hotaks444
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मेरे लंड और बॉल्स को अपने चेहरे पर पूरा लगाकर वो अच्छे से उनका स्वाद ले रही थी....
जैसे आज उन्हे खा ही जाएगी...
मेरा शरीर उनके हर टच से उपर नीचे होने लगा..
और फिर वो उठी और मेरे सामने खड़ी हो गयी
जैसे अब कुछ करके रहेगी
पर इससे पहले वो कुछ और कर पाती, पीछे से आवाज आयी
''मॉम , ये क्या हो रहा है सुबह सुबह ''
ये सोनिया दी थी , जो अपनी आँखे मलती हुई खड़ी हो चुकी थी
एक तरफ मैं सोनिया के सोये रहने से उसपर गुस्सा हो रहा था
और अब उसके उठने की टाइमिंग पर मेरी झांटे सुलग कर रह गयी....
आख़िर देखने तो देती की मॉम क्या करने मे मूड मे है...
मॉम ने जब पलटकर सोनिया को देखा तो वो भी एक पल के लिए सकपका सी गयी...
पर अब उन दोनो के बीच काफ़ी खुलापन आ चुका था, इसलिए वो डरी बिल्कुल भी नही...
हालाँकि ऐसे अपने बेटे को नंगा करके, खुद भी नंगी होकर वो अपनी बेटी के सामने खड़ी थी
और कोई भी ये देखकर सॉफ पता कर सकता था की वहां क्या चल रहा है...
और सोनिया तो वैसे भी ज़रूरत से ज़्यादा ही समझदार थी
उसके दिमाग़ की घंटी तो आँख खुलते ही बज गयी जब उसने अपनी माँ को अपने भाई के लंड पर झुके हुए देखा....
और शायद वो थोड़ा और सब्र करती तो आगे का नज़ारा भी लेटे -2 देख सकती थी...
पर उसे शायद किसी बात का आभास हो गया था
इसलिए उसने उठने की एक्टिंग करते हुए उन्हे 'वो' करने से रोक दिया
जो वो करने वाली थी...
आख़िरकार मेरी इस "माँ'' फिल्म की डायरेक्टर वही तो थी
अपनी मर्ज़ी के बिना वो कैसे कोई सीन बनने देती..
ये वाला सीन तो उसकी स्क्रिप्ट में था ही नही..
मॉम : "वो....बस...ऐसे ही....इसे सोते हुए देखा तो ...वो कल वाली बात याद आ गयी....इसकी गहरी नींद में सोने वाली...''
सोनिया : "और आपने सोचा की उस गहरी नींद का एक और बार फायदा उठा लिया जाए...है ना...''
मॉम ने सकुचाते हुए हाँ में सिर हिला दिया....
कितनी मासूमियत से उन्होने अपना जुर्म कबूल कर लिया था...
सोनिया : "मॉम , मैने कहा था की ये रात के समय गहरी नींद में सोता है, और ये तो सुबह का समय है...ऐसा कुछ ख़तरनाक करोगी तो इसके उठने का भी तो डर है ना...''
मॉम : ''पर इसने आते ही कहा था की ये पूरी रात सोया नही है...और इसकी आँखे देखकर लग भी रहा था, इसलिए मैने ये सब...''
अब तो उन्हे भी थोड़ी बहुत शर्म सी आ रही थी...
अपने हाथो से उन्होने अपनी छातियो को ढक लिया...
सोनिया का भी दिल पसीज सा गया की क्यों वो सुबह -2 मॉम को शर्मिंदगी का एहसास दिला रही है...
सोनिया : "इट्स ओके मॉम ....इन्फ़ेक्ट मैं भी आपकी जगह होती तो शायद यही करती...एंड देखो तो इसके पेनिस को.....ओह्ह माय गॉड मॉम ....इतने कड़क लंड को सामने रखकर आपसे सब्र कैसे हो रहा है...मुझसे तो बिल्कुल भी नही हो रहा...''
इतना कहकर उसने झत्ट से अपनी टॉप उतार कर साइड में फेंक दी..जैसे वो भी अब मैदान में कूदने को तैयार हो
मैने अधखुली आँखो से उसकी तरफ देखा और अपनी बहन की मदमस्त चुचियो की कड़कड़ाहट देखकर मेरे लंड ने एक जोरदार सलामी दी उसे..
और उस सलामी को सोनिया ने सॉफ देखा...
और पल भर में ही वो समझ गयी की मैं जाग रहा हूँ और एक बार फिर से कल वाली सिचुएशन में फँस गया हूँ ...
ना मैं सो सकता हूँ और ना ही जाग सकता हूँ ..
ऐसे मामलो में मेरी बहन काफ़ी शरारती है
मुझे सताने में उसे काफ़ी मज़ा मिलता है
और इससे जो तकलीफ मुझे होने वाली थी वो अच्छे से जानती थी.
मॉम ने एक बार फिर से मेरी तरफ चेहरा कर लिया और अपनी छाती दबाते हुए मेरे खड़े हुए लंड को घूरने लगी..
सोनिया उनके पीछे आई और अपनी बाहें उनके गले में डालकर बोली : "क्या सोच रही हो मॉम ...क्या इरादे है आपके...''
मॉम : "इरादे तो बहुत कुछ करने के है....पर वो करना ग़लत होगा...''
यार...ये भेंन का लौड़ा ''ग़लत'' शब्द कब मेरा पीछा छोड़ेगा..
मेरी तो मुट्ठियां भींच गयी ये सुनते ही...
पर सोनिया के चेहरे पर एक स्माइल तैर गयी..
वो मुझे सुनाते हुए, मॉम से बड़े प्यार से बोली : "तो ठीक है मॉम ....जो ग़लत है वो ग़लत ही रहने दो...अभी के लिए जो सही है, वो कर लो...''
उसने जब आँख घुमाते हुए मॉम से ये कहा तो मॉम ने उसके गालो पर एक कचोटी काट ली और बोली : "वही तो करने जा रही थी की तू उठ गयी...''
अब तो सोनिया के साथ-2 मैं भी देखना चाहता था की वो क्या करने के मूड में थी..
सोनिया : "तो शुरू हो जाओ ना मॉम ..रोका किसने है...''
सोनिया की बात सुनते ही मॉम अपनी थिरकती हुई गांड लहराते हुए मेरे बेड पर चढ़ गयी...
और उन्होने मेरे चेहरे के दोनो तरफ टांगे कर ली...
उनका चेहरा मेरी टाँगो की तरफ था...
मेरा तो शरीर सुन्न सा होने लगा ये सोचकर की वो क्या करने वाली है..
जैसे आज उन्हे खा ही जाएगी...
मेरा शरीर उनके हर टच से उपर नीचे होने लगा..
और फिर वो उठी और मेरे सामने खड़ी हो गयी
जैसे अब कुछ करके रहेगी
पर इससे पहले वो कुछ और कर पाती, पीछे से आवाज आयी
''मॉम , ये क्या हो रहा है सुबह सुबह ''
ये सोनिया दी थी , जो अपनी आँखे मलती हुई खड़ी हो चुकी थी
एक तरफ मैं सोनिया के सोये रहने से उसपर गुस्सा हो रहा था
और अब उसके उठने की टाइमिंग पर मेरी झांटे सुलग कर रह गयी....
आख़िर देखने तो देती की मॉम क्या करने मे मूड मे है...
मॉम ने जब पलटकर सोनिया को देखा तो वो भी एक पल के लिए सकपका सी गयी...
पर अब उन दोनो के बीच काफ़ी खुलापन आ चुका था, इसलिए वो डरी बिल्कुल भी नही...
हालाँकि ऐसे अपने बेटे को नंगा करके, खुद भी नंगी होकर वो अपनी बेटी के सामने खड़ी थी
और कोई भी ये देखकर सॉफ पता कर सकता था की वहां क्या चल रहा है...
और सोनिया तो वैसे भी ज़रूरत से ज़्यादा ही समझदार थी
उसके दिमाग़ की घंटी तो आँख खुलते ही बज गयी जब उसने अपनी माँ को अपने भाई के लंड पर झुके हुए देखा....
और शायद वो थोड़ा और सब्र करती तो आगे का नज़ारा भी लेटे -2 देख सकती थी...
पर उसे शायद किसी बात का आभास हो गया था
इसलिए उसने उठने की एक्टिंग करते हुए उन्हे 'वो' करने से रोक दिया
जो वो करने वाली थी...
आख़िरकार मेरी इस "माँ'' फिल्म की डायरेक्टर वही तो थी
अपनी मर्ज़ी के बिना वो कैसे कोई सीन बनने देती..
ये वाला सीन तो उसकी स्क्रिप्ट में था ही नही..
मॉम : "वो....बस...ऐसे ही....इसे सोते हुए देखा तो ...वो कल वाली बात याद आ गयी....इसकी गहरी नींद में सोने वाली...''
सोनिया : "और आपने सोचा की उस गहरी नींद का एक और बार फायदा उठा लिया जाए...है ना...''
मॉम ने सकुचाते हुए हाँ में सिर हिला दिया....
कितनी मासूमियत से उन्होने अपना जुर्म कबूल कर लिया था...
सोनिया : "मॉम , मैने कहा था की ये रात के समय गहरी नींद में सोता है, और ये तो सुबह का समय है...ऐसा कुछ ख़तरनाक करोगी तो इसके उठने का भी तो डर है ना...''
मॉम : ''पर इसने आते ही कहा था की ये पूरी रात सोया नही है...और इसकी आँखे देखकर लग भी रहा था, इसलिए मैने ये सब...''
अब तो उन्हे भी थोड़ी बहुत शर्म सी आ रही थी...
अपने हाथो से उन्होने अपनी छातियो को ढक लिया...
सोनिया का भी दिल पसीज सा गया की क्यों वो सुबह -2 मॉम को शर्मिंदगी का एहसास दिला रही है...
सोनिया : "इट्स ओके मॉम ....इन्फ़ेक्ट मैं भी आपकी जगह होती तो शायद यही करती...एंड देखो तो इसके पेनिस को.....ओह्ह माय गॉड मॉम ....इतने कड़क लंड को सामने रखकर आपसे सब्र कैसे हो रहा है...मुझसे तो बिल्कुल भी नही हो रहा...''
इतना कहकर उसने झत्ट से अपनी टॉप उतार कर साइड में फेंक दी..जैसे वो भी अब मैदान में कूदने को तैयार हो
मैने अधखुली आँखो से उसकी तरफ देखा और अपनी बहन की मदमस्त चुचियो की कड़कड़ाहट देखकर मेरे लंड ने एक जोरदार सलामी दी उसे..
और उस सलामी को सोनिया ने सॉफ देखा...
और पल भर में ही वो समझ गयी की मैं जाग रहा हूँ और एक बार फिर से कल वाली सिचुएशन में फँस गया हूँ ...
ना मैं सो सकता हूँ और ना ही जाग सकता हूँ ..
ऐसे मामलो में मेरी बहन काफ़ी शरारती है
मुझे सताने में उसे काफ़ी मज़ा मिलता है
और इससे जो तकलीफ मुझे होने वाली थी वो अच्छे से जानती थी.
मॉम ने एक बार फिर से मेरी तरफ चेहरा कर लिया और अपनी छाती दबाते हुए मेरे खड़े हुए लंड को घूरने लगी..
सोनिया उनके पीछे आई और अपनी बाहें उनके गले में डालकर बोली : "क्या सोच रही हो मॉम ...क्या इरादे है आपके...''
मॉम : "इरादे तो बहुत कुछ करने के है....पर वो करना ग़लत होगा...''
यार...ये भेंन का लौड़ा ''ग़लत'' शब्द कब मेरा पीछा छोड़ेगा..
मेरी तो मुट्ठियां भींच गयी ये सुनते ही...
पर सोनिया के चेहरे पर एक स्माइल तैर गयी..
वो मुझे सुनाते हुए, मॉम से बड़े प्यार से बोली : "तो ठीक है मॉम ....जो ग़लत है वो ग़लत ही रहने दो...अभी के लिए जो सही है, वो कर लो...''
उसने जब आँख घुमाते हुए मॉम से ये कहा तो मॉम ने उसके गालो पर एक कचोटी काट ली और बोली : "वही तो करने जा रही थी की तू उठ गयी...''
अब तो सोनिया के साथ-2 मैं भी देखना चाहता था की वो क्या करने के मूड में थी..
सोनिया : "तो शुरू हो जाओ ना मॉम ..रोका किसने है...''
सोनिया की बात सुनते ही मॉम अपनी थिरकती हुई गांड लहराते हुए मेरे बेड पर चढ़ गयी...
और उन्होने मेरे चेहरे के दोनो तरफ टांगे कर ली...
उनका चेहरा मेरी टाँगो की तरफ था...
मेरा तो शरीर सुन्न सा होने लगा ये सोचकर की वो क्या करने वाली है..