hotaks444
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आशना(मन में सोचते हुए): शराब इंसान को क्या बना देती है, शायद शराब के नशे में बिहारी काका उस दिन सब भूल गये. फिर उसे बिहारी पर दया भी आई कि कैसे एक नौकर अपनी उमर और इज़्ज़त की परवाह ना करते हुए एक लड़की से उसके मालिक से शारीरिक संबंध बनाने को कह रहा था ताकि उसका मालिक ठीक हो जाए. आशना ने सोचा शायद बिहारी काका ने वीरेंदर को शादी करने पर मजबूर किया होगा पर वीरेंदर ही नहीं माना होगा. इस लिए काका को यह सब करना पड़ा.
अपने दिल मैं बिहारी को माफ़ करके आशना वीरेंदर के रूम की तरफ चल दी. आशना ने नॉक किया तो वीरेंदर की आवाज़ आई. काका: बस दो मिनिट, बाथरूम मे था, कपड़े पहन रहा हूँ. आशना हैरान रह गई कि वीरेंदर खुद ही टाइम पर उठ गया है. थोड़ी देर बाद वीरेंदर ने दरवाज़ा खोला तो सामने खड़ी आशना के मुस्कुराते हुए चेहरे को देख कर हैरान रह गया. उस वक़्त आशना सचमुच किसी अप्सरा के कम नहीं लग रही थी. गोल चेहरा, बड़ी बड़ी हिरनी जैसे आँखे, चमकता हुआ बेदाग गोरा चेहरा, शीलनी गुलाबी होंठ और सिर के बालों पर कही कहीं पानी की बूंदे, वीरेंदर तो मंत्रमुग्ध होकर उसे देखता ही रहा.
आशना(मन मैं सोचते हुए): शायद जनाब का दिल रात को मेरे सोए चेहरे को देख कर भरा नहीं जो अब यहीं बुत बन गये.
आशना: ज़मीन पर आइए राजकुमार वीरेंदर शर्मा.
वीरेंदर एक दम हड़बड़ा गया और बोला: तुम तो तैयार भी हो गई.
आशना: मैं तो कब की तैयार हूँ, जनाब हैं कि अभी तक सो रहे थे.
वीरेंदर: नहीं ऐसा है कि रात को नींद अच्छी नहीं आई, बार बार नींद टूट रही थी.
आशना कमरे मे अंदर आ जाती है और ट्रे टेबल पर रख देती है. आशना सोचने लगती है "जनाब को रात को नींद कहाँ से आएगी, चोर जो है मन में". सो जाते तो वो कैसे कर सकते थे जो दो दिन से कर रहे हैं.
वीरेंदर आशना को चुप देखता हुए सोचता कि वो आशना से किस तरह माफी माँगे और उसे कैसे यकीन दिलाए कि बीना के साथ जो भी किया उसपर उसका कोई कंट्रोल नहीं था. उसके साथ अक्सर होता है जब भी उसके लिंग में तनाव आता है और वो जानवर बन जाता है. वीरेंदर को पता था कि आशना इस बात को नहीं मानेगी और ना ही कभी समझ पाएगी. वो तो उसे ही ग़लत मानेगी क्यूंकी डॉक्टर. बीना तो उसकी मोम की फ्रेंड है और अब वो भी उनको माँ की तरह ही मानती है.
फिर भी वीरेंदर ने हिम्मत करके कहा: आशना मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.
आशना चौंक कर अपने ख़यालो से बाहर आती है. आशना ने चाइ का कप वीरेंदर को दिया और एक खुद ले लिया.
आशना: पहले मुझे अपना जिम दिखाओ. दोपहर को जब घूमने जाएँगे तो जितनी मर्ज़ी बातें कर लेना. आशना को लगा कि शायद वीरेंदर उस से कल के सवाल का जवाब माँगेगा इसलिए उसने उसे टाल दिया. आशना का जवाब सुनकर वीरेंदर का मन थोड़ा हल्का हुआ. उसे लगा कि शायद आशना उसे माफ़ कर देगी. उसने मन मे ठान लिया कि आज कुछ भी हो जाए आशना से माफी माँग कर वो उसे प्रपोज़ कर ही देगा.
चाइ पीने के बाद दोनो जिम मे पहुँच गये. वीरेंदर ने बिहारी को नाश्ते मे आलू के परान्ठे बनाने के लिए बोल दिया और बिहारी सीधा किचन मे चला गया लेकिन इस बार वो जैसे ही आशना के पास से सिर झुका कर निकला उसने मूड कर पीछे से आशना की लहराती और बलखाती हुई गान्ड को देख कर हवा मे एक चुम्मि उछाल दी.
बिहारी जैसे ही आशना के पास से सिर झुका कर गुज़रा तो आशना के दिल मे उसके लिए इज़्ज़त और भी बढ़ गई. उसने मन में सोचा कि बेकार ही उसने बिहारी के बारे मैं ग़लत सोचा.उसे क्या मालूम था कि बिहारी जैसा कमीना आदमी कभी सुधर ही नहीं सकता.
आशना: वीरेंदर आपने तो अपने लिए आलू के परान्ठे बनाने के लिए बोल दिया पर मैं क्या खाउन्गी.
वीरेंदर: क्यूँ?? तुम परान्ठे नहीं खाती क्या??.
आशना: परान्ठे! ईयीई. कितना फॅट होता है उनमे. मैं मोटी हो जाउन्गी.
वीरेंदर: अगर थोड़ी सी मोटी हो भी गई तो ज़्यादा अच्छी लगोगी.
आशना: जी नहीं मैं तो ऐसे ही ठीक हूँ, पहले ही काफ़ी मोटी हूँ.
यह सुनते ही वीरेंदर ने आशना के पेट की तरफ देखा और बोला: इतनी पतली कमर है तुम्हारी और तुम कहती हो कि तुम मोटी हो.
आशना: पतली !!! अरे पहले तो यह 22" थी अब शायद 24" की तो हो ही गई होगी.
वीरेंदर:मैं नहीं मानता, 20"-22" से तो बिल्कुल भी ज़्यादा नहीं लगती.
आशना ने वीरेंदर को अपनी कमर की तरफ घूरते हुए पाया तो उसने शरमा कर दूसरी तरफ मूह फेर लिया.
आशना: अच्छा चलो अब, जल्दी से एक्सररसाइज़ कर लो और तैयार होकर नाश्ता कर लो, फिर पूरा दिन मुझे घुमाना भी तो है.
आशना-वीरेंदर दोनो जिम पहुँचे. जिम क्या, हर तरह की बड़ी बड़ी मशीनो से घिरा एक बहुत बड़ा हॉल था. पूरा हाल काफ़ी वेंटिलेटेड और हाइगियेनिक था. इतनी मशीन्स देखने के बाद तो आशना हैरान रह गई.
आशना: आप सारी मशीन्स यूज़ करते हो.
वीरेंदर: अभी 10-12 दिन पहले तो मैं 2-3 घंटे डेली वर्काउट कर ही लेता था.
आशना: बाप रे, इतना टाइम? किसी बॉडी बिल्डिंग चॅंपियन्षिप में हिस्सा लेना है क्या.
वीरेंदर(ठहाका मारते हुआ): बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की कभी सोची नहीं पर अब तुमने आइडिया दिया है तो ज़रूर सोचूँगा.
आशना: जी नहीं, आप बस अपनी सेहत का ख़याल रखें और कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है.
वीरेंदर: मेरी सेहत का ख़याल तो तुम्हें ही रखना है.
आशना ने चौंक कर वीरेंदर की तरफ देखा तो वीरेंदर झट से बात पलट कर बोला: क्यूँ?? डॉक्टर. ही तो अपने पेशेंट्स की सेहत का ख़याल रखते हैं.
आशना बस मुस्कुरा दी और आँखें झुका कर हां मे हामी भरी.
वीरेंदर: तुमने तो नहा भी लिया वरना मैं तुम को भी दो तीन एक्सरसाइज़ज़ सिखा ही देता.
आशना: ना बाबा ना, इतनी भारी मशीनो को तो दूर से ही प्रणाम. मैं तो फिट रहने के लिए कभी कभी योगा कर लेती हूँ.
वीरेंदर: ओह हो तो मेडम जी "बाबा रामदेव " जी की फॅन हैं.
आशना यह सुन कर हँसने लगी.
आशना: आपको देख कर लगता नहीं था कि आप इतनी बातें बनाना भी जानते हैं.
वीरेंदर: बातें बनाना तो बहुत आती हैं इस बंदे को मगर कभी कोई मिला ही नहीं सुनने वाला.
आशना: वाला या वाली??
वीरेंदर: कुछ भी समझ लो.
आशना: अच्छा, चलो अब मैं आ ही गई हूँ तो सारी बातें मुझे ही बता देना.
वीरेंदर: जो हुकुम सरकार.
आशना: अच्छा तुम एक्सररसाइज़ कर लो मैं किचन मे जाकर अपने लिए कुछ लाइट सा बना लेती हूँ. तुम भी जल्दी से आ जाना.
वीरेंदर: बस आधे घंटे मैं बंदा आपके सामने हाज़िर होगा. बड़े दिन बाद एक्सररसाइज़ करनी है तो थोड़ा ही करूँगा ताकि बॉडी थोड़ी खुल जाए.
आशना जिम से सीधा किचन मे आ गई. बिहारी काका किचन मे बाय्ल्ड पटेटोज को मेश कर रहे थे.
आशना: काका क्या कर रहे हो.
काका ने बिना उसकी तरफ देखे जवाब दिया. काका: दबा रहा हूँ........... मेरा मतलब आलू उबाल गये हैं इन्हे मसल रहा हूँ.
अपने दिल मैं बिहारी को माफ़ करके आशना वीरेंदर के रूम की तरफ चल दी. आशना ने नॉक किया तो वीरेंदर की आवाज़ आई. काका: बस दो मिनिट, बाथरूम मे था, कपड़े पहन रहा हूँ. आशना हैरान रह गई कि वीरेंदर खुद ही टाइम पर उठ गया है. थोड़ी देर बाद वीरेंदर ने दरवाज़ा खोला तो सामने खड़ी आशना के मुस्कुराते हुए चेहरे को देख कर हैरान रह गया. उस वक़्त आशना सचमुच किसी अप्सरा के कम नहीं लग रही थी. गोल चेहरा, बड़ी बड़ी हिरनी जैसे आँखे, चमकता हुआ बेदाग गोरा चेहरा, शीलनी गुलाबी होंठ और सिर के बालों पर कही कहीं पानी की बूंदे, वीरेंदर तो मंत्रमुग्ध होकर उसे देखता ही रहा.
आशना(मन मैं सोचते हुए): शायद जनाब का दिल रात को मेरे सोए चेहरे को देख कर भरा नहीं जो अब यहीं बुत बन गये.
आशना: ज़मीन पर आइए राजकुमार वीरेंदर शर्मा.
वीरेंदर एक दम हड़बड़ा गया और बोला: तुम तो तैयार भी हो गई.
आशना: मैं तो कब की तैयार हूँ, जनाब हैं कि अभी तक सो रहे थे.
वीरेंदर: नहीं ऐसा है कि रात को नींद अच्छी नहीं आई, बार बार नींद टूट रही थी.
आशना कमरे मे अंदर आ जाती है और ट्रे टेबल पर रख देती है. आशना सोचने लगती है "जनाब को रात को नींद कहाँ से आएगी, चोर जो है मन में". सो जाते तो वो कैसे कर सकते थे जो दो दिन से कर रहे हैं.
वीरेंदर आशना को चुप देखता हुए सोचता कि वो आशना से किस तरह माफी माँगे और उसे कैसे यकीन दिलाए कि बीना के साथ जो भी किया उसपर उसका कोई कंट्रोल नहीं था. उसके साथ अक्सर होता है जब भी उसके लिंग में तनाव आता है और वो जानवर बन जाता है. वीरेंदर को पता था कि आशना इस बात को नहीं मानेगी और ना ही कभी समझ पाएगी. वो तो उसे ही ग़लत मानेगी क्यूंकी डॉक्टर. बीना तो उसकी मोम की फ्रेंड है और अब वो भी उनको माँ की तरह ही मानती है.
फिर भी वीरेंदर ने हिम्मत करके कहा: आशना मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.
आशना चौंक कर अपने ख़यालो से बाहर आती है. आशना ने चाइ का कप वीरेंदर को दिया और एक खुद ले लिया.
आशना: पहले मुझे अपना जिम दिखाओ. दोपहर को जब घूमने जाएँगे तो जितनी मर्ज़ी बातें कर लेना. आशना को लगा कि शायद वीरेंदर उस से कल के सवाल का जवाब माँगेगा इसलिए उसने उसे टाल दिया. आशना का जवाब सुनकर वीरेंदर का मन थोड़ा हल्का हुआ. उसे लगा कि शायद आशना उसे माफ़ कर देगी. उसने मन मे ठान लिया कि आज कुछ भी हो जाए आशना से माफी माँग कर वो उसे प्रपोज़ कर ही देगा.
चाइ पीने के बाद दोनो जिम मे पहुँच गये. वीरेंदर ने बिहारी को नाश्ते मे आलू के परान्ठे बनाने के लिए बोल दिया और बिहारी सीधा किचन मे चला गया लेकिन इस बार वो जैसे ही आशना के पास से सिर झुका कर निकला उसने मूड कर पीछे से आशना की लहराती और बलखाती हुई गान्ड को देख कर हवा मे एक चुम्मि उछाल दी.
बिहारी जैसे ही आशना के पास से सिर झुका कर गुज़रा तो आशना के दिल मे उसके लिए इज़्ज़त और भी बढ़ गई. उसने मन में सोचा कि बेकार ही उसने बिहारी के बारे मैं ग़लत सोचा.उसे क्या मालूम था कि बिहारी जैसा कमीना आदमी कभी सुधर ही नहीं सकता.
आशना: वीरेंदर आपने तो अपने लिए आलू के परान्ठे बनाने के लिए बोल दिया पर मैं क्या खाउन्गी.
वीरेंदर: क्यूँ?? तुम परान्ठे नहीं खाती क्या??.
आशना: परान्ठे! ईयीई. कितना फॅट होता है उनमे. मैं मोटी हो जाउन्गी.
वीरेंदर: अगर थोड़ी सी मोटी हो भी गई तो ज़्यादा अच्छी लगोगी.
आशना: जी नहीं मैं तो ऐसे ही ठीक हूँ, पहले ही काफ़ी मोटी हूँ.
यह सुनते ही वीरेंदर ने आशना के पेट की तरफ देखा और बोला: इतनी पतली कमर है तुम्हारी और तुम कहती हो कि तुम मोटी हो.
आशना: पतली !!! अरे पहले तो यह 22" थी अब शायद 24" की तो हो ही गई होगी.
वीरेंदर:मैं नहीं मानता, 20"-22" से तो बिल्कुल भी ज़्यादा नहीं लगती.
आशना ने वीरेंदर को अपनी कमर की तरफ घूरते हुए पाया तो उसने शरमा कर दूसरी तरफ मूह फेर लिया.
आशना: अच्छा चलो अब, जल्दी से एक्सररसाइज़ कर लो और तैयार होकर नाश्ता कर लो, फिर पूरा दिन मुझे घुमाना भी तो है.
आशना-वीरेंदर दोनो जिम पहुँचे. जिम क्या, हर तरह की बड़ी बड़ी मशीनो से घिरा एक बहुत बड़ा हॉल था. पूरा हाल काफ़ी वेंटिलेटेड और हाइगियेनिक था. इतनी मशीन्स देखने के बाद तो आशना हैरान रह गई.
आशना: आप सारी मशीन्स यूज़ करते हो.
वीरेंदर: अभी 10-12 दिन पहले तो मैं 2-3 घंटे डेली वर्काउट कर ही लेता था.
आशना: बाप रे, इतना टाइम? किसी बॉडी बिल्डिंग चॅंपियन्षिप में हिस्सा लेना है क्या.
वीरेंदर(ठहाका मारते हुआ): बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की कभी सोची नहीं पर अब तुमने आइडिया दिया है तो ज़रूर सोचूँगा.
आशना: जी नहीं, आप बस अपनी सेहत का ख़याल रखें और कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है.
वीरेंदर: मेरी सेहत का ख़याल तो तुम्हें ही रखना है.
आशना ने चौंक कर वीरेंदर की तरफ देखा तो वीरेंदर झट से बात पलट कर बोला: क्यूँ?? डॉक्टर. ही तो अपने पेशेंट्स की सेहत का ख़याल रखते हैं.
आशना बस मुस्कुरा दी और आँखें झुका कर हां मे हामी भरी.
वीरेंदर: तुमने तो नहा भी लिया वरना मैं तुम को भी दो तीन एक्सरसाइज़ज़ सिखा ही देता.
आशना: ना बाबा ना, इतनी भारी मशीनो को तो दूर से ही प्रणाम. मैं तो फिट रहने के लिए कभी कभी योगा कर लेती हूँ.
वीरेंदर: ओह हो तो मेडम जी "बाबा रामदेव " जी की फॅन हैं.
आशना यह सुन कर हँसने लगी.
आशना: आपको देख कर लगता नहीं था कि आप इतनी बातें बनाना भी जानते हैं.
वीरेंदर: बातें बनाना तो बहुत आती हैं इस बंदे को मगर कभी कोई मिला ही नहीं सुनने वाला.
आशना: वाला या वाली??
वीरेंदर: कुछ भी समझ लो.
आशना: अच्छा, चलो अब मैं आ ही गई हूँ तो सारी बातें मुझे ही बता देना.
वीरेंदर: जो हुकुम सरकार.
आशना: अच्छा तुम एक्सररसाइज़ कर लो मैं किचन मे जाकर अपने लिए कुछ लाइट सा बना लेती हूँ. तुम भी जल्दी से आ जाना.
वीरेंदर: बस आधे घंटे मैं बंदा आपके सामने हाज़िर होगा. बड़े दिन बाद एक्सररसाइज़ करनी है तो थोड़ा ही करूँगा ताकि बॉडी थोड़ी खुल जाए.
आशना जिम से सीधा किचन मे आ गई. बिहारी काका किचन मे बाय्ल्ड पटेटोज को मेश कर रहे थे.
आशना: काका क्या कर रहे हो.
काका ने बिना उसकी तरफ देखे जवाब दिया. काका: दबा रहा हूँ........... मेरा मतलब आलू उबाल गये हैं इन्हे मसल रहा हूँ.