hotaks444
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स्नेहा खड़ी हो गयी. "तो मिलते हैं चार महीने बाद," वो बोली. वो जाने के लिए खड़ी हुई लेकिन फिर उसे देखने लगी, उसकी आँखो मे कुछ था, उसने अपने होठ आगे किए तो अरुण भी खुद को रोक नही पाया और उसके होंठो को चूमने लगा. किस्सिंग आगे बढ़ती गयी, अरुण ने बीच मे रोकने की कोशिश की तो स्नेहा बोली,"लास्ट बार, अरुण...लास्ट टाइम.." बस फिर दोनो एक दूसरे के प्यार तले खोने लगे.
कुछ घंटे बाद अरुण उसे कार तक छोड़ने गया फिर आख़िरी बार किस करके उसे कार मे बिठा दिया.
"कम से कम ये तो मुझसे नफ़रत नही करती हैं," अरुण सोचते हुए अंदर जाने लगा.
"वेल, अभी एक ही है," एक जानी पहचान आवाज़ आई.
"मुझे लगा तू तो चला गया था," अरुण ने सोचा.
"मैं तेरे मन मे हूँ, चूतिए. मैं नही जा सकता चाहे चाहू जितना भी."
"मैने जो किया है सही किया है और मैं उस बारे मे बहस नही करना चाहता." उसने सोचा.
आवाज़ शांत हो गयी.
आरोही कॉलेज मे मिलती, साथ मे क्लासस लेती लेकिन बोलती कुछ नही.
अरुण शवर से निकलकर शीशे के अंदर अपना अक्स देखने लगा.
"काफ़ी पुरानी बातें हो गयी. फोकस अहेड," उसने खुद से कहा.
"अगर सही डिसिशन था, तो तुझे अभी भी दर्द क्यूँ होता है दिल मे?"
"पता नही," उसने सोचा.
"ओह वाउ, गान्डू कहीं का."
अरुण उसे इग्नोर करके कपड़े पहनने लगा. उसने अभी टी-शर्ट पहनी ही थी कि डोरबेल बजी. वो कौन होगा सोचते हुए दरवाजे की ओर बढ़ा और खोलने लगा.
दरवाजा खोलकर उसने बाहर देखा तो उसकी बड़ी बहेन खड़ी हुई थी.
"हाई," उसने दरवाजे को पूरा खोलते हुए कहा.
अंदर आते वक़्त सुप्रिया कुछ नही बोली बस चारो तरफ देखने लगी.
"हाउ आर.." उसने बोलना शुरू किया लेकिन फिर खुद ही रियलाइज़ हो गया कि कितना डंब क्वस्चन था.
सुप्रिया बिना कुछ पूरे अपार्टमेंट को देख रही थी.
"इट सीम्स नाइस एनफ," उसने आख़िरकार पूरे अपार्टमेंट का मुयायना करके कहा.
"थॅंक्स," अरुण ने जवाब दिया. "कॉफी?"
"श्योर," वो उसके साथ छोटे से किचन मे जाने लगी.
अरुण उसके लिए कॉफी तय्यार करते हुए सोचने लगा कि बात क्या करे. लेकिन उसे बात शुरू करने की ज़रूरत नही पड़ी.
"मुझे समझ मे आने लगा है कि तुम क्या सोच रहे थे, हमेशा की तरह तुम बस हम लोगो को सेफ रखना चाहते थे." सुप्रिया बोली.
अरुण ने हल्के से सिर हिला दिया.
"मैं कल माल गयी थी समान खरीदने तो मुझे याद आ गया जब हम दोनो ने वही मस्ती करी थी. मैने और कुछ सोचने की कोशिश की लेकिन मुझे बस वही सीन याद आता रहा."
अरुण हल्के से हंस दिया और उसे कप पकड़ा दिया.
सुप्रिया ने कप पकड़कर उसे देखा. "आइ डॉन'ट हेट यू, इनफॅक्ट आइ कॅन नेवेर हेट यू. आइ लव यू. यू आर माइ बेबी ब्रदर और तुम चाहे जो भी करो मैं भी तुम्हे कभी तक़लीफ़ मे नही देख सकती." उसने कहा और दूसरी तरफ देखा तो एक एप्रन टंगा हुआ था. वो मुस्कुराते हुए वहाँ गयी और उसे उठा लिया.
"मुझे याद है जब हम दोनो ने पहली बार ये किया था," वो बोली.
अरुण तुरंत ही मुस्कुरा उठा और जीन्स और लंड का मूह पर टकराना याद करने लगा.
"तुमने मेरे मूह पर लंड मारा था और फिर मैने तुम्हे मास्टरबेट करते हुए पकड़ा था."
अरुण मुस्कुराते हुए सिर हिला रहा था.
सुप्रिया आगे बढ़ी और उसके गले मे बाहें डालकर उसका चेहरा अपने पास खिच कर किस करने लगी.
"आइ'म सॉरी, मैने तुम पर हाथ उठाया. आइ रियली डू अंडरस्टॅंड और मैं इस चीज़ को मनाने की कोशिश कर रही हूँ. लेकिन इसका मतलब ये नही है कि मुझे ये सल्यूशन पसंद आया."
"मुझे भी ये अच्छा नही लग रहा दी," अरुण बोला. "आइ हेट इट."
वो सिर हिलाते हुए आँसू पोछने लगी. "आइ'म रियली गोयिंग टू मिस यू, आंड अवर सेक्स," वो उसे गले लगाने लगी.
अरुण ने मुस्कुरा कर उसे गले लगाया और उसके गाल पर किस कर दिया फिर उसके साथ दरवाजे की ओर चल दिया. "आइ' विल सी यू सून," वो बोली.
कुछ देर बाद आँख से आँसू पोछ कर वो जल्दी से अंदर आकर दरवाजे से सिर टिककर खड़ा हो गया. उसका रोम रोम उसे उसके पीछे जाने के लिए कह रहा था लेकिन अरुण खुद के जज्बातो से लड़ता रहा. वो अंदर किचन मे आया तो वहाँ एक मेल रखी हुई थी. उसने मेल उठाई और जेब मे रखके बाहर जाने लगा.
कुछ घंटे बाद वो एक ऑफीस मे था.
"वेल तुम्हारे ग्रॅजुयेशन के मार्क्स तो सही हैं. तो अब्रॉड मे चान्सस सही हैं. वीसा का बन्दोवस्त हम लोग करा देंगे तुम बस एग्ज़ॅम क्लियर कर दो इस एअर."
"ओके, तो साइन कहाँ करना है?" अरुण ने पूछा.
************
"क्या?"
"यही रास्ता है उन लोगो की जिंदगी आसान बनाने का, कि मुझे उनसे दूर जाना होगा कुछ टाइम के लिए."
"अब्रॉड? एमबीए? अरे इंडिया मे दूसरी सिटी ढूँढ ले, अब्रॉड जाने की क्या ज़रूरत है." रोहित बोला.
"नही, इंडिया मे रहा तो पक्का किसी ना किसी वजह से मेरा मन मुझे उन लोगो के पास ले ही जाएगा और वो स्पेस कभी नही बन पाएगा जिसकी हम लोगो को ज़रूरत है."
"उन लोगो को ये आइडिया पसंद नही आने वाला," रोहित बोला.
"कुछ भी हो."
"उनका ख़याल रखना प्लीज़, मेरे पीछे."
ये कहकर वो रोहित के घर से अपार्टमेंट मे चला आया. उसने एमबीए अब्रॉड मे करने के लिए बात की थी उसी के लिए लेटर आया था. पहले उसने सोचा था कि वो और आरोही साथ मे जाएँगे तो बेटर रहेगा लेकिन अब वो अकेले ही जाने वाला था. और जब तक कंप्लीट नही हो जाता वो नही आएगा. इससे उन लोगो अपनी जिंदगी मे किसी और को लाने का टाइम भी मिल जाएगा.
अगले दिन शाम को, जैसा कि रोहित ने कहा उसकी बहनों को ये आइडिया पसंद नही आया.
"हम लोगो ने महीने भर से तुम्हे नही देखा और तुम वापस आए तो इस पागल आइडिया के साथ?" सुप्रिया चिल्लाकर बोली. "अब्रॉड जाना ज़रूरी है क्या?"
अरुण को लगा कि दोबारा थप्पड़ पड़ने वाला है लेकिन नही. सोनिया चुपचाप नीचे देख रही थी. आख़िरकार सुप्रिया ने उस पर चिल्लाना बंद किया जब उसने देखा कि वो नही मानने वाला.
जाने से एक साप्ताह पहले वो अपार्टमेंट छोड़ घर मे शिफ्ट हो गया था. और जाने से एक रात पहले वो सबके साथ डिन्नर पर गया, स्नेहा को छोड़कर जो -------- मे थी. उसे उसने फोन पर बताया था तो वो भी थोड़ा दुखी हुई थी लेकिन समझ गयी थी.
रात को वो लोग घर पहुचे तो अरुण सीधा अपने रूम मे चला गया. अभी बस वो सोने ही वाला था कि एक एसएमएस आया. एसएमएस सुप्रिया का था, उसने जल्दी से उसे नीचे बुलाया था.
वो नीचे उसके रूम मे गया, तो घुप्प अंधेरा था. उसने लाइट जलाई तो एक दम से पीछे हटने लगा. सामने तीनो सेक्सी सी नाइटी पहने खड़ी थी.
"लास्ट टाइम, अरुण." सुप्रिया बोली और उसे खीच कर बिस्तर पर ले आई. सोनिया उसके होंठो को चूमने लगी, आरोही शर्ट को खोलने मे और सुप्रिया पॅंट उतारने मे.
काफ़ी रात तक तीनो आख़िरी बार अपने भाई के साथ प्रेमरस मे डूबे रहे. दूसरी बार झड़के अरुण तीनो के साथ लेट गया. सोनिया और आरोही का चेहरा उसकी गर्दन के दोनो तरफ था और आरोही के पीछे सुप्रिया थी. सोनिया की आँखो से थोड़े आँसू गिरे लेकिन फिर सभी सो गये.
अगले दिन सुबह सब उसे एरपोर्ट छोड़ने गये और वो चला गया.
***********
तीन साल बाद अरुण ने वहाँ एरपोर्ट पर कदम रखा. वो काफ़ी उतावला हो रहा था अपनी बहनों से मिलने के लिए. कितना वक़्त हो गया था उनसे मिले हुए.
उसने लोगो की भीड़ मे कोई जाना पहचाना चेहरा ढूढ़ने की कोशिश की तब तक रोहित उससे गले मिलने लगा.
"सो गुड टू सी यू!" रोहित चिल्लाते हुए बोला.
अरुण भी अच्छे से उस से गले मिला. "हे बडी. हाउ'स एवेरितिंग?"
"घर चले पहले. हमारी बहने इंतजार कर रही हैं अगर जल्दी नही पहुचे तो मार डाले जाएँगे."
अरुण हंसते हुए साथ मे चलने लगा.
रोहित के साथ वो घर की तरफ जाने लगा. ऐसा नही था कि वहाँ उसकी बात नही होती थी घर पर लेकिन काफ़ी कम बातें होती थी. अरुण रोहित से पूछने की कोशिश मे था कि
क्या क्या बदल गया है लेकिन वो छुपा ही रहा था.
"तो तू मुझे कब बताने वाला है सीक्रेट?" अरुण ने पूछा.
"अपनी बहनों से पूछना.." रोहित ने सीधे कह दिया.
कुछ मिनिट बाद वो दोनो घर पहुचे तो, तो सभी थे घर पर, सुप्रिया, स्नेहा, आरोही, सोनिया, एश, और निशा. सभी सिस्टर्स और एश तुरंत ही उसके गले लग गयी.
उसने निशा से ही बोला, वो काफ़ी खुश लग रही थी.
सभी अंदर बैठकर उसे खाना खिलाने लगे और पूछने लगे वहाँ की लाइफ के बारे. अरुण जितने अच्छे से हो सकता था उतने अच्छे से उनको सवालो के जवाब देता चला गया.
उसके मन मे लेकिन चल रहा था कि कुछ तो अलग है. चलो निशा बात कर रही है रोहित से लेकिन पहले की तरह नही. ये तो वो रोहित से बाद मे पूछ ही लेगा लेकिन कुछ
और भी है. उसने ध्यान दिया और कुछ ही देर मे उसे पता चल गया. एश रोहित के कान मे कुछ कह रही थी.
कुछ घंटे बाद अरुण उसे कार तक छोड़ने गया फिर आख़िरी बार किस करके उसे कार मे बिठा दिया.
"कम से कम ये तो मुझसे नफ़रत नही करती हैं," अरुण सोचते हुए अंदर जाने लगा.
"वेल, अभी एक ही है," एक जानी पहचान आवाज़ आई.
"मुझे लगा तू तो चला गया था," अरुण ने सोचा.
"मैं तेरे मन मे हूँ, चूतिए. मैं नही जा सकता चाहे चाहू जितना भी."
"मैने जो किया है सही किया है और मैं उस बारे मे बहस नही करना चाहता." उसने सोचा.
आवाज़ शांत हो गयी.
आरोही कॉलेज मे मिलती, साथ मे क्लासस लेती लेकिन बोलती कुछ नही.
अरुण शवर से निकलकर शीशे के अंदर अपना अक्स देखने लगा.
"काफ़ी पुरानी बातें हो गयी. फोकस अहेड," उसने खुद से कहा.
"अगर सही डिसिशन था, तो तुझे अभी भी दर्द क्यूँ होता है दिल मे?"
"पता नही," उसने सोचा.
"ओह वाउ, गान्डू कहीं का."
अरुण उसे इग्नोर करके कपड़े पहनने लगा. उसने अभी टी-शर्ट पहनी ही थी कि डोरबेल बजी. वो कौन होगा सोचते हुए दरवाजे की ओर बढ़ा और खोलने लगा.
दरवाजा खोलकर उसने बाहर देखा तो उसकी बड़ी बहेन खड़ी हुई थी.
"हाई," उसने दरवाजे को पूरा खोलते हुए कहा.
अंदर आते वक़्त सुप्रिया कुछ नही बोली बस चारो तरफ देखने लगी.
"हाउ आर.." उसने बोलना शुरू किया लेकिन फिर खुद ही रियलाइज़ हो गया कि कितना डंब क्वस्चन था.
सुप्रिया बिना कुछ पूरे अपार्टमेंट को देख रही थी.
"इट सीम्स नाइस एनफ," उसने आख़िरकार पूरे अपार्टमेंट का मुयायना करके कहा.
"थॅंक्स," अरुण ने जवाब दिया. "कॉफी?"
"श्योर," वो उसके साथ छोटे से किचन मे जाने लगी.
अरुण उसके लिए कॉफी तय्यार करते हुए सोचने लगा कि बात क्या करे. लेकिन उसे बात शुरू करने की ज़रूरत नही पड़ी.
"मुझे समझ मे आने लगा है कि तुम क्या सोच रहे थे, हमेशा की तरह तुम बस हम लोगो को सेफ रखना चाहते थे." सुप्रिया बोली.
अरुण ने हल्के से सिर हिला दिया.
"मैं कल माल गयी थी समान खरीदने तो मुझे याद आ गया जब हम दोनो ने वही मस्ती करी थी. मैने और कुछ सोचने की कोशिश की लेकिन मुझे बस वही सीन याद आता रहा."
अरुण हल्के से हंस दिया और उसे कप पकड़ा दिया.
सुप्रिया ने कप पकड़कर उसे देखा. "आइ डॉन'ट हेट यू, इनफॅक्ट आइ कॅन नेवेर हेट यू. आइ लव यू. यू आर माइ बेबी ब्रदर और तुम चाहे जो भी करो मैं भी तुम्हे कभी तक़लीफ़ मे नही देख सकती." उसने कहा और दूसरी तरफ देखा तो एक एप्रन टंगा हुआ था. वो मुस्कुराते हुए वहाँ गयी और उसे उठा लिया.
"मुझे याद है जब हम दोनो ने पहली बार ये किया था," वो बोली.
अरुण तुरंत ही मुस्कुरा उठा और जीन्स और लंड का मूह पर टकराना याद करने लगा.
"तुमने मेरे मूह पर लंड मारा था और फिर मैने तुम्हे मास्टरबेट करते हुए पकड़ा था."
अरुण मुस्कुराते हुए सिर हिला रहा था.
सुप्रिया आगे बढ़ी और उसके गले मे बाहें डालकर उसका चेहरा अपने पास खिच कर किस करने लगी.
"आइ'म सॉरी, मैने तुम पर हाथ उठाया. आइ रियली डू अंडरस्टॅंड और मैं इस चीज़ को मनाने की कोशिश कर रही हूँ. लेकिन इसका मतलब ये नही है कि मुझे ये सल्यूशन पसंद आया."
"मुझे भी ये अच्छा नही लग रहा दी," अरुण बोला. "आइ हेट इट."
वो सिर हिलाते हुए आँसू पोछने लगी. "आइ'म रियली गोयिंग टू मिस यू, आंड अवर सेक्स," वो उसे गले लगाने लगी.
अरुण ने मुस्कुरा कर उसे गले लगाया और उसके गाल पर किस कर दिया फिर उसके साथ दरवाजे की ओर चल दिया. "आइ' विल सी यू सून," वो बोली.
कुछ देर बाद आँख से आँसू पोछ कर वो जल्दी से अंदर आकर दरवाजे से सिर टिककर खड़ा हो गया. उसका रोम रोम उसे उसके पीछे जाने के लिए कह रहा था लेकिन अरुण खुद के जज्बातो से लड़ता रहा. वो अंदर किचन मे आया तो वहाँ एक मेल रखी हुई थी. उसने मेल उठाई और जेब मे रखके बाहर जाने लगा.
कुछ घंटे बाद वो एक ऑफीस मे था.
"वेल तुम्हारे ग्रॅजुयेशन के मार्क्स तो सही हैं. तो अब्रॉड मे चान्सस सही हैं. वीसा का बन्दोवस्त हम लोग करा देंगे तुम बस एग्ज़ॅम क्लियर कर दो इस एअर."
"ओके, तो साइन कहाँ करना है?" अरुण ने पूछा.
************
"क्या?"
"यही रास्ता है उन लोगो की जिंदगी आसान बनाने का, कि मुझे उनसे दूर जाना होगा कुछ टाइम के लिए."
"अब्रॉड? एमबीए? अरे इंडिया मे दूसरी सिटी ढूँढ ले, अब्रॉड जाने की क्या ज़रूरत है." रोहित बोला.
"नही, इंडिया मे रहा तो पक्का किसी ना किसी वजह से मेरा मन मुझे उन लोगो के पास ले ही जाएगा और वो स्पेस कभी नही बन पाएगा जिसकी हम लोगो को ज़रूरत है."
"उन लोगो को ये आइडिया पसंद नही आने वाला," रोहित बोला.
"कुछ भी हो."
"उनका ख़याल रखना प्लीज़, मेरे पीछे."
ये कहकर वो रोहित के घर से अपार्टमेंट मे चला आया. उसने एमबीए अब्रॉड मे करने के लिए बात की थी उसी के लिए लेटर आया था. पहले उसने सोचा था कि वो और आरोही साथ मे जाएँगे तो बेटर रहेगा लेकिन अब वो अकेले ही जाने वाला था. और जब तक कंप्लीट नही हो जाता वो नही आएगा. इससे उन लोगो अपनी जिंदगी मे किसी और को लाने का टाइम भी मिल जाएगा.
अगले दिन शाम को, जैसा कि रोहित ने कहा उसकी बहनों को ये आइडिया पसंद नही आया.
"हम लोगो ने महीने भर से तुम्हे नही देखा और तुम वापस आए तो इस पागल आइडिया के साथ?" सुप्रिया चिल्लाकर बोली. "अब्रॉड जाना ज़रूरी है क्या?"
अरुण को लगा कि दोबारा थप्पड़ पड़ने वाला है लेकिन नही. सोनिया चुपचाप नीचे देख रही थी. आख़िरकार सुप्रिया ने उस पर चिल्लाना बंद किया जब उसने देखा कि वो नही मानने वाला.
जाने से एक साप्ताह पहले वो अपार्टमेंट छोड़ घर मे शिफ्ट हो गया था. और जाने से एक रात पहले वो सबके साथ डिन्नर पर गया, स्नेहा को छोड़कर जो -------- मे थी. उसे उसने फोन पर बताया था तो वो भी थोड़ा दुखी हुई थी लेकिन समझ गयी थी.
रात को वो लोग घर पहुचे तो अरुण सीधा अपने रूम मे चला गया. अभी बस वो सोने ही वाला था कि एक एसएमएस आया. एसएमएस सुप्रिया का था, उसने जल्दी से उसे नीचे बुलाया था.
वो नीचे उसके रूम मे गया, तो घुप्प अंधेरा था. उसने लाइट जलाई तो एक दम से पीछे हटने लगा. सामने तीनो सेक्सी सी नाइटी पहने खड़ी थी.
"लास्ट टाइम, अरुण." सुप्रिया बोली और उसे खीच कर बिस्तर पर ले आई. सोनिया उसके होंठो को चूमने लगी, आरोही शर्ट को खोलने मे और सुप्रिया पॅंट उतारने मे.
काफ़ी रात तक तीनो आख़िरी बार अपने भाई के साथ प्रेमरस मे डूबे रहे. दूसरी बार झड़के अरुण तीनो के साथ लेट गया. सोनिया और आरोही का चेहरा उसकी गर्दन के दोनो तरफ था और आरोही के पीछे सुप्रिया थी. सोनिया की आँखो से थोड़े आँसू गिरे लेकिन फिर सभी सो गये.
अगले दिन सुबह सब उसे एरपोर्ट छोड़ने गये और वो चला गया.
***********
तीन साल बाद अरुण ने वहाँ एरपोर्ट पर कदम रखा. वो काफ़ी उतावला हो रहा था अपनी बहनों से मिलने के लिए. कितना वक़्त हो गया था उनसे मिले हुए.
उसने लोगो की भीड़ मे कोई जाना पहचाना चेहरा ढूढ़ने की कोशिश की तब तक रोहित उससे गले मिलने लगा.
"सो गुड टू सी यू!" रोहित चिल्लाते हुए बोला.
अरुण भी अच्छे से उस से गले मिला. "हे बडी. हाउ'स एवेरितिंग?"
"घर चले पहले. हमारी बहने इंतजार कर रही हैं अगर जल्दी नही पहुचे तो मार डाले जाएँगे."
अरुण हंसते हुए साथ मे चलने लगा.
रोहित के साथ वो घर की तरफ जाने लगा. ऐसा नही था कि वहाँ उसकी बात नही होती थी घर पर लेकिन काफ़ी कम बातें होती थी. अरुण रोहित से पूछने की कोशिश मे था कि
क्या क्या बदल गया है लेकिन वो छुपा ही रहा था.
"तो तू मुझे कब बताने वाला है सीक्रेट?" अरुण ने पूछा.
"अपनी बहनों से पूछना.." रोहित ने सीधे कह दिया.
कुछ मिनिट बाद वो दोनो घर पहुचे तो, तो सभी थे घर पर, सुप्रिया, स्नेहा, आरोही, सोनिया, एश, और निशा. सभी सिस्टर्स और एश तुरंत ही उसके गले लग गयी.
उसने निशा से ही बोला, वो काफ़ी खुश लग रही थी.
सभी अंदर बैठकर उसे खाना खिलाने लगे और पूछने लगे वहाँ की लाइफ के बारे. अरुण जितने अच्छे से हो सकता था उतने अच्छे से उनको सवालो के जवाब देता चला गया.
उसके मन मे लेकिन चल रहा था कि कुछ तो अलग है. चलो निशा बात कर रही है रोहित से लेकिन पहले की तरह नही. ये तो वो रोहित से बाद मे पूछ ही लेगा लेकिन कुछ
और भी है. उसने ध्यान दिया और कुछ ही देर मे उसे पता चल गया. एश रोहित के कान मे कुछ कह रही थी.