Adult kahani पाप पुण्य - Page 4 - SexBaba
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Adult kahani पाप पुण्य

तब तक दीदी ने नाश्ता लगा दिया था तो हम नाश्ता करने लगे. फिर दीदी टीवी देखने लगी और मैं ऊपर रूम में आ गया.

घडी में १० बजने में १० मिनट बाकी थे. जैसे जैसे टाइम बीत रहा था मेरा गुस्सा नर्वंसनेस में बदलने लगा. मेरे पसीने छूटने लगे और दिल जोर से धड़कने लगा.

तभी अचानक डोर बेल बजी. मैं फ़ौरन नीचे आने के लिए सीढीयों पर आया तो मैंने नीचे देखा की दीदी ने दरवाजा खोल दिया है और रिशू घर के अन्दर आ चूका है.

दीदी ने अभी भी अपनी नाईट ड्रेस में थी यानि लूस टीशर्ट और लोअर. ब्रा उन्होंने पहनी नहीं थी तो टीशर्ट में उनके निप्पल भी नज़र आ रहे थे.

नमस्ते दीदी. मोनू कहा है. रिशू दीदी के चून्चियो को घूरता हुआ बोला.

नमस्ते. दीदी उसे अपनी चूचियो को घूरता देख कर सकपका गयी. इधर से ऊपर चले जाओ. मोनू ऊपर कमरे में है. दीदी ने जवाब दिया.

दीदी की बात सुनके रिशू के चेहरे के भाव बदल गए और वो ऊपर आ गया. तभी दीदी नीचे से चिल्लाई
 
मोनू तुम्हारा दोस्त आ गया है, वो ऊपर आ रहा है और मैं नहाने जा रही हूँ.

रिशू ऊपर आ कर बोला, क्यों बेहनचोद बोला था न की जब रश्मि अकेली हो तब बुलाना तो तू यहाँ क्या कर रहा है. तुझे बोला था न की मैं १० बजे तक आऊँगा उससे पहले ही तुझे दफा हो जाना चाहिए थे.

मैंने कहा: भाई वो दीदी ने फ़ोन पर सुन लिया था की तुम यहाँ आने वाले हो. इसीलिए मैं रुक गया वरना उन्हें क्या बोलता की तुम्हे बुलाकर मैं कहाँ जा रहा हूँ.

तो तूने उसे बता दिया की मैं उसे चोदने आ रहा हूँ. रिशू मुस्कुराते हुए बोला.

कैसी बात करते हो भाई. मैंने उनसे कहा की तुम्हारी एक बुक मेरे पास है वो ही लेने आ रहे हो. मैंने जवाब दिया.

रिशू: अब एक काम कर. ये ब्लू फिल्म की सीडी ले कंप्यूटर में लगा और दफा हो जा और सुन २ बजे से पहले मत लौटना.

पर भाई. दीदी को तुममे कोई इंटरेस्ट नहीं है. मैंने सीडी लेते हुए कहा.

चुप गांडू. जल्दी कर वरना ऐसी गांड मारूंगा की याद करेगा. रिशू ने मेरा गिरेबान पकड़ते हुए कहा.

मैंने चुपचाप ब्लू फिल्म लगा दी. और नीचे चला आया. रिशू भी मेरे पीछे पीछे आ गया और बोला चल निकल जल्दी.

पर दीदी को तो बोल दू. मैंने कहा.

मैं तेरी करतूत न उनसे बोल दू और रिशू ने मुझे धक्के देकर घर से निकाल दिया और अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया.
 
मेरा दिमाग घूम गया. और मैं वही दरवाजे के पास बैठ गया. मेरी समझ में नहीं आ रहा था मैं क्या करू..

रिशू ४ घंटे दीदी के साथ क्या करना चाहता है जो मुझे २ बजे तक ना आने के लिए कह रहा था. करीब २०-२५ मिनट ऐसे ही निकल गए.

तभी मुझे एक आईडिया आया और मैं घर के पीछे चला गया जहा एक आम का पेड़ था. मैं उस पेड़ पर चढ़ गया और अपने कमरे की खिड़की पर आ गया. कमरे में रिशू नहीं था. कंप्यूटर भी बंद था. मैं धीरे से कमरे के अन्दर आ गया और नीचे झाकने लगा.

रिशू ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था. दीदी कहीं नहीं दिख रही थी. तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और रिशू बाथरूम की तरफ आ गया.

दीदी नहा कर निकल आई थी. उन्होंने बादामी रंग की स्कर्ट और ब्लैक कलर की टीशर्ट पहनी थी. उनके बालों से पानी टपक कर उनकी टीशर्ट और स्कर्ट को भिगो रहा था. वो रिशू को अचानक वहां देख कर चौक गयी

अरे तुम. मोनू कहा है. दीदी ने पुछा

रिशू: जी जो बुक मैं लेने आया था वो उसने गलती से एक दुसरे लड़के को दे दी. वो मुझे वेट करने को बोल कर वो ही लेने गया है. आप नहा रही थी इसीलिए आपको नहीं बोला.

रश्मि: तो तुम भी उसके साथ चले जाते. बुक उसी लड़के के घर से ले लेते.

रिशू: आप सही कह रही है. ये बात तो मेरे दिमाग में आई ही नहीं पर अब तो मोनू चला गया और मैं उस लड़के का घर नहीं जानता. तो आप कहे तो मैं यही वेट कर लूं.

रश्मि: हां ठीक है.

आप कुछ नाराज सी लग रही है. शायद आपको मेरा आपके घर आना अच्छा नहीं लगा. रिशू दीदी के मासूम चेहरे को घूरता हुआ बोला.

रश्मि: नहीं नहीं ऐसे तो कोई बात नहीं. आओ बैठ कर बात करते है और दीदी जाकर ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठ गयी. रिशू भी उनकी साइड में जाकर बैठ गया.
 
अब वो दोनों टीवी देखते हुए कुछ बात करने लगे. दीदी बीच बीच में उसकी बातो पर हस भी देती थी.

दीदी की नज़र टीवी पर थी और रिशू दीदी की चूचियों को घूर रहा था. और बीच बीच में अपने लंड पेंट के ऊपर से खुजा भी देता था. इसी बीच दीदी के नज़र भी एक बार उसके पेंट में बने टेंट पर पड़ी फिर उन्होंने अपनी नज़र टीवी में गडा ली पर शायद रिशू के लम्बे लंड से निकलती गर्मी अब दीदी का जवान बदन भी महसूस कर रहा था इसीलिए उन्होंने पलट कर फिर उसके खड़े लंड के तरफ देखा. किसी ने सच ही कहा है की मोटा और लम्बा लंड हर उम्र की औरत को दीवाना बना देता है.

दीदी को अपने पेंट में बने तम्बू की तरफ ताकते देख कर रिशू का जोश दोगुना हो गया. अब वो दीदी की तरफ देख कर धीरे धीरे उपने लंड को सहलाने लगा.

दीदी ने फिर से निगाहे फेर ली. रिशू फिर कुछ बोला और सरक कर एक दम दीदी के पास आ गया. दीदी के चेहरे पर फिर से लाली छाने लगी और उनकी तनी चूचिया टीशर्ट में ऊपर नीचे होने लगी. फिर रिशू कुछ बोला और दीदी फिर से हंस पड़ी.

कमाल था की १ घंटे पहले दीदी रिशू को ख़राब लड़का बता रही थी और अब हंस हंस कर उसके साथ बात कर रही है. क्या रिशू का प्लान कामयाब हो जायेगा मैंने सोचा. मैंने मन ही मन रिशू की दाद दी की क्योंकि मुझे लगा की इतनी जल्दी उसने दीदी को अपने जाल में फसा लिया.

पर मुझे ऊपर उन दोनों की बाते मुझे सुनाई नहीं दे रही थी तो मैं धीरे से नीचे उतर कर ड्राइंग रूम के बगल वाले कमरे में छिप गया वहां से वो मुझे दिखाई तो नहीं दे रहे थे पर उनकी बात मैं सुन पा रहा था.
 
रिशू: सही कहा तुमने. उम्र तो हमारी बराबर ही है पर मोनू दीदी कहता है इसीलिए मैं भी कहता था पर अब से नाम से ही बुलाऊंगा तुम्हे.

रश्मि: बाते बहुत बनाते हो तुम

रिशू: रश्मि एक बात कहूँ तुम्हारे बाल बहुत खूबसूरत है बिलकुल तुम्हारी तरह.

रश्मि: अच्छा जी. लगता है तुम्हे लडकियों के बालो में बहुत इंटरेस्ट है.

रिशू: अरे मुझे तो बहुत चीजों में इंटरेस्ट है पर अगर बालो की बात हो तो सिर्फ तुम्हारे. किसी और लड़की के नहीं.

रश्मि: तो किस किस चीज़ में इंटरेस्ट है बताओ.

रिशू: तुम्हारे बाल... तुम्हारी ऑंखें... तुम्हारे ये सेक्सी होठ...

रिशू की आवाज़ सुन कर लगा जैसे वो नशे में हो पर वो दीदी को नाम से बुला रहा था और उसने उनके होठो को सेक्सी भी बोला पर दीदी ने उसे कुछ नहीं कहा. मैं सोच में पड गया.

तभी दीदी की आवाज़ आई

रश्मि: आह इषः अ रिशू मेरे बाल छोड़ो.

क्यों मेरे हाथों में इनकी ख़ूबसूरती कम तो नहीं हो जाएगी. तभी उसके सांस खीचने की आवाज़ आई. शायद वो दीदी के बाल सूंघ रहा था. क्या खुशबू है. उसने कहा.
 
रश्मि: अरे छोड़ो भी. तुम कुछ ज्यादा ही कर रहे हो.

रिशू: लो छोड़ दिए, अच्छा एक बात पूछूँ अगर तुम बुरा न मानो तो.

रश्मि: ऐसा क्या पूछना है.

रिशू: साइज़ क्या है तेरे कबूतरों का.

रश्मि: क्या... कबूतर क्या..

अब रिशू तू तेरे पर आ गया था पर शायद दीदी ने ध्यान नहीं दिया.

अरे तेरी चूचियों का साइज़. रिशू बोला. मुझे तो अपने कानो पर विश्वास ही नहीं हुआ की वो दीदी से ऐसे बोल रहा था.

पागल हो गए हो क्या... लिमिट में रहो... तुमने दोस्ती के लिए बोला था इसीलिए तुमसे इतनी देर से बात कर रही थी वरना..., दीदी गुस्से से चीखी.

अरे ज्यादा नाटक मत कर...मुझे पता है तेरा बदन चुदाई मांग रहा है. रिशू भी थोडा कड़क हुआ.

बकवास बंद करो दीदी चीखी तभी कुछ गुथम गुथ्थ हुई और दीदी की सिसकारी मेरे कानो में पड़ी ...आह इश छोड़ो मुझे...निकल जाओ मेरे घर से.
 
मै ये देखने के लिए की क्या हो रहा है धीरे से बाहर आ कर किचेन में घुस गया.

मैंने देखा की दीदी सोफे के साइड में खड़ी है और रिशू से अपनी टीशर्ट का कोना छुड़ाने की कोशिश कर रही है.उनके लम्बे बाल बिखरे हुए है. दीदी थोडा डरी हुई सी लग रही थी.

तभी रिशू ने दीदी को अपनी बाँहों में भर लिया और उनके होठो को चूसने लगा. दीदी अपने आप को छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रही थी पर रिशू के कसरती बदन के आगे उनकी एक न चली. वो दीदी के होठ ऐसे चूस रहा था की जैसे खा ही जायेगा.

अचानक उसने दीदी की चून्चिया भी दबानी शुरू कर दी. दीदी के घुटी हुई कराह से पता चल रहा था की रिशू के पत्थर जैसे हाथ दीदी की मुलायम चूचियों का बुरा हाल कर रहे थे.

तभी दीदी ने रिशू को धक्का दिया और भाग कर नीचे के बेडरूम में चली गयी.

रिशू ने अपनी टीशर्ट उतर कर सोफे पर फेक दी और उनके पीछे चला गया. उत्तेजना से मेरा हाल बुरा था पर रिशू का ये रवैय्या देख मुझे थोडा डर भी लग रहा था.
 
अन्दर से फिर दीदी की सिसकारी आई.

आह आ आह्ह रिशू प्लीज इतनी जोर से मत दबाओ आह्ह माँ उह्हह्हह्हह्हह्ह मम्मी. दीदी की रोती सी आवाज़ आई.

मैं धीरे से बेडरूम की तरफ बढ़ा.

मैंने देखा की बेडरूम के दरवाजे पर दीदी की टीशर्ट पड़ी हुई थी.

फिर दरवाजे के किनारे से मैंने अन्दर देखा.

रिशू ने दीदी को पीछे से पकड़ा हुआ है और दीदी की स्कर्ट उनके पैरो में गिरी हुई है और पैंटी उनके पैरो में फँसी है...

रिशू की जीन्स और अंडरवियर बेड पर पड़ी थी. रिशू ने अपना लंड पीछे से दीदी की चूत पर लगाया हुआ था और वो उनकी चूचियां दबाता हुआ उन्हें गर्दन पर चूम रहा था.
 
मुझे लगा की अब रश्मि दीदी भी गरम हो गयी है और ज्यादा विरोध करने की स्थिती में नहीं है. शायद रिशू भी ये बात समझ गया था.

अब रिशू उनकी पीठ से अपना हाथ घुमाते हुए उसके सर पर ले गया और उसके बालों से खेलने लगा. रिशू रश्मि दीदी के सर पर हाथ फ़ेर कर प्यार करने के साथ ही साथ ये भी जता रहा था कि अब वो ही दीदी के खूबसूरत नंगे जिस्म का मालिक है .

रिशू ने दीदी को धीरे से घुमाया और अपना होंठ दीदी के गालों पर ले जाकर चूमने लगा, दीदी ने अपना मुंह शर्म से नीचे कर लिया लेकिन रिशू ने ठोड़ी को पकड़ कर उनका चेहरा उपर उठाया और उनके होठों से अपना होंठ लगा दिए और उनके मीठे मीठे, नरम और रसीले होठों को फिर से चूसना शुरु कर दिया.

दीदी भी धीरे धीरे वासना के नशें ड़ूबती जा रही थी. शायद दीदी का मन कह रहा था कि ड़ूब जा इस नशें में लेकिन दिमाग इंकार कर रहा था। लेकिन ऐसा लग रहा था कि दीदी का मन जीत रहा था और दिमाग हार रहा था इसीलिए अब दीदी की तरफ से कोई विरोध दिखने में नहीं आ रहा था.

लगभग ३-४ मिनट तक दीदी के होठों चूसने के बाद रिशू दीदी को बेड पर ले गया और अपनी गोद में बिठा लिया. फिर उसने अपना दांया पांव उपर उठा लिया और उसका तकिया बना कर रश्मि दीदी का सर उसमें रख दिया.

अब दीदी का सर पीछे की तरफ़ लटक गया और उनके दोनों विशाल चूचे आगे की ओर उभर आये.

रिशू हौले हौले दीदी के चूचियों को मसलना चालू कर देता है. रश्मि दीदी के मुंह से एक हल्की सी अवाज निकलती है आआआहहहहह , रिशू उनकी चूचियों को मसलना जारी रखता है. चूचियों को मसलते हुए वो अब दीदी के निप्पलों को भी मसलने लगता है. निप्पल मसलने से एक दम कड़क हो जाती है.
 
मैं जानता था की रिशू अब समझ चूका है कि ये गदराई हसीना भी अब जवानी के मजे लूटने के लिए तैयार है. अन्जाने ही सही या अनचाहे ही सही लेकिन स्त्री और पुरुष के शरीर के मिलने पर काम का सुख तो दोनों को ही मिलता है. रश्मि दीदी के साथ भी यही हो रहा था.

रिशू जो बुरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और उसने दीदी की चून्चियो को मसलना छोड़ कर अब उसके निप्पल पर अपना मुंह लगा दिया. अब दीदी की एक चूंची और उसकी निप्पल रिशू के मुंह मे था और वो उसे जोर जोर से चूस रहा था और दूसरा हाथ उनकी दूसरी चूंची को बुरी तरह से मसल रहे थे. रिशू पागलों की तरह उसे चूस रहा था और इधर रश्मि दीदी की सांसे तेज होती जा रही थी. रश्मि दीदी ने अपने दोनो पैर जमीन पर फ़ैला दिये और उत्तेजना के मारे वो उसे इधर उधर फ़ेंकने लगी. अब दीदी का खुद से कण्ट्रोल ख़तम हो रहा था और उनके मुंह से आवाज निकलने लगी थी आह आह अह्ह आह उईमां ओफ़ ओफ़ आई आह.

अब रिशू ने उनकी चूचियों को मसलना बंद किया और उसने अपना बांया हाथ दीदी के शरीर पर घुमाते हुए उनकी चूत पर रख दिया और छेद तलाशने लगा. कुछ ही पलो मे रिशू ने अपनी उंगली दीदी की चूत के छेद पर रख दी और उसे मसलने लगा. रश्मि दीदी को मानो करंट लग गया और वो बुरी तरह से छट्पटाने लगी. महीनों से उनके अंदर दबी पड़ी कामवासना अब जागने लगी थी.

थोड़ी देर उनकी चूत मसलने के बाद रिशू अपना मुंह दीदी के कान के पास ले गया और धीरे से उनके कान में कहा "तेरे इसी छेद में मैं अभी अपना लंड ड़ालूंगा और जीवनभर इसको अपना बना कर रखूंगा. मैं पिछले कई महिनों से तरस रहा था रश्मि तेरी इस चूत को पाने के लिये. आआआह्ह्ह्ह्ह कितनी नरम है रानी तेरी ये चूत, मैं तो धन्य हो गया रश्मि तुझे पा कर. कितनी खूबसूरत लगती है नंगी होकर तू रश्मि

आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कैसा गदराया बदन है तेरा मेंरी जान. आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ला अब तेरी इस रसीली चूत को चूम लूं. फिर रिशू दीदी की चूत चाटने लगा. थोड़ी देर चूत चाटने के बाद रिशू ने दीदी को सीधे बेड पर लिटा कर उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया. अब दीदी की बिना बालों वाली चूत उभर कर ऊपर आ गयी.

रिशू ने दीदी की टाँगे उठा कर अपने कंधे पर रख ली और अपना लंड दीदी की चूत पर सेट किया और एक झटका मारा. रिशू का आधा लंड दीदी की चूत का फांक चीरता हुआ अन्दर घुस गया. ये देख कर मेरे दिल में एक अजीब सी फीलिंग हुई.
Rishu
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Joined: 21 Mar 2016 02:07
Re: पाप पुण्य
Unread post by Rishu » 31 May 2016 01:47

दीदी के मुह से सिसकारी निकलती है उफ्फ आ उफ्फ्फ मर गयी.

रिशू ने अपने होठ दीदी के होठो पर रख दिये और एक धक्का और दिया. उसका लंड अब जड़ तक दीदी की चूत में पैवस्त हो गया था. दीदी के आँखों से आंसू निकल आये. मैंने सुना था की पहली बार चुदने पर लडकियों को दर्द होता है. आज देख भी लिया.

वैसे भी रिशू का लंड ७.५ इंच का ३ इंच मोटा था वो तो चूदी चुदाई औरत के आंसू निकलवाने के लिए काफी था. अब रिशू रिद्म से दीदी को चोद रहा था. थप थप की आवाज़े कमरे में गूंजने लगी है. दीदी के मुह से उफ्फ आह अओच आवाज़े आ रही थी जो मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी.

रिशू का बिना बालो वाला लंड दीदी के चूत से ऐसे अन्दर बाहर हो रहा था जैसे पिस्टन इंजन से अन्दर बाहर होता है...ये नज़ारा देख कर मेरे को याद आया की मेरी जिस बहन को उस दिन सलमान इतना करीब पहुच कर भी न चोद पाया था उसे आज मेरे दोस्त रिशू ने चोद दिया.

करीब १५ मिनट की ताबड़ तोड़ चुदाई के बाद रिशू रश्मि दीदी की चूत में ही झड गया. पक्क की आवाज़ के साथ उसका मुरझाया हुआ लंड दीदी की चूत से बाहर निकल आया और वो दीदी के बगल में लेट गया. दीदी की आँख से आंसू और चूत से रिशू का सफ़ेद गाढ़ा वीर्य बह कर बाहर आ रहा था.

ये नज़ारा देख कर मेरे लंड ने पेंट में ही पानी छोड दिया. मेरे पैर कपने लगे और मैं सोफे पर जाकर बैठ गया. झड़ने के साथ ही मेरी वासना भी ख़तम हो गयी और मुझे एहसास हुआ की क्या हो गया है. तभी रिशू कमरे से बाहर आ गया और मुझे देख कर चौंक गया.
 
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