शालिनी दूसरी बार शहर आयी थी और रास्ते में वो काफी चीजों के बारे मे पूछती रही और मैं बताता रहा, बातें करते करते हम लोग शापिंग माल पहुंच गए, बाइक पार्क करके हम दोनों अंदर आ गए,, अंदर एअर कंडीशन होने से थोड़ा गर्मी से राहत मिली।
हम दोनों काफी देर यूं ही माल में घूमते रहे, मैं तो अपने रेगुलर काम में लग गया मतलब माल में आयी हुई एक से बढ़कर एक सेक्सी माल लड़कियां और भाभियों को शालिनी से नजर बचाकर ताड़ता रहा । फिर हमने आइसक्रीम खाई और शालिनी से मैंने कहा चलो अब कुछ खरीदी भी कर लें, मुफ्त की ठंडी हवा काफी खा चुके हैं,,,
मेरे ऐसा कहने से शालिनी हंसने लगी । हंसते हुए वह बहुत खूबसूरत दिख रही थी, हंसते समय उसके दूध भी हिल रहे थे, जो उसे और आकर्षक बना रहे थे, न जाने क्यों पर मेरी बार बार नजर शालिनी के बड़े बड़े स्तनों पर ही जा रही थी । सामने एक जींस शोरूम में जाकर हम जींस देखने लगे,,,
एक सेल्स गर्ल आयी और उसने कहा, सर मे आई हेल्प यू इन सेलेक्शन ??
हां जी , ये मेरी सिस्टर है इसके लिए जींस टाप सेलेक्ट कराईये।।
सेल्स गर्ल- मैम आपको शायद 28 जींस आयेगी और टाप ?
शालिनी- मुझे नहीं पता, प्लीज आप चेक कर लें ।।
एक दूसरी सेल्सगर्ल ने शालिनी को चेंजिंग रूम की ओर बुलाया और कहा, मैम आप इधर आ जायेंं , स्टैट्स चेक कर लें।
दो मिनट बाद वो सेल्सगर्ल शालिनी के शरीर को इंचीटेप से इधर उधर नापने के बाद हंसते हुए बोली, इट्स 34"/28"/36 ।।
और उस सेल्सगर्ल ने शालिनी को जींस और टीशर्ट टाप पसंद कराये उसके साइज के और शालिनी से ट्रायल करनेको कहा,
शालिनी कपड़े लेकर ट्रायल रूम में चली गई, मैं ट्रायल रूम के बाहर खड़ा हो गया,
पांच मिनट बाद शालिनी ने दरवाजा खोला और मुझे दिखाते हुए बोली, भाईजी फिट है ना।।
मैंने उसे उपर से नीचे तक एक सरसरी निगाह से देखा, उसने ब्लैक जींस और ग्रीन टी पहनी थी, जींस टाप में अब उसके शरीर का हर कटाव साफ जाहिर हो रहा था, लम्बाई अच्छी होने से उसके पैर काफी लम्बे और सीने के उभार और बड़े लग रहे थे, इतने में ट्रायल रूम में लगे आईने मे देखते हुए शालिनी पीछे घूम गई.... और मुझे उसके भारी नितम्ब भी दिख गए,,, सलवार सूट मे यह सब उतना जाहिर नहीं होता है, शालिनी का पीछे का शरीर भी गजब का आकर्षक था,,
उसने कहा भाई दूसरी जींस भी ट्राई कर लेती हूं और दरवाजा बंद कर लिया।।
दुबारा दरवाजा खुला तो मैंने अब शालिनी को ब्लूजींस और व्हाइट टाप मे देखा, ये ड्रेस भी उस पर बहुत अच्छी लगरही थी, इस बार भी उसने आगे पीछे घूम कर आईने में देखा और आंखों ही आंखों में मुझसे मेरी राय पूछी तो मैंने उसे ऊंगली का गोल छल्ला बनाकर बताया कि जबरदस्त है.... मेरे ऐसा करनेसे वो थोड़ा शर्मा गई और नीचे देखने लगी और बोली - दोनों ड्रेस ठीक है यही ले लेते हैं, मैं चेंज कर लेती हूं,,
मैं- अरे ,अब चेंज की क्या जरूरत है जब ये ले ही लिया है तो इसी को पहने रखो... आओ बाहर.
दूसरे कपड़े और उसके पुराने कपड़े पैक कराकर पेमेंट देकर हम शाप से बाहर आ गए ।
लोग गलत बोलते हैं कि लड़कियों/औरतों को शापिंग कराना मुश्किल और पकाउ काम है, मेरी बहन शालिनी ने तो फटाफट पसंद करके ले लिया,,,
शालिनी से मैंने कहा , अब क्या लेना है
शालिनी- दद्दा ,वो घर मे पहनने के लिए आप जैसे कम्फर्टेबल कपड़े ही लेने हैं,,
बातें करते हुए हम माल की दूसरी फ्लोर पर आ गए और बिग बाजार में प्रवेश किया,,, क्योंकि एवरेज बजट में डेलीवियर वहां काफी अच्छे मिल जाते हैं।
हमने थोड़ी ही देर में शालिनी के लिए दो निक्कर और दो 3/4 कैप्री पसंद कर लिए इनके ट्रायल की जरुरत नहीं थी, अब हम लाइट टीशर्ट देख रहे थे तो मैंने एक स्लीवलेस बनयान टाईप टीशर्ट शालिनी को दिखाते हुए कहा ये कैसी रहेगी
शालिनी ने उसे हाथ में लिया और अपने सीने पर उपर से ही रख कर वो देखने लगी, फिर बोली-- ठीक है, इसमे गर्मी कम लगेगी।
तो हम दो स्लीवलेस और दो नार्मल हल्की टीशर्ट सेलेक्ट करके वहां से निकले, अब तक शाम के सात बज चुके थे।
मैंने मां को वीडियो काल करी और बताया कि हम लोग शापिंग कर रहे हैं, मैंने शालिनी की ओर कैमरा करके मां को दिखाया,,,
मां- बेटा तुम लोग ठीक हो ना ,
शालिनी- हां, मम्मी, हम लोग ठीक हैं और थोड़े कपडे़ भी ले लिए हैं, अब घर निकल रहे हैं।
मां- सागर बेटा, जरा मोबाइल मे शालिनी को पूरा दिखा तो सही,,,
मैंने मोबाइल थोड़ा दूर कर दिया जिससे शालिनी की पूरी बाडी मम्मी को दिखने लगी,,,
मां- शालिनी बेटा, तुम बहुत अच्छी लग रही हो, सागर बेटा... तुमने अच्छे कपडे़ दिलाये हैं। अब तुम लोग घर निकलो और टाइम से खाना खा लेना, ओके...
फोन कट करके मैंने शालिनी से पूछा- कुछ और लेना है अभी या फिर घर चलें।
शालिनी- जी... जी भाई.. लेना... नहीं नहीं.. कुछ नहीं
मैं और शालिनी काफी समय से माल में थे अब हमे घर निकलना था तो हम लोग पार्किंग मे जाने के लिए एस्केलेटर पर आ गए जो बेसमेंट पार्किंग में जाता था, मैं और शालिनी साथ ही एस्केलेटर पर चढ़े, पता नहीं कैसे शालिनी का बैलेंस बिगड़ा और वह आगे की ओर गिरने ही वाली थी कि उसने मेरी बायीं कोहनी पकड़ ली और साथ ही मैंने उसे कमर से पकड़ कर अपनी ओर खींचा ।। ये सब एक दो सेकेंड मे ही हुआ और हम एस्केलेटर से नीचे पार्किंग में आ गए, शालिनी बहुत डर गई थी और जैसे ही मैंने अपने साथ उसे एस्केलेटर से उतारकर खड़ा किया, इस समय हमारे साथ कोई पार्किंग में नहीं आया था और न ही आस पास कोई दिख रहा था, अमूमन आज माल मे ही भीड़ कम थी,
शालिनी जो मुझसे सट के खड़ी थी, अचानक से मुझे पकड़ कर अपने साथ चिपका लिया और सिसकते हुए बोली - भाईजी आप ने मुझे बचा लिया , और एक बार फिर मुझे कस कर अपने से चिपका लिया । शालिनी और मेरी हाईट मे जरा सा ही अंतर है उसने अपना चेहरा मेरे सीने मे छुपा लिया था और फिर बोली - आपके साथ मैं सेफ फील करती हूं भाईजी
(मैने भी शालिनी के पीछे हाथ ले जाकर उसको बाहोँ मे भर लिया )
मै- मेरे होते तुम्हें कुछ नहीं होगा बेटा, और छोटी सी चीज से ऐसे डरते नहीं हैं, तुम्हें तो अब अकेले ही यहाँ कालेज भी आना जाना है... बी ब्रेव गर्ल बेटा....
और प्यार से मैंने उसकी पीठ को हल्का सा सहलाया और उसके गालों पर हल्का सा हाथ लगाकर उसे हंसाने की कोशिश की,
मैं- चलो बेटा अब घर चलते हैं,,,,
(हम दोनों अभी भी एक दूसरे से चिपके हुए थे, तभी अचानक से सामने से आता एक सिक्योरिटी गार्ड दिखा जो हमारी ही तरफ आ रहा था, मैंने जल्दी से शालिनी को अपने से अलग किया और उसका एक हाथ पकड़कर अपनी बाईक की ओर चल दिया)
गार्ड- जरा भी शरम हया नहीं है तुम लोगों को, यहीं पार्किंग में ही चुम्मा चाटी शुरू कर दी, बेशरम हो रहे हैं लोग ...
मैं- रुकते हुए, जी वो ऐसी बात नहीं है ये तो मेरी छोटी बहन है।
गार्ड- (हंसते हुए) हां हां यहाँ सब भाई बहन ही बताते हैं पकड़े जाने पर,
शालिनी- आप बिना बात के बदतमीजी कर रहे हैं हम लोग भाई बहन ही हैं वो भी सगे...।
गार्ड- अरे बहनजी, तो मैं कब कह रहा हूं कि तुम लोग भाई बहन नहीं हो, मगर अभी जो गले मिलन हो रहा था उसे देखकर मुझे लगा कि जल्दी चलो नहीं तो पूरी पिक्चर यहीं पार्किंग में बन जायेगी,,,, ऐसा तो यहां रोज होता है अपना क्या .. अपनी तो ड्यूटी है... जिनके पास गाड़ी है वो तो गाड़ी में निपट लेते हैं.... आप जैसे बाहर ही शुरू हो जाते हैं... भाईजी माफ करना... आप जाओ .. अपना क्या... ड्यूटी है ।।
वो कमीना गार्ड लगातार बोले ही जा रहा था और हाथ जोड़ कर माफी वाले अंदाज में बक बक कर रहा था ।
मैं- (बात को खत्म करने के इरादे से) ठीक है कोई बात नहीं...
गार्ड- ठीक है भाई... बेस्ट आफ लक... गुड लक.. गुड कपल... लवली कपल...
वो बोलता रहा और मैं शालिनी के साथ अपनी बाइक के पास आ गया, अब मुझे लगा कि वो गार्ड नशे मे बड़बडा़ रहा है...