Adult kahani पाप पुण्य - Page 14 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Adult kahani पाप पुण्य

दीदी के बालो को जोर से पकड़ कर उसने दीदी की जीभ को अपनी गीली चूत के अन्दर तक उतार दिया.....

दीदी रात भर आंटी की चूत चूसने के बाद सुबह मोनिका की जवान चूत चूस रही थी....

ऐसा लग रहा था की दीदी का मुंह रुई के अन्दर है और अन्दर ढेर सारा आम का रस है....दीदी ने अपनी जीभ से उसकी चूत को कुरेदा और अपने होंठो से उसके आमरस को पीना शुरू कर दिया...

अह्ह्हह्ह.........येस्स्स्स.......रश्मि ...........ओह माय डार्लिंग......म्मम्म....

दीदी का एक हाथ नीचे जाकर अपनी चूत के ऊपर ही रगड़ देने लगा....

मोनिका की कमर हवा में थी...और वो अपनी चूत के बल पर मेरे मुंह से लिपटी हुई थी....

दीदी को सच में मजा आ रहा था... तभी दीदी के मुंह में मोनिका की क्लिट आ गयी...इतना मोटा दाना था उसका...दीदी की चूत के अन्दर जो था..उससे भी बड़ा..

दीदी ने अपनी जीभ से उसके दाने को बुरी तरह से चाटा और खरोंचा....उसकी तो हालत ही खराब हो गयी थी...

मोनिका बोली रश्मि मुझे इस चूत में एक मोटा लंड चाहिए जल्दी से अपने भाई को बुलाओ वरना मैं पागल हो जाऊंगी. मैंने कहा मोनू सो रहा है मोनिका. 

मोनिका ने अब मुझे खीच कर किस करना शुरू कर दिया और बोली तुमने भी तो अपनी चूत में मोनू का लंड लिया है न रश्मि. दीदी ने कहा मोनू और मनीष दोनों का ही लिया है. क्यों. वो बोली तो तुम समझ सकती हो मुझे अभी इसी वक़्त लंड न मिला तो मैं मर जाऊंगी.

रश्मि दीदी ने उसे कहा वेट करो और अन्दर जा कर मोनू को जगा कर ले आई. मैं बाहर आ कर सोफे पर अपनी टाँगे चोडी करके बैठ गया और रश्मि दीदी अपनी चूत की रगड़ाई करने लगी..

अब मोनिका से और सहन नहीं हुआ...वो खड़ी हुई...और अपनी एक टांग उठा कर मेरे हाथ पर रख दी...और अपनी चूत को उसने मेरे मोटे लंड के ऊपर लगा कर दबा दिया...

अह्ह्हह्ह्ह्ह .......ओफ्फ्फफ्फ्फ़ .......साला.....क्या लंड है तेरे भाई का.....रश्मि.....म्मम्मम..... मैंने उसकी दूसरी टांग को भी उठा लिया और अपनी गोद में उठा कर अपना पूरा का पूरा लोडा मोनिका की चूत के अन्दर पेल दिया...

और हम दोनों पागलो की तरह से एक दुसरे के होंठो को काटने लगे...पुरे कमरे में वासना का तूफ़ान आ गया था...


 
रश्मि दीदी खड़ी होकर मेरी पीठ से आ लगी....और अपने हाथो से उसके कंधे पकड़ कर अपना पूरा शरीर मेरी कमर से रगड़ने लगी... मैं मोनिका को सामने से चोदते हुए, अपने मुंह को पीछे करके रश्मि दीदी के होंठो को चूसने और चाटने लगा...

मोनिका : अन्दर चलो...बेड....पर....अह्ह्ह......जल्दी....

मैं दोनों को अपने ऊपर उठा कर अन्दर की तरफ चल दिया.....मैंने अन्दर मोनिका को पीठ के बल पटक दिया...और अपने लंड को बाहर निकाले बिना उसे चोदने में लगा रहा...

दीदी तो बेताल की तरह मेरी पीठ से चिपकी हुई अपने चूंचीयों से मेरी मालिश करने में लगी हुई थी..उनकी चूत से निकल रहा पानी, मेरी पीठ पर अपना गीलापन छोड़ रहा था. 

रश्मि दीदी जिस अवस्था में थी, सामने चुद रही मोनिका के चेहरे के भाव को साफ़ देख पा रही थी...

उसकी आँखे बंद थी...और हाथ सर के ऊपर..और उसकी मोटी ब्रेस्ट हर झटके से ऊपर की तरफ जाती और फिर नीचे आती. और मुंह पूरा खुला हुआ था...जिसमे बंद जीभ की हर हरकत को रश्मि दीदी साफ़ देख पा रही थी... और उसकी सिस्कारिया और हलकी चीखे...दीदी के चेहरे से टकरा कर अपनी कामुकता बिखेर रही थी...

रश्मि दीदी ने मेरे कान को अपने मुंह में भरा और उसे चुसना शुरू कर दिया...मैं भी मचल कर और तेजी से मोनिका की चूत को मारने में लग गया.

अह्ह्हह्ह .....अह्ह्हह्ह मोनिका....म्मम्म....तुम्हारी ब्रेस्ट....कितनी मस्त है यार.....कितने सालो से इन्हें देखकर....अह्ह्ह...ना जाने कितनी बार मुठ मारी है.....अह्ह्ह्ह.....अब मौका मिला है...इन्हें.....देखने....और....चूसने का.....

और ये कहते हुए मैं नीचे झुका और मोनिका की लेफ्ट ब्रेस्ट को मुंह में भरकर उसकी जवानी का रस पीने लगा..

मेरा चेहरा नीचे था...और मेरे कंधे पर रखा हुआ रश्मि दीदी का सर अब बिलकुल मोनिका के मुंह के ऊपर था...दीदी ने मोनिका के लरजते हुए होंठो को अपने मुंह में दबाया ...और उन्हें जोर-जोर से चूसते हुए उनमे बंद रस अपने पेट में उतारने लगी....

दोतरफा हमला उसके लिए सहन करना मुश्किल हो गया....और एक तेज चीख के साथ वो अपने रस को मेरे लंड के नाम कुर्बान करके झड़ने लगी.

अयीईईईइ..........म्मम्म......तुम दोनों भाई बहन मेरी जान लोगे आज...अह्ह्हह्ह......आई एम् कमीईईन्ग........

और उसकी चूत से निकलने वाला रस का बहाव इतना तेज था की मेरा लंड भी एक झटके में बाहर की तरफ फिसल गया. और रश्मि भी उस झटके की वजह से फिसलन भरी पीठ को छोड़कर नीचे की तरफ गिर पड़ी...मोनिका की बगल में.. और नीचे आते ही रश्मि ने अपने होंठ फिर से उसके मुंह से लगा दिए...ताकि वो और न चीख पाए... मैंने अपने लंड को फिर से तैयार किया और चूत में दाल दिया....
पर इस बार चूत मोनिका की नहीं ..रश्मि दीदी की थी.

मेरे लंड के गर्म एहसास से रश्मि दीदी की चूत पुलकित हो उठी....और दीदी ने अपनी दूसरी टांग को पूरी तरह से फेला कर मेरे मोटे लंड का अन्दर स्वागत किया... और फिर मैंने बेरहमी से एक ही झटके में अपना पूरा मूसल दीदी की भुर में डाल दिया.

दीदी की चूत को रात भर रिशू ने कूटा था. मेरे लंड के अन्दर जाते ही उनके मुह से एक चीख निकल गयी.

आःह्ह. अरे मोनू आआअह्हह्हह आराम सेईईइईईआअ


 
अब मैं अहिस्ते अहिस्ते दीदी की चूत चोदने लगा और मोनिका दीदी की चून्चियो से खेलने लगी. १५ मिनट तक ऐसे ही धक्के लगाने के बाद मैं और दीदी एक साथ झड गए अब हम तीनो पस्त होकर सो गए. 

दोपहर करीब ३ बजे मनीष ने मुझे जगाया. मैंने देखा की मोनिका और दीदी दोनों मेरे अगल बगल नंगे सो रहे है. मनीष ने मुझे आने का इशारा किया. मैंने कपडे पहने और उन दोनों को सोता छोड़ कर बाहर आ गया. 

मनीष: सुन यार, मैं वापस जा रहा हूँ. कुछ जरूरी काम है. एक हफ्ते बाद आकर मोनिका को ले जाऊँगा. 

मोनू: अरे तुमने बताया नहीं. तुम रुकते तो बड़ा मज़ा आता.

मनीष: मोनिका को पता है की मैं उसे छोड़ने के लिए ही आया हूँ और वापस चला जाऊँगा. पर थैंक्यू यार. तुम्हारी वजह से मैंने मोनिका को भी चोद लिया. जब मोनिका को लेने आऊंगा तो रश्मि और मोनिका को एक साथ चोदुंगा. बोल देना दोनों को तैयार रहे. डोर बंद कर ले. मैं जा रहा हूँ.

मोनू: चलो भाई. आराम से जाना. बाय बाय.

मनीष चला गया और मैं दरवाजा बंद करके फ्रेश होने चला गया. नहा कर मैंने दीदी और मोनिका को भी जगा दिया और उनको बता दिया की मनीष चला गया है और अगले हफ्ते आयेगा... मोनिका नहाने चली गयी और मैं दीदी के चून्चियो को पीने लगा.

रश्मि: अरे सबर कर. आज कामिनी आयेगी रात को रुकने के लिए. 

मोनू: सच दीदी. लव यू दीदी. मुझे लगता है की वो मुझसे चुदवा लेगी. 

रश्मि: अरे वो रात को जैसे बात कर रही थी मुझे तो लगता है की वो अपने बेटे से भी चुदवा लेगी. तुझे पता है मुझे रिशू के पास भेज कर खुद छिप कर हमारी चुदाई देख रही थी. 

मोनू: ओह तो उन्हें पता था की रिशू तुम्हे चोदता है. 

रश्मि: नहीं, मैंने ही बताया. तेरा और मनीष का भी बता दिया. वैसे वो तुमसे चुदवाने ही आ रही है. मैं तो रात को रिशू के पास चली जाऊंगी फिर तुम मोनिका और कामिनी आंटी के साथ मज़े करना.

मोनू: दीदी एक आईडिया आया है. तुम कुछ बहाना करके आज मत जाना. जब रात को कामिनी आंटी यहाँ आ जाएगी तो रिशू और रिक्की वहां अकेले रह जायेगे. रात को तुम रिशू के साथ फ़ोन सेक्स करना जब वो गरम हो जाये तो उससे कहना की वो रिक्की को चोदे. मैं चाहता हूँ जैसे उसने मुझे बेहेन्चोद बनाया वैसे ही तुम भी उसे बेहेन्चोद बना दो.

रश्मि: ठीक है, मैं आज मोनिका से ही काम चला लूंगी और कोशिश करूंगी की रिशू के दिल में उसकी बहन के लिए वासना भर दू.


 
पर उस दिन शाम को बड़ा आंधी तूफ़ान आ गया और मूसलाधार बारिश होने लगी. कामिनी आंटी का फ़ोन आया की ऐसे में वो नहीं आ पायेगी और वो कल आयेगी. मुझे बहुत ज्यादा फरक नहीं पड़ा क्योंकि मेरे पास तो अपने भाई से चुदवाने के लिए बेक़रार दो दो बहने थी पर उधर रिशू और कामिनी ने जो प्लान बना रखा था उस पर पानी पड़ गया था. 

रात को कामिनी आंटी अपनी चूत में ऊँगली डाल कर पड़ी हुई थी और बार बार उनको रिशू का लंड याद आ रहा था. राजू जो आंटी की प्यास बुझाता था वो आंटी के दिल्ली जाने के बाद कही और नौकरी करने चला गया था तो आंटी काफी वक़्त से प्यासी थी. रिशू भी बुरी तरह वासना में जल रहा था. उनने सोचा था की मम्मी के जाने के बाद वो पूरी रात रश्मि को दौड़ा दौड़ा कर अलग अलग पोज में चोदेगा और गांड भी मारेगा क्योंकि रिक्की भी अपनी एक सहेली के घर पार्टी में गयी थी. आज वो और रश्मि दीदी उसके घर पर अकेले होते पर तेज़ बारिश ने उनके अरमानो पर पानी फेर दिया. 

जब ऊँगली कर कर के भी कामिनी आंटी को संतोष नहीं मिला तो उन्होंने अपनी जिंदगी का एक बहुत बड़ा फ़ैसला किया और वो बिस्तर से उठ कर रिशू के कमरे की तरफ चल दी. रिशू को नींद नहीं आ रही थी और रश्मि को याद करके उनका डंडा एकदम सर उठाये खड़ा था तो उसने अपनी पेंट उतार दी और अंडरवियर से अपना लंड बाहर निकाल कर सहलाने लगा. उसको नहीं पता था की दरवाजे की दरार से दो आंखे उसको देख रही थी और उसका लंड देखते ही वो चमकने लगी. वो आंखे उसकी अपनी माँ कामिनी की थी जो आज तय कर चुकी थी की वो अपने जिस्म की आग अपने बेटे से ही बुझवा लेगी...

अचानक कामिनी आंटी दरवाजा खोल कर अन्दर आ गयी और रिशू ने हडबडा कर लंड वापस अंडरवियर में डाल लिया. 

कामिनी आंटी: नींद नहीं आ रही तेरे कमरे की लाइट जल रही थी तो सोचा तुझसे कुछ बात करू.

रिशू को लगा शायद मम्मी ने मुझे लंड हिलाते नहीं देखा. वो उनसे बोला हा हा बोलो. कामिनी आंटी वही बैठ कर रिशू को ध्यान से देखने लगी. रिशू की अंडरवियर के अन्दर का टेंट देख उनकी चूत बुरी तरह पनिया गयी थी. बैठते समय उनका आंचल गिर गया और उनके ब्लाउज फाड़ कर बाहर आने को बेताब पहाड़ो जैसे बोबे रिशू की निगाहों के सामने आ गए थे. रिशू ने पहले कभी अपनी माँ कामिनी को इस नज़र से नहीं देखा था पर आज वो वासना से जल रहा था. अपनी माँ के चूचे देख उनके दिल में टीस उठी.


 
कामिनी आंटी समझ गयी थी की उन्हें शर्म छोडनी होगी तभी वो आज संतुष्ट हो पायेगी. रिशू उठ कर अपना पेंट पहनने लगा पर उसे रोक कर उन्होंने सीधे ही पुछा जब मैं कमरे में आई तो किसको याद करके लंड हिला रहे थे. रश्मि को?

अपनी माँ के मुह से यह बात सुन कर रिशू के लंड ने झटका खाया. पर वो मुह से कुछ नहीं बोला.

कामिनी: कल मैंने खुद देखा था की तुमने इसी बिस्तर पर रश्मि की कैसे चुदाई की. आज मेरी भी प्यास बुझाओ बेटा.

रिशू: जी वो मम्मी वो...

कामिनी: अरे वो वो क्या कर रहा है चल जल्दी से शुरू हो जा. 

रिशू को तो भरोसा ही नही हो रहा था की ये सब सच में हो रहा है. आंटी ने रिशू का सर पकड़ कर अपनी छाती में गडा दिया और उसका लंड अंडरवियर के ऊपर से ही मुठीयाने लगी. रिशू ने सोचा अगर आज माँ को चोद लिया तो फिर तो उसकी चांदी. वो कभी भी रश्मि या किसी भी दूसरी लड़की को घर लाकर चोद पायेगा. माँ मना नहीं कर पायेगी और जब माँ खुद आगे बढ़ के दे रही है तो लेने में कोई बुराई नहीं.

ये सोच कर गरदन नीचे झुकाते हुए रिशू ने मुंह खोला और ब्लाउन के उपर से कामिनी आंटी की चुंची को निप्पल सहित अपने मुंह में भर लिया. उसने हल्का सा दांत चुभाते हुए इतनी जोर चूची को चुसा की कामिनी आंटी के मुंह से आह भरी सिसकारी निकल गई. 

रिशू अब एक चुंची को अपने हाथ से दबाते हुए दुसरी चुंची में मुंह गडाये चूसने चुमने लगा. कामिनी आंटी कई दिनों से वासना की आग में जल रही थी. आज इतने दिनो के बाद जब उनकी चुचियों को उनके बेटे ने अपने हाथ और मुंह से मसलना शुरु किया तो आंटी के तन-बदन की आग और भड़क गई. उनके मुंह से सिसकारियां निकलने लगी. वो अपनी जांघो को भींचती एडीयों को रगडती हुइ उन्होंने रिशू के सिर को अपनी चुचियों पर और भींच लिया.

ब्लाउज के उपर से चुचियों को चूसने का बडा अनुठा मजा था. गरम चुचियों को ब्लाउज में लपेट कर बारी-बारी से चूसते हुए वो निप्पल को अपने होठों के बीच दबाते हुए चबाने लगा. निप्पल एकदम खडे हो चुके थे और उनको अपने होठों के बीच दबा कर खींचते हुए जब रिशू ने चुसा तो कामिनी आंटी छटपटा गई.

रिशू के सिर को और जोर से अपने सिने पर भींचती सिसयायी “इससस्स्स् उफफफ्फ् . धीरे…आराम से चू…स…”

रिशू दोनो चुचियों की चोंच को बारी-बारी से चूसते हुए जीभ निकाल कर छाती और उनके बीच वाली घाटी को चाटने लगा. फिर अपनी जीभ आगे बढाते हुए उनकी गरदन को चाटते हुए अपने होठों को उनके कानो तक ले गया और अपने दोनो हाथो में दोनो चुचियों को थाम फुसफुसाते हुए बोला बहुत मीठा है तेरा दूध


 
कामिनी आंटी भी उनकी गरदन में बांहे डाले अपने से चिपकाये फुसफुसाती हुइ बोली हाये और चूस बेटा खोल के चूस

इतना सूनना था की रिशू ने कामिनी आंटी को बिस्तर पर लिटाते हुए जल्दी से ब्लाउन के बटन चटकाते हुए खोल दीये. ब्लाउन के दोनो भागो को दो तरफ करते हुए उनकी काले रंग की ब्रा को खोलने के लिये अपने दोनो हाथो को कामिनी आंटी की पीठ के नीचे घुसाया तो उन्होंने अपने आप को अपने चूतडों और गरदन के सहारे बिस्तर से थोडा सा उपर उठा लिया

कामिनी आंटी की दोनो चुचियां रिशू की छाती में दब गई. चुचियों के कठोर निप्पल रिशू की छाती में चुभने लगे तो रिशू ने पीठ पर हाथो का दबाव बढा कर कामिनी आंटी को और जोर से अपनी छाती से चिपका लिया और उनकी कठोर चुचियों को अपनी छाती से पीसते हुए धीरे से ब्रा के हुक को खोल दिया. कसमसाती हुइ कामिनी आंटी ने उसे थोडा सा पिछे धकेला और ब्लाउज उतार दिया. फिर तकिये पर लेट रिशू की ओर देखने लगी. कांपते हाथो से ब्रा उतार कर दोनो गदराई गठीली चुचियों को अपने हाथ में भर धीरे से बोला 

५ ५ किलो के पपीते है. बड़े मस्त है माँ. इतना कह कर रिशू ने उन्हें हल्के से दबाया तो गोरी चुचियों का रंग लाल हो गया. उनने सपने में भी नही सोचा था की उनकी मां की चुचियां इतनी सख्त और गुदाज होगी. रश्मि जैसी कमसिन लड़की और अपनी माँ जैसी खेली खाई औरत का अंतर आज उसे पता चल गया.

कामिनी आंटी की आंखे नशे में डुबी लग रही थी. रिशू ने उनके बगल में लेटते हुए उन्हें अपनी तरफ घुमा लिया और उनके रस भरे होठों को अपने होठों में भर नंगी पीठ पर हाथ फेरते हुए अपनी बाहों के घेरे में कस जोर से चिपका लिया. 

करीब पांच मिनट तक दोनो मां-बेटे एक दुसरे से चिपके हुए एक दुसरे के मुंह में जीभ ठेल-ठेल कर चुम्मा-चाटी करते रहे. जब दोनो अलग हुए तो हांफ रहे थे और दोनो की आंखो की शरम अब धीरे-धीरे कम होने लगी थी.

रिशू ने कामिनी आंटी की चुचियों को फिर से दोनो हाथो में थाम लिया और उनके निप्पल को चुटकी में पकड मसलते हुए एक चुंची के निप्पल से अपनी जीभ को लडाने लगा. कामिनी आंटी भी अपने एक हाथ से चुंची को पकड रिशू के मुंह में ठेलने की कोशिश करते हुए सिसयाते हुए चूसवा रही थी. बारी-बारी से दोनो चुचियों को मसलते चूसते हुए रिशू ने दोनो चुचियों को लाल कर दिया.


 
रिशू का जोश और चूसने का तरीका कामिनी आंटी को पागल बना रहा था. रश्मि और दूसरी लडकियों को चोद कर ली हुई ट्रेनिंग फायदा उठाते हुए रिशू कामिनी आंटी की चुंची चूसते हुए उन्हें और गरम कर रहा था. वो कभी उनके सिर के बालो को सहलाती कभी उनकी पीठ को कभी उनके चूतडों तक हाथ फेरती बोली 

“अभी…आह अ अच्छे से चूस…बेटा….हां ऐसे ओफ्फ्फ हाआअ …सम्भाल…”

तभी रिशू ने अपने दांतो को उनकी चुचियों पर गडाते हुए निप्पल को खींचा वो तो दर्द से कराहती बोली 

“कुत्ते…आराम से चूस…उस रण्डी…रश्मि का ऐसे चबाना…उफफफ्….धीरे से चूस…चूस…उफफफ्.. बेटा …निप्पल को…होठों के बीच दबा…के… धीरे से…नही तो छोड…दे…”

इस बात पर रिशू ने हसते हुए कामिनी आंटी की चुचियों पर से मुंह हटा उनके होठों को चुम धीरे से कान में बोला 

“इतनी जबरदस्त चूचिया पहले नही चुस्वाई उसी की सजा है…”

कामिनी आंटी भी मुस्कुराती हुइ धीरे से बोली कमीना और दोनो हाथो में बेटे के चेहरे को भरती हुइ उनके होठों और गालो को बेतहाशा चुमती हुइ उनके गाल पर अपने दांत गडा दीये. रिशू सिसया कर कराह उठा. हसती हुइ बोली बोल अब कैसा लगा? अपनी माँ के साथ ऐसे करता है...

रिशू ने भी अपन गाल छुडा कर उनके गाल पर दांत काट लिया और बोला तुम भी तो अपने बेटे के साथ….

दोनो अब बेशरम हो चुके थे. रिशू की झिझक अब जा चुकी थी. रिशू अपने हाथ को चुचियों पर से हटा नीचे जांघो पर ले गया और टटोलते हुए अपने हाथ को जांघो के बीच डाल दिया. चूत पर पेटिकोट के उपर से हाथ लगते ही कामिनी आंटी ने अपनी जांघो को भींचा तो रिशू ने जबरदस्ती अपनी पुरी हथेली जांघो के बीच घुसा दी और चूत को मुठ्ठी में भर पकड कर मसलते हुए बोला अपना भोसड़ा दिखा न.
पुरी चूत को मसले जाने पर कसमसा गई कामिनी आंटी फुसफुसाती हुइ बोली अरे तो क्या मादर…चोद…बन...नेगा…आह्ह्ह 

रिशू समझ गया की गन्दी बाते करने में मां को मजा आ रहा है.

जब लंड डालूँगा तब मादरचोद बनूँगा…अभी तो केवल दिखाने के लिए कहा है...दिखा न. 

ये कहते हुए रिशू ने कामिनी आंटी की चूत को पेटिकोट के उपर से और जोर से मसला.

हाये…हरामी मेरी चूत… में लंड…घुसा…येगा...बोल न...

जोश में आकर आंटी ने उनके गालो को अपने दांतो में भर लिया और अपने हाथ को सरका कर उनकी अंडरवियर के भीतर हाथ घुसाने की कोशिश करने लगी. हाथ तो नही घुसा मगर रिशू के दोनो टट्टे उनकी हथेली में आ गये. जोर से उन्ही को दबा दिया. रिशू कराहते हुए बोला आह जान लेगी क्या. आह ओफ्फ्फ 

कामिनी आंटी ने जल्दी से पकड ढीली की और बोली हथियार दिखा जल्दी...

रिशू ने कामिनी आंटी का हाथ पकड अपनी अंडरवियर के भीतर घुसा दिया.

खडे लंड पर हाथ पडते ही आंटी का बदन सिहर गया. गरम लोहे की छड की तरह तपते हुए लौडे को मुठ्ठी में कसते ही लगा जैसे चूत ने एक बुंद पानी टपका दिया. लंड को हथेली में कस कर जकड मरोडती हुइ बोली 

कामिनी: गधे का लंड है क्या

रिशू: है तो…तेरे बेटे का…मगर…गधे के…जैसा


 
रिशू चूत की दरार में पेटिकोट के उपर से उन्गली चलाते हुए बोला तुम्हारी चूत पानी फेक रही है. 

कामिनी: तो बोल मादरचोद बनेगा? 

रिशू: हां! अब रहा नही जा रहा नंगा कर दूं.

कामिनी: जल्दी कर और खुद भी हो जा...

झट से बैठते हुए रिशू ने अपनी अंडरवियर उतार कर एक तरफ फेंकी तो उनका ८ इंच का तमतमाता हुआ लंड कमरे की रोशनी में कामिनी आंटी की आंखो को चौंधीया गया. उठ कर बैठते हुए हाथ बढा उनके लंड को फिर से पकड लिया और चमडी खींच उनके पहाडी आलु जैसे लाल सुपाडे को देखती बोली 

हाय रश्मि ठीक बोलती थी…तु बहुत बडा हो गया है…तेरा…केला तो….छेद…फाड देगा.........”

रिशू कामिनी आंटी की साडी तो पहले ही उतार चूका था. अब पेटिकोट के नाडे को हाथ में पकड झटके के साथ खोलते हुए बोला फडवायेगी न मुझसे बोल न. कामिनी आंटी ने अपनी गांड उठा पेटिकोट को गांड के नीचे से सरकाते हुए निकाल दिया. इस काम में रिशू ने भी उनकी मदद की और सरसराते हुए पेटिकोट को उनके पैरों से खींच दिया.

कामिनी आंटी लेट गई और अपनी दोनो टांगो को घुटनो के पास से मोड कर फैला दिया. दोनो मां-बेटे में से कोई भी अब रुकना नही चाहता था. कामिनी आंटी की चमचमाती जांघो को अपने हाथ से पकड थोडा और फैलाते हुए रिशू ने अपना मुंह लगा चुमते हुए उनकी चूत के उपर एक जोरदार चुम्मा लिया और बुर के दाने को मुंह में भर कर खींचा तो कामिनी आंटी लहरा गई. चूत के दोनों होठो ने अपने मुंह खोल दीये. सिसयाती हुइ आंटी बोली, इसस्स् ... क्या कर रहा है…

दरार में जीभ चलने पर मजा तो आया था मगर आंटी को लंड लेने की जल्दी थी. जल्दी से रिशू के सिर को पिछे धकेलती बोली जल्दी से डाल दे... 

रिशू ने पनियायी चूत की दरार पर अपने सुपाडे की मुन्डी पर लगा दी और अपने चमचमाते सुपाडे को कामिनी आंटी को दिखाता बोला “मां देख मेरा…डण्डा…तेरे छेद…में…”


 
कामिनी: खबरदार जो चुदाई के वक़्त माँ माँ किया…जल्दी से…. पेल दे मेरे छेद में…

अपने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर लगा पुरी दरार पर उपर से नीचे तक चला बुर के होठों पर लंड रगडते हुए रिशू बोला तो बोल रंडी पेल दू पूरा...

कामिनी: अरे क्या स्टाम्प पेपर पर लिख कर दू. अब और मत तडपा डाल दे जल्दी से 

रिशू: देख ले रंडी फट जाएगी तेरी...

कामिनी: बकचोदी छोड. फडवाने के लिये तो खोल के तेरे नीचे लेटी हूँ जल्दी कर… वासना के अतिरेक से कांपती आवाज में कामिनी आंटी बोली.

लंड के लाल सुपाडे को अपनी माँ की चूत के गुलाबी छेद पर लगा रिशू ने कच से धक्का मारा. सुपाडा चार इंच लंड के साथ चूत के छेद को कुचलता हुआ अन्दर घुस गया. रिशू के सिर के बालो में हाथ फेरती हुइ उनको अपने से चिपका भराई आवाज में आंटी बोली अरे इतने में मेरा क्या होगा...अआह पुरा…डाल दे…बेटा…चढ जा जल्दी 

रिशू ने अपनी कमर को थोडा उपर खींचते हुए फिर से अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाल धक्का मारा. इस बार का धक्का जोरदार था. कामिनी आंटी को मज़ा आ गया... इतने दिनो से उन्होंने लंड नही खाया था पर आज जब चूत के अन्दर जब तीन इंच मोटा और आठ इंच लम्बा लंड जड तक घुसा तो उनके सीने में ठण्ड पड़ गयी. अपने होठों को भींच दर्द को पीने की कोशिश करते हुए आंटी ने अपने हाथो के नाखून रिशू की पीठ में गडा दीये.

रिशू: क्या छेद है तेरा कुतिया...मजा आ गया... ये कहते हुए उनने एक धक्का और मारा और चूत के पानी में फिसलता हुआ पुरा लंड आंटी की चूत में जड तक उतरता चला गया.

कामिनी: इसी छेद से निकला था तू. आह्ह्ह आज चोद रहा है इसे ओफ्फ्फ्फ़ क्या किस्मत है तेरी अआह बहुत बडा उफ्फ्फ तेरा …उफफफ्…. मेरे बोबे चूसते हुए धक्के मार आःह्ह 

रिशू ने एक चुंची को अपनी मुठ्ठी में जकड मसलते हुए दुसरी चुंची पर मुंह लगा कर चूसते हुए धीरे-धीरे एक-चौथाई लंड खींच कर धक्के लगाता पुछा 

रिशू: किससे किससे पिलवाती थी बता.

कामिनी: किस से पिलवाती. तेरे बाप का अब खड़ा नहीं होता.

रिशू: क्यों वो लौंडा राजू तो बोलता था की तुम्हे रोज़ चोदता है... 

कामिनी: हरामी कुत्ते वो बोलता था और तू सुनता था...मैं कोई रंडी हूँ जो सबसे चुदुंगी. गुस्से से रिशू के चूतड पर मुक्का मारती हुइ बोली.

बात तो सुन लिया कर कुतिया, झल्लाते हुए रिशू चार-पांच तगडे धक्के लगाता हुआ बोला.


 
उपर के रसिले होठों को चूसते हुए नीचे के होठों में लौडा धंसाते हुए रिशू तेजी से अपनी गांड उछाल कर कामिनी आंटी के उपर कुद रहा था.

हाये तेरा केला भी…!! बहुत मजेदार…है मैने आजतक इतना लम्बा…डण्डा…सीसीसीईईईईईईई…हाये डालता रह…. ऐसे ही…उफफ्… मगर…अब…. आराम से…. हाय…. अब फाड दे…डाल…. सीईईईई…पुरा डाल…कर…. हाये मादर चोद…बहुत पानी फेंक रही…है मेरी …चुत….”

आंटी नीचे से गांड उछालती रिशू के चूतड को दोनो हाथो से पकड अपनी चूत के उपर दबाती गप गप लौडा खा रही थी. कमरे में बारिश की आवाज के साथ कामिनी आंटी की चूत की पानी में फच-फच करते हुए लौडे के अन्दर-बाहर होने की आवाज भी गुंज रही थी. इस सुहाने मौसम में दोनो मां-बेटे जवानी का मजा लुट रहे थे. 

कहां तो रिशू मुठ मारते पकडे जाने पर डर रहा था वहीं अभी खुशी से गांड उछालते हुए अपनी मां की टाईट पांवरोटी जैसी फुली चूत में लौडा पेल रहा था. उधर कामिनी आंटी नंगी अपने बेटे के नीचे लेट कर उनके तीन इंच मोटे और आठ इंच लम्बे लौडे को कच-कच खाते हुए अपने बेटे के बिगडने की खुशियां मना रही थी. अखिर हो भी क्यों ना अब वो घर के अन्दर जितनी मरजी उतना चुदवा सकती थी.

“हाय बहुत…. मजेदार है तेरा छेद…उफफ्…हाय अब तो…हाय रंडी मजा आ रहा है अपने बेटे का डण्डा खा के…. सीएएएएएए…. हाये पहले ही बताया होता तो…अब तक…कितनी बार तेरा रस पी लेता…. तेरा छेद पेल देता…सीईईईई तेरी गांड का छेद खोल देता…रण्डी...खा...अपने बेटे का…. लं…डड्ड्ड्…. हाये…बहुत मजा हाय … अब बरदाश्त नही हो रहा…मेरा तो निकल जायेगा……सीईईईईई…पानी फेंक दुं तेरी … चु…त में ???. सिसयाते हुए रिशू बोला.

नीचे से धक्का मारती और उपर से धका-धक लौडा खाती कामिनी आंटी भी अब चरम-सीमा पर पहुंच चुकी थी. गांड उछालती हुयी अपनी टांगो को रिशू की कमर पर कसती चिल्लाई… 

मार मार ना भोसडीवाले…मेरे लाल…मार…अपनी रंडी…की चूत…फाड दे…हाये …. मेरा भी अब पानी फेंक देगा…पुरा लंड…डाल के चोद दे…अपनी कुतिया…की बुर…. हाय…सीईईईई अपने घोडे जैसे….लौडे का पानी…डाल दे…पेल देएएए…. मां के लौडे …. बहनचोद्द्द्द्……मेरी चूऊत में… यही सब बकते हुए आंटी ने रिशू को अपनी बाहों में कस लिया.

आंटी की चूत ने पानी फेंकना शुरु कर दिया और रिशू के लौडे से भी तेज फौवारे के साथ पानी निकलना शुरु हो गया. रिशू के होंठ आंटी के होठों से चिपके हुए थे दोनो का पुरा बदन अकड गया था. दोनो आपस में ऐसे चिपक गये थे की तिल रखने की जगह भी नही थी. पसिने से लथ-पथ गहरी सांस लेते हुए. जब रिशू के लंड का पानी जब कामिनी आंटी की बुर में गिरा तो उन्हें ऐसा लगा जैसे उनकी बरसों की प्यास बुझ गई हो. कामिनी की चूत के अन्दर भी रिशू का लंड वैसे ही मूसलाधार बारिश करने लगा जैसे की बाहर हो रही थी.


 
Back
Top