hotaks444
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रिया समझ गयी जितना जय को सेक्स के इन खेल मे मज़ा आता है उतना
रानी को नही.
रिया उसके लंड को अपने मुँह मे ले जोरों से चूसने लगी.
"जय क्या तुम रानी की चूत चूस्ते हो?" रिया ने फिर पूछा.
"क्या बात है कहीं तुम सेक्स पर कोई रिसर्च तो नही कर रही हो ना?"
जय ने खिलखिलाते हुए जवाब दिया.
"तुम चूस्ते हो कि नही पहले मुझे जवाब दो?" रिया ने अपनी बात पर
ज़ोर देते हुए कहा.
"मुझे लगता है कि उसे अच्छा नही लगता," जे ने जवाब दिया, "जब हम
शुरू मे मिले थे तो मेने कई बार चूसी थी.. लेकिन अब नही."
रिया को पता था कि उसके भाई को क्या पसंद है... उसने उसके लंड की
गोलैईयों पर अपनी जीब फिराई और फिर चाटते हुए अपनी जीब उपर को ले
लाई...थोड़ी देर सूपदे को चाटने के बाद उसने उसके लंड को मुँह मे
लिया और चूसने लगी.
"ऑश हाआँ रिया कितना अछा लंड चूसना जानती हो तुम ऑश. तुम्हारी
इस कला को कितना मिस किया है मैने" जय सिसक पड़ा.
"तो आ जाते मेरे पास मेने कब मना किया है.. तुम जब चाहो मुझे
पा सकते हो.. " रिया ने कहा, "और तुम्हे पता है कि मुझे तुम्हारे
लंड का अमृत अछा लगता है और में हमेशा तुम्हारा लंड चूसने को
तैयार हूँ."
जय को पहले को वो दिन याद आने लगे जब रिया उसके लंड को चूसा
करती थी... "तुम्हारा मुँह कितना गरम है.. कितना अच्छा लग रहा है..."
रिया जोरों से जय के लंड को चूसने लगी.. और जब उसका लंड पूरी
तरह तन कर किसी लोहे की सलाख की तरह हो गया तो वो बोली, "अब तुम
तैयार हो गये हो.. क्या मेरी चूत मे अपना लंड घूसाना चाहोगे?"
"जय मुस्कुरा पड़ा... "तुम्हे पता है कि तुम्हारी चूत मारने मे मुझे
कितना मज़ा आता है."
"मुझे किस आसन से चोद्ना चाहोगे?" रिया ने पूछा.
"तुम घुटनो के बल घोड़ी बन जाओ... में पीछे से तुम्हारी चूत मे
लंड घूसा तुम्हे ज़ोर ज़ोर से चोदुन्गा.. और जब तुम्हारी चूत पानी
छोड़ देगी तो में अपने लंड को तुम्हारी गंद मे घूसा अपना पानी छोड़
दूँगा." जय ने जवाब दिया.
रिया उसके लंड से हटी और घुटनो के बल घोड़ी बन गयी.. "बड़े
शैतान हो तुम."
"हां ठीक मेरी बड़ी बेहन की तरह..." उसने मुस्कुराते हुए कहा.
क्रमशः..................
रानी को नही.
रिया उसके लंड को अपने मुँह मे ले जोरों से चूसने लगी.
"जय क्या तुम रानी की चूत चूस्ते हो?" रिया ने फिर पूछा.
"क्या बात है कहीं तुम सेक्स पर कोई रिसर्च तो नही कर रही हो ना?"
जय ने खिलखिलाते हुए जवाब दिया.
"तुम चूस्ते हो कि नही पहले मुझे जवाब दो?" रिया ने अपनी बात पर
ज़ोर देते हुए कहा.
"मुझे लगता है कि उसे अच्छा नही लगता," जे ने जवाब दिया, "जब हम
शुरू मे मिले थे तो मेने कई बार चूसी थी.. लेकिन अब नही."
रिया को पता था कि उसके भाई को क्या पसंद है... उसने उसके लंड की
गोलैईयों पर अपनी जीब फिराई और फिर चाटते हुए अपनी जीब उपर को ले
लाई...थोड़ी देर सूपदे को चाटने के बाद उसने उसके लंड को मुँह मे
लिया और चूसने लगी.
"ऑश हाआँ रिया कितना अछा लंड चूसना जानती हो तुम ऑश. तुम्हारी
इस कला को कितना मिस किया है मैने" जय सिसक पड़ा.
"तो आ जाते मेरे पास मेने कब मना किया है.. तुम जब चाहो मुझे
पा सकते हो.. " रिया ने कहा, "और तुम्हे पता है कि मुझे तुम्हारे
लंड का अमृत अछा लगता है और में हमेशा तुम्हारा लंड चूसने को
तैयार हूँ."
जय को पहले को वो दिन याद आने लगे जब रिया उसके लंड को चूसा
करती थी... "तुम्हारा मुँह कितना गरम है.. कितना अच्छा लग रहा है..."
रिया जोरों से जय के लंड को चूसने लगी.. और जब उसका लंड पूरी
तरह तन कर किसी लोहे की सलाख की तरह हो गया तो वो बोली, "अब तुम
तैयार हो गये हो.. क्या मेरी चूत मे अपना लंड घूसाना चाहोगे?"
"जय मुस्कुरा पड़ा... "तुम्हे पता है कि तुम्हारी चूत मारने मे मुझे
कितना मज़ा आता है."
"मुझे किस आसन से चोद्ना चाहोगे?" रिया ने पूछा.
"तुम घुटनो के बल घोड़ी बन जाओ... में पीछे से तुम्हारी चूत मे
लंड घूसा तुम्हे ज़ोर ज़ोर से चोदुन्गा.. और जब तुम्हारी चूत पानी
छोड़ देगी तो में अपने लंड को तुम्हारी गंद मे घूसा अपना पानी छोड़
दूँगा." जय ने जवाब दिया.
रिया उसके लंड से हटी और घुटनो के बल घोड़ी बन गयी.. "बड़े
शैतान हो तुम."
"हां ठीक मेरी बड़ी बेहन की तरह..." उसने मुस्कुराते हुए कहा.
क्रमशः..................