Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र - Page 23 - SexBaba
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Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र

मेरी पिछली कुछ कहानियो आपने पढ़ा की कैसे मेरी ज़िन्दगी में एक बड़ा बदलाव आया और मेरे पति अशोक और मैं कुछ ग्रुप सेक्स के इवेंट में गए और क्या क्या मजेदार अनुभव लिए। मेरे पति इस बदलाव से खुश थे क्यों की उनको अलग अलग औरतो को चोदने का शौक था और अब मेरी इजाजत से वो यह सब काम मेरे सामने कर सकते थे।

मेरे लिए ये सब थोड़ा अजीब था क्यों की पति पत्नी का रिश्ता एक भरोसे और समर्पण का होता हैं और अब हम किसी और के साथ यह सब काम कर रहे थे। मगर मैं भी अब बेशरम होकर इन सब चीजों में घुस चुकी थी ।

बस एक यही दुआ थी की मेरे पुराने काण्ड खुलकर मेरे पति सामने ना आये, क्यों की मैं अभी भी मेरे पति की नजरो में एक शर्मीली छुईमुई थी। हम जो चाहे वही हो यह जरुरी नहीं। मेरा इतिहास एक बार फिर मुझे एक झलक दिखाने वाला था। फुर्सत के लम्हो में मेरे पति ने मुझसे इसी बारे में बात कर रहे थे।

अशोक: “प्रतिमा, सेक्स के मजे हमने खूब ले लिए. अब तुम भी थोड़ा कम्फ़र्टेबल होने लगी हो। हमें अब किसी एक कपल के साथ भी पार्टनर बदल कर मजे करना चाहिए”

मैं: “अब तुमने यह सोचा हैं तो इसका मतलब तुमने वो कपल पहले ही ढूंढ लिया होगा ! ”

अशोक: “हां, मेरा क्रश हैं वो। मुझे बहुत पसंद हैं वो लड़की और एक बार उसको चोदने की बहुत इच्छा हैं। ”

मैं: “कौन हैं वो लड़की ?”

अशोक: “एक ही तो लड़की हैं, जिसकी पीछे से चाल देखकर हर कोई दीवाना हो जाये। चलते वक़्त उसके कूल्हे जो मटकते हैं। तुम समझ गयी ना मैं किसकी बात कर रहा हूँ?”

मैं: “ओह नो, तुम कही उसकी बात तो नहीं कर रहे !”

अशोक: “तुम समझ गयी !”

मैं: “आई होप कि मैं गलत समझ रही हूँ। तुम्ही बताओ, मैं नहीं बताउंगी”

आपने मेरी पिछली एक कहानी “होली के रंग, कर गए दंग” पढ़ी होगी, अगर नहीं तो पहले उसे जरूर पढ़े ताकि आपको नितिन और पूजा की कहानी पता चल सके। संक्षेप में कहु तो होली के दिन नितिन मेरे घर आया, और अकेली देख उसने मुझे कहाँ कहाँ नहीं छुआ और अंत में मेरा फायदा उठाने की कोशिश भी की।

फिर नितिन ने मुझे एक कहानी सुनाई थी की मेरे पति अशोक और उसकी बीवी पूजा के बीच कोई चक्कर चालू हैं, और मुझे यह कहानी सुनाकर बहका फुसला दिया और फिर मुझे चोदने के भरपूर मजे लिए थे।

हालांकि बाद में, मैं यह पता नहीं कर पायी कि क्या सच में पूजा और अशोक के बीच कभी कुछ हुआ था। अभी तक ये मेरे लिए राज ही था और अभी अशोक मुझसे कह रहा था कि वो पूजा को पहली बार चोदना चाहता हैं।
अब मैं इसका क्या मतलब निकालू! उस दिन नितिन ने जो कुछ कहा था वो सब झूठ था या फिर शायद अशोक मुझसे अभी झूठ बोल रहा हैं !

अब भले ही अशोक झूठ कह रहा हो या नहीं, मगर यदि हम नितिन और पूजा के साथ पार्टनर बदल कर चोदेंगे तो हो सकता हैं कि मेरे और नितिन के बीच होली के दिन जो हुआ उसका राज बाहर आ जाए।

मैं यह होने नहीं देना चाहती थी। मैं किसी भी कीमत पर शर्मिंदा नहीं होना चाहती थी। उस होली के दिन मेरे और नितिन के बीच जो भी हुआ मेरी आँखों के सामने घूमने लगा था

मैं: “देखो अशोक, मैंने हमारे पहले ग्रुप सेक्स के बाद ही कह दिया था कि मैं अब तुम्हारे किसी दोस्त साथ पार्टनर बदल नहीं चुदुँगी”

अशोक: “मगर उसके बाद तो हम चिराग – चित्रा के साथ एक बार और ग्रुप सेक्स इवेंट में जा चुके हैं”

मैं: “चित्रा मेरी अच्छी सहेली हैं तो उसके साथ एडजस्ट हो जाता हैं”

अशोक: “पूजा भी तो तुम्हारी सहेली हैं!”

मैं: “हां कभी थी, पर अब मिलना नहीं हो पाता। पहले वो हमारी पडोसी थी, मैं उसके साथ स्वीमिंग सिखने जाती थी तो हम अच्छी सहेलिया थी। पर जब से इस नए घर में आये हैं और मैंने स्वीमिंग जाना बंद किया हैं तब से पूजा से इतना मिलना नहीं हो पाता हैं”

अशोक: “बहाना मत मारो, सहेली तो हमेशा सहेली रहेगी। प्लीज यार, मान जाओ, एक बार सिर्फ एक बार पूजा की उस मटकती गांड को देखना हैं ”

मैं: “तुम तो ऐसे बोल रहे हो जैसे तुमने उसकी गांड कभी देखी ही नहीं हो”

मैं चाहती थी कि अगर अशोक और पूजा के बीच कुछ भी हैं तो अशोक खुलकर बता दे।

अशोक: “तुम स्वीमिंग पूल की बात कर रही हो ना? पर उस वक़्त उसने स्वीमिंग के कपडे पहने थे, आधी गांड ही देख पाया था, मुझे पूरी नंगी गांड देखनी हैं। सच पूछो तो साड़ी में लिपटी उसकी ढकी हुयी गांड देखकर मैं दीवाना हो ही गया था पर फिर उस दिन तुम्हे स्वीमिंग पूल पर लेने आया था तब बिकिनी में पूजा की गांड देख मैं पूरा दीवाना हो गया”

अशोक ने अभी भी यह स्वीकार नहीं किया कि उसके और पूजा के बीच कभी कुछ हुआ हो। वो जिस तरह अपनी तड़प दिखा रहा था उस से यही लग रहा था कि उसने कभी पूजा को नंगा देखा ही नहीं था।

मैं: “पूजा की गांड तुम्हे इतनी पसंद आयी, तुम्हारी खुद की बीवी की (यानी मेरी) गांड की तारीफ़ तो कभी की नहीं !”

अशोक: “अरे तुम्हारी गांड तो दुनिया में सबसे अच्छी हैं”

मैं: “तो फिर पूजा की क्यू चाहिए?”

अशोक: “यार, वो चलते हुए जिस तरह गांड मटकाती हैं, वैसा कोई नहीं कर सकता। बस एक बार चोदना हैं। ”
 
मैं: “मेरी इजाजत हैं तुमको, तुम जाकर कर लो जो करना हैं, पर नितिन को बीच में मत लाओ। मुझे उसके साथ कुछ नहीं करना हैं”

अशोक: “नितिन अपनी बीवी को मुझे क्यू चोदने देगा भला ! उसको इसके बदले कुछ मिलेगा तो ही तो वो मुझे अपनी बीवी देगा ना !”

मैं: “तो तुम अपनी इच्छा पूरी करने के लिए मेरी बलि चढ़ाओगे?”

अशोक: “इसमें बलि की क्या बात हैं! यह तो हम मजे करने के लिए कर रहे हैं। अब यह पहली बार तो नहीं हैं हमारे लिए! वैसे भी नितिन अच्छा दिखता हैं, तुम्हे भी मजा आएगा।”

मैं: “पूजा के साथ तुम्हे जो करना हैं कर लेना पर नितिन को मत बताना”

अशोक: “पहली बात तो पूजा को कैसे मनाये इस काम के लिए ! फिर अगर वो मान भी जाए तो कल को अगर नितिन को पता चल जाए तो? कोई गलत काम करो तो पूरी सुरक्षा के साथ करना चाहिए। नितिन की जानकारी में ही होना चाहिए ताकि पूजा भी सुरक्षित महसूस करे ”

मैं: “तुम तो पूरी तैयारी कर के आये हो। तारीख भी तय कर ही दी होगी फिर तुमने!”

अशोक: “अभी आग सिर्फ एक जगह लगी हैं, मेरे अंदर। अब मैंने वो आग तुम्हारे अंदर लगा दी हैं। अब तुम मेरी मदद करो और कैसे भी पूजा और नितिन को मना लो”

मैं:: “यह क्या बकवास हैं! ऐसे कामो के लिए मैं अब लोगो को मनाती फिरू ?” नितिन तुम्हारा दोस्त हैं, तुम उसको मनाओ। मेरी कोई इज्जत नहीं क्या?”

अशोक: “मैं आगे बढ़कर नितिन को कैसे बोलु कि मैं उसकी बीवी को चोदना चाहता हूँ। वो भड़क गया तो लड़ाई हो जाएगी। तुम लड़की हो, तुम बोलोगी तो शायद मान जाएगा और ना भी माना तो भड़केगा तो नहीं। इसमें इज्जत कम होने की क्या बात हैं ! यह तो हम दोनों मजे के लिए कर रहे हैं।”

मैं::”एक्सक्यूज़ मी ! मुझे नितिन के साथ कोई मजे नहीं लेने हैं। तुम्हे पूजा के मजे लेने हैं, तुम्ही मनाओ। ”

अशोक: ” ऐसे मत करो यार। मेरी दिली तमन्ना हैं, इसको पूरा करने में मेरी मदद नहीं करोगी? प्लीज .. प्लीज .. प्लीज .. मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ।”

अब मैं उसको कैसे बताऊ कि मेरे लिए यह बाए हाथ का खेल हैं और नितिन तो वैसे ही तैयार बैठा हैं मुझे एक बार फिर चोदने के लिए। ऊपर से शायद नितिन को शक हैं कि उसकी बीवी पूजा का पहले ही अशोक के साथ चक्कर हैं।

नितिन मुझे पहले ही चोद चूका हैं और यह बात खुलने के डर से मैंने अशोक को साफ़ इनकार कर दिया कि मैं इसमें उसकी कोई मदद नहीं कर सकती।

एक सप्ताह निकल गया और अशोक लगातार मुझे विनती करता रहा कि मैं उसकी मदद कर दू। मैं भी इस रोज रोज की चापलूसी और विनती से परेशान हो चुकी थी।

फिर मैंने सोचा कि नितिन को मनाने के लिए भी अशोक मुझे ही बोल रहा हैं। नितिन को मैं पहले ही बोल दूंगी की होली वाले दिन हम दोनों के बीच जो भी हुआ वो अशोक को ना बताये।

फिर बची पूजा, उसके साथ मैंने बहुत सारा समय बिताया हैं। एक साथ कुछ महीनो स्वीमिंग की हैं। उसके साथ कई निजी बातें भी शेयर की हैं। शायद बातों बातों में उसको पूछ सकती हूँ।

मैं: “ठीक हैं, मैं उनको मनाने की कोशिश करुँगी। पर वादा करो कि इसके बाद हम कभी तुम्हारे किसी दोस्त के साथ इस तरह पार्टनर नहीं बदलेंगे”

अशोक: “अरे हाँ , मुझे भी बस एक बार पूजा की गांड मारनी हैं। फिर तुम जो बोलोगी वही होगा।”

मैंने अशोक से कुछ समय की मोहलत मांगी ताकि मैं मौका देखकर नितिन से बात करुँगी। साथ ही पूजा के साथ फिर रेगुलर टच में रहना था।

अगली बार जब मैं अपनी सास के घर गयी तो मैं पूजा से भी मिली। वो अभी भी स्वीमिंग के लिए जाती थी। इसी की वजह से वो एकदम फिट थी। पर कूल्हे मटकाती वो अभी भी चल रही थी और उसे देख मैं खुद शरमा रही थी कि इसने मेरे पति को ही नहीं, कितने और मर्दो को दीवाना बना रखा होगा।

मैंने पूजा को बोल दिया कि अब मैं भी फिर से स्वीमिंग चालू करुँगी और हम साथ में करेंगे। हम दोनों अब रोज शाम को क्लब में स्वीमिंग पूल पर मिलते.

नितिन रोज पूजा को लेने आता और मुझे चोरी चुपके जरूर देखता। मुझे बिकिनी में देखने के चक्कर में वो पूजा को लेने थोड़ा जल्दी ही आ जाता। झूठ बोलकर जो उसने मुझे चोदा था, उसकी गलती उसकी आँखों में थी।
 
अगली बार जब मैं अपनी सास के घर गयी तो मैं पूजा से भी मिली। वो अभी भी स्वीमिंग के लिए जाती थी। इसी की वजह से वो एकदम फिट थी। पर कूल्हे मटकाती वो अभी भी चल रही थी और उसे देख मैं खुद शरमा रही थी कि इसने मेरे पति को ही नहीं, कितने और मर्दो को दीवाना बना रखा होगा।

मैंने पूजा को बोल दिया कि अब मैं भी फिर से स्वीमिंग चालू करुँगी और हम साथ में करेंगे। हम दोनों अब रोज शाम को क्लब में स्वीमिंग पूल पर मिलते.

नितिन रोज पूजा को लेने आता और मुझे चोरी चुपके जरूर देखता। मुझे बिकिनी में देखने के चक्कर में वो पूजा को लेने थोड़ा जल्दी ही आ जाता। झूठ बोलकर जो उसने मुझे चोदा था, उसकी गलती उसकी आँखों में थी।

अशोक इस बीच रोज परेशान करता रहा कि मैं कब नितिन पूजा से बात करुँगी पर मैं उसको सही समय का इन्तेजार करने को बोलती रही। इस बीच पूजा से मेरी दोस्ती फिर गहरी होती रही और अब मैं उस से सेक्स लाइफ के बारे में भी मजाक मजाक में पूछ ही लेती थी ।

फिर पता चला कि पूजा और नितिन की शादी की सालगिरह आने वाली हैं और वो दोनों हमेशा की तरह मनाने वाले हैं। मुझे लगा शायद यही मौका हैं जब हम दोनों कपल करीब आ सकते हैं।

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नितिन कपल एक्सचेंज के लिए मान चूका था और अब पूजा को मनाने के लिए एक अच्छे अवसर की प्रतीक्षा थी । फिर पता चला कि पूजा और नितिन की शादी की साल गिरह आनी वाली और मैंने अपना प्लान बनाया।

अगले दिन मै स्वीमिंग के लिए 15 मिनट्स जल्दी चली गयी। पूजा अपने रेगुलर टाइम पर आयी। मैं उसके स्वीमिंग पूल से बाहर निकलने के 15 मिनट्स पहले ही बाहर आ गयी और कपडे पहन लिए।

नितिन अपनी आदत के अनुसार मुझे बिकिनी में देखने के लिए जल्दि आया और मैंने उसको अकेले में पकड़ ही लिया। वो मुझे पूरे कपड़ो में देख थोड़ा निराश हुआ।

मैं: “नितिन, मुझे तुमसे बात करनी थी”

नितिन: ” आई एम सॉरी, होली वाले दिन के लिए”

मैं:”तो तुमने मुझे झूठ बोला था?”

नितिन: “मुझे नहीं पता, मुझे बस उन दोनों पर शक था जो मैंने तुम्हे बता दिया था”

मैं:”मेरे हिसाब से उन दोनों के बीच कुछ नहीं हैं। पर अब अगर वो करना चाहे तो तुम क्या करोगे?”

नितिन: “पिछली बार मुझे शक था तो मैंने तुम्हारे साथ वो सब कर दिया। तुम्हे भी उनसे बदला लेना हो तो मैं तैयार हूँ फिर से करने को”

मैं:”छुप छुप कर क्या करना ! अगर वो दोनों एक दूसरे के साथ कर रहे हैं तो हम भी खुल कर उनसे बात कर लेते हैं कि हम दोनों भी करेंगे। शायद फिर उनकी अकल ठिकाने आ जाए और ये सब बंद कर दे”

नितिन: “मुझे चलेगा, उनको करना हैं तो करे। मुझे तुम्हारे साथ करने को मिलेगा तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हैं”

मैं: “तो तो फिर तुम पूजा से बात कर लो। मना लो उसको अगर वो अदला बदली के लिए तैयार हैं। उसका सच में अशोक के साथ कुछ चक्कर हैं तो तुम्हे भी पता चल जाएगा”

नितिन: “उसको पूछने की हिम्मत होती तो बहुत पहले ही पूछ चूका होता जब मुझे उस पर शक था। तुम उसके घर वालो को नहीं जानती, बहुत खतरनाक हैं। तुम ही बात करो, मेरी मंजूरी हैं”

अशोक और नितिन दोनों ही बीवियों की इस अदला बदली के लिए तैयार थे पर दोनों मर्दो में हिम्मत नहीं थी कि वो पूजा से इस बारे में बात कर सके। सारा जिम्मा अब मुझ पर था जब कि इस अदला बदली में मेरी कोई रूचि नहीं थी। मेरा सिर्फ इतना मकसद था कि पति पर एक अहसान कर दू ताकि आगे कभी अपना काम निकलवा सकू।

मैं: “पूजा ने बताया कि तुम्हारी शादी की सालगिरह आने वाली हैं। तुम अपनी पार्टी में सिर्फ हम चारो को रखना, उसी दिन मैं पूजा को मना लुंगी और हम यह अदला बदली कर लेंगे”

मैंने अब नितिन से विदा ली और घर आकर अशोक को बताया कि मैंने नितिन को मना लिया हैं। अशोक खुश हुआ कि उसका आधा काम हो चूका हैं।

मैंने अशोक को बोल दिया कि अब वो नितिन के साथ मिलकर थोड़ा प्लान कर ले। उसकी सालगिरह मनाते समय ही हम वो अदला बदली करने वाले थे। अगले दिन ही स्वीमिंग क्लब में पूजा ने मुझसे बात की।

पूजा: “प्रतिमा, मेरी शादी की सालगिरह की पार्टी में तुम आ सकती हो क्या?”

मैं:: “मैं आकर क्या करुँगी? तुम दोनों मियां बीवी मजे करो, मैं कबाब में हड्डी क्या करुँगी!”

पूजा: “हर साल हम दोनों अकेले ही मनाते हैं। नितिन बता रहा था कि इसी दिन तुम और अशोक भी पहली बार मिले थे और तुम लोग भी इस दिन को मनाते हो। तो फिर हम लोग साथ मिलकर पार्टी करते हैं। एक से भले दो कपल हो जायेंगे”

नितिन ने यह एक झूठ बोल कर पूजा को हमारे साथ पार्टी करने को मना लिया था।

मैं: “हां, हम लोग भी यह दिन मनाते हैं। पर हमारी वजह से तुम लोगो को कोई परेशानी तो नहीं होगी ना?”

पूजा: “अरे नहीं, ज्यादा मजा आएगा। मैं नितिन को बोल दूंगी, हम मिलकर प्लान कर लेंगे कैसे पार्टी करनी हैं”
 
उसके बाद अशोक और नितिन ने मिलकर पूरा प्लान बना दिया और मुझे भी बता दिया। उन लोगो ने होटल में एक कमरा बूक कर दिया था जहा हम अदला बदली कर चोदने वाले थे।

उसके पहले डिनर और डांस का कार्यक्रम था। इसके लिए उन्होंने एक प्राइवेट जगह बूक की थी जहा हमारे चारो के अलावा कोई नहीं होगा। इसी जगह इस दौरान मुझे पूजा को मनाना था और फिर हम होटल के कमरे में जाकर मजे करने वाले थे। मुझे आशा थी कि मैं पूजा को मना ही लुंगी।

पूजा अपनी सालगिरह को लेकर बहुत उत्साहित थी और नितिन के लिए वो क्या गिफ्ट ले उसके लिए मुझसे पूछ रही थी। उस बेचारी को क्या पता था कि सालगिरह के ही दिन उसको किसी गैर मर्द के साथ चुदवाना पड़ेगा।

इन कुछ दिनों में मैंने पूजा की सेक्स लाइफ के बारे में भी जानने की कोशिश की और उसने भी मेरी सेक्स लाइफ में जानने की रूचि दिखाई। वो जितना पूछती मैं उसको कुछ ज्यादा ही बता कर उसका मूड बनाती जा रही थी ताकि वो अशोक की तरफ आकर्षित हो।

आखिर वो दिन भी आया। मैंने एक अच्छी से सेक्सी ड्रेस पहनी और अशोक भी अपनी चाहत पूजा को लुभाने के लिए कोट पहन कर अच्छे से तैयार था।

अशोक इतना उतावला था कि वो ठीक समय पर मुझे लेकर होटल पहुंच गया। कुछ ही देर में पूजा और नितिन भी आ गए थे। चमकीली शरीर दिखाऊ साड़ी में मेकअप से लिपटी पूजा क़यामत ढा रही थी।

लाल लिपस्टिक में रंगे उसके होंठो के बीच उसकी चौड़ी मुस्कान से दीखते दांत चमक रहे थे और गाल भी रौशनी पड़ते ही दमक रहे थे। पूजा ने सिर पर बालो का जुड़ा बना रखा था और उसके चेहरे के दोनों तरफ एक एक लम्बी घुंघराली जुल्फे निकली हुयी थी। ऐसा लगा जैसे उसकी आज शादी की सालगिरह नहीं बल्कि सुहागरात हैं।

अशोक की हालत मैं देख सकती थी। मुझे डर था कि कही अशोक का पानी उसकी पैंट में ही ना छूट जाए। वो आज आखिर पूजा को चोद पायेगा यह सोच कर ही वो जैसे हवा में उड़ रहा था।

हम चारो उस निजी कक्ष में थे जहा एक टेबल और चार कुर्सियां रखी थी। रोमांटिक संगीत बज रहा था और हलकी मध्यम रौशनी थी। वेटर बीच बीच में आकर खाने पीने का सामान ला रहा था जो हमने आर्डर किया था।

थोड़ी देर बैठने के बाद सॉफ्ट ड्रिंक लेने के बाद अशोक बोलने लगा कि डांस करना चाहिए। उसकी इच्छा थी कि वो पूजा के साथ डांस करे पर सीधा बोलना मुश्किल था।

नितीन ने भी साथ दिया कि डांस करना चाहिये, पर पूजा तैयार नहीं थी। मैंने उसको उत्साहित किया कि थोड़ा डांस तो करना चाहिये। फिर वो मान गयी।

उस हल्की रोशनी में रोमांटिक संगीत के बीच नितीन और पूजा डांस करने लगे। उनके पास ही मै और अशोक डांस कर रहे थे। अशोक की नजरे बराबर साड़ी में लिपटी पूजा की गांड पर थी।

अशोक तो मरे जा रहा था पूजा के साथ डांस करने के लिए ताकि उसके बदन को छू पाये। ऊधर नितीन का भी अशोक वाला ही हाल था।
उसकी बाहों में इतनी खुबसूरत बीवी थी पर वो मुझे देख तड़प रहा था।
पूजा इस बीच पूरा स्माईल करते हुए चहक रही थी। अब मुझे ही कुछ करना था। मैंने अशोक के साथ डांस करना छोड़ा और हम दोनो नितीन और पूजा के पास पहुचे. नितीन ने हमें देख पूजा के साथ डांस करना छोड़ा.

पूजा और नितीन खड़े खड़े ही हल्का हिलते हुए अकेले डांस कर रहे थे। मैंने नितीन को देखा और अपना हाथ आगे बढाया और उसने पूजा से अलग होकर मेरा हाथ पकड़ा और डांस करने लगा।

पूजा डांस करते रुक गयी थी और मुझे नितीन के साथ डांस करते देखने लगी। पूजा के चेहरे पर अभी भी एक स्माईल थी। दुसरी तरफ अशोक कोशिश कर रहा था कि वो पूजा का हाथ पकड़ पाये।

अशोक ने अब अपना हाथ आगे कर पूजा की तरफ बढाया. पूजा की आंखे हिरणी की तरह और बड़ी हो गयी और एक हल्की नर्वस भरी स्माईल के साथ वो मुझे और नितीन को देखने लगी।

मै और नितीन स्माईल करते बराबर उन दोनो की तरफ देख डांस में लगे हुए थे और अशोक का हाथ अभी भी पूजा की तरफ आगे बढा हुआ था।

मैने पूजा को इशारा किया कि वो डांस करे। उसके चेहरे पर अभी भी एक हल्की स्माईल थी पर उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था। नितीन ने भी पूजा को इशारा किया कि वो डांस कर ले।

पूजा ने थोड़ी झिझक के साथ अपना हाथ अशोक के हाथ में दे दिया। फिर अशोक नहीं रुका और उसने पूजा को हल्का सा अपने बाहों में ले लिया और उसकी कमर को एक हाथ लपेट दुसरा हाथ उसके हाथ में रखा।
 
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