hotaks444
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"अहहहाहा बेटे जी अहाहाहा..मम्मा पे रहम खाओ ना प्लीज़ अहहहाहा..यॅ अहहहाहा..यआःहाः फक हार्डर ना माइ लव अहहहाहा"
" हां मम्मा आहहहाहा..रहम ख़ाके ही तेरी चूत चोद रहा हूँ ना अहाहाहाहा...मेरे लंड पे भी रहम खाया है तूने अहहहहः...और चुदवाना मेरी रंडी माँ आहाहाहा...यॅ अहहहः"
भारत और शालिनी की इन बातों से सीमी की गर्मी चूत के रास्ते निकल रही थी...इनकी चुदाई देख सीमी 2 बार झाड़ चुकी थी और शालिनी के कमरे के दरवाज़े पे ही निढाल पड़ी थी और अंदर देखे जा रही थी.. कम से कम 15 मिनट हो चुके थे लेकिन भारत झड़ने का नाम ही नही ले रहा था.. अलग अलग पोज़िशन्स में शालिनी चुदे जा रही थी.. अबकी बार जब सीमी में फिर ताक़त आई, उसने कीहोल से दुबारा देखा.. इस बार शालिनी भारत के उपर थी..शालिनी अपनी चूत चटवा रही थी और भारत के लंड को मूह में लेके चुप्पे मार रही थी
"अहहहः क्या लॉलीपोप है मेरे बेटे का आहाहः...कितना मीठा है चॉकलॅटी अहहहः "कहके शालिनी ने भारत के टट्टों पे एक हल्का तमाचा मारा
"अहाहाः मम्मी अहहाहा..आपकी चूत भी कितनी मीठी है...ऐसा लग रहा है जैसे मिठाई का रस यहीं है पूरा अहहाहा उम्म्म स्लूरप्प्प्प स्लूरप्प्प्पाहाहाः"
सीमी से अब रहा नहीं गया...वहाँ से उठ के सीमी अपने रूम की तरफ भागी..रूम में जाते ही सीमी बाथरूम में घुस गयी...उसने देख लिया कि राकेश गहरी नींद में था..बाथरूम में जाते ही सीमी ने अपने सब कपड़े उतार दिए और शीशे के सामने खड़ी हुई..शीशे के सामने उसका तराशा हुआ शफ़फ़ बदन...इस उमर में भी सीमी का एक एक अंग बला की खूबसूरती ढा रहा था..
"उम्म्म अहहाहाहा...." सीमी ने अपनी चूत पे हाथ रख दिया जिससे उसकी सिसक सी निकली
"अहहाहाहा....यॅ अहहहाहा...प्लीज़ फक मी भारत अहाहाहः...हाना ना अहहहाःह्ह्ह्ह...चोदो ना मुझे बहूरानी के साथ अहाहाहाहा...कितना बड़ा लंड है तुम्हारा बेटे अहहाहाः...यॅ अहहाहाः फक मी माइ मॅन अहाहाहः...यॅ हार्डर ना अहाहाहः..."सीमी अपनी चूत रगड़ने लगी भारत का नाम लेके... " अहहहहाहा यॅ अहाहाहः प्लीज़ फक युवर मोम अहाहाः..अपनी रांड़ माँ को चोद ना बेटे अहाहाहाहा...मेरी बहूरानी अहहाहा..आइ लव यू शालिनी आहाहहः...यस अहाहाहाहा अहहाहाः मैं गयी अहहाहाः म कमिंग अहहहा बेटे अहहाहाहः" इस हल्की चीख से सीमी ने अपना पानी एक घंटे में तीसरी बार छोड़ दिया..बाथरूम से फ्रेश होके सीमी वापस बाहर आई और अपनी जगह पे बैठ के सोचने लगी...
"थॅंक यू शालिनी....तुम मेरा ख़याल रखोगी " कहके सीमी की हल्की हँसी निकली और वो सो गयी...
"तुम किसी प्लान की डिस्कशन के लिए नही आए थे..तुम तो तुम्हारी मोम के पीछे यहाँ आए थे..."बेड पे लेटी नंगी शालिनी ने भारत से कहा
"तुमने ही ऐसा बनाया है मुझे...तुमने ही मुझे इन्सेस्ट के लिए पागल किया है..बीवी होके भी ऐसा किया तुमने..."भारत ने शालिनी को जवाब दिया और शालिनी के चुचों पे हाथ रख दिया जिससे शालिनी की सिसक निकली और दोनो एक दूसरे के होंठों को बेतहाशा चूमने लगे...
अगली सुबह सीमी ने सबके सामने ऐलान किया कि शालिनी उसको बहू के रूप में स्वीकार है..इसे सुन के भारत को काफ़ी खुशी हुई लेकिन साथ ही साथ उसे यह भी शक हुआ कि इतना बड़ा परिवर्तन कैसे...शालिनी यह खबर सुनके खुश हुई क्यूँ कि गुज़री रात जब सीमी ने उसके साथ जिस्मानी रिश्ता बनाने की कोशिश की, वो समझ गयी थी कि सीमी उसे रिजेक्ट नहीं करेगी. सब बातें हुई राकेश और सीमी के बीच, कि वो कब शालिनी के माता पिता से बात करेंगे और दूसरी अन्य चीज़ें... रास्ते में ऑफीस जाते वक़्त भारत और शालिनी काफ़ी खुश थे, लेकिन शालिनी ने यह भाँप लिया कि कुछ तो है जिसकी वजह से भारत कुछ सोच में डूबा हुआ है
"अब प्लीज़ बता भी दे..क्या सोच रहा है" शालिनी ने भारत से कहा
"कुछ नही यार..बस एक चीज़ है, कल तक मोम श्योर नहीं थी तुझे आक्सेप्ट करने के लिए, आज यह चेंज..मुझे समझ नही आ रहा कुछ" भारत ने अपनी चिंता का कारण व्यक्त किया
शालिनी ने इसका कुछ जवाब नहीं दिया... अक्सर पैसे वाली खूबसूरत लड़कियाँ, दिमाग़ से थोड़ा कम सोचती हैं, लेकिन यह भारत की दोस्ती का असर ही था कि शालिनी हर बात में अपना दिमाग़ पहले लाती थी..वो जानती थी सीमी के इस परिवर्तन का कारण, पर वो भारत के साथ शेअर नहीं कर रही थी..वो पहले खुद श्योर होना चाहती थी..आगे का रास्ता भारत और शालिनी ने खामोशी से निकाला..शालिनी को ड्रॉप करके भारत अपनी ऑफीस की तरफ बढ़ा..ऑफीस पहुँचते ही भारत ने अपनी कॅबिन में देखा तो उसका लॅपटॉप और दूसरी ज़रूरी चीज़ें वहाँ पहले से मौजूद थी.. ऑफीस जाते ही भारत ने अपने अनॅलिसिस को एक प्रेज़ेंटेशन में उतारा और उसे आदित्य को मैल कर दिया. आदित्य को मैल करते ही भारत ने सब आरएम'स की मीटिंग बुलाई.. हर आरएम का अप्रोच सुनके भारत ने उन्हे हर एक छोटी सी छोटी चीज़ पे गाइड किया..भारत ने हर एक को एक गोलडेन रूल एक्सप्लेन किया
"आप जितना क्लाइंट का ख़याल रखेंगे..क्लाइंट उतना ही आपका ख़याल भी रखेगा.. हर बार ज़रूरी नहीं कि क्लाइंट का इनवेस्ट किया हुआ पैसा बढ़ता रहे..लेकिन यह चीज़ ज़रूरी है कि हम उन्हे इसका ख़याल भी ना आने दें.."
भारत की यह बात सुनके सब आरएम'स काफ़ी इंप्रेस हुए उससे.. सब ने अपनी छोटी से छोटी क्विरीस भारत के सामने रखी.इसी बीच भारत को आदित्य का फोन आया
"हाई आदि..आफ्टरनून" भारत ने फोन रिसीव करके कहा
"तुम सोए हो कि नहीं कल रात को..इतने डीप अनॅलिसिस मैने आज तक नहीं देखे..आइ आम इंप्रेस्ड..पर यह अनॅलिसिस बिज़्नेस नहीं लाने वाले.तुमने बिज़्नेस बढ़ाने के लिए कुछ सोचा है"आदित्य ने भारत से कहा
"यस आदि.. हम मिलके डिसकस कर सकते हैं इस बारे में.. आपके पास टाइम है थोड़ा"
"मेरी ऑफीस आ जाओ..मेरे पास एक घंटा है..." कहके आदित्य ने फोन कट किया और भारत वहाँ से जल्द ही आदित्य से मिलने के लिए निकला.. एक घंटे की ड्राइव भारत ने 35 मिनट में ख़तम कर दी..
"वेलकम माइ बॉय..तुमने 35 मिनट गवाँ दिए हैं..25 मिनट में प्लीज़ इंप्रेस मी.."आदित्य ने सामने खड़े भारत से कहा.. भारत ने सीधा अपनी पायंट्स आदित्य के सामने रखी.. आदित्य ने भारत की एक एक चीज़ ध्यान से सुनी और उसके साथ डीटेल्ड डिसकस करने लगा.. आदित्य ने भारत के लिए 25 मिनट रखे थे, पर उनका डिस्कशन करीब 1 घंटा चला...
"ओके भारत.. चलो बाकी चीज़ें लंच पे डिसकस करते हैं.. मैं कस्टमर सर्विस मॅनेजर और हमारे आरपीसी मॅनेजर को भी बुला लेता हूँ" आदित्य ने भारत से कहा और दोनो वहाँ से लोकल केफे में गये... लेओपॉल्ड केफे, साउत मुंबई का सबसे पॉपुलर केफे, आज कुछ ज़्यादा भीड़ नहीं थी.. आदित्य और भारत आसानी से वहाँ बैठ गये और बातें करने लगे.. कुछ देर हुई ही थी कि उनके सामने कस्टमर सर्विस मॅनेजर और आरपीसी मॅनेजर आ गये... आदित्य और भारत ने उन्हे अपनी बातें बताई... कस्टमर सर्विस मॅनेजर काफ़ी खुश था इस चीज़ से..
"इससे बिज़्नेस ही नहीं, हमे रेटिंग भी अच्छी मिलेगी.. पीपल'स चाय्स बॅंक बनना है हमें... आप चिंता ना करें, वी आर इन.. सब बंदोबस्त हो जाएगा.. बस डीटेल्स मैल कर देना आदित्य.." कस्टमर सर्विस का मॅनेजर कहके वहाँ से निकल गया
"आप तो आरपीसी मॅनेज करते हैं सर.. तो आप यह बताइए कि अगर कोई कस्टमर डेबिट कार्ड के लिए अप्लाइ करता है तो कितने दिन में उसे डेबिट कार्ड मिलता है" भारत ने सामने बैठे शक़्स से कहा
"भारत..अमूमन 5 दिन मॅक्स..लेकिन हाइ प्राइयारिटी हो, तो 2 दिन में भी पहुँच जाता है.. हमारे सिस्टम में प्राइयारिटी डिसाइडेड है कस्टमर्स की.. हाइ वॅल्यू कस्टमर, सॅलयरीड और दूसरे क्लॅसिफिकेशन के हिसाब से..."भारत को जवाब मिला. लेओपॉल्ड में बैठे बैठे ही भारत ने आरपीसी मॅनेजर से उनके प्रोसेस की जानकारी ली.. लंच करते करते आदित्य , भारत और आरपीसी मॅनेजर के बीच काफ़ी चर्चा हुई. भारत ने इस मौके पे एक चौका मारने का सोचा
"ओह बाइ दा वे.. आपकी कंपनी में अभी मेरी सिस ने भी जाय्न किया है.. प्रीति आहूजा.. " भारत ने कॅष्यूयली कहा.. जैसे ही आरपीसी मॅनेजर को यह पता चला कि प्रीति भारत की बहेन है, उसे दिमाग़ में आया कि प्रीति को अच्छी तरह यूज़ किया जा सकता है बॅंक से बिज़्नेस लाने में.. भारत क्लस्टर मॅनेजर तो था ही, साथ ही आदित्य के साथ लंच करना मतलब, उसके हाथ में काफ़ी कुछ आ सकता है आगे जाके...
"डॉन'ट वरी... आपकी बॅंक का हम अच्छे से ध्यान रखेंगे.. और रही बात यह मीटिंग की, आप फिकर ना करें, हम आपके हाइ प्रोफाइल कस्टमर्स को प्राइयारिटी पहले देते हैं.. प्रीति लीड कर रही है इस चीज़ को भारत.. डॉन'ट वरी" जैसे ही आरपीसी मॅनेजर ने यह झूठ कहा, भारत को यकीन हुआ कि बहुत ही जल्द प्रीति भी उसके काम में लग जाएगी. मीटिंग में भारत को काफ़ी चीज़ें पता चली, और हाथो हाथ उसने प्रीति को भी इनफॉर्म कर लिया आगे के बारे में.. ऑफीस जाके भारत ने दिन भर का काम निपटाया और सेल्स के फिगर बढ़ाने के लिए कुछ स्ट्रॅटजीस बनाई और टीम के साथ डिसकस की... मेहुल को फसाना तो था ही..लेकिन साथ ही उसे यह किस्सा हमेशा के लिए निपटाने के बाद बॅंकिंग इंडस्ट्री का बड़ा नाम भी बनना था... यहाँ स्ट्रॅटजी सिंपल थी..धंधा बढ़ाओ, और उपर आओ...
" हां मम्मा आहहहाहा..रहम ख़ाके ही तेरी चूत चोद रहा हूँ ना अहाहाहाहा...मेरे लंड पे भी रहम खाया है तूने अहहहहः...और चुदवाना मेरी रंडी माँ आहाहाहा...यॅ अहहहः"
भारत और शालिनी की इन बातों से सीमी की गर्मी चूत के रास्ते निकल रही थी...इनकी चुदाई देख सीमी 2 बार झाड़ चुकी थी और शालिनी के कमरे के दरवाज़े पे ही निढाल पड़ी थी और अंदर देखे जा रही थी.. कम से कम 15 मिनट हो चुके थे लेकिन भारत झड़ने का नाम ही नही ले रहा था.. अलग अलग पोज़िशन्स में शालिनी चुदे जा रही थी.. अबकी बार जब सीमी में फिर ताक़त आई, उसने कीहोल से दुबारा देखा.. इस बार शालिनी भारत के उपर थी..शालिनी अपनी चूत चटवा रही थी और भारत के लंड को मूह में लेके चुप्पे मार रही थी
"अहहहः क्या लॉलीपोप है मेरे बेटे का आहाहः...कितना मीठा है चॉकलॅटी अहहहः "कहके शालिनी ने भारत के टट्टों पे एक हल्का तमाचा मारा
"अहाहाः मम्मी अहहाहा..आपकी चूत भी कितनी मीठी है...ऐसा लग रहा है जैसे मिठाई का रस यहीं है पूरा अहहाहा उम्म्म स्लूरप्प्प्प स्लूरप्प्प्पाहाहाः"
सीमी से अब रहा नहीं गया...वहाँ से उठ के सीमी अपने रूम की तरफ भागी..रूम में जाते ही सीमी बाथरूम में घुस गयी...उसने देख लिया कि राकेश गहरी नींद में था..बाथरूम में जाते ही सीमी ने अपने सब कपड़े उतार दिए और शीशे के सामने खड़ी हुई..शीशे के सामने उसका तराशा हुआ शफ़फ़ बदन...इस उमर में भी सीमी का एक एक अंग बला की खूबसूरती ढा रहा था..
"उम्म्म अहहाहाहा...." सीमी ने अपनी चूत पे हाथ रख दिया जिससे उसकी सिसक सी निकली
"अहहाहाहा....यॅ अहहहाहा...प्लीज़ फक मी भारत अहाहाहः...हाना ना अहहहाःह्ह्ह्ह...चोदो ना मुझे बहूरानी के साथ अहाहाहाहा...कितना बड़ा लंड है तुम्हारा बेटे अहहाहाः...यॅ अहहाहाः फक मी माइ मॅन अहाहाहः...यॅ हार्डर ना अहाहाहः..."सीमी अपनी चूत रगड़ने लगी भारत का नाम लेके... " अहहहहाहा यॅ अहाहाहः प्लीज़ फक युवर मोम अहाहाः..अपनी रांड़ माँ को चोद ना बेटे अहाहाहाहा...मेरी बहूरानी अहहाहा..आइ लव यू शालिनी आहाहहः...यस अहाहाहाहा अहहाहाः मैं गयी अहहाहाः म कमिंग अहहहा बेटे अहहाहाहः" इस हल्की चीख से सीमी ने अपना पानी एक घंटे में तीसरी बार छोड़ दिया..बाथरूम से फ्रेश होके सीमी वापस बाहर आई और अपनी जगह पे बैठ के सोचने लगी...
"थॅंक यू शालिनी....तुम मेरा ख़याल रखोगी " कहके सीमी की हल्की हँसी निकली और वो सो गयी...
"तुम किसी प्लान की डिस्कशन के लिए नही आए थे..तुम तो तुम्हारी मोम के पीछे यहाँ आए थे..."बेड पे लेटी नंगी शालिनी ने भारत से कहा
"तुमने ही ऐसा बनाया है मुझे...तुमने ही मुझे इन्सेस्ट के लिए पागल किया है..बीवी होके भी ऐसा किया तुमने..."भारत ने शालिनी को जवाब दिया और शालिनी के चुचों पे हाथ रख दिया जिससे शालिनी की सिसक निकली और दोनो एक दूसरे के होंठों को बेतहाशा चूमने लगे...
अगली सुबह सीमी ने सबके सामने ऐलान किया कि शालिनी उसको बहू के रूप में स्वीकार है..इसे सुन के भारत को काफ़ी खुशी हुई लेकिन साथ ही साथ उसे यह भी शक हुआ कि इतना बड़ा परिवर्तन कैसे...शालिनी यह खबर सुनके खुश हुई क्यूँ कि गुज़री रात जब सीमी ने उसके साथ जिस्मानी रिश्ता बनाने की कोशिश की, वो समझ गयी थी कि सीमी उसे रिजेक्ट नहीं करेगी. सब बातें हुई राकेश और सीमी के बीच, कि वो कब शालिनी के माता पिता से बात करेंगे और दूसरी अन्य चीज़ें... रास्ते में ऑफीस जाते वक़्त भारत और शालिनी काफ़ी खुश थे, लेकिन शालिनी ने यह भाँप लिया कि कुछ तो है जिसकी वजह से भारत कुछ सोच में डूबा हुआ है
"अब प्लीज़ बता भी दे..क्या सोच रहा है" शालिनी ने भारत से कहा
"कुछ नही यार..बस एक चीज़ है, कल तक मोम श्योर नहीं थी तुझे आक्सेप्ट करने के लिए, आज यह चेंज..मुझे समझ नही आ रहा कुछ" भारत ने अपनी चिंता का कारण व्यक्त किया
शालिनी ने इसका कुछ जवाब नहीं दिया... अक्सर पैसे वाली खूबसूरत लड़कियाँ, दिमाग़ से थोड़ा कम सोचती हैं, लेकिन यह भारत की दोस्ती का असर ही था कि शालिनी हर बात में अपना दिमाग़ पहले लाती थी..वो जानती थी सीमी के इस परिवर्तन का कारण, पर वो भारत के साथ शेअर नहीं कर रही थी..वो पहले खुद श्योर होना चाहती थी..आगे का रास्ता भारत और शालिनी ने खामोशी से निकाला..शालिनी को ड्रॉप करके भारत अपनी ऑफीस की तरफ बढ़ा..ऑफीस पहुँचते ही भारत ने अपनी कॅबिन में देखा तो उसका लॅपटॉप और दूसरी ज़रूरी चीज़ें वहाँ पहले से मौजूद थी.. ऑफीस जाते ही भारत ने अपने अनॅलिसिस को एक प्रेज़ेंटेशन में उतारा और उसे आदित्य को मैल कर दिया. आदित्य को मैल करते ही भारत ने सब आरएम'स की मीटिंग बुलाई.. हर आरएम का अप्रोच सुनके भारत ने उन्हे हर एक छोटी सी छोटी चीज़ पे गाइड किया..भारत ने हर एक को एक गोलडेन रूल एक्सप्लेन किया
"आप जितना क्लाइंट का ख़याल रखेंगे..क्लाइंट उतना ही आपका ख़याल भी रखेगा.. हर बार ज़रूरी नहीं कि क्लाइंट का इनवेस्ट किया हुआ पैसा बढ़ता रहे..लेकिन यह चीज़ ज़रूरी है कि हम उन्हे इसका ख़याल भी ना आने दें.."
भारत की यह बात सुनके सब आरएम'स काफ़ी इंप्रेस हुए उससे.. सब ने अपनी छोटी से छोटी क्विरीस भारत के सामने रखी.इसी बीच भारत को आदित्य का फोन आया
"हाई आदि..आफ्टरनून" भारत ने फोन रिसीव करके कहा
"तुम सोए हो कि नहीं कल रात को..इतने डीप अनॅलिसिस मैने आज तक नहीं देखे..आइ आम इंप्रेस्ड..पर यह अनॅलिसिस बिज़्नेस नहीं लाने वाले.तुमने बिज़्नेस बढ़ाने के लिए कुछ सोचा है"आदित्य ने भारत से कहा
"यस आदि.. हम मिलके डिसकस कर सकते हैं इस बारे में.. आपके पास टाइम है थोड़ा"
"मेरी ऑफीस आ जाओ..मेरे पास एक घंटा है..." कहके आदित्य ने फोन कट किया और भारत वहाँ से जल्द ही आदित्य से मिलने के लिए निकला.. एक घंटे की ड्राइव भारत ने 35 मिनट में ख़तम कर दी..
"वेलकम माइ बॉय..तुमने 35 मिनट गवाँ दिए हैं..25 मिनट में प्लीज़ इंप्रेस मी.."आदित्य ने सामने खड़े भारत से कहा.. भारत ने सीधा अपनी पायंट्स आदित्य के सामने रखी.. आदित्य ने भारत की एक एक चीज़ ध्यान से सुनी और उसके साथ डीटेल्ड डिसकस करने लगा.. आदित्य ने भारत के लिए 25 मिनट रखे थे, पर उनका डिस्कशन करीब 1 घंटा चला...
"ओके भारत.. चलो बाकी चीज़ें लंच पे डिसकस करते हैं.. मैं कस्टमर सर्विस मॅनेजर और हमारे आरपीसी मॅनेजर को भी बुला लेता हूँ" आदित्य ने भारत से कहा और दोनो वहाँ से लोकल केफे में गये... लेओपॉल्ड केफे, साउत मुंबई का सबसे पॉपुलर केफे, आज कुछ ज़्यादा भीड़ नहीं थी.. आदित्य और भारत आसानी से वहाँ बैठ गये और बातें करने लगे.. कुछ देर हुई ही थी कि उनके सामने कस्टमर सर्विस मॅनेजर और आरपीसी मॅनेजर आ गये... आदित्य और भारत ने उन्हे अपनी बातें बताई... कस्टमर सर्विस मॅनेजर काफ़ी खुश था इस चीज़ से..
"इससे बिज़्नेस ही नहीं, हमे रेटिंग भी अच्छी मिलेगी.. पीपल'स चाय्स बॅंक बनना है हमें... आप चिंता ना करें, वी आर इन.. सब बंदोबस्त हो जाएगा.. बस डीटेल्स मैल कर देना आदित्य.." कस्टमर सर्विस का मॅनेजर कहके वहाँ से निकल गया
"आप तो आरपीसी मॅनेज करते हैं सर.. तो आप यह बताइए कि अगर कोई कस्टमर डेबिट कार्ड के लिए अप्लाइ करता है तो कितने दिन में उसे डेबिट कार्ड मिलता है" भारत ने सामने बैठे शक़्स से कहा
"भारत..अमूमन 5 दिन मॅक्स..लेकिन हाइ प्राइयारिटी हो, तो 2 दिन में भी पहुँच जाता है.. हमारे सिस्टम में प्राइयारिटी डिसाइडेड है कस्टमर्स की.. हाइ वॅल्यू कस्टमर, सॅलयरीड और दूसरे क्लॅसिफिकेशन के हिसाब से..."भारत को जवाब मिला. लेओपॉल्ड में बैठे बैठे ही भारत ने आरपीसी मॅनेजर से उनके प्रोसेस की जानकारी ली.. लंच करते करते आदित्य , भारत और आरपीसी मॅनेजर के बीच काफ़ी चर्चा हुई. भारत ने इस मौके पे एक चौका मारने का सोचा
"ओह बाइ दा वे.. आपकी कंपनी में अभी मेरी सिस ने भी जाय्न किया है.. प्रीति आहूजा.. " भारत ने कॅष्यूयली कहा.. जैसे ही आरपीसी मॅनेजर को यह पता चला कि प्रीति भारत की बहेन है, उसे दिमाग़ में आया कि प्रीति को अच्छी तरह यूज़ किया जा सकता है बॅंक से बिज़्नेस लाने में.. भारत क्लस्टर मॅनेजर तो था ही, साथ ही आदित्य के साथ लंच करना मतलब, उसके हाथ में काफ़ी कुछ आ सकता है आगे जाके...
"डॉन'ट वरी... आपकी बॅंक का हम अच्छे से ध्यान रखेंगे.. और रही बात यह मीटिंग की, आप फिकर ना करें, हम आपके हाइ प्रोफाइल कस्टमर्स को प्राइयारिटी पहले देते हैं.. प्रीति लीड कर रही है इस चीज़ को भारत.. डॉन'ट वरी" जैसे ही आरपीसी मॅनेजर ने यह झूठ कहा, भारत को यकीन हुआ कि बहुत ही जल्द प्रीति भी उसके काम में लग जाएगी. मीटिंग में भारत को काफ़ी चीज़ें पता चली, और हाथो हाथ उसने प्रीति को भी इनफॉर्म कर लिया आगे के बारे में.. ऑफीस जाके भारत ने दिन भर का काम निपटाया और सेल्स के फिगर बढ़ाने के लिए कुछ स्ट्रॅटजीस बनाई और टीम के साथ डिसकस की... मेहुल को फसाना तो था ही..लेकिन साथ ही उसे यह किस्सा हमेशा के लिए निपटाने के बाद बॅंकिंग इंडस्ट्री का बड़ा नाम भी बनना था... यहाँ स्ट्रॅटजी सिंपल थी..धंधा बढ़ाओ, और उपर आओ...