desiaks
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गीति बोली- ठीक है, आज रात का प्रोग्राम है न?मैं बोला- तुम फैसला करो, मेरी तरफ से तो हाँ है ही. जैसा कि तुम देख रही हो, मैं तो हर वक्त तैयार रहता हूँ.गीति हँसते हुए बोली- वही तो!मैं बोला- तो जाओ अपनी पिकनिक पर!गीति बोली- ठीक है..
वो मुड़ी जाने के लिए फिर न जाने क्या सोच कर मुड़ी और तेज़ी से आई और मेरे खड़े लंड को चूम कर भाग गई.नैना यह सारा नज़ारा देख रही थी दरवाज़े के पीछे से, वो हँसते हुए आई और बोली- वाह छोटे मालिक, मान गए ! आप वाकयी में प्रेमियों के बादशाह हो.मैं बोला- आओ ज़रा पकड़ो तो सही इस लंड को, बैठ ही नहीं रहा साला!
नैना मुस्कराती हुई आई और मेरे लंड के साथ खेलने लगी, फिर उसने उसको मुंह में डाल लिया और चूसने लगी.मैं बोला- अरे नैना, दरवाज़ा तो बंद कर ले ना यार, नहीं तो कोई और आ जायेगा.
नैना गई और दरवाज़ा बंद कर ही रही थी कि विनी आ गई, उसकी आवाज़ सुन कर मैं बाथरूम में भाग गया, मुझको कमरे में न देख कर वो वापस चली गई.
नैना ने बाथरूम का दरवाज़ा खटखटाया और मैं वैसे ही बाहर निकल आया, बाहर आते ही मैंने नैना को पकड़ लिया और उसकी धोती को पीछे से ऊंचा कर दिया और उसको पलंग के ऊपर हाथ रख कर खड़ा कर और फिर मैंने ज़रा सी थूक लंड पर लगाई और हिनहिनाते लंड को नैना की चूत में घुसेड़ दिया.
पहले धीरे धीरे शुरू कर के तेज़ी से धक्के मारे तो नैना जल्दी ही झड़ गई और फिर मैंने लम्बे लम्बे धक्के लगाये यानि पूरा निकाल कर फिर पूरा अंदर डाल कर धक्के मारना शुरू किया.और तकरीबन 10 मिन्ट की चुदाई में ही नैना फिर कांपती हुई झड़ गई.अब नैना बोली- बस करो छोटे मालिक, बहुत हो गया.
मैंने अपना लंड निकाल लिया और नैना ने अपने पेटीकोट से मेरा लंड साफ़ किया और अपनी धोती नीचे करके बाहर जाने के लिए तैयार हुई फिर वो रुक कर मुझको एक ज़ोर से प्यार की जफ़्फ़ी मारी और लबों पर गीली चुम्मी की और बोली- एक बात कहूँ छोटे मालिक?मैं बोला- हाँ हाँ, बोलो?नैना बोली- छोटे मालिक, आपकी जो भी बीवी होगी, वो बहुत ही खुशकिस्मत होगी.मैं बोला- क्यों क्यों?नैना हँसते हुए बोली- आप उसकी इतनी चुदाई करोगे, वो आपकी ग़ुलाम बन कर रहेगी हमेशा.मैं भी हँसते हुए बोला- नैना, तुम ही चुनना, जो भी लड़की तुमको पसंद होगी, मैं उससे ही शादी करूंगा. ठीक है न?नैना बोली- ठीक है छोटे मालिक, मैं ही चुन लूंगी आपके लिए लड़की.यह कह कर वो चली गई.
रात को खाना खाने के बाद दोनों बहनें मेरे कमरे में एकत्रित हुईं, नैना भी आ गई. हम सबने कोकाकोला पिया और फिर बातें शुरू हुईं.नैना बोली- देखो गीति और विनी, तुम दोनों की योनि में काफी इन्फेक्शन थी जिस कारण से छोटे मालिक ने आपके साथ सेक्स करने से इंकार कर दिया था और मैं आपको लेडी डॉक्टर से इलाज के लिए ले गई थी. अब तुम दोनों ठीक हो और काम क्रीड़ा के लिए तैयार हो. इस बारे में छोटे मालिक आपसे कुछ पूछना चाहते हैं. ठीक है?दोनों ने हाँ में सर हिला दिया.
मैं बोला- देखो, तुम दोनों मेरे पापा के खास मित्र की लड़कियाँ हो और वो तुम को मेरे को सौंप कर गए हैं ताकि तुम कॉलेज की पढाई पूरी कर सको. अब यह मेरे लिए बहुत गलत होगा कि मैं उनके विश्वास को तोडूँ और तुम से सम्बन्ध बनाऊँ.दोनों लड़कियाँ चुप रहीं.
फिर कुछ सोचने के बाद गीति बोली- सतीश, तुम ठीक कह रहे हो लेकिन हम भी तो काफी आस लगाये बैठी थी इतने दिन कि ठीक होने पर हम तुमसे ज़रूर मिल लेंगे. तुम ही बताओ कि हम क्या करें जिससे तुमको यह फीलिंग न हो कि तुम पापा के दोस्त की लड़कियों के साथ कुछ गलत कर रहो हो?
मैंने नैना की तरफ देखा, वो समझ गई और बोली- गीति और विनी, तुमको सतीश की भावना का आदर करना चाहये लेकिन आप दोनों की बहुत ही इच्छा है तो तुम यह कागज पर लिख कर दे दो कि तुम जो यह सब करने जा रही हो वो तुम्हारी अपनी मर्ज़ी से है और इसमें सतीश का कोई दोष या दबाव नहीं है.
दोनों झट मान गई और नैना ने जो कागज़ तैयार कर रखा था उस पर दोनों ने दस्तखत कर दिए.अब नैना बोली- अच्छा यह बताओ तुम ‘सेक्स कैसे करते हैं’ देखना चाहोगी या फिर सीधे खुद ही करने के लिए तैयार हो?दोनों बोली- देखना क्या है, जो सुन रखा है सहेलियों से वही ही तो होगा ना?
नैना हंस पड़ी- बड़ी जल्दी है चुदवाने की तुम दोनों को?दोनों खी खी करके हंसने लगी.नैना बोली- अच्छा तो उतारो अपनी साड़ियाँ और ब्लाउज एक एक कर के!
गीति बड़े नाज़ो अंदाज़ से कपड़े उतार रही थी और विनी जल्दी जल्दी सब कपड़े उतार कर मैदान में आ गई. उसके मम्मे छोटे और सख्त थे और उसके चूतड़ गोल लेकिन बहुत छोटे थे.उधर गीति भी कपड़े उतार कर तैयार होकर आ गई. वो भी पूरी कॉपी थी छोटी बहन की, दोनों काफी पतली थी लेकिन फिर भी काफी सेक्सी लग रही थी.दोनों की चूत पर घने काले बाल छाए हुए थे.
विनी जल्दी से मेरे पास आई और मेरे होटों पर चूमने लगी, गीति शांत खड़ी थी.तब तक मैं और नैना भी कपड़ेउतार चुके थे. नैना के सामने दोनों लड़कियाँ बहुत किशोर युवतियाँ लग़ रही थी.
कहानी जारी रहेगी.
वो मुड़ी जाने के लिए फिर न जाने क्या सोच कर मुड़ी और तेज़ी से आई और मेरे खड़े लंड को चूम कर भाग गई.नैना यह सारा नज़ारा देख रही थी दरवाज़े के पीछे से, वो हँसते हुए आई और बोली- वाह छोटे मालिक, मान गए ! आप वाकयी में प्रेमियों के बादशाह हो.मैं बोला- आओ ज़रा पकड़ो तो सही इस लंड को, बैठ ही नहीं रहा साला!
नैना मुस्कराती हुई आई और मेरे लंड के साथ खेलने लगी, फिर उसने उसको मुंह में डाल लिया और चूसने लगी.मैं बोला- अरे नैना, दरवाज़ा तो बंद कर ले ना यार, नहीं तो कोई और आ जायेगा.
नैना गई और दरवाज़ा बंद कर ही रही थी कि विनी आ गई, उसकी आवाज़ सुन कर मैं बाथरूम में भाग गया, मुझको कमरे में न देख कर वो वापस चली गई.
नैना ने बाथरूम का दरवाज़ा खटखटाया और मैं वैसे ही बाहर निकल आया, बाहर आते ही मैंने नैना को पकड़ लिया और उसकी धोती को पीछे से ऊंचा कर दिया और उसको पलंग के ऊपर हाथ रख कर खड़ा कर और फिर मैंने ज़रा सी थूक लंड पर लगाई और हिनहिनाते लंड को नैना की चूत में घुसेड़ दिया.
पहले धीरे धीरे शुरू कर के तेज़ी से धक्के मारे तो नैना जल्दी ही झड़ गई और फिर मैंने लम्बे लम्बे धक्के लगाये यानि पूरा निकाल कर फिर पूरा अंदर डाल कर धक्के मारना शुरू किया.और तकरीबन 10 मिन्ट की चुदाई में ही नैना फिर कांपती हुई झड़ गई.अब नैना बोली- बस करो छोटे मालिक, बहुत हो गया.
मैंने अपना लंड निकाल लिया और नैना ने अपने पेटीकोट से मेरा लंड साफ़ किया और अपनी धोती नीचे करके बाहर जाने के लिए तैयार हुई फिर वो रुक कर मुझको एक ज़ोर से प्यार की जफ़्फ़ी मारी और लबों पर गीली चुम्मी की और बोली- एक बात कहूँ छोटे मालिक?मैं बोला- हाँ हाँ, बोलो?नैना बोली- छोटे मालिक, आपकी जो भी बीवी होगी, वो बहुत ही खुशकिस्मत होगी.मैं बोला- क्यों क्यों?नैना हँसते हुए बोली- आप उसकी इतनी चुदाई करोगे, वो आपकी ग़ुलाम बन कर रहेगी हमेशा.मैं भी हँसते हुए बोला- नैना, तुम ही चुनना, जो भी लड़की तुमको पसंद होगी, मैं उससे ही शादी करूंगा. ठीक है न?नैना बोली- ठीक है छोटे मालिक, मैं ही चुन लूंगी आपके लिए लड़की.यह कह कर वो चली गई.
रात को खाना खाने के बाद दोनों बहनें मेरे कमरे में एकत्रित हुईं, नैना भी आ गई. हम सबने कोकाकोला पिया और फिर बातें शुरू हुईं.नैना बोली- देखो गीति और विनी, तुम दोनों की योनि में काफी इन्फेक्शन थी जिस कारण से छोटे मालिक ने आपके साथ सेक्स करने से इंकार कर दिया था और मैं आपको लेडी डॉक्टर से इलाज के लिए ले गई थी. अब तुम दोनों ठीक हो और काम क्रीड़ा के लिए तैयार हो. इस बारे में छोटे मालिक आपसे कुछ पूछना चाहते हैं. ठीक है?दोनों ने हाँ में सर हिला दिया.
मैं बोला- देखो, तुम दोनों मेरे पापा के खास मित्र की लड़कियाँ हो और वो तुम को मेरे को सौंप कर गए हैं ताकि तुम कॉलेज की पढाई पूरी कर सको. अब यह मेरे लिए बहुत गलत होगा कि मैं उनके विश्वास को तोडूँ और तुम से सम्बन्ध बनाऊँ.दोनों लड़कियाँ चुप रहीं.
फिर कुछ सोचने के बाद गीति बोली- सतीश, तुम ठीक कह रहे हो लेकिन हम भी तो काफी आस लगाये बैठी थी इतने दिन कि ठीक होने पर हम तुमसे ज़रूर मिल लेंगे. तुम ही बताओ कि हम क्या करें जिससे तुमको यह फीलिंग न हो कि तुम पापा के दोस्त की लड़कियों के साथ कुछ गलत कर रहो हो?
मैंने नैना की तरफ देखा, वो समझ गई और बोली- गीति और विनी, तुमको सतीश की भावना का आदर करना चाहये लेकिन आप दोनों की बहुत ही इच्छा है तो तुम यह कागज पर लिख कर दे दो कि तुम जो यह सब करने जा रही हो वो तुम्हारी अपनी मर्ज़ी से है और इसमें सतीश का कोई दोष या दबाव नहीं है.
दोनों झट मान गई और नैना ने जो कागज़ तैयार कर रखा था उस पर दोनों ने दस्तखत कर दिए.अब नैना बोली- अच्छा यह बताओ तुम ‘सेक्स कैसे करते हैं’ देखना चाहोगी या फिर सीधे खुद ही करने के लिए तैयार हो?दोनों बोली- देखना क्या है, जो सुन रखा है सहेलियों से वही ही तो होगा ना?
नैना हंस पड़ी- बड़ी जल्दी है चुदवाने की तुम दोनों को?दोनों खी खी करके हंसने लगी.नैना बोली- अच्छा तो उतारो अपनी साड़ियाँ और ब्लाउज एक एक कर के!
गीति बड़े नाज़ो अंदाज़ से कपड़े उतार रही थी और विनी जल्दी जल्दी सब कपड़े उतार कर मैदान में आ गई. उसके मम्मे छोटे और सख्त थे और उसके चूतड़ गोल लेकिन बहुत छोटे थे.उधर गीति भी कपड़े उतार कर तैयार होकर आ गई. वो भी पूरी कॉपी थी छोटी बहन की, दोनों काफी पतली थी लेकिन फिर भी काफी सेक्सी लग रही थी.दोनों की चूत पर घने काले बाल छाए हुए थे.
विनी जल्दी से मेरे पास आई और मेरे होटों पर चूमने लगी, गीति शांत खड़ी थी.तब तक मैं और नैना भी कपड़ेउतार चुके थे. नैना के सामने दोनों लड़कियाँ बहुत किशोर युवतियाँ लग़ रही थी.
कहानी जारी रहेगी.