Adult kahani पाप पुण्य - Page 7 - SexBaba
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Adult kahani पाप पुण्य

रिशू मुझे जो सुनाना चाहता था वो सुना दिया. अब वो दीदी को और परेशान नहीं करता और उसको चूमने लगा.

दरअसल वो ये भी चाहता था कि तन के साथ रश्मि दीदी उसके साथ मन से भी खुल जाय तो उसे चोदने में और भी मजा आयेगा. उसने फ़िर से अपने धक्के तेज कर दिए और रश्मि की बुर में अपना लंड़ पेलने लगा.

कुछ देर तक रिशू का लंड़ अपनी बुर में लेने के बाद अचानक दीदी जोर से रिशू को पकड़ लेती है फ़िर एकदम से निढाल पड़ जाती है और अपने दोनों हाथों को सर के उपर ले जा कर ढीला छोड़ देती है और अपना सर एक तरफ़ लुड़का देती है. वो तीसरी बार झड गयी थी पर उसकी आंखो में आंसू की बुंदे टपक जाती है. शायद आज मन भर के चुदने की अपनी इच्छा पूरी होने से खुशी के मारे दीदी की आंखों से आंसू निकल आये.

रिशू भी दीदी को देख कर समझ जाता है की अब ये झड़ चुकी है. कुछ ही क्षणों मे दीदी रिशू से कहने लगती है प्लीज अब बस करो छोड़ दो मुझे.

पहली बार रिशू भी आधे घंटे में झड गया था पर पहली बार दीदी को चोदने के बाद जब वो किचेन में पानी पीने गया था तब उसने सेक्स को बढ़ाने वाली गोली खा ली थी. उसी गोली ने रिशू को शैतान बना दिया था. रिशू का लंड दर्द होने लगा था पर वो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था और दीदी ३ बार झड चुकी थी.
 
रिशू ने दीदी को अनसुना करते हुआ उनको जोर से भींच कर अपने धक्के तेज कर दिए और दीदी को और तेजी से चोदने लगा. दीदी को अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था. उनमे अब दम नहीं बचा था बस वो पड़े पड़े अआह ऊओह्हह्ह की आवाजे निकल रही थी.

करीब १० मिनट के बाद आखिर रिशू को लगा की उसका लंड कभी भी वीर्य बाहर निकाल सकता है. ये एहसास होते ही तुरंत उसने अपना लंड़ दीदी की चूत से बाहर निकाल लिया और लंड दीदी के मुह में डाल दिया. दीदी ने न चाहते हुए भी उसका लंड अपने मुह में ले लिया क्योंकि अब उनमे बोलने की ताकत भी नहीं बची थी.

रिशू ने दीदी के मुह में ही वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. पूरी तरह झड़ने के बाद रिशू ने अपना लंड दीदी के मुह से बाहर निकाला. उसका लंड अभी भी पूरी तरह नहीं बैठा था. उसका वीर्य पीकर दीदी का मुह खारा हो गया था. उनको अजीब सा लग रहा था. थोडा वीर्य दीदी के होठों से निकल कर उनके गालो पर बह गया था.

रिशू ने मुस्कुराते हुए दीदी का हाथ पकड़ कर अपना लंड़ उनके हाथ में रख दिया. उसके लंड ने फिर एक झटका खाया. फिर रिशू रश्मि दीदी के बगल में लेट गया और उनके नंगे बदन से लिपट गया.

१५ मीनट तक दोनों उसी तरह से पलंग पर पड़े रहे. शायद दोनो ही इस लंबी चुदाई के बाद बूरी तरह से थक चुके थे. मुझे लगा की दीदी की पहली चुदाई तो यूँही थी पर ये दूसरी चुदाई काफी धमाकेदार हुई और इसमें दीदी भी काफी एन्जॉय कर रही थी.
पहली बार तो दीदी बेमन से चुदी थी पर मर्द के कड़क लंड़ की ताकत का उन्हें इस बार ही अहसास हुआ था और शायद आज की इस चुदाई के बाद दीदी को मर्द शब्द का अर्थ भी समझ में आ गया होगा.
 
१५-२० मीनट के बाद दीदी के शरीर में थोड़ी हरकत हुई शायद उनके मुह में रिशू के वीर्य के स्वाद ने उन्हें उठने पर मजबूर कर दिया. वो थोड़ा खड़ी होने का प्रयास किया लेकिन रिशू का दांयां पैर उनकी जांघो पर पड़ा हुआ था और उसका एक हाथ में दीदी की चूंची थी और रिशू ऐसे ही सो गया था. दीदी ने पहले रिशू के हाथ को अपने स्तन से हटाया और फ़िर उठ कर बैठ गई फ़िर उसने उसकी जांघों को अपने उपर से हटाया और पलंग से उठ खड़ी हुई.

रश्मि दीदी पूरी तरह से नंगी थी और चुदाई के बाद बला की खूबसूरत लग रही थी. बाहर की तरफ़ निकली हुई उसकी गोल गोल उभारों वाली उसकी गांड़ और बड़े बड़े विशाल स्तन उसे बेहद कामुक बना रहे थे. वो वैसे ही नंगी चलती हुई बाथरुम की तरफ़ जाने लगी. मैं फिर से सोफे के पीछे चला गया. अचानक दीदी की नज़र ड्राइंग रूम के कोने में रखी ड़्रेसिंग टेबल पर पड़ी और उसमें अपनी छाया देख कर दीदी रुक गयी.

दीदी शीशे के थोड़ा करीब गयी और अपने नंगे जिस्म को निहारने लगी.

अपने नंगे जिस्म को देखते हुए कभी तो वो शर्मा जाती और कभी गौरव और अहंकार से उसका मन भर जाता कि मेंरे इसी जिस्म को पाने के लिये लोग इतना ललायित रहते है.

अपने जिस्म पर घमंड़ करना हर स्त्री का स्वभाव होता है और उसे भोगने की इच्छा करना हर पुरुष का. औरत इस बात से अन्जान होती है कि आदमी का लक्ष्य तो औरत के जिस्म में बसी उसकी चूत होती है फ़िर शरीर चाहे वो किसी रश्मि का हो या किसी चारू, रुची या अमृता का.
 
कुछ देर तक इसी तरह अपने जिस्म को आईने में निहारने के बाद दीदी बाथरुम में चली गयी. मुझे लगा की अब मैं घर से बाहर निकल जाता हूँ पर बाथरुम में पहुंच कर दीदी ने दरवाजा ही बंद नहीं किया और शावर चालू करके अपने शरीर की सफ़ाई करने लगी.

दोनों जिस्मों के गुत्थम गुत्था होने से पैदा होने वाला पसीना और रिशू के वीर्य ने दीदी के शरीर को चिपचिपा बना दिया था और चुदाई के दौरान हुई कसरत ने उनको काफ़ी थका दिया था. लेकिन पानी की बौछार शरीर में लगने से उन्हें काफ़ी राहत महसूस हुई और ताजगी का अह्सास उसके शरीर में नवीन उर्जा का संचार करने लगा.

लगभग १० मीनट तक नहाने के बाद रश्मि दीदी पूरी तरह ताजगी महसूस करने लगी और अब उन्होंने शावर बंद किया और तौलिया लपेटे नंगी ही वापस कमरे में आ गई. अब दीदी को रिशू से शर्म जैसी कोई बात नहीं थी.

इधर रिशू भी लगभग हलकी नींद पूरी करने के बाद जाग चुका था और काफ़ी तरोतजा मह्सूस कर रहा था. उसने अपनी आंखे खोली और पलंग पर ही पड़ा रहा. दीदी को बिस्तर पर ना पा कर उस्की निगाहें रश्मि को खोजने लगी. नहाने के कारण रश्मि दीदी के बदन में एक अलग ही चमक दिखाई दे रही थी और उसका गोरा बदन नंगा होने के वजह से और भी मादक लग रहा था.

दीदी नहा कर कमरे में नंगी खड़ी थी उसका एक पैर स्टूल पर था और दूसरा पैर जमीन था और वो अब अपने पैरों को पोछ रही थी. उसके बाल खुले हुए थे और उसकी कमर तक लटक रहे थे.
 
अपनी खूबसूरत हसीना के चिकने नंगे बदन को देख कर रिशू के लंड़ में फ़िर हरकत होने लगी.

दीदी की बड़ी बड़ी नंगी गांड़, मोटी जांघ और किसी पर्वत की तरह विशाल लटकते हुए स्तन को देख रिशू का लंड फ़िर अपने अकार में आने लगा और फ़िर से रश्मि की चूत में जाने के लिये मचलने लगा. वो तुरंत हरकत में आता है और पलंग से खड़ा हो जाता है.

उसका लंड़ अब फ़िर से बूरी तरह से कड़क हो चुका था और वो उसी अवस्था में रश्मि के पीछे जा कर खड़ा हो जाता है और उसके बदन को पीछे से कामुक नजरों से घूरने लगता है.

दीदी इस बात से बेखबर थी की रिशू जाग चुका है और उनके एकदम पिछे आ कर खड़ा है, वो अपनी ही धुन में थी और पूरी तन्मयता से अपने नंगे बदन को पोछे जा रही थी. वो ये सोच रही थी की अब कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि कभी भी मोनू वापस आ सकता है उसे क्या पता की उसका भाई उसकी ये धमाकेदार चुदाई लाइव देख चूका है लेकिन रिशू तो सोचता है की दीदी को चोदने के लिए उसे मेरी परमिशन थी इसी लिए उसे कोई भी जल्दी नहीं थी. उसे तो कुछ और ही मंजूर था.
 
कुछ क्षणों तक रश्मि दीदी के नंगे बदन को घूरने के बाद रिशू ने उनको पीछे से पकड़ लिया और अपना लंड़ दीदी की नंगी गांड़ की दरारों मे जोर से दबा दिया और उसने अपने दोनों हाथों को आगे कर के फिर से दीदी की चून्चियो पर हमला बोल दिया.

अचानक इस तरह पकडे जाने से दीदी चौंक गयी. वो पीछे मुड़ कर देखने की कोशिश करती है लेकिन रिशू ने उसे इतनी जोर से पिछे से भींच कर रखा था कि वो पलट नहीं पाती तो दीदी अपनी गर्दन थोड़ी उपर उठा कर पिछे खड़े रिशू की तरफ़ करके कहती है

"अरे ये क्या! छोड़ो मुझे, कभी भी मोनू वापस आ सकता है और तुम हो कि फ़िर शुरु हो गये. अभी मन नहीं भरा क्या? छोड़ो मुझे प्लीज.

रिशू जानता है की मैं कही छिपा हुआ सब देख रहा हूँ इसीलिए उस पर दीदी की इन बातों का कोई असर नहीं हुआ और उसने दीदी को और भी जोर से को पकड़ लिया.

अब उसने दीदी की गांड पर अपने लंड़ का दबाव और भी बढ़ा दिया और उनकी दोनों चून्चियो को और भी ज्यादा जोरों से मसलने लगा फिर रिशू ने अपना लंड़ धीरे धीरे दीदी की गांड़ मे उपर निचे रगड़ने शुरू कर दिया.
 
रश्मि दीदी की नरम नरम विशाल गद्देदार गांड़ में अपना लंड़ रगड़ने से उसे एक अलग ही सुख का अहसास हो रहा था और उसकी उत्तेजना भी अपने चरम में पहुंच जाती है.

रिशू दीदी की गांड मे अपने लंड़ को रगड़ते हुए ही दीदी के गालों को चूम कर बोला "अभी क्या जल्दी है जान? अभी तो १२.३० ही बजा है, और तुम्हें तो मोनू की बेकार फिकर हो रही है वो अभी नहीं आयेगा और आ भी गया तो क्या. उसके सामने ही उसकी बहन चोदूंगा और वो अपना लंड हिलाएगा.

रश्मि दीदी यह सुन कर चौंक गयी पर वो कुछ कहने के लिये मुंह खोलने कोशिश करती इससे पहले ही रिशू ने अपने होंठ रश्मि के होठों से लगा दिए और उनकी मदमस्त जवानी का रस पीने लगा.

रिशू का लंड़ रश्मि दीदी की गांड मे दस्तक दे रहा था और उसके दोनों हाथ दीदी की चून्चियो को मसल रहे थे साथ ही वो दीदी के होठों से जवानी का रस चूम रहा था. दीदी चाह कर भी कुछ बोल नहीं बोल पाइ और लगातार अपने बदन को मसले जाने के कारण वो भी धीरे धीरे गरम होने लगी और दीदी की वासना फ़िर उछाल मारने लगी.
 
अब रिशू ने अपने दांये हाथ को दीदी की चूंची से हटाया और धीरे धीरे उनके पेट से स्पर्श करते हुए उसने अपना दांया हाथ दीदी की उभरी हुई जवान चूत पर रख दिया. अपनी जवान चूत पर रिशू का हाथ लगते ही दीदी पर एक मदहोशी सी छाने लगती है और वो रिशू का लंड़ फिर से अपनी चूत में लेने के लिये मचलने लगी.

रिशू के हाथ अब रश्मि दीदी की चूत की दरारों के उपर घूम रहा था और दीदी का बदन फ़िर से उत्तेजना के मारे थरथराने लगता है. कुछ देर तक दीदी की चूत को सहलाने के बाद रिशू ने अपनी एक उंगली दीदी की चूत के अंदर ड़ाल दी और उसे हौले हौले अंदर बाहर करने लगा.

रश्मि दीदी मारे उत्तेजना के गरम हो गयी और उनकी चूत से पानी निकलने लगा. उनके पैरों की शक्ति अब जवाब देने लगती है और अब खड़े रह पाना दीदी के लिये काफ़ी कठिन हो गया.

दीदी की चूत से निकलने वाले पानी के अपने हाथों से लगते ही रिशू समझ जाता है कि रश्मि अब फ़िर से गरम हो चुकी है और लंड लेने के लिए तैयार है पर वो तय नहीं कर पा रहा की लंड फिर से दीदी की चूत में डाले या फिर उनकी गद्देदार गांड मारे.
 
अब रिशू और भी तेजी से उनकी चूत से खेलने लगा और अपनी उंगली दीदी की चूत से और भी तेजी से रगड़ने लगा.

रश्मि दीदी अब पूरी तरह से बेकाबू हो गयी और उसके मुंह से आह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओफ़्फ़्फ़ सीऽऽऽऽऽ सीऽऽऽऽऽऽऽऽ की अवाजें निकलने लगी.

दीदी के लिये उस पोजीशन में खड़े रहना अब संभव नहीं था. एकतरफ रिशू का लंड़ बुरी तरह से उनकी गांड़ से चिपका हुआ था और उसका एक हाथ रश्मि की दोनों चूंचीयों को मसल रहा था और दूसरी तरफ दूसरा हाथ उनकी चूत से खिल्वाड़ कर रहा था.

रश्मि दीदी को बेहद आनंद आ रहा था लेकिन कुछ ही देर पहले वो रिशू के लंड के स्वाद चख चुकी थी इसलिये अपनी चूत में केवल एक छोटी सी उंगली से उन्हें वो सुख और संतुष्टी नहीं प्राप्त हो रही थी जो उसे कुछ देर पहले रिशू के लंड़ से मिली थी.

दीदी बदहवासी में अपना पूरा जोर लगा कर गोल घुम कर रिशू से लिपट गयी. रिशू भी दीदी को अपने सीने से चिपका कर उनके चेहरे को बेतहशा चूमने लगा. रश्मि दीदी की विशाल चूंचीया अब रिशू की छाती से चिपकी हुई थी और वो खुद उसकी बाहों में. रिशू उन्हें चूमे जा रहा था और अपने हाथों से उसकी दोनों बड़ी गांड़ को मसलते जा रहा था.

रिशू ने कुछ देर तक दीदी को अपनी बाहों में थामे रखा. रिशू दीदी के बदन की गर्मी का सुख लेता रहा और उनके नंगे जिस्म को सहलाते रहा फिर उसने अपने पैरों को ढीला छोड़ दिया और घुटनों के बल नीचे बैठ गया. उसने अपने दोनों हाथों से दीदी की गांड़ को पकड़ लिया और अपना मुंह उनकी चूत में लगा दिया.
 
अब रश्मि दीदी बेजान सी खड़ी थी और रिशू उनकी बुर चूस रहा था. दीदी के हाथ रिशू के सर पर तेजी से घुम रहे थे, उनकी आंखे बंद थी और मुंह से सिसकियां निकल रही थी. दीदी के देख कर ऐसा लग रहा था कि उन्हें रिशू का अपने जिस्म से खिलवाड़ बहुत पसंद आ रहा था और वो चाहती थी कि रिशू उसके नंगे जिस्म से जी भर कर खेले.

कुछ देर तक खड़ी रह कर अपनी बुर चूसवाने के बाद रश्मि दीदी का हौसला पस्त हो जाता है उनके पैरों में जान नहीं बची थी कि वो उनके गदराये बदन का भार उठा सके. अब दीदी भी नीचे बैठ गयी और उनके नीचे बैठते ही रिशू ने हौले से धक्का दे कर उन्हें वहीं लिटा दिया. जमीन पर बिछा कालीन अब बिस्तर का काम कर रहा था.

रिशू और रश्मि दीदी दोनों में अब वो धैर्य नहीं बचा कि वो पलंग तक जाये लिहाजा दीदी भी बिना किसी विरोध के कालीन पर पीठ के बल लेट गयी. नंगी रश्मि दीदी नीचे लेट कर कामवासना से अपने दोनों पैरों को उपर नीचे करने लगी और अपनी दोनों चूंचीयों को अपने ही हाथों से मसलने लगी.

थोड़ी थोड़ी देर में वो अपने होठों को अपने ही दातों से काट रही थी और दीदी के मुंह से सिसकारियां निकल रही थी. दीदी का ये मौन निमंत्रण पा कर पहले से ही उत्तेजित रिशू और भी कामांध हो जाता है और फ़ैसला करता है की एक बार और चूत लेने के बाद वो रश्मि की गांड मारेगा.
 
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