेरी जान.. वो जरूर करेगी.. और उसके सामने तुझे शरमिंदा भी नहीं होना पड़ेगा.. अब बोल तू तैयार है ना.. इस बात के लिए.. या कल यू-ट्यूब पर तेरा वीडियो डाल दूँ?
रोमा- नहीं नहीं.. ऐसा मत करना.. अगर वो खुद आएगी.. तो मैं कुछ नहीं कहूँगी.. मगर फिर भी ऐसा होगा कैसे?
नीरज- हा हा हा.. तू मेरे शैतानी दिमाग़ को नहीं जानती.. अरे जिस मर्द के पीछे किसी रंडी का हाथ हो ना.. उसके लिए कोई चीज नामुमकिन नहीं.. ये सब मेरी शीला रानी का कमाल है.. अब सुन अभी मैं टीना को नंगा करके उसका वीडियो बनाऊँगा और तू इस काम में मेरी मदद करेगी.. उसके बाद मैं किसी तरह उसको ये वीडियो दिखा कर अपने पास बुला लूँगा.. तो साली को झक मार के चुदना ही पड़ेगा मेरे से… हा हा हा हा..
रोमा- नहीं.. मैं ऐसा कभी नहीं होने दूँगी, यह गलत है.. मेरे घर में तुम ये सब करोगे.. तो उसको पता नहीं लगेगा क्या?
नीरज- मेरी जान मैं यहाँ हूँ.. इस बात का पता उसको नहीं है ना.. और मैं उसका नहीं.. तेरा भी वीडियो बनाऊँगा.. ताकि वक्त आने पर तू उसको ये बोल दे कि पता नहीं हमारे सोने के बाद कौन घर में आया और हमें नंगा करके ऐसे वीडियो बना के ले गया और अब हमारा क्या होगा?
रोमा ने बहुत ना-नुकुर की.. मगर नीरज की धमकी के आगे उसको झुकना पड़ा.. वो एकदम मजबूर हो गई और उसने ‘हाँ’ कह दी।
रोमा- ठीक है.. मगर बस दूर से वीडियो बनाना उसको तुम अपने गंदे हाथों से छूना भी मत..
नीरज- ये हुई ना बात.. चल तू यहीं रुक.. मैं अभी मेरी नई दुल्हन का दीदार करके आता हूँ..
रोमा- नहीं.. मैं भी साथ रहूंगी.. तुम जैसे घटिया आदमी का कोई भरोसा नहीं..
नीरज- आ जाओ मेरी जान.. किसने रोका है तुम्हें..
दोनों वहाँ से चले गए। टीना अब भी वैसे ही बेसुध पड़ी हुई थी। नीरज ललचाई नज़रों से उसको देख रहा था और उसके पास जाकर उसने ब्रा को नीचे सरका दिया.. तो उसके मम्मे आज़ाद हो गए।
नीरज- वाउ.. क्या मस्त संतरे हैं.. इनमें तो बड़ा रस भरा हुआ होगा.. मेरी जान तेरे चूचे अब रस नहीं देते.. आज तो इस कली का रस पिऊँगा.. आह्ह.. मज़ा आ जाएगा..
नीरज अब पक्का वहशी नज़र आ रहा था.. उसने टीना के मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया.. तो रोमा के तन-बदन में आग लग गई.. वो झट से आगे बढ़ी और नीरज के हाथ को टीना के मम्मों से दूर कर दिया।
रोमा- बस नीरज.. मैंने मना किया था ना.. तेरे गंदे हाथ टीना से दूर रखना..
नीरज- अबे चुप साली.. तू हाथ की बात करती है.. मैं इसको नंगा करके इसके सारे जिस्म पर अपने होंठ की छाप छोड़ने वाला हूँ.. अब तू निकल यहाँ से.. मुझे मज़ा लेने दे..
रोमा के दिल के कोने से आवाज़ आई कि ये आदमी शैतान है.. इसने तुझे तो बर्बाद कर ही दिया है.. अब इस हैवान से.. टीना की जिंदगी सिर्फ तू ही बचा सकती है।
रोमा ने नीरज को एक जोरदार थप्पड़ मारा और आँखें लाल करके बोली- अब यहाँ एक मिनट भी रुका.. तो मैं शोर मचा कर सब को बुला लूँगी..
नीरज- साली दो कौड़ी की लड़की.. तेरी इतनी हिम्मत.. तूने मुझे मारा.. तुझे इसका मज़ा जरूर चखाऊँगा.. सब के सामने तुझे नंगा कर दूँगा.. और शोर मचा कर तू क्या करेगी.. बुला सबको.. मेरे पास भी सबूत है.. कि तू एक रंडी है हा हा हा हा..
रोमा ने अब रौद्र रूप धारण कर लिया था। 
 
वो नीरज को धक्के देने लगी- निकल जाओ यहाँ से.. तुम्हें जो करना हो कर लो.. मगर टीना के साथ मैं ये सब नहीं होने दूँगी..।
नीरज- ठीक है साली.. अभी तो मैं जाता हूँ.. तेरा दिमाग़ सही नहीं है अभी.. मगर याद रख.. कल तक सोच ले.. मैं किसी काम से बाहर जाकर शाम तक आ जाऊँगा.. अगर तुझे बदनाम नहीं होना ना.. तो तू इसको मेरे पास ले आना.. वरना कल सारी दुनिया तेरे रंडी रूप को देख लेगी।
रोमा- जो करना है.. कर लेना.. अभी अपनी गंदी सूरत लेकर यहाँ से निकल जाओ.. वरना वो हाल करूँगी.. याद रखोगे तुम..
नीरज ने उम्मीद नहीं की थी कि रोमा इस तरह पेश आएगी.. उसने कपड़े पहने और वहाँ से निकल गया। उसके जाने के बाद रोमा ने टीना के कपड़े ठीक किए और उसके पास बैठकर रोने लगी।
दोस्तो, यह होता है अंजाम अंधे प्यार का.. अगर आप किसी को प्यार करते हो.. तो इस बात का जरूर ध्यान रखना कि प्यार में ऐसी ग़लती कभी मत करना.. जिससे आपको मजबूर होना पड़ जाए।
सुबह का सूरज राधे और मीरा के लिए तो अच्छा था.. क्योंकि रात को मस्त चुदाई के बाद दोनों चिपक कर सोए थे। 
इधर नीरज के लिए कुछ ठीक नहीं था.. रात को जलील होकर वो शीला के पास चला गया था और उसने बहुत ज़्यादा पी ली थी। वहाँ शीला ने उसको कहा- वो हाथ आ जाएगी.. पहले पैसे का इंतजाम कर.. वो अंग्रेजन हाथ से चली गई.. तो वापस नहीं आएगी..
तो बस नीरज ने रोमा और टीना को कुछ देर के लिए भुला दिया और अंग्रेजन लड़की के चक्कर में सुबह-सुबह पीकर और टल्ली हो गया।
इधर बेचारी रोमा पूरी रात रोती रही उसकी आँखों में रोते-रोते सूजन आ गई थी। जब सुबह टीना उठी तो उसका सर भारी था.. मगर उसको क्या पता.. यहाँ क्या हुआ था। उसने रोमा को देखा तो वो उसके पास बैठी हुई थी।
टीना- गुड-मॉर्निंग रोमा..
रोमा ने झुठी मुस्कान के साथ उसको गुड-मॉर्निंग कहा..
टीना- अरे तू इतनी सुबह-सुबह ऐसे क्यों बैठी है.. क्या हुआ?
रोमा- होना क्या था.. कुछ भी तो नहीं हुआ..
टीना- अरे यार.. तेरा चेहरा देख कर ऐसा लग रहा है.. जैसे सारी रात तू सोई नहीं.. बस रोती रही.. बता ना यार.. मेरा दिल बड़ा बेचैन हो रहा है।
टीना की बात सुनकर रोमा को बहुत रोना आया.. मगर वो डर के मारे रो भी नहीं पाई और बहाना बना कर उसे टाल दिया।
कुछ देर बातें करने के बाद रोमा ने चाय नाश्ता बनाया.. टीना ने भी उसकी मदद की और दोनों रेडी होकर स्कूल चली गईं।
दोस्तो, रात को जो पहाड़ रोमा पर टूटा था.. उसका असर स्कूल में भी टीना को महसूस हो रहा था।
किसी तरह स्कूल का वक्त निकल गया.. टीना ज़िद करके रोमा को अपने साथ घर ले गई.. वहाँ उसको बड़ी मुश्किल से खाना खिलाया और अपने कमरे में लेकर चली गई।
टीना- अरे यार तू सुबह से इतनी मायूस क्यों हो.. बता ना क्या हुआ..? कहीं तेरे नीरज ने कुछ कह दिया क्या.. या उसको मिलने को तरस रही है.. यार आज मौका अच्छा है.. आंटी शाम तक आएंगी.. जा जाकर मिल आ.. तेरा चेहरा खिल उठेगा।
दोस्तो, इसे कहते हैं जले पर नमक छिड़कना.. मगर बेचारी टीना नहीं जानती थी कि रात क्या हुआ.. उसने तो बस अंजाने में ये सब कहा था।
रोमा जो रात से इस दर्द को दिल में छुपाए बैठी थी.. अब वो आँसू बनकर उसकी आँखों से बाहर आ गया।
टीना- अरे अरे.. क्या हुआ रोमा.. तेरी आँखों में आँसू क्यों आ गए?
रोमा फूट-फूट कर रोने लगी.. वो टीना से लिपट गई। उसका रोना देख कर टीना का दिल हिल गया। बड़ी मुश्किल से उसने रोमा को चुप कराया।
टीना- प्लीज़ रोमा.. बताओ न.. क्या हुआ..? मुझे सुबह से कुछ अहसास हो रहा है.. कि कुछ तो गलत हुआ है.. बताओ ना प्लीज़ रोमा.. तुम्हें मेरी दोस्ती की कसम..
रोमा ने अपने दिल का हाल टीना को सुनाना शुरू किया कि कैसे नीरज ने उसको बहला कर उसकी इज़्ज़त के साथ खिलवाड़ किया और धोखे से वीडियो बना कर रात को उसने क्या धमकी दी.. और टीना के साथ जो सुलूक किया.. वो भी रोमा ने बताया.. तो टीना की आँखों में भी आँसू आ गए।
टीना- छी:.. इतना घटिया निकला वो.. उसने अपने गंदे हाथों से मुझे छुआ.. छी:.. सोच कर घिन आती है.. थैंक्स रोमा.. तुमने रात को मेरी जान बचाई.. मगर अब हम क्या करेंगे?
रोमा- यार समझ नहीं आ रहा.. अगर शाम को हम उसके पास नहीं गए.. तो ना जाने वो क्या करेगा?
टीना- तू पागल है.. मैं नहीं जाने वाली उस हरामी के पास.. हम मॉम को सब बता दें या पुलिस को बता दें।
रोमा- अरे नहीं.. ऐसे में तो वो मेरा वीडियो नेट पर डाल देगा।
टीना- यार मुझे बहुत डर लग रहा है.. हम वहाँ गए.. तो वो मेरे साथ भी.. छी: छी:.. नहीं नहीं.. प्लीज़..
रोमा- अरे ऐसा कुछ नहीं होगा.. मैं हूँ ना.. अगर तुझे कुछ होता तो रात को ही हो जाता.. मेरे रहते तू डर मत.. बस किसी तरह उसका फ़ोन हमें लेना है.. उसके बाद उसको अच्छा सबक़ सिखा देंगे..
टीना- हाँ ये सही रहेगा.. मगर हमें बहुत ध्यान से सब करना होगा यार..
वो दोनों काफ़ी वक्त तक बातें करती रही और बस अलग-अलग प्लान बनाती रही कि शाम को कैसे नीरज से फ़ोन लेना है।
दोस्तो, इनको बातें करने दो.. हम नीरज के पास चलते हैं.. जिसकी ये बातें कर रहे हैं वो अभी कहाँ है।
 
नीरज अपने कमरे में नशे में पड़ा हुआ बड़बड़ा रहा था- साली रंडी की ये मज़ाल.. मुझे मारती है.. आज देख साली का क्या हाल करता हूँ.. बस एक बार उनको यहाँ आने दो.. साली को मज़ा चखा दूँगा..
नीरज ना जाने क्या से क्या बोल रहा था.. तभी उसका फ़ोन बजने लगा।
नीरज- अरे मेरे दोस्त.. मेरे भाई.. कैसा है तू.. सॉरी यार सुबह मैं नहीं आ पाया.. बस अभी निकलता हूँ.. शाम तक तेरे पास आ जाऊँगा ओके..
राधे- तू ऐसे कैसे बोल रहा है.. तूने बहुत पी रखी है क्या?
नीरज- अरे नहीं यार.. तू फ़ोन रख, मैं निकलता हूँ.. मैं तो भूल गया था..
दोनों ने काफ़ी देर बात की.. उसके बाद नीरज ने फ़ोन रख दिया।
दोस्तो.. नीरज उसी हालत में नीचे गया और अपनी गाड़ी में बैठ गया। तभी कुछ लड़के एक कार में वहाँ आए.. उन्होंने नीरज को देखा और उससे बात करनी चाही या वे उससे कुछ पूछना चाह रहे थे.. मगर तब तक नीरज ने गाड़ी आगे बढ़ा दी थी।
दोस्तो, अब गाड़ी के साथ-साथ जाने का क्या फायदा.. चलो इसको जाने दो.. रोमा और टीना ने एक प्लान बनाया.. वो सुन लो।
टीना- यार वो कितना घटिया आदमी होगा.. मेरे साथ भी सेक्स करना चाहता है.. ऐसे तो हर बार उसकी डिमाण्ड बढ़ेगी.. आज मैं.. कल वो किसी और के बारे में बात करेगा.. आज उसका खेल ख़त्म करना ही होगा।
रोमा- हाँ हमारा आइडिया अगर ठीक काम किया.. तो समझो आज से उसका सताना खत्म हो जाएगा.. उसके बाद वो कभी हमें परेशान नहीं कर पाएगा।
टीना- बस भगवान से प्रार्थना करो.. हमने जो सोचा.. वो हो जाए और उस कुत्ते से हमारी जान बच जाए।
दोस्तो, इन्होंने तो प्लान बना भी लिया.. मगर क्या.. यह तो मुझे भी नहीं पता। अब शाम होने पर ही पता लगेगा। तो चलो जल्दी से कहानी को फॉरवर्ड करके शाम का सीन देखते हैं।
नीरज ने राधे को फ़ोन करके अपने आने की खबर दे दी थी.. और मीरा और राधे दोनों वहाँ पहले ही पहुँच गए थे।
ये दोनों मेन हाइवे पर खड़े थे यहाँ गाड़ियाँ बिजली की रफ़्तार से दौड़ती हैं यहीं साइड में एक ढाबा है.. जो बहुत मशहूर है.. इसकी चाय और खाना बहुत मशहूर है.. कई बार लोग अपनी गाड़ी को साइड में लगा कर यहाँ रुकते हैं।
नीरज और राधे भी यहीं मिलते हैं.. मगर आज राधे ढाबे से थोड़ा दूर नीरज का इन्तजार कर रहा था।
मीरा- ये आया क्यों नहीं अभी तक?
राधे- अरे आ जाएगा..
वो दोनों अभी बातें कर ही रहे थे.. तभी वहाँ नीरज आ गया.. जिसे देख कर दोनों चुप हो गए। 
राधे- वो देखो आ गया.. उसको देखो कैसे पागल की तरह गाड़ी चला रहा है.. या तो खुद मरेगा या किसी को मारेगा..
मीरा- हाँ दारू के नशे में लगता है.. तभी इतना तेज भाग रहा है..
नीरज ने गाड़ी रोकी और उतर कर लहराता हुआ उनकी तरफ आया।
नीरज- हैलो मेरे दोस्त.. कैसे हो.. ओह.. साथ में भाभी जी भी आई हैं.. वाह.. भाई मज़ा आ गया.. आज तो मेरे स्वागत के लिए दोनों आए हो।
नीरज अभी भी नशे में धुत्त था.. उसके मुँह से शराब की बदबू आ रही थी। मीरा को उस पर बड़ा गुस्सा आया।
राधे- हाँ बोल भाई.. क्या बात हो गई.. जो मुझे यहाँ बुलाया है?
नीरज बड़ी ही गंदी निगाहों से मीरा के मम्मों को घूर रहा था।

मीरा- ओ हैलो.. मुझे घूरना बन्द करो और राधे ने जो पूछा है.. उसका जबाव दो.. क्या काम है?
नीरज- अरे वाह.. आपको गुस्सा भी आता है.. आप बहुत सुन्दर हो इसलिए नज़र है कि हटने का नाम ही नहीं ले रही।
राधे- देख नीरज.. ये सब बात जाने दे.. तू इतनी शराब पीकर आया है.. तुझे पता भी नहीं.. कि तू क्या बोल रहा है। अब जिस काम के लिए आया है.. वो बता दे ताकि हम भी जाएं.. ओके…
नीरज- ठीक है.. बात को घुमाने से क्या फायदा.. तू मेरे को 10 लाख दे दे.. मैं चला जाऊँगा बस..
राधे- क्या तेरा दिमाग़ खराब है क्या.. कल तो 5 दिए थे.. अब मेरे पास कुछ नहीं देने को.. समझा..!
नीरज- अच्छा.. कुछ नहीं है.. देखो ना भाभी जी.. आपके पास इतने पैसे हैं और ये मुझे थोड़े से पैसों के लिए मना कर रहा है.. अब आप ही समझाओ ना इसे..
मीरा- वो पैसे हराम के नहीं हैं.. मेरे पापा की मेहनत के हैं.. समझे.. तुमको जितना दिया.. बहुत हो गया.. अब अपनी मनहूस सूरत लेकर यहाँ से चले जाओ वरना ठीक नहीं होगा..
नीरज- अबे चुप साली रंडी.. मैं इसको तेरी बड़ी बहन बना कर लाया था.. आज इसको तू यार बना कर मेरे को आँख दिखा रही है साली.. इसका लौड़ा तेरे को भा गया क्या.. एक बार मेरे से भी चुद कर देख.. मज़ा आ जाएगा..
 
राधे ने जब यह सुना तो गुस्सा हो गया और उसने नीरज की तरफ गुस्से से देखा और उसको कहने लगा- अपनी ज़ुबान को काबू में रख नीरज.. अगर तू मेरा दोस्त ना होता ना.. तो मैं तेरा मुँह तोड़ देता.. चल माफी माँग मीरा से..
मीरा- नहीं राधे.. इस कुत्ते को पुलिस के हवाले कर दो.. सारी अकल ठिकाने आ जाएगी।
नीरज- अच्छा.. ये तेवर हैं तुम दोनों के.. बुलाओ पुलिस को.. अच्छा ही होगा तुम दोनों तो पैसे दोगे नहीं.. तो तुम्हारे पापा से ही माँग लेता हूँ हा हा हा.. कुछ समझ आया जानेमन.. मैं क्या कहना चाहता हूँ।
राधे- नीरज तुम हमें बेकार में परेशान कर रहे हो।
नीरज- हाँ कर रहा हूँ.. और आगे भी करूँगा.. तू साला दोस्त होकर मुझे डांटता है.. अब चुपचाप पैसे दे दो.. नहीं तो मैं उस बूढ़े को सब बता दूँगा.. और तुम्हारा खेल ख़त्म हो जाएगा।
अब मीरा और राधे दोनों के हलक सूख गए.. नीरज से उनको ऐसी उम्मीद भी नहीं थी.. वो बोलते तो क्या बोलते..
नीरज- अरे अरे.. देखो तो दोनों को साँप सूंघ गया क्या.. अभी तो साली बहुत ज़ुबान चल रही थी तेरी.. हा हा हा.. तेरे बाप को डबल झटका लगेगा.. एक तो ये कि ये राधे साला उसकी बेटी नहीं है.. और दूसरा ये कि उसकी बेटी ने उसको धोखा दिया.. अपने यार से चुदवाती रही और बाप को धोखा देती रही.. हा हा हा.. नहीं नहीं.. मैं कहानी को बदल दूँगा.. मैं कहूँगा.. तू पहले से राधे से प्यार करती थी.. यह सारी चाल तेरी ही थी.. इसको बहन बना कर यहाँ लाना.. तो सोच तेरा बाप तो उसी समय लुढ़क जाएगा। अब बता.. पैसे प्यारे हैं या बाप हा हा हा..
नीरज एकदम शैतान की तरह हँस रहा था। एक तो नशा और ऊपर से अपने आप पर घमण्ड.. उसको कुछ ज़्यादा ही भयानक दिखा रहे थे।
राधे- नीरज तू इतना गिर जाएगा.. मैंने सोचा भी नहीं था.. तेरे जैसे दोस्त को तो जिंदा ज़मीन में गाड़ देना चाहिए।
नीरज- अबे चुप साले.. सारी जिंदगी वहाँ रंडी बनकर नाचता रहता तू.. मैंने तुझे यहाँ तक पहुँचाया है.. समझा.. और इस रसमलाई के लिए तूने मुझे भुला दिया साले.. अब देख तेरे सामने इस साली को नंगा करके चोदूँगा.. हा हा हा हा.. और तू कुछ नहीं बोल पाएगा। इसकी चूत को नया लौड़ा देकर रंडी बना दूँगा साली को..
नीरज की बात सुनकर राधे का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। वो गुस्से में नीरज की तरफ गया। नीरज ने उसको अपनी तरफ आते देखा तो वो हँसता हुआ बिना पीछे देखे.. पीछे की ओर हटा.. तभी.. दोस्तों अब इसे इत्तफ़ाक कहो या कुदरत का खेल.. कि नीरज का सन्तुलन बिगड़ गया और वो नशे की झोंक में पूरा घूम गया और सड़क के बीच में चला गया.. बस तभी एक ट्रक स्पीड से वहाँ से गुजरा और नीरज को उड़ाता हुआ निकल गया।
राधे तो बस देखता ही रह गया कि अचानक ये क्या हुआ। वो ज़ोर से चिल्लाया.. मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
 
राधे- नीरज नीरज.. नहीं नहीं..
मीरा भी एकदम हतप्रभ हो गई कि अचानक ये क्या हो गया?
दोस्तो, आज तो आपका कलेजा मुँह को आ गया होगा.. मगर क्या करें बुराई का अंजाम बुरा ही होता है। अब राधे का इरादा ऐसा बिल्कुल नहीं था। मगर नीरज के पाप का घड़ा शायद भर गया था.. या रोमा की हाय उसको खा गई.. जो यह हादसा हुआ।
अरे अरे नहीं.. क्या सोच रहे हो.. मैं जो ये ज्ञान दे रही हूँ.. तो कहानी खत्म हो गई.. ऐसा कुछ नहीं है। अभी कुछ ट्विस्ट बाकी है मेरे दोस्तो..
आप शायद भूल गए नीरज के पीछे कुछ लड़के आए थे.. वो कहाँ गए.. तो जब नीरज और राधे के बीच ये तमाशा चल रहा था.. वो लड़के कुछ दूर खड़े होकर ये सब देख रहे थे और जब ये हादसा हुआ वो सब स्पीड से नीरज की तरफ़ भागे। मगर कुछ ही देर में वहाँ भीड़ जमा हो गई।
उन्होंने नीरज को उठाया और हॉस्पिटल लेकर गए।
इधर राधे तो एकदम सुन्न सा हो गया उसके हाथ-पाँवों ने काम करना बंद कर दिया था।
मीरा- राधे.. राधे.. क्या हुआ कुछ बोलो?
राधे- मीरा देखो मैंने अपने दोस्त को खो दिया.. उउउ.. उउउ.. मैंने अपने दोस्त को खो दिया उउउ..
मीरा- राधे प्लीज़ चुप रहो.. नीरज को कुछ नहीं होगा.. वो उसको हॉस्पिटल ले गए हैं.. अब चलो यहाँ से.. प्लीज़ ऐसी कोई भी बात मुँह से मत निकालो.. कोई सुन लेगा तो मुसीबत हो जाएगी। तुमने कुछ नहीं किया.. यह बस एक हादसा हुआ है.. ओके.. प्लीज़ चलो यहाँ से..
बड़ी मुश्किल से मीरा ने राधे को समझाया और वहाँ से घर ले गई।
राधे- मीरा हमें उसके पास जाना चाहिए.. वो ठीक तो होगा ना?
मीरा- नहीं.. हमारा वहाँ जाना ठीक नहीं होगा.. समझो बात को.. पापा को पता चल जाएगा। मैं किसी तरह पता लगा लूँगी। मगर प्लीज़ तब तक तुम घर पर ही रुकना.. ओके..
राधे- नहीं मीरा.. अगर उसको कुछ हो गया.. तो मैं कभी अपने आपको माफ़ नहीं कर पाऊँगा. वो कैसा भी हो.. मेरा दोस्त था.. प्लीज़ चलो..
मीरा- मेरा विश्वास करो.. उसको कुछ नहीं होगा। मैं जाकर आती हूँ ना.. प्लीज़ तब तक तुम बस यहीं रहो।
मीरा वहाँ से वापस निकल गई और राधे एकदम सुन्न सा होकर वहीं बैठ गया। 
 
उधर रोमा और टीना के दिल की धड़कनें तेज हो रही थीं.. क्योंकि शाम हो चुकी थी और अब नीरज के पास जाने का समय हो गया था।
टीना- यार मेरा तो दिल बड़ा घबरा रहा है.. अब क्या होगा?
रोमा- अरे कुछ नहीं होगा.. रुक मैं उसको फ़ोन करती हूँ।
रोमा ने नीरज को फ़ोन लगाया.. मगर उसका फ़ोन बन्द था। कई बार रोमा ने ट्राइ किया.. मगर कोई फायदा नहीं हुआ।
टीना- अरे क्या हुआ?
रोमा- यार कितनी बार ट्राइ किया.. फ़ोन बन्द है उसका..
टीना- चलो जान बची.. पड़ा होगा कहीं पीकर.. तू अब फ़ोन मत कर।
रोमा- यार कहीं उसने वीडियो नेट पर डाल दिया तो?
टीना- अरे ऐसे कैसे डाल देगा.. उसका फ़ोन बन्द है.. इसमें हमारी क्या ग़लती है.. और वैसे भी वो ऐसी ग़लती नहीं करेगा। तुमसे उसको बड़ा फायदा है.. तुमको वो ऐसे हाथ से जाने नहीं देगा। चल आज तो बच गए.. आगे का बाद में सोच लेंगे।
रोमा वहाँ से अपने घर चली जाती है और बस नीरज के बारे में ही सोचती रहती है। नीरज के व्यवहार से उसके दिल को बड़ा धकका लगा था। मगर टीना की इज़्ज़त बचाने के लिए उसने अपना दिल मजबूत किया हुआ था।
दोस्तो, अब यहाँ भी कुछ नहीं है.. उधर मीरा वापस आ गई है.. तो देखो वहाँ क्या हुआ होगा।
राधे कमरे में बैठा हुआ था.. मीरा को देख कर वो खड़ा हो गया। वो कुछ बोलता.. उसके पहले मीरा बोल पड़ी।
मीरा- अरे मेरे आशिक.. ऐसे मुँह लटकाए क्यों बैठे हो.. नीरज ठीक है ओके.. अब तुम टेन्शन मत लो.. मैं खुद उससे मिलकर आई हूँ। उसने माफी भी माँगी और तुम्हें भी सॉरी बोला है। अब उसको अपनी ग़लती का अहसास हो गया है.. वो हमें अब दोबारा परेशान नहीं करेगा।
राधे- ओह्ह.. थैंक्स.. भगवान ने मेरी सुन ली.. नहीं तो में अपने आपको कभी माफ़ नहीं कर पाता.. मुझे उससे मिलना है!
मीरा- अरे नहीं.. उसके कुछ दोस्त वहाँ आ गए थे.. डॉक्टर ने कहा है कि इसको मुंबई ले जाओ.. तो अच्छा रहेगा। बस उसके सर पर चोट आई है और पैर टूटा है.. वो ठीक है यार.. बाद में कभी आराम से मिल लेना।
राधे- ओके मीरा अच्छा हुआ कि उसको अपनी ग़लती का अहसास हो गया।
राधे ख़ुशी के मारे मीरा से लिपट गया और काफ़ी देर तक दोनों वैसे ही लिपटे खड़े रहे।
दोस्तो, अब आज की रात सेक्स होगा.. यह तो भूल ही जाओ.. कहानी थोड़ा गमगीन अवस्था में चल रही है.. तो चलो रात को फास्ट फॉरवर्ड करो और सीधे सुबह का सूरज निकलते हुए देखो।
दोस्तो, सुबह का सूरज तो निकला.. मगर इस सुबह ने रोमा के दिल की धड़कनों को बढ़ा दिया।
रोमा अभी भी टेन्शन में थी कि नीरज ने फ़ोन क्यों नहीं किया और अभी तक भी उसका फ़ोन बन्द है। कहीं ऐसा ना हो वो स्कूल जाए और वहाँ पहले ही सबके पास उसका एमएमएस पहुँच गया हो.. बस इसी उलझन में वो तैयार हुई। 
उसकी माँ ने भी उसको कहा- आज तेरा चेहरा क्यों उतरा हुआ है?
मगर उसने बुखार का बहाना बना दिया। वो चाह रही थी कि माँ उसको स्कूल जाने से रोक दे.. मगर ऐसा हुआ नहीं और वो बेचारी बेमन से स्कूल के लिए निकल गई।
उधर रोज का आलम था.. ममता आई अपने काम में लग गई और मीरा भी स्कूल चली गई।
ममता- क्या हुआ साहेब जी.. आज बड़े उदास लग रहे हो.. रात को बीबी जी से झगड़ा हुआ क्या?
राधे- अरे नहीं.. ऐसा कुछ नहीं है.. आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है.. तो बस मूड खराब है.. तू अपना काम कर.. मुझे परेशान ना करना.. मैं थोड़ा आराम करना चाहता हूँ।
ममता को लगा कि आज तो उसको लौड़े का स्वाद नहीं मिलेगा.. तो उसने भी मन मार कर अपनी चूत को समझा दिया और काम पर लग गई।
उधर टीना और रोमा स्कूल में बस इसी बात पर बात कर रही थीं कि आख़िर नीरज कहाँ गायब हो गया। मगर उनके लिए नीरज एक अनसुलझी पहेली की तरह हो गया था। 
 
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