Adult kahani पाप पुण्य - Page 12 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Adult kahani पाप पुण्य

मनीष ने और तेज़ी से लौड़े को अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया. दीदी का बाँध टूट गया.. वो झड़ने लगी. कुछ देर बाद वो शान्त पड़ गई.. मगर मनीष का अभी बाकी था.. वो धीरे-धीरे कमर को हिला रहा था. दीदी अब शान्त लेट गई थी.. उनका सारा जोश ठंडा हो गया था. तभी अचानक मनीष ने अचानक लंड तेजी से अन्दर बाहर करना शुरू किया और दीदी की चूत में झड गया.

उसके बाद मनीष एक तरफ लुढ़क गया और मैं घुटनों के बल बिस्तर पर खड़ा हो गया.. जिसे देख कर दीदी मुस्कुराई.

दीदी- क्या हुआ बहनचोद?

मोनू: रश्मि डार्लिंग तुम दोनों का तो हो गया अब जरा मेरे लंड को थोड़ा चूस कर चिकना कर दे.. उसके बाद तुझे घोड़ी बना कर चोदूँगा.. तेरी चूत की गर्मी तो निकल गई.. अभी मेरा रस निकलना बाकी है.

दीदी हँसती हुई मेरे लंड को चूसने लगी.. अपने मुँह में पूरा लौड़ा लेकर अच्छी तरह उसको थूक से तर कर दिया.

मोनू: आह्ह.. आह्ह.. बस दीदी.. अब बन जा घोड़ी.. आज तेरी सवारी करूँगा.. आह्ह.. अब बर्दास्त नहीं होता आह्ह.. आह्ह..

दीदी घुटनों के बल अच्छी तरह पर फैला कर घोड़ी बन गई.. वैसे तो रिशू ने उनको घोड़ी बना बना कर एक्सपर्ट कर दिया था पर मेरे साथ तो पहली बार था.. जिस तरह वो घोड़ी बनी थी.. मुझको बहुत अच्छा लगा कि मेरी बहन एकदम पर्फेक्ट घोड़ी बनी है

 
मैंने कहा, वाह.. दीदी क्या जबरदस्त घोड़ी बनी है तू.. अब ठुकाई का मज़ा आएगा.. तेरी चूत कैसे फूली हुई है.. उफ़फ्फ़ साली ऐसी चूत देख कर लौड़े की भूख ज़्यादा बढ़ जाती है
मैंने लौड़े को चूत पर टिकाया और पूरा एक साथ अन्दर धकेल दिया

दीदी- आईईइ.. मोनू आराम से.. आह्ह.. एक बार में पूरा घुसा दिया.. आह्ह.. आज तो आराम से करो.. कल से जैसे चाहो चोद लेना..

मोनू: अरे सॉरी यार.. तेरी चूत देख कर बहक गया था.. अब ख्याल करूँगा

मैं अब दीदी की कमर पकड़ कर चोदने लगा.. मेरे हाथ दीदी की मुलायम गाण्ड को भी सहला रहे थे. बीच-बीच में दीदी की गाण्ड के छेद में उंगली भी घुमा रहा था. थोड़ी देर की मस्ती के बाद दीदी भी गरम हो गई और गाण्ड को पीछे धकेल कर मज़े को दुगुना बनाने लगी

दीदी- आह.. आह.. मोनू.. आह्ह.. आज की रात हर तरीके से मुझे चोदो.. आह.. आह.. फास्ट करो.. और तेज मोनू आह्ह.. मज़ा आ रहा है

मैं अब तेज़ी से चोदने लगा. मेरा लौड़ा अब फूलने लगा था. कितना सह पाता वो चूत की गर्मी को आख़िर मेरे लौड़े ने रस की धारा चूत में मारनी शुरू कर दी. उसका अहसास पाकर दीदी की चूत भी झड़ गई. दो नदियों के मिलन के जैसे उनके कामरस का मिलन हो गया.

अब हम दोनों भी शान्त पड़ गए.. दीदी की कमर में दर्द हो गया. जैसे ही मैने लौड़ा बाहर निकाला.. वो बिस्तर पर कमर के बल लेट गई और लंबी साँसें लेने लगी. मनीष भी उसके पास ही लेट गया.

दीदी- उफ़फ्फ़ मोनू.. इस बार तो तुम दोनों ने लंबी चुदाई की.. आह्ह.. मेरी चूत की खुराक पूरी कर दी.

मोनू: अब तो तुमको चुदने की इतनी आदत हो गयी है दीदी फिर बिना चुदे नींद कैसे आती है.

 
दीदी के जवाब देने से पहले ही मनीष ने फिर से रश्मि दीदी की चूत में शहद लगा दिया. तब दीदी ने उसको बोला बस मनीष बस अब हिम्मत नहीं है. अब सुबह होने वाली है. हम थोडा सो लेते है. हम दोनों ने दीदी की बात मान ली और हम सो गए.

सुबह मेरी नींद थोडा जल्दी खुल गयी मैंने देखा की हम तीनो नंगे एक दुसरे से गुथे हुए सो रहे थे. मनीष का लंड सुबह सुबह नींद में भी खड़ा है और रश्मि दीदी की चूत से वो शहद बह रहा था जो मनीष ने रात में डाला था. वो दोनों अभी भी गहरी नींद में सो रहे थे..

मैंने शहद की शीशी उठाई और उसे किचन में वापस रखने जाने लगा पर जैसे ही मैंने रूम का डोर खोला मनीष का पालतू जर्मन शेफर्ड रॉकी अन्दर घुस गया.

शायद मनीष ने रात में उसे खोल दिया होगा. रॉकी एक ३ फीट ऊँचा हत्ता कट्टा कुत्ता था जो की शहद की महक सूंघ कर सीधे जा कर रश्मि दीदी की चूत चाटने लगा. मैं जब किचेन से वापस आया तो मैंने देखा की दीदी जाग गयी है और राकी के चूत चाटने से डर भी रही है और मस्त भी हो रही है और रॉकी का भी लंड बाहर निकल आया था.

अब मैंने मनीष को भी जगा दिया. अपने कुत्ते को हमारी बहन की चूत चाटते देख मनीष का खड़ा लंड और सख्त हो गया.

मनीष बोला: मोनू, हमारी बहन बड़ी नसीब वाली है. २४ घंटे में ३ अलग अलग लंड. रात भर हमसे मज़े लिए और सुबह सुबह कुत्ते से चुदेगी. चल रश्मि जल्दी से कुतिया बन जा.

 
रश्मि: पागल हो गए हो क्या. चलो हटाओ इसे मनीष.

मोनू: अरे एक बार इसका मज़ा भी ले के देखो न दीदी. मैंने फिल्मो में देखा है की लडकिया अपने कुत्तो से चुद्वाती है. प्लीज मुझे भी देखना है की कैसे राकी आपके साथ करता है. मान जाओ न दीदी.

रश्मि: नहीं नहीं चाटने तक ही ठीक है.

तब मनीष राकी को हटाने के लिए आगे बढ़ा तो राकी गुर्राने लगा.

मनीष: यार ये तो गरम हो गया है. देखो कैसे गुर्रा रहा है. यार रश्मि देखो कहीं काट न ले.

दीदी तो वैसे ही कुत्तो से डरती थी. राकी को गुर्राता देख दीदी की फट गयी और उन्होंने मनीष को रोक दिया.

राकी फिर से दीदी के चूत चाटने लगा. हम दोनों के काफी बार कहने पर आखिर दीदी कुतिया की तरह खड़ी हो गयी और मनीष ने रॉकी को उसके पीछे ला कर खड़ा किया और मैंने उसका काला लंड पकड़ कर रश्मि की चूत पर लगा दिया. रॉकी भी पूरी तरह गरम था उसने धक्का मार कर अपना लंड दीदी की चूत में डाल दिया और झटके लगाने लगा.

रश्मि दीदी की तो हालत ख़राब हो गयी क्योंकि राकी के धक्को की स्पीड हमसे १० गुना ज्यादा तेज थी. उसका लंड आगे से पतला और पीछे से मोटा था. अचानक रॉकी के लंड के पीछे की गोलिया भी बाहर आ गयी और उसका लंड पीछे से कम से कम ४-५ इंच मोटा हो गया होगा जो की उसने धक्का मार कर रश्मि दीदी की चूत के अन्दर डाल दिया.

दीदी की चीख निकल गयी और रॉकी उल्टा घूम गया. मैंने मनीष से कहा रॉकी को रोको दीदी की चूत फट जाएगी. मनीष बोला अबे कुछ नहीं होगा याद नहीं हम दोनों का एक साथ ले लिया था रात में रश्मि ने, इसमें से पूरा बच्चा निकल आता है यार.. रिलैक्स, और अब वो घूम गया है थोड़ी देर में ही झड जायेगा. उससे पहले मैं तो क्या कोई भी उसको रोक नहीं सकता. अब वो झड़ने के बाद ही रश्मि को छोडेगा.

 
मैं देख रहा था की कैसे रॉकी घूम कर उल्टा हो कर दीदी को चोद रहा था और दीदी की आँखों से आंसू गिर रहे थे.

करीब १० मिनट बाद रॉकी ने अपना लंड दीदी की चूत से बाहर निकाला और उनकी चूत से उसका गाढ़ा सफ़ेद पानी बाहर बहने लगा. दीदी उसके लंड निकलते ही बिस्तर पर गिर पड़ी और बोली ये दिन मरते दम तक नहीं भूलेगा. सालो सच में कुतिया बना दिया अपनी बहन को.

थोड़ी देर दीदी ने आराम किया फिर हम सब फ्रेश हुए और चाय पी. रश्मि दीदी बोली की मौसा मौसी के आने से पहले नहा कर तैयार हो जाओ और हम तीनो एक साथ नहाने के लिए चले गए...

रश्मि दीदी नहाते हुए जाकर कमोड पर बैठने लगी तो मैंने कहा दीदी क्या कर रही हो. वो बोली की उनको पेशाब लगी है तो मैंने उन्हें खड़े होकर मूतने को कहा और उसकी चूत पर मुह लगा दिया. दीदी ने कहा क्या कर रहो हो मोनू. हटो ऐसे मेरा पेशाब नहीं आयेगा. मैंने दीदी के चूत को चाटना शुरू कर दिया और उनकी चूत का दाना चुबलाने लगा तो दीदी बर्दाश्त नहीं कर पाई और मूतने लगी.

मैंने उनकी चूत में मुह लगा कर उनका मूत पिया. क्या टेस्ट था दीदी के मूत का. मेरा एक और सपना आज पूरा हो गया.

जब हम नहा कर निकले तो ११ बजे थे.

दीदी ने नहा कर काले रंग की ब्रा पैंटी पहन ली. हमने तो कपडे पहने ही नहीं थे. दीदी को ब्रा पैंटी में देख कर हमारे लंड फिर से ऐठने लगे. दीदी ने हँसते हुए बोली अब तो तुम लोगो के लंड पर राखी बांधनी पड़ेगी क्योंकि अब ये ही मेरे काम आएंगे. क्यों ठीक है न.

हमारा मन तो कर रहा था की दीदी को फिर से चोद दे लेकिन मौसा मौसी के आने का टाइम हो गया था तो हम लोगो थोड़ी मस्ती करके कपडे पहन लिए. मैंने अब रश्मि दीदी को बता दिया की शायद रिशू वहां आया होगा तो रश्मि ने रिशू के घर फ़ोन किया.

रिशू से दीदी की कुछ बात हुई तो दीदी ने मुझसे कहा की हम आज ही वापस जायेंगे. मैंने कहा हमारी ट्रेन तो कल की है और आज का टिकेट नहीं मिलेगा तो दीदी ने कहा कोई बात नहीं, हम बस से चलेंगे.

आधे घंटे बाद मौसी और मोनिका आ गए. मौसा जी सीधे अपने नर्सिंग होम चले गए थे. मोनिका और दीदी ने हम दोनों को राखी बाधी फिर हम बस से अपने शहर लौट आये.

 
जब हम अपने शहर पहुचे तो रात काफी हो गयी थी फिर दीदी बोली चलो रिशू के घर चलो. हम कल अपने घर जायेंगे.

अब मुझे रिशू से कोई प्रॉब्लम नहीं थी क्योंकि अब तो मैंने भी दीदी को चोद लिया था तो हम दोनों रिशू के घर पहुच गए. वो दीदी का इंतज़ार कर रहा था. पर उसको पता नहीं था की मैं भी साथ में हूँ. वो मुझे देख कर थोडा चौक गया. तो दीदी ने उसके कान में कुछ कहा तो फिर वो दीदी को लेके अपने कमरे में चला गया और मुझे दुसरे कमरे में सोने भेज दिया.

मैं काफी थका था तो जाकर गहरी नींद में सो गया. सुबह १० बजे दीदी ने मुझे जगाया और कहा फ्रेश होकर चाय पी लो. चाय पीते पीते दीदी ने कहा

रश्मि: सुन मोनू, अंकल (रिशू के पापा) का ट्रान्सफर वापस हो गया है. कल कामिनी आंटी और रिक्की वापस आ जायेंगे. और अगले महीने अंकल भी आ जायेंगे. दादी तो अंकल के छोटे भाई के पास कुछ दिन दिल्ली में ही रहेंगी पर कामिनी आंटी तो ज्यादातर घर पर ही रहती है... पता नहीं अब मुझे रिशू के साथ होने का मौका कब मिलेगा.

मोनू: दीदी जिस ट्रेन से हम आने वाले थे वो शाम को ७ बजे आती है तो तब तक तो तुम रिशू के साथ खूब मजे करो और फिर आज के बाद जब भी हम दोनों घर पर अकेले हो तब भी तो तुम रिशू को बुला ही सकती हो.

रश्मि: बाद की बात बाद में देखेंगे पर आज तो ठीक है हम ७.३० बजे घर चलेंगे

और ये कह कर वो वापस रिशू के कमरे में उससे चुदवाने चली गयी. मैंने सोचा चलो ठीक है आखिर उसका लंड भी तो बड़ा है पर अब तो हर रात मैं हो चोदुंगा दीदी को.

शाम को हम घर पहुच गए और उसी रात से दीदी मेरी रात की बीवी बन गयी. अब मैं लगभग रोज़ रात को दीदी को चोदने लगा सिवाय जब उनके पीरियड चल रहे होतेथे. कहीं मैं मामा न बन जाऊं इसीलिए दीदी ने गोलियां लेना शुरू कर दिया था.

 
दिन ऐसे ही बहुत मजे मजे में कट रहे थे पर जिसने अपनी सगी बहन को चोद लिया हो उसको तो अब हर जवान लड़की में एक चूत ही नज़र आती है. कुछ ऐसा ही हाल मेरा था. मैं जितना ज्यादा दीदी को चोदता उतना ही मुझे नयी चूतों को चोदने की इच्छा बढती जाती. अब तो कामिनी आंटी भी वापस आ गयी थी. उनको तो पहला मौका मिलते ही मैं चोद ही सकता था पर अब मैंने मन बना लिया था की मैं जैसे भी हो रिक्की को भी चोद डालू.

किस्मत मेरा साथ दे रही थी. कुछ ही दिनों के बाद मम्मी पापा एक शादी में ५-६ दिनों के लिए दिल्ली चले गए. घर खाली था और मैं रश्मि दीदी को सुबह से ही चोद रहा था और बार बार दीदी की गांड में ऊँगली डाल रहा था.

दीदी- तुम ये मेरी गाण्ड में उंगली क्यों डाल रहे हो?

मोनू- दीदी सच कहूँ.. तेरी गाण्ड देख कर मन बेचैन हो गया है.. ऐसी मटकती गाण्ड.. उफ़फ्फ़ इसमें लौड़ा जाएगा.. तो मज़ा आ जाएगा.. बस यही देख रहा था कि अबकी बार मैं तेरी गाण्ड ही मारूँगा.

दीदी- नो वे... और वैसे भी आज का मेरा हो गया मैं थक गयी हूँ

मोनू- अरे अभी कहाँ थक गई यार.. अभी तो बहुत पोज़ बाकी हैं.. आज तो घर पर कोई नहीं है. यही मौका मिला है की तुम्हें आज अलग-अलग तरीके से चोदूँ और प्लीज़ दीदी आज गाण्ड मारने दो ना.. उस दिन के बाद तुमने मुझे कभी भी गांड नहीं दी...प्लीज़..

दीदी- नहीं कहा न मैंने बहुत दर्द होता है

मोनू- बस आज की बात है दीदी.... बहुत आराम से मारूंगा... तुमको तो अब तक चुदाई के लिए एकदम पक्की हो जाना चाहिए… फिर चाहे ३-४ एक साथ आ जाये...कोई आगे डाले या पीछे...

दीदी- ये क्या बकवास बात कर रहे हो ? मैं क्यों चुदूँगी ३-4 से.. रंडी बनाने का इरादा है क्या?

मोनू: अरे दीदी मजाक कर रहा था पर याद करो की कैसे जब मैंने और मनीष ने एक साथ चोदा था कितना मज़ा आया था...

दीदी: मजा तो आया था. पर दो की बात और है...तीन चार...न बाबा न. पर थ्रीसम में बड़ा मज़ा आता है. सुन क्यों न मनीष को बुला ले दो-चार दिनों के लिए. बड़ा मज़ा आयेगा.

 
मोनू: हां दीदी, तुम उसको आज ही आने के लिए फ़ोन कर दो तो वो कल तक आ जायेगा. पर आज तो मेरे बारे में सोचो

दीदी: तेरे बारे में क्या सोचू

मोनू: दीदी मेरा कामिनी आंटी को चोदने का बड़ा मन है. आज उनको कैसे भी बुला लो न.

दीदी: क्यों मुझसे दिल भर गया तेरा जो अब कामिनी आंटी को चोदना चाहता है.

मोनू: कैसी बात करती हो दीदी. उनके बेटे रिशू ने तुम्हे चोदा था न उसी का बदला लेने के लिए मैं उन्हें चोदुंगा. मैंने शरारत से कहा.

दीदी: हां हां. मुझे सब पता है... सुन आज तो मैंने रिशू को बुलाया है इसलिए आज कामिनी आंटी को नहीं बुला सकती. वैसे भी वो एकदम चालू औरत है. उसकी चूत तो तू कभी भी मार सकता है. मैं मनीष से कहती हूँ की वो मोनिका को साथ ले आये. मनीष ने जो मुझे चोदा था तो मोनिका से जी भर के तू मेरा बदला ले लेना. दीदी मुस्कुराते हुए बोली

मोनिका के कड़क बदन की बात सुनते ही मेरे लंड ने एक झटका खाया. मैंने खुशी से दीदी को बिस्तर पर पटक दिया और उसके होंठ चूसने लगा. दीदी भी मस्ती में आ गई और मेरा साथ देने लगी.

मेरा लण्ड तो लोहे जैसा सख़्त हो गया था. एक तो ऐसी क़ातिल जवानी पास में हो और दूसरी चूत मिलने की ख़ुशी...लंड तो लोहा अपने आप ही बन जायेगा.

दीदी- अरे मोनू, ये तुम्हारे लौड़े को क्या हो गया.. कैसे झटके खा रहा है.. लगता है इसको मोनिका बहुत पसंद है जो उसका नाम सुन एक दम तन गया है.

मोनू- अरे दीदी इसको सारी बहनों से प्यार है पर अभी तो इसको तुम्हारी मुलायम गाण्ड का मज़ा मिलने वाला है इसीलिए उछल रहा है.

दीदी- ठीक है बाबा मिलेगा..

मोनू- अरे यार ये बात हुई न

 
उसके बाद हम दोनों चूमा-चाटी में लग गए. दोनों 69 के पोज़ में आ गए और एक-दूसरे के चूत और लण्ड को चूसकर मज़ा लेने लगे. मैंने दीदी के मुँह पर लौड़ा लगा दिया और हाथ से उसके बाल पकड़ कर लौड़ा उसके गालों पर घुमाने लगा.

दीदी- उफ्फ.. मोनू क्या कर रहे हो.. बाल क्यों पकड़े हो मेरे.. दु:खता है ना... पता नहीं आज मेरी गाण्ड का क्या हाल करोगे..

मोनू- डर मत मेरी प्यारी रंडी.. जब रिशू का इतना बड़ा ले चुकी हो, दो एक साथ ले चुकी हो फिर भी मेरे से क्यों डरती हो. वैसे गाण्ड इतनी प्यारी है.. इससे तो बड़े प्यार से खेलूंगा मैं.. चल अब देर मत कर बन जा मेरी घोड़ी.. ताकि मेरे लौड़े को भी सुकून आ जाए..

दीदी- मोनू.. वो दर्द याद करके ही तो हिम्मत नहीं होती और तुम्हारा लंड भी अब पहले से बड़ा हो गया है और मोटा तो पहले से ही है तो प्लीज़. आराम से डालना और प्लीज़ ऐसे सूखा मत डालो.. कुछ लगा लो.. ताकि दर्द कम हो..

मैं खड़ा हुआ और तेल की बोतल ले आया.. तब तक दीदी भी दोनों पैर फैला कर ज़बरदस्त घोड़ी बन गई थी.. उसको देख के मैं खुश हो गया.
मोनू- वाह्ह.. मेरी रंडी क्या पोज़ में आई हो.. पैर भी फैला दिए.. ताकि गाण्ड थोड़ी और खुल जाए.. तू डर मत.. अभी बस थोड़ी देर की बात है..

इतना कहकर मैं बिस्तर पर आ गया और दीदी की गाण्ड को सहलाने लगा.

दीदी- उफ्फ.. मोनू तुम्हारे हाथ लगाते ही अजीब सा महसूस हो रहा है.

मैंने थोडा तेल दीदी की गाण्ड के छेद पर डाला और उंगली से उसके छेद में लगाने लगा. कुछ तेल अपने लंड पर भी लगा लिया ताकि आराम से दीदी की गांड में घुस जाए.

मैं उंगली को गाण्ड के अन्दर घुसा कर तेल लगाने लगा.. तो दीदी को थोड़ा दर्द हुआ.. मगर वो दाँत भींच कर चुप रही. मैं बड़े प्यार से उंगली थोड़ी अन्दर डालकर गाण्ड में तेल लगा रहा था और दीदी बस आने वाले पल के बारे में सोच कर डर रही थी.

 
मोनू- मेरी रानी अब तेरी गाण्ड को चिकना बना दिया है.. अब बस लौड़ा पेल रहा हूँ.. आज से रोज गाण्ड मारूंगा दीदी याद रखना

दीदी- मोनू प्लीज़ आराम से डालना.. वरना कल से छूने भी नहीं दूँगी . तू ये बात भूलना मत..

मैंने लौड़े को दीदी की गाण्ड पर टिकाया और प्यार से छेद पर लौड़ा रगड़ने लगा.

मोनू- अरे दीदी.. डर मत.. जानता हूँ तू मेरी बहन है.. तुझे दर्द होगा तो मुझे भी तकलीफ़ होगी.. तू बस देखती जा.. बड़े प्यार से करूँगा.

मैंने दोनों हाथों से दीदी की गाण्ड को फैलाया और टोपे को छेद में फँसा कर हल्का सा झटका मारा.. तो लौड़ा फिसल कर ऊपर निकल गया. दीदी ने गांड मरवाना बंद की कर दिया था इसीलिए वो फिर से बहुत कस गयी थी.

मैंने फिर से कोशिश की.. मगर लौड़ा अन्दर नहीं गया.. तो मैंने एक हाथ से लौड़े को पकड़ा और छेद पर रख कर दबाव बनाया.. अबकी बार लौड़ा गाण्ड में घुस गया और एक दर्द की लहर दीदी की गाण्ड में होने लगी.

दीदी- ऐइ.. आईईइ.. आह… मोनू.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह्ह.. आराम से करना.. नहीं मेरी चीख निकल जाएगी और बाहर कोई सुन लेगा.. उई.. माँ आज नहीं बचूँगी..

मोनू- मेरी जान.. अभी तो टोपी घुसी है.. थोड़ा सा बर्दास्त कर ले.. बस उसके बाद दर्द नहीं होगा.

दीदी- आह्ह.. कर तो रही हूँ.. तू बस झटके से मत देना.. धीरे-धीरे अन्दर डालो.. मैं दाँत भींच लेती हूँ.. आह्ह.. आह..

मैं हाथ से दबाव बनाता गया. एक इंच और अन्दर गया और रुक गया.. फिर दबाया तो और अन्दर गया.. वैसे मैं बड़े प्यार से लौड़ा अन्दर पेल रहा था.. मगर दीदी की गाण्ड ने बहुत दिनों से लंड लिया नहीं था तो उनकी तो जान निकल रही थी.. वो बस धीरे-धीरे कराह रही थी.

 
Back
Top