hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
राम्या अपने कमरे में जा कर पहले फ्रेश होती है फिर अपना लॅपटॉप खोल के बैठ जाती है.
जैसे ही वो ऑनलाइन होती है विमल के 15 मेसेज पेंडिंग पड़े थे.
राम्या सारे मेसेज पढ़ती है और मन ही मन मुस्कुराती रहती है. विमल के अंदर आग भड़क उठी थी वो बहुत बेचैन हो रहा था जकप की असलियत जानने के लिए और उस से मिलने के लिए. लेकिन उसने राम्या के सवाल का जवाब नही दिया था.
राम्या उसके लिए मेसेज छोड़ती है कि जब तक मेरे सवाल का जवाब नही दोगे मैं आगे कोई बात नही करूँगी. और अगर तुमने सही जवाब दिया तो तुम्हारा लंड भी चुसुन्गि और तुमसे खूब चुदवाउन्गि. बाकी बातें तुम्हारे जवाब आने के बाद और मुझे कल तक जवाब चाहिए.
राम्या लॅपटॉप बंद कर के रख देती है और नीचे चली जाती है. तब तक सीमी भी आ जाती है. राम्या सीमी को फ्रेश होकर नीचे आने के लिए कहती है और खुद किचन में जा कर माँ की मदद करने लगती है खाना बनाने में.
माँ के चेहरे पे हसी देख राम्या भी अंदर से बहुत खुश होती है और माँ के गले लग जाती है.
खाना खाने के बाद माँ राम्या को गहरी नज़रों से देखती है और फिर अपने कमरे में चली जाती है.
राम्या और सीमी भी कमरे में चले जाती हैं.
कमरे में पहुच कर दोनो एक दूसरे से चिपक जाती हैं. सीमी को भी अब राम्या के जिस्म के साथ खेलना अच्छा लगने लगा था, जब तक लंड नही ऐसे ही सही.
दोनो के होंठ आपस में जुड़ जाते हैं . दोनो एक दूसरे के जिस्म को सहलाने लगती हैं. दोनो के ही जिस्म गरम होने लगते हैं. होंठ ऐसे चिपकते हैं जैसे कभी जुदा ना होंगे. राम्या सीमी का निचला होंठ चूसने लगी और सिम्मी उसका उपरवाला. एक गहरा स्मूच दोनो में शुरू हो गया.
दोनो के जिस्म से कपड़े कब उतरे पता ही ना चला. दोनो बिल्कुल एक दूसरे में खो चुकी थी ,सीमी राम्या के पीछे आगाई और उसके साथ चिपक कर उसके उरोज़ मसल्ने लगी, राम्या ने अपनी गर्दन घुमा कर अपने होंठ सीमी के होंठों से मिला दिए.
दोनो की मस्ती बढ़ने लगी और दोनो बिस्तर पे गिर पड़ी. दोनो का स्मूच फिर शुरू हो गया और राम्या सीमी की चूत में उंगली करने लगी.
राम्या ने दरवाजा लॉक नही किया था ताकि माँ अंदर आ सके. माँ काफ़ी देर से दोनो की हरकतें दरवाजे में बनी झिरी से देख रही थी. माँ का दिल तो कर रहा था अंदर जाने के लिए पर दिमाग़ रोक रहा था सीमी के सामने इस तरहा खुलने के लिए.
दोनो की हरकते देख कर माँ गरम होती जा रही थी और राम्या सीमी के साथ चिपकी हुई सोच रही थी कि अब तक तो माँ को आजाना चाहिए.
सीमी अपने होंठ राम्या से अलग करती है.दोनो की साँसे फूल चुकी थी.
सीमी : अहह राम्या की बच्ची आग लगा के रख दी तूने.
राम्या : अभी भुजा दूँगी यार, आगे तो मेरे जिस्म में भी लग चुकी है
सीमी : चल आजा फिर एक दूसरे को ठंडा करते हैं .
राम्या दरवाजे की तरफ एक नज़र देखती है पर सीमी उसे खींच लेती है. दोनो 69 के पोज़ में आ जाती हैं.
राम्या सीमी की चूत पे झुकने से पहले फिर एक नज़र दरवाजे पे डालती है. माँ का कोई निशान नही था. राम्या ये समझ लेती है कि माँ को शरम आ रही है सीमी के सामने आने में . उसे नही पता था कि माँ तो बाहर खड़ी सब कुछ देख रही है, पर उसकी अंदर आने की हिम्मत नही हो रही.
माँ चाह कर भी अंदर नही घुस पाती और इतनी गरम हो चुकी थी कि उससे और देखा नही गया. अपनी चूत मसल्ते हुए माँ अपने कमरे में चली जाती है और बिस्तर पे गिर कर तड़पने लगती है.
जैसे ही वो ऑनलाइन होती है विमल के 15 मेसेज पेंडिंग पड़े थे.
राम्या सारे मेसेज पढ़ती है और मन ही मन मुस्कुराती रहती है. विमल के अंदर आग भड़क उठी थी वो बहुत बेचैन हो रहा था जकप की असलियत जानने के लिए और उस से मिलने के लिए. लेकिन उसने राम्या के सवाल का जवाब नही दिया था.
राम्या उसके लिए मेसेज छोड़ती है कि जब तक मेरे सवाल का जवाब नही दोगे मैं आगे कोई बात नही करूँगी. और अगर तुमने सही जवाब दिया तो तुम्हारा लंड भी चुसुन्गि और तुमसे खूब चुदवाउन्गि. बाकी बातें तुम्हारे जवाब आने के बाद और मुझे कल तक जवाब चाहिए.
राम्या लॅपटॉप बंद कर के रख देती है और नीचे चली जाती है. तब तक सीमी भी आ जाती है. राम्या सीमी को फ्रेश होकर नीचे आने के लिए कहती है और खुद किचन में जा कर माँ की मदद करने लगती है खाना बनाने में.
माँ के चेहरे पे हसी देख राम्या भी अंदर से बहुत खुश होती है और माँ के गले लग जाती है.
खाना खाने के बाद माँ राम्या को गहरी नज़रों से देखती है और फिर अपने कमरे में चली जाती है.
राम्या और सीमी भी कमरे में चले जाती हैं.
कमरे में पहुच कर दोनो एक दूसरे से चिपक जाती हैं. सीमी को भी अब राम्या के जिस्म के साथ खेलना अच्छा लगने लगा था, जब तक लंड नही ऐसे ही सही.
दोनो के होंठ आपस में जुड़ जाते हैं . दोनो एक दूसरे के जिस्म को सहलाने लगती हैं. दोनो के ही जिस्म गरम होने लगते हैं. होंठ ऐसे चिपकते हैं जैसे कभी जुदा ना होंगे. राम्या सीमी का निचला होंठ चूसने लगी और सिम्मी उसका उपरवाला. एक गहरा स्मूच दोनो में शुरू हो गया.
दोनो के जिस्म से कपड़े कब उतरे पता ही ना चला. दोनो बिल्कुल एक दूसरे में खो चुकी थी ,सीमी राम्या के पीछे आगाई और उसके साथ चिपक कर उसके उरोज़ मसल्ने लगी, राम्या ने अपनी गर्दन घुमा कर अपने होंठ सीमी के होंठों से मिला दिए.
दोनो की मस्ती बढ़ने लगी और दोनो बिस्तर पे गिर पड़ी. दोनो का स्मूच फिर शुरू हो गया और राम्या सीमी की चूत में उंगली करने लगी.
राम्या ने दरवाजा लॉक नही किया था ताकि माँ अंदर आ सके. माँ काफ़ी देर से दोनो की हरकतें दरवाजे में बनी झिरी से देख रही थी. माँ का दिल तो कर रहा था अंदर जाने के लिए पर दिमाग़ रोक रहा था सीमी के सामने इस तरहा खुलने के लिए.
दोनो की हरकते देख कर माँ गरम होती जा रही थी और राम्या सीमी के साथ चिपकी हुई सोच रही थी कि अब तक तो माँ को आजाना चाहिए.
सीमी अपने होंठ राम्या से अलग करती है.दोनो की साँसे फूल चुकी थी.
सीमी : अहह राम्या की बच्ची आग लगा के रख दी तूने.
राम्या : अभी भुजा दूँगी यार, आगे तो मेरे जिस्म में भी लग चुकी है
सीमी : चल आजा फिर एक दूसरे को ठंडा करते हैं .
राम्या दरवाजे की तरफ एक नज़र देखती है पर सीमी उसे खींच लेती है. दोनो 69 के पोज़ में आ जाती हैं.
राम्या सीमी की चूत पे झुकने से पहले फिर एक नज़र दरवाजे पे डालती है. माँ का कोई निशान नही था. राम्या ये समझ लेती है कि माँ को शरम आ रही है सीमी के सामने आने में . उसे नही पता था कि माँ तो बाहर खड़ी सब कुछ देख रही है, पर उसकी अंदर आने की हिम्मत नही हो रही.
माँ चाह कर भी अंदर नही घुस पाती और इतनी गरम हो चुकी थी कि उससे और देखा नही गया. अपनी चूत मसल्ते हुए माँ अपने कमरे में चली जाती है और बिस्तर पे गिर कर तड़पने लगती है.