bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा - Page 3 - SexBaba
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bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा

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रात की मस्ती भरी मालिश करने के बाद मुझे जबरदस्त नींद आयी थी और मैं सुबह देर तक सोता रहा, शालिनी उठ गई थी और बाथरूम में थी, मैं लेटकर मोबाइल में गेम खेलता रहा तभी शालिनी नहाकर कमरे में आई और उसकी मादक खुशबू से कमरा महक उठा ।

मैं- गुडमार्निंग स्वीटी... आज इतनी सुबह सुबह रेडी...

शालिनी- गुडमार्निंग भाई,,, वो पैड चेंज करना था इसलिए साथ में ही नहा लिया,,, वो बाल बनाते हुए बोली

मैं- ओह.... क्या ज्यादा ब्लीडिंग हो गई,,,, अब दर्द तो नहीं हो रहा है??

शालिनी- हां, फर्स्ट डे ही ज्यादा ब्लीडिंग भी होती है और दर्द भी, अब ठीक है... बट आपने मेरी बहुत हेल्प की..... थैंक्स ब्रो... लव यू... वो चहकते हुए बोली

सागर- अरे.. कोई नई,, मैं नहीं करूंगा तो कौन करेगा, माम नहीं हैं तो मैं तो हूं ना....,,, लव यू टू स्वीटी...

ये बोल कर मैं बेड से उतरा और शालिनी के सेब जैसीे लालिमा लिए गाल पर एक हल्का सा प्यार वाला चुम्बन ले लिया और बाथरूम में घुस गया ।

ऐसी ही चुहलबाज़ियों में दिन निकल रहे थे, अब मैं खुलकर शालिनी को हल्का फुल्का टच कर लेता था और रात को सोते समय मैं रोज उसकी समीज में हाथ डालकर सोने लगा , उसकी चूचियों को सहलाते रहा,,, खुलकर मालिश करने का फिर से मौका नहीं मिला । मैं घर में चलते उठते बैठते हुए उसकी जवानी का दीदार करता रहा।।

आज शालिनी का पीरियड खत्म हो गया था और कल संडे था, तो हमने आज की रात मल्टीप्लेक्स में मूवी देखने का प्रोग्राम बनाया और रात के शो के लिए घर से निकल लिए ,

आज काफी दिनों बाद उसने सलवार सूट पहना हुआ था और हां, जबसे उसने ब्रा पहननी शुरू की थी, तबसे तो पहली बार मैं उसे सलवार सूट में देख रहा था,,,, मानो ना मानो मगर ब्रा पहनने के बाद लड़कियों की चूंचियां और बड़ी और सेक्सी दिखने लगती हैं,,, शालिनी की मस्त बड़ी बड़ी चूचियां और भी बड़ी लग रही थी....

मैंने शालिनी से घर से निकलते हुए बोला - गुड लुकिंग बेबी....

(बोलना तो मैं चाहता था कि गुड लुकिंग सेक्सी बेबी.... लेकिन बोल नहीं पाया)

घर से कुछ दूर निकलते ही शालिनी ने बात करने के बहाने अपनी गुदाज चुचियों को मेरी पीठ पर लगा दिया और मैं उनकी गरमी को महसूस करते हुए मल्टीप्लेक्स पहुंच गया,,।

मैंने शालिनी को साइड में रोककर जानबूझकर दो हफ्ते पुरानी पूनम पांडे की नशा मूवी का टिकट ले लिया और काउंटर वाले से रिक्वेस्ट करके कार्नर की ही सीट ले ली ,,,

टिकट वाला- अरे कहीं भी बैठ जाईयेगा, पूरा हाल ही खाली है... और मुस्कराते हुए टिकट दे दिया ।

शालिनी की आज फर्स्ट मूवी थी मल्टीप्लेक्स में मेरे साथ.... अब तक हम दोनों एक दूसरे से काफी हद तक खुल चुके थे और मुझे पता था कि पूनम पांडे की मूवी में क्या होगा....

अंदर अभी लाइट जल रही थी और हमारा टिकट लास्ट की रो में कार्नर में था , हम दोनों जाकर अपनी सीट पर बैठ गए और आस पास देखा तो पूरे हाल में गिनती के लोग थे, पता नहीं कैसे शो चल रहा था। हमारी लाइन में दूसरे कोने पर एक नया शादी शुदा जोड़ा बैठा था , लाल लाल लंहगा चुनरी में नई नवेली दुल्हन फुल टंच माल लग रही थी,, और हमारे आगे भी एक कपल ही बैठे थे,,, इसी तरह दूर दूर ही लोग बैठे हुए थे ।

कुछ देर में मूवी शुरू हो गई और लाईट आफ हो गई ।

मैं- मूवी में भीड़ बिल्कुल भी नहीं है।

शालिनी- हां,,,, बट मूवी तो ठीक ठाक लग रही है,,,

मैं- मूवी रिव्यू तो अच्छे थे, आगे देखें कैसी है,,,

कुछ मिनट तक तो ठीक था पर फिर पूनम पांडे के एक से एक बढ़कर सेक्सी सीन शुरू हो गये और शालिनी बड़े गौर से देखने लगी और मैं मूवी के साथ साथ शालिनी और आगे वाले जोड़े पर भी नजर रखे हुए था,, ये मूवी मेरी उम्मीद से भी ज्यादा नंगेपन वाली साबित हो रही थी,,, और मुझे गरम कर रही थी,,,

इस मूवी की कहानी में एक कम उम्र के लड़के का अपनी टीचर के प्रति आकर्षण, और वासनामय चाहत की कहानी बन रही थी धीरे धीरे और तभी मेरे आगे बैठे हुए जोड़े में से लड़की उठकर लड़के की गोद में बैठ गई और दोनों ने जबरदस्त तरीके से चूमा चाटी शुरू कर दी... ऊं आआ आह ... छोड़ ना

मैं- (धीरे से शालिनी के गालों से एकदम सटते हुए) असली मूवी हमारे आगे चल रही है,,, देख,,,
और वो हल्का सा उठकर थोड़ा और देखती है,,, देख तो उसने भी लिया होगा पहले ही

शालिनी- (मेरे कान में फुसफुसाते हुए) हूं... दोनों मूवी ठीक चल रही हैं.. ही ही ही ....
 
अब हम दोनों बराबर उस जोड़े पर भी नजर रखे हुए थे। कुछ देर किसिंग करने के बाद अचानक लड़की उस लड़के की गोद से उठी और अपनी सीट पर बैठते ही कुछ तेज से बोली - भाई ईईईई ... क्या है,,, धीरे नहीं दबा सकते,,,

लड़का- स्वारी दी,,,, वो मूवी इतनी हाट है कि मैं क्या करूं, कंट्रोल नहीं होता,, प्लीज़ दी आओ ना

लड़की- नहीं,, कंट्रोल करो,,, अब कुछ नहीं करने दूंगी,,,

लड़का- अच्छा मेरी प्यारी दी,,,, आप अपनी सीट पर ही रहो बट कम से कम बुब्बू तो सहलाने दो,,, प्लीज़... दी...कम आन

लड़की- अब यहां नहीं, घर पर दबा लेना और बुब्बू पी भी लेना...

लड़का- दी, आप घर पर बोलोगी ,मम्मी आ जायेंगी,,,, पापा को पता चल जाएगा,,, और आप घर पर कुछ करने नहीं दोगी ।

लड़की - अच्छा मेरे प्यारे राजा भाई प्रामिस... तू रात को मेरे रूम में आ जाना,,,, अब खुश,,, शांति से मूवी देख... ।

लड़का - ओह माय लव .. कितने दिनों से बुब्बू नहीं पिलाया है आपने याद है...

लड़की - अब ज्यादा सेंटी मत हो ... पागल आज सुबह ही तूने किचन में पिया था और किस भी किया ... तेरा तो पेट ही नहीं भरता है मेरे भाई ...

लड़का - ( अपनी सीट से थोड़ा उठकर लड़की को गले लगा कर किस करने लगा और लड़की ने उसे कुछ मिनट बाद हटा दिया ) थैंक्स दी,,, लव यू सो मच माई सेक्सी दी ..., , यू आर बेस्ट दी...।

और कुछ देर तक वो शांति से मूवी देखते रहे ।

मैं और शालिनी दोनों उनकी बातें थोड़ा आगे होकर सुन रहे थे,,, वो दोनो तो ऐसे फ्री हो कर बातें और चुम्मा चाटी कर रहे थे जैसे उन्हें हम दोनों के अपने पीछे होने का पता ही नहीं हो ,, गजब हिम्मत वाले थे दोनों भाई-बहन ,,,,
अब हमारा ध्यान मूवी में कम और उन दोनों पर ज्यादा था.. हम दोनों एक दूसरे के साथ कान के हिस्से से सटे हुए थे और मेरा एक हाथ शालिनी के कंधे पर था । मूवी की लाइट में बार बार मैं शालिनी के चेहरे को देख रहा था और वो कभी मुझे, कभी मूवी, कभी सामने वाले जोड़े को...

अब ये साफ हो गया था कि सामने बैठा जोड़ा सगे भाई बहन हैं और ज्वाइंट फैमिली की वजह से इनको शायद घर में मौका नहीं मिल पाता है, इसीलिए लड़का इतना उतावला हो रहा है । इसका मतलब दोनों भाई बहन में प्रेमी-प्रेमिका वाला प्यार है...

मुझे लगा कि शायद शालिनी को ये सब अजीब लग रहा हो, मगर वो बहुत उत्सुकता से उन दोनों की हरकतों को देख रही थी,,,, मेरे लिए तो यह सोने पर सुहागा हो गया था.... उधर मूवी में एक सेक्स सीन शुरू हो चुका था .. पूनम पांडे के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे सच में लंड उसकी बुर में हो ..

मैं ये सोच कर खुश हो रहा था कि इन दोनों की हरकतों से शालिनी को अब लगेगा कि भाई बहन के बीच प्रेमी-प्रेमिका वाला प्यार नार्मल है और यह आज़ कल सब करते हैं,,,, अब ये मेरे उपर था कि मैं इस कंडीशन का फायदा कैसे और कितना उठा पाता हूं ।

कुछ देर तक वो शांत रहे, तभी मूवी का साउंड एकदम कम होने से चूड़ियों के खनकने की आवाज आई और मैंने अपनी लाइन के शादी शुदा जोड़े की ओर देखा तो स्क्रीन की लाइट में दिखा कि वो लोग भी चुम्मा चाटी में लगे हुए हैं,,,
मैंने बातों का सिलसिला बढ़ाया....

मैं- शालिनी,,, उधर भी मूवी चालू है...

शालिनी ने उधर देखा और थोड़ा सा हंसते हुए बोली

शालिनी- (कान में फुसफुसाते हुए) यहां तो सभी अपनी अपनी मूवी में बिजी हैं... और हंसती रही....

मूवी के इंटरवल तक यही सब देख देख कर मैं भी गर्म हो चुका था, मेरी भी इच्छा हो रही थी कि मैं भी शालिनी को किस करूं और और चूंचियां दबाऊं ...

लाइट जलते ही सब सामान्य हो गया और मैं बाहर आ कर कोल्ड ड्रिंक और पापकार्न लेकर जब सीट पर बैठने के लिए आया तो देखा कि वो सामने वाला लड़का और लड़की दोनों ही जबरदस्त स्मार्ट थे और एक शानदार जोड़े जैसे लग रहे थे । हम लोग पापकार्न खाते हुए धीरे धीरे बात करने लगे ।

मैं- यहां से निकल कर बाहर ही खाना खा लिया जाए ।

शालिनी- हां ठीक रहेगा, रात भी काफी हो जायेगी ।

कुछ देर बाद मूवी में पूनम पांडे की रोमांटिक चुदाई का जबरदस्त सीन शुरू हो गया और इस समय भी मेरा हाथ शालिनी के कंधे पर ही था...

अचानक मैंने अपने हाथ से उसके कंधे को थोड़ा जोर से दबा दिया और शालिनी ने हल्के से उंह ... किया, बट बोली कुछ नहीं और सामने वाली सीट पर तो हिलने डुलने और सी.... सी.. आह .... की सिसकारियां आ रहीं थीं,,,, वो दोनों फिर से चुम्मा चाटी में जुट गए थे,,,,,,।।

कुछ देर बाद जब एक हाट सांग स्क्रीन पर शुरू हुआ तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने धीरे धीरे अपने दाहिने हाथ को शालिनी के कंधे से धीरे-धीरे उसकी ब्रा की स्ट्रिप के साथ नीचे करता गया और अपनी नजर स्क्रीन पर ही रखी,,,,,
कुर्ते के बड़े गले की वजह से अब मेरा हाथ उसकी ब्रा के कप तक पहुंच चुका था और अंदर हाथ डालने के लिए मैं बहाने से थोड़ा हिला और अपने चेहरे को शालिनी के चेहरे से एकदम सटा दिया । इस हिलने में मेरी उंगलियां शालिनी की ब्रा के कप के थोड़ा अन्दर , शायद उसके निप्पल के ऊपर तक पहुंच गई थी,,,,,, मैं कुछ देर ऐसे ही रुका रहा और तिरछी नजर से शालिनी के चेहरे को देखा..... वो भी सीधे सामने देख रही थी....!!!
 
अब तक मैंने शालिनी की चूचियों को किसी ना किसी बहाने से मतलब मालिश करने के बहाने या फिर सोते समय ही दबाया था और वो भी घर के अंदर.....

ये पहली बार था कि मेरा हाथ शालिनी की चूचियों पर था और हम दोनों के पास कोई बहाना नहीं था,,,, वो भी इस तरह पब्लिक प्लेस पर,,,, मेरे हाथ में जैसे कंपन हो रहा था सोच सोच कर कि शालिनी का क्या रियेक्सन होगा......

गाना खत्म होते होते मैं हौले हौले से उसकी ब्रा के अन्दर ही चूचियों को पंजे से सहलाने लगा और सामने ही देखता रहा,,,, मेरी शालिनी से नजर मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही थी,,,,, लेकिन मैंने गाना खत्म होने के बाद भी हाथ से उसकी दाहिनी चूंची को सहलाना बंद नहीं किया ,,,,,,,

करीब पांच मिनट बाद शालिनी थोड़ा सा ऊपर उठी और अपने सर को मेरे सर से सटा दिया और साथ ही मेरे चूंची वाले हाथ पर अपना हाथ रख दिया,,,,,,

मेरी तो एकदम सांस ही रुक गई एक मिनट के लिए,,, मगर शालिनी ने मेरे हाथ को हटाया नहीं बल्कि हल्का सा सहला दिया और मेरी जान में जान आई....

हम दोनों में कोई बात नहीं हो रही थी और अब मेरे हाथ ने खुलकर उसकी चूचियों सहलाना शुरू कर दिया.... मैं चाह कर भी उसकी दूसरी चूची को छू नहीं पा रहा था.... लेकिन उसकी गर्दन में हाथ डाल कर जहां तक पहुंच सकता था मैंने शालिनी की चूचियों को सहलाया ।

मेरे दूसरे हाथ ने अपना काम कब का शुरू कर दिया था, मतलब जींस के ऊपर से ही लन्ड को मसलना, मेरा लौड़ा किसी भी वक्त पानी छोड़ सकता था,, पता नहीं शालिनी ने मुझे अपना लौड़ा दबाते हुए देखा कि नहीं ...

अब तक मुझे शालिनी के कुर्ते में हाथ डाले काफी टाइम हो गया था और ना जाने मूवी में इस बीच क्या हुआ और कब मूवी ख़त्म हो गई, क्योंकि मेरी आंखें जरूर स्क्रीन पर थी मगर मैं देख और महसूस कुछ और कर रहा था,,,,, मतलब शालिनी की मस्त जवानी से भरपूर बड़ी बड़ी चूचियां

और लाइट जलते ही मैं शालिनी की चूचियों से अपना हाथ निकाल कर सीधा हो कर बैठ गया। जब सामने वाले भाई बहन की जोड़ी उठी तो मैं भी उठकर शालिनी के हाथ को पकड़ कर बाहर निकलने लगा,,, हाल में थोड़ी चहल-पहल थी,,,

अब बाहर की लाइट में पहली बार हमने उन भाई बहन को देखा.... लगभग हमारी ही एज ग्रुप के थे,, और एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर प्रेमी-प्रेमिका की तरह कार पार्किंग की ओर जा रहे थे....

लड़का- दी .. प्रामिस याद रखना बु ...
लड़की- मेरे राजा भैया मुझे प्रामिस याद है ,,, अब तुम यहीं ना प्रामिस पूरा करने लगो कहीं ,,,, ही ही ही हंसते हुए..

मैं भी उसी तरह शालिनी के हाथ को पकड़ कर उससे सटकर प्रेमी-प्रेमिका के जैसे बाईक पार्किंग की ओर चलने लगा ।

पीछे से उन दोनों को देख कर मैंने काफी देर की चुप्पी को तोड़ा.....

मैं- अच्छी जोड़ी है.... लविंग कपल

शालिनी- यस,,,, बटटटट ??

मैं- क्या,,,, बट क्या ?

शालिनी- (मुझसे सटकर चलते हुए) वो... वो .. कपल नही है मेरा मतलब... वो तो...

मैं- हां,,, वो तो क्या ?

शालिनी- मींस... ब्रदर सिस्टर ... लड़का बोल रहा था दी... उस लड़की को ।

मैं- ओह तेरी... तो क्या हुआ वो भाई बहन भी है और कपल भी... सिम्पल ।

शालिनी- हुंह ... सिम्पल .. हंसते हुए...बड़े लोग बड़ी बातें.... ।

(अब तक हम अपनी बाईक के पास आ चुके थे और मैंने मौका देख कर शालिनी के कंधे को हल्के से अपने कंधे से उचकाते हुए , हंस कर बोला)

मैं- सोनोरिटा,,, बड़े बड़े शहरों में ऐसी बड़ी बड़ी बाते होती रहती हैं,,,,
और हंसते हुए बाइक स्टार्ट की, शालिनी ने पीछे बैठते ही मेरी पीठ पर एक पंच मारा प्यार वाला और... चलती बाइक पर

शालिनी- हूं,,, तो आपको बड़े बड़े शहरों की बड़ी बड़ी बातें अच्छी लगती हैं.... हा ... हा ...है ना भाईजी...

मैं - और क्या,,, एक मूवी के टिकट में दो दो मूवी देखने को मिल गई,,, हा .... हा ...

शालिनी ने फिर से मेरी पीठ पर पंच लगाया और हंसते हुए हम एक रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए आ गये, खाना खाने के बाद हम लोग घर के लिए निकल पड़े,,,,, मेरी तो पांचों उंगलियां घी में थी, ये सोच कर ही शालिनी को भी उन भाई बहन की चुम्मा चाटी में मजा आया
और उसने एक बार भी ये नहीं कहा कि मेरे प्यारे भैया आप भी तो अपनी बहन की चूचियां दबा रहे थे, मसलने की कोशिश कर रहे थे,,,, खैर मैं बहुत उत्सुकता से घर में अंदर आया और चेंज करने के बाद हम दोनों साथ में सोने की तैयारी में जुटे थे ।।


मैं रोज की तरह अंडरवियर निकाल कर बरमूडा पहनकर बिस्तर पर लेट गया, शालिनी आते ही बाथरूम में घुस गई शायद उसे बहुत तेज सू-सू आयी थी, कुछ मिनट बाद शालिनी आकर मेरे बगल में लेट गई मगर आज उसने कपड़े चेंज नहीं किए और सलवार सूट में ही लेटी थी, अंदर की ब्रा भी नहीं निकाली थी ,,,

मैं कहां सोच रहा था कि आज तो शायद खुलकर कुछ मज़ा लेने को मिले, मगर यहां तो मेरे अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा था, क्योंकि पिछले काफी दिनों से शालिनी बिना कहे, सिर्फ समीज और निक्कर पहन कर मेरे साथ सोती थी और मैं रात में जी भरकर उसकी रसीली चूचियों से खेलता था,,,, उनकी गरमी को महसूस करता था ,, ये तो खड़े लन्ड पर धोखा था । मुझे अब तो नींद आनी नहीं थी तो मैं फिर से शालिनी से बात करने लगा ।

मैं- आज तुम्हें ठंडी लग रही है क्या ?

शालिनी- नहीं तो, ऐसा क्यों लगा आपको ?

मैं- वो आज तुमने चेंज नहीं किया और सलवार सूट पहन कर ही लेट गई हो,,,,

शालिनी- नहीं.. नहीं.. बस ऐसे ही मन नहीं किया तो ...

मैं- अच्छा,जब गर्मी लगे तो चेंज कर लेना... वैसे तुमने बताया नहीं कि मूवी कैसी लगी ?

शालिनी- भाई जी, मूवी अच्छी थी, मेरे लिए तो वैसे भी यादगार रहने वाली है क्योंकि ये मेरे स्वीट और केयरिंग भैय्या के साथ मल्टीप्लेक्स में मेरी पहली मूवी थी... नाम भी अच्छा है... नशा.... हमेशा याद रहेगी ।

मैं- हां,,, अच्छी थी,,, और थोड़ा सा बोल्ड भी... पूनम वाज लुकिंग सो सेक्सी एंड हॉट....
 
शालिनी- हां,,, थोड़ा सा एक्सपोज तो अब सभी मूवीज में होता ही है,,, बट भाई,,, प्लीज़ माम से मत बोलना कि हमने ये मूवी देखी साथ में, उनको शायद ठीक ना लगे ।

मैं- ओह... कम आन बेबी, इसमें ऐसा क्या था जो माम को ठीक नहीं लगेगा,,, इतना सब नार्मल है ,,, चलो तुम कहती हो तो नहीं बताऊंगा,,, अच्छा मेरी प्यारी बहना और क्या-क्या छुपाना है माम से.... हंसते हुए

शालिनी - (हंसते हुए) भाई ईईईई,,, आप फिर से मेरे से मजे लेने लगे,,,, मेरा और कोई सीक्रेट नहीं है... आपके जरूर हैं ??

मैं - अच्छा अच्छा,, बेबी,,, तुम्हारे तो सीक्रेट ही सीक्रेट हैं.... और मैं हंस दिया..।

शालिनी- मुझे भी आपके बहुत से सीक्रेट पता हैं,,,,, (और वो लेटे लेटे ही मेरी तरफ घूम गई और मेरी आंखों में देखने लगी,,,, मुस्कराते हुए... मैं भी अपलक उसकी बड़ी-बड़ी काली आंखों में देखता रहा ,,, फिर शालिनी ने ही नज़रें झुका ली.... वाह.... क्या जबरदस्त फीलिंग थी उसकी आंखों की गहराई में ,,, जैसे ढेरों सवाल...)

मैं- अच्छा, तो अब तुम मेरा कोई सीक्रेट बताओ,,, जो मैं सबसे छुपाता हूं ।

शालिनी- बताऊं... और हंसते हुए मेरे बरमूडे की इलास्टिक को खींचते हुए,,,, आप ना इसके अंदर कुछ नहीं पहनते,,,,, और वो हंसती रही,,,,

मैं - ओह... तो ये कौन सा सीक्रेट हैं, सभी रहते हैं ऐसे गर्मियों में आज कल,,, ये वाला कैन्सल ,,, और कुछ बताओ....

शालिनी - आपकी गर्लफ्रेंड

मैं- कोई है नहीं, सबको पता है,,, तुमको भी पता है,,, कैंसल...

शालिनी ने इसी तरह काफी चीजें बतायी मेरे बारे में लेकिन मैं सब को कैन्सल करता गया और आखिर में उसने जो बोला तो मेरी आगे की काम लीला की कहानी बन गई,,,,,

मैं- और कुछ बोलो... तुम्हें मेरा कोई भी सीक्रेट नहीं पता,,,, और मैं हंस दिया

शालिनी - वो वो ... आज मूवी में जो ...... "बड़े बड़े शहरों में ऐसी बड़ी बड़ी बातें होती रहती हैं" जो हो रहा था ,,,ना.... आपको वो पसंद है.... है ना भाई.... बोलो ... बोलो अब बोलो,,,, ये है आपका सीक्रेट,,,, गाट इट,,,,

मैं- हूं,,,, तो ये तो तुम्हारा भी सीक्रेट हैं... तुम भी तो कान लगाकर सुन रही थी और देखा भी मेरे ही जितना....

शालिनी - मेरा क्यों,,, वो तो आप दिखा रहे थे,,, तो

मैं- मतलब मैं तुम्हें कुछ भी दिखाऊं,,, तुम देखोगी ।

शालिनी- हां,, क्यों नहीं,,, आप मुझे कोई ऐसी-वैसी चीज थोड़े ना दिखायेंगे ।

मैं- अच्छा, मेरी प्यारी बहना को अपने भाई पर इतना भरोसा है,,, और मैं उसके चेहरे पर गिरे हुए बालों को सहला कर उसके चेहरे पर से हटाने के बहाने पूरे चेहरे को सहलाते रहा,,,, गर्दन के नीचे उसके कुर्ते के गहरे गले से उसकी रसीली चूंचियां भी दिख रही थी,,

शालिनी- हां,,,, मेरे स्वीट स्वीट राजा भैया,,,,, आप पर ही मुझे पूरा भरोसा है... आप कभी कुछ भी ग़लत नहीं होने देंगे मेरे साथ।

और हम दोनों एक दूसरे की नजरों में देखते हुए बिस्तर पर गले मिलने के जैसे लिपट गये और शालिनी मेरे सीने में बच्चों की तरह चिपक गई,,, वो बहुत इमोशनल हो गई थी और मैं काफी देर तक शालिनी की पीठ को सहलाता रहा,,,,

कुछ पलों तक तो ये भाई बहन वाले प्यार का आलिंगन रहा,,, मगर मेरे लिंग ने अपना काम शुरू कर दिया और शालिनी के पेट पर वो चुभने लगा, शालिनी की चूंचियां अब पूरी तरह मेरे नंगे सीने में धंस रही थी,,, उसके बदन में गजब की मादक खुशबू थी।।

मैंने एक कोशिश की कि इस समय लन्ड ना खड़ा हो लेकिन सब बेकार.... मैं शालिनी की पूरी पीठ सहला रहा था कुर्ते का कपड़ा बड़ा चिकना था और उससे भी ज्यादा चिकनी शालिनी की पीठ का खुला हिस्सा... बार बार मेरे हाथ में उसकी ब्रा की स्ट्रिप में अटक रहा था,,,
 
मैंने अपने लन्ड को शालिनी के पेट में घुसने से बचाने के लिए हल्का सा अपने आप को एडजस्ट करने की कोशिश की मगर लन्ड महाराज ने शालिनी के पूरे पेट पर रगड़ाई कर दी,,, और झटके लेने लगे,,, मैं कुछ और करता इसके पहले शालिनी अचानक मेरी बाहों के घेरे से बाहर निकल कर खड़ी हो गई और दरवाजे पर बाहर से खड़े हो कर हंस कर बोली ....

शालिनी- भाई ईईईई...ये रहा आपका सबसे बड़ा सीक्रेट (मेरे बरमूडे में खड़े लन्ड की ओर उंगली दिखाते हुए ),,, और इतना कह कर वो बाथरूम में घुस गई.....

अहा.... इतना सुनते ही मेरे लन्ड ने एकदम छत की ओर सीधे खड़े हो कर सलामी ठोकी....


मैं शालिनी के बाथरूम से आने के पहले लन्ड को बैठा देना चाहता था मगर वो और झटके लेने लगा और बैठने का नाम ही नहीं नहीं ले रहा था,,,

इस कंडीशन में लन्ड को शांत करने का सिर्फ एक ही तरीका है मुठ मारकर गर्मी निकाल दो,,, इस समय मैं वो भी नहीं कर सकता था...


मैंने अब अपने लन्ड को मसलना बंद कर दिया और करवट होकर लेट गया, बिना अंडरवियर के ढीले ढाले बरमूडे में खड़े लन्ड को शालिनी से छुपाना असम्भव था,, मैं सोचता हुआ लेटा रहा,,, अब मैं ये समझ गया था कि शालिनी कुछ कुछ समझ तो रही है मेरे इरादे,,, या अभी भी वो समझ नहीं पा रही है,, अब मैंने एक कदम आगे बढ़ने का तय कर लिया ।

कुछ देर बाद शालिनी आकर मेरे बगल में लेट गई और दो मिनट सीधे लेटने के बाद मेरी तरफ करवट होकर बोली,,*

शालिनी- भाई ,,नींद नहीं आ रही है और ऐसा लग रहा है कि आप भी अपने सीक्रेट वाले गेम में हारने से कुछ बोल नहीं रहें हैं, ।

मैं- अरे नहीं बेबो,,,, नाराज और तुमसे,,, कभी नहीं,,, और वो मेरा ही नहीं सभी ब्वायज का सीक्रेट होता है ,,, कम आन,,, रिलैक्स ,,, वो कभी कभी हो जाता है ,,,, हार्ड,,,,*

शालिनी - ही,,, ही,,, कभी कभी,,, या*...

मैंने माहौल को फिर से बनाने की कोशिश की और अपना एक हाथ उसके गालों पर फिराने लगा ,,,, उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां सांसों के साथ और बड़ी बड़ी हो रही थी,,,,*

मैं - अरे,,, वो हो जाता है समटाइम्स ... यार वो तुम नहीं समझोगी,, कितना एमब्रैसिंग होता है कभी कभी ,,, तुम लोग की तो मौज है,,, पता ही नहीं चलता,,,, मैं बोलता गया ...

शालिनी- मुझे पता है मेरे राजा भैया, बट ,, ही ही ,, ये अभी ...*

मैं- अरे, कोई नहीं ,, अभी दो मिनट में रेगुलर हो जाएगा ।।

हम दोनों के खुलकर बिना नाम लिए अपने लन्ड के बारे में बात करने की सोच कर ही लन्ड और झटके लेने लगा ।

और वो मेरे पास आ कर मेरे हाथ पर अपना हाथ रख कर उसे धीरे धीरे सहलाने लगी । मैं भी उससे अपने शरीर के नीचे के हिस्से को थोड़ा दूर रखकर उसके बालों में उंगलियां फिराने लगा और उसके बदन की खुशबू से मेरी आंखें बंद होने लगी और शालिनी ने भी हल्की सी मुस्कान के साथ अपनी आंखें बन्द कर ली,,,, अभी रात के एक बज रहे थे और कल संडे होने से हमें कोई प्राब्लम नही थी,,, देर से सोने में,,,*
 
मैंने अचानक गौर किया कि मूवी से आने के बाद शालिनी मुझे बार बार राजा भैया बोल रही है... मतलब शालिनी को मूवी में उन दोनों भाई बहन का प्यार करना शायद अच्छा लगा और तभी वो उस लड़की के जैसे अपने भाई को राजा भैया बोल रही है,,, मैंने फिर से बात करने की शुरुआत करी ,,,,,*


मैं- शालिनी,,,, अच्छा ये तो सोचो कि इस समय वो दोनों क्या कर रहे होंगे ।

शालिनी - ( आंखें बंद करके ही) कौन दोनों ??

मैं- अरे वही मूवी वाले दी ,,,,, और राजा भैया ।

शालिनी - (आंखें खोल कर एकदम बच्चों जैसे) - ही,,,, ही,,,, जाने क्या कर रहे होंगे ,,,सो गए होंगे और क्या ?

मैं - तुमको लगता है कि मूवी में हमारे सामने इतने बेसबरे लोग सो गए होंगे,,,, ही,,, ही,,,, गुड जोक,,,,*

शालिनी - हां ये तो है कैसे दोनों तेज तेज आवाज करके मूवी में ही शुरू थे,,, अब तो,,,,, और वो चुप हो गई ।

मैं बराबर उसकी पीठ से लेकर सिर तक के खुले फैले बालों को सहलाता रहा । मैंने देखा कि शालिनी भी उन दोनों भाई बहन के बारे में बात करने में मजा ले रही है और मूवी में अपनी चूची मिंजवाने को नजरंदाज कर रही है तो मैं और आगे बढ़ा ,,,,*

मैं- शुरू थे , क्या शुरू थे , अरे वो दोनों तो इस समय एक ही कमरे में होंगे तब तो पगलाये होंगे चुम्मा चाटी में,,,
मैं हिम्मत करके बोल गया ...*

शालिनी - हूं ,,, वैसे भाई,,, सच में मुझे तो वो दोनों पागल , बेवकूफ लोग लग रहे थे,,, कैसे वहां सबके सामने,,,*

मैं- अरे, तो बेचारे क्या करें सुना नहीं था कि घर में मौका नहीं मिलता,,,, तभी तो मूवी में आए थे शायद।

शालिनी- ओह ,,,,। सो सैड स्टोरी ,,,, आपके बड़े बड़े शहरों में ऐसी बड़ी बड़ी बातें होती रहती हैं,,,, है ना,,,, और वो खिलखिला कर हंस पड़ी ,,, ।

"सो सैड नहीं सो सेफ रिलेशन" अगर वो दोनों बेवकूफी ना करें तो तो ,,, इट्स सेफ ...*

आजकल ब्वायफ्रेंडस बहुत परेशान करते हैं रिलेशनशिप में तरह तरह से ,,,*तुम्हें नहीं पता ,,,

अब तक की बातों से ये तो पक्का हो गया था कि शालिनी को उन दोनों सगे भाई बहन के बीच प्रेमी-प्रेमिका वाला प्यार देखकर ये नार्मल लगा है और मेरे लिए रास्ता साफ है ....*

मैं- अच्छा मतलब,,, सबके सामने प्यार का इजहार ना करें और और घर में ..... हंसते हुए*

शालिनी- हां हां,, कम से कम बाहर तो ध्यान ही रखना चाहिए, आप सोचो अगर हम दोनों के अलावा कोई और वहां होता तो ,, मतलब कोई अंकल,,, आंटी,,, टाईप ,,, ही ही,,,*

मैं- हां, हां,, कोई और होता तो तो तो ,,,, वो भी शुरू हो जाता वहीं ,,, ।।

शालिनी- (धीरे से फुसफुसाते हुए) तो शुरू तो था ही ,,,,,,*

और थोड़ा तेज से बोली गुडनाईट भाई,,, और सोने की कोशिश करने लगी ।


मैंने ये सुना तो मूवी में शालिनी की चूंचियों को मसलने की याद आ गई और मुझे ये भी लगा कि उसे मूवी में पब्लिक प्लेस पर मेरे हाथों से चूचियां दबवाना पसंद नहीं है,,, और घर के अंदर,,,???
खैर कुछ देर में हम दोनों को ही नींद आ गई ।

अगली सुबह हम दोनों की आंखें साथ ही खुली और शालिनी बिल्कुल नार्मल बिहैव कर रही थी । वही रोज जैसे गांड़ मटकाते हुए चलना ... चूंचियों को उछाल उछाल कर चलना ,,, मैं भी दिन में कोई सीन क्रिएट करने के मूड में नहीं था,,, दिन भर हमने घर की साफ-सफाई की और पेंडिंग काम निपटाते रहे और कई बार अब हम दोनों में द्विअर्थी बात हो जा रही थी ।*
 
बाहर बरामदे में सफाई करते हुए जब मेरी नज़र कपड़ों पर पड़ी, तो मैंने देखा कि शालिनी की जिन दो ब्रा में मैंने मुठ मारी थी पिछले दिनों,, वही लाल और काली ब्रा टंगी हुई है.... इसका मतलब शालिनी ने दोनों ब्रा को अब तक धोया नहीं था,,, क्या शालिनी को पता चल गया था कि उसकी ब्रा में मैंने हस्तमैथुन करके अपने वीर्य से लबालब भिगोया है, । और इसी तरह काम करते समय मैं शालिनी के बदन को देख देख कर गनगना उठता और आगे उसे छूने के बहाने बनाने की सोचने लगा ।

और शालिनी के बदन की गोलाईयों को देख कर मेरा दिन कट गया ,शाम को खाने के बाद हम दोनों थोड़ी देर छत पर टहले और पड़ोसी मेरी सैकड़ों बार कल्पनाओं में किये हस्तमैथुन की साथी सेक्सी भाभी से हम दोनों ने काफी देर तक बातें की ।
भाभी ने शालिनी की खूबसूरती की जी भर तारीफ की, चांदनी रात में शालिनी की मस्त जवानी के दीदार का अहसास अलग था मैं अब उसके शरीर से उसके समर्पण के साथ खेलना चाहता था चोरी चुपके से नहीं ।।,, मगर कैसे ??

भाभी ने ऐसे ही मजाक मजाक में पूछ लिया कि हम दोनों साथ सोते हैं कि अलग-अलग रूम में ,,, तो शालिनी ने बहुत सफाई से झूठ बोला ।

शालिनी-भाभी, एक्चुअली भैय्या आगे रूम में देर तक टीवी देखते हैं और मैं पढ़ाई के लिए पीछे रूम में ही रहती हूं,,, वही सो भी जाती हूं ।

भाभी- अरे, मैं तो कह रही थी,,,सुला लो सागर भैय्या मेरी लाडो रानी को अपने पास,, नहीं तो कोई और ले उड़ेगा,, ज़माना ख़राब है और मेरी ननद रानी है बहुत सेक्सी... पटाखा,,, सम्हल के रहना , मेरी बन्नोरानी,,, मेरे देवर से,, और वो हंसने लगी ।।

शालिनी- हां हां,, खूब मजे ले लो आप लोग,,, मुझे सेक्सी सेक्सी बोल बोल कर, भाभी आप भी ना...

भाभी -अरी बन्नो , मैं तो मजाक कर रही हूं, सागर भैय्या बहुत ही केयरिंग हैं और तुम्हारा अच्छे से ख्याल रखेंगे ।। और किसी हरामी ने मेरी बन्नो पर नजर भी डाली ना तो देख रही हो ना मेरे देवर राजा की सालिड बाडी ...

शालिनी (इठलाती हुई) वो तो है ,, मेरे राजा भैया की सालिड बाडी...
मैं - हां हां ,,, अब तुम दोनों लोग मिलकर मेरी खिंचाई करोगे ,,,

फिर ऐसे ही थोड़ी देर बात करने के बाद हम नीचे आ गये ।

और मैं आईने के सामने बाल संवारती हुई शालिनी को देख कर अपनी चाल चलते हुए बोला ...

पता है बचपन में मैं तुम्हें अपने कंधे तक उठा लेता था ,,, अब पता नहीं ... उठा पाऊं कि नहीं ,,, और अपने डोले देखने का नाटक किया जैसे मैं अपनी ताकत का अंदाजा लगा रहा होऊं ।

शालिनी :- क्यू नहीं उठा सकते भाई...मैं इतनी भारी नहीं हूं और मोटी तो बिलकुल भी नहीं हु....

शालिनी ने थोड़ा माहौल को हल्का करने के लिए मजाक किया लेकिन जब उसने सोचा होगा कि वो क्या बोल गयी तब उसे अहसास हुआ होगा कि वो गलती कर बैठी है ।

... ये सुनके मेरी आंखो में चमक आ गयी... शालिनी को उठाने की उसे गोद में बिठाने की बात को सोचते ही... मेरे मन में दबी हवस एकदम से उछल पड़ी।

मैं :- नहीं नही, तुम बिलकुल मोटी नहीं ...बल्कि बिलकुल फिट हो... सुपर हिट हो ... मेरी बहना, देखा नहीं भाभी जान कैसे तुम्हारी खूबसूरती की तारीफ कर रही थीं।।

(मन में...तुमने सही जगा पे सही वजन बढा़या हुआ है बेबी .. जहां जितनी मांसलता होनी चाहिए उतनी ही है...)

शालिनी :- हम्म्म्म्म ..

और वो थोड़ी शरमा गयी , मैं उसके चेहरे को देखते हुए उसे उठाने लगा ।


शालिनी- भाई जी,,,, प्लीज़ ,आराम से उठाना...गिरा मत देना...और उससे भी इम्पोर्टेन्ट अपनी कमर का ख्याल रखना....

मैं :- तुम चिंता मत करो...अभी बहुत जान है मुझमे... पहले तो मैं तुम्हें उपर उछाल कर गोद में बैठा लेता था ।

हम दोनों ने एकदूसरे को देखा... शालिनी ने आज भी वही घुटनों के काफी उपर तक वाली निक्कर पहन रखी थी ..टॉप तो हमेशा की तरह वो बिना बांह की टी-शर्ट थी ...और मैं थोड़ा आगे हुआ... शालिनी की तेज चलती हुए सांसे मेरेे चेहरे से टकराईं....उसके जिस्म की खुशबू मेरी सांसों में बस सी गयी...
 
शालिनी को भी मेरी साँसों की महक आने लगी थी ... मैंने शालिनी की कमर पे हाथ रखा और और थोड़ा झुका... मेरा चेहरा शालिनी की गोल मटोल बड़ी सी चुचियों के करीब था.... मैं उन्हें देखने लगा... शालिनी को मेरी साँस अपनी चूचियों के बीच क्लीवेज पे महसूस हुई....उसने देखा की मैं बड़ी बड़ी आखे फाड़ के उसकी चुचियों को घूर रहा हूं...
तो शालिनी ने अपने हाथ मेरेे कंधे पे रखे और इंतजार करने लगी की मैं उसे उठाऊंगा...

मैं शालिनी की चुचियों को इतने करीब से देख रहा था... और मेरा लन्ड बिना अंडरवियर के फिर से बरमूडे में खड़ा हो गया था ।

....फिर मैं अपने हाथ धीरे से नीचे ले गया... मैं जानबुझ के अपनी हथेलियां शालिनी की गांड को सहलाते हुए नीचे ले गया...क्यू की पता नहीं, ऐसा मौका दुबारा कब मिले या, ना मिले... शालिनी को मेरे हाथों का स्पर्ष अपनी गांड पे होते ही उसकी आँखे बंद सी हुई...उसकी आह निकल गयी...लेकिन उसने वो बाहर अपनी जुबान पर नहीं आने दी....शायद वो भी गर्म होने लगी थी और उसकी भी चूत गीली होने लगी हो ......उसका जिस्म गरम होने लगा...

ये सब सिर्फ कुछ सेकण्ड में हुआ लेकिन बहुत गहरा असर छोड़ रहा था मैंने अपने हाथ उसकी सुडौल गांड़ के नीचे ले जाकर एक हाथ से दूसरे हाथ को पकड़ा और शालिनी को उठाने लगा....*

शालिनी ने मुझे गले से पकड़ रखा था...एक झटके के साथ शालिनी के दोनों पैर हवा में थे...झटके के कारण शालिनी का बैलेंस थोडा बिगड़ा और उसका भार मुझ पर पड़ने लगा...उसकी चुचियां अब मेरे चहरे पे दब सी गयी..
और मेरी नाक में उसकी चूचियों की महक भर गई ...

शालिनी ने तुरंत अपने आप को थोड़ा पीछे किया...लेकिन तब तक मुझको उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों के गुदाजपन का अहसास हो चूका था...कुछ पल के लिए ही सही लेकिन मैंने अपने होंठ शालिनी की चुचियों पे रख दिए थे....

आज ये पहली बार हुआ था कि मेरे होंठों ने उसकी बड़ी बड़ी नरम चुचियों को अपने होंठों से छुआ भले ही वो टी-शर्ट के ऊपर से ही था । उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को अपने चेहरे पे पा के मेरे होश उड़ गए थे.... मेरा लगभग सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा लौड़ा खड़ा हो गया था जो अब सीधा 90 डिग्री के एंगल में खड़ा हो चुका था और शालिनी की नंगी जांघ पे रगड़ खा रहा था....

शालिनी को जब मेरे कड़क लंड का अहसास हुआ तो उसकी चूत और भी गीली होने लगी होगी ...उसके कान एकदम गरम हो गए...उसका चेहरा और गुलाबी रंग का होता जा रहा था......
शायद शालिनी को अब ये सब बर्दास्त के बाहर हो रहा था....

शालिनी- ओह ... भाई प्लीज़ नीचे उतारिये...मैं गिर जाउंगी....।

मैं तो उसे ऐसे ही पकड़े रहना चाहता था पर अब ये करना ठीक नहीं था...... मैं धीरे धीरे शालिनी को नीचे उतारने लगा....उतारते वक़्त मेरे हाथ फिरसे शालिनी की मांसल गुदाज , गद्दे जैसी गांड़ पर आ रुके.. शालिनी को मेरे खड़े लंड का अहसास भी हो रहा था....उसने झट से अपने आप को मुझसे दूर किया.. मेरी सांस भारी हो रही थी और थोड़ा सा हांफ भी रहा था... शालिनी ने जब ये देखा तो...

शालिनी- आप ठीक तो हैं ना ??...रुकिए मैं पानी लेके आती हुं..


शालिनी मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी और ना ही मैं ...इसलिए वो पानी लेने के बहाने से किचन में भाग गयी....

मैं बेड पर बैठ गया और अपना लंड अड्जस्ट करने लगा... शालिनी जब किचन से पानी लेकर वापस आ रही थी तब उसनेे मुझे अपना लंड दबाते हुए देखा तो वो शरम से पानी पानी हो गयी...उसने मुझको पानी दिया... शालिनी मेरे सामने खड़ी थी और मेरे खड़े लन्ड को घूर रही थी ,,, ।

मैं :- (पानी पीते हुए.......) फिट हूं मैं भी ,,,, अभी भी तुम्हें मैं... बचपन की ही तरह उठा लेता हूं ।

शालिनी :- अच्छा ,,,, भाई जी आप तो सुपर हिट हो सुपर फिट बाड़ी भी है आपकी ,,,, चलिए जी, अब सोते हैं...11.30 बज गए है....


मैं :- रुको तो बेबी ...अभी तो तुम्हें बाहों में उठाया है ...अब जरा गोद में भी तो बिठा लूं ,,,,
और मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया ।।
 
शालिनी को शायद यकीं नहीं हो रहा था की मैंने जानबूझ कर ऐसा किया... शालिनी ही क्या...मुझको खुद पे यकीं नहीं हो रहा था कि की मैंने ये कहते हुए शालिनी को अपनी गोद में बिठा लिया है... शालिनी जब बैठी तो उसकी पीठ मेरी तरफ थी...मेरे हाथ उसकी कमर के इर्द गिर्द थे.... मुझको जैसे ही उसकी मांसल गांड का स्पर्श अपने लंड पे हुआ मेरा लंड हरकत करने लगा...

शालिनी को भी मेरे खड़े लंड का स्पर्श अपनी गांड पे साफ़ साफ़ महसूस होने लगा.... शालिनी अब थोड़ा सा साइड से टर्न हुई...जिसकी वजह से उसकी चुचियां फिर से मेरे चेहरे के पास आ गयी...वो भलीभांति जानती थी की इस समय मैं बस उसके जिस्म को छूने के बहाने ढूंढ रहा हूं ।

पर मैं ऐसे खुलकर ऐसा कुछ करूंगा, इसपे शालिनी को यकीं नहीं हो रहा होगा ।

शालिनी ने हल्के से उठने की कोशिश की तो मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघ पे रख दिया...जब शालिनी उठने की कोशिश कर रही थी तब उसकी नरम गांड दो तीन बार मेरे हलब्बी टाइट लंड से रगड़ गयी... जिससे मेरा लंड और भी जोश में आ गया.... शायद शालिनी को ये सब अच्छा तो लग ही रहा था पर बहुत अजीब फील हो रहा हो मेरी तरह .... कुछ देर बाद

हम दोनों के लिए ही ये सब कुछ पहली बार और पहला एहसास ही था ।

शालिनी :- प्लीज़ अब छोड़िये मुझे...ये क्या कर रहे हो आप ,, आ सी ई ई ??

मैंने उसकी जांघ पे हाथ का दबाव बनाया ...

मैं :- कुछ नहीं बेबी...बचपन में तुम्हे मैं ऐसे ही गोद में लिया करता था । और आगे अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया,,*

शालिनी मुझको ऐसे इमोशनल होते हुए देख शांत हो गयी.... शालिनी ने घूमे हुए अपना एक हाथ मेरे गले में डाला और दूसरे हाथ को मेरे चेहरे पे रखा....


हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और शालिनी उस पल में बह गयी...और उसी हालात में उसने मुझे गले लगा लिया... शालिनी मेरी गोद में बैठी हुई थी जिसके वजह से मेरा चेहरा सीधा चुचियों के ऊपरी हिस्से पे दब गया... शालिनी ने क्या किया इसका अहसास उसे तब हुआ जब उसे अपनी गांड पे फिरसे मेरा लंड खड़ा होते हुए महसूस हुआ...

मैंने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और शालिनी को कस के गले लगा लिया...और थोड़ा सा शालिनी को पकड़ के खुद भी अड्जस्ट हो गया... मैंने अपने गाल शालिनी की चुचियों पे एक दो बार दबा लिए....और नीचे से अपना लंड उचका के शालिनी की गांड़ पर रगड़ रहा था ।।

शालिनी की हालत फिर से खराब होने लगी....उसकी पहले से ही गीली चूत और भी गीली होने लगी होगी ....

मेरे गरम लंड का स्पर्श उसे अपनी बुर के आस पास हो रहा था...अगर वो निक्कर और पैंटी ना होती...लंड सीधा उसकी बुर पे रगड़ रहा होता....उसकी धड़कन बढ़ने लगी थी....उसकी सांसे तेज हो रही थी....जिसकी वजह से उसकी चुचियां जिसपे मेरा चेहरा था...वो तेजी से ऊपर नीचे होने लगी...

शालिनी की टी-शर्ट गले के पास कुछ ज्यादा ही खुल गई थी,, शायद जब मैंने उसे उठाया था तब खींचा तानी में उसके गोरे गोरे स्तन भी उपर से खुल गए थे । मैंने अपना गाल उसकी चुचिया जो लगभग अधनंगी हो चुकी थी उसको सहला रहा था। वो अब मुझसे दूर होना चाहती थी पर...उसे वो सब अच्छा लगने लगा था...उसे बहुत मजा आ रहा था... तभी तो वो मुझे रोक नहीं रही थी ।।

मैं धीरे धीरे उसकी ऊपर नीचे होती चुचियों पे अपने गाल दबा रहा था...और नीचे से थोड़ा अपनी गांड़ को उठाया और लंड को शालिनी की गांड पे रगड़ा... शालिनी को एक झटका सा लगा और वो हल्का सा उठ खड़ी हुई ।


मुझसे अपने को हल्का सा अलग किया... मुझको लगा की मैंने बेवजह ही ऐसा क्यू किया .... मेरे पास और मजे करने का मौका था लेकिन मैं भी क्या करता...जब लंड खड़ा हो जाता है तो उसे रगड़ना मज़बूरी हो जाती है... मैंने और शालिनी ने एक दूसरे को देखा...

शालिनी :- अब मुझे उठने दीजिये. उसकी आवाज में गज़ब की खनक थी .. और प्यास थी ... ।।

मेरे पास अब कोई बहाना नहीं था उसे रोकने का.. शालिनी बैठे बैठे ही दूसरी साइड सरक गयी...उसने देखा कि मेरा लंड पुरी तरह से तना हुआ है.. बरमूडे में अलग से जाहिर.... मुझको पता था शालिनी जैसे ही उठेगी उसे वो दिखाई देने लगेगा... मैं तैयारी में था... मैंने झट से बेड पे रखा हुआ तकिया उठाया और अपने लंड को कवर कर लिया।।

हम दोनों बहुत गरम हो चुके थे। और चुप थे। क्या बात करें किसी को समझ नहीं आ रहा था...

शालिनी - भैय्या अब सोते हैं... ..

शालिनी ने ही उस ख़ामोशी को तोड़ा ....

************
 
कल रात शालिनी के सोने के बाद मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे चिपका कर सो गया ,,,

अगले दिन सुबह शालिनी नार्मल बिहेव कर रही थी...ये देख कर मैने ये सोचा की या तो शालिनी को मेरे उसकी चूचियों को पीकर उसकी बुर चोदने के इरादे का पता नहीं चल रहा है या पता है फिर भी वो अनजान बन के मजे ले रही है.... ।।

मैंने सुबह जब शांति से विचार किया तब मैंने बहुत सोचा और ये तय किया की अब मैं कम से कम दिन में तो शालिनी से थोड़ा दूरी बना के रहूंगा,,, क्यू की ये सब बहुत ज्यादा हो रहा था। इस सब के चक्कर में कहीं शालिनी की पढ़ाई ना डिस्टर्ब हो जाए ,,,

लेकिन जब एक बार ऐसा कुछ होता है .. तो होते रहने का दिल करता है...... एक बार कोई मर्द किसी औरत को छू लेता है तो दोनों ही एक दूसरे से ज्यादा देर दूर नहीं रह सकते और शालिनी पर कयामत के जैसे जवानी आयी थी,, उसका रुक पाना नामुमकिन हो गया था...कलरात जो भी हुआ था उससे मेरी हिम्मत और भी बढ़ गयी थी।

आज शालिनी पहले दिन कालेज में क्लास अटेंड करने के लिए जाने के लिए तैयार हो रही थी, मुझे कई बार शालिनी के शरीर को हल्के फुल्के अंदाज में टच करने का सुबह सवेरे मौका लगा । आज शालिनी ने ब्लैक कलर की टी-शर्ट के साथ ब्ल्यू शार्ट जींस पहनी थी,, उसके अंदर पर्पल कलर की ब्रा पहनी थी जिसकी एक पट्टी देख कर मैंने जाना,, गौर से देखने पर ब्रा अपना पूरा शेप दिखा रही थी,, शालिनी की मस्त चूचियां और गजब ढा रही थी ।

ये अजब खेल हो रहा था हम दोनों के बीच,,, दोनों को पता है कि अब हम दोनों सिर्फ भाई बहन नहीं रहे,,,, मगर ये भी नहीं पता कि क्या हो गये हैं , ,,, हो रहे हैं ,,,.... प्रेमी-प्रेमिका..... पिछले दिनों से जैसे हो रहा था और अब ये रुकने वाला भी नहीं था,,,

लेकिन मैं भी ,,,,, जो खुद शालिनी को अपनी तरफ से उकसा रहा था जानबूझकर ,,, मेरे में अभी भी इतनी हिम्मत नहीं हुई थी कि मैं शालिनी को सीधे सीधे छू लूं बिना किसी बहाने के ,,

जो भी भाई या बहनें इस तरह के रिलेशनशिप में रहे हैं या रहना चाहते हैं, उनको पता है कि ये इतना आसान नहीं है सगी बहन को एक झटके में चोद देना ,,, पकड़ कर चूंची दबा देना ,,, किस कर लेना ,,,,
मगर शायद अब आग तो दोनों तरफ लगी थी किसी को कम और किसी को ज्यादा ......

पहल कौन करेगा,,, लाज शर्म का ये आखिरी पड़ाव कब और कैसे पार होगा ,,, लेकिन जैसा भी चल रहा है,, बहुत मजेदार है ।।

,,, कहां मैं चूचियों की एक झलक पाने को तरसता रहता था । और अब मेरे हाथों से इतनी हसीन चूचियां मसली जा रही हैं वो भी इतनी गोरी स्पंची, और परफेक्ट साइज ३४बी की चुचियों को अपने गिरफ्त में लेने के लिए बस एक छोटे-से बहाने की जरूरत है बस..... चूचियां हाथ में .... कुछ दिन बाद शायद बहाने की जरूरत भी ना रहे और ये रसीले उरोज हमेशा हमेशा के लिए मेरे हो जाएं ।

शालिनी ने नाश्ता वगैरह का काम बहुत स्पीड में निपटाया और मेरे साथ ही अपने बैग को लेकर बाईक से कालेज के लिए निकल पड़ी । बाईक पर हम दोनों के बीच हवा जाने की भी जगह नहीं थी इतना चिपक कर बैठ गई थी शालिनी बात करने के बहाने से , खैर,,, मुझे तो दिन भर की एनर्जी मिल गई थी उसकी चूचियों की रगड़ से अपनी पीठ पर ,,,


कालेज पहुंच कर गेट के पास मैंने शालिनी को बाईक से उतारा और बेस्ट ऑफ लक और गुड डे बोल कर मैं भी अपने काम पर निकल पड़ा ।
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