desiaks
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कॉलेज में मिली नई दोस्त चूतें
अगले दिन कॉलेज में हम दोनों ने अपने नाम भी लिखवा दिए और पैसे भी जमा करवा दिए.अगले हफ्ते का प्रोग्राम बना था जिसमें रात को ट्रेन से दिल्ली जाना था और एक दिन और रात दिल्ली रहना था, और अगली सुबह बस से आगरा के लिए निकलना था, वो रात आगरा में रहना था और फिर लखनऊ की वापसी थी.
मैं सोच रहा था कि मैडम साथ है तो शायद चुदाई का मौका ही न मिले पूनम या फिर किसी और लड़की के साथ!लेकिन मेरा इस बात पर कोई बस नहीं था.
अगले दिन मैडम ने दिल्ली, आगरा जाने वाले लड़कों और लड़कियों की मीटिंग बुलाई जिसमें उन्होंने पूरा कार्यक्रम समझा दिया, यह भी बता दिया कि 2 फर्स्ट क्लास के कूपे में लड़कियाँ रहेंगी और लड़के भी इसी तरह लड़कों के लिए तय कूपे में रहेंगे.
मैंने जाने वाली लड़कियों की तरफ ध्यान से देखा, सब अच्छे घरों की लग रही थी और उनमें से मैं किसी को भी नहीं जानता था.
मीटिंग खत्म होने पर 2 लड़कियाँ मेरी तरफ आ रहीं थी, मैं रुक गया, एक लड़की बोली- क्या तुम ही सतीश ठाकुर हो?मैं हैरानी से बोला- जी हाँ मैं सतीश हूँ, बोलिए क्या सेवा कर सकता हूँ आपकी?तब वो लड़की मुस्कराते हुए बोली- सेवा वेवा नहीं करवानी है, बस तुम से मिलना था सो पूछ लिया. अगर खाली हो तो कुछ समय के लिए कैंटीन में आ सकते हो क्या?मैं बोला- कोई खास काम है क्या?वो लड़की फिर बोली- नहीं कोई खास काम नहीं था, बस सोचा कि ट्रिप पर जाने वाले लड़के लड़कियों के साथ थोड़ा परिचय कर लिया जाए!मैं बोला- ज़रूर, चलें क्या?उन्होंने सर हिला दिया और मैं और पूनम उन के साथ चलने लगे.
कैंटीन पहुँच कर उन्होंने अपना परिचय दिया, भरे निस्म वाली गोरी लड़की जो सलवार कमीज़ में थी उसका नाम जसबीर था और उसके साथ वाली लड़की जो थोड़ी लम्बी और गंदमी रंग वाली थी, उसका नाम नेहा था.मैंने कहा- आप दोनों से मिल कर बड़ी ख़ुशी हुई, मेरे साथी लड़की का नाम है पूनम और मेरा नाम तो आप जानती ही हैं.
हम सबने कोकाकोला पिया और फिर बातें होने लगी.वो दोनों ही इंटर के दूसरे वर्ष में थी यानि हम दोनों से एक वर्ष आगे थीं.
फिर जसबीर बोली- क्या आप दोनों साथ साथ रहते हैं?पूनम बोली- जी हाँ, मैं कुछ दिनों से इनकी कोठी में ही रह रही हूँ और सतीश मेरे कजिन हैं.जसबीर बोली- वो क्या है कि हम चाहती थी कि सतीश जी से ट्रिप पर जाने से पहले दोस्ती कर लें तो शायद ठीक रहेगा.मैं बोला- वह तो ठीक है लेकिन इतने लड़कों से सिर्फ मुझको दोस्ती के लिए चुनना कुछ अजीब लग रहा है, क्यों पूनम?
पूनम चुप रही लेकिन मैं बोला- चलो ठीक है हम दोनों को आपकी दोस्ती कबूल है! और हुक्म दीजिये?अब नेहा बोली- सतीश तुम्हारे बारे में हमने बहुत कुछ सुन रखा है, हम चाहती हैं कि आप दोनों हमारे जिगरी दोस्त बन जाएँ तो अच्छा हो.मैंने पूनम की तरफ देखा और बोला- आप दोनों कहाँ रहती हैं लखनऊ में?नेहा बोली- आपकी कोठी के पास मेरा बंगलो है और उससे थोड़ी दूर जसबीर रहती है.मैं बोला- अगर आप फ्री हों तो आज या कल हमारे गरीबखाने आ जाएँ तो खुल कर बातें हो सकती हैं.जसबीर बोली- ठीक है, हम आप को बाद में बता देती हैं कि आज या कल का प्रोग्राम बन सकता है.मैं बोला- ठीक है आज जाने से पहले बता दीजियेगा.
अगले दिन मैं पूनम क्लास के बाहर खड़े थे क्यूंकि प्रोफेसर साहिब नहीं आये थे तभी देखा जसबीर और नेहा आ रही थी.मैं बोला- ठीक है आप आ जाओ, आप लंच करना चाहेंगी मेरी कोठी में?नेहा बोली- नहीं लंच हम कर के आएँगी. आप दोनों गेट के पास मिल जाना तो मैं आपको अपनी कार में ले जाऊँगी. ओके?
कॉलेज की छुट्टी पर हम सब नेहा की कार में बैठ कर मेरी कोठी में पहुँच गए.नैना को मैंने पहले ही फ़ोन कर दिया था सो वो नाश्ता इत्यादि टेबल लगा कर बैठी हुई थी.हम सब बैठक में बैठ गए और नैना और पूनम ने नाश्ता प्लेट्स में लगा दिया.
नाश्ता और चाय पीने के बाद हम सब बैठक में सोफों पर आ बैठे और हलकी फुल्की बात चीत शुरू हो गई.फिर मौका देख कर मैंने बात छेड़ी- हाँ, अब बताओ जस्सी जी और नेहा जी, आपका क्या प्रोग्राम है?
जस्सी ही बोली- ऐसा है सतीश यार, हम को तुम्हारे बारे में उड़ती हुए खबर लगी थी कि आप काफी रोमांटिंक हो और नैनीताल ट्रिप में आपने कुछ लड़कियों को काफी एंटरटेन किया था. इसी लिए हमने सोचा कि अगर आप हमारे दोस्त बन जाओ तो यह 3-4 दिन का बोरिंग ट्रिप अच्छा निकल जाएगा और हम एक दूसरे को काफी एंटरटेन कर सकेंगे. क्यों तुम्हारा क्या विचार है?मैं बोला- आपने जो उड़ती हुए खबर मेरे बारे में सुनी, वो तो काफी हद तक ठीक है और मैं इस से इंकार नहीं करता लेकिन इसको दुबारा रिपीट करना क्या ठीक होगा?
अगले दिन कॉलेज में हम दोनों ने अपने नाम भी लिखवा दिए और पैसे भी जमा करवा दिए.अगले हफ्ते का प्रोग्राम बना था जिसमें रात को ट्रेन से दिल्ली जाना था और एक दिन और रात दिल्ली रहना था, और अगली सुबह बस से आगरा के लिए निकलना था, वो रात आगरा में रहना था और फिर लखनऊ की वापसी थी.
मैं सोच रहा था कि मैडम साथ है तो शायद चुदाई का मौका ही न मिले पूनम या फिर किसी और लड़की के साथ!लेकिन मेरा इस बात पर कोई बस नहीं था.
अगले दिन मैडम ने दिल्ली, आगरा जाने वाले लड़कों और लड़कियों की मीटिंग बुलाई जिसमें उन्होंने पूरा कार्यक्रम समझा दिया, यह भी बता दिया कि 2 फर्स्ट क्लास के कूपे में लड़कियाँ रहेंगी और लड़के भी इसी तरह लड़कों के लिए तय कूपे में रहेंगे.
मैंने जाने वाली लड़कियों की तरफ ध्यान से देखा, सब अच्छे घरों की लग रही थी और उनमें से मैं किसी को भी नहीं जानता था.
मीटिंग खत्म होने पर 2 लड़कियाँ मेरी तरफ आ रहीं थी, मैं रुक गया, एक लड़की बोली- क्या तुम ही सतीश ठाकुर हो?मैं हैरानी से बोला- जी हाँ मैं सतीश हूँ, बोलिए क्या सेवा कर सकता हूँ आपकी?तब वो लड़की मुस्कराते हुए बोली- सेवा वेवा नहीं करवानी है, बस तुम से मिलना था सो पूछ लिया. अगर खाली हो तो कुछ समय के लिए कैंटीन में आ सकते हो क्या?मैं बोला- कोई खास काम है क्या?वो लड़की फिर बोली- नहीं कोई खास काम नहीं था, बस सोचा कि ट्रिप पर जाने वाले लड़के लड़कियों के साथ थोड़ा परिचय कर लिया जाए!मैं बोला- ज़रूर, चलें क्या?उन्होंने सर हिला दिया और मैं और पूनम उन के साथ चलने लगे.
कैंटीन पहुँच कर उन्होंने अपना परिचय दिया, भरे निस्म वाली गोरी लड़की जो सलवार कमीज़ में थी उसका नाम जसबीर था और उसके साथ वाली लड़की जो थोड़ी लम्बी और गंदमी रंग वाली थी, उसका नाम नेहा था.मैंने कहा- आप दोनों से मिल कर बड़ी ख़ुशी हुई, मेरे साथी लड़की का नाम है पूनम और मेरा नाम तो आप जानती ही हैं.
हम सबने कोकाकोला पिया और फिर बातें होने लगी.वो दोनों ही इंटर के दूसरे वर्ष में थी यानि हम दोनों से एक वर्ष आगे थीं.
फिर जसबीर बोली- क्या आप दोनों साथ साथ रहते हैं?पूनम बोली- जी हाँ, मैं कुछ दिनों से इनकी कोठी में ही रह रही हूँ और सतीश मेरे कजिन हैं.जसबीर बोली- वो क्या है कि हम चाहती थी कि सतीश जी से ट्रिप पर जाने से पहले दोस्ती कर लें तो शायद ठीक रहेगा.मैं बोला- वह तो ठीक है लेकिन इतने लड़कों से सिर्फ मुझको दोस्ती के लिए चुनना कुछ अजीब लग रहा है, क्यों पूनम?
पूनम चुप रही लेकिन मैं बोला- चलो ठीक है हम दोनों को आपकी दोस्ती कबूल है! और हुक्म दीजिये?अब नेहा बोली- सतीश तुम्हारे बारे में हमने बहुत कुछ सुन रखा है, हम चाहती हैं कि आप दोनों हमारे जिगरी दोस्त बन जाएँ तो अच्छा हो.मैंने पूनम की तरफ देखा और बोला- आप दोनों कहाँ रहती हैं लखनऊ में?नेहा बोली- आपकी कोठी के पास मेरा बंगलो है और उससे थोड़ी दूर जसबीर रहती है.मैं बोला- अगर आप फ्री हों तो आज या कल हमारे गरीबखाने आ जाएँ तो खुल कर बातें हो सकती हैं.जसबीर बोली- ठीक है, हम आप को बाद में बता देती हैं कि आज या कल का प्रोग्राम बन सकता है.मैं बोला- ठीक है आज जाने से पहले बता दीजियेगा.
अगले दिन मैं पूनम क्लास के बाहर खड़े थे क्यूंकि प्रोफेसर साहिब नहीं आये थे तभी देखा जसबीर और नेहा आ रही थी.मैं बोला- ठीक है आप आ जाओ, आप लंच करना चाहेंगी मेरी कोठी में?नेहा बोली- नहीं लंच हम कर के आएँगी. आप दोनों गेट के पास मिल जाना तो मैं आपको अपनी कार में ले जाऊँगी. ओके?
कॉलेज की छुट्टी पर हम सब नेहा की कार में बैठ कर मेरी कोठी में पहुँच गए.नैना को मैंने पहले ही फ़ोन कर दिया था सो वो नाश्ता इत्यादि टेबल लगा कर बैठी हुई थी.हम सब बैठक में बैठ गए और नैना और पूनम ने नाश्ता प्लेट्स में लगा दिया.
नाश्ता और चाय पीने के बाद हम सब बैठक में सोफों पर आ बैठे और हलकी फुल्की बात चीत शुरू हो गई.फिर मौका देख कर मैंने बात छेड़ी- हाँ, अब बताओ जस्सी जी और नेहा जी, आपका क्या प्रोग्राम है?
जस्सी ही बोली- ऐसा है सतीश यार, हम को तुम्हारे बारे में उड़ती हुए खबर लगी थी कि आप काफी रोमांटिंक हो और नैनीताल ट्रिप में आपने कुछ लड़कियों को काफी एंटरटेन किया था. इसी लिए हमने सोचा कि अगर आप हमारे दोस्त बन जाओ तो यह 3-4 दिन का बोरिंग ट्रिप अच्छा निकल जाएगा और हम एक दूसरे को काफी एंटरटेन कर सकेंगे. क्यों तुम्हारा क्या विचार है?मैं बोला- आपने जो उड़ती हुए खबर मेरे बारे में सुनी, वो तो काफी हद तक ठीक है और मैं इस से इंकार नहीं करता लेकिन इसको दुबारा रिपीट करना क्या ठीक होगा?