hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
कृष्णा भी समझ चुका था कि राधिका उसके मूह से क्या सुनना चाहती हैं. वो भी अब अपनी शरम छोड़ कर पूरी बेशर्मी पर उतार आता हैं.
कृष्णा- मैं तो हमेशा से तुझे बिना कपड़ों के देखना चाहता था. इस वजह से मैं कई बार तेरे बाथरूम में छुप छुप कर तुझे नहाता हुए देखा करता था. मगर आज तक पूरा सफल नही हो पाया.
राधिका मुस्कुरा हुए- मुझे पता हैं कि आप मुझे बाथरूम में छुप छुप कर देखते थे. चलिए कोई बात नहीं आज मैं आपकी ये इच्छा भी पूरी करूँगी.
कृष्णा हैरत से राधिका को देखता हैं- तो क्या तुझे पता था कि मैं तुझे छुप छुप कर देखता रहता था. लेकिन तूने तो मुझे कभी कुछ नहीं बोला.
राधिका जवाब में बस मुस्कुरा देती हैं और अपना हाथ बढ़ाकर कृष्णा की शर्ट के बटन खोलने लगती हैं. फिर एक एक करके उसके सारे बटन को खोल देती हैं. कुछ देर में वो उपर से नंगा हो जाता हैं. कृष्णा के सीने पर घने बाल थे और उसका रंग भी सांवला था. राधिका बड़े गौर से कृष्णा को देखने लगती हैं फिर उसके पास जाकर अपनी जीभ उसके निपल्स पर रखकर उसे हौले हौले चूसने लगती हैं. कृष्णा एक दम से सिहर जाता हैं.
कृष्णा- लगता हैं मेरी बेहन इन सब मामलों में काफ़ी समझदार हो गयी हैं. अब मुझे कुछ सिखाना नहीं पड़ेगा.
राधिका- नहीं नहीं मैं आपकी तरह एक्सपर्ट नहीं हूँ. ना जाने अभी तक आप कितनी रंडियों के साथ सो चुके हैं. मेरा भला आपके साथ कैसा मुकाबला.
कृष्णा- ठीक हैं आज मैं तुझे सिखाउन्गा कि चुदाई कैसे की जाती हैं. देख लेना तू भी मेरी तरह एक्सपर्ट हो जाएगी.
राधिका- नहीं बनना मुझे एक्सपर्ट. मुझे बस प्यार करो मुझे कोई धंधा थोड़ी ही ना करना हैं.
कृष्णा भी मुस्कुरा देता हैं और झट से अपना एक हाथ राधिका की पीठ पर और दूसरा हाथ उसके बूब्स पर रखकर ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को दबाना शुरू करता हैं. राधिका के मूह से सिसकारी बढ़ने लगती हैं और मदहोशी में उसकी आँखें बंद होने लगती हैं.
कृष्णा थोड़ी देर के बाद उसकी साड़ी को खोल कर उसके जिस्म से अलग कर देता हैं और राधिका बस ब्लाउस में और साए में कृष्णा के सामने बैठी रहती हैं. उसकी नज़रें शरम की वजह से झुक जाती हैं और वो नीचे देखने लगती हैं.
कृष्णा उसके ब्लाउस के बटन को धीरे धीरे खोलने लगता हैं और राधिका बिना कुछ बोले कृष्णा की हरकतों को देखने लगती हैं. थोड़ी देर के बाद वो उसका ब्लोज़ भी उसके जिस्म से अलग कर देता हैं. कृष्णा आज पहली बार अपनी बेहन को इस अवस्था में देख रहा था. उसका लंड भी पूरा खड़ा हो चुका था. वो बस राधिका की खूबसूरती को अपनी आँखों में समेटने लगता हैं.
थोड़ी देर में कृष्णा अपनी पेंट उतार कर बस अंडरवेर में रह जाता हैं.राधिका को उसके अंडरवेर में कृष्णा का टेंट सॉफ दिखाई देता हैं. वो भी बस बिना पलके झपकाए देखने लगती हैं.
कृष्णा फिर अपना एक हाथ नीचे लेजा कर उसके साए का नाडा खोल देता हैं और धीरे धीरे सरका कर राधिका के जिस्म से अलग कर देता हैं. इस वक्त राधिका बस ब्रा और पैंटी में कृष्णा के सामने थी और शरम से उसकी पलकें झुकी हुई थी.
कृष्णा अब राधिका के पीछे चला जाता हैं और अपना जलते हुए होंठो को राधिका की गर्देन पर रखकर धीरे धीरे चाटने लगता हैं और बहुत धीरे धीरे उसकी पीठ तक नीचे सरकता हुआ नीचे आता हैं. राधिका की बेकरारी सॉफ उसकी सिसकारियों से सुनाई दे रही थी.कृष्णा आज उसे पूरा पागल करने के मूड में था. वो चाहता था कि राधिका पूरी तरह से बेकरार होकर उसकी बाहों में अपने आप को पूरा समर्पण कर दे. वैसे तो राधिका ने ये बात बोल दी थी मगर करने और कहने में बहुत फ़र्क होता हैं.
कृष्णा बहुत देर तक राधिका के ऐसे ही पूरे बदन पर जीभ फिराता हैं और उधेर राधिका का सब्र जवाब देने लगता हैं.
राधिका- भैया अब बस भी करो. क्या आप मुझे पागल करना चाहते हैं. अब मुझसे बर्दास्त नही होता.
कृष्णा- इतनी जल्दी भी क्या हैं राधिका अभी तो पूरी रात पड़ी हैं. अभी तो मैने सिर्फ़ चिंगारी भड़काई हैं.अभी तो आग लगाना बाकी हैं.अब देखना ये हैं ये आग कितनी जल्दी शोले में बदल जाती हैं.
राधिका- ये तो वक़्त ही बताएगा कि आप के अंदर कितनी आग हैं. आज मैं भी देखूँगी कि आप में कितना दम हैं और इतना कहकर राधिका मुस्कुरा देती हैं.........
साथ बने रहिएगा राधिका और कृष्णा का मिलन अभी बाकी हैं...
कृष्णा- मैं तो हमेशा से तुझे बिना कपड़ों के देखना चाहता था. इस वजह से मैं कई बार तेरे बाथरूम में छुप छुप कर तुझे नहाता हुए देखा करता था. मगर आज तक पूरा सफल नही हो पाया.
राधिका मुस्कुरा हुए- मुझे पता हैं कि आप मुझे बाथरूम में छुप छुप कर देखते थे. चलिए कोई बात नहीं आज मैं आपकी ये इच्छा भी पूरी करूँगी.
कृष्णा हैरत से राधिका को देखता हैं- तो क्या तुझे पता था कि मैं तुझे छुप छुप कर देखता रहता था. लेकिन तूने तो मुझे कभी कुछ नहीं बोला.
राधिका जवाब में बस मुस्कुरा देती हैं और अपना हाथ बढ़ाकर कृष्णा की शर्ट के बटन खोलने लगती हैं. फिर एक एक करके उसके सारे बटन को खोल देती हैं. कुछ देर में वो उपर से नंगा हो जाता हैं. कृष्णा के सीने पर घने बाल थे और उसका रंग भी सांवला था. राधिका बड़े गौर से कृष्णा को देखने लगती हैं फिर उसके पास जाकर अपनी जीभ उसके निपल्स पर रखकर उसे हौले हौले चूसने लगती हैं. कृष्णा एक दम से सिहर जाता हैं.
कृष्णा- लगता हैं मेरी बेहन इन सब मामलों में काफ़ी समझदार हो गयी हैं. अब मुझे कुछ सिखाना नहीं पड़ेगा.
राधिका- नहीं नहीं मैं आपकी तरह एक्सपर्ट नहीं हूँ. ना जाने अभी तक आप कितनी रंडियों के साथ सो चुके हैं. मेरा भला आपके साथ कैसा मुकाबला.
कृष्णा- ठीक हैं आज मैं तुझे सिखाउन्गा कि चुदाई कैसे की जाती हैं. देख लेना तू भी मेरी तरह एक्सपर्ट हो जाएगी.
राधिका- नहीं बनना मुझे एक्सपर्ट. मुझे बस प्यार करो मुझे कोई धंधा थोड़ी ही ना करना हैं.
कृष्णा भी मुस्कुरा देता हैं और झट से अपना एक हाथ राधिका की पीठ पर और दूसरा हाथ उसके बूब्स पर रखकर ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को दबाना शुरू करता हैं. राधिका के मूह से सिसकारी बढ़ने लगती हैं और मदहोशी में उसकी आँखें बंद होने लगती हैं.
कृष्णा थोड़ी देर के बाद उसकी साड़ी को खोल कर उसके जिस्म से अलग कर देता हैं और राधिका बस ब्लाउस में और साए में कृष्णा के सामने बैठी रहती हैं. उसकी नज़रें शरम की वजह से झुक जाती हैं और वो नीचे देखने लगती हैं.
कृष्णा उसके ब्लाउस के बटन को धीरे धीरे खोलने लगता हैं और राधिका बिना कुछ बोले कृष्णा की हरकतों को देखने लगती हैं. थोड़ी देर के बाद वो उसका ब्लोज़ भी उसके जिस्म से अलग कर देता हैं. कृष्णा आज पहली बार अपनी बेहन को इस अवस्था में देख रहा था. उसका लंड भी पूरा खड़ा हो चुका था. वो बस राधिका की खूबसूरती को अपनी आँखों में समेटने लगता हैं.
थोड़ी देर में कृष्णा अपनी पेंट उतार कर बस अंडरवेर में रह जाता हैं.राधिका को उसके अंडरवेर में कृष्णा का टेंट सॉफ दिखाई देता हैं. वो भी बस बिना पलके झपकाए देखने लगती हैं.
कृष्णा फिर अपना एक हाथ नीचे लेजा कर उसके साए का नाडा खोल देता हैं और धीरे धीरे सरका कर राधिका के जिस्म से अलग कर देता हैं. इस वक्त राधिका बस ब्रा और पैंटी में कृष्णा के सामने थी और शरम से उसकी पलकें झुकी हुई थी.
कृष्णा अब राधिका के पीछे चला जाता हैं और अपना जलते हुए होंठो को राधिका की गर्देन पर रखकर धीरे धीरे चाटने लगता हैं और बहुत धीरे धीरे उसकी पीठ तक नीचे सरकता हुआ नीचे आता हैं. राधिका की बेकरारी सॉफ उसकी सिसकारियों से सुनाई दे रही थी.कृष्णा आज उसे पूरा पागल करने के मूड में था. वो चाहता था कि राधिका पूरी तरह से बेकरार होकर उसकी बाहों में अपने आप को पूरा समर्पण कर दे. वैसे तो राधिका ने ये बात बोल दी थी मगर करने और कहने में बहुत फ़र्क होता हैं.
कृष्णा बहुत देर तक राधिका के ऐसे ही पूरे बदन पर जीभ फिराता हैं और उधेर राधिका का सब्र जवाब देने लगता हैं.
राधिका- भैया अब बस भी करो. क्या आप मुझे पागल करना चाहते हैं. अब मुझसे बर्दास्त नही होता.
कृष्णा- इतनी जल्दी भी क्या हैं राधिका अभी तो पूरी रात पड़ी हैं. अभी तो मैने सिर्फ़ चिंगारी भड़काई हैं.अभी तो आग लगाना बाकी हैं.अब देखना ये हैं ये आग कितनी जल्दी शोले में बदल जाती हैं.
राधिका- ये तो वक़्त ही बताएगा कि आप के अंदर कितनी आग हैं. आज मैं भी देखूँगी कि आप में कितना दम हैं और इतना कहकर राधिका मुस्कुरा देती हैं.........
साथ बने रहिएगा राधिका और कृष्णा का मिलन अभी बाकी हैं...