desiaks
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खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और मस्त कहानी शुरू करने जा रहा हूँ जो आपको ज़रूर पसंद आएगी . दोस्तो जिंदगी का एक ही धर्म और एक ही मत है चूत और लंड ................ दोस्तो अब आप कहेंगे कि ये कैसे हो सकता है तो दोस्तो इसके जवाब मे में सिर्फ़ इतना ही कहूँगा कि इंसान हो या जानवर सभी एक ही चीज़ पर अपनी जान देते हैं वो हैं लंड और चूत ................ दोस्तो चूत का धर्म एक ही है लंड को निकालना और निगलना .......... और लंड का भी धर्म एक ही है घुसना निकलना .
दोस्तो अब आप सोच रहे होंगे कि क्या राज शर्मा पागल हो गया है जो इस तरह की अनर्गल बातें कर रहा है तो इसके जवाब में सिर्फ़ इतना ही कहूँगा कि जो चूत लंड को पैदा करती है फिर उसी लंड को अपने अंदर लेने के लिए क्यों बेचैन रहती है और लंड जिस चूत में से निकलता है उसी चूत में जाने के किए क्यों बेकरार रहता है क्या इसका जवाब है किसी के पास ऐसा क्यूँ होता है तो मेरा मानना ये है कि अगर सेक्स ना होता तो शायद परिवार ना होता और परिवार ना होता तो शहर या गाँव या ये संसार ही नही होता . दोस्तो इंसान चाहे कितनी ऊँचाइयों को छू ले मगर सेक्स की ज़रूरत को ख़तम नही कर सकता . दोस्तो इसीलिए मैं कहता हूँ कि इस संसार में चूत लंड के सिवाय कुछ और है ही नही इस दुनियाँ में जहाँ भी देखो बस लंड हैं चूत हैं
दुनिया का हर इंसान दो हिस्सों मे बटा हुआ होता है. एक हिस्सा तो वो होता है जिसे सब लोग जानते हैं, देखते हैं और उसकी अच्छाई और बूराई को समझते और पहचानते हैं और उस इंसान के बारे मे आपनी ज़ाति राय रखते हैं. मगर इंसान का दूसरा हिस्सा जो पहले हिस्से से बिल्कुल आलग ही होता है, उस हिस्से की गहराई मे वो खूद भी पूरा नही उतर सकता तो दूसरा कैसे उतर सके गा. यह दूसरा हिस्सा हर इंसान का काला यानी नेगेटिव हिस्सा होता है और इस हिस्से की हर बात को पूरी दुनिया से छुपा कर रखता है. इस हिस्से मे इंसान की वो तमाम काली, गंदी और वासना से भरपूर शौक और ख्वाहिशे छुपी हुई होती हैं जिसे इंसान सोच सोच कर ही मज़ा लेता है, कम लोगों मे हिम्मत और हौसला होता है कि वो आपनी इन गंदी ख्वाहिशो को अपने अंदर से निकाल कर प्रॅक्टिकली कर सकें.
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और मस्त कहानी शुरू करने जा रहा हूँ जो आपको ज़रूर पसंद आएगी . दोस्तो जिंदगी का एक ही धर्म और एक ही मत है चूत और लंड ................ दोस्तो अब आप कहेंगे कि ये कैसे हो सकता है तो दोस्तो इसके जवाब मे में सिर्फ़ इतना ही कहूँगा कि इंसान हो या जानवर सभी एक ही चीज़ पर अपनी जान देते हैं वो हैं लंड और चूत ................ दोस्तो चूत का धर्म एक ही है लंड को निकालना और निगलना .......... और लंड का भी धर्म एक ही है घुसना निकलना .
दोस्तो अब आप सोच रहे होंगे कि क्या राज शर्मा पागल हो गया है जो इस तरह की अनर्गल बातें कर रहा है तो इसके जवाब में सिर्फ़ इतना ही कहूँगा कि जो चूत लंड को पैदा करती है फिर उसी लंड को अपने अंदर लेने के लिए क्यों बेचैन रहती है और लंड जिस चूत में से निकलता है उसी चूत में जाने के किए क्यों बेकरार रहता है क्या इसका जवाब है किसी के पास ऐसा क्यूँ होता है तो मेरा मानना ये है कि अगर सेक्स ना होता तो शायद परिवार ना होता और परिवार ना होता तो शहर या गाँव या ये संसार ही नही होता . दोस्तो इंसान चाहे कितनी ऊँचाइयों को छू ले मगर सेक्स की ज़रूरत को ख़तम नही कर सकता . दोस्तो इसीलिए मैं कहता हूँ कि इस संसार में चूत लंड के सिवाय कुछ और है ही नही इस दुनियाँ में जहाँ भी देखो बस लंड हैं चूत हैं
दुनिया का हर इंसान दो हिस्सों मे बटा हुआ होता है. एक हिस्सा तो वो होता है जिसे सब लोग जानते हैं, देखते हैं और उसकी अच्छाई और बूराई को समझते और पहचानते हैं और उस इंसान के बारे मे आपनी ज़ाति राय रखते हैं. मगर इंसान का दूसरा हिस्सा जो पहले हिस्से से बिल्कुल आलग ही होता है, उस हिस्से की गहराई मे वो खूद भी पूरा नही उतर सकता तो दूसरा कैसे उतर सके गा. यह दूसरा हिस्सा हर इंसान का काला यानी नेगेटिव हिस्सा होता है और इस हिस्से की हर बात को पूरी दुनिया से छुपा कर रखता है. इस हिस्से मे इंसान की वो तमाम काली, गंदी और वासना से भरपूर शौक और ख्वाहिशे छुपी हुई होती हैं जिसे इंसान सोच सोच कर ही मज़ा लेता है, कम लोगों मे हिम्मत और हौसला होता है कि वो आपनी इन गंदी ख्वाहिशो को अपने अंदर से निकाल कर प्रॅक्टिकली कर सकें.