hotaks444
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तभी अचानक रिशू भी अपनी चाभी से घर का दरवाजा खोल कर अन्दर आ गया.
रिशू: अरे ये क्या कर रहे हो तुम दोनों? रिक्की तू यहाँ मोनू के सामने नंगी क्यों खड़ी है.
रिक्की ने अपने हाथों से अपना सीना छुपा लिया और बोली: देखो ये मोनू भैय्या मेरे साथ क्या कर रहे है.
रिशू: क्या कर रहा था मोनू.
मोनू: आजा रिशू, बताता हूँ की मैं क्या कर रहा था और तेरी बहन क्या करती है.
और मैंने रिक्की के दोनों हाथ पकड़ कर उसकी छाती से हटा दिए और उसकी कच्चे आम जैसी चून्चियो को रिशू के सामने पूरा नंगा कर दिया. अपनी बहन की रसीली चून्चिया देख कर रिशू के मुह में पानी आ गया. रिक्की ने अन्दर जाने की कोशिश की पर मैंने उसे कस कर पकड़ लिया था. रिशू ने आगे बढ़ कर अपना एक हाथ रिक्की की दाहिनी चूंची पर रख दिया.
रिक्की बोली, “प्लीज़ भैया, आप दोनों यह क्या कर रहे हैं? मुझे बहुत शरम आ रही है, मुझे जाने दो.”
मैं रिक्की को मसलते हुए बोला, “साली, तुझे शरम आ रही है? अंकुर और जय के सामने शरम नहीं आती? तब तो दिल खोलके चुदवाती है ना? आज तक उनसे चुदवाती थी... आज से हमसे चुदवा.”
रिक्की पहले ही मेरी हरकतों से गरम हो गयी थी पर अब रिशू के आ जाने से वो ज़रा नखरे करते हुए बोली, “ऊम्म्म्म्म भैया ... यह सब मत करो... मैं वैसी लड़की नहीं हूँ. आप बार-बार उन दोनों का नाम क्यों ले रहे हैं? मैंने कुछ नहीं किया उनसे ऐसा वैसा... जैसा आप कह रहे हैं.”
मैं रिक्की की गाँड पे लंड रगड़ते हुए गुस्से से बोला “बहनचोद साली... अंकुर और जय तेरी चुदाई करते हैं... तेरी यह चूत, गाँड, मम्मे चोदते हैं, तू उनका लंड चूसती है और साली अब बोलती है कि तू उनके साथ कुछ नहीं करती. रिशू... यह तेरी बहन रिक्की साली अपने बदन की नुमाइश करती है और मर्दों का लंड खड़ा करती है. उन दोनों को भी अपने बदन के जलवे दिखा-दिखा के इसने ही उकसाया और उनसे चुदवाती है... और अब हमसे अंजान बन रही है... बोल सच कह रहा हूँ ना मैं रिक्की?”
रिशू: अरे ये क्या कर रहे हो तुम दोनों? रिक्की तू यहाँ मोनू के सामने नंगी क्यों खड़ी है.
रिक्की ने अपने हाथों से अपना सीना छुपा लिया और बोली: देखो ये मोनू भैय्या मेरे साथ क्या कर रहे है.
रिशू: क्या कर रहा था मोनू.
मोनू: आजा रिशू, बताता हूँ की मैं क्या कर रहा था और तेरी बहन क्या करती है.
और मैंने रिक्की के दोनों हाथ पकड़ कर उसकी छाती से हटा दिए और उसकी कच्चे आम जैसी चून्चियो को रिशू के सामने पूरा नंगा कर दिया. अपनी बहन की रसीली चून्चिया देख कर रिशू के मुह में पानी आ गया. रिक्की ने अन्दर जाने की कोशिश की पर मैंने उसे कस कर पकड़ लिया था. रिशू ने आगे बढ़ कर अपना एक हाथ रिक्की की दाहिनी चूंची पर रख दिया.
रिक्की बोली, “प्लीज़ भैया, आप दोनों यह क्या कर रहे हैं? मुझे बहुत शरम आ रही है, मुझे जाने दो.”
मैं रिक्की को मसलते हुए बोला, “साली, तुझे शरम आ रही है? अंकुर और जय के सामने शरम नहीं आती? तब तो दिल खोलके चुदवाती है ना? आज तक उनसे चुदवाती थी... आज से हमसे चुदवा.”
रिक्की पहले ही मेरी हरकतों से गरम हो गयी थी पर अब रिशू के आ जाने से वो ज़रा नखरे करते हुए बोली, “ऊम्म्म्म्म भैया ... यह सब मत करो... मैं वैसी लड़की नहीं हूँ. आप बार-बार उन दोनों का नाम क्यों ले रहे हैं? मैंने कुछ नहीं किया उनसे ऐसा वैसा... जैसा आप कह रहे हैं.”
मैं रिक्की की गाँड पे लंड रगड़ते हुए गुस्से से बोला “बहनचोद साली... अंकुर और जय तेरी चुदाई करते हैं... तेरी यह चूत, गाँड, मम्मे चोदते हैं, तू उनका लंड चूसती है और साली अब बोलती है कि तू उनके साथ कुछ नहीं करती. रिशू... यह तेरी बहन रिक्की साली अपने बदन की नुमाइश करती है और मर्दों का लंड खड़ा करती है. उन दोनों को भी अपने बदन के जलवे दिखा-दिखा के इसने ही उकसाया और उनसे चुदवाती है... और अब हमसे अंजान बन रही है... बोल सच कह रहा हूँ ना मैं रिक्की?”