hotaks444
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रूम मे आकर सोनिया ने दरवाजा धीरे से बंद कर लिया और लाइट जला दी.
मैने झट्ट से आँखे मूंद ली...
लंड वाले हिस्से पर मैने पहले से ही एक मोटी सी चादर रख दी थी क्योंकि सोनिया और मोंम का इंतजार करते हुए ही मेरा लंड बुरी तरह से खड़ा हो चुका था.
और फिर मुझे एक ठंडी सी सिसकारी सुनाई दी...
मैं ये सोचने की कोशिश करने लगा की ये किसकी हो सकती है..
सोनिया की या मोंम की...
पर सोनिया ने मेरी वो पहेली हल कर दी
वो बोली : "अर्रे मॉम , क्या हुआ...सोनू को देखकर ऐसी ठंडी आहें क्यों भर रही हो...''
उसके बोलने के लहजे से ही पता चल रहा था की वो चुटकी ले रही है..
मॉम शरमा गयी...
वो बोली : "तू भी ना...आजकल बहुत शैतान हो गयी है....अब ये लाइट तो बंद कर दे ...मुझे शरम आ रही है...''
सोनिया : "मुझसे ?''
मॉम : "नही रे...वो..वो है ना...तेरा भाई...जो सामने सो रहा है...वो जाग गया तो...''
सोनिया : "वो तो लाइट ऑफ होगी तब भी उसे पता चल ही जाएगा की क्या चल रहा है हमारे बीच...''
मॉम : "तू सुधरेगी नही ना...लाइट बंद कर दे ना..प्लीज़...''
सोनिया का दिल पसीज गया...
उसने लाइट तो बंद कर दी पर ज़ीरो वॉट का बल्ब ऑन कर दिया...
हल्की लाल रोशनी पूरे कमरे में फैल गयी...
लाइट बंद करते ही सोनिया ने बिना वक़्त गँवाए मॉम को एक बार फिर से पकड़ लिया और उन्हे स्मूच करने लगी..
मॉम के भी मुँह से लार बह-बहकर बाहर निकल रही थी...
उन्होने उसे सोनिया के मुँह में उड़ेलना शुरू कर दिया...
सोनिया ने एक उंगली मॉम की चूत में डाली और वो घी से भीगी उंगली अपने और मॉम के होंठो के बीच लाकर उसे चूसने लगी...
थोड़ी मिठास सोनिया के मुँह में गयी तो थोड़ी मॉम के...
अपनी ही चूत का रस पीकर वो एक बार फिर से बावली सी हो गयी...
ठीक वैसे ही जैसी मॉल के टाय्लेट में हो गयी थी...
उन्होने भी अपनी 2 उंगलिया एक साथ सोनिया की चूत में घुसेड कर उसका रस निकाल लिया...
और अकेले चूसने के लालच में उन्होने सोनिया को परे कर दिया और सारा रस खुद ही पी गयी...
यही नही उन्होने सोनिया को उसी के बेड पर धक्का दिया और उसकी टांगे फैला कर उसकी चूत पर अपने होंठ लगा दिए...
क्योंकि एक-2 बूँद से उनका कुछ होने वाला नही था...
अपनी बेटी की कुँवारी चूत का रस पीकर ही उनकी ये प्यास बुझने वाली थी...
ऐसे आराम से अपने बिस्तर पर नंगा लेटकर, अपनी मॉम से अपनी चूत चुस्वाकार सोनिया को भी बहुत मज़ा आ रहा था...
उसने आँखे खोल कर मेरी तरफ देखा और हल्के अंधेरे में हमारी आँखे एक दूसरे से टकराई...
मेरे और उसके चेहरे पर एक सैक्सी सी स्माइल आ गयी...
मॉम तो हमे ऐसा करते देख नही पा रही थी...
इसलिए मैने अपना सिर थोड़ा सा उठा रखा था ताकि उन्हे मज़े करते हुए आसानी से देख सकूं.
पर मेरा पूरा ध्यान मॉम की तरफ भी था की कही एकदम से वो मुझे देख ले तो मैं संभल सकूं..
सोनिया ने हाथ पीछे करके अपने हेंडबेग से अपना डिल्डो निकाल कर मॉम को दे दिया...
मॉम ने भी मुस्कुराते हुए उसे लिया और अपने मुँह में डालकर उसे गीला किया और फिर धीरे-2 उसे अपने बेटी की चूत में धकेलने लगी...
मेरी तो साँसे ही अटक गयी ये देखकर...
और मैं सोचने लगा की क्या मॉम एक दिन ऐसे ही मेरा लंड पकड़ कर सोनिया दी की चूत में धकेलेंगी..
और मेरे अंदर से आवाज़ आई...हाँ ..जल्द ही..
जैसे-2 वो डिल्डो सोनिया की चूत में जा रहा था, उसके शरीर का कसाव बढ़ता जा रहा था...
और वो आधा ही अंदर गया था की सोनिया चीख पड़ी : "बासस्स्सस्स माँ ....बसस्सस्स.....और अंदर मत डालो....वरना मेरी चूत फट जाएगी...''
मॉम को लगा की वो डिल्डो उसकी झिल्ली से जा टकराया है पर असल में सोनिया मॉम को ये दिखाना चाहती थी की वो अभी भी कुँवारी ही है...वरना ये डिल्डो वो आसानी से पूरा हड़प जाती..
मैने झट्ट से आँखे मूंद ली...
लंड वाले हिस्से पर मैने पहले से ही एक मोटी सी चादर रख दी थी क्योंकि सोनिया और मोंम का इंतजार करते हुए ही मेरा लंड बुरी तरह से खड़ा हो चुका था.
और फिर मुझे एक ठंडी सी सिसकारी सुनाई दी...
मैं ये सोचने की कोशिश करने लगा की ये किसकी हो सकती है..
सोनिया की या मोंम की...
पर सोनिया ने मेरी वो पहेली हल कर दी
वो बोली : "अर्रे मॉम , क्या हुआ...सोनू को देखकर ऐसी ठंडी आहें क्यों भर रही हो...''
उसके बोलने के लहजे से ही पता चल रहा था की वो चुटकी ले रही है..
मॉम शरमा गयी...
वो बोली : "तू भी ना...आजकल बहुत शैतान हो गयी है....अब ये लाइट तो बंद कर दे ...मुझे शरम आ रही है...''
सोनिया : "मुझसे ?''
मॉम : "नही रे...वो..वो है ना...तेरा भाई...जो सामने सो रहा है...वो जाग गया तो...''
सोनिया : "वो तो लाइट ऑफ होगी तब भी उसे पता चल ही जाएगा की क्या चल रहा है हमारे बीच...''
मॉम : "तू सुधरेगी नही ना...लाइट बंद कर दे ना..प्लीज़...''
सोनिया का दिल पसीज गया...
उसने लाइट तो बंद कर दी पर ज़ीरो वॉट का बल्ब ऑन कर दिया...
हल्की लाल रोशनी पूरे कमरे में फैल गयी...
लाइट बंद करते ही सोनिया ने बिना वक़्त गँवाए मॉम को एक बार फिर से पकड़ लिया और उन्हे स्मूच करने लगी..
मॉम के भी मुँह से लार बह-बहकर बाहर निकल रही थी...
उन्होने उसे सोनिया के मुँह में उड़ेलना शुरू कर दिया...
सोनिया ने एक उंगली मॉम की चूत में डाली और वो घी से भीगी उंगली अपने और मॉम के होंठो के बीच लाकर उसे चूसने लगी...
थोड़ी मिठास सोनिया के मुँह में गयी तो थोड़ी मॉम के...
अपनी ही चूत का रस पीकर वो एक बार फिर से बावली सी हो गयी...
ठीक वैसे ही जैसी मॉल के टाय्लेट में हो गयी थी...
उन्होने भी अपनी 2 उंगलिया एक साथ सोनिया की चूत में घुसेड कर उसका रस निकाल लिया...
और अकेले चूसने के लालच में उन्होने सोनिया को परे कर दिया और सारा रस खुद ही पी गयी...
यही नही उन्होने सोनिया को उसी के बेड पर धक्का दिया और उसकी टांगे फैला कर उसकी चूत पर अपने होंठ लगा दिए...
क्योंकि एक-2 बूँद से उनका कुछ होने वाला नही था...
अपनी बेटी की कुँवारी चूत का रस पीकर ही उनकी ये प्यास बुझने वाली थी...
ऐसे आराम से अपने बिस्तर पर नंगा लेटकर, अपनी मॉम से अपनी चूत चुस्वाकार सोनिया को भी बहुत मज़ा आ रहा था...
उसने आँखे खोल कर मेरी तरफ देखा और हल्के अंधेरे में हमारी आँखे एक दूसरे से टकराई...
मेरे और उसके चेहरे पर एक सैक्सी सी स्माइल आ गयी...
मॉम तो हमे ऐसा करते देख नही पा रही थी...
इसलिए मैने अपना सिर थोड़ा सा उठा रखा था ताकि उन्हे मज़े करते हुए आसानी से देख सकूं.
पर मेरा पूरा ध्यान मॉम की तरफ भी था की कही एकदम से वो मुझे देख ले तो मैं संभल सकूं..
सोनिया ने हाथ पीछे करके अपने हेंडबेग से अपना डिल्डो निकाल कर मॉम को दे दिया...
मॉम ने भी मुस्कुराते हुए उसे लिया और अपने मुँह में डालकर उसे गीला किया और फिर धीरे-2 उसे अपने बेटी की चूत में धकेलने लगी...
मेरी तो साँसे ही अटक गयी ये देखकर...
और मैं सोचने लगा की क्या मॉम एक दिन ऐसे ही मेरा लंड पकड़ कर सोनिया दी की चूत में धकेलेंगी..
और मेरे अंदर से आवाज़ आई...हाँ ..जल्द ही..
जैसे-2 वो डिल्डो सोनिया की चूत में जा रहा था, उसके शरीर का कसाव बढ़ता जा रहा था...
और वो आधा ही अंदर गया था की सोनिया चीख पड़ी : "बासस्स्सस्स माँ ....बसस्सस्स.....और अंदर मत डालो....वरना मेरी चूत फट जाएगी...''
मॉम को लगा की वो डिल्डो उसकी झिल्ली से जा टकराया है पर असल में सोनिया मॉम को ये दिखाना चाहती थी की वो अभी भी कुँवारी ही है...वरना ये डिल्डो वो आसानी से पूरा हड़प जाती..