hotaks444
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जीवन के इस नए मोड़ में सभी लोग उत्साहित तथा प्रशन्न थे । एक ही दिन में इतना बड़ा परिवर्तन गाँव से भागना और शहर की इस आलिशान जिंदगी को लेकर सभी लोग इस समय का भरपूर आनंद उठा रहे थे ।
नया घर और घर के अंदर सभी प्रकार की सुबिधायें के बारे में अपने अपने तरीके से उसका मूल्यांकन और विशेषता का अध्ययन कर रहे थे । गाँव में दो तीन लोगों के पास ही मोटर गाडी और टेलीविजन हैं, और जिनके पास हैं वह व्यक्ति अपने आपको सबसे अमीर समझता है ।
आज सूरज के इस नए घर में वो सारी सुबिधायें देख कर सभी लोग बड़े ही खुश थे । सूरज अपनी बहनो को खुश देख आज बहुत खुश था। मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था की मेरी दोनों दीदी और माँ ऐसे ही अब खुश रहें ।
जीवन भर लोगों की दलीले और गालियां सुनी है ।आज के बाद सभी परेसानी उनसे दूर रहें और जीवन की सभी खुशियाँ उन्हें मिले ।
सूरज पूनम और रेखा के कमरे में जाता है ।
दिनों बहने नए घर की भव्यता का वर्णन कर रही थी ।सूरज को देखते ही दोनों बहने बेड पर बैठ गई ।
पूनम-" सूरज आजा यहां बैठ, तुझसे कुछ पूंछना है?
सूरज" बोलो दीदी,
पूनम-" सूरज हम यहां कितने दिन तक रह सकते हैं??
सूरज-" जब तक में घर की व्यवस्था नहीं कर लेता तब तक हम यही रहेंगे।
तनु-"इस घर का किराया कितना होगा?
सूरज-" दीदी हमारे लिए फ्री है, आप परेसान मत हो आराम से रहिए। और सभी चीजो को इस्तेमाल कर सकती हो ।
पूनम-" सूरज तू काम क्या करेगा ये तो बता? क्या हम सबको भी काम करना है यहां पर?
सूरज-" नहीं दीदी सिर्फ मुझे ही काम करना है, आप लोग यहां सुकून से रहिए, में आपके पास आता जाता रहूँगा,
तनु-" सूरज तू रोज रही आया करेगा यहां पर। हम लोग अकेले तीनो लोग कैसे रहेंगे?
सूरज -" दीदी यहां चोकीदार और नोकरानी भी रहेगी, आप लोग अकेले कहाँ हो ।
पूनम-" बाकी सब तो ठीक हो गया बस पहनने के लिए हमारे पास कपडे नहीं है, फटे-पुराने कपडे ही हैं। तू अगले महीने की तनखा में से तीनो के लिए कपडे वनवा देना? बड़ी मासूमियत से दीदी ने बोला तो मुझे भी एक दम से याद आया की मेरे पास तो एक लाख से ज्यादा पैसे हैं जो सूर्या की अलमारी से निकाले है इन्ही पैसे से सबके लिए दो जोड़ी कपडे और जरुरत का सामन दिलबा देता हूँ ।
सूरज-" दीदी आप मेरे साथ अभी मार्केट चलो आपके लिए कपडे खरीद कर लाते हैं ।
मेरे पास कुछ पैसे हैं ।
हम तीनो लोग गाडी से चलते हैं ।
पूनम-" ओह्ह मेरे भाई तू सच में बहुत अच्छा है। कितना ख्याल रखता है हम सबका, हमारे लिए कितनी परेसानी सेहता है। इतनी सुबिधायें के लिए तुझे अकेले को ही मेहनत करनी है । अपने मालिक से कह कर मेरी भी नोकरी लगवा दे, थोडा बोझ हल्का हो जाएगा तेरा""
सूरज-" दीदी ये तुम्हारा भाई जब तक है तब तक आपको कोई परेसानी नहीं आने देगा।
इस घर की खुशियों के लिए में अपने जीवन का बलिदान देने को तैयार हूँ ।
पूनम-" नहीं भाई ऐसा मत बोल तेरे लिए कभी मेरी जान की जरुरत पड़ी तो हस्ते हस्ते दे दूंगी लेकिन तुझे इस घर के लिए अकेले बलिदान की भेंट नहीं चढ़ने दूंगी" पूनम की आँखे नम हो गई थी, तनु भी सूरज के गले लग कर रोने लगी थी, दोनों बहनो को अपने प्रति प्यार देख कर आंसू छलकने लगे, कई वर्षो के बाद उसने अपनी बहनो के पास बैठ कर बात की थी, गाँव में तो पुरे दिन लकड़ी काट कर थका हारा सो जाता था कभी बहनो से बात करने का समय ही न मिला ।
तीनो बहन भाई आपस में गले लग जाते हैं ।सूरज को बहुत सुकून मिलता है आज अपनी बहनो से बात करके, तीनो भाई बहन सुबक रहे थे तभी गेट पर माँ की रोने की आहाट सुनाई दी, रेखा भी बहुत देर से गेट पर खडी तीनो बच्चों को एक साथ रोते हुए खुद के आंसू रोक नहीं पाई।
सूरज रेखा के पास जाता है और माँ की आँखों से आंसू पोछता है, रेखा सूरज को गले लगा लेती है और चूमने लगती है। रेखा ने कई सालो बाद आज सूरज को गले लगाया था, दो वक़्त की रोटी के लिए जीवन भर काम की व्यस्तता के कारण वो कभी अपने बच्चों को प्यार ही नहीं कर पाई ।
सूरज भी आज पहली बार माँ की ममता को महसूस कर रहा था । दोनों दीदी भी आकर माँ और भाई के गले लग कर रोने लगती है।
रेखा और तीनो भाई बहन के लिए सबसे ज्यादा ख़ुशी का पल था।
सूरज-" बस माँ अब आज के बाद दुखो के दिन कट चुके हैं, अब हम लोग ख़ुशी से रहेंगे, एक साथ""'
रेखा-" हाँ बेटा हम सब लोग ख़ुशी से रहेंगे, पुरानी असहनीय बातों को भुला कर,गाँव की सभी बातों को भुलाना होगा,
पूनम-" हाँ माँ अब कोई पुरानी बातो को याद नही करेगा, अतीत में जो कष्ट झेले हैं उनको भुला कर वर्तमान में खुशी से जिएंगे।
सूरज अपनी माँ और बहनो से वादा करता है की आज के बाद कोई दुखी नहीं होगा पुरानी बातो को याद कर, नई ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए दिन रात मेहनत करेगा।
सूरज-" दीदी अब मार्केट चलो कपडे लेकर आते हैं सब के लिए,
पूनम-" तनु को साथ ले जा, इसी के नाप के मेरे कपडे भी ले आना और माँ के लिए भी साडी बगेरहा ले आना, में जब तक घर की सभी चीजो का मुयायना कर लू, और रसोई में खाने की व्यवस्था कर लेती हूँ ।
तनु-" तो फिर माँ तुम चलो हमारे साथ आप भी अपने लिए कुछ कपडे ले आना"
रेखा-" बेटा में नहीं जाउंगी, तुम ही भाई के साथ चली जाओ"
सूरज-" तनु दीदी आप ही चलो जल्दी, मुझे आज शाम को मालिक के यहाँ नोकारी पर भी जाना है"
तनु-" चलो फिर हम दोनों ही चलते हैं"
पूनम-" तनु एक मिनट मेरी बात सुन" पूनम तनु को अकेले में कुछ बोलती है, शायद कपडे के लिए ही कुछ बोल रही थी
तनु मेरे पास आते ही चलने के लिए बोलती है ।
में और तनु ड्राइवर को लेकर मार्केट की ओर निकल जाते हैं। ड्राइवर एक अच्छी सी मार्केट पर गाडी रोकता है और हम दोनों को दूकान में जाने के लिए बोलता है ।
में और तनु एक बहुत अच्छे शोरूम में घुसते है, पहली बार किसी अच्छी दूकान देख कर हम दोनों बहन भाई वहां की सुंदरता देखकर ही दंग रह गए, ऐसी खुबसूरत मार्केट सिर्फ फिल्मो में ही देखि थी अब तक ।
शोरूम के अंदर सभी काउंटर पर लड़कियां बैठी थी ।तनु फ़टे पुराने कपडे में खड़ी थी उसे तो बहुत शर्म भी महसूस हो रही थी । सूरज तनु की मनोदशा समझ चुका था ।
सूरज तनु का हाथ पकड़ कर एक लेडीज काउंटर पर जाता है ।
लेडीज-" सर बताइए क्या दिखाऊं, लेडीज सेलर तनु को बार बार देख रही थी. उसके फटे कपडो से शायद सेलर समझ चुकी थी की ये लड़की गरीब है ।लेकिन सूरज बहुत स्मार्ट और हेंडसम लग रहां था ।
सूरज-' मेडम कपडे दिखाइए इनके साइज़ के" सूरज ने तनु की और इशारा करते हुए कहा
लेडीज सेलर तुरंत फेशनेवल कपडे लेकर आती है । जिसे देख कर तनु बड़ी खुश होती है ।
आज तक इतने कीमती और सुन्दर कपडे उसने पहने नहीं थे ।
सूरज चार जोड़ी कपडे सलेक्ट कर लेता है।
लेडीज-" सर मेडम के लिए जीन्स और टॉप दिखाऊं क्या??? जीन्स का नाम सुनते ही तनु के कान खड़े हो जाते है। उसका हमेसा से मन था की जीवन में एक बार जीन्स और टॉप पहने ।
सूरज-" जी हाँ दिखाइए" सेलर बहुत सी प्रकार की जीन्स और टॉप दिखाती है ।
सूरज एक जीन्स तनु को दिखाते हुए बोलता है।
सूरज-" दीदी आप ये वाली जीन्स पहन कर देखो बहुत अच्छी लगेगी।
तनु-" तनु शर्म से कुछ बोल नहीं पा रही थी फिर भी बस इतना ही बोल पाई" तुझे जो पसंद है वही ले ले"'
सूरज चार जीन्स पूनम और तनु के लिए ले लेता है । उनके साथ टॉप भी खरीद लेता है ।
लेडीज सेलर-" सर! मेडम चाहें तो ट्राई रूम में पहन कर देख सकती हैं ।सूरज तनु को वह जीन्स और टॉप देकर ट्राई रूम में पहनने के लिए बोलता है ।तनु बहुत शर्मा रही थी फिर भी वह कपडे लेकर ट्राई रूम में पहुँच जाती है ।
तनु अपने फटे पुराने सलवार सूट निकाल कर नंगी हो जाती है । ट्राई रूम में लगे शीसे में अपना जिस्म देख कर शर्मा जाती है । तनु बिना ब्रा और पेंटी के ही सलवार सूट पहनी थी । तनु ब्रा और पेंटी भी खरीदना चाहती थी लेकिन शर्म की बजह से सेलर से कह नहीं पा रही थी इधर उसका भाई सूरज भी इसके साथ था ।
पूनम ने भी मार्केट जाते समय ब्रा और पेंटी के लिए बोला था ।
तनु बिना ब्रा और पेंटी के ही जीन्स और टॉप पहन लेती है ।
और खुद को शीशे में देख कर हैरान रह जाती है। ऐसा लग रहा था की शहर की सबसे खूबसूरत लड़की हो । खुद को देख कर उसे बहुत अच्छा लग रहा था ।तनु शर्माती हुई ट्राई रूम से बहार निकलती है।
सूरज तो देखते ही अचम्भा रह जाता है । इतनी खूबसूरत बहन को देख कर तुरंत
तनु से बोलता है ।
सूरज-" woww दीदी इस ड्रेस में आप तो बिलकुल हीरोइन लग रही हो""
तनु-" तनु शर्मा जाती है, में कपडे बदल कर आती हूँ"
सूरज-" नहीं दीदी यही कपडे पहने रहो, वो कपडे वहीं कूड़ेदान में डाल दो, फटे पुराने हैं ।
तनु सूरज के पास आकर लेडीज सेलर के पास आती है ।
तनु-" सूरज माँ के लिए एक साडी और ब्लाउज ले लो" लेडीज सेलर तुरंत सूरज को दूसरे काउंटर पर लेकर जाती है ।
सूरज चार साडी और पेटीकोट और ब्लॉउज ले लेता है ।
सारी शॉपिंग हो चुकी थी बस तनु को ब्रा पेंटी ही खरीदनी बची थी ।
नया घर और घर के अंदर सभी प्रकार की सुबिधायें के बारे में अपने अपने तरीके से उसका मूल्यांकन और विशेषता का अध्ययन कर रहे थे । गाँव में दो तीन लोगों के पास ही मोटर गाडी और टेलीविजन हैं, और जिनके पास हैं वह व्यक्ति अपने आपको सबसे अमीर समझता है ।
आज सूरज के इस नए घर में वो सारी सुबिधायें देख कर सभी लोग बड़े ही खुश थे । सूरज अपनी बहनो को खुश देख आज बहुत खुश था। मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था की मेरी दोनों दीदी और माँ ऐसे ही अब खुश रहें ।
जीवन भर लोगों की दलीले और गालियां सुनी है ।आज के बाद सभी परेसानी उनसे दूर रहें और जीवन की सभी खुशियाँ उन्हें मिले ।
सूरज पूनम और रेखा के कमरे में जाता है ।
दिनों बहने नए घर की भव्यता का वर्णन कर रही थी ।सूरज को देखते ही दोनों बहने बेड पर बैठ गई ।
पूनम-" सूरज आजा यहां बैठ, तुझसे कुछ पूंछना है?
सूरज" बोलो दीदी,
पूनम-" सूरज हम यहां कितने दिन तक रह सकते हैं??
सूरज-" जब तक में घर की व्यवस्था नहीं कर लेता तब तक हम यही रहेंगे।
तनु-"इस घर का किराया कितना होगा?
सूरज-" दीदी हमारे लिए फ्री है, आप परेसान मत हो आराम से रहिए। और सभी चीजो को इस्तेमाल कर सकती हो ।
पूनम-" सूरज तू काम क्या करेगा ये तो बता? क्या हम सबको भी काम करना है यहां पर?
सूरज-" नहीं दीदी सिर्फ मुझे ही काम करना है, आप लोग यहां सुकून से रहिए, में आपके पास आता जाता रहूँगा,
तनु-" सूरज तू रोज रही आया करेगा यहां पर। हम लोग अकेले तीनो लोग कैसे रहेंगे?
सूरज -" दीदी यहां चोकीदार और नोकरानी भी रहेगी, आप लोग अकेले कहाँ हो ।
पूनम-" बाकी सब तो ठीक हो गया बस पहनने के लिए हमारे पास कपडे नहीं है, फटे-पुराने कपडे ही हैं। तू अगले महीने की तनखा में से तीनो के लिए कपडे वनवा देना? बड़ी मासूमियत से दीदी ने बोला तो मुझे भी एक दम से याद आया की मेरे पास तो एक लाख से ज्यादा पैसे हैं जो सूर्या की अलमारी से निकाले है इन्ही पैसे से सबके लिए दो जोड़ी कपडे और जरुरत का सामन दिलबा देता हूँ ।
सूरज-" दीदी आप मेरे साथ अभी मार्केट चलो आपके लिए कपडे खरीद कर लाते हैं ।
मेरे पास कुछ पैसे हैं ।
हम तीनो लोग गाडी से चलते हैं ।
पूनम-" ओह्ह मेरे भाई तू सच में बहुत अच्छा है। कितना ख्याल रखता है हम सबका, हमारे लिए कितनी परेसानी सेहता है। इतनी सुबिधायें के लिए तुझे अकेले को ही मेहनत करनी है । अपने मालिक से कह कर मेरी भी नोकरी लगवा दे, थोडा बोझ हल्का हो जाएगा तेरा""
सूरज-" दीदी ये तुम्हारा भाई जब तक है तब तक आपको कोई परेसानी नहीं आने देगा।
इस घर की खुशियों के लिए में अपने जीवन का बलिदान देने को तैयार हूँ ।
पूनम-" नहीं भाई ऐसा मत बोल तेरे लिए कभी मेरी जान की जरुरत पड़ी तो हस्ते हस्ते दे दूंगी लेकिन तुझे इस घर के लिए अकेले बलिदान की भेंट नहीं चढ़ने दूंगी" पूनम की आँखे नम हो गई थी, तनु भी सूरज के गले लग कर रोने लगी थी, दोनों बहनो को अपने प्रति प्यार देख कर आंसू छलकने लगे, कई वर्षो के बाद उसने अपनी बहनो के पास बैठ कर बात की थी, गाँव में तो पुरे दिन लकड़ी काट कर थका हारा सो जाता था कभी बहनो से बात करने का समय ही न मिला ।
तीनो बहन भाई आपस में गले लग जाते हैं ।सूरज को बहुत सुकून मिलता है आज अपनी बहनो से बात करके, तीनो भाई बहन सुबक रहे थे तभी गेट पर माँ की रोने की आहाट सुनाई दी, रेखा भी बहुत देर से गेट पर खडी तीनो बच्चों को एक साथ रोते हुए खुद के आंसू रोक नहीं पाई।
सूरज रेखा के पास जाता है और माँ की आँखों से आंसू पोछता है, रेखा सूरज को गले लगा लेती है और चूमने लगती है। रेखा ने कई सालो बाद आज सूरज को गले लगाया था, दो वक़्त की रोटी के लिए जीवन भर काम की व्यस्तता के कारण वो कभी अपने बच्चों को प्यार ही नहीं कर पाई ।
सूरज भी आज पहली बार माँ की ममता को महसूस कर रहा था । दोनों दीदी भी आकर माँ और भाई के गले लग कर रोने लगती है।
रेखा और तीनो भाई बहन के लिए सबसे ज्यादा ख़ुशी का पल था।
सूरज-" बस माँ अब आज के बाद दुखो के दिन कट चुके हैं, अब हम लोग ख़ुशी से रहेंगे, एक साथ""'
रेखा-" हाँ बेटा हम सब लोग ख़ुशी से रहेंगे, पुरानी असहनीय बातों को भुला कर,गाँव की सभी बातों को भुलाना होगा,
पूनम-" हाँ माँ अब कोई पुरानी बातो को याद नही करेगा, अतीत में जो कष्ट झेले हैं उनको भुला कर वर्तमान में खुशी से जिएंगे।
सूरज अपनी माँ और बहनो से वादा करता है की आज के बाद कोई दुखी नहीं होगा पुरानी बातो को याद कर, नई ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए दिन रात मेहनत करेगा।
सूरज-" दीदी अब मार्केट चलो कपडे लेकर आते हैं सब के लिए,
पूनम-" तनु को साथ ले जा, इसी के नाप के मेरे कपडे भी ले आना और माँ के लिए भी साडी बगेरहा ले आना, में जब तक घर की सभी चीजो का मुयायना कर लू, और रसोई में खाने की व्यवस्था कर लेती हूँ ।
तनु-" तो फिर माँ तुम चलो हमारे साथ आप भी अपने लिए कुछ कपडे ले आना"
रेखा-" बेटा में नहीं जाउंगी, तुम ही भाई के साथ चली जाओ"
सूरज-" तनु दीदी आप ही चलो जल्दी, मुझे आज शाम को मालिक के यहाँ नोकारी पर भी जाना है"
तनु-" चलो फिर हम दोनों ही चलते हैं"
पूनम-" तनु एक मिनट मेरी बात सुन" पूनम तनु को अकेले में कुछ बोलती है, शायद कपडे के लिए ही कुछ बोल रही थी
तनु मेरे पास आते ही चलने के लिए बोलती है ।
में और तनु ड्राइवर को लेकर मार्केट की ओर निकल जाते हैं। ड्राइवर एक अच्छी सी मार्केट पर गाडी रोकता है और हम दोनों को दूकान में जाने के लिए बोलता है ।
में और तनु एक बहुत अच्छे शोरूम में घुसते है, पहली बार किसी अच्छी दूकान देख कर हम दोनों बहन भाई वहां की सुंदरता देखकर ही दंग रह गए, ऐसी खुबसूरत मार्केट सिर्फ फिल्मो में ही देखि थी अब तक ।
शोरूम के अंदर सभी काउंटर पर लड़कियां बैठी थी ।तनु फ़टे पुराने कपडे में खड़ी थी उसे तो बहुत शर्म भी महसूस हो रही थी । सूरज तनु की मनोदशा समझ चुका था ।
सूरज तनु का हाथ पकड़ कर एक लेडीज काउंटर पर जाता है ।
लेडीज-" सर बताइए क्या दिखाऊं, लेडीज सेलर तनु को बार बार देख रही थी. उसके फटे कपडो से शायद सेलर समझ चुकी थी की ये लड़की गरीब है ।लेकिन सूरज बहुत स्मार्ट और हेंडसम लग रहां था ।
सूरज-' मेडम कपडे दिखाइए इनके साइज़ के" सूरज ने तनु की और इशारा करते हुए कहा
लेडीज सेलर तुरंत फेशनेवल कपडे लेकर आती है । जिसे देख कर तनु बड़ी खुश होती है ।
आज तक इतने कीमती और सुन्दर कपडे उसने पहने नहीं थे ।
सूरज चार जोड़ी कपडे सलेक्ट कर लेता है।
लेडीज-" सर मेडम के लिए जीन्स और टॉप दिखाऊं क्या??? जीन्स का नाम सुनते ही तनु के कान खड़े हो जाते है। उसका हमेसा से मन था की जीवन में एक बार जीन्स और टॉप पहने ।
सूरज-" जी हाँ दिखाइए" सेलर बहुत सी प्रकार की जीन्स और टॉप दिखाती है ।
सूरज एक जीन्स तनु को दिखाते हुए बोलता है।
सूरज-" दीदी आप ये वाली जीन्स पहन कर देखो बहुत अच्छी लगेगी।
तनु-" तनु शर्म से कुछ बोल नहीं पा रही थी फिर भी बस इतना ही बोल पाई" तुझे जो पसंद है वही ले ले"'
सूरज चार जीन्स पूनम और तनु के लिए ले लेता है । उनके साथ टॉप भी खरीद लेता है ।
लेडीज सेलर-" सर! मेडम चाहें तो ट्राई रूम में पहन कर देख सकती हैं ।सूरज तनु को वह जीन्स और टॉप देकर ट्राई रूम में पहनने के लिए बोलता है ।तनु बहुत शर्मा रही थी फिर भी वह कपडे लेकर ट्राई रूम में पहुँच जाती है ।
तनु अपने फटे पुराने सलवार सूट निकाल कर नंगी हो जाती है । ट्राई रूम में लगे शीसे में अपना जिस्म देख कर शर्मा जाती है । तनु बिना ब्रा और पेंटी के ही सलवार सूट पहनी थी । तनु ब्रा और पेंटी भी खरीदना चाहती थी लेकिन शर्म की बजह से सेलर से कह नहीं पा रही थी इधर उसका भाई सूरज भी इसके साथ था ।
पूनम ने भी मार्केट जाते समय ब्रा और पेंटी के लिए बोला था ।
तनु बिना ब्रा और पेंटी के ही जीन्स और टॉप पहन लेती है ।
और खुद को शीशे में देख कर हैरान रह जाती है। ऐसा लग रहा था की शहर की सबसे खूबसूरत लड़की हो । खुद को देख कर उसे बहुत अच्छा लग रहा था ।तनु शर्माती हुई ट्राई रूम से बहार निकलती है।
सूरज तो देखते ही अचम्भा रह जाता है । इतनी खूबसूरत बहन को देख कर तुरंत
तनु से बोलता है ।
सूरज-" woww दीदी इस ड्रेस में आप तो बिलकुल हीरोइन लग रही हो""
तनु-" तनु शर्मा जाती है, में कपडे बदल कर आती हूँ"
सूरज-" नहीं दीदी यही कपडे पहने रहो, वो कपडे वहीं कूड़ेदान में डाल दो, फटे पुराने हैं ।
तनु सूरज के पास आकर लेडीज सेलर के पास आती है ।
तनु-" सूरज माँ के लिए एक साडी और ब्लाउज ले लो" लेडीज सेलर तुरंत सूरज को दूसरे काउंटर पर लेकर जाती है ।
सूरज चार साडी और पेटीकोट और ब्लॉउज ले लेता है ।
सारी शॉपिंग हो चुकी थी बस तनु को ब्रा पेंटी ही खरीदनी बची थी ।