hotaks444
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हरामी रीटा मासूमीयत से बोली "बहादुर मुझे अकेले जाते तो बहुत डर लगता है, तुम साथ आ जाओ नाऽऽऽ"
यह सुन कर ठरकी बहादुर के लन्ड की बांछे खिल गई और वह रीटा के पीछे कुते सा दुम हिलाता चल पडा। राजू से गाँड मरवा मरवा कर रीटा की चाल अब और भी मस्तानी हो गई थी। उपर से रीटा बहादुर को उकसाने के लिये अपनी स्कूल सकर्ट उपर उठा कर अपने चूतड जानबूझ कर दाये बाये उछालती बहादुर के आगे आगे चलने लगी।
रीटा टायलट के आगे ठिठकी, तो बहादुर का लन्ड़ रीटा की हाहाकार करती गाँड मे भिड़ गया "आऊचऽऽऽ सारी बहादुर, लाईट कहां है "?
बहादुर ठिठकी हुई रीटा के पीछे से हाथ बडा कर टायलट की लाईट का बटन टटौलते टटौलते रीटा की गाँड पे अपना लन्ड़ घिस कर उचक कर एक घस्सा मार दिया "यही तो थी कहं गई ये है लाईट"।
रीटा को बहादुर का सूखा घस्सा बहुत ही प्यारा लगा और जवाब मे रीटा ने भी अपनी शानदार गाँड को थौडा सा पीछे उचका कर बहादुर के खडे लन्ड को गुदगुदा दिया।
अचानक रीटा मुडी और अपनी मम्मे बहादुर के चौडे चकले सीने से भिडा दिये और अपनी सकर्ट हलका सा उपर उठा कर बोली "जरा मेरी कच्छी तो उतार दो"।
रीटा जैसी सुन्दर लौंडीया की चूत देखने के चकर मे बहादुर बैठ कर कांपते हाथो से रीटा की कच्छी को कमर से नीचे खिसका कर घुटनौ तक सरका दी। शरारती रीटा ने बहादुर के कन्घे का सहारा लेते हुऐ अपनी सुडौल चिकनी टांग को सुकोड कर कच्छी से पाव बाहर खींच कर बहादुर को अपने गुलाबी गदराये यौवन को झलकी दिखा दी। तीर निशाने पर लगा और बहादुर का लन्ड़ कच्छे मे फडफडा कर घायल हो गया।
फिर रीटा बहादुर के हाथ मे अपनी कच्छी पकडा कर बहादुर को टायलट के दरवाजे पर ही रोकती बोली "बहादुर तुम यही ठहरो नही तो मैरी शैम शैम हो जायेगी। मै अंदर अकेली ही मूत के आती हूं "
अब रीटा की पीठ बहादुर की तरफ थी। रीटा ने अपना स्कर्ट उपर उठा कर अपने चाँद से गोल गोल चूतडो की नुमायश लगा दी। काले हाई हीलज़ वाले सेन्डील और लम्बी मरमरी टांगें और मलाई सी गाँड देख बहादुर के मुह से लार टपकाता सोचने लगा "कया गज़ब की गाँड है, शहर की गाँड आगर पटाका है, तो चूत तो धमाका होगी"।
बैठते ही रीटा की फुद्दी ने फीच्च शीऽऽऽऽऽऽ से पिशाब का शिशकारे की मस्त आवाज सुन बहादुर के लन्ड़ ने "चोद डालो, चोद डालो " के नारे लगाने शुरू कर दिये। फिर रीटा ने खडे हो कर स्कर्ट नीचे कर दी तो बहादुर के लन्ड़ ठन्डी सास भर कर रह गया।
फिर रीटा बहादुर के हाथ से अपनी कच्छी ले कर अपने चूतडौ को सहलाती बोली "उफ तुम्हारे डन्डे ने तो मेरा बुरा हाल कर दिया है। हाय बहादुर मुझ से तो अब चला भी नही जा रहा उई मांऽऽऽ"। रीटा अपनी स्कर्ट पीछे से उपर उठा कर अपने गोरी गोरी गाँड पीछे उचका कर साईकल के डन्डे के निशान बहादुर को दिखाती बोली। रीटा की गौरी चिट्टी जाघौं के पीछे साईकल के डन्डे के लाल लाल निशान पडे हुऐ थे।
"बहादुर थोडा सहला दो नाऽऽऽ" रीटा बहादुर को आंखो ही आंखो मे पी जाने वाली नजरो से देखा तो बहादुर का लन्ड़ मे झुरझुरी सी दौड गई।
बहादुर ने रीटा को सामने पडी चारपाई पर उलटा लिटा कर रीटा की जांघो को डरते डरते सहलाते बोला "बेबी, कुछ आराम आया"?
रीटा बोली "नहीं, थौड उपर करीये तो बताती हूँ "।
बहादुर ने हाथ थोड उपर सरका दिया "बेबी, अब कुछ आराम आया"?
रीटा सरसराते सवर मे बोली " नहीं, थौड सा और उपर करीये तो बताती हूँ "।
बहादुर ने हाथ ओर उपर सरका दिया "अब"?
मस्ती मे रीटा स्कर्ट उलटती बोली " नहीं, जरा सा ओर उपर करीये तो बताती हूँ "
यह सुन कर ठरकी बहादुर के लन्ड की बांछे खिल गई और वह रीटा के पीछे कुते सा दुम हिलाता चल पडा। राजू से गाँड मरवा मरवा कर रीटा की चाल अब और भी मस्तानी हो गई थी। उपर से रीटा बहादुर को उकसाने के लिये अपनी स्कूल सकर्ट उपर उठा कर अपने चूतड जानबूझ कर दाये बाये उछालती बहादुर के आगे आगे चलने लगी।
रीटा टायलट के आगे ठिठकी, तो बहादुर का लन्ड़ रीटा की हाहाकार करती गाँड मे भिड़ गया "आऊचऽऽऽ सारी बहादुर, लाईट कहां है "?
बहादुर ठिठकी हुई रीटा के पीछे से हाथ बडा कर टायलट की लाईट का बटन टटौलते टटौलते रीटा की गाँड पे अपना लन्ड़ घिस कर उचक कर एक घस्सा मार दिया "यही तो थी कहं गई ये है लाईट"।
रीटा को बहादुर का सूखा घस्सा बहुत ही प्यारा लगा और जवाब मे रीटा ने भी अपनी शानदार गाँड को थौडा सा पीछे उचका कर बहादुर के खडे लन्ड को गुदगुदा दिया।
अचानक रीटा मुडी और अपनी मम्मे बहादुर के चौडे चकले सीने से भिडा दिये और अपनी सकर्ट हलका सा उपर उठा कर बोली "जरा मेरी कच्छी तो उतार दो"।
रीटा जैसी सुन्दर लौंडीया की चूत देखने के चकर मे बहादुर बैठ कर कांपते हाथो से रीटा की कच्छी को कमर से नीचे खिसका कर घुटनौ तक सरका दी। शरारती रीटा ने बहादुर के कन्घे का सहारा लेते हुऐ अपनी सुडौल चिकनी टांग को सुकोड कर कच्छी से पाव बाहर खींच कर बहादुर को अपने गुलाबी गदराये यौवन को झलकी दिखा दी। तीर निशाने पर लगा और बहादुर का लन्ड़ कच्छे मे फडफडा कर घायल हो गया।
फिर रीटा बहादुर के हाथ मे अपनी कच्छी पकडा कर बहादुर को टायलट के दरवाजे पर ही रोकती बोली "बहादुर तुम यही ठहरो नही तो मैरी शैम शैम हो जायेगी। मै अंदर अकेली ही मूत के आती हूं "
अब रीटा की पीठ बहादुर की तरफ थी। रीटा ने अपना स्कर्ट उपर उठा कर अपने चाँद से गोल गोल चूतडो की नुमायश लगा दी। काले हाई हीलज़ वाले सेन्डील और लम्बी मरमरी टांगें और मलाई सी गाँड देख बहादुर के मुह से लार टपकाता सोचने लगा "कया गज़ब की गाँड है, शहर की गाँड आगर पटाका है, तो चूत तो धमाका होगी"।
बैठते ही रीटा की फुद्दी ने फीच्च शीऽऽऽऽऽऽ से पिशाब का शिशकारे की मस्त आवाज सुन बहादुर के लन्ड़ ने "चोद डालो, चोद डालो " के नारे लगाने शुरू कर दिये। फिर रीटा ने खडे हो कर स्कर्ट नीचे कर दी तो बहादुर के लन्ड़ ठन्डी सास भर कर रह गया।
फिर रीटा बहादुर के हाथ से अपनी कच्छी ले कर अपने चूतडौ को सहलाती बोली "उफ तुम्हारे डन्डे ने तो मेरा बुरा हाल कर दिया है। हाय बहादुर मुझ से तो अब चला भी नही जा रहा उई मांऽऽऽ"। रीटा अपनी स्कर्ट पीछे से उपर उठा कर अपने गोरी गोरी गाँड पीछे उचका कर साईकल के डन्डे के निशान बहादुर को दिखाती बोली। रीटा की गौरी चिट्टी जाघौं के पीछे साईकल के डन्डे के लाल लाल निशान पडे हुऐ थे।
"बहादुर थोडा सहला दो नाऽऽऽ" रीटा बहादुर को आंखो ही आंखो मे पी जाने वाली नजरो से देखा तो बहादुर का लन्ड़ मे झुरझुरी सी दौड गई।
बहादुर ने रीटा को सामने पडी चारपाई पर उलटा लिटा कर रीटा की जांघो को डरते डरते सहलाते बोला "बेबी, कुछ आराम आया"?
रीटा बोली "नहीं, थौड उपर करीये तो बताती हूँ "।
बहादुर ने हाथ थोड उपर सरका दिया "बेबी, अब कुछ आराम आया"?
रीटा सरसराते सवर मे बोली " नहीं, थौड सा और उपर करीये तो बताती हूँ "।
बहादुर ने हाथ ओर उपर सरका दिया "अब"?
मस्ती मे रीटा स्कर्ट उलटती बोली " नहीं, जरा सा ओर उपर करीये तो बताती हूँ "