Ashleel Kahani रंडी खाना - Page 2 - SexBaba
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Ashleel Kahani रंडी खाना

आज रश्मि को होटल का पूरा कारोबार समझते मुझे देर हो गई थी,शबनम के साथ हुआ एनकाउंटर और इतना सारा माथापच्ची वाला काम ,मैं बुरी तरह से थका हुआ घर पहुचा ,निशा सोफे में ही सोई हुई मिली,रात 1 बज रहे थे…
मैं उसके पास जाकर बैठ गया और उसके माथे में हाथ फेरने लगा …
मेरे स्पर्श से वो जागी ,
“आप आ गए भइया “वो सोफे से उठ चुकी थी
“हाथ पैर धो लीजिये खाना लगा देती हु “
“अरे पागल तू क्यो परेशान हो रही है मैं खा के आया हु,तेरी भाभी आ गई ,”
“नही थोड़ी देर पहले तो फिर से गई है,रात को नही आ पाऊंगी बोल रही थी…”उसकी बात सुनकर मेरा चहरा थोड़ा उदास हो गया,जिसे निशा ने पढ़ लिया,
“भइया आपके और भाभी के बीच सबकुछ ठीक तो है ना ……”
“हा मेरी जान सब ठीक है,जा जाके सो जा,”
मैं अपने कमरे में आ गया,और फ्रेश होकर बिस्तर में लेट गया,बीते हुए पूरे दिन की तस्वीर मेरे दिमाग में आने लगी थी,मैं सोच रहा था की आखिर काजल क्या प्लान कर रही है...उसके पास इतने पैसे कहा से आने वाले है,
काजल जैसी भी हो लेकिन वो मूर्ख तो नही थी,वो पढ़ी लिखी थी,और इस बिजनेस की एक्सपर्ट भी थी,वो टैलेंट के मामले में भी कमाल की मैनेजर थी,उसे अकाउंट की भी अच्छी जानकारी थी ,तो मैं इतना तो समझता था की अगर वो कुछ करने वाली है तो उसके पास कुछ तो सॉलिड प्लान होगा….
क्या मुझे उससे पूछना चाहिए ,क्या मुझे उसकी मदद करनी चाहिए…????
मेरे दिमाग में हर चीज बहुत ही तेजी से चल रही थी की दरवाजे में दस्तक हुई ,दरवाजा लॉक नही था तो वो खुलता चला गया ,वो निशा थी ,उसने अभी अभी चेंज किया था वो एक काले रंग की झीनी सी नाइटी में थी,आज पहली बात मैं उसे इस रूप में देख रहा था,हा वो मेरी बहन थी और मैं उसके बारे में कुछ भी गलत नही सोच सकता लेकिन वो सच में सेक्सी लग रही थी,वो धीरे से मेरे पास आयी और मेरे साथ ही बिस्तर में लेट गई और मुझे कसकर पकड़ लिया …
“क्या हो गया बड़ा प्यार आ रहा है भाई पर ..और ये किसने दिया ..”
“नींद नही आ रही भइया,इसे तो भाभी जी ने लिया है हमारे लिए,बहुत से मॉर्डन कपड़े दिलवाए है ...कैसी है “
वो मुझे छोड़कर उठी और अपने कपड़े को पकड़ कर मुझे दिखाने लगी..
“हम्म ठिक है पर सोते समय ही पहना कर इसे ,बहुत ट्रांसपरेंट है,आज मुझे भी पता चला की मेरी बहन कितनी बड़ी हो गई है”
मैं ये सब अचानक ही बोल गया था लेकिन निशा ने जैसे सब समझ लिया उसका चहरा शर्म से लाल हो गया था,
“छि भइया मैं जा रही हु,”
वो बिस्तर से उठाने वाली थी की मैं उसका हाथ पकड़कर खिंचते हुए उसे अपने सीने से चिपका लिया..वो भी मेरे बालो से भरे नंगे सीने में खुद को समेटने लगी,उसके गाल मेरे बालो से रगड़ खाने लगे थे जिसका कोमल अहसास मेरा प्यार और भी बढ़ा रहा था,मैं उसके बालो में हाथ फेरने लगा था...मेरी बांहे उसके कोमल जिस्म को समेटे हुए थी और उसकी सांसे मैं अपने सीने में महसूस कर पा रहा था,ना ही वो कुछ बोल रही थी ना ही मैं लेकिन मुझे इससे बहुत सुकून मिल रहा था,दिन भर की थकान और दिमाग का पूरा टेंसन ही धूल गया,मैं उसके सर पर एक किस करके अपनी आंखे बंद कर बस उसके अहसास को महसूस करने लगा…….
शरीर की थकावट ने आंखे कब लगा दी पता भी नही चला ……..

जब आंख खुली तो सूरज भी चढ़ चुका था,और मेरे बाजू में सोने वाली निशा की जगह अब काजल ने ले लिया था,वो मुझे अपने बांहो में समेटे हुए सो रही थी,हमारे बीच जो कुछ भी चल रहा है उसके बाद भी वो मुझसे ऐसे लिपटी हुई थी जैसे की अब भी वो मुझसे उतना ही प्यार करती हो,मैं उसके मासूम से चहरे को देख रहा था,उसके तन का वो पतला कपड़ा उसके यौवन को ढक पाने में असमर्थ था,उसके स्लेवलेस नाइटी से झांकते हुए उसके उजोर और जांघो के बीच से झांकते हुए उसके योनि के भाग इस बात का इशारा दे रहे थे की उसने नीचे कुछ भी नही पहना है,मेरे सीने में सर रखे वो एक मासूम सी बच्ची लग रही थी,उसके लिए मेरे मन में प्यार ही प्यार था,जो उसे देखते ही उमड़ कर सामने आने लगा,लेकिन………….???
लेकिन पूरी रात वो ना जाने क्या गुल खिला कर आई थी,उसकी इस मादक जवानी को भोगने वाला मैं नही कोई और ही था,उसके कोमल उरोजों को मसलने और अपने दांतो के निशान उसमे छोड़ने वाला मैं नही कोई और ही था,उसके योनि के रस से भीगा हुआ लिंग मेरा नही किसी और का रहा होगा…….
जलन,ईर्ष्या,दुख,और गुस्सा...सभी मेरे मन में एक साथ आ कर चले गए,वही मैं प्यार ,दर्द,उत्तेजना,के कम्पन को भी अपने दिल में महसूस कर रहा था,ये आज भी,सब जानते हुए भी,मेरे लिए सोच पाना कठिन हो गया था की काजल का जिस्म मेरे सिवा किसी और का भी है,लेकिन….
लेकिन जिस समय मैंने शबनम की पेंटी उतारी थी उसी समय काजल मेरे प्यार के बंधन से आजाद हो चुकी थी,.....अब वो बंधी नही थी क्योकि मैंने भी इस बंधन को तोड़कर आजदी को चुना था,अब ये आजादी मुझे कितना दर्द देने वाली थी ये तो मुझे भी नही पता था……….
मैं उठाने को हुआ तो काजल मचली,और मुझे और भी जोरो से जकड़ लिया ,मैं अपने होठो को उसके होठो के पास लाकर उसके गुलाबी होठो में अपने होठो को रख दिया,मैं हल्के हल्के से उसे चूसना चाहता था ताकि वो जग ना जाए...मैं डरने लगा था…..मैं डरने लगा था काजल को अपना प्यार दिखाने से ,मैं नही चाहता था की उसे पता चले की मैं उससे कितना प्यार करता हु,वो बस यही समझे की मैं उससे नफरत करने लगा हु,
लेकिन बाबू इश्क मुश्क छिपता तो नही …
मैं तो बहुत ही हल्के हल्के ही उसके होठो को चूम रहा था लेकिन उसने मेरे बालो में अपने हाथ रख दिए और इससे पहले की मैं वँहा से उठ भागता उसने अपनी पूरी जीभ ही मेरे होठो में घुसा दी ,...दोस्तो सच बताऊ की ये मजबूरी क्या थी??
मैं उसे छोड़ भी नही सकता था और पकड़ भी नही ...मैं अपने ही मन के कोलाहल में घूम सा हो चुका था,,लेकिन मैं उसके होठो को चूसने लगा,मैं भूल जाना चाहता था की मैं क्या हु,वो क्या है…
जब हम अलग हुए तो काजल की आंखे मुझे ही देख रही थी और होठ ...होठो में एक मुस्कान फैले हुए था जैसे मेरी चोरी पकड़ ली हो…
मैं थोड़ा नर्वस था मैं जल्दी से उठाना चाहता था लेकिन काजल ने मुझे जकड़ लिया था और वो अब मेरे ऊपर आ गई,उसके बाल फैले हुए थे ,माथे का सिंदूर थोड़ा फीका लग रहा था ,उसके कमर मेरे कमर के ऊपर थे ,मेरा लिंग उसके नंगे जांघो के बीच रगड़ खा रहा था,उसके बाल मेरे मुह में फैल गए जिसे मैंने हटाया,वो बहुत ही मादकता से मुस्कुरा रही थी,शायद मैं इस का दीवाना ही हो जाता अगर मुझे असलियत पता न होती…
लेकिन अब भी तो मैं उसका दीवाना ही था….
उसने मेरे हाथो को अपनी कमर में रख दिया और झुककर मेरे गालो को ,माथे को ,नाक,होठ ,आंखे बल,गला सब अपने होठो से भिगोने लगी थी,उसके हाथ मेरे छाती में चलते ,पीठ में चलते,मेरे कमर के नीचे पहुचते,बालो के सहलाते या दोनो हाथो से मेरे चहरे को पकड़ लेते और वो मुझे बेतहासा चूमती…..
वो पागल हो गई थी ,इतनी जितनी की वो पहले होती थी,मुझसे रहा नही गया और मैंने भी उसके बालो को पकड़ कर उसके चहरे को अपने चहरे से मिला लिया…..
उसकी आंखों से टपका हुआ आंसू मेरे गालो में फैल गया था,और मैं उसके होठो को अपने होठो से अलग करना ही नही चाहता था,.............
हम तब तक ऐसे ही रहे जब तक की निशा ने दरवाजा नही खटखटाया ,हम दोनो ही एक दूसरे से अलग हुए और एक दूसरे के चहरे को देखकर मुस्कुराए …..
“भइया ...नाश्ता लगा दु क्या …”
“रुक फ्रेश होके आता हु “
मैं लेटे हुए ही चिल्लाया ..
“रुको ना थोड़ी देर “
काजल अब भी मेरे ऊपर ही थी..
“अगर तुम रात को आ जाया करो तो सारी रात तुम्हारे साथ बिताऊंगा “
मैंने बुझे स्वर में कहा जिसका कोई भी जवाब उसके पास नही था,उसका खिला हुआ चहरा मुरझा गया और वो मेरे ऊपर से हटी,मैं सीधे बाथरूम में घुस गया…..
 
मैं ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था,काजल बाथरूम में थी,तभी उसका मोबाइल बजा..
“देव देखो तो किसका काल आया है”
वो बाथरूम से ही चिल्लाई ,,,
उसका मोबाइल उसके पर्स में रखा था मैंने उसे खोला मोबाइल निकाल कर उसे दे दिया ,वो बाथरूम में ही बात करने लगी ,...तभी मेरी नजर उसके पर्श पर पड़ी,एक काले रंग का कपड़ा उसके अंदर था जो की मोबाइल के साथ थोड़ा बाहर आ गया था,मैं जाकर उसे बाहर निकाला ,वो पेंटी थी…
काजल की पेटी जिसपर किसी के वीर्य को पोछा गया था,जिसके कारण वो कड़ा हो गया था,जैसे शबनम ने मेरे वीर्य को पोछा था…
काजल बात करके मुझे मोबाइल देने को हाथ बाहर निकाली और उसकी नजर मेरे ऊपर गई जो की उस पेंटी को ध्यान से देख रहा था,
“उसे भी दे दो ,धो लेती हु “
उसका स्वर ठंडा था,मैंने उसके हाथो से मोबाइल लिया और पेंटी उसके हाथो में थमा दिया ……..
एक बार हम दोनो की आंखे मिली ,
“अब छुपाने को हमारे बीच रहा क्या है देव……..”
काजल की बात का जवाब दिए बिना मैं पीछे मुड़ा ही था,
“लेकिन तुम मुझसे छिपाने लगे हो “मैं आश्चर्य से भरा हुआ फिर से मुड़ा ...इस बार काजल की आंखे पानी से भरी हुई थी ,
“अपना प्यार ...तुम मुझसे अपना प्यार छुपाने लगे हो देव”
उसका गाला रुंधा हुआ था,मेरे पास उसके सवाल का कोई जवाब भी तो नही था,मैं तुरंत ही वँहा से निकल गया……..

होटल में घुसते ही मुझे रिसेप्शन में ही रवि दिखाई दिया (मेहता एंड सन्स होटल का मालिक) वो शबनम के साथ खड़ा हुआ था साथ ही ,एक अधेड़ आदमी और एक बहुत ही सुंदर सी लड़की भी खड़ी हुई थी…
“गुड मॉर्निंग सर “मैं रवि से मिलते हुए कहा ..
“गुड मॉर्निंग मिस्टर देव ..यार तुमने तो हमे कंगाल ही कर दिया,हमारी सबसे अच्छी बंदी को तुम अपने पास ले आये”
उसने शबनम की तरफ इशारा किया और शबनम मुस्कुराने लगी..
“सर नथिंग पर्सनल इट जस्ट बिजनेस “
“वो सब तो ठिक है देव जी लेकिन एक बात तो है रश्मि इस होटल को बहुत आगे लेके जाएगी,जंहा तुम जैसा मैनेजर हो और शबनम जैसी HR उसे कौन रोक सकता है..”
“थैंक यु सर “
मैंने सोचा नही था की रवि मुझसे इतने प्यार से बात करेगा ..
“हम्म और इनसे मिलो ये है डॉ चुतिया ,और ये आई इनकी सेकेट्री मिस मेरी मारलो “
उन्होंने उस अधेड़ और उस खूबसूरत लड़की की ओर इशारा करते हुए बोले ..मैं उनकी बात से चौक ही गया,किसी का नाम चुतिया कैसे हो सकता है..और मेरी मारलो ...
“हैल्लो सर “
“हैल्लो ,यार मुझे तुम्हारे होटल में एक कमरा चाहिए ..एक डबल बेडरूम,मेरे और नंबर हो 123 …”
मैं कभी रवि को देखता तो कभी उस शख्स को रवि अपने होटल में ना लेजाकर उसे मेरे होटल में क्यो ले आया था..
“ओक्के सर पर ये 123 में कोई खास बात है क्या ..मतलब कोई दूसरा रूम मिले तो ,”
साला ठरकी था,एक ही बेडरूम चाहिए था उसे अपने और अपनी सेकेट्री के लिए
“हा मेरा लक्की नंबर है इसलिए...रवि के होटल में वो नंबर खाली नही था तो मैं यंहा चला आया “
रवि ने खुद इसे यंहा तक छोड़ा था तो ये कोई आम आदमी तो होगा नही ,मेरे दिमाग में कई बाते एक साथ चल गई
“ओके सर ओके ..मैं अभी देखता हु “
मैं तुरंत ही काउंटर में जाकर 123 को बुक करने कहा और साथ ही उनका सभी समान उनके कमरे में पहुँचवा दिया,आश्चर्य था की समान के नाम पर उनके पास कुछ भी नही था,केवल एक बेग …
दोपहर में जब मैं होटल के राउंड पर था मुझे फिर से डॉ चुतिया दिखाई दिए ,वो रेस्टारेंट में अपनी सेकेट्री के साथ बैठे हुए थे ,साथ ही एक और लड़की भी थी जिसे मैं पीछे से पहचान नही पाया था,मैं जाकर उनका कुशल छेम पूछना चाहता था क्योकि यही तो मेरा काम था...मैं उनके पास पहुचा ..
“हैल्लो सर ,रूम में कोई प्रॉब्लम तो नही हुई ,कैसा लगा आपको हमारा ये होटल “
मैं बड़े ही नम्रता से सर झुकाए हुए उनसे बात कर रहा था,
“हम्म बहुत अच्छा ,और हा इनसे मिलो ये खान साहब के होटल की मैनेजर मिस काजल,आई थिंक तुम इसे जानते होंगे “
काजल ,मैंने तुरंत ही उनके साथ बैठी हुई लड़की को देखा,काजल मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी,ये यंहा क्या कर रही थी….,वो मेरे बोलने से पहले ही बोल पड़ी ..
“जी सर हम दोनो ही एक दूसरे को जानते है,हाय देव कैसे हो ..”
“अच्छा तुम कैसी हो ..”
“बहुत अच्छी …”
“हम्म अच्छी तो होगी ही,बहुत तरक्की जो कर रही होई खान साहब के होटल में “मैं थोड़ी दबी हुई आवाज में बोला जिसका मतलब काजल को साफ साफ समझ में आ गया था…
“लगता है तुम दोनो कुछ पर्सनल बात कर रहे हो ,बहुत ही कोड में..”डॉ हँसने लगा
“नही सर कुछ नही ...अच्छा सर मैं चलती हु,मेरे प्रस्ताव पर ध्यान दीजिएगा “काजल बोलकर उठ गई ,और उन्हें नमस्ते करते हुए वँहा से निकल गई ,
“बहुत ही सुंदर लड़की है क्यो देव …”
डॉ ने फिर से मुझसे कहा
“जी जी सर .एस्क्युस मि सर “
मैं भी जल्दी से वँहा से निकला,काजल गेट पर ही मुझे मिली,वो मुझे देखकर पार्किंग वाले जगह में जाने लगी और अपनी गाड़ी के पास जाकर रुक गई ,उसे पता था की मैं उसके पीछे ही आ रहा हु
“क्या हुआ तुम मेरे पीछे क्यो आ रहे हो “
“ये चल क्या रहा है ….रवि इसे हमारे होटल में छोड़कर जाता है और तुम इससे मिलने आती हो बात क्या है “
मैंने एक ही सांस में बोला,जिससे काजल के चहरे में एक मुस्कान उभर गई ,
“तुम और तुम्हारी मेडम रश्मि दोनो ही होटल बिजिनेस के खेल में कच्चे हो “
वो इतना ही बोलकर कार का दरवाजा खोलने लगी ,मैं तुरंत ही दरवाजा बंद कर दिया और उसका रास्ता रोक कर खड़ा हो गया..
“मतलब “
मैंने उसे घूर कर देखा ,
“मतलब की ये डॉ चुतिया उर्फ डॉ चुन्नीलाल तिवारी यरवदा वाले है ,और अभी ये यंहा इंस्पेक्टर की हैसियत से आये है ,होटल के निरक्षण के लिए और उसे रेटिंग देने के लिए ,मुझे हैरानी है की तुम्हारी मेडम को भी ये बात नही पता ना ही तुम्हे...हम तो इन्हें खुस करने के लिए कुछ भी करने को तैयार बैठे है ,लेकिन इन्हें तुम्हारे होटल से ना जाने क्या दिलचस्पी है ...जो की ये यंहा आकर ठहर गए …”
 
काजल की बात सुनकर मुझे अपने ही ऊपर गुस्सा आने लगा और रश्मि के ऊपर भी ,उसे इन सब चीजो की जानकारी होनी चाहिए थी ..
काजल ने मुझे हटाया और दरवाजा खोलकर फिर से निकल पड़ी ...अब मुझे सब कुछ समझ आ गया था,काजल डॉ को अपने होटल बुलाने को ही यंहा आयी होगी ,शायद उसे अच्छी रेटिंग के लिए कोई डील भी दी होगी ...जो भी हो ये बिजिनेस था और काजल ने मुझे डॉ के बारे में बता कर मेरे ऊपर ही अहसान किया था ,मैं फिर से भागा हुआ वापस पहुचा इस बार डॉ ,रश्मि के साथ खड़ा हुआ दिखाई दिया ..मैं उनके पास पहुचा …
“ओह देव तुम इनसे मिले ये है डॉ ..”रश्मि के बोलने से पहले ही डॉ बोल उठा
“ये आज इससे तीसरी मुलाकात है,सच में तुम्हारा होटल तो कमाल का है जितना सोचा था उससे कही अच्छा “
“थैंक यु सर “मैंने आभार व्यक्त किया
“अंकल आप कब तक रुक रहे है यंहा पर “
रश्मि डॉ को अंकल बोल रही थी ,
“बस बेटा कुछ दिन मेरा काम हो जाए फिर मैं चला यंहा से “
“ओके और देव ये हमारे पर्सनल मेहमान है इन्हें कोई भी कमी नही होनी चाहिए “
“जी मेडम “
रश्मि ने मुझे देखा
“कितनी बात समझना पड़ेगा तुम्हे “
मैं हैरान था की वो क्या बोलना चाह रही है ,
“मेरा नाम है …”
मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ
“सॉरी रश्मि “
वँहा खड़े सभी हँसने लगे …………

मैं अभी रश्मि के सामने ही खड़ा हुआ था,और थोड़े गुस्से में भी था,
“रश्मि यार तुमने मुझे बताया क्यो नही ,”
“ओह अब मैं यार बन गयी ..”रश्मि ने मुझे बड़े ही अदा से देखा
“तुम पहले डिसाइड कर लो की मैं तुम्हे क्या बोलू,...”इस बार मैं गुस्से में था और मेरा गुस्सा देख कर वो हँस रही थी ,
“अच्छा अच्छा मजाक कर रही थी ,तुम्हे जो भी बोलना है वो बोल लो लेकिन बोलो तो सही की क्या नही बताया …”
“यही की डॉ चुतिया यंहा होटल को रेटिंग देने आये है,कम से कम मैं तैयारी…”
लेकिन रश्मि ने मुझे टोक दिया
“क्या क्या अंकल यंहा होटल को रेटिंग देने आये है ,पागल हो गए हो तुम किसने कहा तुम्हे …”
अब चौकने की बारी मेरी थी …मैं आंखे फाडे हुए उसे देख रहा था,
“तुम पहले अपने इंफॉर्मर्स को सही करो,अगर वो ऐसे न्यूज़ देंगे तो तुम इस होटल का बंटाधार कर दोगो …”
रश्मि ने मुझे झडक दिया …
“लेकिन ….वो किस काम से यंहा आये है “
मैं मूर्खो जैसे पूछ बैठा ..
“अब तुम कस्टमर से उनके पर्सनल कामो को भी पूछोगे “
रश्मि ने मुझे आंख दिखाया और मैं सॉरी बोलकर वँहा से निकल गया……

मैं झल्लाया हुआ था,काजल के कारण मुझे आज रश्मि के सामने बेइज्जत होना पड़ा था..मैं अपने केबिन की तरफ जा रहा था की मुझे शबनम किसी से मोबाइल में बात करते हुए आती दिखी,वो हँस रही थी जैसे मोबाइल में कोई उसे जोक सुना रहा हो …
मुझे देखते ही वो रुकी मैं भी रुक गया,
“ओके मैं बाद में बात करती हु “वो फोन रखकर मुझे देखने लगी,मुझे देखते हुए वो अपनी हँसी को कंट्रोल कर रही थी ,
“ऐसे क्या हँस रही हो ,और तुम्हे पता है आज काजल यंहा आयी थी “
“अच्छा “उसने थोड़ा सीरियस होने की एक्टिंग की जिसमे वो बिल्कुल भी नाकाम हो रही थी क्योकि उसके चहरे में अब भी मुस्कुराहट फैली हुई थी ..
“क्या अच्छा ,ये काजल समझती क्या है अपने आप को उसके कारण मुझे रश्मि से डांट खानी पड़ गई “
जो जोरो से हँसने लगी जैसे बहुत देर से हँसी दबा के रखी हो और हंसते हंसते ही मेरे कंधों पर हाथ रख लिया उसकी हँसी इतनी ज्यादा थी की वो खड़े भी नही हो पा रही थी ,उसने अपना चहरा मेरे सीने से ठिका लिया ,

“ऐसे क्यो पागलो जैसे हँस रही हो “मुझे और भी गुस्सा आया
“और नही तो क्या करू वो तुम्हे फिर से मूर्ख बना गई ..और क्या जरूरत थी उसका पीछा करने की “
वो हंसते हुए मुझसे अलग हुई ,
ओह तो इसे सब पता है,शायद अभी अभी वो काजल से ही बात कर रही थी ,
मैं नाराज होकर वँहा से जाने लगा लेकिन शबनम मेरे पीछे ही मेरे केबिन में आ गई ,
“अरे सुनो तो “
“कुछ नही सुनना मुझे तुम और तुम्हारी सहेली ...साला मेरी तो कोई औकात ही नही है “
मैं धड़ाम से अपने चेयर में बैठा ,शबनम मेरे बाजू में आकर खड़ी थी ,सामान्य से साड़ी पहने हुए ...उसके कमर की नंगी चमड़ी मेरे चहरे के पास थी जिसे देखकर मुझे कुछ होने लगा लेकिन मैं अभी गुस्से में था…
वो मेरे गोद में बैठ गई ..
“क्या डील हुई है डॉ और उसके बीच जिसके बारे में उसे सोचने को कह रही थी ..”
मैंने अपने मन की बात जाननी चाही ,उसने अपनी बांहे मेरे गले के चारो ओर डाल कर रखा था,और मेरे चहरे को देख रही थी ,ऐसा लग रहा था जैसे हम प्रेमी प्रेमिका ही है..
“तुम काजल के मामले में क्यो जानना चाहते हो देव,छोड़ो उसे …”
वो मेरे बालो को सहलाने लगी ,मैं किसी बच्चे की तरह रूठा हुआ बैठा था,
“अच्छा अगर नही बताना है तो जाओ यंहा से ,...उठो मेरी गोदी से “
मेरे बात को सुनकर वो हल्के से मुस्कराई ,
“अच्छा तुम तो ऐसे हुक्म झाड़ रहे हो जैसे तुम मेरे प्रेमी हो …”वो मेरी आंखों में देखकर कहने लगी ,
“सच कहती है काजल की तुम बहुत ही मासूम हो ,अब जाकर मुझे यकीन हो गया”
वो मेरे बालो को सहला रही थी ,इतने प्यार से जैसे की सच में उसका और मेरा कोई गहरा रिश्ता हो ,मैंने उसकी आंखों में देखा और उसके बालो को पकड़कर उसे अपने चहरे के पास ला दिया और उसके होठो में अपने होठो को डाल कर चूसने लगा,वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी ,उसके होठो की ना जाने कितनी लिपिस्टिक मेरे होठो के माध्यम से मेरे अंदर आ गई थी …
“बताओ ना जान क्या डील है “मैंने उसे छोड़ते ही कहा ,मैं जानने को बहुत ही उत्सुक था..वो मेरे गालो में हल्की सी चपत लगा कर हल्के से हँसने लगी …
“तुम सच में मेरे प्रेमी बनते जा रहे हो देव,..इतनी मोहोब्बत तो मेरे पति ने भी आज तक नही दिखाई..दुनिया के लिए मैं एक रांड हु और पति के लिए बस सेक्स और पैसे की मशीन ...तुम ही एक हो जो इतना प्यार दिखा रहे हो ..”शबनम की भावनाएं बढ़ रही थी ,शायद हम दोनो के तरफ से ,मैं फिर से उसे खीचकर उसके होठो को चूसने लगा .जब मैंने उसे छोड़ा तो दोनो के ही आंखों में एक चमक थी …
“अब इमोशनल करके बातो को घुमाओ मत बताओ की क्या डील है…”
वो हँसी …
“तुम तो पीछे ही पड़ गए यार …..मुझे भी नही पता की क्या डील है..सच में तुम्हारी कसम ..”
उसने मेरे सर पर हाथ रख दिया,ऐसे तो हमारा रिश्ता इतना नही था की वो मेरी कसम खाये लेकिन फिर भी मैंने उसकी बात मान ली,या ये कहो की दिल ने मुझे मानने के लिए मजबूर ही कर दिया ..
“हम्म तो वो क्या डील लेकर डॉ के पास आयी थी ????”
मैं थोड़ा अचंभित था,
“उसने कहा है की कल का अखबार देख लेना तुम्हे पता चल जाएगा “
शबनम की बात से मैं फिर से आश्चर्य में पड़ गया था,आखिर क्या हुआ है….डॉ किस काम से यंहा आया है,और वो है कौन ...क्या होने वाला है आज जो कल के अखबार में आने वाला है…
मैंने अपना सर झटका …
“अब छोड़ो ये सब जो भी होगा पता तो चल ही जाएगा ना “
शबनम के चहरे में मुस्कुराहट तैर रही थी ,उसके गुलाबी होठो की लाली मुझे ना जाने क्यो इतने आकर्षित करते थे,उसका मादक जिस्म देखकर कोई भी उसे छूने को बेताब हो जाए ...तो मैं क्या था,मेरे हाथ उसके कमर में चले गए,मैं उसके खुले हुए कमर को मसल रहा था,वो हल्के नाराजगी भरे स्वीकृति से मुझे देखने लगी ,
“चलो ना जान लग्जरी रूम में चलते है “
सच में मुझे बड़ा मन हो रहा था उससे सेक्स …...नही नही प्यार(इस नाम से सेक्स करने में मजा आता है) ...करने का …
वो मुस्करा कर मुझे देखने लगी .
“अच्छा जी ,एक रात का 1-5 लाख रेट है मेरा और तुम फोकट में ही मेरी रोज लेना चाहते हो …”
मैंने उसके कमर को और भी जोरो से रगड़ा ..
“ये हवस नही मेरी जान प्यार है मेरा “
मैंने आवाज को नशीला करते हुए एक अदा से कहा ..
“ओह जनाब का प्यार मेरे पिछवाड़े में गड़ने लगा है ..”वो जोरो से हँसी ,सच में मेरा लिंग तनकर उसके नितम्भो में गडने लगा था ..मैं भी हल्के से मुस्कुराया ..
“चलो ना यार “
उसने मेरे होठो में अपनी उंगली रख दी ,
“चुप रहो ,बहुत काम है ,और रोज रोज करके आदत खराब नही करनी मुझे...तुम्हारे बीवी की दोस्त हु,तुम्हारी कलीग हु .. तुम्हरी प्रेमिका नही …”वो हंसते हुए खड़ी हुई थी की मैंने उसके हाथो को पकड़ कर उसे फिर से अपने गोद में बिठा लिया ..
“मेरी जान लक्षण तो अब प्रेमिका वाले ही दिख रहे है..और पैसे का क्या है जान मांगो तो वो भी दे दे …”
मैं हल्के से मुस्कुराया
“हाय क्या अदा है तुम्हारी और ये गरीबो वाले डायलॉग मत बोलो,जिनके पास पैसे नही होते वो ही जान देने की बात करते है….और ऐसे भी तुम्हारी जान तो काजल की मुझे क्या दोगो “
उसकी वो बात सीधे दिल में लगी लेकिन थी तो सच्ची ही ,मेरी पकड़ उसकी सच्ची बात से ही ढीली हो गई,जिसका अहसास उसे हो गया,वो शायद मुझे नाराज या दुखी नही करना चाहती थी वो मेरे कानो के पास आयी और मेरे कानो में फुसफुसाने लगी..
“जान..इस जिस्म की जो कीमत तुम देते हो वो कोई नही दे सकता,लेकिन रोज नही ,प्लीज़ “उसकी इस अदा ने मेरे दिल को बहुत सुकून पहुचाया मैं उसे फिर से अपनी ओर खीचकर उसके होठो पर टूट पड़ा,और उन्हें तब तक चूसता रहा जब तक दिल नही भर गया,और वो कमरे से चली नही गई गई
 
आज भी मेरे आने पर काजल नही आयी हुई थी ,होटल का काम बहुत ही बढ़ता जा रहा था,हमे आगे के प्लान को एक्सीक्यूट करने में मेहनत करनी पड़ रही थी ,हमारे पास कई नए इडियास थे,जिनपर हम धीरे धीरे से अमल करते जा रहे थे,मैं घर पहुचते पहुचते बेहद थक जाया करता था,वो शारीरिक ही नही मानसिक थकान भी होती थी ,और काजल को घर में ना देखने से एक जलन सी होने लगती…….
मैं जानता था की उसे रोक पाना अब मेरे लिए मुश्किल है और मैं तो अब उसे रोकना भी नही चाहता था,मैंने उसे उसकी जिंदगी में आजाद छोड़ दिया था,मैं अपने पति का धर्म निभाने को तैयार था लेकिन उससे उसके पत्नी धर्म निभाने की आशा छोड़ ही दी थी…….
हम दोनो के बीच में प्यार तो अब भी था लेकिन कई दीवार खड़ी हो गई थी ,मैं उस दिन को कोसने लगा था जब मुझे काजल की असलियत का पता चला,ना ही मुझे असलियत का पता चलता और ना ही मैं दुखी होता,जिंदगी ऐसे ही चलती रहती…………
खैर अब मेरे घर में मुझे सुकून पहुचने के लिए मेरी दो प्यारी बहने भी तो थी,मेरे जाते ही वो मेरी सेवा में लग गई कोई मेरे जूते उतार रहा था तो कोई चाय लाकर दे रहा था...उन दोनो को देखकर ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती थी…
मैं फ्रेश होकर खाना खाने बैठा था,आज तीनो ने साथ में ही खाना खाया,मैं जब सोने रम पहुचा तो कल की तरह ही निशा मेरे कमरे में आ गई,लेकिन आज उसके साथ पूर्वी भी थी…
मैं दोनो को ही आंखे फाडे हुए देख रहा था,वो दोनो इतनी बड़ी हो गई थी और मुझे पता ही नही चला…….
दोनो के जिस्म में भराव आने लगे थे,निशा जंहा पूरी तरह से भर गई थी वंही पूर्वी के नए नए विकसित अंगों में मादकता भर रही थी…
दोनो के ही स्तनों की ऊँचाई अच्छी खासी हो चली थी और नितम्भो में भी भराव आने से उनकी चाल में एक मटक पैदा हो गई थी ,जंहा निशा ने आज भी वही नाइटी पहनी थी वही पूर्वी एक स्लेवलेस स्पोर्ट टीशर्ट में थी जो की डीप नेक भी था और उससे उसके उजोर पूरे तने हुए दिखाई दे रहे थे,वही वो नीचे एक छोटी सी निकर पहने हुए थी ,जो उसकी कमर के नीचे की गोलाइयों का भरपूर नजारा दिखा रही थी ……
एक बार मैं दोनो को घूरता रहा फिर अपने दिमाग को झटका…
ये मुझे क्या हो गया ,मैं अपनी ही बहनों की जवानी को घूर रहा था…
दोनो मुझे ऐसा देखकर हल्के से मुस्कुराए और मेरे आजु बाजू आकर लेट गए ……..
पूर्वी ने जहा मेरे सीने में अपना सर रख लिया था वही निशा ऊपर उठाकर मेरे सर को दबाने लगी,मेरा सर अब उसकी गोद में था….
मेरे सर के बाल निशा के जांघो को रगड़ रहे थे और उसकी मुलायम सी त्वचा का आभास मुझे सुकून दे रही थी ….
“चलो बीवी नही है तो मेरी प्यारी बहनों के साथ कुछ समय तो बिताने मिल रहा है..”
मेरी बात से दोनो ही मुस्कुराने लगे .
“हा भइया भाभी होती तो ऐसे रूम में घुसने थोड़ी देते ,दरवाजा लगा के ..”पूर्वी बोलकर हँसने लगी लेकिन इस बात से निशा नाराज हो गई
“कुछ भी बोलती रहती है थोड़ी भी तमीज नही है “
“अरे बोलने दे ..मेरी प्यारी गुड़िया है ये ,कुछ भी बोल सकती है मुझे ..”मेरी बात से पूर्वी खुस होकर मुझे और जोरो से जकड़ लेती है ….
थोड़ी देर में ही पूर्वी नींद के आगोश में चली गई,ऐसे सो तो मैं भी गया था लेकिन मेरी नींद खुली जब निशा उसे उसके कमरे में ले जाने को उठा रही थी ,पूर्वी जैसे नींद में चल रही हो वो अपने कमरे में जाकर सो गई ,निशा उसे पहुचाकर फिर से आयी,और मेरे गले से लग गई,मैं अभी थोड़े नींद में तो था लेकिन मुझे ये पूरी तरह से पता था की ये निशा ही है,मैंने भी उसे जकड़ा,उसकी झीनी नाइटी की वजह से उसके यौवन के सभी उभारों का आभास मुझे हो रहा था,लेकिन वो मेरी बहन थी मेरी सगी बहन ..
“भइया …”
“ह्म्म्म “
“ये भाभी रात रात भर कहा रहती है आप उसे कुछ बोलते क्यो नही हो “
उसके सवाल ने मेरे होशं ही उड़ा दिए ,जैसे नींद में किसी ने पानी डाल दिया हो ..
मैं जानता था की निशा अब बड़ी और समझदार हो गई है,वो चीजो को समझने लगी है और दो दिनों से उसका यू मेरे पास आकर सोना निरर्थक तो नही हो सकता ,जरूर कुछ बात तो थी ,
“अरे काम होता है ना तू तो जानती है ना “
“हा जानती हु लेकिन फिर भी भइया ,आप तो रात में आ जाते हो ,और आपको नही लगता की भाभी का काम अभी अभी ज्यादा बढ़ गया है ,पहले तो वो भी रात में आ जाया करती थी लेकिन कुछ दिनों से उनका रात रुकना कुछ ज्यादा ही हो गया है “
निशा की चिंता बेवजह तो नही थी लेकिन मैं उसके नजरो में काजल को गिरा तो नही सकता था……
“अरे तू भी कहा की बातो में पड़ गई ,चल सो जा “
“नही भइया ये बेवजह की बात नही है ,ऐसे में आपकी और भाभी की शादी शुदा जिंदगी भी प्रभावित हो जाएगी “
उसकी बात से मैं चौक गया ,ये मेरी वही छोटी बहन है जो कभी मेरी गोद में खेला करती थी ,ये इतने समझदारी की बाते कर रही है,हा अब वो कालेज जाने लगी है और उसका शरीर भी किसी औरत की तरह विकसित हो चुका है,शायद उसे सभी चीजो का ज्ञान भी हो ,लेकिन फिर भी थी तो वो मेरी छोटी बहन ही ,मेरे लिए ये समझना हमेशा ही मुश्किल रहेगा की वो बड़ी हो गई है ..
“प्लीज़ भइया बताओ ना कही कोई प्रॉब्लम तो नही है “
“नही मेरी जान कोई प्रॉब्लम नही है बस कुछ ही दिनों की बात है उसके होटल में कोई जरूरी काम चल रहा है “मैं उसे अपने से और भी सटाते हुए बोला...लेकिन मेरे मन में कई बाते चल रही थी ,मुझे काजल से बात करके ये सब बंद करवाना होगा कम से कम रात रुकना कम करवाना ही होगा,मैं नही चाहता की मेरी बहनों को ये पता चले की उनकी भाभी कैसे काम कर रही है,
मैं सोने की कोशिस कर रहा था पर मेरी आंखों से नींद काफी दूर हो चुका था….
तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी ,नंबर देखकर मैं हैरान हो गया,ये रश्मि थी इतने रात को क्या हो गया इसे ,मैं बुझे हुए मन से फोन उठाया मुझे लगा की शायद कोई काम आ गया होगा…
“हैलो देव …”
“हा रश्मि “
“तुम जल्दी से आ जाओ बहुत गजब हो गया “
मैं हड़बड़ाया और रश्मि मुझे देखकर मेरे ऊपर से उठ गई
“क्या क्या हो गया …”
“यार छापा पड़ा है ..”
मेरी फट के चार हो गई अभी अभी तो वो काम शुरू किया था और अभी छापा भी पड़ गया ..
“खान के होटल में “
 
रश्मि की इस बात ने मेरे अंदर पहले से कही ज्यादा डर को भर दिया था,क्योकि अगर मेरे होटल में छापा पड़ता तो शायद रश्मि पैसे के बल में मुझे खुद को और होटल को बचा लेती लेकिन खान के होटल में तो काजल थी …
आगर काजल यह पकड़ी गई तो ...मैं बुरी तरह से डरा हुआ था…
“हैल्लो “
रश्मि ने मुझे कुछ ना बोलता हुआ देखकर कहा
“हा सुन रहा हु “
“अजीम और उसकी वो रांड काजल दोनो ही गिरिफ्तार हो गए है ,एक कमरे से लाश मिली है एक लड़की की ,वो शराब के नशे में थी और उसी के कारण मारी गई,पुलिस को शक है की अजीम उस लड़की से धंधा करवाता था,काजल को भी पुछताज के लिए ले जाय गया है …”
“ओके ओके मैं आता हूं “मैं जल्दी से उठा और तैयार होने लगा ,
“क्या हुआ भइया इतने परेशान क्यो हो “निशा की भव चढ़ गई थी ..
“कुछ नही बस मैं आता हु ,काम आ गया है ,तुम सो जाओ और पूर्वी और अपना ख्याल रखना “
मैं निकलने ही वाला था की शबनम का फोन आ गया ..वो काजल को लेके बहुत ही डरी हुई थी,मैंने अपनी गाड़ी होटल की ओर मोड़ दी ,लेकिन मुझे पोलिश स्टेशन भी जाना था ,मैं दुविधा में फंसा हुआ था,मैंने शबनम को काल किया
“तुम भी तैयार हो जाओ मैं तुम्हे लेने आ रहा हु ,हम पहले पुलिस स्टेशन चलते है ना जाने काजल का क्या हाल होगा ,मैं अकेले नही जा सकता लेकिन तुम्हारे बहाने जा सकता हु “
मेरी बात शबनम समझ चुकी थी ..

मुश्किल तो था,हा बहुत मुश्किल था …..
खुद को रोक पाना जबकि काजल मेरे सामने खड़ी थी ,जब मैं पुलिस स्टेशन पहुचा तो काजल बैठे इंस्पेक्टर से बात कर रही थी वही अजीम का कही अता पता ही नही था,मेरे लिए आश्चर्य की बात थी की वँहा पर वो डॉ चुतिया भी मौजूद था,उसने मुझे बड़े ही आश्चर्य से देखा लेकिन जब शबनम जाकर काजल से गले मिलने लगी तो उसका आश्चर्य थोड़ा कम हो गया...काजल ने तिरछी नजरो से मुझे देखा…
हम दोनो ही मजबूर थे की सब के सामने हम एक दूसरे से मिल भी नही सकते थे,मेरे दिल में तो आया की मैं जाकर उसके गले लग जाऊ लेकिन क्या करू,मैं तो मजबूर था,वही हाल काजल का भी हो रहा था,वो भी मेरे गले लगने को बेचैन थी ,वो बार बार मेरी ओर देख रही थी ,वो अपना स्वाभाविक स्वभाव खो चुकी थी जिसका असर उसके हाव् भाव से साफ पता लग रहा था,...
कोई भी एक्सपीरियंस आदमी ये बता सकता था की हम दोनो ही थोड़े बेचैन है…
और मेरे ख्याल से डॉ एक्सपीरियंस वाला था ,क्योकि उसके भी चहरे के भाव बदलने लगे थे,वो हमे ऑब्जर्व कर रहा था,....
वँहा क्या हुआ था ये तो मुझे पता नही लेकिन मैं काजल से मिलने को बहुत ही उत्तसुक जरूर था..
“ओके डॉ साहब थैंक्स ..”
हम बाहर आ चुके थे,
“अरे इसमें थैंक्स की क्या जरूरत है,तुमने मेरा काम कर दिया और मैंने तुम्हारा ...यही तो डील थी “
काजल का काम ...मैं ये क्या सुन रहा था,जैसे मैं अचंभित था वैसे ही शबनम भी अचंभित थी…
लेकिन काजल ने डॉ को इशारा किया और डॉ को अपनी गलती का अहसास हो गया…
“तो मैं निकलता हु ..”
“ओके डॉ “
काजल मेरी ओर पलटी ही थी ..
“ऐसे तुम दोनो में क्या चल रहा है ..”डॉ के चहरे में एक कुटिल मुस्कान छा गई थी ..
“कुछ... कुछ भी तो नही ..”
काजल बड़ी ही परेशानी से बोल पाई ..
“बेटा मेरा नाम डॉ चुतिया है मुझसे छिपा कर क्या करोगे,ऐसे भी मैं पता लगा ही लूंगा “
डॉ की बात से काजल थोड़े सकते में आ गई
“फिक्र मत करो मैं किसे बताने जा रहा हु ,नही बताना है तो मत बताओ..”
डॉ ने हंसते हुए कहा
“ये मेरे पति है ..”काजल ने आखिर डॉ के सामने राज खोल ही दिया.
“लेकिन प्लीज् किसी को पता ना चले..वरना हमारी नॉकरी जा सकती है,और जो अभी हो रहा है उसमे तो हमारी जान भी जा सकती है...सबको यही लगेगा की हम दोनो मिले हुए है...और इनफार्मेशन लीक करते है”
“ओके ओके मेरी तरफ से तुम दोनो ही निश्चिंत रहो ,लेकिन यार ऐसे काम और ऐसे पैसे का क्या करना जब संबंध ही मुसीबत में पड़ जाय ..और जिस तरह की जिंदगी तुम जी रहे हो या जीना चाहते हो उससे कई प्रॉब्लम हो सकती है…”
डॉ की बात सही थी हम अब भी कौन सी अच्छी जिंदगी जी रहे थे..
“जी डॉ लेकिन ….जो शुरू कर दिया है उसे खत्म भी तो करना होगा ना…”
डॉ ने हा में सर हिलाया और वँहा से चला गया ,लेकिन मेरे लिए बड़ी मुस्किल पैदा कर दी थी ,काजल ने ना जाने क्या क्या मुझसे छिपा कर रखा था…
मैं उसे आंखे बड़ी करके देखने लगा ,रात का समय था लेकिन स्टेशन में अब भी कुछ लोग थे ..
“चलो तुम्हे घर छोड़ देता हु..मुझे रश्मि ने बुलाया है “
मेरे काजल से कहे पहले शब्द थे ,हम गाड़ी में बैठे और काजल मेरे साथ वाली सीट में बैठी थी,उसने मेरे सर को पकड़ कर मेरे होठो को अपने होठो में मिला लिया…
मैं भी बेताबी से उसे चूम रहा था..जब हम अलग हुए ,
“ये सब क्या है काजल “
काजल की होठो में मुस्कान आ गई ,वो भी जानती थी की मैं ना जाने कितने देर से ये सब पूछना चाहता था लेकिन नही पूछ पा रहा था..
“सब पता चल जाएगा,लेकिन ये सही जगह नही है,आप पहले घर आइये ..”
मैं काजल को घर छोड़ कर होटल चला गया ,रश्मि बहुत ही बेचैन लग रही थी…..
“कितनी देर लगा दी तुम दोनो ने ..”
वो सच में बेचैन थी मुझे तो लगा था की वो खुस होगी …
“वो रश्मि हम पुलिस स्टेशन गए थे ..”
शबनम ने कहा .मैंने उसे आश्चर्य से देखा उसे ये बोलने की क्या जरूरत थी .
“कुछ पता चला “
रश्मि को जैसे कोई फर्क नही पड़ा ..
“काजल को छोड़ दिया गया है ,लेकिन अजीम नही दिखा,शायद उसे कही और रखा गया हो ..”
“हे भगवान “
,रश्मि अपना सर पकड़ के बैठ गई थी …
मुझे मामला कुछ समझ नही आ रहा था ..
“रश्मि तुम इतने चिंता में क्यो हो ये तो अच्छा ही हुआ ना,इससे हमारे होटल को फायदा होगा “
रश्मि ने मुझे घूरा …
“हम्म लेकिन अजीम मेरा पति था,मेरा पहला प्यार था वो ..”
ये लडकिया भी बड़ी अजीब होती है ,जिस आदमी को बर्बाद करने की कसम खाई थी आज उसके लिए ही इतनी चिंता में थी …
अब मैं क्या बोलता ..
“कोई बात नही छूट जाएगा ,खान साहब बहुत ही पहुचे हुए आदमी है “
मैं उसे थोड़ा शांत करने के लिए कहा …
“नही नही छूटेगा वो ...उसके पापों की तो उसे सजा एक ना एक दिन मिलनी ही थी ….ये कोई छोटा मोटा केस नही है ,और उसे फसाने वाला उसका ही कोई आदमी है ,वरना जंहा तक मैं अजीम को जानती हु वो साला एक नंबर का हरामी था,वो इतनी जल्दी फसने वालो में तो नही था……….”
मेरे सामने काजल का चहरा उभर गया,लेकिन वो उसे क्यो फसाने लगी ….
“कहा खो गए “
मैं अपने खवाबो से बाहर आया
“कही नही ….लेकिन तुम तो उससे बदला लेना ही चाहती थी फिर क्यो इतना दुखी हो रही हो…”
मैंने यू ही पूछ लिया,वो एक गहरी सास ली ..
“तुम नही समझोगे देव..पति-पत्नी का रिश्ता होता ही कुछ ऐसा है,माना हम दोनो का अब तलाक होई चुका है,माना की हम गलत रास्ते पर थे ,लेकिन फिर भी वो मेरा पति था...कुछ दर्द तो रह ही जाता है ...जब तुम्हारी शादी होगी शायद तब तुम्हे समझ आये ……..”
 
मेरी शादी…????मुझसे अच्छा कौन जान सकता था की पति पत्नी का रिश्ता क्या होता है…..उसका तो तलाक हो चुका है,मैं तो उसी घर में रहता हु,एक बिस्तर में सोता हु,फिर भी मुझे पता नही चल पा रहा है की आखिर उसके दिमाग में चल क्या रहा है………
“ठीक है तुम लोग जाओ ...मैं खामख्वाह तुम लोगो को परेशान कर दी “
रश्मि ने गहरी सांस ली ………..

कमरे में घुसते हुए मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था,...
आज मेरी काजल मेरे कमरे में मेरा इंतजार कर रही होगी…….
मैं जब अंदर पहुचा तो सच में काजल जग रही थी ,उसने वही साड़ी पहनी थी जिसे पहन कर वो होटल गई थी ,लेकिन उसके माथे में गढ़ा सिंदूर था और गले में मंगलसूत्र..हाथो में लाल चूड़ियां सजी हुई थी,उसने ये रूप मेरे ही लिए ही बनाया था,
“बहुत देर कर दी ,क्या बोल रही थी आपकी रश्मि मेडम “
दरवाजे की आवज से वो उठाकर खड़ी हुई..
मैं जाकर बिस्तर} में बैठ गया …
“शायद मुझे लगा था की तुम सवाल नही जवाब दोगी …”
मैंने उसे घूरते हुए कहा ...जिससे वो हल्के से मुस्कुराई और मेरे बाजू में आकर बैठ गई ..
“क्या जानना चाहते हो “
“सब कुछ “
हम दोनो ही खामोश थे…
“मैंने अजीम को उसके किये की सजा दिलवा दी ,अब वो कभी बाहर नही आ पायेगा...और जब तक वो बाहर आएगा तब तक उसके लिए कुछ भी अपना कहने को बचा नही होगा ..”काजल का स्वर ठंडा था लेकिन उसके बातो में एक अजीब सा दर्द था,साथ ही हौसला ..
“क्या ऐसा कर दिया अजीम ने जो तुम उसे सजा दिलाना चाहती हो ..”
मैं जानने को उत्सुक था…
वो हल्के से मुस्कुराकर मुझे देखने लगी …
“जानने की हिम्मत है आपमे …”
उसकी इस बात से मुझे एक धक्का सा लगा
“ऐसी क्या बात है जिसे जानने के लिए मुझे हिम्मत की जरूरत पड़ेगी...ऐसे भी तुम्हारे बारे में तो मैं जानता ही हु की तुम एक रंडी हो “
मेरे मुह से निकली बात में इतनी घृणा थी की मुझे खुद ही अफसोस होने लगा ,लेकिन काजल के चहरे की मुस्कान और भी बढ़ गई ,लेकिन उसमे दर्द कुछ ज्यादा ही टपकने लगा था…
“हा मैं एक रंडी हु ,और मुझे एक सीधी साधी लड़की से एक रंडी बनाने वाला अजीम था…”
उसने बोलना शुरू किया ..
“बात तब की है जब हमारी शादी भी नही हुई थी ……………………………….”वो अपनी कहानी बताते रही और मेरे हाथ मुक्के की तरह बंधने लगे ...मैं उन्हें और भी जोरो से कसने लगा था,बताते हुए वो ना जाने कितनी बार रोई थी,कितनी बार मेरे गले से लग गई ,मेरे आंखों में आंसू थे और दिल में अंगारे धधकने लगे थे,,,
मैं हर हाल में उन सभी को खाक में मिला देना चाहता था जिन्होंने मेरी ये हालत की थी …
वो मुझसे लिपट कर रो रही थी और मैं चुपचाप ही सब सुन रहा था ,मुझे बदला लेना था,ऐसा जो दुनिया याद रखे,अजीम को जेल भिजवाना तो बस शुरुवात ही थी ,अभी तो बहुत लोगो को बर्बाद करना था…
“अब तो आप सब जान गए ,अब तो आपको पता चला की मैं ये सब क्यो कर रही थी ,किसके लिए और किसके कहने पर कर रही थी …”
मैंने काजल को जकड़ लिया ,
“मैं सबको बर्बाद कर दूंगा काजल जिन्होंने ये किया है सभी को बर्बाद कर दूंगा,सभी को उनके किये की सजा मिलेगी काजल “
मेरा जिस्म भी धधकने लगा था,मैं लाल हो चुका था ..
“नही जान जल्दबाजी सबकुछ ही बिगड़ देगा...हमारे अपने भी इसमें जल जाएंगे,नही हमे ऐसा कुछ भी नही करना है जिससे उन्हें थोड़ा भी शक हो ,हमे उनके ही खेल में उन्हें मात देनी है ...हमे अपनो को बचाना है ,और जिन्हें अपनी शोहरत और दौलत का इतना घमंड है उन्हें चकनाचूर करना है…..”
काजल जानती थी की मेरे लिए इस आग को सम्हाल पाना कितना कठिन था,वो सच में ये सब इतने दिनों से सह रही थी ….
“तुम मेरी नजर में और भी चढ़ गई हो काजल ,मैंने तो कभी सोचा ही नही था की तुम ये सब सह रही हो ,वो भी मेरे और मेरे परिवार के लिए “
काजल ने मेरी आंखों में देखा,मैं उससे बेपनाह प्यार से देख रहा था..
“अब जो भी करना है हम साथ मिलकर करेंगे...और मेरी कसम खाओ जो भी हो जाए ये राज राज ही रहेगा…”
उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने सर में रखा ...मैं बदले के लिए जुनूनी हुआ जा रहा था ,लेकिन बदले का जस्बा तो मुझसे ज्यादा काजल के अंदर भरा हुआ था,वो शांत दिमाग से एक मंजिल को पार कर गई थी ,लेकिन वो जानती थी की ये तो अभी पहली सीढ़ी ही है …..
“मैं कसम खाता हु काजल …”
“और आप किसी को भी पता नही चलने दोगे,निशा या पूर्वी को भी “काजल ने बहुत ही जोर देकर कहा ..
“हम्म मैं अपने जज्बातों को पूरी तरह से काबू में रखूंगा ,तुम फिक्र मत करो ,ये राज मेरे सीने में रहेगा,और हम वैसी ही जिंदगी जिएंगे जैसा की जीते आ रहे है...लेकिन “
मैं बोलते हुए चुप हो गया ..
“लेकिन क्या “काजल ने मुझे परखने वाली निगाह से देखा ..
“मैं तुम्हे कैसे किसी और के साथ देखु ..”
मैं मायूस हो गया था..
“जब मुझे सच्चाई पता नही थी तो शायद मैं ये बर्दाश्त भी कर लेता लेकिन अब …..अब मेरे लिए ये बहुत ही कठिन होगा मेरी जान “मैं उससे लिपट कर रोने लगा ..
“नही जान …...जब इतनी तकलीफ सह ली तो थोड़ी और सही ,मैं जानती हु की हमे तोड़ने की भी कोशिस की जाएगी ,और यही हमारा इन्तेहान होगा...हमे सब कुछ सहना होगा,और अपने खेल को आगे बढ़ाना होगा ...यकीन मानो जीत हमारे सभी दुखो को धो देगी ..और मुझे खुसी इस बात की है की आप भी मेरे साथ हो ,वरना अकेले मैं शायद ये जंग हार ही जाती .”
मैं उसे पकड़कर उसके होठो को चूसने लगा,
“अब तू अकेली नही है मेरी जान अब मैं तेरे साथ हु ,”
हम दोनो ही बेताबी से एक दूसरे के होठो को चूसें जा रहे थे जैसे हमारा प्यार फिर से वापस आ गया हो ….
मैं अब इस जंग को काजल के लिए और दुखद नही बनाना चाहता था,मैं इसे उसके लिए सुखद बनाना चाहता था…
“जान ऐसे ये डॉ चुतिया की क्या कहानी है,ये तुम्हारे कहानी में कहा फिट होता है..”
काजल हँसने लगी ..
“वो कहानी में फिट नही होते,वो ही है जिन्होंने ये कहानी बनाई है”
वो फिर से मेरे होठो को जोरो से चूसने लगी …
मैं फिर से उससे अलग हुआ ..
“एक बात बताओ वो आज सुबह वाली पेंटी में दाग किसका था “
मेरी बेताबी को देखकर वो जोरो से हँस पड़ी ,वाह मैं यही हँसी तो उसके होठो में चाहता था..
“अजीम का तो नही था…”इतना बोलकर वो फिर से हँसी और मेरी जोरो से गांड सुलग गई..
मैं फिर से उसे जोरो से चूमने लगा ..
“बड़े बेताब हो रहे हो आप तो अपनी बीवी के आशिक के बारे में जानने को “उसने मेरे दुखते हुए रग पर हाथ मार दिया,उसने इस अदा से मुझे छेड़ दिया की मैं ना रो पाउ ना हँस पाउ ..
“बहुत मजा आ रहा है मुझे जलाकर ..”
मैं उससे नाराज हो गया था..
वो मेरे पास आई और मेरे गालो को हाथो से अपनी ओर ले जाने लगी,मैं उसकी ओर चहरा नही मोड़ रहा था,वो अपना चहरा ही मेरे सामने ले आई ..
उसकी आंखों में प्यार ही प्यार था,..
 
“सोच लो ..अगर आगे बड़े तो यही जलन सहना पड़ेगा,तैयार हो …”
वो सच में सीरियस लग रही थी ,मैंने उसके होठो में अपने होठो को घुसा कर जवाब हा में दे दिया…...

नई सुबह और नया जोश ...आंखे तो लेट से ही खुली लेकिन मन में उमंग नया था,मैं बेहद ही उत्त्साहित था क्योकि अब मेरे लिए ये किसी नए जीवन की तरह मालूम हो रहा था…
आज मेरा नजीरिया बदला तो नजारे भी बदले हुए दिख रहे थे…
निशा ने मुझे रोज की तरह नाश्ता दिया,लेकिन आज मैंने उसे उस नजर से देखा जो कभी नही देखा था,पूर्वी के लिए बहुत ही प्यार आ रहा था,मेरी नजरो के बदलाव को निशा ने भी बहुत कुछ समझ लिया था,
“आज कुछ अलग लग रही हु क्या”
“नही तो”
“फिर आप ऐसे क्यो घूर रहे हो जैसे की कोई बदलाव मुझमे आ गया हो ,और आज आप बहुत ही खुस लग रहे हो क्या बात है …”
निशा का आश्चर्य गलत नही था,उसने मुझे इतने दिनों से बहुत ही तकलीफ में ही तो देखा था..
“अरे कुछ नही मेरी जान तेरी भाभी को कल समझा दिया हु की ज्यादा नाईट ड्यूटी ना करे ,वो अब रात में जल्दी घर आ जाया करेगी,”
निशा का चहरा थोड़ा उतर गया..
“अरे भइया इसे तो भाभी का नाईट ड्यूटी ही पसंद था ,आपके साथ सोने जो मिल जाता था”पूर्वी बोलने से पहले कभी सोचती ही नही थी,इसलिए निशा ने उसे जोरो से मारा
“चुप कर कमीनी कही की कुछ भी बोलती है”
मैं हल्के से हंसा
“अरे तुम दोनो के लिए तो मेरे पास टाइम ही टाइम है,तुम भी सो जाना मेरे साथ “
दोनो हल्के से हँसने लगे सभी को पता था की ये तो सम्भव नही है …
आज होटल में भी एक नई ऊर्जा के साथ पहुचा था,कुछ कर दिखाने का जस्बा जो होता है ना वो आपको सच में एक ऊर्जा से भर देता है...वो ऊर्जा आपके पूरे व्यक्तित्व में दिखाई देने लगती है….
“क्या बात है देव बाबू आज तो चमक रहे हो “
शबनम से हुई आज की पहली मुलाकत इसी वाक्य से शुरू हुई ..
मैने जवाब देने के बजाय सिर्फ मुस्कुराना पसंद किया…
शाम मैं अपने ही होटल के बार में डॉ चुतिया को बैठे हुए देखा,
“अरे आओ आओ देव कैसे हो ..”
उन्होंने अपने विस्की की चुस्की लेते हुए कहा ..
“अच्छा हु सर आप बताइये आपको यंहा कोई दिक्कत “
“नही यार कोई दिक्कत नही है,बैठो ना “
“जी सर धन्यवाद “
“कुछ लोगे “
“नही सर ठिक है “
“अरे लो यार कुछ “
“एक स्कोच “
मैंने आये हुए वेटर से कहा ..
“तो ...लगता है तुम्हारी आंखे कुछ पूछना चाहती है मुझसे “
“मुझे काजल ने सब कुछ बतलाया सर”
डॉ एक गहरी सांस लेते है …
“ह्म्म्म तो अब क्या करना चाहते हो “
मैंने अपना कंधा उचकाया …
“मुझे नही पता की आगे क्या करना चाहिए “
“तुम कुछ करो ही मत ,क्योकि आदमी जो सोचता है वो हो ये जरूरी नही,जैसे कल की घटना को ही ले लो,हमे कौन सा पता था की वो लड़की कल मर जाएगी,मुझे तो बस इतनी ही इंफारमेशन मिली थी काजल के द्वारा की वो लड़की अजीम से तंग आ गई है और अजीम के खिलाफ जाकर वो गवाह बन सकती है ,लेकिन किस्मत देखो अजीम को भी उसपर शक हो गया और उसके हुक्म की नाफरमानी की उसने उसे जो सजा दी उनके कारण उसकी मौत हो गई ,और अजीम सालो के लिए जेल में “
“लेकिन कब तक सर आज नही तो कल वो बाहर आ ही जाएगा “
डॉ मुझे देखकर मुस्कुराने लगे ..
“उसके खिलाफ इतने सबूत ही पुलिस के पास की वो तो गया कम से कम 14 सालो के लिए अंदर ,उसपर मर्डर ,रेप,और देहव्यापार की धाराएं लगी है,वो तो गया ,,,अब बाकियों का सोचो ,”
“तो मैं क्या करू डॉ आप ही कुछ बताइये “
“तुम कुछ भी मत करो...कुछ करने की चेष्ठा ही गलती करा सकती है,सही समय का इंतजार और सही मौके पर सही वार ही काम आएगा...बस देखते जाओ ,समझते जाओ ,अपने आप को तैयार करते जाओ,आपना जाल फैलाते जाओ,जब वक्त आएगा तो बस एक ही सही वार और सभी ढेर….आगे क्या सिचुएशन आने वाली है ये कोई भी नही बोल सकता इसलिए धैर्य ही असली कुंजी साबित होगी…”
डॉ की पूरी बात मेरे भेजे में घुस गई थी…

“सर एक कस्टमर आपसे मिलना चाहता है”
मैं अभी अपने केबिन में था की मेरे पास रिसेप्शन से फोन आ गया...मैं उस कमरे की तरफ गया जंहा मेरी जरूरत थी..ये बहुत ही बड़े बिजनेसमैन थे,लगभग 58-60 साल के व्यक्ति,हमारे होटल के एक खास कस्टमर,मोटे और लंबे चौड़े ..
और यही थे जिन्होंने पिछले बार मुझे लड़की की मांग की थी ...
“गुड इवनिंग सर “
मैं कमरे में दाखिल हुआ ,आओ आओ देव ..
“कहिए सर क्या सेवा करू आपकी “
वो कमीनो के जैसे मुस्कुरा रहा था,
“वही मेरी पुरानी मांग ,इसबार निराश मत करना”
“बिल्कुल नही सर आप हमारे बेहद खास कस्टमर है ,कोई स्पेसल डिमांड आपकी “
साला ये भी मुझे अपनी जिंदगी में कभी करना पड़ेगा मैंने सोचा ही नही था,मैं आज एक दलाल बन चुका था,रंडियों का दलाल..
मेरी बात से उसका चहरा खिल गया,मादरचोद एक ठरकी बुड्डा था,बाल तो पक चुके थे लेकिन हवस नही गई थी,
“यार वो तेरे होटल की नई मैनेजर है ना,क्या नाम है शबनम .उसकी दिलवा दे ...क्या माल है साली बिल्कुल ही कड़क,जब से देखा है मेरा तो फंफनाने लगा है “
उसकी बात सुनते ही मेरे दिल में एक जोर का झटका लगा,शबनम जैसी भी हो उससे एक लगाव सा हो गया था ,
“सर वो …….सर कोई दूसरी लड़की नही चलेगी “
उसका दिमाग खराब हो गया
“साले मादरचोद तुझसे अच्छा तो खान के ही होटल में रुक जाता,वँहा हुए केस के कारण यंहा आ गया,मुझे बोला गया था की सभी सेवा देंगे..लेकिन तू फिर अपनी बकचोदी दिखा रहा है..वही चले जाता हु .वँहा उनकी मैनेजर भी कम नही है तेरी शबनम से ,,,क्या नाम है उसका हा काजल,साली वो भी मजे देने में कमी नही करती ,बोल हा या ना ..नही तो मैं चला ..”
इस मादरचोद को तो आज मार ही देने का मन कर रहा था,एक तरफ ये मेरी नई नई गर्लफ्रेंड (शायद नही थी लेकिन बोला जा सकता है) की मांग कर रहा है,और अगर वो नही मिली तो मेरी बीवी को चोदने चले जाएगा…..सच में मेरी स्तिथि बहुत ही बुरी थी ,और मैंने एक पति की तरह अपनी पत्नी को ज्यादा महत्व देते हुए गर्लफ्रेंड को ठुकवाना पसंद कर लिया ..
“ओके ओके सर मैं बात करता हु,आप नाराज मत होइए “
“ह्म्म्म क्या रेट है उसका “
“सर मैं उससे बात करके बताता हु “
मैं बाहर जाकर तुरंत शबनम से मिला ,और उसे सारी बात बताई,मेरा चहरा उससे बात करते हुए लाल हो गया था,मैं शबनम को उसके पास नही भेजना चाहता था ये बात तो शबनम भी जानती थी ...उसने मेरे गालो पर अपने हाथ रख दिए ..
“ये हमारा बिजिनेस है यार तुम ऐसे भावनाओ में बहने लगे तो हम खाक अपना बिजनेस करेंगे”
मैंने उसे अपने गले से लगा लिया
“ओहो तुम भी ना सुनो उसे तुम 10 लाख बोलना एक नाइट का “
मैं चौक गया …
 
“10 लाख देगा वो “
“क्यो मुझमे कोई कमी है क्या जो वो 10 नही देगा ..”शबनम ने शरारती सी मुस्कान से मुझे देखा
“नही लेकिन इतने पैसे “
“उन्हें सर्विस भी वैसी ही मिलती है ,तुम फिक्र मत करो वो पुराना हरामी है उसे रेट का पता होगा ,पुराने होटल में मैं 1 आए 5 लाख तक एक रात का लेती थी ...लेकिन अब मुझे भी रेट बढ़ाना पड़ेगा वरना साले मेरे ही पीछे पड़ जायेगे और जो लडकिया यंहा लाकर रखे है वो सभी फालतू हो जाएंगी,और हा इसमें से 20% तुम्हारा होगा,20% होटल का “
क्या गणित था,यानी एक ही डील में मैं 2 लाख कमाने वाला था जो की मेरी महीने की सेलरी थी ..सच में ये बहुत ही कमाल का बिजनेस था,
मैं फिर से उस आदमी के पास पहुचा,
“15 लाख पागल हो गए हो तूम “
वो मेरी बात ही बौखला गया था..
“खान के होटल वाली मैनेजर तो 8 लाख लेती है ,इसमें ऐसा क्या है जो मैं 15 लाख दूंगा “
साला मेरे ही सामने मेरी बीवी का भाव बता रहा था ,इसे तो मैं नही छोडूंगा ,मैंने कुछ गहरी सांसे ली …
“सर माल नया है ,पूरी सर्विस देगी और उसने भी 8 की ही डिमांड की है …”
वो मुझे आश्चर्य से देखने लगा
“लेकिन 2 लाख मेरे होंगे ,और बाकी के 5 लाख होटल के ...आप अब खान के होटल जा सकते है लेकिन सिक्योरिटी की कोई गारंटी आपको नही मिलेगी ...यंहा आपको हम सिक्योरिटी की गारेंटी देते है ..मैं पर्सनली आपका ख्याल रखने के लिए मौजूद रहूंगा ,तो सर मेरा भी तो कुछ बनता है..”
वो थोड़ा ठंडा हो आ,इजाजत से बड़ा पैसा कभी नही होता…(खासकर जिनके पास इज्जत और पैसा दोनो बहुत हो )
“लेकिन यार 15 कुछ तो कम करो ,इतने में तो मैं 15 कॉलेज की लडकिया चोद लूंगा “
बात तो साले की सही ही थी …
“सर आप बोलो तो कालेज की ही लडकिया जुगाड़ देता हु आपके लिए 1 लाख से कम में हो जाएगी ,अगर आपके पास पैसे की कुछ कमी हो तो दूसरा माल भी है हमारे पास”
मेरी बात से वो भड़क गया …
“मादरचोद समझ के क्या रखा है तूने...सोने चांदी का व्यापारी हु मैं ,लाखो की कमाई एक दिन की है मेरे लिए ,तू भेज उसे ,”
उसकी गर्मी और ईगो मेरे काम आ गई क्योकि मैंने 2 लाख की जगह अब 7 लाख कमा लिया था,या शबनम को अगर बताता तो 5 लाख तो मुझे मिलने ही वाले थे,होटल के खाते में मैं 8 लाख बताने वाला था,एक एक मेरे और शबनम के तो कुल शबनम को साथ लेकर मेरी एक रात की कमाई 6 लाख होने वाली थी ,सचमे इतना पैसा जब मिलने वाले हो तो दुख अपने ही आप भाग जाता है ………
शाम ढला और मैं कमसिन सी शबनम को उस कमीने के हाथो में सौप कर और उससे एडवांस पैसे लेकर जो की कुछ चेक में जो की होटल और शबनम के खाते में जाने थे,और कुछ कैश जो मेरे और शबनम के लिए पर्सनली थे,लेकर वँहा से निकल गया,
ये मेरी पहली दलाली की कमाई थी….
बोलते हुए भी अजीब लगता है ना…..मैं होटल का मैनेजर नही रंडियों का दलाल बन गया हु ...

मैं होटल से निकल कर सीधे ही काजल को फोन लगाया ,
“हैल्लो कहा मिलु,आज मेरे पहली कमाई तुम्हे देना चाहता हु..”
उसकी हल्की मुझे सुनाई दी
“कितनी है ..”
“6 लाख “
“वाट ??? कौन सा बकरा फंस गया आज..”
काजल ने हंसते हुए कहा ..
“रूपचंद नाम है उसका ,बहुत बड़ा सराफा व्यापारी है “
“ओह वो साला ठरकी “
इतना बोल कर ही काजल चुप हो गई ,मैं कैसे भूल गया था की काजल भी उसके साथ रात बिता चुकी थी …
“तुम्हारा तो पुराना कस्टमर है ना “मेरी आवाज अचानक ही ठंडी हो गई और पूरा जोश अचानक ही कही गायब सा हो गया…
“आप आ जाइये मेरे पास ,होटल के पार्किंग में मिलना ,और प्लीज् उदास चहरा लेकर नही उसी जोश में आना “
“काजल तुम्हे नही लगता की अब बहुत हो गया,छोड़ देते है सब ये शहर ,ये धंधा ,तुम्हारे पास भी बहुत पैसे हो चुके है अब ,कोई छोटा मोटा बिजनेस शुरू कर लेंगे”
दूसरी ओर से बस शांति थी ..
“काजल “
“ह्म्म्म “
“कुछ बोलोगी “
“हमने इस बारे में बात किया था,जो शुरू हो गया उसे खत्म करके ही छोड़ना है,और आपकी बहनों का भी तो सोचो “
उसकी बात से मैं भी थोड़ा खामोश हो गया,
“ठीक है मैं आता हु “
मैं उसके होटल के पार्किंग में पहुचा जंहा वो पहले से ही मौजूद थी ,वो हमेशा की तरह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ,
मैंने पूरे पैसे चेक छोड़कर उसके हाथो में पकड़ा दिए ..
उसने एक गहरी सांस ली ,
“ये सब कितना गलत है वो हम दोनो ही जानते है देव लेकिन तुम भी समझते हो की मैं क्या चाहती हु ,प्लीज् आज के बात मेरी कसम खाओ की ये सब छोड़ने नही बोलोगे,जब तक की हमारा काम पूरा नही हो जाता “
काजल का चहरा सचमे सीरियस था..
“मैं कसम नही खा सकता जान ,तुम जानती हो क्यो “
मेरा स्वर ठंडा था लेकिन दिल में एक जोश भरा हुआ था,उसने भी हामी में सर हिलाया ..
“तो चल रही हो घर या कोई कस्टमर है तुम्हारा भी “
मैं थोड़े मजाक के मूड में बोला ..
“भग जाओ आप,कोई कस्टमर नही है मेरा ...और ऐसे भी अभी यंहा आने से सबकी फट रही है,”वो खिलखिलाई फिर चुप हो गई ..
“होटल की हालत बहुत ही खराब है ,पूरी रेप्युटेशन दाव पर लगी है मुझे ही कुछ करना होगा “
“क्या करोगी ? और जो कदम तुमने उठाया इससे ये सब तो होना ही था “
“ह्म्म्म खान साहब से एक डील करनी होगी ,बस वो थोड़े और मजबूर हो जाए ..”
काजल के चहरे में एक कमीनी सी मुस्कान खिल गई,मेरी मासूम सी काजल आज क्या क्या करने पर तुली है ..
“तो अगला शिकार कौन है “
मैं थोड़ा उत्सुक था ..
“पहले तो खान के दूसरे बिजनेस में घटा करवाना होगा ,ताकि वो इस होटल पर ज्यादा ध्यान दे,उसके बाद ही कोई डील हो पाएगी …”
“लेकिन तुम्हे लगता है खान किसी भी डील के लिए हा कहेगा ,यानी तुम ही सोचो कोई अपने मेहनत से खड़ा किये इतने बड़े होटल का 50 % तुम्हे क्यो देगा “
ऐसे मुझे काजल के दिमाग पर शक तो नही था लेकिन खान इतना बड़ा चुतिया आदमी भी नही था की काजल को 50% का हिस्सेदार बना दे,उसके पर मैनेजर की कोई कमी तो नही थी …..
काजल फिर से मुस्कुराई ..
“इसी इम्पॉसिबल को तो पॉसिबल करना है,पहले कुछ चोट फिर डील फिर चोट फिर 50% लेके उसी का पैसा लगा के इस होटल को टॉप में ले जाना है ...फिर बस कुछ परसेंट की बात होगी किसी तरह उससे 10 परसेंट और निकलवाने होंगे ..तब हमारे पास होगा 60% और हम हो जाएंगे इस होटल के मालिक …”
मुझे नही पता था की काजल ऐसा कैसे करेगी लेकिन जो भी हो मुझे उसका साथ देना था,अब चाहे फलक मिले या गर्दिशों की खाक ,जो भी हो हम साथ साथ है …
तभी पार्किंग के सुने सुनसान से जगह में कोई आता हुआ दिखा ,मुझे लगा की कोई गार्ड होगा लेकिन ये कोई दूसरा ही आदमी था ,मैं थोड़ा डर गया ..
“डरो नही ये अपना ही आदमी है..”
“हाय हर्ष ..इनसे मिलो ये देव है मेरे बहुत ही अच्छे दोस्त “
 
वो एक नवजवान सा लड़का था,मुझसे और काजल से भी छोटा रहा होगा,लेकिन बहुत ही हेंडसम और लंबा चौड़ा बॉडीबिल्डर टाइप की पर्सनाल्टी थी उसकी ..
“हैल्लो सर ..”
“हैलो “
“देव ये हमारे होटल का नया चमकता चिराग है ,बहुत मेहनती और सबसे बड़ी बात बहुत ही आज्ञाकारी “
काजल ने हँसते हुए कहा ,सच में मेरी काजल हंसते हुए कितनी सुंदर लगती है …
“क्या मेडम आप भी ..अब यंहा आपकी बात नही मानूंगा तो किसकी मानूंगा ,आप के कारण तो मुझे ये जॉब मिली है”
काजल ने मेरे अपेक्षा के विरुद्ध एक कदम उठाया वो जाकर मेरे ही सामने उसके गालो को हाथो से मला और उसके गालो पर एक किस कर दिया..जिससे मैं तो आश्चर्य में पड़ गया लेकिन हर्ष शर्म से लाल हो गया ,
“सो क्यूट बेबी “
काजल उस 6’2” के लंबे चौड़े हेंडसम हल्क से बंदे को क्यूट बेबी बुला रही थी….बड़ा याराना लगता है…
“तो देव आप चलिए मैं आपको बाद में जॉइन करती हु “
उसके सामने वो मुझे और कुछ बोल भी तो नही सकती थी,मैं उसे गुस्से से देखने लगा शायद वो मेरे मन की दशा समझ चुकी थी ..
“हर्ष यार वो मैंने तुम्हे जो फाइल दी थी ना अकाउंट की वो कहा है “
काजल बड़ी चालक थी
“मेडम वो ऊपर में ही है आपके केबिन में ,मैंने चेक किया है सब कुछ सही है “
“ओके अभी लाओ उसे “
उस बेचारे का चहरा उतर गया
“मेडम मैं घर जा रहा था “
“तो ...चलो ठीक है कल सुबह ही मुझे वो दिखाना “
“ओके मेडम “वो जल्दी से भागा की कही काजल उसे फिर से ना किसी काम में फंसा दे ,काजल और मेरे चहरे में एक मुस्कान आ गई
मैंने उसके जाते ही काजल को अपने बांहो में ले लिया
“बहुत बेबी बोल रही हो “
“क्यो जलन हुई क्या “वो हल्के से मुस्कुरा रही थी .
“हम्म थोड़ी सी “
“तो निकाल लेना पूरी जलन घर तो आने दो ,”
“यंहा थोड़ी ठंडक पहुचा दो ना “मैं उसके साड़ी से झांकते हुए उसके नंगी कमर पर हाथ फेरा
“पागल हो क्या “वो मचली
“मरवाओगे आप “वो हँसने ,जब मैंने थोड़ा और जोर दिया
“छोड़ो ना ,घर आ रही हु ,पूरी जलने को बहा दूंगी “
वो खिलखिलाते हुए मेरी पकड़ से बाहर हुई ,
“बहूँगा तो लेकिन तेरे अंदर “मैं फिर से उसे पकड़ने को हुआ लेकिन वो छूट कर मुझे चिढ़ाते हुए भाग गई …..
मैं भी घर की राह लिया ..
आज मुझे खुसी थी की मेरे साथ मेरी काजल होगी,और उसकी वो बहाने वाली बात से मेरा लिंग झटके मारने लगा था..
आज इतने दिनों के बाद मैं फिर से काजल को वैसे ही प्यार करूँगा,,और अपनी सारी तकलीफे वीर्य के रूप में उसके अंदर डाल दूंगा ……..

खाली बिस्तर में मेरी स्वप्न सुंदरी की आशा में मैं करवटे बदल रहा था,काजल अभी भी नही आई थी,मुझे लगा कि फिर से आज मेरे साथ धोखा तो नही हो जाएगा,
मैं अपने लिंग को भी तसल्ली दे रहा था,
“तू सोया रह भाई, जब जिंदगी के ही लवडे लगें हो तो अपना लवडा शांत ही रखना चाहिए”
मैंने अपने बाबूराव से कहा..(जैसे शेक्सपियर की कहानी के लाइन को लोग quote के रूप में यूज करते है,आप भी मेरी इस लाइन को qoutation के रूप में यूज़ कर सकते हो )
लेकिन मैं गलत था,मेरे कमरे का दरवाजा खुला और काजल अंदर आयी ,उसने आते ही मुझे प्यार से देखा,मेरा बाबूराव खड़ा होकर अकड़ने लगा,जैसे कह रहा हो की आज कुछ तूफानी करते है...
मैं काजल पर टूट पड़ा,वो भी मुझे पागलो की तरह किस किये जा रही थी
काजल को बिस्तर पर पटकते ही मैं अपने कपड़े खोल कर फेक दिया और काजल के गालो को खाने लगा,उसके गुलाबी से गाल जो रस से भरे हुए थे ,मेने उसके गालो को पूरी तरह से भिगो दिया था,मेरे थूक से गिला हुआ उसका गाल अपनी नरमी से मुझे सुख दे रहा था और मैं और भी टूटकर उसके गालो को खा रहा था,अपने दांतो से मेने उसके गालो में निशान ही बना दिए जिसपर काजल ने मुझे एक शिकायत भरे निगाहों से देखा पर उसकी आंखों में अब भी वही प्यार था जो मैं हमेशा से ही मेरे लिए महशुस करता हु…………….
उसके बालो को अपने हाथो में फसाकर मैं उसे सहलाने लगा,और वो भी बेहद कामुक अंदाज में मेरे होठो पर टूट पड़ी,दो जिस्मो की गर्मी ने हमारे बदन में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया था,
मैं काजल के कपड़ो के तरफ रुख किया और उसके कपड़ो को धीरे धीरे उतारने लगा , मैं उसके भरे हुए नितंबो को अपने हाथो से भरकर उसे मसलने लगा,काजल और भी गहरे से मुझे चूमने लगी ,मैं उसका शर्ट खोलकर फेक चुका था,शायद अब काजल को सहन नही हो रहा था और वो जल्दी से ही अपने कपड़े खोलने लगी,लेकिन मैंने उसको उसकी पेंटी खोलने से मना कर दिया वो मुझे फिर से शिकायत के भाव से देखने लगी ,मैं अपने पूरे कपड़े खोल कर नंगा हो कर उसके सामने खड़ा हो गया ,मेरे लिंग को देखकर वो हल्के से हँसी और उसे पकड़कर उसे इतने प्यार से चूसने लगी जैसे की वही वो चीज थी जिसके लिए वो इतनी प्यासी थी,.....
मैं उत्तेजना के शिखर पर पहुच रहा था और मैं झरने को बिल्कुल भी तैयार नही था,मुझे तो अभी जितनी देर हो सके अपनी जान के साथ खेलना था,मैं काजल के मुह से अपना लिंग निकल कर अलग किया ,वो जल्दी से अपनी पेंटी निकालने को हुई पर मैंने उसे फिर से रोक दिया वो मुझे प्रश्नवाचक दृष्टि से देखने लगी ,और मेरे होठो में एक शरारती सी मुस्कान उभर आयी .,....
“नही ना जान करो ना “
उसने लगभग रोते हुए कहा ,वो आमतौर पर इतनी बेताब नही होती पर आज तो कई दिनों के बाद हम प्यार के गोते में डूबने वाले थे...वो मछली जैसे तड़फने लगी और मुझे उसकी तड़फन बहुत ही मजेदार और मनमोहक लग रही थी ,मैं उसके पास जाकर उसे लिटा दिया और खुद उसके पेंटी के पास अपनी नाक ले जाकर जोरो से सूंघ लिया,उसके कामरस से भीगा वो अंतःवस्त्र इतने मादक खुसबू से भरा था की मैं फिर से उसे जोरो से सूंघने से अपने को नही रोक पाया,लेकिन मेरी इस हरकत से काजल की हालात और भी खराब हो गयी उसे होने वाले का अंदेशा हो चुका था और उसका शरीर छटपटाने लगा था वो अपनी कमर ऊपर कर मुझे आमंत्रण दे रही थी और जब मैं अपना नाक उसके योनि के भाग से लगाया वो अपने कमर को ऊपर कर मेरे नाक से अपनी योनि को रगड़ने लगी,काजल की योनि से बहते हुए गीले गीले से प्यार की धार ने मेरे नाक को भी भिगो दिया और मेरे मुख से एक मुस्कान सी निकल गयी ….
वो बस झरने ही वाली थी और मैं उसे यू बेताबी में झरने नही देना चाहता था उसे भी वो मजा मिले जिसके लिए वो इतनी तड़फ रही थी ,मै उसकी पेंटी को उसकी योनि के ऊपर से हटा कर अपनी जीभ से उसे चाटने लगा,काजल का हाथ मेरे सर पर था और वो पूरे ताकत से उसे अपने अंदर लेने की चेष्टा कर रही थी पर शायद उसे वो आनंद नही मिल पा रहा था जिसके लिए वो तडफ रही थी और आखिर में वो हारकर मुझे अपने ऊपर खिंच ही लिया ,आज मैं काजल की ताकत देखकर दंग ही रह गया वो मुझे बिल्कुल ही आराम से उलटा कर के मेरे ऊपर चढ़ गयी ,अपने हाथ मेरे लिंग पर रख उसे अपने आग की उस भट्ठी में डाल दी जो पानी से भरी थी,........
काजल अंदर से इतनी गर्म होगी मुझे पता नही था आज तो उसकी योनि मानो कोई भठ्ठी ही हो,मेरे लिंग के अंदर जाते ही काजल को ऐसे सुख का अहसास हुआ जैसे सालो से प्यासे को कोई अमृत ही पिला दे,
“aaaahhhhhh जाआआआआन लव यु बेबीईईईईई “
वो अपनी रफ्तार तेज करने लगी उसकी सिसकियों से ही मैं झट जाता इतनी मादकता अपने अंदर लिए है मेरी रानी काजल ……
“आह आह आह आह आह आह ,ओ ओ ओ आह जआआआननन आह जाआआआआआआनननन “
वो किसी पम्प की तरह मेरे ऊपर कूद रही थी और मेरे होश ही उड़ा रही थी मुझे पता था की काजल इतनी गर्म हो चुकी थी की वो ज्यादा समय तक नही टिकने वाली ,मेरी अकड़ को आज काजल शायद तोड़ ही देती वो बिल्कुल भी आराम के मूड में नही थी ,वो लगातार ही कूद रही थी ,
“लव यू बेबी ,लव यू ,फ़क मि जान आह आह आह ,”
“लव यू मेरी रानी “
हमारी सांसे कब उखाड़ जाती इसका कोई भी भरोषा ही नही था,पर आनद के उस सागर से मैं कभी भी बाहर नही निकलना चाहता था,लेकिन शायद काजल को जल्दी से ही झरना था वो अपनी बेताबी के इंतहा पर थी और वो उस ज्वाला को निकाल देना चाहती थी जो उसके अंदर भरी हुई थी ,काजल ने अपने स्तनों को मेरे मुह में ठूस दिया और मैं भी किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसके स्तनों का पान करने लगा..मैं और भी उत्तेजित हो गया और उसे नीचे से ही और जोरो के धक्के देने लगा पर शायद वो जोर नही बन पा रहा था ,काजल भी अब कूदना बन्द कर जोरो से धक्के मारे जा रही थी मेरे अंडों में एक दर्द भर गया पर उसी दर्द का तो मजा था,,....
हम दोनो ही अपने तरफ से पूरी ताकत से धक्के दे रहे थे…
“आह वो आह आह आह आह जान जान आह “
दोनो के धक्के एक साथ मिलकर और भी तेज और प्रभावशाली हो जाते और दोनो के मुह से ही एक सिसकारी फुट पड़ती थी...उसके योनि से रगड़ते हुए मेरे लिंग की चमड़ी से उठाने वाला वो आनद मैं कभी भी खोना नही चाहता था पर वो एक धारा सी मेरे वृषनकोशों से आती हुई मुझे प्रतीत हुई और काजल भी अपने चरम के नजदीक ही थी हम दोनो ही अंतिम धक्कों पर अपनी पूरी की पूरी ताकत खर्च कर रहे थे ,और वो ज्वाला फूटा और काजल मेरे ऊपर झरने सी धार छोड़ती हुई लेट गयी,मेरा भी हाल उससे अन्यथा नही था और मैं भी उसके अंदर ही एक तेज फुहारे को छोड़ता हुआ हाँफने लगा,...............
दोनो ही हाफ रहे थे और दोनो ही उस आनंद में डूबे थे जो हमे अभी अभी मिला था...वो गीलापन हमारे यौन अंगों से बाहर आ रहा था,चिपचिपे वीर्य में मिला काजल का कामरस मुझे इच्छा तो हुई की उसे पी लू पर उठाने की हिम्मत ही नही जुटा पाया और मुझे पूरा यकीन था की यही हाल काजल का भी हो रहा होगा उसे भी मेरा वीर्यपान करना बहुत ही पसंद था ,खासकर जब गहरे संतोष की दशा हमे घेरे हुए हो …………………
उखड़ती सांसो में मेरा प्यार काजल के अंदर जा रहा था और वो भी मेरे वीर्य को अपनी योनि सिकुडकर अपने अंदर ही रखने का प्रयाश कर रही थी ,मैं उसे और भिगोना चाहता था पर मेरे अभी का कोटा पूरा हो चुका था …………..
 
काजल के नंगे जिस्म की गर्मी ने सुबह सुबह ही उत्तेजित कर दिया था,रात को उठा हुआ तूफान फिर से उठ खड़ा हो गया,बिस्तर से उठने के बाद एक राउंड बाथरूम में नहाते हुए भी निपटा लिया गया था…
सच में ये प्यार कई दिनों को बाद ही उमड़ कर आ रहा था,असल में जब किसी चीज को खोने का डर ज्यादा हो तो प्यार भी ज्यादा हो जाता है...यंही हमारे साथ भी हो रहा था..
अक्सर पति पत्नी के रिस्तो में कुछ सालो बाद ही एक सुस्ती सी आ जाती है,कारण साफ है की जब आपको पता है की ये कही नही जाने वाली तो आप उसे महत्व देना ही बन्द कर देते है...ये चीज गर्लफ्रैंड बॉयफ्रेंड के रिलेशन में भी दिखता है..लेकिन अगर कुछ ऐसा हो जाए की वो आपसे दूर हो जाए तब उसकी अहमियत समझ आने लगती है..
आज मैं जल्दी ही होटल पहुच गया था,पहुचते ही मुझे रूपचंद दिखाई दिया,वही जो कल रात शबनम के साथ था..
“वाह यार देव मान गए क्या कमाल का माल दिया था तुमने ,पूरे 15 वसूल हो गए ,ये तो खान के काजल से भी मस्त थी “
वो साला अपनी गंदी शक्ल के साथ मुझे बेमकसद ही जला रहा था,मैं उस मोटे के साथ काजल को इमेजिंन भी नही करना चाहता था,मन किया की एक झापड़ उसके गालो में लगा दु ,,..लेकिन हाय नॉकरी हँसकर ही बात करना पड़ता है..
“थैंक्यू सर आप हमारे खास कस्टमर है,खास लोगो को खास चीज ही दी जाती है,ऐसे आप जा रहे है..”
“हा अपना काम तो हो गया,मिलते है कभी और कोई खास माल आये तो रखना मेरे लिए ऐसा ही कोई तगड़ा माल ..अभी अभी और ले के आ रहा हु उसकी “
वो हंसता हूं वँहा से चला गया ,और मेरे पैर अपने ही आप उस कमरे की ओर चले गए जंहा वो ठहरे थे,मेरे पास उस रूम का पास था,जिसे मुझे रूपचंद ने हैंडल किया था ..मैं रूम खोलकर अंदर पहुचा,शबनम अभी अभी नहा कर निकली थी और मुझे देखकर मुस्कुराने लगी,देखा तो बिस्तर के बाजू में ही उसकी पेंटी पड़ी हुई थी जिसे उठाकर ओ डस्टबिन में डाल देती है..
“अरे तुमने तो मुझे कहा था की तुम फेंकती नही ,धो कर रखो गी ..”
वो खिलखिला कर हँसने लगी..
“जब कोई इसे गंदा करने के लाखो दे रहा हो तो 2-3 हजार की पेंटी तो ले ही सकती हु ना “
“लेकिन उस दिन तो ..”
वो मेरे पास खड़ी थी और उसके शरीर से आती हुई महक ने मुझे उत्तेजित कर दिया था मैंने उसे अपने से कस लिया..
“अरे देव बाबू ,जब किसी के साथ बिना पैसों के सोया जाय तो क्यो पेंटी को फेकूँगी,ये तो उन कस्टमर के लिए है जो हमे पैसा देते है,नया कस्टमर नई पेंटी “वो मेरे गालो में एक किस कर मुझसे अलग हो गई,मेरे दिमाग में काजल के बेग से निकली हुई पेंटी घूम गई ..
“काजल के बेग से भी मुझे एक मिली थी “
वो मुझे थोड़े आश्चर्य से देखी और जोरो से खिलखिलाकर हँसने लगी ..
“तो वो भी सोई होगी किसी के साथ बिना पैसे लिए “
वो अपने टॉवेल को की उसके शरीर से लिपटा हुआ था उतार कर फेक देती है,अब मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी ,वो अपने बेग से एक नया सेट निकालकर पहनने लगती है ,और फिर अपना ड्रेश पहन कर तैयार हो जाती है..
“ऐसे क्या देख रहे हो देव “
मैं उसे ये सब करते देख रहा था,वो अभी दर्पण के सामने खड़ी थी और अपना मेकअप लगा रही थी …
“देख रहा हु की किसे एक परी सी सुंदर लड़की एक भद्दे से मर्द के साथ रात बिता लेती है ...और उसके बाद भी सुबह यू हँसती हुई दिखती है”
मेरा स्वर ठण्डा था..शबनम मुझे आश्चर्य से देख रही थी वो मेरे पास आकर मेरे गालो को सहलाने लगी ..
“देब ये एक धंधा है और धंधे में इमोशन को बीच में नही लाना चाहिए...अगर वो आया तो किसी के साथ सोना तो दूर किसी को हाथ लगाने भी नही दिया जा सकता...और जब हमे धंधा करना ही है तो कस्टमर के चहरे में क्या रखा है...हमने तो यही सीखा है की खुद भी किसे मजे लिए जाय,ये देखो “
वो एक दवाई अपने बेग से निकाल कर दिखाने लगी..
इसे कस्टमर को खिला दो तो भी हल्क बन जाता है,रात भर घोड़े के जैसे दौड़ता है,और आंखे बंद करने के बाद कौन सा किसी का चहरा दिखाई देता है...हम भी संतुस्ट और कस्टमर भी खुस “
वो फिर से खिलखिलाई ,लेकिन मुझे उसकी बात पर आश्चर्य हुआ क्योकि मुझे आज पता चला की शबनम जो की इतनी सुंदर और मासूमियत की देवी लगती है,इस धंधे की इतनी बड़ी खिलाड़ी है,वो सच में किसी रंडी सी बाते करने लगी थी..
इधर रश्मि भी इस धंधे की पहली कमाई से खुस थी ,वक्त बीतता गया और हमारा होटल बहुत ही तेजी से नाम कमाता गया,होटल में अभी कुछ 15-20 ऐसी लडकिया थी जो वक्त आने पर जिस्म का धंधा करती थी ,ये सभी आम लड़कियों की तरह ही थी जो होटल में काम करती थी ,कोई देखकर नही कह सकता की ये क्या काम करती होगी,सभी का कंट्रोल शबनम के हाथो में ही था,मुझे मेरा कमीशन मिल जाया करता,जो की ग्राहक के ऊपर होता था,मैं भी इन कामो में अब एक्सपर्ट सा बन गया था,MBA की डिग्री का ये तो फायदा हुआ की मैं अच्छे से मोलभाव कर लिया करता था,मुझे लोगो के हैसियत की पहचान थी ,कम से कम 1 लाख और ज्यादा से ज्यादा 15-20 लाख तक का सौदा होता था,मैं जितना ज्यादा पैसा लड़कियों को दिलाता उतना ही बड़ा कमीशन मुझे मिलने लगा था..इतने पैसों की तो कल्पना भी नही की थी जितने मुझे 1 महीने में ही मिल गए थे…….
इधर काजल के होटल की हालत बहुत ही खराब चल रही थी,खान साहब के बिजनेस में बड़ा घटा हुआ था ,पुलिस को उनके कई गैरकानूनी धंधों के बारे में पता चल गया,जिससे अजीम और खान साहब के ऊपर मुकदमो की संख्या बढ़ती गई,...
मुझे पता था की ये सभी कुछ काजल का ही किया धरा था,लेकिन दुनिया की और अजीम और खान की नजरो में वो उनकी सबसे करीबी सहलाकर बनकर उभरी,वही थी जो अजीम के वकील के साथ उसके मुकदमो में जाया करती थी ,या उससे मिलने जेल जाया करती थी ,वही खान पूरी तरह से टूट गया था,एक इकलौता बेटा जेल में हो और धंधे में इतना घटा उसके लिए सहन से बाहर हो रहा था,उसे सांत्वना देने का काम भी काजल का हि था,......
वही रश्मि और खान के बीच एक अजीब सा कनेक्शन भी उभरने लगा था,रश्मि मुझे लेकर खान के होटल गई थी ,
“तुम बाहर बैठो मैं आती हु “
हम खान के केबिन के बाहर खड़े थे ,बाहर ही हमे काजल मिल गई जो की खान के केबिन से अभी अभी निकली थी ,वो हमेशा की तरह ही साड़ी में थी ,लेकिन उसके बाल अभी बिखरे हुए थे,साड़ी थोड़ी अस्त व्यस्त दिख रही थी ..वो हमे देख कर चौकी नही ,शायद खान ने उसे बता दिया होगा की रश्मि आ रही है,लेकिन मैं उसकी ये हालत देखकर चौका ..
“गुड मॉर्निंग मेडम “
काजल ने रश्मि को हल्के से मुस्कुराते हुए विस् किया ..
“बीच (हिंदी में कुतिया )”
रश्मि ने उसके अभिवंदन का जवाब देते हुए कहा,और मुह बना कर अंदर चली गई ..
काजल ने मुझे देखा जो की हैरत से उसे देख रहा था वो मुझे आंख मारकर हल्के से हंसते हुए वँहा से चली गई,मैं बाहर ही रखे सोफे में बैठ गया ..
रश्मि जिस शख्स से सबसे ज्यादा चिढ़ती थी वो थी काजल …
उसे लगता था की काजल की ही वजह से उसके और अजीम के रिश्तों के बीच में दरार आयी है...ऐसे काजल ने मुझे ये बात बता दी थी इसलिए मुझे इससे कुछ फर्क नही पड़ा लेकिन अब ये खान ……..
 
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