Adult kahani पाप पुण्य - Page 5 - SexBaba
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Adult kahani पाप पुण्य

क्यों बे गांडू तुझे कहा था न की २ बजे से पहले मत आना और तू अन्दर कैसे आया बे. रिशू धीमी आवाज़ में बोला.

मैं कही नहीं गया था. यही था. तुम्हारी बातों में आकर आज मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया. मैंने भी धीमी आवाज़ में जवाब दिया.

साले चुप कर लाइव ब्लू फिल्म देख रहा था. वो भी अपनी बहन की और सुन तूने कोई पाप नहीं किया समझा. अरे तुझे तो पुण्य मिलेगा पुण्य. भूखे को खाना खिलाने से बड़ा पुण्य कोई नहीं और तूने अपनी भूखी बहन की भूख मिटाई है. समझा. रिशू बोला और सामने किचेन में चला गया...

मैं भी उसके पीछे पीछे किचन में गया. वो वहां पानी पी रहा था. मैंने बोला मेरी बहन कोई भूखी वूखी नहीं थी. मैंने देखा कैसे तुमने उसके साथ जबरदस्ती की है और उसकी आँख के आंसू भी मैंने देखे है. अब चुपचाप चले जाओ यहाँ से.

रिशू हंसने लगा और बोला अबे गधे, तू लडकियों को नहीं समझ सकता. अरे वो तो खुशी के आंसू थे क्योंकि आज तेरी बहन कली से फूल बन गयी. आज का दिन उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है. न मान तो जब इतना देखा तो थोडा और देख और सुने बे आज तो मैं रात भर यही रुकुंगा. समझा. जा जाकर फिर घुस जा जिस बिल में छुपा था और वो फिर से रूम में चला गया.
 
अन्दर जाकर उसने रश्मि दीदी को अपने दोनों हाथों में उठा लिया. मुझे लगा वो फिर बाहर आयेगा तो मैं जल्दी से सोफे के पीछे छिप गया और रिशू दीदी को लेकर बाथरुम में घुस गया..

उसने दीदी को ऐसे उठाया था कि उनकी पूरी गांड़ रिशू के बांए हाथ में और उनका दाहिना स्तन रिशू के दांये पंजो मे था. वो उन्हें उसी तरह उठा कर बाथरुम में ले गया और शावर के नीचे खड़ी कर दिया और शावर खोल दिया. फिर उसने बाथरुम में ही भीगती नंगी खड़ी रश्मि दीदी को ताबड़्तोड़ चूमना शुरु कर दिया. दीदी भी अब चुपचाप उसका साथ दे रही थी.

अब रिशू ने दीदी को पीछे की तरफ़ घुमा दिया और उनकी गांड़ रिशू की तरफ़ हो गयी. रिशू फिर से उत्तेजना के मारे पागल हो गया. पिछले कई महीनों से जिस रश्मि को चोदने के लिये वो तरह तरह का प्लान बना रहा था आज वही गदराई हसीना चुदने के बाद उसके सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी और उसका भाई चुप करके देख रहा था की रिशू उसकी बहन के तमाम अंगो से खिलवाड़ कर रहा था. वो जानता था की अब उसे रोकने वाला कोई नहीं है.

रश्मि दीदी पूरी तरह से उसके कब्जे में थी. रिशू नीचे बैठ गया और उनकी गांड़ को चूमने लगता है, दीदी की नरम नरम उत्तेजक गांड़ को चूमने से रिशू उत्तेजना की नई उचांईयो में पहुंच गयी. दीदी की गांड़ को उसने पिछले दिनो कई बार याद करके मुठ मारा था लेकिन उसकी मादकता का अहसास उसे आज पहली बार हो रहा था.

वो रश्मि दीदी की गांड को चूमता जा रहा था और बीच बीच में उत्तेजना के कारण उसे अपने दांतो से काट भी लेता था साथ ही साथ दीदी की चूत को पानी से धो भी रहा था. अब रिशू दीदी की गांड को चूमना छोड़ कर पूरी तरह से अपना मुंह नीचे फ़र्श तक ले गया और उनको नीचे चूमना शुरु कर दिया.

पहले नंगी खड़ी दीदी की ऐड़ी फ़िर टखने उसके बाद पीड़्ली फ़िर जांघ ,कमर और पीठ और आखिरी में दीदी की गर्दन. उसने अब पूरी तरह से नंगी खड़ी दीदी के पीछे जाकर उन्हें दबोच लिया. उसका लंड़ दीदी की गाड से चिपक गया और उसने अपने दोनों हाथ आगे की तरफ़ ले जा कर दीदी की विशाल चूंचियो को पकड़ लिया..
 
अपना मुंह दीदी के गालों से लगा कर रिशू उनके गालों को चूमने लगा और अपना एक हाथ दीदी की चूत के उपर ले गया और उसको मसलने लगा. अपने दूसरे हाथ से वो दीदी की चूची भी बुरी तरह से मसलने लगा और फिर उसने अपना लंड़ बड़ी जोर से दीदी की गांड़ मे दबा दिया. अब रिशू ने मुस्कुरा कर बाथरूम के दरवाज़े से बाहर उस तरफ देखा जहा मैं छिपा हुआ था और एक आँख दबाई जैसे इशारे से मुझे कह रहा हो की आने वाला वक्त बहुत तूफानी होगा...

रश्मि दीदी को इस तरह अपने बदन को मसले जाने से उत्तेजना हो रही थी. वो कभी दर्द से रो पड़्ती थी और कभी आनंद से उनके मुंह से सिसकियां निकल पड़ती आह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह बस करो रिशू. दीदी की सिस्कियां और आंसू भी रिशू की वासना की भूख को और भी बढा रहे थे. और वो पागलों की तरह से उसके पूरे बदन को बेदर्दी से मसलने लगा.

फिर रिशू दीदी को छोड़ कर बाथरुम से बाहर आ गया. रिशू पूरा भीगा हुआ है और उसका लंड आधा खड़ा है फिर भी वो काफी बड़ा लग रहा है. बाहर आ कर उसने दीदी का भी हाथ पकड़ कर उन्हें बाहर खींच लिया.

दीदी बाथरुम से बाहर निकल आई और वो भी पूरी गीली थी और बहुत सेक्सी लग रही थी. रिशू वापस उन्हें लेकर बेडरूम में ले गया और एक टावल लेकर दीदी को पोछना शुरू किया. मै सोफे के पीछे से निकल कर फिर दरवाजे के पास आ गया. रिशू दीदी को पोछने के साथ उन्हें किस भी करता जा रहा था. जब उसने खुद को और दीदी को पोछ लिया फ़िर से उसने दीदी को सीने से लगा लिया और उसके बदन को मसलना चालू कर दिया.

कुछ देर तक उसे इसी तरह से मसलने के बाद जब उसने दीदी को अलग किया तो दीदी ने चेहरा शर्म से झुका लिया. दीदी के आंखे बंद थी. रिशू ने दीदी की ठोड़ी पकड़ कर उनका चेहरा उपर उठाया और होठों को चूम लिया. और बोला डार्लिंग अभी तो सिर्फ ट्रेलर था पूरी फिल्म तो अभी बाकी है.
 
मैंने देखा की रिशू का लंड़ अब पूरी तरह खड़ा होकर उत्तेजना के मारे झटके मार रहा है.

हालाँकि रश्मि दीदी ने चुदाई का स्वाद चख लिया था फिर भी वो थोडा थोडा शर्मा रही थी इसलिये वो आंखे बंद किये खड़ी थी. नंगे खडे रिशू ने दीदी को फ़िर से अपने पास खिंचा और उसके बदन से चिपक गया. दीदी ने रिशू के बदन की गर्मी को मह्सूस किया. दोनो पूरी तरह से नंगे हो कर चिपके थे. दीदी ने साफ़ मह्सूस किया कि रिशू इस वक्त काम के नशे में इस कदर डूबा हुआ है कि उसका पूरा बदन किसी भट्टी की तरह गरम हो चुका है.

कुछ देर तक रश्मि दीदी को अपने नंगे बदन से चिपका कर रखने और उसकी नंगी काया की गर्मी का सुख लेने के बाद रिशू दीदी से अलग हुआ और खीच कर उन्हें पलंग के पास ले आया फिर एक हल्का सा धक्का दे कर उसने दीदी को पलंग पर बैठा दिया, दीदी के दोनों पैर पलंग पर लटक रहे थे और वो पलंग पर बैठ गयीं. पास खड़े रिशू ने अब दीदी का एक हाथ उठाया और अपने लंड़ पर रख दिया और मुठ्ठी को बंद कर दिया.

रिशू ने दीदी को चोदने की तैयारी में शायद आज ही अपने लंड के बालो को साफ़ किया था. उसका बिना बालो का खड़ा लंड और भी विकराल लगा रहा था. अपना लंड़ वो रश्मि दीदी की मुठ्ठी में दे कर उनके हाथों से अपनी मुठ्ठ मरवाने लगा. रिशू के लंड का पहाड़ी आलू जैसा सुपाडा एक दम सुर्ख लाल हो गया था.

रश्मि दीदी के लिये ये एक नितांत नवीन अनुभव था उसने पहली बार किसी मर्द का लंड़ अपने हाथों मे पकड़ा था, उसने मह्सूस किया कि रिशू का लंड़ फ़ौलाद की तरह कड़क और किसी भट्टी में तपाये लोहे की तरह गरम है. पिछले कुछ दिनों के आधे अधूरे अनुभव जो दीदी को थे आज का अनुभव उन सबसे अलग था...
 
रश्मि दीदी के नरम नरम हाथ जब रिशू के लंड़ पर आगे पिछे सरक रहे थे तो उसे एक अजीब आनंद का अनुभव हो रहा था. उसे कभी गुमान भी न था कि रश्मि के हाथों में ऐसा जादू छिपा है.

रिशू का लंड़ अब बुरी तरह से कड़्क हो गया था और उसे नीचे करना संभव नहीं था इसलिये दीदी अब उसके लंड़ को उपर से नीचे की तरफ़ सहला रही थी. रिशू अब बुरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और लंड में अत्यधिक तनाव के कारण अब वो दुखने लगा था. तनाव और उत्तेजना के कारण उस अब ऐसा लगने लगा था कि यदि इसे जल्द ही रश्मि की चूत में ना ड़ाला तो ये अब फ़ट जायेगा.

उसने रश्मि दीदी के हाथों को अपने लंड़ से आजाद किया और वो दीदी के और भी सामने आ कर खड़ा हो गया, अब रिशू का लंड़ दीदी के एकदम मुंह के सामने था.

उसने अपना लंड़ दीदी के गालों में लगाया और वहां उसे रगड़ने लगा. वो दीदी के पूरे जिस्म में अपना लंड़ रगड़ना चाहता था, अब उसने अपना लंड़ उसके गालों से हटा कर उसके पूरे चेहरे में घुमाने लगा. रश्मि दीदी बेहद शर्मसार थी और आंखे बंद किये हुए रिशू के अपने नंगे जिस्म के साथ खिलवाड़ को महसूस कर रही थी.
 
रिशू अब अपने लंड़ को दीदी के होठों पर घुमाने लगा मानो वो अपने लंड़ से उनके होठों लिपिस्टिक लगा रहा हो.

रश्मि दीदी ने अपने मुंह को को जोर से भीच लिया और अपने होठों को भी जोर से बंद कर लिया कहीं गलती से रिशू का लंड़ उनके मुंह मे ना घुस जाय... दीदी को लगा कि अगर रिशू ने लंड होठो से नहीं हटाया तो उन्हें उबकाई आ जायेगी और वो उल्टी कर देगी.

पर रिशू मंझा खिलाडी था. उसने अपने बांये हाथ से रश्मि दीदी के जबड़ो को पकड़ा और उसे तनिक दबाया तो दीदी का मुंह थोड़ा सा खुल गया और अब रिशू उनके खुले मुंह में अपना लंड़ डालने की कोशिश करने लगा लेकिन दीदी ने पूरी तरह से अपना मुंह नहीं खोला था इस्लिये उसे अपना लंड़ दीदी के मुंह मे डालने में परेशानी हो रही थी.

उसने थोड़ा और दीदी के मुंह को दबाया तो उनका मुंह पूरी तरह से खुल गया अब उसने अपना लंड़ दीदी के मुंह में हौले से ड़ाल दिया और धीरे धीरे उसे काफ़ी गहराई तक उसके मुंह में घुसेड़ दिया. अब रश्मि दीदी गॊं गॊं की अवाजे अपने मुंह से निकालने लगी , वो कुछ कहना चाहती थी लेकिन कुछ बोल नहीं पा रही थी क्योंकि रिशू का मोटा लंड़ उनके मुंह में था.

रिशू ने अब दीदी के सर को पिछे से पकड़ा और धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाने लगा और अपना लंड़ दीदी के मुंह में अंदर बाहर करने लगा, रश्मि दीदी की आंखे फ़टने लगी क्योंकी रिशू के धक्कों से उसका लंड़ दीदी के गले तक चला जा रहा था.

दीदी के लिये ये एक बिल्कुल नया और विचित्र अनुभव था क्योंकि दीदी ने कभी भी किसी मर्द के लंड़ का स्वाद नहीं चखा था.कुछ देर तक इसी तरह से अपनी कमर हिला हिला कर अपना लंड़ दीदी के मुंह में ड़ालने के बाद रिशू ने अपनी कमर हिलाना बंद किया और दीदी के सर के बालों को पिछे से पकड़ लिया और धीरे धीरे उनका सर आगे पिछे करने लगा .
 
रश्मि दीदी के लिये हालांकि ये बिल्कुल नया खेल था जो उसने आज से पहले कभी नही खेला था इसीलिये उनके मन में काफ़ी गलत फेहमी थी लेकिन आज रिशू ने जबरन ही सही लेकिन जब उसके मुंह मे अपना लंड़ ड़ाल ही दिया तो शुरुआत में थोड़ी हिचकिचाहट के बाद अब उनको भी रिशू के लंड़ का स्वाद अच्छा लगने लगा था और इस खेल में दीदी को भी मजा आने लगा था.

अब अनजाने में ही कब उनका मुंह थोड़ा और खुल गया और रिशू के लंड़ के लिये अपने मुंह में और जगह कर दी ताकी वो असानी से लंड अपने मुंह में ले सके.

रिशू ने इसको तुरंत महसूस कर लिया और उसने दीदी के सर को हिलाना बंद कर दिया लेकिन दीदी का सर आगे पीछे हिलना बंद नहीं हुआ वो उसी तरह अपने सर को आंखे बंद किये हिलाते रही और उसके लंड़ को चूसती रही.

रश्मि दीदी की आंखे बंद थी और उन्होंने अब इतनी जोर से उसके लंड़ को चूसना शुरु कर दिया कि उनके मुंह पच पच की अवाजे भी आने लगी इतनी जोर से लंड़ को अपने मुंह में भीच लेने के कारण उनके दोनों गालों मे गड्ढे पड़ने लगे थे. पच पच की अवाज के बीच में उनके मुंह से उं उं आह आह की अवाजे निकल रही थी और इधर रिशू आंखे बंद किये अपनी गदराई हसीना के मुख मैथुन का आनंद ले रहा था.

उसके मुंह से सी सी की अवाजे निकल रही थी वो प्यार से दीदी के बालों और पीठ में हाथ फ़ेरने लगा और अत्यन्त कामोत्तेजना में आह आह वाह रश्मि सक इट बेबी बडबड़ाने लगा. दीदी को कुछ देर पहले जिस लंड के होठो पर लगने से उबकाई आ रही थी उसी घोड़ेछाप लंड को अब वो लोलीपॉप की तरह स्वाद लेकर चूस रही थी. थोड़ी देर बाद रिशू ने रश्मि दीदी को कुतिया की तरह पलंग पर बैठा दिया और खुद पलंग के नीचे उनके सामने खड़ा हो गया और अपना लंड दीदी के मुह में दे दिया.

दीदी को दोनों चून्चिया हवा में झूल रही थी. रिशू बीच बीच में अपने हाथों से उसकी पीठ को सहलाते हुए उनकी गांड़ को सहलाने लगा और अपनी एक उंगली को उसकी गांड़ और उसकी चूत के छेद मे मसलने लगा इससे दीदी की उत्तेजना और बढ़ गई और वो फिर से और जोरों से उसके लंड़ को चूसने लगी और अब वातावरण में दोनॊं जवान जिस्मॊ के मुंह से निकलने वाली सिसकियां गुंजने लगी.

फिर रिशू ने अपना लंड उनके मुह से निकाला और दीदी को हौले से धक्का दिया और पलंग पर धकेल दिया.

रश्मि दीदी अब पलंग पर पीठ के बल पड़ी थी उनका सर एक तरफ़ झुका हुआ था और दाहिना हाथ उपर की तरफ़ उठते हुए सर के पास पड़ा था और दूसरा हाथ उनकी चूंची के ठीक नीचे और पेट के थोड़ा उपर पड़ा था. दीदी की आंखे बंद थी और उनकी विशाल चून्चिया उत्तेजना के मारे जोर जोर से हिल रही थी.
 
रिशू दीदी को इस तरह पड़े देख पागल हो गया और वहीं पलंग के पास नीचे बैठ गया.

फिर उसने दीदी की दोनों टांगो को फ़ैला कर उसने अपना मुंह दीदी की चूत में लगा दिया. अब रिशू ने दीदी की चूत को चूसना शुरु कर दिया. उसके मुंह से चप चप चपड चपड की अवाज आने लगती है. दीदी के मुंह से उत्तेजना के मारे आह निकलने लगा और वो अपना सर पलंग में इधर उधर घुमाने लगी और अपने दोनों हाथों को उपर कर के दीदी ने तकिये के कोनों को जोर से पकड़ लिया और उसे मसलने लगी.

रिशू अपने दोनों हाथ दीदी की गांड़ के नीचे ले गया और थोड़ा जोर लगा कर उसने दीदी के चूतरो को उपर उठा दिया. अब दीदी की चूत और भी असानी से उसके मुंह मे आ गयी ,रिशू ने अपने मुंह में ढेर सारा थूक भर कर रश्मि दीदी की चूत में उंड़ेल दिया जिससे उनकी चूत और भी चिकनी हो गयी.

अब वो दीदी की चिकनी चूत की फ़ांको पर अपनी जीभ रगड़ने लगा और चूत के अंदर के गुलाबी भाग को अपनी जीभ से सहलाने लगा.

रश्मि दीदी मारे उत्तेजना के पागल हो गयी और अपनी चूत जोर जोर से हिलाने लगी. अब रिशू के लिये उसकी चूत मे मुंह लगाये रखना कठिन हो रहा था तो उसने और भी ताकत से अपना मुंह दीदी की चूत में लगा दिया और अपनी जीभ दीदी की जवान चूत के छेद में ड़ाल कर अंदर बाहर करने लगा.

इस तरह जीभ के अंदर बाहर होने से दीदी थरथराने लगती और वो बुरी तरह से उत्तेजित हो गयीं. वो आंखे बंद किये अपना सर तेजी से इधर उधर पटकने लगी. दीदी की बदहवासी ने रिशू को और भी ज्यादा उत्तेजित कर दिया अब वो और भी अधिक जोश से दीदी की बुर को चूसने लगा.

चूत के इस बुरी तरह से चूसे जाने के कारण रश्मि दीदी का खुद से नियंत्रण पूरी तरह से खतम हो गया था और उनकी चूत से उत्तेजना के मारे चिकना पानी निकलने लगा और दीदी झड गयी. दीदी के बुर के मादक पानी ने रिशू की उत्तेजना को और भी अधिक बढा दिया. उसके लिये अब अपना लंड़ रश्मि की चूत से बाहर रखना संभव नहीं था.

उसका लंड अब बुरी तरह से झटके मार रहा था और बुरी तरह से दुखने भी लगा था.
 
रिशू दीदी की जवान बुर के रस का अभी और मजा लेना चाहता था और उसका मन अभी उनकी चूत चूसने से भरा नहीं था.

वो दीदी की चूत और भी कुछ देर तक चूसना चाहता था लेकिन वो भी अपने लंड़ की बगावत के आगे मजबूर हो गया और ना चाहते हुए भी रिशू ने अपना मुंह दीदी की रसीली चूत से अलग कर दिया.

अब रिशू पलंग पर चढ़ गया और लाल सुर्ख आंखों से अपने सामने पड़ी नंगी पड़ी अपने दोस्त की बेहेन के जिस्म को कामुक निगाहों से देखने लगा. उसके देखने का अंदाज ऐसा था मानो वो उसे अपनी नजरों से ही उसे चोद देना चाहता हो.

दीदी के संपूर्ण शरीर पर भरपूर निगाह ड़ालने के बाद उसकी निगाहें अब उनकी उभरी हुई चूत पर जा टिकी. बिना बालों वाली दीदी की चिकनी सलोनी चूत जिसे अभी कुछ ही क्षणों पहले रिशू ने चूस चूस कर मेरी बहन की जवानी का रस पिया था चूसे जाने के कारण फूल कर बाहर की तरफ उभर आई थी और उसकी दरार साफ़ दिख रही थी.

 
रश्मि दीदी की चूत अभी भी गीली थी और उनके मन की कामवासना चिकने पानी के रुप में उसकी चूत से बाहर आ रही थी.

रिशू ने जैसे ही चूत चूसना बंद किया दीदी को अपनी चूत में एक अजीब सा खालीपन महसूस होने लगा. उन्हें महसूस होने लगा कि मेरी चूत में कुछ होना चाहिये जो इस वक्त नहीं है, चूत के इस खालीपन को भरने के लिये दीदी की चूत में एक अजीब सी खुजली होने लगी और उसकी वजह से दीदी की चूत अपने आप झटके मारने लगी.

रश्मि दीदी ने आंखे खोल कर रिशू की तरफ़ देखा तो उसे अपनी चूत को घूरते हुए पाया , रिशू को इस तरह अपनी चूत को घूरते और अपनी चूत के लगातार झटके मारने के कारण वो शर्मा गयी.

दीदी का चेहरा मारे शर्म के लाल सुर्ख हो गया और उन्होंने फ़िर से अपनी आंखों को बंद कर अपना चेहरा घुमा लिया.

 
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