hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
बिरजू : हाई रति ले अपने भैया का मस्त लंड तेरी चूत भी बिल्कुल माँ पर गई है और तेरे चूतड़ भी माँ की तरह ही मोटे मोटे होते जा रहे है
रति : आह आह ओह भैया तुमने क्या उस की चूत देखी है..आज बिरजू के मन मैं केवल अलका का चेहरा ही घूम रहा था...वो चूत तो रति की मार रहा था दिमाग़ मे अलका चल रही थी....
बिरजू : वो रवि के साथ मटकती गान्ड के साथ बाइक पर बैठती है तो बॅस....
रति जान रही थी क़ि आज उसके दिमाग़ मे अलका चल रही है और तभी बिरजू आज इतना उतेज़ित है....वो चुदाई के मज़े के लिए उसे और उकसा रही थी...
रति : भैया कभी अलका को मुत्ते हुए देखा है आपने
बिरजू : देखा है बहुत मोटी धार निकलती है पर जब वो छोटी थी...
रति : भैया एक बात कहूँ
बिरजू : क्या
रति : वो चाहती हूँ कि आप अलका को मेरे सामने नंगी करके खूब कस कस कर चोदो, मैं चाहती हूँ कि मैं छुप जाउ और आप उसे रगड़ के चोदो...और मैं छुप कर चोदते हुए देखु, वो देखना चाहती हूँ कि आपके मस्त काले लंड को कैसे चुस्ती है और फिर आप उसको को झुका कर कैसे उसकी मस्त चूत को खूब हमच हमच कर चोदते हो, मैं चाहती हूँ आप अलका को खड़ी करके उसकी मस्त चूत के दाने को रगड़ते जाओ और वो खड़ी खड़ी मुत्ती जाए, जब वह मुतना रोक दे तो आप उसकी मस्त चूत के दाने को अपने मूह वो भर कर चूसना शुरू कर दो और फिर वो आपके मूह मे मुतना शुरू कर दे
बिरजू : तू फिकर ना कर जब भी मैं अलका को पूरी नंगी करके चोदुन्गा तुझे ज़रूर बताउन्गा, लेकिन उस को चोदने के लिए पटाऊ कैसे
रति: कोई रास्ता निकलते हैं.....
बिरजू : रति की चूत मे गहराई तक लंड पेलते हुए, हाई रति ठंड के मौसम मे हाई हाई करने लगती है...
बिरजू : ठीक है बिरजू की रानी बहना जैसा तू कहेगी वैसा ही करूँगा अब ज़रा अपनी जांघे थोड़ा और फैला कर उठा ले ताकि तेरे भैया का मोटा लंड अपनी बहन की चूत की जम कर ठुकाई कर सके और फिर उसने रति को खूब कस कस कर चोदना शुरू कर दिया और रति है भैया हाई बिरजू राजा भैया चोदो मुझे खूब कस कर चोदो आज फाड़ दो अपनी बहन की रसीली चूत और चोदो आ आ आह ओह सी सी ओह भैया मैं मर जाउन्गी बस फिर क्या था बिरजू ने रति की गान्ड को अपनी हथेली उठा कर ताबड तोड़ धक्के उसकी चूत मे मारना शुरू कर दिया और फिर सारा रस रति की रसीली बुर मे डाल दिया और दोनो हान्फते हुए चिपक गये, उस रात रति को बिना निरोध के उस ने रात भर खूब जम जम कर छोड़ा पानी .... अब बारिश बंद हो चुकी थी....और दोनो रात भर की चुदाई से थक गये थी वो दोनो सुबह 4 बजे सोए.....,
अब यहाँ.......
अलका रवि की पीठ को देखते हुए शरमाती हुई अपनी ब्रा का हुक खोलने लगती है और फिर रवि की लाई हुई ब्रा को पहन लेती है और जल्दी से रवि को देखते हुए अपनी पेंटी भी उतार कर पूरी नंगी हो जाती है और फिर जल्दी से दूसरी पेंटी पहन लेती है और रवि को देखती हुई बुत बन कर खड़ी हो जाती है, उस समय अलका को बहुत शर्म महसूस हो रही थी, जब रवि
बुहुत देर तक नही पलटता है तो अलका धीरे से जाकर रवि को पीछे से पकड़ कर उसकी पीठ से चिपक जाती है और रवि
उसकी ओर घूम कर अलका की बाँहो को अपने हाथो से पकड़ कर थोड़ा अपने से दूर करता है और फिर उपर से लेकर नीचे
तक अलका के पूरे संगमरमर जैसे बदन पर अपनी नज़र डालता है और उसका लंड खड़ा हो जाता है, अलका मुस्कुराती हुई
अपनी नज़रे नीचे कर लेती है और रवि अलका के करीब जाकर उसे सीधा अपनी गोद मे उठाकर बेड पर लेजा कर लिटा देता है, और अलका की आँखो मे देखता है, अलका शर्म से लाल हो जाती है और अपना मूह दूसरी और कर के मंद -मंद मुस्कुराती रहती है, रवि अलका के मूह को अपनी ओर घुमा कर उसके रसीले होंठो को चूम लेता है और अलका अपनी आँखे बंद कर लेती है,
रवि धीरे-धीरे अपने मूह से अलका के गालो को चूमता हुआ उसकी गर्दन से होता हुआ उसकी उभरी हुई ब्रा मे कसी
चुचियो पर अपना मूह दबाता है और अलका की साँसे तेज होने लगती है रवि अपने एक हाथ को अलका की कसी हुई गुदाज
गोरी-गोरी जाँघो पर ले जाकर उन्हे कस कर दबोचता हुआ अलका के गुदाज पेट पर अपना मूह रख कर चूमता है तो अलका का पेट लरज कर अंदर की ओर धँस जाता है और अलका के मूह से एक आह भरी सिसकी निकल जाती है और रवि उसकी जाँघो को अपने हाथों से कस कर दबाता है फिर रवि अपने मूह को पेंटी के उपर से जब अलका की फूली हुई चूत पर रख कर दबाता है तो अलका अपने दोनो पैरो को आपस मे सटा कर सिहर जाती है और रवि के सर को अपने हाथो से सहलाने लगती है, रवि अलका की चूत से उठती हुई मादक खुसबू को सूँघता हुआ उसकी चूत को अपने मूह से कस कर दबाता है और अलका अपने बदन को ऐंठने लगती है,
रति : आह आह ओह भैया तुमने क्या उस की चूत देखी है..आज बिरजू के मन मैं केवल अलका का चेहरा ही घूम रहा था...वो चूत तो रति की मार रहा था दिमाग़ मे अलका चल रही थी....
बिरजू : वो रवि के साथ मटकती गान्ड के साथ बाइक पर बैठती है तो बॅस....
रति जान रही थी क़ि आज उसके दिमाग़ मे अलका चल रही है और तभी बिरजू आज इतना उतेज़ित है....वो चुदाई के मज़े के लिए उसे और उकसा रही थी...
रति : भैया कभी अलका को मुत्ते हुए देखा है आपने
बिरजू : देखा है बहुत मोटी धार निकलती है पर जब वो छोटी थी...
रति : भैया एक बात कहूँ
बिरजू : क्या
रति : वो चाहती हूँ कि आप अलका को मेरे सामने नंगी करके खूब कस कस कर चोदो, मैं चाहती हूँ कि मैं छुप जाउ और आप उसे रगड़ के चोदो...और मैं छुप कर चोदते हुए देखु, वो देखना चाहती हूँ कि आपके मस्त काले लंड को कैसे चुस्ती है और फिर आप उसको को झुका कर कैसे उसकी मस्त चूत को खूब हमच हमच कर चोदते हो, मैं चाहती हूँ आप अलका को खड़ी करके उसकी मस्त चूत के दाने को रगड़ते जाओ और वो खड़ी खड़ी मुत्ती जाए, जब वह मुतना रोक दे तो आप उसकी मस्त चूत के दाने को अपने मूह वो भर कर चूसना शुरू कर दो और फिर वो आपके मूह मे मुतना शुरू कर दे
बिरजू : तू फिकर ना कर जब भी मैं अलका को पूरी नंगी करके चोदुन्गा तुझे ज़रूर बताउन्गा, लेकिन उस को चोदने के लिए पटाऊ कैसे
रति: कोई रास्ता निकलते हैं.....
बिरजू : रति की चूत मे गहराई तक लंड पेलते हुए, हाई रति ठंड के मौसम मे हाई हाई करने लगती है...
बिरजू : ठीक है बिरजू की रानी बहना जैसा तू कहेगी वैसा ही करूँगा अब ज़रा अपनी जांघे थोड़ा और फैला कर उठा ले ताकि तेरे भैया का मोटा लंड अपनी बहन की चूत की जम कर ठुकाई कर सके और फिर उसने रति को खूब कस कस कर चोदना शुरू कर दिया और रति है भैया हाई बिरजू राजा भैया चोदो मुझे खूब कस कर चोदो आज फाड़ दो अपनी बहन की रसीली चूत और चोदो आ आ आह ओह सी सी ओह भैया मैं मर जाउन्गी बस फिर क्या था बिरजू ने रति की गान्ड को अपनी हथेली उठा कर ताबड तोड़ धक्के उसकी चूत मे मारना शुरू कर दिया और फिर सारा रस रति की रसीली बुर मे डाल दिया और दोनो हान्फते हुए चिपक गये, उस रात रति को बिना निरोध के उस ने रात भर खूब जम जम कर छोड़ा पानी .... अब बारिश बंद हो चुकी थी....और दोनो रात भर की चुदाई से थक गये थी वो दोनो सुबह 4 बजे सोए.....,
अब यहाँ.......
अलका रवि की पीठ को देखते हुए शरमाती हुई अपनी ब्रा का हुक खोलने लगती है और फिर रवि की लाई हुई ब्रा को पहन लेती है और जल्दी से रवि को देखते हुए अपनी पेंटी भी उतार कर पूरी नंगी हो जाती है और फिर जल्दी से दूसरी पेंटी पहन लेती है और रवि को देखती हुई बुत बन कर खड़ी हो जाती है, उस समय अलका को बहुत शर्म महसूस हो रही थी, जब रवि
बुहुत देर तक नही पलटता है तो अलका धीरे से जाकर रवि को पीछे से पकड़ कर उसकी पीठ से चिपक जाती है और रवि
उसकी ओर घूम कर अलका की बाँहो को अपने हाथो से पकड़ कर थोड़ा अपने से दूर करता है और फिर उपर से लेकर नीचे
तक अलका के पूरे संगमरमर जैसे बदन पर अपनी नज़र डालता है और उसका लंड खड़ा हो जाता है, अलका मुस्कुराती हुई
अपनी नज़रे नीचे कर लेती है और रवि अलका के करीब जाकर उसे सीधा अपनी गोद मे उठाकर बेड पर लेजा कर लिटा देता है, और अलका की आँखो मे देखता है, अलका शर्म से लाल हो जाती है और अपना मूह दूसरी और कर के मंद -मंद मुस्कुराती रहती है, रवि अलका के मूह को अपनी ओर घुमा कर उसके रसीले होंठो को चूम लेता है और अलका अपनी आँखे बंद कर लेती है,
रवि धीरे-धीरे अपने मूह से अलका के गालो को चूमता हुआ उसकी गर्दन से होता हुआ उसकी उभरी हुई ब्रा मे कसी
चुचियो पर अपना मूह दबाता है और अलका की साँसे तेज होने लगती है रवि अपने एक हाथ को अलका की कसी हुई गुदाज
गोरी-गोरी जाँघो पर ले जाकर उन्हे कस कर दबोचता हुआ अलका के गुदाज पेट पर अपना मूह रख कर चूमता है तो अलका का पेट लरज कर अंदर की ओर धँस जाता है और अलका के मूह से एक आह भरी सिसकी निकल जाती है और रवि उसकी जाँघो को अपने हाथों से कस कर दबाता है फिर रवि अपने मूह को पेंटी के उपर से जब अलका की फूली हुई चूत पर रख कर दबाता है तो अलका अपने दोनो पैरो को आपस मे सटा कर सिहर जाती है और रवि के सर को अपने हाथो से सहलाने लगती है, रवि अलका की चूत से उठती हुई मादक खुसबू को सूँघता हुआ उसकी चूत को अपने मूह से कस कर दबाता है और अलका अपने बदन को ऐंठने लगती है,