desiaks
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एकाएक उसने गहरी सांस ली और कार की रफ्तार कम कर दी। क्रोध की वजह से, अनजाने में कार की स्पीड तेज हो गई थी। फिर एकाएक ही सड़क के किनारे पेड़ की छाया में कार रोक दी ।।
घड़ी में वक्त देखा। दिन का एक बज रहा था। उसका दिमाग पुनः तेजी से काम करने लगा।
सिर्फ तीन घंटे बाद, ठीक चार बजे एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री की हत्या हो जाएगी।
ये हादसा जथूरा ने तैयार किया है। जाने किसे माध्यम बनाया है, अपना हादसा पूर्ण करने के लिए।
जो भी प्रधानमंत्री की जान लेने जा रहा है, उसे रोकना होगा। प्रधानमंत्री को बचाना होगा। वे अच्छे इंसान हैं। उनकी मौत से देश को नुकसान होगा। लेकिन कैसे?
जगमोहन को कोई रास्ता समझ नहीं आ रहा था। प्रधानमंत्री के मामले में दखल देना, मजाक नहीं था। जगमोहन ने कार स्टार्ट करके आगे बढ़ा दी।
जल्दी ही वो एक बाजार में पहुंचा। कार से निकलकर उसने पब्लिक बूथ की तलाश की।
“डायरेक्ट्री देना।” जगमोहन फोन बूथ पर बैठे व्यक्ति से बोला।
क्या?"
फोन डायरेक्ट्री।”
वो कहां से आ गई? पांच सालों से तो फोन वालों ने डायरेक्ट्री ही नहीं छापी।”
“नहीं छापी?”
नहीं ।”
पुरानी डायरेक्ट्री होगी?
” वो भी नहीं है।” ।
“तुम्हें प्रधानमंत्री कार्यालय का फोन नम्बर पता है?”
क्या?” उसने अजीब-सी नजरों से जगमोहन को देखा। प्रधानमंत्री कार्यालय का फोन नम्बर ।”
तो आप फोन डायरेक्ट्री में प्रधानमंत्री कार्यालय का नम्बर तलाश करना चाहते थे?"
“हां । ।
“आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पी.एम. आफिस का नम्बर फोन डायरेक्ट्री में नहीं होता।”
ओह, मेरा दिमाग खराब हो गया है।” जगमोहन ने कहा और बाहर आ गया।
मन ही मन बहुत परेशान था जगमोहन।। वो प्रधानमंत्री की हत्या किए जाने की सूचना देना चाहता था। लेकिन उसे प्रधानमंत्री कार्यालय का फोन नम्बर नहीं पता था।
जगमोहन अपनी कार की तरफ बढ़ा कि तभी उसकी निगाह कुछ दूर हवलदार पर पड़ी।
जगमोहन तेजी से चलता उसके पास जा पहुंचा। “सुनिए सर ।” हवलदार ने पलटकर जगमोहन को देखा। जगमोहन पास आया उसके।
“आधे घंटे में मेरी ड्यूटी खत्म होने वाली है।” हवलदार बोला—“लफड़े वाली बात हो तो दूसरे से कहो।” ।
“नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। मैं आपसे प्रधानमंत्री कार्यालय का नम्बर पूछना चाहता हूं।”
पी.एम. आफिस का फोन नम्बर?" हवलदार ने अजीब-से स्वर में कहा।
हां वो ही।”
क्यों?”
काम है।”
क्या काम है—मुझे बता।” ।
“तुम्हारे जानने लायक नहीं है।”
समझा।” हवलदार ने पैनी नजरों से उसे घूरा–“तुम वहां फोन करके धमकी देना चाहते हो।”
धमकी?”
“यहीं कि पी.एम. हाउस में बम रखा है, जो कि फटने वाला है। ऐसे बोगस कॉल पहले भी आ चुके हैं वहां। वो तुमने किए?”
घड़ी में वक्त देखा। दिन का एक बज रहा था। उसका दिमाग पुनः तेजी से काम करने लगा।
सिर्फ तीन घंटे बाद, ठीक चार बजे एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री की हत्या हो जाएगी।
ये हादसा जथूरा ने तैयार किया है। जाने किसे माध्यम बनाया है, अपना हादसा पूर्ण करने के लिए।
जो भी प्रधानमंत्री की जान लेने जा रहा है, उसे रोकना होगा। प्रधानमंत्री को बचाना होगा। वे अच्छे इंसान हैं। उनकी मौत से देश को नुकसान होगा। लेकिन कैसे?
जगमोहन को कोई रास्ता समझ नहीं आ रहा था। प्रधानमंत्री के मामले में दखल देना, मजाक नहीं था। जगमोहन ने कार स्टार्ट करके आगे बढ़ा दी।
जल्दी ही वो एक बाजार में पहुंचा। कार से निकलकर उसने पब्लिक बूथ की तलाश की।
“डायरेक्ट्री देना।” जगमोहन फोन बूथ पर बैठे व्यक्ति से बोला।
क्या?"
फोन डायरेक्ट्री।”
वो कहां से आ गई? पांच सालों से तो फोन वालों ने डायरेक्ट्री ही नहीं छापी।”
“नहीं छापी?”
नहीं ।”
पुरानी डायरेक्ट्री होगी?
” वो भी नहीं है।” ।
“तुम्हें प्रधानमंत्री कार्यालय का फोन नम्बर पता है?”
क्या?” उसने अजीब-सी नजरों से जगमोहन को देखा। प्रधानमंत्री कार्यालय का फोन नम्बर ।”
तो आप फोन डायरेक्ट्री में प्रधानमंत्री कार्यालय का नम्बर तलाश करना चाहते थे?"
“हां । ।
“आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पी.एम. आफिस का नम्बर फोन डायरेक्ट्री में नहीं होता।”
ओह, मेरा दिमाग खराब हो गया है।” जगमोहन ने कहा और बाहर आ गया।
मन ही मन बहुत परेशान था जगमोहन।। वो प्रधानमंत्री की हत्या किए जाने की सूचना देना चाहता था। लेकिन उसे प्रधानमंत्री कार्यालय का फोन नम्बर नहीं पता था।
जगमोहन अपनी कार की तरफ बढ़ा कि तभी उसकी निगाह कुछ दूर हवलदार पर पड़ी।
जगमोहन तेजी से चलता उसके पास जा पहुंचा। “सुनिए सर ।” हवलदार ने पलटकर जगमोहन को देखा। जगमोहन पास आया उसके।
“आधे घंटे में मेरी ड्यूटी खत्म होने वाली है।” हवलदार बोला—“लफड़े वाली बात हो तो दूसरे से कहो।” ।
“नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। मैं आपसे प्रधानमंत्री कार्यालय का नम्बर पूछना चाहता हूं।”
पी.एम. आफिस का फोन नम्बर?" हवलदार ने अजीब-से स्वर में कहा।
हां वो ही।”
क्यों?”
काम है।”
क्या काम है—मुझे बता।” ।
“तुम्हारे जानने लायक नहीं है।”
समझा।” हवलदार ने पैनी नजरों से उसे घूरा–“तुम वहां फोन करके धमकी देना चाहते हो।”
धमकी?”
“यहीं कि पी.एम. हाउस में बम रखा है, जो कि फटने वाला है। ऐसे बोगस कॉल पहले भी आ चुके हैं वहां। वो तुमने किए?”