hotaks444
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रमेश के जाने के बाद सारा परिवार नाश्ता करता है . विमल की नज़रें कामया के उपर से हट ही नही रही थी. कामया ये सोच रही थी कि दूर रहता है इसीलिए इस बार कुछ ज़यादा भावुक हो रहा है, उसे क्या मालूम था कि विमल अब उसे एक औरत की तरहा देख रहा था माँ की तरहा नही.
सोनी विमल को कोहनी मारती है तो विमल बोखला कर नज़रें झुकाता है और नाश्ता ख़तम करने लगता है.
सोनी अपना नाश्ता ख़तम कर के अपने इन्सिटुट चली जाती है, वो अब शाम को 5 बजे ही वापस आएगी. घर में रह जाते हैं विमल और कामया.
कामया टेबल से बर्तन उठाती है तो विमल उसकी मदद करता है . किचन में सारे बर्तन सिंक में रखने के बाद कामया हॉल में आ कर बैठ जाती है और टीवी के चॅनेल्स इधर से उधर करने लगती है. विमल उसके पास आ कर उसकी गोद में सर रख कर लेट जाता है.
विमल अपना चेहरा अपनी माँ के पेट में धसा लेता है और उसके जिस्म की खुश्बू सुंगने लगता है. विमल की इस हरकत से कामया को गुदगुदी होती है और वो उसका सर अपने पेट से हटा देती है.
कामया : ये क्या छोटे बच्चे की तरहा चिपक रहा है. ठीक से लेट.
विमल : तो क्या बड़े की तरहा चिपकू, तुम्हारे लिए तो मैं हमेशा छोटा ही रहूँगा,
कह कर विमल अपनी नाक कामया की जाँघो के जोड़ पे ले आता है और उसकी चूत की खुश्बू सुंगने की कोशिश करता है. विमल अपने चेहरे का ज़ोर कामया की जाँघो पर बढ़ाता है तो जाँघो में कामया अपनी टाँगें चौड़ी कर लेती है और विमल का चेहरा उसकी सारी समेत बिल्कुल उसकी चूत के उपर आ जाता है.
विमल की हरकते कामया की चूत से थोड़ी उप्पर ही होती हैं पर इसका असर कामया की चूत पे पड़ने लगता है. कामया की चूत गीली होने लगती है और जैसे ही कामया को इसका अहसास होता है वो विमल को हटा देती है और उठ जाती है.
विमल हसरत भर नज़र से कामया को देखता है. कामया वहाँ से जाने लगती है तो विमल उसका हाथ पकड़ के खींचता है.
‘कहाँ जा रही हो माँ, मेरे पास बैठो ना’
विमल के खींचने की वजह से कामया उसके उपर गिरती है और विमल का मुँह उसकी छाती से लगता है. एक पल के लिए विमल का मुँह अपनी माँ के उरोज़ की नर्मी महसूस करता है और उसका लंड खड़ा होने लगता है.
अहह कामया की सिसकी निकल जाती है जब विमल के चेहरे का दबाव उसके उरोज़ पे पड़ता है.
कामया को गुस्सा चढ़ जाता है.
‘विमल ये क्या बदतमीज़ी है?’ कामया अपना हाथ छुड़ाती है और अपने कमरे में चली जाती है.
माँ तो नाराज़ हो कर चली गई, अब माँ को कैसे मनाऊ . विमल सोफे पे बैठ यही सोचता रहता है. उसकी हिम्मत नही पड़ रही थी माँ के कमरे में जाने के लिए.
वो अपने कमरे में चला जाता है और अपना लॅप टॉप खोल के बैठ जाता है. अपनी मैल चेक करता है तो सोनी की मैल आई हुई थी जकप के नाम से.
सोनी विमल को कोहनी मारती है तो विमल बोखला कर नज़रें झुकाता है और नाश्ता ख़तम करने लगता है.
सोनी अपना नाश्ता ख़तम कर के अपने इन्सिटुट चली जाती है, वो अब शाम को 5 बजे ही वापस आएगी. घर में रह जाते हैं विमल और कामया.
कामया टेबल से बर्तन उठाती है तो विमल उसकी मदद करता है . किचन में सारे बर्तन सिंक में रखने के बाद कामया हॉल में आ कर बैठ जाती है और टीवी के चॅनेल्स इधर से उधर करने लगती है. विमल उसके पास आ कर उसकी गोद में सर रख कर लेट जाता है.
विमल अपना चेहरा अपनी माँ के पेट में धसा लेता है और उसके जिस्म की खुश्बू सुंगने लगता है. विमल की इस हरकत से कामया को गुदगुदी होती है और वो उसका सर अपने पेट से हटा देती है.
कामया : ये क्या छोटे बच्चे की तरहा चिपक रहा है. ठीक से लेट.
विमल : तो क्या बड़े की तरहा चिपकू, तुम्हारे लिए तो मैं हमेशा छोटा ही रहूँगा,
कह कर विमल अपनी नाक कामया की जाँघो के जोड़ पे ले आता है और उसकी चूत की खुश्बू सुंगने की कोशिश करता है. विमल अपने चेहरे का ज़ोर कामया की जाँघो पर बढ़ाता है तो जाँघो में कामया अपनी टाँगें चौड़ी कर लेती है और विमल का चेहरा उसकी सारी समेत बिल्कुल उसकी चूत के उपर आ जाता है.
विमल की हरकते कामया की चूत से थोड़ी उप्पर ही होती हैं पर इसका असर कामया की चूत पे पड़ने लगता है. कामया की चूत गीली होने लगती है और जैसे ही कामया को इसका अहसास होता है वो विमल को हटा देती है और उठ जाती है.
विमल हसरत भर नज़र से कामया को देखता है. कामया वहाँ से जाने लगती है तो विमल उसका हाथ पकड़ के खींचता है.
‘कहाँ जा रही हो माँ, मेरे पास बैठो ना’
विमल के खींचने की वजह से कामया उसके उपर गिरती है और विमल का मुँह उसकी छाती से लगता है. एक पल के लिए विमल का मुँह अपनी माँ के उरोज़ की नर्मी महसूस करता है और उसका लंड खड़ा होने लगता है.
अहह कामया की सिसकी निकल जाती है जब विमल के चेहरे का दबाव उसके उरोज़ पे पड़ता है.
कामया को गुस्सा चढ़ जाता है.
‘विमल ये क्या बदतमीज़ी है?’ कामया अपना हाथ छुड़ाती है और अपने कमरे में चली जाती है.
माँ तो नाराज़ हो कर चली गई, अब माँ को कैसे मनाऊ . विमल सोफे पे बैठ यही सोचता रहता है. उसकी हिम्मत नही पड़ रही थी माँ के कमरे में जाने के लिए.
वो अपने कमरे में चला जाता है और अपना लॅप टॉप खोल के बैठ जाता है. अपनी मैल चेक करता है तो सोनी की मैल आई हुई थी जकप के नाम से.